UNIVERSITY OF TORONTO LIBRARY WILLIAM प. DONNER COLLECTION purchased from a gift by THE DONNER CANADIAN FOUNDATION च te अमरकोषः । AMARAKOSAH, METRICAL DICTION OF THE SANSKRIT LANGUAGE WITH TIBETAN VERSION. CALCUTTA: PRINTED AT THE BAPTIST MISSION PRESS. AND PUBLISHED BY THE : ASIATIC SOCIETY, 1, PARK STREET. 1911. वप्रमरकोषः | नायि ( श्रमरसिंहविरचितसंखछृताभिधानं भोरभाषानुवादसहितम्‌ ) मदमहो पाध्याय आभौ सतौ शचन्द्रञ्द्यागषणेन सम्पादितः | YFARUS: | - वङ्खनदे फो यासियारिकसोसादटिनामघेयसमाजानुमत्या कलकाता राजधान्यां | avufey-funa-arq giga: | शकाब्दाः 1533 | २२.2६.६८ 1 er SONOEC Oo OT सर्म] SANA] वव्र Sa = ALARA aaa ov i शरण पे ततत दुता नुतदर्‌ञि रवः : SN TN IO, OIG ge ~~ SIN TATA TAC RAAT SAY | au a5 Rao RRS Ba A | अमरकोषः | azaleas | ——=—8 0$.40-0. ———#8 03040-«. [70 | 0) तन] ^ कत | ^ तुः Say QIAN | —— 2 of Yo“ —— — a यस्य न्रानदयासिन्धो रगाधस्वानघा गुणाः | सेव्यतामश्यो धौराः स ये wears च ॥ ^ ॥ ON _~ fon =~ | MARSA TARTS | FAASAAEISS SA35 [AY समाहत्यान्यतन्लाणि संक्िपेः प्रतिसंखछतैः | AC सम्यणेमुच्यते वग नामलिङ्गानुशसनम्‌ ॥ ? ॥ त तात मातम भय प्सते] सर मिनस रसत ASIST | ENN ARABS र SATIN | NCA SIND ENA IB ॥ 2 RATA: | प्रायशो रूपभेदेन सादचय्याच्च कुचचित्‌ । स्तौ पंनपुंसकं केयं तदिशेषविधेः कचित्‌ ॥ ५ ॥ ANGST) INSTANT SS TAC QA ST EA STRAIN | दरि AES GS ५॥ मेदाख्यानाय न इन्दो नैकशरेषो न सङ्करः | aa भिन्रलिङ्गगनामनुक्तानां कमाहते ॥ 7? ॥ तेवपवम वसते] कन्न तर | क + | __ रिरि] STS-OR SAAT SIEAT SATAN] 01 चिलिद्यां चिधिति पदं मिथुने च दयोरिति | निषिद्धलिङ्गं शेषाथं त्वन्ताथादि न पुव्वेभाक्‌ ॥ ४ ॥ । LN TSINATINN GAY] द्विगातरदमाधमफरिस arg | SNA TT STATI AIA AS | STAC AG SAS |] E | स्वगंवग॑ः । —— ofo स्वरव्ययं aiaatafeafsentaan: | सुरलाको द्योदिवै दे feat ata चिपिष्टपम्‌ ॥ १॥ सरवे रसननामिमिन पदेन] PALIN S HAN ILA a WabaasXarsgarsina | मसज GAGA || 1 अमरा निजरा देवा स्तिदश विबुधाः qtr | quaiu: सुमनस स्तिदिवेश्ण दिवौोकसः॥ २॥ ASA ANAS HANTS | इन त-सम८२३ STAC | SAN ASS SCAR ECAC] IRIN SSAC BTA AA | aifeaat दिविषदो लेखा दितिनन्दनाः ्रादित्या BATSMAN AAW अणटतान्धसः ॥ ३ ॥ म मावस ITE GN ममन SNAG रे पनु TAC दो AIS AS | HASTAC AST TEN || 3 4 ATH | वर्िमुखाः कतुभुजो गौर्व्वाणा दानवारयः | sacar दैवतानि पुंसि वा देवता सियाम्‌ ॥ ४ ॥ | नि पेल र aay HF 3s | मावो २२.३8 मेना । AQAA TAL RANG! सरवेत ATI] 4 आदित्यविश्ववसव सलुषिताभाखवरानिलाः | महाराजिकसाध्याञ्च WTA गणदेवताः ॥ ५॥ Sager E SS | ARIAT SLINGS STAR RAESCAGT AE | STATA STAB 8 विद्याधरोऽपरोय्रकषोगन्धव्यैकिनराः | पिशाचो गु्यकः fest भूतोऽमौ देवयोनयः ॥ € ॥ स्यान SANA STAS सवम रमर] FRAN TATAAC] ASCE AA मस्र || 6 श्रसुरा ईैत्यदैतेयदनुजेन्द्रारिदानवाः | शुक्रशिष्या दितिसुताः पूृव्वेरेवाः सुरदिषः ॥ ७ ॥ (0 | ag S54 उर नप वद TESA AH TSI! छ ग्र ANG | 7 सखगेवगेः | 5 RAM सुगतो FFT धम्मैराज स्तथागतः। समन्तभद्रो भगवान्‌ मारजिल्लोकजिन्जिनः॥ ८ ॥ AF ALFA SICA AN IAS 35 5S | Sart तनित 5a1a5) मातस | MA TARR TAS 1 द घड़भिन्नो दश्बलोऽदयवादौ विनायकः | ` भुनोन्द्रः ओघनः शस्ता मुनिः waging aie ॥ SEA ANS RASISISTS | PASSIVE SC SATIN AG | दिव Hacer ysy5o | Ser ATE HS STATA | | 9 स शाक्यसिंहः सर्व्वाथसिद्धः शौद्धोदनिश्च सः | गौोतमश्चाकबन्धुञख्च मायादेवौसुतश्च सः ॥ १० ॥ करन एतिसेर गोरर] SHANA YTATSA SSE YN वाम SSA TTS | BT GAQry gn’ | 10 TAA: सुरज्येष्ठः परमेष्ठो पितामदः | हिरण्यगभों लोकेशः सखयम्भूश्चतुराननः॥ ११ ॥ SCAT RNA ANA) सगाष्पवामहर स्तर | वासे SSICAYSCAERTRA SAC ] २९7 मादते 35 25|| 11 6 रमर कोषः । धाताजयोनिद्रंहिणो विरिश्चिः कमलासनः | खष्टा प्रजापति वेधा विधाता विश्वूग्विधिः ॥ १२॥ ASR STAN स्वपः] इगस्ति RSS SS HASTAC] Rey Shaan तेर तवस ेर 12 विष्णर्नारायणः att वैकुण्ठो विष्टरश्रवाः । दामोदरो SAAT: केशवो माधवः स्वभूः ॥ १३ ॥ BTA TAT FAVS) BGS RATAN SS] FARE SAC STA STS | POTTING SC HOA] 18 दैत्यारिः पुण्डरौकाक्षो गोविन्दो गरुडध्वजः। पौताम्बरोऽच्युतः शङ्ख विष्ठकुसेनो जनादनः ॥ १४ I AC HN SATIN AT] IRA RC तमि मन्व्रर हेर्नु NARATAISN सर पाख] PARE AC AAT AEA 14 उपेन्द्र इन्द्रावरज ्रक्रपाणि शतुभुंजः | पद्मनाभो मधुरिपु वासुदेव स्िविकंमः॥ १५ ॥ नोन ATSIC AT YS] ATTA प्रिता TEAST RCSA ST] तदुगनामसद तिना 15 सखगेवर्ग; | 7 देवकौनन्दनः सोरिः श्रौपतिः पुरुषोत्तमः वनमालौ बलिध्वंसौ कंसारातिरधोशछजः ॥ १६ ॥ BATSIATSAA A Ags | तयतो रग ATH a मनना 31 (1 1 0 विश्वम्भरः केटभजिदिधुः ओ्रौवत्सलाञ्छनः। बसुदेवोऽस्य जनकः स एवानकदुन्द्भिः ॥ १७ ॥ MAAS RSA AEAT ESS | STS STAG SSS BAT AIA] STAR CAR 17 बलभद्रः UMAGA बलदेवोऽच्यताग्रजः। रेवतौरमणो रामः कामपालो हलायुधः ॥ १८ ॥ + (3 1 (13 ATTA STS AIRSET | SASL TASTSAC | 18 नौलाम्बरो रौहिणेय AAS मुषलौ इल । ARAM: सोरपाणिः कालिन्दौमेदनो बलः ॥ १९ | गोव सवनः मनि" तिसमन्‌ 5A FERNY विवास र्वा SSS तर ददिम] प्ररस्य 19 * Omitted in the original. 8 BATH: | मदनो मन्मथो मारः प्रयो मौनकेतनः। कन्दर्पो द्पकोऽनङ्गः कामः पञ्चशरः स्मरः ॥ Re ॥- सिस GFA ITI SSA | सवद्वसनरमे करवन्‌ | (3 1 म्बरारि मनसिजः कुसुमेषु TAIT: | पुष्यधन्वा रतिपति मकरध्वज आत्मभूः ॥ २९॥ Rare STAC AS args | मेमनः AAA AS AAG सवननि स्व्‌ BNA gervssyAgapaarge || 21 mere विश्वकेतुः स्यादनिरुढ उषापतिः, AA पद्मालथा पद्मा कमला ओौहरिप्रिया ॥ २२॥ deere acayaaaa) सस्नागसदनरुदि्न्‌ सतेन OLIN] GLHAAVA ARIS Wa || 22 US लश्सौ पतेः WTA सुदशनः | कौमोदकौ गदा BHT नन्दकः कौस्तुभो मणिः। ॥ २३ ॥ SASF PUN AAA A AAA] QANTAS सपु SNES | सनस | STENATHS 35.२8९ || 28 | इन्दिरा लोकमाता मा त्तषौरान्धितनया रमा । This line is evidently an interpolation as it occurs neither in the Tibetan vérsion, nor in the Bengal MSS. of the Sanskrit original. waaay: | ५) गरुत्मान्‌ गरुड MTR वैनतेयः खगेश्वरः ! नागान्तको विष्णरथः सुपेः पन्नगाशनः ॥ २४ ॥ ASATARCA AN AERAN नाउ | ASAHAAAQ AT A AAG <न] <~ BIAS कैर दंभः] INST AAT दसन] 24 WATT: पशुपतिः fra: श्रलौ महेश्वरः | दरः We ईशानः शङ्कर न्द्र शेखरः ॥ २५ ॥ AR AILSA ASTA TSS | सतर कुनसनपत YT SHATAC | SAR गस मरित SS SITSSAE | ASSL THAT || 25 भूतेशः खण्डपरशु fide गिरिशो ae: | aaa: afaarer: पिनाकी प्रमशाधिपः ॥ २६ I MSR ARASH SN | रद ASTANA S| FAS NG ACRE SS ASAT] 26 उग्रः कपर्दी ओौकण्ठः शितिकण्ठः HoT | वामदेवो महादेवो विरूपाक्ष स्तिलोचनः ॥ २७ ॥ समाव रमितो नोत्‌] सतवि गोरर कमन | ING SINAC AS) SAMTAATASAATAQAS 9 10 अभरकोषः | HUAI: HATA धूजंटि नौललो हितः | हरः स्मरहरो भगं WAH स्तिपुरान्तकः ॥ र्ट ॥ सेवम] सविता SHS ARASH 11 BS ar SIRS |] 28 गङ्गाधरोऽन्धकरि पुः कतुध्वंसो STAT: | व्योमकेशो भवो भौमः श्याणरद्र उमापतिः ॥ Re ॥ SPARS TARAS | RAAT AN ASTASS NF र| ` TARA A SANTA SEIN] APATSS 3) So 9 कपर्टोऽस्य जटाजूटः पिनाकोऽजगवं धतुः । प्रमथाः स्युः पारिषदाः ब्राह्मौत्याद्यास्तु मातरः ॥ Be ॥ ENIFATIFSATASA | FAY BUS TRA रपिर वर्तत] SCA el APN syal ARI |] 90 विभूतिभूतिरेश्वगथमणिमादिकमष्टधा | उमा कात्थायनौ गौरौ कालौ हमवतौश्वरौ ॥ ३१ ॥ एप्त तरनत षावि] SOG Ora ४ सारङ्ग पृस] NHTSA 9 aaa: श्वा भवानौ रद्राणो स्वाणौ सव्वमङ्गला | अपर्णां पाव्वेतौ दुगा ख्डानौ चण्डिकाम्बिका ॥ ₹२ ॥ नृपवर] STARA AAA LANAI AAS | ST IV ARS ATAAT IAA |] 32 विनायके विघ्रराजदेमातुरगणाधिपाः | अष्येकदन्त-हेरम्ब-लम्बोद्र-गजाननाः ॥ ३३ ॥ APARATO | समैसनरतगृहणी रसना बव वाठिपा तदमर] द्रत तद्र A AARC || 8 काल्तिकेयो महासेनः शरजन्मा षडाननः | पाव्वतौनन्दनः स्कन्दः सेनानो TATE: ॥ ३४ ॥ २५85457 ARAYA Bat SANTIS RATE | 1. बाहलेयस्तारकजिदिशशखः शिखिवाहनः | षाएमातुरः शक्तिधरः कुमारः कोञ्चद्‌ार णः ॥ Sy ॥ +> (11 11 1 STAT TSCA YIN AS | TAA F559 BS BS AEN 8 14 19 अमरकोषः | इन्द्रौ मरुत्वान्‌ मघवा विडोजाः पाकेशसनः। ` SSAA: सुनासौरः पुरतः पुरन्दरः ॥३€ ॥ = 1 1 |] 36 जिष्ण लेखषभः शकः शतमन्य दिवस्पतिः | खचामा गोचभिदज्ौ वासवो FAST SAT ॥ ३७ ॥ व= ARYA तनस] नवक SST 1111 पयस" वास्तोस्पतिः सुरपति बेलारातिः शचौपतिः जम्भभेदौ हरिहयः स्वारान्नमुचिखदनः ॥ ३८ ॥ ‘4 माणौ Aaa er ara gS | Vasa ATTA AA SESS | HAIN SS ABRITSC रनुसतेरठ] सतर्वा ननि संकन्दनो दुश्च्यवन स्तुराषान्मेषवाहनः ॥ SE ॥ आखण्डलः ATA श्ुश्ास्तस्य तु पिया | NEAT A ACSEYATIATACA | QT ARIAS च MAREN AIT HOA SNS | FOES STANT SIC AN If * A line wanting in Tibetan | ell खगेवगेः | पुलोमजा श्चौन्द्राणो नगरौत्यमरावतो | इय उश्चेःश्रवाः खतो मातलिनन्दनं वनम्‌ ॥ Bo ॥ ANN AES VALAIS ९ | तार BRAS ARS BSE | FRAT IFAT | ARAL TTAIVAG SY |] 40 स्यात्‌ प्रासादो वैजयन्तो जयन्तः पाकशसनिः। रेरावते ऽममातङ्गेरावणा खरमुवल्लभाः॥ ४१॥ पिष कचरसकम प AST | तधि a HAASAN | SAAC AS HAC | सुपुत्रा i Al हादिनौ वज्रमस्त्रौ स्यात्‌ कुलिश भिदुर पविः । Wanita: स्वरुः शम्बो दम्भोलि र शनि दयोः ॥ ४२ ॥ ्श्ुगसद दक्सेन] पमा दमदवेगास ठेर का २३ डमा THA] HINGES T A I] 4 व्योमयानं विमानोऽस््लौ नारदाद्याः ATU: | स्यात्‌ सुधर्म्मा देवसभा पियूषमण्धतं सुधा ॥ ४३ | AAA HALA NANA STAG | A AHLHO A SYNE | 13 BAAS B A AAAS | CST ASY SAVAGE ]|48 14 अमरकोषः | मन्दाकिनो वियद्गङ्गग सखनंदौ सुरदौधिका | मेरुः सुमेरु हेमाद्रौ TAMA सुरालयः ॥ ४४ ॥ तरव रर्वपु रसय] FHSAA SSIS SAA | No (~ AFTLATANA तोर] AG SHAS ATA |] 44 पञ्चते देवतरवो मन्दारः पारिजातकः | सन्तानः कल्यटक्षश्च पुंसि वा हरिचन्दनम्‌ ॥ ४५ ॥ aera acd | + AS HM AN BTACS ASTANA] AMAT SS Sy 57 MAAS II 45 सनत्कुमारो TUT: BAM APA TAL । नासत्यावश्छिनो दसावाश्चिनेयो च तावुभो ॥ ४६ ॥ ससन ठ $ 35 | ससम तसु | PENTIVHNTSS | गाति THA GABAA || 40 स्तियां बहुठष्परसः WaT TIMAaTw ॥ go | SITET SE खेवमाद्या गन्धर्व्वा स्तिदिवौकसाम्‌ | 4,605.1 | AT 1 SSA AAA | SRA YOATACAICATAS NS AIS] पञसु". = ql ] 47 खगेवेः | 15 अग्नि रवेश्वानरो वहि रवोतिदोचो धनच्छयः | छपौटयोनि ज्वलनो जातवेदा स्तनूनपात्‌ ॥ ४८ ॥ निहित] तेमु | SHAN MANAIA TSS] ससतुदलिक्चच क्लिप] 48 वहिः शुष्मा saat शो चिष्कंश उषवंधः | आश्रयाशो ZEST: ALTA: पावकोऽनलः ॥ ४९ ॥ वरतविनिन्नमस रवप] भित तरह तस] न. रोहिताश्चो वायुसखा श्खावानाशुशुषणिः। हिरण्यरेता हतसुग्द हनो हव्यवाहनः ॥ Yo ॥ SSNS AS TINTS | IST LY SAAC र] ASAT HTT ITE. | VSP AEF HTSSAL || 50 सप्ता्िदंमुनाः शुक िवभानु विभावसुः | शुचिरपित्तमौव्व्तु वाडवो वडवानलः ॥ ५१ ॥ 11) ०3111 13 5 | सिस | 81 16 श्रमरकोषः | वह्धिद्यो ज्वालकौलावचिर्हेतिः शिखा स्थाम्‌ | fay स्फलिङ्गोऽभ्रिकणः सन्तापः संज्वरः समो ॥ YR | हि मदम ०२१८] AS wAPAAIT SAC | QE BRE QR ON HAL RASS STATA] TUSSLE | Ay PARC TSS SHEEN |] 52 wats: fagufa: समवत्तो परेतराट्‌ | HATA AGATA शमनो यमराड्‌ यमः ॥ ५३ ॥ BAY HUTA ALA] ECAR TATA AS | 1 कालो दण्डधरः आङदैवो वैवसखतोऽन्तकः | राक्षसः कोणपः कव्यात्‌ कव्यादोऽखप आशरः ॥ ५४ ॥ त्स समनुगामनुगणीष्। करिभः सरसी AN AFTER =| TA RTAQCTA SN 54 Tas राचिचरः कनव्वुरो PATA: । यातुधानः पुण्यजनो नैर तो यातुरश्षसौ ॥ ५५॥ मित वमु] FRAT SAAT SHANE पगता (+ ANT ATAC AAG SUE AEATYE Tz] 55 खगंव्गः | L7 प्रचेता वरुणः पाश यादसां पति Tafa: | श्वसनः UTA वायु मातरिश्वा सदागतिः ॥ ५६ ॥ AAA] NAN AS YF QIN A 34 | SENATE ATA | SIAN ASA AT BASAL |] 56 एषदश्चो गन्धवहो गन्धवाहानिलाशुगाः। समोर मारुत मरुज्नगत्प्राण-समोरणाः ॥ YO ॥ गन्नुकष्णद वमन] दनव छैन ^ हूर नना IAA || 97 नभस्वदात-पवन-पवमान-प्रभज्ञनाः | प्राणोऽपानः समानश्चोदानव्यानौ च वायवः ॥ ५८ ॥ FN ARA ATTA AA | LSS AR नर दद्र | STAR SS सेधन्फमनामसनर] JAY ASCBTIS |S I} ॐ WTA इमे रंहस्तरसो तु रयः स्यदः | जवोऽथ es त्वरितं लघु शिप्रमरं द्रतम्‌ ॥ ५६ ॥ ar srergararaarsas | AVSSSTISISAT SET RAIMA IIS RAL ANS | SNA TAT |] 59 ~ a ---~“~------~-~---- -- ---~ ~~ * 5218 stands for पस | 3 18 अमरकोषः | सत्वरं चपलं qa मविलम्बित माशु च । सतते ऽनारताओ्रान्त-सन्तता विरता निशम्‌ ॥ Fo ॥ SILA GIN देवमा] HYSTA ANAL ay A | TAS HATONAGAS | ASAIN ~, नित्यानवरताजल मध्यथातिश्यो AT | अतिवेलग्टशात्यर्थातिमाचोद्भादनिभरम्‌ ॥ €2 ॥ ST TSN ASAHI मणि] ररम म8 ददर] वेष्‌ नासर | agndr age a5 55 षङ्गः ॥ 61 तौत्रेकान्तनितान्तानि गाढ़वादृदढ़ानि च | ala vista स्यात्‌ चिषेषां सत्वगामि यत्‌ ॥ €2 ॥ "भ 1 111 / = NANA HL AISA नर] NSTNAS FST ANAS S QS I 62 कुवेर MARV यक्षरा्‌ गुद्यके श्वरः | मनुष्यधम्मां धनदो राजराजो धनाधिपः ॥ és ॥ दिर कपा वाचम TA | TAA SANT ANS SST SEY ASMA AN दमन] Gore gare SPASM || 08 सगं वगः | 19 किन्नरेशे वैश्रवणः पौलल्यो नरवाहनः | qantas A ~ लविल-श्रौ द-पुखयजनेश्राः ॥ ६४ ॥ SrAST SAAC SENS AR wre ea GS | AR NA AAT HY TANG HS | सवनः ANS ARAYA ASA IIo अस्योद्यानं PITA FAY नलकूवरः । केलासः स्थान मलका पु विमानन्तु पुष्यकम्‌ sy ॥ PAIN ACES 11/11 SIA ANAC AR EAS | ARYA AAT SH NGS | 6 स्यात्‌ किन्नरः किम्पुरुष सतुरङ्गवदनो मयुः । निधि at safe भेदाः पद्मश्ड्गदयो निधेः ॥ && ॥ निङ्‌ 3 स | दपा SFA AAS | वारिद SES TATA] AF SAC SHAUNA || 6५ द्योदिवौ = स्याव व्योम पुष्कर मम्बरम्‌ | नभोऽन्तरोक्षं गगन HAA सुरवत्म खम्‌ ॥ &७ ॥ डेबर] दनरिनणषठत क्स ३२९८] =F aniline नत्त] गुथ मतु 6 20 GACH: | वियदिष्णपदं वापि पुंस्याकाश्विहायसी | J दिशतु ककुभः काष्ठा आशाश्च हरितश्च ताः॥ € ॥ ,. HITT HTASY IAN | ANAS A Ta BIRR SSF AS | TFRTALT SS ITI) 88 प्राच्यवाचौप्रतौच्यस्ताः पृव्वदक्िणपञश्चिमाः। ` उत्तरा दिगुदो चो स्यादिश्यस्तु fag दिग्भवे ॥ ge ॥ ©+ ८ a = श £ ~ RAS 44 SAA] नवत eee SOA RANS डेबर] कस्स नाथ ङस ATS |] 69 इन्द्रो वहिः पिदठरपति नेतो वरुणो मरुत्‌ | कुवेर ईशः पतयः पुर्व्वादौनां दिश्णं कमात्‌ ॥ ७० ॥ ^ AN Ra SAIC BY ASST AL SIA | OX QA AYA Ray IQA AIA II 70 ेरावतः पुण्डरौको वामनः HASTA: । पुष्यदन्तः साव्वभौमः सुप्रतौकश्च दिग्गजाः ॥ ७१ ॥ aX Quaqgnagateyesiy समसनासभङरमेेवसत। NTFATINS AGS | QL SATS ASE A If च सखगेवगेः | 21 करिण्योऽमसुकपिला पिङ्गलानुपमा क्रमात्‌ | MAAC शु सदन्तो चाङ्गना चाच्जनावतौ ॥ ७२ I AISA 238 ASST | SLRS TAL ASAIN अदर AINA | AFA REST ASAIN |] 72 हगिवाव्यय न्वपदिशं दि शोमध्ये विदिक्‌ स्याम्‌ | अभ्यन्तरं त्वन्तरालं चक्रवाडन्तु मण्डलम्‌ ॥ ७३ I. +^ AS SISAL SRA | BAA QS SAW ASA TR aS | Sege HATA] WTF ASH 34 I 18 ae मेधो वारिवाहः स्तनयिलु बलाहकः ॥ धाराधरो जलधर स्तडत्वान्‌ वारि दोऽम्बडत्‌ | धनजोौमृतमुदिरजलमुगधुमयोनयः ॥ ७४ ॥ इहु रवेरस हरन | सवस द पनि सुर | HREFAT ART AT SHAE | GNFAINAEAS शस्य BASSAS SATIVA | STV SSNS HSIN 74 कादम्बिनो मेघमाला fy मेषभवेऽभियम्‌ +र स्तनितं गजिंतं मेधनिधेषि रसितादि च ॥ oy ॥ Sq लसः | SHH नन स= ml Na | AIT SST TH! HST |] 7 92 श्रमरकोषः | शम्या-एत हद्‌ा-हादिन्येरावत्यः क्षणप्रभा । तडत्‌ सोदामिनो विद्युत्‌ saat चपलापि च i o€ ॥ देवद्रो नयो ह चसम्‌ eas | FATACSA NAAR SIS तर] SSSR AS SY ICE | 76 wag वेजनिष्येषो मेषज्योति रिरम्मदः । इन्द्रायुधं शक्रधनु स्तदेव RH रोहितम्‌ il 99 ॥ नअ AOA वगीश्चेन ELH] सवगो SAT HA ssc Aaspang saya! FAqgrasayserga |] 7 ष्टि aa तदिधातेऽवग्राहावग्रहौ समौ । धारासम्पात ATATT: शौकरोऽम्बुकणाः स्मृताः ॥ ऽ ॥ ERICA TIN | MV SFALARAT ROSEN | HAAATH Car grgyars | ९५९५६०३९ || 78 वर्पोपलस्तु करका Rares ददनम्‌ | ast व्यवधा पुंसि त्वन्तङ्धि रपवारणम्‌ ॥ o¢ | क्रर्म से वा] HQRATHT ACG RSS | TART aA Aegan) Raihqarsloreyac’s || 7 waaay: | 28 श्रपिधान-तिरोधान-पिधान-च्छदनानि च | हिमांशु अन्द्रमा BE इन्द्‌ः कुमुदबान्धवः ॥ Co ॥ शतरीवसयसरकपाप्पवाक्स र] निह वदिस | दसन AT SS TINS | SSE TAHA 35५२] 80 fay: सुधां शुः शुभां शुरोषधो शो निशापतिः | अलो Sasa: सोमो म्लो ware: कलानिधिः ॥ ८१ ॥ qe 7 SS ES STINGS | SARIC SAA G59] RESTS HASAN) VATH कमन रग्न 9 दिजराजः शशधरो TAIT: क्षणा करः | कला तु षोडशो भागो विम्बोऽखलौ मण्डलं fag ॥ ce ॥ ABS HV ATS तननि] तन तोतिर्थमम AS 9A | BSCAN TIS ATS | SANT ATAT SAAS TIAA 1] 82 भित्तं शकलखण्डे at Gastss समेऽ'शके | चन्द्रिका कोमुदौ ज्योत्सा प्रसादस्तु प्रसन्नता ॥ ८३ ॥ 7111) AAV IAAF ASS | ATH वासि || 8 2A, श्रमरकोषः | HIS Tse fax लश च लक्षणम्‌ | सुषमा परमा शेभा शोभा कान्ति Tia ग्छविः ॥ ८४ ॥ SAAT SH SAAT SARAH'S) गस स्वमत म्न SY SA MR AEST ASAT FAESATSE | AEST EATASITE SACS || ५4 अवश्यायस्तु नौहार स्तुषार स्तुहिनं हिमम्‌ । प्रालेयं महिका चाथ हिमानो हिमसंहतिः॥ ८५ ॥ कक RAIS पारस | SLT SSN RAYON RO) SANNA AGS |] 85 Ma गुणे तदद्थाः सुसौमः शिशिरो जडः । तुषारः wae: शतो fea: सप्तान्यलिङ्गकाः ॥ ८& ॥ AAA 0 ०र 1 दसत तरनु विर RAMA हिस पष्ठ ङम] ASFA AGAS SIN SAS | 8 ध्रव श्रोत्तानपादिः स्यादगस्यः कुम्भसम्भवः | ` भ्नैवावरुणि tala लोपामुद्रा सथम्मिणौ ॥ ८७ ॥ AMIN SAAC उ] र कदवरसनइुमवश्चेस | तक्ष्यते इतदि] SANTA a SSNS || 87 सखगवगेः | नश्च Ba भं तारा तार काष्युडु वा स्याम्‌ । दाक्षायश्योऽश्िनोत्यादि तारा अश्वयुगश्िनो ॥ Ce ॥ ५ 3111111 ANITA TA TALS | जरर RAL SSS |] ६8 राधा विशखापुष्ये तु सिध्यतिष्यौ अविष्ठया। समा धनिष्ठाः स्यः प्रोष्ठपदा भाद्रपदाः feat: ॥ ८९ ॥ रतेरपि नि] gud Bsr ठ | स्वकरे AS BAG | BRATRETAINARETS |] 80 Barts खृगशिर स्तस्मिनेवाग्रहायणो | इल्वला स्तच्छिरोटेगे तारका निवसन्ति याः॥ ९० ॥ RAAT विस] उ यति्पम्‌रत ९ FASO BANAT RAY] HASTA ASAI |] 90 टदस्पतिः सुराचार्यो गौष्यति धिषणो गुरूः । जैव Selita वाचस्पति श्चिचरशिखण्डिजः ॥ ९१ ॥ Bae ~~~ | SRA 16 ६4589 >> SY GNI HAA A] SOMA SS 84 91 4 26 BATH: | शुको दैत्यगुरुः काव्य उशना भागेवः कविः । अङ्गारकः कुजो भोमो लोहिताङ्गो agtaa: ॥ € २ ॥ अ (1 मिन्‌ रसनया IS | विस म्रद८ तमाति त्‌] 9 रौहिणेयो बुधः सौम्यः समो शोरिश्नैश्चरौ । ` तमस्तु UE: स्वर्भानुः से हिकेयो विधुन्तुदः ॥ es ॥ SURV वषग सश] AZTECS तुन्द त समपु वरम्‌ ATA SEN | VORA TSC SAAS] 98 सप्तषयो मरौच्यत्रिमुखा शिचरशिखिण्डिनः। UMA मुदयो WA ते तु मेषटषादयः॥ €४ ॥ + => €. NINN ITS IAG | FAFSA ATSAAIA] 94 सरखय्यी खमादित्यद्यादश्णत्मदिवाकराः | भारस्करादस्करत्रघ्रप्रभाकरविभाकराः ॥ €५॥ ` रपवन र्षिन्‌] 5 BASVAVSV ISSN | APHIS Sar aqSIANSS |] 05 e Lt ~ खंगवगः | 27 भास्वदिवस्वत्स ताश्चहरि दशो ष्णर प्रमयः | विकत्तनाकमात्तेणडमिहिरारुणपषणः ॥ ९€ ॥ दित BFA ISIN GIFT] ठं दसम SEAS SVAN ASLAN SAT a] इर ददेत दनी मं २८२८ |] 96 दयुमणि स्तरणि fas fasarg विरो चनः | विभावसु भ्ंहपति स््विषांपति रहपतिः ॥ eo ॥ SAHARA SR युक्षु 35.28 सव WAR BR SHCA | [~| NN SATII 97 भानु हसः सहां शु WIA: सविता रविः | माठरः पिङ्गलो दण्ड श्णडां शोः पारिपाश्िकाः ॥ € ट ॥ क ~~ [5 # [वि 311] 1 9१4 = गाङुमार | पाष SV ANA NAAT SAIN] ? ९९२ aA CarA gee || 98 खरखतोऽरुणोऽन्‌रः काश्यपि WASTAS: । परिवेशस्तु परिधिरूपशय्येकमण्डले ॥ ce ॥ PAAR AT YACNAL | SRRVAVNO ES SG कस Ss € €. On NEAR प्रसीद] FAAS AAA Taraps’ss |] 9४ 28 अमरकोषः | किरणोऽखमयखां शुगभस्तिष्टणिरप्मयः | भानुः करो मरोचिः स्तौपुंसयो दोंधितिः स्याम्‌ ॥१००॥ AR SV AUS VANARA Aaa] वसस्व AS रना ९१८६। ANAT ALIS STAINS | ATSC SST नाह यर्‌] 100 स्युः प्रभा wife feast भाग्छविद्यतिदौप्तयः। रोचिः शोभिरुमे RA प्रकाशे द्योत ्रातपः॥ १०१॥ तरता वा इर मासभितितमनरसद्र SAS — | तददसससनश्ुम। सव सम्प्र स्नि] 10 कोष्णं कवोष्णं मन्दोष्णं कदुष्णं Fy तदति | तिग्मं तौषृणं खरं तदन्खगत्ष्णा मरौचिका ॥ १०२॥ उप न्द्‌ > रस] FTAA | 16 (111 SAG Spay AAAS ! 102° कालो दिष्टोऽप्यनेहापि समयोऽप्यथ पडतिः। प्रतिपदं इमे स्तौत्वे तदाद्या स्िथयो इयोः ॥ १०३ ॥ दनुर ANAL तत] कतरवम AAS | 108 quay: | 29 gat feareat वा तु ala दिवसवासरौ | प्रत्यृषोऽहमुखं कल्यमुषः प्रत्यूषसोौ Aly ॥ १०४ ॥ YFANN STS THOMA | WLS FASS QE | AFSCNSSACATNS A] FSVAIGATATSAC ASSIS |] 104 प्रभातच्च दिनान्ते तु सायंसन्या faa: । प्राह्णापराह्नमध्याहा स्तिसन्ध्य मथ WATT ॥ १०५॥ PALACES SR | SSET AR ASS पकस | SLL SAIC | ASN INNS IN TANAC I] 105 निश fawifaet off स्ियामा क्षणदा at । विभावरौतमख्िन्यो रजनौ याभिनौ तमौ ॥ १०६ ॥ ASIN HAAN ASN ASFA त] IFAS TAS EPICS VAST STARTS | RF NLAMSN <स] 106 तमिखा तामसो राति stieat चन्द्रिकयाऽन्विता | आगामिवत्तमानाद्यक्तायां निशि पश्िणो ॥ १०७ | AF HAFAFAVSNSCS | MONAT STAC BCI] VALENS BAAN SANA | मनर FANN SIS |] 107 80 अमरकोषः | गणराचं निशा Te प्रदोषो रजनौमुखम्‌ । अद्वराचनिशौथौ दौ दौ यामप्रहरौ समौ ॥ १०८ | मत SAGAN SATA | स्तन दिद EASA वर] GR BA HSS RST ISS | QF HLA A ASATAATSSEA |] 108 सपव्वसन्धिः प्रतिपत्पश्चदश्यो यदन्तरम्‌ | | पक्षान्तौ URN दे पौगमासौ तु पणिमा ॥ १०९ ॥ ANNACASANAC SS SOAS | उर म GRA RAYA STINT AQAA ISA GA | SA ANOCRENSSEMA |] 109 HATE साऽनुमतिः पूर्णे राका निशकरे । अमावास्या त्वमावस्या दशः ख्यन्दु सङ्गमः ॥ ११० ॥ SIANENAP पु] सम IVNSS SALI SS | VSO SSTIFACAR | FAT FTA STAN] 110 सा दृष्टेन्दुः सिनौवालौ सा नष्टेन्दुकला कुह : । उपरागो ग्रहो राहृग्रसे त्विन्दो च पुष्णि Tere + >). रकस फस्पस्‌| | > GS TRA १इना TASS | Sa eT HSA गाड ] 111 खगेवगेः | 81 AAA ITA दावन्न्यृत्पात उपाहितः | रकथोक्तया पुष्यवन्तौ दिवाकरनिशकरो ॥ ११२॥ BAAN 558] AASTASTINAC CA IGS नर SF SNINA ST A5] SF SVASAAN IVAN I] 112 अष्टादश निमेषास्तु काष्ठा स्ंश्त्त॒ ताः HAT: | तास्तु चिशत्‌ छण स्ते तु FRAT दाद्‌ शस्तियाम्‌॥ ११३ ॥ ATA ASAT SAN | FFT SINT | FA YT THY STA | FFAS ABSWE SAG] 118 ते तु चिद्‌ दहोराचः पक्षस्ते दश पञ्च च। पक्षौ पूरव्वापरौ शुक्तकृष्णो मासस्तु तावुभौ ॥ ११४ ॥ NARA T S| Fag TNA | 114 a दौ माघादिमासौ स्वाहतु स्तेरथनं चिभिः। अयने दे गति रुदणग्टक्िणा कंस्य वत्सरः ॥ ११५ | ती ASAIN ङ्‌ दप प्सते] SVAN AASV AG | SNES GOATS] किवम ASSN NTS I] 115 32 अमरकोषः | समराचिन्दिवे काले fagafagasa तत्‌ | पुष्ययुक्ता पौणेमासो पोषौ मासे तु यच सा॥ ११६ ॥ PAH ASA AANA SN] FYNSTAGCAT SE सममन | ASV ALIA TAG | Hap TAC AGS | 116 ~ A [परे नाम्ना स पौषो माधाद्याश्चवभेकादशापरे | AAMT सहा मागे आआाग्रहायणिकश्च सः ॥ ११७ | ALG HUNG नरस AAS | AGH गत ASSAYS | A गस मवार बुस हमने | HACE TAVAAGS |] 117 पौषे तैषसहस्यौ et तपा माधेऽथ फाल्गुने । स्यात्तपस्यः फाल्गुनिकः BSI चैविकोमधुः ॥ ११८ ॥ VATANT मुस तेस] FTA HTS AAAS | + = {= | = ce ५१ | RA < AN i AA | 118 वैशाखे माधवो राधो ज्येष्ठे शुकः शु चिरत्वयम्‌ | आषाढे AAU स्यान्नभाः आआवणिकश्च सः ॥ ११९ | aa Nm AVATAR ASA SA] ASA SIG 5 प] मपर SS a व कना correc — ——— - + for 8&'Na 2 सख गेव गैः | 33 स्य॒ नभस्यः प्रौष्टपद्‌-भाद्र-भाद्रपदाः समाः| स्यादाश्विन इषोऽप्याश्वयुजोऽपि स्यात्त कात्तिके ॥ १२० ॥ 1 1 TARA RA STAC | ४0311; | 120 बाहलोज्जा कार्तिकिको हेमन्तः शिशिरोऽस्त्िथाम्‌ | वसन्ते पुष्यसमयः सुरभि MA उष्मकः ॥ १२१ ॥ मर तनिहमनरम गति] ASST AAG | निदाघ उष्णोपगमो उष्ण उष्णागम स्तपः | स्यां प्रादृट्‌ स्तिया भूम्नि वषा अथ शरत्‌ स्याम्‌ gee PAA SAIN SEA ASS | AYRASRY ARN SAGAN | THIRST ALY द दमु] FISH ATA ASS |] 122 षड़्मौ waa: पुंसि मागौदौनां युगैः कमात्‌ | संवत्सरो वत्सरोऽब्दो SAAS शरत्‌ समाः ॥ १२३॥ RATA ATE दसाम] APART सवास ERAS ANS | विवव ALS) AASV तं रस |] 125 ¢ 34 अमरकोशः | मासेन स्याद होराः चैचो वर्षेण दैवतः | दैवे यगसदहसे दे ब्राह्मः कल्यौ तु तौ SATA ॥ १२४ ॥ नसग पसु SRA Rear sary डव छना avFsceanreg तदग ेकन्गी णापि] 124 मन्वन्तरन्तु दिव्यानां युगानामेकसत्ततिः। संवत्तः प्रलयः कल्पः छथः कल्यान्त इत्यपि ॥ १२५ ॥ BY देस मसी उम SRN | ATS SSI QERTAA TAT AN | SAARC AIA म्र |] 125 eal TE पुमान्‌ aA पापं किल्विषकल्मषम्‌ | कलुषं ठजिनेनोऽघमंहो दुरित दुष्कुतम्‌ ॥ १२६ ॥ सेिषरेगापपयेनषस दुषु] उपमन्युः नमरसतेददग्‌ १६६ SPIEL CANA | करस STH SGN || 126 स्याद्गम्मेमस्तियां Fw Fad Ta: | मुरौ तिः प्रमदो इषः प्रमोदामोदसभ्मदाः ॥ १२७ I mK RE NN BNF TATANS SNS | Apa ga alsa] sy | ATIA'SISTACAT ACS ATA | A AERSISTACSISAETSE 197 quam: | 85 स्यादानन्दथुरानन्दः शम्मेशतसुखानि च | BAe शिवं भद्रं कल्याणं मङ्गलं शुभम्‌ ॥ १२८ ॥ SAN AIA हिनु EAR] SAALSCATAR OAL | (र | 5] पनाक ^ 647] ~< १474 AAIN |] 128 भावुकं भविकं भव्ये कुशलं छेममस्ियाम्‌ | शस्तच्चाथ विषु द्रव्ये पापं पुण्यं सुखादि च॥ १२९ ॥ AATENAA IT रत (तसे Aenea aya | APA ASS ANN ACS EA | हनो दारकस्य पर AAAI | | ; | 129 मतल्िका मचचिका प्रकाण्डमुद्रतल्लजौ । ` प्रशस्तवाचकान्यमून्ययः शुभावहो विधिः ॥ १३० ॥ वेबनु तद कुप] सतर SATAC BS ASS | AA FTAA SAGAN AES | AVRA SATAN A A34 |} 180 दैवं दिष्टं भागधेयं भाग्यं स््ौनियतिविंधिः। हेतु al कारणं Tei निदानन्वादिकारणम्‌ ॥ १३१ ॥ Bay RRA BATOYS ARTS SS | सउ सततत | PIRSA AT] Cargy STR SSA 181 = 86 अमरकोशः | HAW आत्मा पुरुषः प्रधानं प्रतिः सियाम्‌ । विशेषः कालिकोऽवस्था गुणाः सत्वं रजस्तमः ॥ १३२ ॥ वैर वे्ष'प्रम नर द्ैस'इ | TS ततवित तिरे एतद SN कुसनमसन्नससनस] R55 SI HASTE ATA SI) 199 जनुजंननजन्मानि जनि रत्यत्ति Mea: | प्राणौ तु चेतनो जन्मौ जन्तुजन्युशरौरि णः ॥ १३३ ॥ Say ayer ers | SRAGT SINAC ANAT | AAT SHAAN SHY BAC | STH TWA | 188 चित्तन्तु चेलो हदयं खान्त हन्मानसं मनः | बुद्धि Hater धिषणा धौः प्रज्ञा Saat मतिः | परेक्षोपलस्ि faq संवित्‌ प्रतिपज॒न्नतप्तिचेतनाः ॥ ese ॥ सेमसमन NATE ALG | BETSY ARTIF AG SHA] BPTI AS RY ISNT ETSA | ATSC TRATION । विद दिम SRA BHAA | पिवासर्वेवस वाकेन + 8 184 धौ धारणावतो मेधा संकल्यः कम्मं मानसम्‌ । चित्ताभोगो मनस्कारश्चचा सह्या विचारणा ॥ १३५ ॥ सि व gergqnach] वं पनती) NANT AAT SS ANTS | SIYAC AIS करमर 148 खगे वमः | 87 अध्याहार स्तकं ऊहो विचिकित्सा तु संश्यः। सन्देहदापरो चाथ समो निरौयनिश्चयौ ॥ १३६ ॥ BYSRSTFAC STAR] सेमर तेह ५६ | केवब WAS | रेगसदुनस म ASTON |] 186 मिथ्यादृष्टि ना सिकता व्यापादो द्रौ हचिन्तनम्‌ | समौ सिदान्तराडान्तो मान्ति मिथ्यामति aa: ॥ १३७ ॥ तवा र्त] मारसेना GANT YT SIA TSS AA Natal] ABATE ay Gav’ <^ सोन्॑ इ |] 137 संविदागृः प्रतिज्ञानं नियमाञ्रवसंञ्वाः | अङ्गौ काराभ्युपगमप्रतिश्रवसमाधयः ॥ १३८ ॥ व्सिषिरधुगकड नमर] तस्क TASS EN | रपा गोर SNAC RSAC SS | ससर्प तैः 2288 |] 138 मोक्षे धौ ज्ञनमन्यच विन्नानं शर्पशस्रयोः | afar कैवल्यनिर्वाशं श्रेयो निःश्रेयसा शतम्‌ ॥ १३९ | BRAC ASR 10 AAVEPSTQAS SCA ASS | AANATSTCST AAS AS AC | 139 88 अमरकोशः | मोक्षोऽपवर्गोऽथाज्नान मविद्याऽहंमतिः सियाम्‌ | रूपं शब्दो TTA विषया अमो ॥ eve ॥ | ९९.९.८८ ठ SICA | DAS aT Say RAT AC AON ARG CARES] TBA SAS ARTIS |] 140 गोचरा इन्द्रियार्थाश्च wats विषयोन्दरियम्‌ | 4 कम्मन्द्रिधन्तु पाय्वादि मनोनेचादि धौन्द्रयम्‌ ॥ १४९ ॥ एदन्श्ुससु्पदपतरिदिसिुम] एुष्पस्नुसुतप्र सवर्र | वसग AICA AN] AS ACSA SAC |] 1401 तुरवस्तु कषायोऽस््रौ मधुरो लवणः कटुः । तिक्तोऽम्लश्च रसाः पुंसि aga gat fay ॥ १४२.॥ 111 1. 1113 1. विमर्दोत्थे परिमलो गन्धे जनमनोहरे । आमोदः सोऽतिनिहारो वाच्यलिङ्गत्वमागुणात्‌ ॥ १४३ ॥ NSS GN AACA] शतरि AVAL IAAL | ACARI SES 93 W555 |] 148 खगेवगेः | 39 समाकर्षं तु faeitt सुरभि प्रणतपणः | इष्टगन्धः सुगन्धिः स्यादामोदौ मुखवासनः ॥ १४४ ॥ सहस न्व 3 रतत रस कमर | हुतम पिमा दुय भ नास || 144 पूतिगन्धिस्तु दुगेन्धो fre स्यादामगन्पि यत्‌ । शुक्त-शु भ-शु चि-श्वेत-विशद-श्येत-पाणडराः ॥ १४५ ॥ <> २८८४ द्‌] सिपुर त८२१२.२९ | TRS TSAR | सनवान GATS a <~ || 145 अवदातः सितो गौरो वलष्ो धवलोऽजुनः | हरिणः पाण्डरः TUS रौषत्पाण्डस्तु धूसरः ॥ १४६ | SSC RAY र्वा ASAT "सर | सियार कषा तस von ol त) AAA त] ATA mA ॥ ~ #ै >~ म~न {~ || 146 AM नोलासितश्चामकालश्चामलमेचकाः | पौतो गौरो Sirsa: पालाशो हरितो हरित्‌ ॥ १४७ ॥ eee > 1117011, TRANS प्प्‌] SOA RONA AAA SAAT] 147 40) अमरकोशः | लोहितो रोहितो रक्तः शोणः कोकनदच्छविः | अष्यक्तरागक्त्वरुणः श्वेतरक्तस्तु पाटलः॥ १४८ ॥ 11 भिासपन्द्हुकन दसा] STR'SSIN' ARSED SSIS || 148 waa: स्यात्‌ कपिलो AYA AMT | nett: कपिशः पिङ्गपिशङ्गौ कद्रुपिङ्गलौ ॥ १४९ ॥ ` सेरा मैवम सिस] सम्मत HANSA AS | TIRANA RSPAS | INNS SS OATS NG] 149 fast किम्मोरकल्मा षबलेताश्च कर्बरे। गुणे शुक्तादयः पुंसि गुणिलिङ्गास्तु तदति ॥ १५० ॥ ` इ गस्भवनिरम र] RAR ATA समणवन््‌र पनि समाक | NSPS SHA BAAR || 150 ATS तु भारतौ भाषा Alay वाणौ सरस्वतौ | व्याहार उक्ति लंपितं भाषितं वचनं वचः ॥ १५१ ॥ dcergeg ssa SP ARABS AAQEAN SHAS TELLS ETE | HAA GNA RTT] 1 सखगंवगेः | 41 BUY शोऽपशब्दः स्याच्छास्त्रे शब्दस्तु वाचकः | तिङसुबन्तचयो वाक्यं क्रिया वा कारकान्विता॥ १५२ ॥ = T HSI] ELSA S| € SRA AAAS, AM] उतदने SRA! 152 श्रतिः स््रौवेद्‌ arara wat vag afar: | स्तियाख्क्‌ साम यजुषौ इति वेदास्त्रयस्वयौ ॥ १५२ ॥ x~ HVAT SV AA AA] NYE Sera RAT OS AISISTEN AG |] 158 [11512 ^ वाचम ; शिष्षेत्यादि warea greasy समो । इतिहासः पुराखत्तसुदात्ताद्या सतयः स्वराः ॥ १५४ | NTA GN AY ATA A | एतस्मात ASAYSISCAT | ae 2 ॐ 2 ! WK = ATIVAN AQAA 5NN || 154 आन्वौकिकौ-दण्डनौतौ तकविद्याधैशस्वयोः | ्स्यायिकोपलव्धाथा पुराणं पञ्च लक्षणम्‌ ॥ १५५ ॥ SHTSEFASSAVSYN | रगुगेरिगादम AH परस्मा नि तदिमे ररि दि] HA AakH Se args |p 155 6 42 अमरकोशः | प्रजन्ध-कल्यना कथा प्रवह्धिका प्रहेलिका | स्म्रतिस्तु धम्भेसंहिता समाहतिस्तु संग्रहः ॥ १५६ ॥ RUGS STATA SIN SE | AEWA SEAT STIOG | RAT SNACASNAT SNS | TNTINANSTSC ASAT EG || 156 समस्या तु समासा किंवदन्तो जनश्रुतिः | वार्ता प्ररत्तिरेत्तान्त उदन्तः स्थादथादयः ॥ १५७॥ SAT RFT SCALA AAR] ISG SER SS ASE नात्र ANAL SS | IMIR RAC AGS AAG |] 157 Sere चाभिधानच्च नामधेयच्च नाम च । हति राकारणाह्वानं संहृति बेहमिः छता ॥ १५८ ॥ 2८.८८ लै 575] NAA AES AC 52६5 लर | AARC AAS TBCAR | प्वरदपारतर-पसददक्ष्तस् | 154 विवादो व्यवहारः स्यादुपन्यासस्तु ASTSA | उपोद्रात उदाहारः शपनं शपथः पुमान्‌ ॥ १५९ ॥ + EIR RS ‘ <>¶ $< AC 9 ] 7 वननु ACH AAS | तस्र यि TESS | सिना] 159 खगं वगेः | 48 प्रश्नोऽनुयोगः Tat च प्रतिवाक्योत्तरे समे | मिथ्याभियोगोऽभ्याख्यानमथ मिथ्याभिशंसनम्‌ ॥ १६० ॥ 2२९ हे र. ९२६ NY TALS STAG | भिनहनं SSCA ESSE | FAST AAAI ET AA ET 160 HANA: प्रणादस्तु शब्दः स्यादनुरागजः | यशः Alia: समज्ञा च स्तवः SNS स्तुतिनुतिः ॥ १६१ ॥ AINA EN SING | ASST YIN ST GA शरदम्‌ STALIN'S |] 161 sTafed fe स्तिरुक्मुेधषटन्त॒ घोषणा | काकुः स्तयां विकारो a: शोकभौत्थादिभिध्वनेः ॥ १६२ ॥ SATAY र] शुनासीर ATS | AISA नर | <^ aN a" AG |S a4 AEN स] << डत तं 1 162 अवर्णाशटेपनिर्वादपरोवादापवादवत्‌ | उपक्रोशो TAT च कुत्सा निन्दा च गर्हणे ॥ १६३ | STASIS LITA SSL AA | पठसि VA ATT ह नर) गतेन क्तम वतु पन] BFSSSEG SAT SAAC || 168 Aid BACH: | पारष्यमभिवादः स्याद्‌ भत्सेनन्वपकारगौः | यः सनिन्द उपालम्भस्तच स्यात्‌ परिभाषणम्‌ ॥ १६४ ॥ Name Of 11 FOAL SES EG ] रेन्वपासि तपाद प्यञद || 164 तच त्वाक्षारणा यः स्यादाको शे मैथ॒नं प्रति । स्यादाभाषणमालापः प्रलापोऽनथैकं वचः ॥ १६५ ॥ सगि STAG] [सन्मे AN SSS | वताद्‌ Ssa5 SA] |] 165 अनुलापो मुहभाषा विलापः परिदेवनम्‌ | विप्रलापो विरोधोक्तिः संलापो भाषणं मिथः ॥ १६६ ॥ ्वसशतभप्ा STARTS ARCA RA) DMATAYVANVTAEY AA | दवन तदत 164 सुप्रलापः सुवचनमपलापल्तु निहवः सन्देशवाग्वा चिकं स्यादाग्मदासतु चिषत्तरे ॥ १६७॥ ANPTT LARA] 455 AIT विवासन द| ॥ > ~ <्पुती<5 ANN =|] 167 waaay: | 45 SHA वागकल्याणो स्यात्‌ कल्या तु शुभात्मिका । FAGAYT सान्वं सङ्गतं हृदयङ्गमम्‌ ॥ १६८ ॥ सिनोतिदगसनि SAPATAG | APA Saar} विनास्ति करमन तै] AMAL इ ५१२०५९२२ ] 168 निष्ठुरं परुषं ग्राम्यमश्चौलं wad प्रिये | HAST सङ्कलक्तिष्टे परस्परपराहते ॥ १६९ ॥ AA द्ग$शमा 85. | RADIAT ९५२८ स | नवार गानि AS SRG 15" | Fara qeyrscsc Spay | NF SF ALNN AIAG ति दव] 169 लुप्तवशेपदं ग्रस्तं निरस्तं त्वरितोदितम्‌ | अम्बछतं स निष्ठौवमबद्धं स्यादनथेकम्‌ || १७० | ATAT STAN ANASSAT | समाश्वस रहति | इशक ना सहनन] BANS ATS AFA THA || 170 अनक्रमवाच्यं स्यादाहतन्तु खषाथेकम्‌ | अथ श्लिष्टमविस्यष्टं वितथं त्वन्छतं वचः ॥ १७१ ॥ सोरम डव] क दमा हुव मब] Faraway Sq] FBV AV ACSA AA! 171 * for रवा 2 46 श्रमरकोश्रः | सत्यं त्यत सम्यगमूनि fay तदति | शब्दे निनाद्‌-निनद्‌-ध्वनिध्वानरवस्वनाः ॥ १७२ ॥ र्मम तिश्ुर] AIC SSTAS पसम सगमत वर] STATS S SSC] 172 स्वान-निर्धोष-निहाद-नाद-निस्वान-निस्नाः। आ्आरवारावसंरावविरावा अथ मम्बेरः॥ १७३ ॥ BLSL HINO HAAS | AC रबु SAN SATAY रसद] रेस व्च gy 73 I] 178 स्वनिते awauutat भ्रूषणनान्तु शिज्जितम्‌ | निक्राणो निकणः aw: कणः कणनमित्यपि ॥ १७४ ॥ 0111 1/1 NAVAN | मैने सेन] TASNArTAR TASS || 174 | वौणायाः क्णिते प्रादेः प्रक्राणप्रक्रणादयः | कोलाहलः HARA ATA वाशति रुतम्‌ । स्रौ प्रतिश्चत्प्रतिध्वाने गौतं गानमिमे समे ॥ १७५ | द क्षगक्षवव्पसवाक्षद] स गसषुणु Ss ar ATS | SRF TTA] तुननादिश्चतैतकषमे। 1 STAGES || 175 सखगेवगंः । 47 निषाद षभगान्धार-षडज-मध्यमधेवताः । पच्चमश्चेत्यमो an तन्ल्लोकणटोत्िताः स्वराः ॥ १७६€ ॥ ABR SARC NIC सदम] ASTANA SENS | PANT ISAT | ACSIA HSA AEN |] 170 काकलौ तु कले BH wal तु मधुरस्फ्टे। ` कलो मन्द्रस्तु गम्भीरे तारोऽत्यचेस््रथस्विषु ॥ १७७ ॥ गुणान HANTS जेत CA अनास A BVA ASIC AGS | SNAG AANA TNA || 177 >. समन्वितिलयस्त्वेकतानो वौणा तु वल्लको । विपञ्ची सा तु तन्त्रौभिः सत्तभिः परिवादिनी ॥ १७८ | MHF FS ANA ST | येणार धक 4 इपर सु्र नालम दमे] तमि TAAAEN सङ्गा AA H |! 178 ततं वौणादिकं वाद्यमानद्धं मुरजादिकम्‌ | वंश्यादिकन्तु सुषिर कांस्यतालादिकं घनम्‌ ॥ १७९ ॥ AR INS TAA | NSH इनम सना] 179 48 अमरकोशः | चतुविधमिदं वाद्यं वादिचातोद्यनामकम्‌ | सृदज्ञगमुर जाभेद्‌ाकत्वङ्ालिद्धयोडकास्लयः ॥ १८० | वसतये SG AAAS उपवे GNSS | छ ततेन] EResreyS TASH |] 180 स्याद्‌ यशःपटहो sar Achat दुन्द्भिः पुमान्‌ | आनकः पटदोऽस्ौ स्यात्‌ कोणो वौणादिवादनम्‌॥ १८१॥ TA TACS TENA] GEASS रहय REAR] हिवि तन्वा] 181 वौणादण्डः प्रवातः स्यात्‌ AFAR प्रसेवकः | MAAR कायः स्यादुपना हो निबन्धनम्‌ ॥ १८२ ॥ 9 नगुवतुच 6 S| गनयति | कपा तिप. || 182 वाद्यप्रभेदा डमरूमडडर्डिमशभराः | मदं लः पटवोऽन्ये च नत्तकोलासिके समे ॥ १८३ ॥ | 9 7 CAS Seen (2९०१६६५ £ पुर A गनेव | ASAD SA 25SEC |] 188. सखगेवगेः | 49 विलम्बितं द्रतं मध्यं तत्व मोधो घनं क्रमात्‌ | तालः कालक्रियामानं लयः साम्य मथास्तियाम्‌ ॥ १८४ ।॥ es SRAA) SN aT TAA ANS A] FARA SLA | ध्वे | FaNSAG LACS |] 184 ताण्डवं नटनं नाच्छ लास्यं AIS नत्तने । Matsa न्त्यगौतवाद्ं नाच्यमिदं चयम्‌ ॥ १८५ ॥ तिस नारदस्तदा | SARIN SS ASRS | XAT TARA Ts || 185 अकुसश्च सकुसश्च yaaa ATH: | स्लोवेश्धारो पुरूषो नाश्चोक्तो गणिकाञ्नका ॥ wc | TIS WIISSCS | हण वियुत मार) ASN SSA SINISE S | RAYS उम एषण] 156 भगिनौपतिरावत्तो भावो विदानथावुकः। जनको य॒वराजस्तु कुमारो भत्तंदारकः ॥ १८७ I NAN VARTA GS | TVA ATAST RRS | 37१4] तुति तनातैन्‌ gyre | ANCL AMSA |] 187 गो ee * वुय"क for JAUYN | 50 परमरकोषः | राज्ञा भद्रारको देव स्तत्स॒ता भनत्तेदारिका । देवो कृताभिषेकाया मितरासु च भद्विनो ॥ ere ॥ arity पणो | रभे. ey hm A AALASAC ARNT] GANTT TAC || 188 अब्रह्मण्य मवध्योक्तौ राजश्यालस्तु राष्ठियः । अम्बा माताथ बाला स्यादासु राय्येसतु मारिषः ॥ १८९ ॥ TSP SNA SS | RE ora 2.5 स्‌] NATH ALIN | SVT EASA | ALIN ZIONS "Pr |] 189 अन्तिका भगिनौ च्छेष्ठा निष्ठानिवेहणे समे । दण्डे ES हलाद्वानं नो चं Fal सखो प्रति ॥ १९० ॥ 1 0) | गहन भसत | मुन AAA AAI ATR J] ष अङ्ग हारोऽङ्गविक्षेपो व्यच्ञकामिनयो समो | निरंत्ते त्वङ्ग सत््वाभ्यां दे चिष्ठाङ्गिकसात्विके ॥ १९१ ॥ नागरपवनपगदुर। उगृगकेडभनगात्रसा। 1111) ary MAST AA || 191 waar: | 51 शृङ्गार वौरकरुणाहुत हास्यभयानकाः | बौभत्सरोद्रे च रसाः शृङ्गारः शुचिरुूज्वलः ॥ १९२ ॥ BAAS SAA की हिरन] ENSCALPAC पदिन्‌ कुत | PATTIES AGA | क्षेण नदत व | 192 उत्साहवद्वनो NC कारुण्यं करुणा णा | कपा दयानुकम्या स्यादनुक्रो शेऽप्यथो दसः ॥ १९२ ॥ 0. हहे पुनाहि दरवत | RAR SHSHRAC ENTS] हिति 250] 198 हासो हास्यञ्च बोभत्सं विकतं वििद्‌ दयम्‌ | विस्मयोऽहतमाश्चय्ये चिचमप्यथ भेरवम्‌ ॥ १९४ | FANT N A FRAT ABTA TS माम) QSAPNE ASV HY ISASNAL | SVSRACA LANG |] 104 दारुणं भोषणं भोष्मं घोरं ala भयानकम्‌ | भयङ्कर प्रतिभयं Te qa ममौ fag १९५ ॥ ` दिहिमाक्षडद मेत दहिमा् २ SEES ATIVE AS | QEAINS AEN सम AEN AN'SA | STAC TSA | 59 अमरकोषः | चतुदश दरचासौ भोति भोः साध्वसं भयम्‌ । विकारो मानसो भावोऽनुभावो भावबोधकः ॥ ves ॥ ASAG| दद्द RATZAVOAAPSAC सह समे QEAISTENG | RSD Gara | NFTTST ATA || 196 गर्व्वोऽभिमानोऽदङ्रो मान शित्तसमुनत्रतिः। अनादरः परिभवः परिभाव स्तिरस्किया ॥ १९७ ॥ ARTA तुवि AACA | 5595 SSNS विपि | VAIN AAT HA चयी] AFH OTHIVaASAC |] 197 त्रौ डावमाननावन्ना ATSTAAAUA | मन्दाक्षं BAIT क्रीडा VST सापचपान्यतः॥ १९८ ॥ मेवात वेष तुस रकः] ATTA रन ुमर | टम ८ तमाम RES || 198 सान्ति स्तितिक्षाभिध्या तु परस्वविषये स्पृहा | अक्षान्तिरौर्प्याया तु दोषारापो गुेष्ठपि ॥ gee ॥ तपने. AAG | वदप सेमसथन्दिर्वर OY SAAT PA THAT AT | WAST STONE 199 खगेवगेः | bo वैरं विरोधो विद्वेषो मन्युशोकौ तु शुक्‌ स्वियाम्‌ । पश्चात्तापोऽनुतापश्च विप्रतौकार इत्यपि i) २०० ॥ AAIRASCANASCINIS AT | WS IISC RAR TA | BANARAS पदसा SC | दवदत दतर] 200 कोपक्रोधामषरोषप्रतिधा ALAA सियाम्‌ | शुचो तु चरिते wie सुन्माद्‌ धित्तवि्रमः॥ 208 1 TAR SAT नरप नेनारनसमातलिमश्ुन्त पिनि] | पारम HAA EON RAT | STASIS कसरत || 201 प्रेमा ना प्रियता ere fa Aeisa दोहदम्‌ | इच्छाकाङ्गा स्पृहेहा AZ ASAT लिष्छा मनोरथः ॥ Roe | SASS ARCS IgA NS | समहषशुमनगरतर तवसे! ++ 241 HEF ARS WS ARR O |] 202 कामोऽभिलाष AIA स महान्‌ लालसा दयोः | उपाधि at धम्भेचिन्ता पंस्याधि मानसौ व्यथा ॥ २०३ ॥ दिमुसिनर म्म NS ASS | WATE SSeS GN | BPE NS ARCA |} 208 94 अमरकोषः। स्याचिन्ता स्मृति राध्यान मुत्कण्टोत्कलिके समे | उत्साहोऽध्यवसायः स्यात्‌ स वौयमतिश्क्तभाक्‌ ॥ २०४॥ AATSCATSIFASAT AZ 21 HS SIN GA TANASE | सत नरम नगर का कदि ेिस्नस पम्‌ भुपि | 204 कपटोऽस््रौ व्याजदम्भोपधय HARTA | कुरति निकूतिः शयं प्रमादोऽनवधानता ॥ २०५ ॥ = १110 4/1 RAVAN RS AA ASAR | AATHA ASC SAGA SIS || 205 RITES कौतुकञ्च कुतुकञ्च FEA | सलौ णां विलासविव्योकविख्मा ललितं तथा ॥ २०६ ॥ WRSILASNPLALS| 853] ARR SANT CESS] क्यार रधु ६ 206 हेलालोलेत्यमो हावाः क्रियाः अङ्गारभावजाः। द्रवकेलिपरो दासाः कोडा MIA च AW च ॥ २०७॥ FAG VSC ANI NGG] BL SRT TT AG] FAT ATSN STAG BAT | SLANT उततर MR BGT वर] 207 quay: | 55 व्याजोऽपरेशे लक्षच्च RST खेला च करद नम्‌ | धर्म्मा निदाघः स्वेदः स्यात्‌ प्रलयो नष्टचेष्टता ॥ २०८ ॥ गारक] HrgH Sq qer7y | ANAT ASAT ENA S | FAV ATS NASSAR || 208 अवहित्थाकारगत्तिः समो संवेगसंभ्रमौ । स्थादाच्छरितकं हासः सोत्प्रासः समनाकसििितम्‌ ॥ २०९ ॥ ASH INATN सता] ABSA HIST ASAT | TBS VARTA AS AIA I 209 मध्यमं स्यादिदहसितं रोमाच्वो रोम षणम्‌ । न्दितं रुदित कुष्टं जम्भस्तु Fy TATU ॥ २१० ॥ न 111 GANAS CASATAET] TWAT TE SA | 210 विप्रलम्भो विसम्बादो रिङ्गणं wae समे | स्यान्निद्रा शयनं स्वापः स्वप्रः संवेश इत्यपि ॥ २११ ॥ सुवा वसन] SSAC QACT ASC | MSV AC कवि रपर] ANAT ATIN TC |] 211 56 reat mater भुकुटौ सुकुटि aa ; स्याम्‌ | अष्टिः स्याद सोम्येऽश्ि संसिद्धिप्रकतौ त्विमे ॥ SAS BSATAT LAS | शिन वसवे IL ISA | eres Repay ay सगुरु आ स्रूपञ्च स्वभावश्च निसगेश्चाय वेपथुः | कम्पोऽथ शण उद्व्षों AS FEI उत्सवः ॥ २१३ ॥ ae Eee ~_ ACHES BRACES] रमसान्‌ मे मुत्‌ SSA समकर] भ्रमन म इति maar: | TY पातालवगः | अधोभुवन-पाताल-वलिसद्म-रसातलम्‌ | ATMA HST Fert शुशिरं विवरं विलम्‌ ॥ १॥ सदिपुपोश्ेदिगा वा सगरदवदुदसषदवमामस। रगप्ुते ादेमे SA TSIAAESSS | [सरउ] : fas निव्यथनं रोकं cei रमं वपा शुषिः | Taal भुवि ay aren शुषिरं चिषु॥२॥ SGN stella Sia | AGT AC ASC AAA रस | SI SES STH NAH IVA] AASV STAG IFTAE I 2 अन्धकारोऽस्तियां ध्वान्तं तमिखं तिमिरं aa: | ध्वान्ते गाटेऽन्धतमसं सौ णेऽवतमसं तमः ॥ इ ॥ + (111 GALA AFAR FAFSA | VASTATRG |] 3. 8 58 श्रमरकोषः | विघक्‌ सन्तमसं नागाः काद्रवेया स्तदौश्चरः | शेषोऽनन्तो वासुकिस्तु सपराजोऽथ गोनसे ॥ ४ ॥ MABTSCA SAGAS | SANTEE | FOSSL APRA AL | AQAA NTA AE IY 4 तिलित्‌सः स्यादजगरे we वादस इत्युभो । अलगर्खोजलव्यालः समौराजिलड्ण्डुभो ॥ ५ ॥ FANTAIL TAS TAA SR] न मास पथितुररसमस| हरनाम हशि] मकरस्य] 5 मालुधानो मातुलाहि fda मुक्तकच्चकः | सपः प्रदाकु भुजगो भुजङ्गोऽदहि भुजङ्गमः ॥ € ॥ मर सनरन गमेम | Psp AC AGAL | ATES TS TA] स्यदः सिन mETAT AISA TIA |] 6 आश्गैविषो विषधरः चक्रौ ars: ahem: | कुण्डलो UTR AAT: काकोदरः फणौ ॥ 9 ॥ AAT AS STS TARTS | SAR AQAA STAEA IC | AGUA HATING] TAPAS ATA | 7 पातालवगेः | 59 दवौकरो दौ धष्रष्ठो sae विलेशयः | उरगः पन्नगो भोगो जिद्यगः पवनाशनः ॥ ८ ॥ GTACST AN RG ACS Fal] SEAT RS AISAST रर] ARAMA SHEN ATA | ASIN HANAN ICS | 8 fasted विषास्थ्यादि फटायान्तु फणा इयोः | समो कञ्चकनिर्मोको Ase गरलं विषम्‌ ॥ € ॥ BREST SRS मेमि] STRSTR AGENT HTS AA A | ATIVE TAC ERTALS || 9 पुंसि क्तौवे च काकोलकालक्रटहलादलाः | सारोष्रिकः Wissen ब्रह्म पुचः प्रदोपनः॥ १० | छैसससेर TA STR QS spy] ^ ~> ~ > SPST STATS] रप्‌ मापन सस ITY I] 10 दारदो वत्‌सलाभश्च विषभेदा wat नव | विषवैद्यो जाङ्गलिको व्यालग्रा द्याहितुण्डिकः ॥ ११ ॥ eT aN 1191-4 | HATA SCA NA ASAS |} 11 60 श्रमरकोषः | स्यान्नारक्सतु नरको निरयो दुगेतिः स्तियाम्‌ | AST स्तपनावौचिमदहारौरवरोरवाः॥ १२॥ तपत RCA दिवि | akcagergaacnaaay ae | मममत ततस] समर 5९ मै GAAS | 12 APIA: कालस्चच्ेत्यायाः AY नारकाः। प्रेता वैतरण सिन्धुः स्यादलघ्मौस्तु निकर तिः ॥ १३ ॥ ASS STARS RT ATTN | सेस SH SANTA AAS | HaMyRTH SVS] AWerhaqacygaryrals || 13 विष्टिराजुः कारणा तु थातना तौव्रवेदना | GST बाधा व्यथा दुःखममानस्यं प्रधतिजम्‌ ॥ १४ ॥ ^ 7 ~ इषा € STENT TAL पाप RANA AA || 14 स्यात्‌ कष्टं छच्छमाभोलं विष्ठेषां भेद्यगामि यत्‌ | समुद्रोऽय्ि THAT: पारावारः सरित्पतिः ॥ ey i FA SA IST HAART] FSSA ser HIAATAA | HAS SAE FINAL] ARaraeSC HAC Asy|] 15 पातालवगंः | 61 उदन्वानुदधिः सिन्धः सरस्वान्‌ सागरोऽणेवः। Taal जलनिधि याद्‌ःपति रपांपतिः ॥ १६ ॥ इ सुवनरमैरववष्वमनर] FSHAS ममास्त] रममम MNS HSS] हरेवा SATA! 16 तस्य प्रभेदाः ATS लवणोद्‌ स्तथापरे | ara: wait afa वार्वारि सलिलं कमलं जलम्‌ ॥ १७ ॥ 11.141.) SAATACA AEM | मनिगन धुय म ] 17 पयः कौलाल Aad जौ वनं भुवनं वनम्‌ | कबन्ध मुदकं पाथः पुष्करं सव्वतोसुखम्‌ ॥ १८ ॥ BRT SVATAG SR 5 || AE TSRCA ASSL | AS SHASKSVESARANAC | कुरर RET SCART SSS IIs As स्ताय-पानोय-नौर-क्षोराम्ब-सम्बरम्‌ | aga घनरस fay दे आप्य AMA ॥ १९ ॥ तुस वेग] रण रना 35855] 11 AINSI ददन दु] 19 62 | रमर कोषः | wy स्तर ङ्ग ऊम्मिरवा feat वौचिरथोम्मिष | महतखल्लोलकल्लोलो स्या दावर््तोऽम्भसांभमः ॥ Ro ॥ सिवसत तिमिर र| रसरः ११९ षु दरवद RTARTA] AMSA S ह शिर ९६90 एषन्तिविन्दणषताः पुमांसो विप्रषःस्ियः | वक्राणि पुटभेदास्तु अ माश्च जलनिगेमाः ॥ २१ ॥ SM PIAA] SNS TATATT | STATA TT UN] YVATFCAACN || 21 क्लं रोधश्च atts प्रतौरञ्च तटं fay । पारापारे परावाचौ AT UTS तदन्तरम्‌ ॥ 22 1 AIAN ददन्तु SV SSNS | REACTS S SATIN | WEN SANAFAT OMS] LAAN TAN |] 22 दोपोऽस्तियामन्तरोपं यदन्तवौरिणस्तरम्‌ | तोयोत्थितं तत्‌ पुलिनं सैकतं सिकतामयम्‌ ॥ २३ ॥ तमास द्वन्त सेगलिर] SLCC SATS SIT IV AGTA TAC | तेनव तेति] 23 पातालवगेः | 68 निषदरस्तु जम्बालः THIS शद्‌कदं मो । जलेच्छासाः परोवाहाः क्रूपकक्तु विदारकः २४ ॥ agrarerscasysck | 3 STHVIGAIS] THETA |] 24 नाव्यं चिलिङ्गः नैताय्ये स्यां नै स्तरणि wiz: | उड्पन्तु खवः कोलः खोतोऽम्बुसर णं स्वतः ॥ २५॥ ` SPATS AAEM | TMAH TIS ING | ANAC S NARA ARTS | HFACTATAITANT SG || % आतर स्तरपण्यं स्यात्‌ द्रोणौ काष्ठाम्बुवाहिनौ | सायाचिकः पोतवणिक्‌ कशेधारस्तु नाविकः ॥ २६ ॥ 1 11 गिप्नाठेगकोऽरगुपत | इवरदमुर दमार्‌ पत्‌ 26 नियामकाः पोतवाहाः HUA गुणक्षकः। नकादण्डः Haat स्यादरित्रं केनिपातकः ॥ २७ ॥ उरवमरमुपनयीत। Fagg जेप) 1.100.111. 64 अमरकोषः | afaq: स्तौ काष्टकुदालः सेकपाचन्तु सेचनम्‌* | चिध्रागाधात्‌ प्रसनोऽच्छः कलषोऽनच्छ आविलः ॥ LE ॥ TASTES SA] SIS AIAN कत | ANAS ANAS ASAD | तनम ACA S45] 41°55 I] 28 fad गभोरं गम्भोरसुत्तालं तद्दिषय्येये | अगाध मतलस्पशं Aaa द्‌सधोवरो ॥ २९ ॥ RAN AR RTA ASCACA | SASNSCASLASS | ART ALARA AAA] HSA GAIA |] 29 आनायः पुंसि जालं स्याच्छणस्च पविच्रकम्‌ | मलत्स्याधानौ Fat last मलस्य वेधनम्‌ ॥ ३० ॥ ऋक वी Ques > १] §इव११-00 VITA WaT मत्स्यो मौनो वैसारिणोऽण्डजः | विसारः शकलो चाथ गडकः HAAR ॥ ३१ ॥ तुस SC EPS AN SL EN IA RTS | तेसु] Faraqeyq yas] भ * Colebrooke adds: @lasgara नावाऽद्रभतोतनोकऽ। तनु Tag ॥ + Two lines wanting in Tibetan. पातालवगंः | 66 सहखदं प्रः पाटन sett शिशुकः समो | नलमौन श्िलिचिमः प्रोष्ठ तु watt दयोः ॥ ३२ ॥ मन्देन वन] SATAN STAGES 1 SO SA TS CA छद्राण्डमत्स्यसंघातः पोताधान मथो WaT: । रोहितो मद्‌ गुरः शले राजौवः शकुल स्तिमिः ॥ २३ ॥ > का" FAG NG HS | SETA ५ तिमिङ्धिलादयश्चाथ यादांसि जलजन्तवः | Rel: शिशुमारोद्रः शङ्करे मकरादयः ॥ २४ ॥ Par ANS | WANA SH | —~ | ^ च | SAAN | 34 स्यात्‌ कुलीरः RACH! HA कमठकच्छपौ | ग्रा दोऽवहारा नक्रस्तु कुम्भोरेऽय महोलता ॥ Sy ॥ STTACH HAC] VATS YI ATA | हिरि SENTRA |] FSR INARA] |] 9 * 3 e ॐ 1 ह 1 ps | 0 66 अमरकोषः | गण्ड्पदः किञ्चुलको निहाका गोधिका समे | रक्तपा तु जलकायां feat afa जजैाकसः ॥ ३६ ॥ NAA GSAYSIA | ररवा ङ्ग मदपस| RPAH TAC A ते मदग] 36 मुक्तास्फोटः feat शुक्तिः शङ्खः स्यात्‌ कम्बरस्त्ियाम्‌ | ARTS शङ्खनखाः शम्बका जलशुक्तयः ॥ SO ॥ STP NTT SATA | SCA TAS ERASE NAAR] ATR सनन SANAIAS | 87 भेके मण्डक-वषाँभू-शल्र-सव-ददराः | श्लौ गण्डपदौ Rat aatel कमटो डलिः* ॥ इष्ट ॥ avai yrearsgeQase) वृ्ुरकुभनवम१न। NATL ASAYA A] ष्वव शसन | Surg ayaa | 38 मद्गुरस्य प्रिया शङ्खौ qatar दौघंकोपिका | जलाशया जलाधारा स्तचागाधजला हदः ॥ se ॥ 7 पडतमतरि नरस्य] FRBMTHHISAN IA | 1. दु लिः” इति पाठान्तरम्‌ | पातालवगेः | आहावस्तु निपानं स्यादूपक्रलजलाश्ये | guna: vet क्रूप उदपानन्तु पुंसि वा ॥ ४० ॥ seckedoqaaay दि तठ्‌ नशस! RVSAINS TAR] इदप] 40 नेमि स्तिकास्य वोनादो मुखबन्धनमस्य यत्‌ | YRC खातं स्यादखातं देवखातके ॥ ४१ ॥ AVIV ङम्‌] VA) ररि | षि) 15 ४ RAR RNASE | 41 पद्माकर स्तडागोऽस्त्रो कासारः सरसौ AT IM पल्वल SAMA वापौ तु दौधिका ॥ ४२॥ (नि aN Mee es 21024 NAA] Bee 45 RNS) SATEEN QR ERE | ERAT हरस] 42 वेयन्तु परिखाधारक्त्वम्भसां यच धारणम्‌ | स्यादालबाल माबाल मावापोऽथ नदौ सरित्‌ ॥ ४३॥ रिप CARR AAS] र दसत पुर SAS | 67 ASAT AR ANA IRA AES] Lasryseaarggc ॥ 4: 68 अमरकोषः | तरङ्गिणौ शैवलिनौ तरिनौ हदिनौ धुनौ । ब्लोतस्वतो द्ौपवतो खवन्तो निम्नगापगा ॥ ४४ ॥ FRAN SHAH SAN Bh] ASST SFHCGY HRI HAN | ०1101 गङ्गा विष्णपदौ जहतनया सुरनिम्नगा | भागौरथौ चिपथगा चिखोता भोष्प्रपि ॥ ४५ ॥ + 11 1 कालिन्दो स्ग्येतनया यमुना शमनससा | रेवा तु AWS Aaa मेकलकन्यका ॥ ee ॥ करतोया सदानोरा बाहदा सैतवाहिनौ | श्तद्रस्तु शतद्रु: स्यादिषासा तु विपाट्‌ सियाम्‌ ॥ ४७॥ धमार SA ETF २8] उदुन-तवेग्र सगर ररत्‌। ST FFAYAINAE | GFA 47 पाताल्लवगेः | शोणो हिरणखबाहः स्थात्‌ कुल्याल्या कचिमा सरित्‌ | शरावतौ WAAL चन्द्रभागा सरस्वतौ ॥ ४८ ॥ SPINA TAT IAG| 5 SE SSRIS | ARN TSH ACS STAC RAR SACARSA SV SC ॥ 4 कावेरो सरितोऽस्याश्च सम्भेद्‌ः सिन्धुसङ्गमः | इयोः प्रणालौ पयसः पदव्यां fay त॒त्तरौ ॥ ve ॥ + 1 TEARS ARS मस्मे इर] TSA ASTANA I] 49 देविकायां aceatsa भवेदाविकसारवे | सगन्धिकन्तु RST CMA रक्तसन्ध्यकम्‌ ॥ ५० | PPAF ARAN AGS |] 50 स्यादुत्पलं कुवलयमथ नौलाम्बुजन्म च । इन्दौवरच्च नलेऽस्मिन्‌ सिते कुमुदकैरवे ॥ ye ॥ 69 70 RATHI: | शल्क मेषां कन्दः स्यादारिपणौ तु कुम्भिका । जलनोलौ तु शैवालं TART कुमुदतौ ॥ ५२ ॥ qa aR aaere sh | 1 | ^. ~ ॥ SABATHIA इह] गुन स्वनरणुष्ठम्‌॥ 52 कुमुदिन्यां नलिन्यान्तु विसिनौ पद्िनोमुखाः | वा पुंसि पद्यं नलिन arias महोत्पलम्‌ ॥ ys ॥ awe AR EPARA SICA | FCVRIATATAAG | WE AUFSA| SOTA SAINATATAL || 53 सहखपचं कमलं शतपचं कुशेशयम्‌ | पङ्केरुहं तामरसं सारसं सरसौरुहम्‌ ॥ ५४ ॥ iN ++ > 11 92 तमत्त] SHANA HANSA SA] 54 विसप्रसून-राजोव-पुष्कराम्भोरुहाणि च | पण्डकं सिताम्भोज मथ THAT ॥ ५५ ॥ FAR RAIN TS SABES | eA TSH] FAN SAN ANA AAR |] 55 पातालवगेः । रक्तोत्पलं Hats नालानाल मथास्ियाम्‌ | aura विस मलादि कदम्बे षण्ड मस्तियाम्‌ ॥ ५६ i SANA तदनमन] ज्ञ दुदरमरपानर | FANN AT SASS | ISSN NSN | 4/1 करहाटः शिफा कन्दः किञ्जल्कः के सरोऽस्वियाम्‌ | संवत्तिका नवदलं वौजकोषो वराटकः ॥ ५७ | [09 | ^^ ~ 4 AAAI दिसत AANA] समस ९2|| 57 उक्तं सवर्व्योमदिक्षालधौ शब्दादि सनाग्यकम्‌ । पातालभोगिनरकं वारि Sosy सङ्गतम्‌ ॥ ५८ | AAR] AASV SRA मद RATAN | sp Rr Se Ssarerse | सदान सनुमः) LAAN FSIS ISN १.५९] 58 इति पातालवगेः ॥ दूत्यमरसिंहकतौ नामलिङ्गानु सने | सखरादिकाण्डः प्रयमः साङ्ग एव समज्ितः॥ समापो SA |] AB AS NCAA AES AA SILAS EA E.G ET AIS RTA ASA STAR AAG ATG ISSN EESTI] प्रयमकाण्डः TATA: ॥ नन --~ Do aay भूमिवगेः। वर्गाः एथ्वोपुरश्माखदनाषधिषगादिभिः। न्दब्रह्म कछषचविटृश्रदरेः साङ्गोपाङ्ग रिहोदिताः॥ १॥ न्क ह (नि ` NASER T NAPPI ALAS | RAPRCS SANSA FALL AINA SAN] स्रतु ERAN ARIST ANN NG AST ASA | FAA AT AAT ISA ASSES || 1 भू भूमि रचलानन्ता रसा विश्वम्भरा स्थिरा | धरा धरिचौ धरणिः erat ज्या काश्यपौ fafa: ॥२॥ समाति श्रन 3< सेनाम प BISA WAT ISA BS RAIN QAICAT | AR AVAETSSHFIVAS | ^ द्वक garg So ARCA SASS AGSASS II 2 AAAS वसुमतौ वसुधोन्वौँ वसुन्धरा | गोचा कुः एथिवी geal eatafa मेदिनौ महौ ॥ ३॥ TARA वरप] प्वस्वनवैनाषड इद्वः । समर समाविश 35०३६] SAAT ALS |I 8 म्मिवगः | छन्मृ्तिका प्रशस्ता तु Bal Aral च त्तिक | Ta HAUS स्यादूषः छ्षारणत्तिका ॥ ४ ॥ सुभग] सत्स AS AEN SIIFAT TAG रत] समनमत्‌] 4 ऊषवानृषरौ दावष्यन्यलिङ्ग स्थलं स्यलौ । ` समानो मरूधन्वानौ दे खिलाप्रहते समे ॥ ५॥ रमन कनखम्‌रर] मसमसा DS NGA SAIS दस get + CSP CAYO AAS! | पि HAHN ASN ASSN |] 5 चिष्ठथो saat लाकः fasd भुवनं जगत्‌ । लाकीऽयं भारतं वषं शरावत्यासतु योऽवधैः ॥ & ॥ TNA FAN AYIA | QETEF HSS ASISAAS | सदनस AT ARTS | तदमर 72. SISA || 6 त देशः प्राग्दकिणः प्राच्य उदोच्यः पञश्िमोत्तरः। प्रत्यन्तो म्लेच्छदेशः स्यान्मध्यदे शस्त मध्यमः ॥ 9 ॥ ददनातन] ररर SCAR >>> 13 way | RVI AIS STE 7 10 {4 BATH: | आर्य्यावत्तः पुखभूमि म॑ध्यं बिन्धयहिमागयोः। नौटज्जनपदो दे शविषयौ त्रपवत्तनम्‌ ॥ ८ ॥ ARIAISTARRSTASIS कससि | BAIN SS ENA STS SIN | aICQ RACH AA AABN] WOrBAaSrScg Gans || 8 विागोष्टादनुप्राये ऽनडवानड्वल इत्यपि । ` HASTA कुसुदप्राये वेतस्वान्‌ THAT ॥ € ॥ गाम दवस गी AS QA | ARR TAR SR ASAA SS Wert शद हरिते सजम्बाले तु पङ्किलः | जलप्राय AAT स्यात्‌ पुंसि कच्छ स्तथाविधः ॥ १० ॥ TAS SVEN TAS | AT ANTS धरतो । SAC SAR AAAS 454१7 7 नाला lee at WATT शकरिलः शण करः शकरावति | देश एवादिमावेव समुन्नेयाः सिकतावति ॥ ११ ॥ मषा समहु] INATNALFES SS सवस र WA SRATS | पलिननानेन्‌ ५८.वैतरञ॥ 11 = ) मिवः । 75 देशे नदयम्बुटध्यम्बसम्यन्नः atfeurtaa | स्यान्नदौमादको देवमाठ्कश्च यथाक्रमम्‌ ॥ १२॥ ते्य'उमु८ नारपुर WO | BR QATAT SNL STN HS | व]रपतदिव क्षपम्‌] ह्र Rsr]] 12 सुरान्नि SM राजन्वान्‌ स्यात्ततोऽन्यचर राजवान्‌ | MS Maan तत्त॒ गो ्ठौनं भूतपूव्वकम्‌ ॥ १३ ॥ वति तरि | तविरत ATA SAAC | गाह शोधः sq Gar sera Sarge | 0, पथन्तभूः परिसरः सेतुरालो स्यां पुमान्‌ | वामल्रश्च AHA वल्मोकं पुंनपुंसकम्‌ ॥ १४ ॥ STARS SANSA GNA] दरपुर TASCA | Sa PAPAIN SOMATA RA] SarTacaargccy 14 अयनं वत्म मागैध्वपन्धानः पदवौ तिः | सरणिः पद्वतिः पद्या वत्तन्येकपदौति च ॥ १५॥ AN SCAT IAT ISS | qrasragsypgy Sar ac asl | ABR S ACSA |] 15 ` 76 RATHI: | gfauat: सुपन्धाञ्च aay आचिंतेऽध्वनि | व्यध्वो Steal विपथः कद्ध्वा कापथः समाः ॥ १६ ॥ AF TART त्ष] रपवन तु ररि न AN पमषष रतातत] KSAT ergs SSCA |] 16 ~ >. Ca, ATT कत्वपथं तुल्ये सङ्गाटकचतुष्यथे। परान्तरं दृरश्रन्योऽध्वा कान्तारो FH दुगंमम्‌ ॥ १७॥ 111 RBVARST ATSC AG SISAL | ११.८९.२८. ARIAS | AMAA ATIAAINSE'S |] 17 Tafa: wat कोशयुगं Aa: किष्कुचतुःतम्‌ | घण्टापथः संसरणं तत्युरस्योपनिष्करम्‌ ॥ १८ ॥ इति भूमिवगेः। गमे सतत रनुनास प] FARA पतति | ०315 दनि] VAAN SA त ॥ 15 सरमन्मरम| -- ~~~ ~~~ -------~ प्रप Lai: | पुरौनग्यी $ ~ पूः wat पुरं वा पत्तनं पुटभेदनम्‌ । व्थानौयं निगमोऽन्यत्तु यन्धुलनगरात्‌पुरम्‌ ॥ १ ॥ नपि ३ © xe a) $ च <] x 3.31 | ~~ ae [गै ae RA SSR SSAC | तोष सपद ARS STARTS | QRS SRT AIGA NN | WQA= SIA AE ERAS 1 तच्छाखानगरं वेशो ALTAAAATAA: | आपणस्तु निषद्यायां विपणिः पणयवौथिका ॥ २ ॥ RBA Aaa तर | VASE SANE AST वाश रिम ॥ 1, =, | BLAST ACTS AS TRC | 9 रथ्या प्रतोलौ विशिखा स्याच्चयो वप्र मस्ियाम्‌ | प्राकारो वरणः शलः प्राचौर प्रान्ततो डतिः ॥ ३॥ सुनु ATS] २ AMAT AS AQANL ASIN ASS | Rar] ANS Savage Wasa |] 3 18 WATKIN: | fafa: wt कुद्य मेडकं यदन्त न्येस्तकौकसम्‌ । गरहगे होदवसितं वेश्य सद्म निकेतनम्‌ ॥ 8 ॥ डमा रत्वा दन | sangre | RENESAS | FEST TSIN SEAS IA | 4 निशन्तवसत्यसदनं भवनागारमन्दिरम्‌ | छदाः पुंसि च भूम्न्येव निकाय्यनिलयालथाः ॥ ५ ॥ NSA AGYSTATSTSS | मागक्मप वेसा बसि | AEF MINHA TAL TAS! HASTA HCS AC BANAC I] 5 वासः Fel दयोः शला सभा सन्जञवनं त्विदम्‌ | VEN मुनोनान्तु पणेशलाटजोऽस्ियाम्‌ ॥ € ॥ सदगसासथमसनगा॥ ASIST Barger | BaraQnacrsapes] शुद्मसतिसि-भतनर | S HN HUT ASAT |] चैत्य मायतनं तुल्ये वाजिशला तु मन्द्रा | श्रावेशनं शिल्पशला प्रपा पानोयश्ालिका ॥ ७ | AT SANSA NAAT ASN BARE RSAC STITT ANN | PEARS | 7 पुरवगेः | 79 ag स्छाचादिनिलयो asst तु मदिराख्हम्‌ | गभागारं waze मरिष्टं खतिका खम्‌ ॥ ८ ॥ सतना (्पसगास पास | map F anne Ba | PIAGET BA] AGF TASTES | 8 वातायनं गवाक्षः स्यान्मर्डपोऽस््रौ HATA: | खम्भ्या दि धनिनां वासः प्रासादो देवभूभुजाम्‌ ॥ € ॥ TRA AATT | ASAT ATTA AHS शनि वसना AN BA TAN] तस्र SARA OR |] 9 सैधोऽस््लौ राजसदन सुपकार्ययोपकारिका | स्वस्तिकः सव्वतोभद्रो नन्द्यावत्तादयोऽपि च ॥ १० ॥ ववार मननु तनित दिप्त] ayaa दि ८२६] रग ANSTSRMFASCAL | माप RN A Rarer siasrye || 10 विच्छन्दकः प्रभेदा fe भवन्तोश्वरसद्मनाम्‌ | WME WIA मन्तःपुरं स्याद्वरोधनम्‌ ॥ ११॥ SACRA क्रमं | ARTA ATSAT रोर | SORTA ८.०१२.०२३] ASFA र CSS | 11 80 अमरकोशः | Yara घावरोधश्च स्यादट्रः क्षौम मस्ियाम्‌ | प्रधाणप्रधणलिन्दा बहिदीरप्रकोष्ठके ॥ १२॥ - awe que SEHR SIA SFAC SS] WET AIISTR AGS! Sarsrasgires| Reve BasrAs]] 12 WEAVE देदल्यङ्गनं चत्वराजिरे | अधस्ताहारुणि शला नासाद्‌ारूपरिशितम्‌ ॥ १३ | qe PARRA ARTA AS | प्वमषमु तति SERS AC | FRAT ENAINAS | FAS ASA SAAN || 18 प्रच्छन्न AMAT स्यात्‌ WAST पक्षकः | बलौ कनिधरे परलप्रान्तेऽथ पटलं छदिः ॥ १४ ॥ वारिद क्न | SAYA SA SANA G | FAA TATA TSA | LATEAYSCS ANAC I] 14 गोपानसो तु बड़भो*च्छादने वक्रदारुणि । कपोतपालिकायान्तु विटङ्क पुंनपुंसकम्‌ ॥ १५ ॥ मार क्षवे गवै श्च] SSyRV RAC SAN SS | ANTANFAACS | AI] 15 * वलभोत्यपि पाठः । पुरवगेः | 81 स्रौ दार्दार प्रतो हारः स्यादितदिरतु वेदिका । तोरणोऽस््ौ वहिद्वारं पुरदारन्तु गोपुरम्‌ ॥ १६ ॥ रु ऽर] सवसरे पु PUAN AAT HN | नुटि कर सॐ] 16 He पुद्दारि ashe स्तस्मिन्रथ fay | कवाट मरर तुल्ये तदिष्कम्भोऽगेलं न ना ॥ १७ ॥ NN aw BIKA WTA SARA रसम्‌] देव्यस्ता FAH ATTA | FIHHARC AHSAN | 17 आरोहणं स्यात्‌ सोपानं निःश्रेणि सत्वधिरोह्िणौ | सम्माजनो शोधनो स्यात्‌ सङ्धरोऽवकरस्तया ॥ १८ ॥ दिगन्त मैवम क्स] SITS OTTRS | BASTSCA TIF AG] FOVSC HRSA ANCN || 18 fan मुखं निःसरणं सन्निवेशो निकषंणम्‌ | समो संवसथग्रामो वेश्म वास्तु रस्त्ियाम्‌ ॥ १९ tt PAST HIV ATS QE AS | SAAS agearseRTRRART] BASSAS SE THAI 19 11 १ HATH: | ग्रामान्तमुपशल्यं स्थात्‌ सोमसौमे स्ियामुमे | घोष आभौरपल्लौ स्यात्‌ पक्कणः शवरालयः ॥ २० ॥ इति पुरवगेः ॥ 3 1. | 121 TACT RAAT = र . AE BASH ASF I र्य Wea: | | ७ लनल welts श्खिरिश्साग्वददहाग्थधरपव्वेताः | अद्विगोचगिरिमावाचलशेलश्लि चयाः ॥ १ ॥ AQ ९गा सनि SHAN IGASS | शिवस नम |S SIT वमर] SANA T IAA शुः | SSCS Sq SASSI | 1 लाकालाक चक्रवाड स्विक्रूट स्िककुत्समेा | TAG AAMT: TATA! ॥ २ ॥ AEE SOT RS QTR | AAS SAN इनाम ASC PROSE वर्सन] » हिमवान्निषधो विन्ध्यो माल्यवान्‌ पारिपाकः | गन्धमादन अन्ये च हेमक्रुटादयो नगाः ॥ ३ ॥ SIFATRA ARS AATSSAE | AAC SFSE TAIN ध्यास वशर AC'SNCA BIN] AIGA NAIC AS aA ON AAT STAR] 3 * Tibetan adds:— सङ्ग ae, HM) NI B-TSHAA | THR] Ar] पे मम्‌ | गो -तुर्नी | SPAHR] aanvRg gaye yy qaqaaaqn’e |] a ns i 84 अमरकोषः | पाषाण-प्रस्तरःग्रावोपलाश्मानः शिला SUS । करटोऽस्तलौ शिखरं सङ्गं प्रपात सू्बतटो BT! ॥ ४॥ RISA स] सरग SARC | ASMA AS TSC | हर ASAP NES) SERS 4 कंटकोऽस्त्ौ नितम्बोष्रेः खः प्रस्थः सानुरस्तियाम्‌ | उत्सः प्रखवशं वारिप्रवाहं निभरो करः ॥ ५॥ 1. / | समव इस्वठ क्त | SALT SHS SSM 3 दरौतु कन्दरो वा स्रौ देवखातविन्ले गृहा | Tat MUSTANG DAT: WAT गिरेः ॥ | qa QNCATSTA NAH) SATAN BN SLATS AC | ता ९९ कपर] CARA AAS SANA || 6 खनिः सिया माकरः स्यात्‌ पादाः प्रत्यन्तपव्वताः। उपत्यकाद्रे taal भूमि eg मधित्यका ॥ ७ ॥ र TTAIE ARIAS] AA ARTA AG | इट्सिन] ASCSEF STIG] 7 20 | रेलवगंः | 85 धात्‌ म॑नःशिलाद्यद्रे गेरिकन्तु विशेषतः | निकुञ्जकुश्जो वा ala लतादिपिहितोद्रे ॥ ८ | sfa ओलवगः ॥ RA RRNA SEAR NIN | करा र्मनः मै BFS ANS aa SeN ACE | तिव eNAST ENN AAA |] 8 AQ 510 || वनोघधिवर्भः । अटव्यर ण्यं विपिनं गहनं काननं वनम्‌ | महारण्य मरण्यानौ शहारामास्तु निष्क्टाः ॥ १ ॥ । | = Sao FINAN PUES TI र्द्म वतन] PAYETSAS AST ARV SAAS | RASA ATTA | FSSC SAS CASE 1 आरामः स्यादुपवनं छचिमं वनमेव यत्‌ । अमात्यगणिकागेदोपवने Taare ॥ 2 ॥ 11 1 तेपतमनार < श्म दतर] SISTA BSAC फ पनि १९५ GET RETA उत्‌] 2 पुमानाक्रोड उद्यानं राज्ञः साधारणं वनम्‌ । स्यादेतदेव प्रमदवन मन्तःपुरो चितम्‌ ॥ ३॥ छसु हनाम पेम ASM | AN तमाले मरक AA ey | पत] SAPNATAIVSA नु तिमर | ४ वनो षधिवगः | 87 arate crate: पक्किः sat लेखास्तु THA: | qT वनसमूहे स्यादङ्करोऽभिनवोडह्धिदि॥ ४॥ ठस ठतनुतिुरवे] ASSASINS Sy Ar Ray ay | SISA CR Hay's SANNA Rig qyRaqerge | A zal महोरुहः शाखो विटपो पादप स्तरः | अनोकहः कटः शलः पलाशो दरद्रमागमाः॥ ५ | वैत NANWNA TSS | तवव रुर दुर कि्क QSARAPAS दर Arar sa] स्र द्वैत वृर AAT Aa 5 वानस्पत्यः फलैः पुष्यात्तेर पुष्या दनस्पतिः। Sof: फलपाकान्ता स्यादबन्ध्यः फलेग्रहिः ॥ &€ ॥ मृगस्वरा AS | AGTH परिस TN | FAAGNHAHIVALTS | QA TARG TAT GA | 5] 6 qaasHAAaAMT च फलवान्‌ फलिनः फलौ । प्रफल्लोत्‌ फलसं फलव्या को शविकचस्फुटाः ॥ O ॥ सिरु वेः तना र] AIBA ARN SA वैर तना SS | ATR GANGA AN | शुत" 7 88 अमरकोपः। फाल्ल वेते विकसिते स्युरबन्धयादय स्तिषु | AU at ना श्रुवः शङ्क हस्वशाखाशिफः क्षुपः ॥ ८ ॥ REY RT THANG | सकृन्‌ NT IYTNG | a= Segara ts STE | स्पन्दि] 8 SUAS स्तम्बगुस्मौ वल्लौ तु व्रतति लता । लला प्रतानिनौ Taz गुल्मिन्युलपमित्यपि ॥ ९ ॥ सवशर नाभ स | धिते वा गद । दति वैरि सप्तवन हवा ८ क| 9 नगाद्यारोह SHA उत्सेध ओच्छयश्च सः | अस्त्रौ प्रकाण्डः स्कन्धः स्यान्मृलाच्छाखावधे TAT: ॥ १० ॥ नीर ors 55 219 | वणर ॐ२-> TATA YS ALS | इरप्पनननभसर-वेर| 10 समे शखालते स्कन्धशाखाशले शिफाजटे । शाखा शिफावरोहः स्यात्‌ AMT गता लता ॥ १९॥ RE eT = RSCTA ना | स AWAY AT NAVAS ARC | SRHACA AAG | प्प SAVAYOAAC | 11 वनौ षधिवगंः | 89 शिरोऽग्रं fret at ना मलं ब्रघधोऽङ्िनामकः। सारो मन्ना समो त्वक्‌ Mal वल्कं वल्कल मस्त्िवाम्‌ ॥१२। Qa 1 77 प्प्‌] SAHA | FOATARAN AGN | SANTA ASH AS I] 12 काष्ठं दाविन्धनं त्वेध ze मेधः समित्‌ सियाम्‌ | निष्कः कोटरं वा ना वल्लरि मंन्ञरिः सतियो ॥ १३ ॥ सि"वैः-वै3९-त- 1 war gr aarqe-say वेपन] PSA SSSA] IQS SH || 19 पतं पलाशं छदनं दलं GW छदः पुमान्‌ | पल्लवोऽस््ो किसलयं विस्तारो विटपोऽस्ियाम्‌ ॥ १५ | ८ gyerargagyacy agra acararag sa | पपत stag ayn Serge | Faas aa’s | 14 SaAlstat फलं शस्य इन्त प्र॑सवबन्धनम्‌ | आभे फले शला टः स्याच्छुष्कं वाण मुभे fy i १५॥ ARRAN SRN AIS IA | ASA SANS SRS aHFART Tare | THATS] AFIT} || 15 12 9० अमरकोषः | RCH जालकं क्तौवे कलिका कोरकः पुमान्‌ | VASSAR स्तवकः FEAR मुकुलोऽस्ियाम्‌ ॥ १६ ॥ ‘AMA AO नुष्पकवु मव] वाति FACS INAS | reascererac) geEaeraantRas] Hype faa: सुमनसः पुष्यं प्रख्नं कुसुमं समम्‌ | मकरन्दः पुष्परसः परागः सुमनोरजः ॥ १७ ॥ RAMSTEP-A STAC | TT AASRSTRECSTAA | NaZ fh HAT ASF ACA STA | SAY ६०१६५२२ ay 17 fasta प्रसवे सव्वं दरोतक्याद्यः स्वियाम्‌ | आश्वत्यवैणएवसक्षनैयग्रोधद्गःदं फले ॥ १८ | ABNAAF AIT AIN | ए सासपकर्व| BSAC ABS | शुभे हि | एरु AFAGNTAN |] 1४ वाहंतज्च फले जम्बा जम्ब्‌ः स्तौ जम्ब जाम्बवम्‌ | पुष्ये जातौप्रम्टतयः स्वलिङ्ग aes: फले ॥ ee ॥ भम GAAS IE त EET ARES | NSA ARA AVANT स] -ACAPEATSY | AT SCART] 19 $$ a मि = * 29% for वुं 2 वनौषधिवर्गः | विदाग्यौद्यास्तु मूलेऽपि पुष्ये क्ञौवेऽपि पाटला | बोधिद्रम Base: पिष्यलः कुञ्जराशनः ॥ २० ॥ ARS ANTS | इत सेगुश्भर ड] वि | 5ऽ८&5.व7 < ararags | 4 || 20 भ fra देधि शअश्वत्ेऽथ कपित्थे स्य॒ दधित्धग्राहिमन्मथाः। तस्मिन्‌ दधिफलः पुष्यफलदन्तश्ठावपि ॥ २९ ॥ > YASYTE HT TSI HVA A] LAG agarasayag | ANZ SAN 25251216 |] 21 SSAC जन्तुफलो यज्ञाङ्गो हेमदुग्धकः | कोविदारे चमरिकः कुदालो युगपचकः ॥ २२॥ AAA TARET IVAN] ASTRA TATA < ^> प्स NINE WT स्व] TAS नि SCS |] 22 सप्तपणं विशलत्वक्‌ शरदौ विषमच्छद्‌ः । AVIA राजटक्षशम्पाकचतुर इलाः ॥ २२ ॥ ससत्य AAT NAC | तरतम | FERACR ATA GE] ASYNRAAAAS || २, ५४ BATH: | श्रारेवत-व्याधिधात-कतमाल-सुवणैकाः | © WAM दन्तशट-जम्ब-जम्भौर-जम्भलाः ॥ २४ ॥ पि निरस] सिवा सेर तवत | VS ASFAN RAC | श्र भदत 24 वरुणे वारुणः सेतु स्तिक्तशणकः कुमारकः | पुन्नागे पुरुष aa केशरो देववल्लभः ॥ २५ ॥ AA इवेरनास्वदर] किनपरममकि करि] ् सषुदठुतैरश्चेषवमप | मघम गो प ARS | 25 पारिभद्र निम्बतर मन्दारः पारिजातकः । तिलिशे स्यन्दनो नेमौ Tag रतिमुक्तकः ॥ २६ ॥ WIRAARR ALS A AAC | SAAC ASH ATA | FATAL इमा SHV ARAL ALGA AE I] 28 aa fares et पौतनकपौतनौ | AAA मधुकेतु गृडपुष्य AYFAT ॥ VO | 1. न. वनोषधिवगेः | वानप्रस्यमधुष्टोलौ जलजेऽच मधूलकः | पौलो गुडफलः set तस्मिंस्तु गिरिसम्भवे ॥ २८ ॥ SERRE SYS | महु रसम भण्‌ | 1. आ्आशोडकपरालो द्वा THIS तु निचोलकः। पलाशे किंशुकः पर्णो वातपोलोऽथ वेतसे ॥ २९ ॥ ग निवर्ते] WAGE eT aAS 3A | eran.’ c Ag | सिशत | Rass तेरयेर दुतम] 0 रथाञ्नपुष्य-विद्ल-सौत-वानौर-वच्जुलाः । दो परिव्याधविद्लौ नादेयौ चाम्बुवेलसे ॥ ३० | वैवश्वत RTS 9) पिरे | ममेम ऽमे] 2 शोभाञ्जने शिगतिक्ष्‌ गन्धकाः छौरमोचकाः। रक्तोऽसौ मधुश्णिः स्यादरि्टः फोनिलः समो ॥ ३१॥ SEATS AT HS वेनु] रमन्‌ सभतम SEAR TASS | ISPS ATG ARS 81 ०५ ्रमर कोषः | fast शाण्डिल्य शेलषो मालरभ्नौफलावपि | क्षो जटौ vat स्यात्‌ न्यग्रोधो बहपादटः ॥ ३२॥ कविर Fep scares SANT ARTS HS IN | ATA SSAC) FT ESAACATAS | AA |] 92 गालवः Wea ary स्तिरौर स्तिल्वमाजंनौ | आखर AA रसालोऽसो सहकारोऽतिसौरभः ॥ ३६ ॥ € € € GARTER | FARIS | VAL तेम रवि] BA SATUS TAG] 8 दम्भोल्खलके BLT HMA गुग्गुलुः पुरः । TY श्चेष्मातकः त उद्ालो TAT: ॥ ३४ ॥ TAA ERAT STA | गितिणशुग नुभि न्गेरस | Taras SERT ATA AR | दपनिङ्वसन्पन्परस्| 34 राजादनं पियालः स्यात्‌ MARE धनुष्यटः । गाम्भारौ सव्वतोभद्रा काश्परौ मधुपणिका ॥ ३५ ॥ वभव द्वेष्य | साह ace | = णु परग] | ¥Reral] 9 वनौ षधिवगेः | 95 Riga USI च ATA BOY इयोः | कवेन्धर्वदरौ कोलिः कोलं कुवलफेनिले ॥ ३६ ॥ वायोर | MTS SEALS ASI | an = mmQR ARSE SACS) गे) An SA MAS II CH 214" |] 36 सौवौरं वदरं घोण्टाप्यथ स्यात्‌ स्वाद्‌कण्टकः। विकङ्कतः wate ग्रन्थिलो व्याध्रपादपि ॥ ३७ ॥ +. | तेवद्ष्च ABM | वेणाणाध क्षपिः | Sq agar sc शवो गीर 37 शेरावते नागरङ्गो नारेयौ भूमिजम्बका | farce: स्फुजकः कालस्कन्धश्च शरितिसारके ॥ sc । AAS FAO] GN देसि TERE | गः AAS ART 1 33 MAC कुलकः काकपौलुकः काकतिन्द्‌के | गोलौ चोज््यटिलो घण्टापाटलि मेर॑क्षमुस्करो ॥ se ॥ mise Tray TSF inhi | te | ABR om 2 96 अमरकोषः | तिलकः क्षुरकः श्रौमान्‌ समो पिचुलभ्ावको । Softwar कुमदिका कुम्भौ कैटय्यैकट्‌ फलो ॥ ४०॥ 7 | | + (11 eae ॥ रपमरोषमणुकतण। TS TES TCA ARN | 40 ) कमुकः ufgare: स्यात्‌ पदौ लाक्चाप्रसादनः। ATHY पुषः कमुको ब्रह्मण्यो ब्रह्मदारु च ॥ ४१ ॥ माणा रेवा वमा SAS Tg गस रसद + ॥ BERGE ALTARS SIE 41 तूलञ्च नौपप्रियककदम्बास्तु इलिप्रिये । वौरदृक्षोऽवष्करोऽग्निमुखौ भल्लातकौ विषु ॥ ४२ ॥ मड] नुगसठेरणी य गावेव गमित उदव] सवम्‌ ACSC USPS RSS तती | 42 TEMS RTA कपौतन सुपाश्चकाः | aug तिन्तिडो चिच्वा ग्निकाथ पोतशलके ॥ ४३ ॥ ty SOT TAN | ॥ Te | कीटे ARCATA वेः] SAA SNA TS-AC' |] 4 (Al en 5 ५8 S वनो षधितव्रमः | सजंकासनबन्धूकपुष्य प्रियकजो वकाः | णले तु AAA करकाः शस्यसम्बरः ॥ ५४ I एवज पग AANA ३ ९2९६] श्स्ण्‌रः। डण्‌ ई तगर FTA wer सप ॥ Ad नदौसर्जो वौरतररिन्द्रदरः ककभोऽजनः। राजादन HATA छोर कायामथ दयोः ॥ ४५ ॥ मी 01 1 AAA ~क ROT ST ES | रद Par ACS STANT | 45 इङ्कटौ तापसतरभूजं ai खद्त्वचौ । पिच्छिला grat मोचा facta: शल्मलिद्योः ॥ € ॥ PLS TIE] भमापरनानुमवनत। स्पिनर वाति दर वदुमु ८] GANT AGS | 40 पिच्छातु शल्मलो वेषे Tea: क्ट शाल्मलिः | चिरि विह्वलो नक्तमालः कग्जश्च करञ्जके ॥ ४७ ॥ दमन] एमरगने ॥ WS For 4g? 13 97 98 अमरकोषः mata: पूतिकरजः पूतिकः कलिकार कः | करज्जमेदाः ULI मकंव्छङ्गारवल्लरौ ॥ ४८ ॥ Arms] रवैणनरणपिणारणा। MRA DACA ATA S| AVATARS र || 48 राहो राहितकः ate शवुदाडिमिपुष्यकः । गायचौ बालतनयः खदिरा दन्तधावनः ॥ ४९ ॥ TSR HITASAAY] TAVERNA] ATER ASAA ANAC] PANGS STAI] 49 अरिमेदो fazafet कदरः खदिरे faa: सोमवस्वोऽप्यथ BAPE गन्धव्वं हस्तक ॥ Yo ॥ RAS AST EY रा aic RET ACs SIC SION TS | FAA NATTA AS | रणस्‌ रइग^र.त१म्‌]] 50 एरण्ड उरुव्‌कश्च रुवृकशिचकश्च सः | चञ्चुः UHR AW वदमान ASAT: ॥ ५१ ॥ AEYSIT| SETA S| > ax ba ९9१4१९८१ | (वर ea gegy |] 51 * Hor AEN 2 वनो षिव; | 00 अल्पा शमौ WaT: स्याच्छमो सक्तु फला शिवा | पिण्डोतको मरूवकः आसनः करहाटकः ॥ ५२ ॥ SREY AACS aS | | RNAV AIN A TAL FAT | AZIM NA TNS OT | | 5 > ५1 a प्रल्यश्च मदने क्रपादपः पारिभद्रकः भद्रदारुद्रंकिलिमं पौतदारु च दारु च ॥ ys I FORE AAC रको तेमणार ९१०२८२२६] वर कर न्7तिर] ARENA GANS SAGE I] 5 पूतिकाषटञ्च सप्त स्युदेवद्‌ारुश्यथ दयोः । पाटलिः पारलामोघा काचस्थालो फलेरुहा ॥ ५४ ॥ तरमु VTA SAG ] देनव क्मैमुर sc | me | १५4 | 54 AMSA कुवेराक्षौ श्यामा तु महिलाया | लता गोवन्दनो गदरा प्रियङ्गुः फलिनौ फलौ ॥ ५५ ॥ THT SATIVA AN] पलार उम सरन] Qa esargaya sarge | ACHETER | ARAT-GRSEA AIN'Y'S§ | 55 * Hor 4a 2 —— 100 ्रमरकोषः। विष्ठकसेना गन्धफलो कारम्भा प्रियकश्च AT | मण्ड्कपगौपत्ाशो ALHFH टु ण्ट्काः ॥ ५६ ॥ सुदिनत्व] SERS ATSC I] 56 शोनाक शुकनासक्ष Steet IAT: | ोणकश्चारला तिष्यफला त्वामलकौ fag ॥ yo तणा 5 ववर AE | FE LACAN AAS सया सनाथदेपसगुटमह] ARTSSAA aaa च वयस्था च चिलिङ्गनतु विभौतकः। FAG कफल भूतवासः कलिद्रमः ॥ ५८ ॥ TANITA रदेन AR | SAINTE TS 5 | AATAC AN SATS र 238 | ASEH र वानस ईर 1A AE || 58 अभया AMAT पथ्या FART पुतनाशता | हरोतकौ हैमवतो चेतकौ Baat शिवा ॥ ५९ | (ररिमा +न 51 G5 HAN VARS SHAS FAC | SARC नासेर BSC | Siar तेद यत्यनर लि ] 59 * Hor 7 F5'q4N 2 वनौषचयितव्रगैः | Gag: सरलः पूतिकाष्टच्ाथ द्रुमोत्पलः | कशिकारः परिव्याधो waar लिकुचो ee: ॥ ६ ° ॥ विसर्वे] १८६१८ वेक ५५८द्‌ | ATMA IESE S| दत HIRST AE पनसः कण्टकिफले निच लाऽम्बज इन्जलः | काकोडम्बरिका फरूगु AAT जघने फला ॥ ६१ ॥ सदनस] FEV SHE AE | SAAT ST] AAT ANAS SE ec ~, & EARNS SS || 61 अरिष्टः सव्वतोभद्र दिङ्गनिर्यासमालकाः। पिचुमदश्च निम्बोऽथ पिच्छिलागुरुशिंशपा ॥ ६२ ॥ SAPP SO AAAS | वेगा. [1141 4] 5१० sys) वोरव] 02 कपिला भग्परगर्भा सा शिरौषस्तु कपौ तनः | भण्डिलेाऽप्यथ चाम्येय अम्यको हेमपुष्यकः ॥ & ह ॥ 7 | विश्व ८९९4२८८. DEAN L SS ANS | SIAC SIT] ANAS सपा ae I] ५8 102 अमरकोषः | रतस्य कलिका गन्ध फलो स्यादथ केसरे | वकुल SHASTA समो करकदाड़मि ॥ SB | रषपि्ससदुणतिणा] रभि ससदुरेवस्ै। गिरवर ITA वति aca a5 | RECAST ATS CA || 64 bed चाम्पेयः केसरो नागकेसरः काञ्चनादयः | जया जयन्तौ तकारौ नादेयौ वेजयन्तिका ॥ sy ॥ र प्रणो स८३। FATT सर मासिर | > 1/1 FAW AR STAGE || 65. slaw मधिमन्धः स्यात्‌ कणिका गणिकारिका | जयाथ कुटजः शक्रो वत्सको गिरिमल्लिका ॥ € € | रववोषठमनरगेर। Sage Masry gp FINA ANAT तैव] JAAKSCA AAC | 66 A ~ ry ¢ एतस्येव afassad भद्रथवं फले | छष्णपा कफला विग्रसुषेणाः करमदके || FO ॥ A WAIN STA 55 दग्र मृ २८९२६] वनो षधिवगेः | 103 कालस्कन्धस्तमालः स्यात्‌ तापिच्छोऽप्यथ सिन्धुकः ॥ सिन्धुवारेन्द्रसुरसो निगुण्डोन्द्रा णिकेत्यपि ॥ ec ॥ Sau = NGAMNNSTA| SOAPAC ¬ वेणौ खरा गरौ देवताड जौमूत इत्यपि । ओ्रौ हस्तिनो तु भ्रुण्डो ठृणश्रन्यन्तु मल्लिका ॥ ge ॥ | 5२~ <~ ~ || 68 AFTRA AAS Sa GSE E Scare SS] TS ACACA ATI] 09 भूपदौ शतभौरुश्च सैवास्फोता वनोदह्ववा | शेफालिका तु सुवहा निगुण्डौ नौलिका च सा ॥ oo ॥ NAAN STS SS STL AVA IE | ति गनत तकनर। शुर RST SS | 70 सितासो शेतसुरसा भूतवेश्यथ मागधौ । गणिका युथिकाम्बष्ठा सा पौता हेमपुष्पिका ॥ ७१ ॥ सरद न्गारभ<८] Garages SITS TET] शुष NTP F NAAN ASAT SS |] 71 104 परमरकोषः | अतिमुक्तः पुण्डकः स्यात्‌ वासन्तौ माधवोलता | सुमना मालतौ जातौ सप्तला नवमालिका ॥ or ॥ तव्‌ नविम उद्र] SV AMSA ACA AS STRAP ATA SPA SCS A] ARTASG RIAA FSCS II 72 माध्यं कुन्दं THA TATA बन्धुजौ वकः । सहा कुमारो तरणि रम्नानस्तु महासहा ॥ ७३ | SR VITNGIA | SANTA AALIGR Rag TATA] SRT IIAP | AY AVAN ACSA I'S | 78 (3 ¥ तच शोे कुरवक स्तच aa कुरुण्टकः | नौला faust दयोवणा दासौ चात्तगलश्च AT ॥ ७४ ॥ Parsee ers 17 | Sarda Frys pI | १. सोरोयकनतु faust स्यात्‌ तस्मिन्‌ कुरवकोऽरुणे । पौता कुरुण्टको faut तस्मिन्‌ सहचरो दयोः ॥ oy ॥ स रपम देन Sars aS नद | SxS | BER रेमात 75 iad ¢ rn ~~ er ee a * For 495 2 वनौषधिवर्गः | 105 SSI जवापुष्यं वज्पुष्यं तिलस्य यत्‌ | प्रतो हास शतप्रास BUSTA खयमारकाः ॥ OF ॥ SAAT IAC] FERAST SAAC | तशर TNC | SVT FANS AAT EAA If 76 करवौरे ATT तु RAT ग्रन्िलावुभो | उन्मत्तः कितवो धूर्तो धुस्तूरः कनकाह्वयः ॥ 9७ | १5ररनरणणा] SASTESC मस्‌ | SE apple mals aladakak wie NAA ASA स~ || 77 मातुला मदनश्चास्य फले मातुल पुच कः | AIT वौजपूरे रुचको मातुलुङ्गके ॥ OF ॥ 1 gary erg57y| > , _ ^ ARN TIE TT EE | AAPAES AT AG TI] 78 समोरणो मरुवकः UGE: फणिज्ज्कः | जम्बौरोऽप्यथ पशेसे कटिन्जर कुठेर को ॥ ७€ ॥ NASH AT | Ee ol el | eas RCA ATS ANAC ठग] तेण | 79 14 106 अमरकोषः | सितेऽजेकोऽच पाठौ तु चिचको वह्हिसंज्नकः | HAS वसुकास्फोत गणरूप विकरणाः ॥ co ॥ प्या (न Ress | NHANT TAIN ~> र. BYR eSATA SAIN || 80 ` मन्दारश्वाकंपर्णेऽच शुक्तेऽलकं प्रतापसो | शिवमल्लौ पाशुपत रुकाष्टोला वको वसुः ॥ ८१ ॥ सवम्‌ SACHA ररर पए SAN | तिथि PTR मवा वेरमरिमाश्चप पद 81 वन्दा टक्षादनौ रक्षरुहा जौवन्तिकेत्यपि । वत्सादनौ च्छिनरुहा गुड्चो तन्तिकाशता ॥ ८२ ॥ ag rors ase तैः केसर फसणुत । दुच्ससपिशि स] कोर दव ०२८३5५२ ॥ ७१ जौवन्तिका सोमवल्लौ विशल्या मधुपण्येपि | Haat देवौ मधुरसा मोरटा तेजनौ SAT | मधूलिका धनुः Sut गोकर्णो पौलुपण्यपि cs | FAVA ANESTH] YEAS IOT | 1 सरतत तै-मः॥ कोः । तिनके ए ५ वनो षधिवर्मः | 107 पाटाम्बष्ा विद्धकणों wut श्रेयस्यै रसा | रकाोला पापचेलो प्राचोना aafafaar ॥ ८४ ॥ यमजस | Sams मास 35 | STAC ABARAT AST! करद NS AY SS | FN PASS | ie 84 कटुः कटम्बरा शोक रोहिणौ कटुरो हिणौ | मत्स्यपित्ता AUIS aA शकलादनो ॥ Ty ॥ तपस्वत्‌] वव. सुर | SSA TRACT ANS | FTSTARSA दिवमुत] ss MATA जडाव्यण्डा कण्डरा प्रारृषायणौ | ऋष्यप्रोक्ता watts: कपिकच्छूश्च मकंटौ ॥ ce | 3] AYSVEC NSP Z | ANAS ESPN's | 22] 7] 4 mR) | ma Saar are I] 86 faarafaat न्ग्रोधौ द्रवन्तो शम्बरो दषा । प्रत्यकृश्रेणौ सुतश्रेणौ रण्डा मूषिकपण्येपि ॥ co ॥ र्शर रसा FHSAA RA ROVSAAATAL] 5 5 ८.) a च ) pw ८१ mm, a) > r 108 अमरकोषः | अपामागः शेखरिको धामागेवमथुरकौ । प्र्यकृप्णो कोशपणौं किशिदो खर मञ्ञरौ ॥ cc ॥ NEAT AS AR ARC | <. ऽर श्य <६ | शुगिति < | > ALAA S | 88 फण्जिका ब्राह्मणो पद्या भागों रद्यणयषिका | श्रङ्गगरवल्लौ AAI शाक AAT वज्खकाः॥ Te ॥ पषण कसव्प] ASAT तोर । कसार MOA ASAT Al | २ ara ० | ॥| 89 (~ ^ मच्िष्ठा विकसा fast समङ्गग कालमेषिका | मण्डकपर्णो भण्डौरौ भण्डौ योज नवल्लपपि ॥ € ° ॥ ईत रर INNA | BC शुभवारे मे ३5द्‌ 54८ || 90 थासो यवासो दुःस्पर्णण धन्वयासः FATA: | रोदनौ कच्छरानन्ता समुद्रान्ता दुरालभा ॥ ९१॥ STATA TA | रगु SMASH AG AN MBAS SS 35.57 १९ ASS | HAS AA GNAT AA [I 9 वनौ षधिवगेः | 109 ण्रञ्चिपरणौं प्रथकृपणौ चिचपण्यङ्िविल्लिका । ` क्रोष्टविन्ना सिंहपुच्छो कलशिधावनिगहा ॥ €> ॥ Sp Piast) इरिभणतसनयम्णा ए तञ नोरहगा erase S< F754 92 निदिग्धिका emt arat seat कण्टकारिका | प्रचोदनौ Fat क्षुद्रा दुष्य्ण रा्धिकेत्यपि ies ॥ Mee a) 1 2०१०1 इर रवादग्‌र ASSO || 9 नौलौ काला क्तौतकिका ग्रामौणा मधुपणिका। amt sae qa त्रणो* दोला च नौलिनो ॥ eg ॥ aalay dea t5 गोण AR HN YS AAAS ASS QAdo'54 AAAVAT AIAN AAG | 19 ५.९८. AAR | SIS AR SYS 94 AAMT: सोमराजो Fafa: सोमवल्लिका | कालमेषो छष्णफला वागचोः परतिफरछपि ॥ €५॥ बसश ८] (रपव ति.क उ] Maral PAX मपा] तगु ROR AINSI] 95 दोणः? ईति प्राठ।न्तरस्‌ | 110 अमरकोषः | छष्णोपकुल्या वैदेहौ मागधौ चपला कणा | ऊषणा पिप्यलौ शौण्ड कोलाथ करिपिष्यलौ ॥ ed ॥ SEAS ARTA | A FRC STATS मान SY TRAN TIT पत] TAPAS SS HAAG | FINTRATS |] 96 कपिवल्लौ कोलवल्लौ Saat वशिरः पुमान्‌ | चव्यन्तु चविका काकचिच्चौ Tq AMAT ॥ sO ॥ MAA] -वष्पसनतवर्य (> STAY SAT AC TT Sa AAT TRE: | 07 पलङ्कषा त्विक्षगन्धाश्वदष्रा स्वादुकण्टकः | MARA MACH AIS इत्यपि ॥ टट ॥ ववण TRS EAA TSE | AQHA TET मी aT रगुक्षण | किमद्य || 98 विश्वा विषा प्रतिविषातिविषोपविषारुणा | रङ्गो महे षधच्चाथ छौरावौ दुग्धिका समे ॥ ९९ ॥ पदर षु पार] Rag तरि. | BSB] A SHRCH ESHA] VASA TA AGEN |] 99 वनौषयिवगेः | 111 शतमूलौ बहसुताभौरूरिन्दौवरौ वरौ | ऋष्यप्रोक्ताभौ रुपो नारयण्यः शतावरौ ॥ १०० | "4 1 “~~ |] 247 ~~ ~: | रक्‌ TANTS | HLTA SSCA | अतु पपत 100 HVAT पौतद्र WAAR इरिद्रवः। Slay पचम्यचादारुहरिद्रा पजंनौत्यपि ॥ १०१ ॥ 5 =] ८.८ णाति ५५] |; त्‌ सर तरप | 7 ¢ < APSE SAR NR AC | AE SNCS |] 101 वचोग्रगन्धा षड्ग्रन्था गोलामौ शलपव्विका । शुक्ला हैमवतो वेद्यमाठसिंद्यो तु वासिका ॥ १०२॥ ae Mee GS SRR TAKE) ATSC Sa rag/s) ATA तताम. | NFARVATSCSE AC || 102 इषोऽटरूष सिंहास्यो वासको वाजिदन्तकः | आस्फोता गिरिकणौं स्यादिष्णक्रान्तापराजिता ॥ १०३ ॥ FNTSC EARL] WES PS FS GTA ES NATA | PSTSRGEIC | Bry PA E44 SN AAI 108 112 ्रमरकोषः | TAMA तु काण्डक्षु कोकिलाक्षे्षर क्षुराः | Was स्यात्‌ शणैतश्वस्कचा मधरिका मिसो ॥ १०४॥ cas 5 Ne सि रमण] ASANO TATA | प a ८९.५.42] वाऽ वाक्व BIA SVAC’ || 104 मिश्रेयाष्वथ सौहण्डा वजद्रः सुक्‌ Get गडा । ` समन्तदुग्धाथ वेक्ञममोघा चिचतण्डला ॥ १०५ ॥ सथतमनरद्धवे। वाईहननेर। VTE SCH सद्मन तेतर गु २९६१] 108 तण्डुल कमिध्रश्च विडङ्ग पुंनपुंसकम्‌ | वला वाव्छयालको घण्टारवा तु शणपुष्पिका ॥ १०६ ॥ HSER TI | eayerarae | उतवा | Sarge श्वत aie I] 106 el Tek. Bata गोस्तनौ द्राक्षा खादयो मथुरसेति च । स्वानुभूतिः सरला+ पुटा चिता चिदत्‌ ॥ १०७॥ वोम पुन द] इन्र गमस सता SASH ASS 5 |] 107 gaer इति प्राठान्तरम्‌ । (1: want वनोषधिवर्मः | 113 चिभण्डौ Taal श्यामा पालिन्ध्यौ तु सुषेणिका | काला मस््रविदलाङइं चन्द्रा कालमेषिका ॥ १०८ ॥ VP PTAC | META ङ्गे mparst pm || 108 मधुकं alan afeayat मधुयश्िका। विदारौ altqa@etat क्रोष्टो च यासिता ॥ १०९ ॥ GR ARAL A {271 ~. 5~ 17. ALAS || SARA RATS ARC | SS AERTS Sars | 109 अन्धा सछौरविदारौ स्यान्महाश्ेतक्ष गन्धिका | लाङ्गलौ शरदौ तोयपिष्यलौ शकुलादनौ ॥ ११० ॥ व कहवननसनारिम | AAS वयननापि। 1255421 JAE] 110 खराश्वा कारवो Stat AAT लाचमस्तकः। गोपौ श्यामा शरिवा स्यादनन्तोत्पल शारिवा | योग्बश्डद्धिः सिद्धिलष्म्यो टङ्धरष्याद्वया इमे ॥ ११९१ ॥ रिण | Satay सदस | a SargpyAaHy qh । nga Ag wer a VSqese शमम | 111 £-5 | (~ 114 अमरकोषः | कद्लौ वारणवुषा रम्भा मोचांशुमत्‌ फला | काष्ठीला ARI तु काकमुद्गा Beaty ॥ eee as & 9 व (| ZI ० ° 3 &| 2 4 वं © ति ० € | त 5 4 PA = 5 - गा 8 AY | (> CA, OX ©| त्ति © Pe AA ra | i | > वार्ताकौ हिङ्गलौ सिंहो भण्डाको दष्प्रथषिणौ | नाकुलो सुरसा रासा सुगन्धा गन्धनाकुलौ ॥ ११३ ॥ Of त: ना NE ET 2“ त रग? णा "वि" 6 "52 ह iy ता ४8 pl ध 4 \ 4 | ग न || 118 नकुलेष्टा भुजङ्गगक्षौ छचाकी सुवहा च सा | विदारौ गन्धांशुमतौ सालपणौं स्थिरा धवा ॥ ११४॥ AT VASS LATA | RASS ACY ASEAN बम तपस रप्‌ SA | TAR ARTSC AST AC पश्‌ 114 तुण्डिकेरौ समुद्रान्ता कार्पासौ वद्रेति च ॥ भारदाजौतुसा वन्या शङ्गे तु Wael उषः ॥ ११५॥ RAY AA HRS ASIA STAC’ | MRE TER | रसा'पनि-तीप ९5५] A SaRCAO BAA A |] 115 CA वनो षधिवभैः | 115 TF नागबला BAT इहस्वगवेधुका | धामागेवो घोषकः स्याममहाजालौ स पोतकः ॥ ११६ ॥ पोगर "पाडः x P- & RJ पा < had णा ee | 4१६६ AA mm @ AMO’ ° =F त) त al NJ 6 4 षवि SP BING | aye VASA NA |] 11 ज्योत्‌सख्ौ पटोलिका जालौ atest भूमिजम्बका | स्याल्लाङ्गलिक्यप्निशिख। काकाङ्गौ काकनासिका ॥ ११७ ॥ अ ततपि] 117 गोधापदौ तु सुवहा मुषलौ तालमूलिका । asst विषाणौ स्याट्‌ गोजिद्भा दाव्विके समे ॥ ११८ ॥ -. 118 ताम्बलवल्लौ ताम्बुलौ नागववस्यप्यथ दिजा ॥ हरेण Wal कौन्तौ कपिला भस्मगन्धिनौ । ११९ ॥ Bee NINE | 1210 हैम SST AT AR | FANG ASHIAAAS |] 11४ 116 RATHI: | रलवालकमैलेयं सुगन्धि हरिवालुकम्‌ | MARAT UGH मुकुन्दः FSF TE ॥ १२० ॥ भ Saya aayaal Tame FAs] तण ^>. ए | शनत 5] BASS ॥ 120 ह वालं Bat afest दौच्यं केशाम्बु नाम च। कालानुसाग्थे sata पुष्य शत शवानि च ॥ १२१॥ पन दे] PG orain sas | CA (~ MaRS GA RTI GG I १ Tad तालपणो तु SAT गन्धकुटी मुरा | गन्धिनौ WANT तु सुवहा सुरभोरसा ॥ १२२॥ ८17 गागा न “मा ~र (न Rye A eal IN AT ANAC AMAT SC | २२८९ त्‌ |] 199 महेरुणा कुन्दुरुको Taal alfeatia च । afar सुभिक्षे तु धातकौ धाठ्पुष्पिका ॥ १२३ ॥ श्यते ठ AAS AC 5 &1 aa SSN RRA AAA SAI 128 a ^ वनौषधिवर्गः | 117 gaat चन्द्रबालेला निस्क्रिवेहलाथ सा | खसो पकुञ्चिका तुत्था waist चिपुटा टिः eee | MOPARS SINAC] WV CAC | 7 SAINTS SIT IS) एरर मोवा 124 व्याधिः ay पारिभाव्यं व्याप्यं पाकलमुत्पलम्‌ | शङ्किनौ चोरपुष्यो स्यात्‌ केशिन्यथ वितुन्नकः ॥ १२५ | 5िडसदग 5] दणड] SR सवगामतिसेर्भेगप्य्‌| शस्व] देसु ण्‌] 125 द्याटामलाच्द्टा तालौ frat तामलकोति = | AUST पुण्डय्यमथ GA? कुवेर कः ॥ १२६ ॥ cara] WEPPA Taya hys | "a / आ, 4 तो] Rqerge78sy 12 कुणिः कच्छः कान्तलको नन्दौरृसाऽथ राक्षसो । चण्डा धनहरो HA TUT गणहा सकाः ॥ १२७ ॥ 7 4 ग] ६ 7 7? (Al a AA (~, 4 ^~, +~ FAN NAAN लवर दरगु 5 नास 8६|| 127 118 श्रमर कोषः | व्या डायुधं BAAS करजं चक्रकारकम्‌ | शुषिरा विद्रमललता कपोताद्खिनेटौ नलौ ॥ १२८ ॥ 9 A SALT मनि सवर] TRESS ARS ASS | “fC ~—_ = ~ YAN उ TS ALCL AT || 128 धमन्यनज्ञनकेशटौ च हनु्दरविलासिनौ | शुक्तिः शङ्खः खुरः कोलदलं नखमथाढ़को ॥ १२९ ॥ grap | NATLST Ne |] 120 ~ ^>. काशो तसा तुवरिका खतालक सुराष्रजे | FAT दाश्पुरं वानेयं परि पेलवम्‌ ॥ १३० ॥ MPAFAP TAT | VAT AVA SN AA | € (ॐ 4 ४) ड aye! ॐ विपा २८८८ TIRANA वव] 180 सवगो पुरगोनङ्ख केवर्तोमुस्तकानि च | ग्रन्िपणं qa वहि पुष्यं स्थोणेय कुक्कर ॥ १३१ ॥ नरवीर] TA VETAS (> हि २.८] BAA RAT A] ae नन] | भ 0ि A i ॥ > || 131 * Hor N'A ? a वनो षधिवगैः | मरुन्माला तु faqar wat देवौ लता लघुः| समद्रान्ता ay: कोटौव्षा लङ्का पिकेत्यपि ॥ ese ॥ Bees | ATEN AAA | PP HAS AVS IIS TIS AT AACE |] 139 (~ तपस्विनौ जटामांसो जरिला लाम मिसो। ARIS BAZ BH त्वचं चो चं वराङ्ग कम्‌ | १३२ ॥ SIRI SSS" ay BHR | NOM "उन ती | तबा ANAS TIS SANTA SAGA AT HST I] 188 RACH द्राविड़कः काल्यको वेधमुख्यकः | Brea जातिमचैस्युरजातो सव्वेमोषधम्‌ ॥ १३४ | MEATS] METAR STS | सथर AAS AGRE SANS |] 134 श ~ a) ware पचपुष्पादि तणश्डुलोयोऽल्यमारिषः। विश्ल्याग्रिश्खिानन्ता फलिनो शकरपुष्प्यपि ॥ १३५। श Bacarra a say सबक 110» सवनेन AAT तुतो SAA || 135 119 120 ्रमरकोषः | स्यादक्षगन्धा कगलान्त्यावेगो उद्धदारकः। जङ्गो At तु Aral वयस्था सोमवल्लरौ ॥ १३६ ॥ र7ा6.र"उञर व्‌? ५.४ > 13 SCAAFATFSY HN] नवैर 186 पटुपणौं हेमवलौ waeitt हिमावतौ | हयपुच्छौ तु काम्बोजौ माषपर्णो महासहा ॥ १३७ ॥ TASC INS BSC | NRA AaSsrey 5 | SAAS | SANYAL S |] 137 तुण्डिकेरौ रक्तफला fafaat पौल्पण्यपि । FATT कवरो तुङ्ग खर पुष्याजगन्धिका ॥ १३८ ॥ 1३7 रसस ॥ PAnpsc eras pwr | ICTS TAH INE S|] 138 ` ६ CATA तु सुवहा Weal युक्तरसा च सा | GT चुक्रिकादन्तश्टाम्बष्ठाम्बलाशिका ॥ १३८ ॥ LATA AI] ST QATS RAT CA सो 3 Sane SAN] WRAVACSVASICAIIN S|] 139 ^^ (~ वनौषधिवर्गः | सहस्तवेधौ चुक्रोऽम्नवेतसः शतवेध्यपि | नमस्कारो गण्डकालौ समङ्ग खदिरोत्यपि ॥ १४० ॥ SATIVA TLE | NR SIRT A ॐ नि = ihe: R CT! तपम करन 2777 |] 140 staat जौवनौ जौवा जौवनोया मधुश्च सा | करचेशोर्घो मधुरकः ङ्ग-हस्वाङ्ग-जौ वकाः ॥ १४१ ॥ तर EA] HVS WHORE | . ^ AAA (>. गतुम] र सखस शुरण] 141 किराततिक्तो भ्रूनिम्बोऽनाेतिक्तोऽथ सत्तला | विमला शातला भूरिफेना चम्प॑कषेत्यपि ॥ १४२ i "भ | YING शम al 355 ९५१ PR Gormgy पुस] 142 वायसोलो स्वादुरसा वथस्थाथ ARTA: | निकुम्भो दन्तिका प्रत्यकूश्रेण्यडम्बरपण्येपि ॥ १४३ | विवि LF SHINS FN AES NT मणी ergs SS TE SAS AR 144 121 122 अमरकोषः | अजमोदा तग्रगन्धा AMA यमानिका | मले पुष्कर-काश्सौर-पद्यपच्राणि पौष्करे ॥ १५४ ॥ ASIA AST 1/1 NOVA P MATA | WE SSAC ५5९९३] 144 अव्यथातिचरा पद्मया चारटो पद्मचारिणौ । काम्िज्लः RATA रक्ताङ्गो रोचनौत्यपि ॥ १५५ ॥ 075] TS eR > | Sasa रजत तद] पपवर मर्म NO || 145 प्रपुन्नाडस्वेडगजो KFA खक्रमहं कः | पद्याट STATA पलाण्डुक्तु TRA: ॥ १४६ ॥ ५९5८ तरित्रा गश ड्मदण | Tye Nee लताकादुदर॑मो तच हरितेऽथ महैषधम्‌ । लशुनं गृज्ञनारि्टमहाकन्दरसोनकाः ॥ १४७ ॥ ममेम Faas SH STIAE गाणपतम्‌ XISATSA |] 4 ` * For 4% ? वनौषधिवगैः | 128 पुननेवा तु शोथघ्नी faqa सुनिषखकम्‌ | स्यादातकः शणैतज्लाऽपराजिता ऽशनपण्यंपि ॥ १४८ ॥ 1/1 TS MACANN ASS] गालवो ATMA G49 त्व] 148 es ~w पारावताङ्खः कंटभौ पिणया ज्योतिष््रतौ लता | वाधिकं चायमाणा स्यात्‌ चायन्तौ बलभद्िका ॥ १५९ ॥ 12172 ज (10 (3. BSNS | 149 ^~ (~. विष्षकृसेनप्रिया zfe वाराहौ वदरेत्यपि | माकवो शङ्गराजः स्यात्‌ WHATS तु वायसौ ॥ eyo ॥ SATA AP TATA RTA SIP Cr STAVAwee | Soe cam “द गुणा हमा न 001, wager सितच्छवातिच्छचा मधुरा faa: | FATA कारवौ च सरणो तु प्रसारणो ॥ १५१॥ “nA APA TIS STS AS | SSSSTISC SICA स स ERATA TNA] NAP ROST TATE If 151 ——— -- = -- ` -- * Ror रवाः 2 124 HATH: | तस्यां कटम्भरा राजबला भद्रबलेति च | जनो जतूका रजनौ जतुक्च्चकवत्तिनौ ॥ १५२ ॥ FATCLSALR | कषित दक्ष ८5१३२६६ | ~ | तदन नस | # संस्पशथ wat गन्धमुलौ षड्ग्रन्थिकेत्यपि | कवृरोऽपि पलाशोऽपि RITA: करिल्लकः ॥ १५२ ॥ रगा रमेवसयतिदडय | तागा मरण | दद्यतभ्पम | TAT 1 168 सुषवौ चाथ कुलकं पटोलस्तिक्तकः पटुः । कुष्माण्डकश्तु कर्कारुरिर्वारः ककंटौ सतियो ॥ १५४ | ATES SNS] SSAA TAC | aT TANGA THA 3 |] 154 LAH: कटुतुम्बौ स्यात्तुम््यलावृरूभे समे | चिचा गवा्षौ गोडम्बा विश्णला त्विन्द्रवारुणौ ॥ १५५ ॥ YVAN ARSC | NS SAC CLA | pe ea > 5.5 || 155 u a wd वनोषधिवभः | अर्शोघ्न AU: कन्दो WE समष्िला | कलग्ब्यपोदिका wl तु aaa हिलमोचिका ॥ १५६ i WHEN) प एकि) MAL ^ TALA ANS SAA ST] || 156 ॐ e विवि वास्त्कं शकमभेदाः स्यु gaat तु श्तपव्विका | सहखवौर्या AMA रुहानन्ताथ सा सिता i १५७॥ = = 0 1/1 दणड नावति । ऽतर मै 5 ॥ 157 MATA शतवीर्या च गण्डालौ शकुलाक्षकः | कुरुविन्दो मेघनामा मुस्ता सुस्तकमस्तियाम्‌ ॥ Wye | FINN FAR SY HN A णर AS | माधि नं स्याट्‌ ARAMA गुन्द्रा चूडाला चक्रलाचरा । वंशे त्वकृसार-कम्मा र-त्वचिसार-ठृणध्वजाः ॥ १५९ ॥ AV QATAaS AMARA | सयदि argc 125 AN NAMASTE] ASE नुमि ELAS |] 159 + WR ARS | + For कषेमे | 126 अमरकोषः | शतपरव्वा यवफलेा वेण-मस्कर तेजनाः । वेणवः कौ चका स्ते स्यु येसवनन्त्यनिलेइताः ॥ १६० ॥ SR HANSA ANAT] FANT AIT SISTA AS | AIS SOSH SF YINGAAE | BATSTCA ARAGY 35 |] 160 ग्रन्थिना पव्वपरुषौ TRAAAR शरः | AS धमनः पोटगलेाऽथ काश्मस्तियाम्‌ ॥ १६१ ॥ ASA CSAS AACS IANS] YSYSASCAT RANA SATA । aRNSA A Aer] Faerypese AY 101 इक्षगन्धा पोटगलः पुंसि भूनि तु बल्बजाः। रसाल इश्षस्तद्धेदाः पुण्डकान्तार कादयः ॥ १६२ ॥ उरते "रर वटव] PACHA STA Ararayes | Seach eee | FRsFogese | TE ATTA SISTA | 162 घ्यादयौरणं वौरतरं मृलेऽस्योशौरमस्तियाम्‌ | अभयं ATS सेव्यमणगणालं* जलाशयम्‌ ॥ १६३ ॥ ई? | FAA GATS | A eX < AEWA TASS | सुमद भवस्व] 163 ५_ = ^ AS तो ५ BD suas | वनौषधिवर्गः । लामज्जकं लघुलयमवद्‌ हेष्टकापये | नलादयस्तणं गम्भच्छछा माकप्रसुखा अपि ॥ १६४ | Faye ayararaysyas त वणा ere | >> 40 साव] ठ ANAS || 164 अस्तौ कुशं कुथो दभः पविचमथ कत्त णम्‌ | पौर-सोगन्धिक-ध्याम-टेवजग्धक-रोहिषम्‌ ॥ १६५ |] 165 QUASI मालाठणकभूस्तणे | शष्यं बालतृणं घासो यवसं ठणमजनम्‌ ॥ १६६ ॥ र _9, = a A 719 { Ji 1 + ८५ a <> ठणानां संहतिस्तरण्या नद्या तु नडसंहतिः | AUST SAMA नारिकेलस्तु Tat ॥ १६७ ॥ हुईमस्हगास त FA | FEAT AN | SRagergersars | सरगना वषम] 161 127 128 HATH: | q | | घोण्टा तु पूगः क्रमुको गुवाकः खपुरोऽस्य फलमुदेग मेते च हिन्तालसहितासलयः ॥ GAT: केतकौ तालौ GATT च AMAT: ॥ १६८ | दूति वनोषधिवगैः ॥ TPEL TTT JUTE ETA | AINTAS TART] SHaHarsssrerqjgs] PESTS TP ARERS] SARE 108 SINAC HAS | ay सिहादिवगंः। सिंहो Bits: पच्चास्यो दयः केसरो हरिः MSs द्वौपिनो व्याघ्रे ATA ख्गादनः॥ १। से<"पो१सम्‌१,५९ १४ TT += 1 वराहः WRU ष्टिः कोलः पोचौ किरिः किरिः | द्रौ घोणौ Maar कोडा were इत्यपि ॥ २॥ अ 1/5 | 111 | NAH VA ASTI) इरत स्व्परसर्गाट | SAY SNS TOC || 2 कपि लवङ्ग लवग शखाण्गवलोमुखाः | मर्कटो वानरः AT वनौका अथ VAT ॥ २॥ क्षपा | Way वारिः LATS ASS सदपि 55 | TTR SSRN | FAAS TAN || > 17 130 BATH: । BATS भल्लभाल्‌का गण्डके VET खड्गिनौ | ललापो महिषो वाहदिषत्‌ कासर सैरिभाः॥ ४॥ ॥ 01/01 BR ARS SIS 308 नु | सले <क्ेसे द ॥ । स्त्रियां शिवा भूरिमाय गोमायु खगधृत्तेकाः | शगालवञ्वक ATS HE ATA जम्बकाः ॥ ५॥ TQ सभं | दे हरस्व TAG SFTP PS SSS] CPSC 5 ओतुविडाला ATH sae शक आखुभुक्‌ | चयो गौधेर गौधार गौधेया गोधिकात्मजे ॥ & ॥ 5१1 | FASS CS AR s81 | STAT TAT SS APS ARCASTHA || 6 श्वावित्त शल्यस्तज्ञोन्नि शललौ शललं शलम्‌ । वातप्रमौवतद्टगः कोक इहा गो कः ॥ ७ | ESAT GAP AA] Ferg F.qaraiy graye cae | reer eae | er el ee. ANN TAIN TAN SS SINAN | 7 सिंहादिवगः | गे कुरङ्ग वातायु हरिणाऽजिन योनयः | रेणेयमेण्याश्व्मा्मेणस्येणशमुमे fay ॥ ८ ॥ SHINN UNSC TN | रिदवेसपागसस]| ऽ Aa कन्दलौ चौनश्वमुरु प्रियकावपि | समृरुश्चेति हरिणा अमो अ्जिनयोनयः ॥ ९ ॥ ,..]] 9 AMAT CTR TH शम्बर रोहिषाः | MAN परषतैणष्यरोहिताश्चमरो BAT: ॥ Lo | IQR गग तिम सश | 11010 | स" 5p, | + || 10 > = ^ ^> WIT: शरभो रामः GATT गवयः शशः | इत्यादयो BATT गवाद्याः पशुजातयः ॥ VL I पा मा त पा Fag xe नरे SAINT SINT | Sara q alg R AC QS TIN RAIN SST | बरार SII SSN) ATTAIN SA || 11 1४81 139 अमरकोषः | उन्दुरुमषिकोऽप्याखुगिरिका बालमूषिका । सरटः कृकलासः स्यान्‌ मुसलो शह गोधिका ॥ १२॥ AFT ASIN 5९६ = 3 "यदना aac इत्सनगीणात वदि | तेस Scargg Rare मस || 12 (~. लता स्वौ तन्तुवायोणेनाभ मकंटकाः समाः | alain किमिः कणेजलोकाः शतपद्यभे ॥ १३ ॥ १ पनल | ६९१३ Aa AON तानन | SHH FIVE GNACAT AS || 13 4 3 श्चिकः श्रककौटः स्यादलिद्रणो तु दिके ` पारावतः कलरवः कंपोतोऽथ शशादनः ॥ १४ ॥ 8-19-41] SS Se ee TAS ART मम IANS | AGA ९।३॥ 14 wat श्येन TTR तु वायसाराति पेचको | व्याघ्राटः ATTA: SATE GAA: ॥ १५ ॥ FROTRATSAC A] ATATSSPAC NG SSC । अश्च ८२८५६ ॥ Pastry 15 भ * एणाः 9% ? + For 434 | re स्ट a rg ~ ना ---- नि ज | सिदहादिवगेः | 133 लो हषरष्ठस्तु Ae स्यादथ चाषः किकोदिविः। कलिङ्ग UH धुम्याटा अथ स्याच्छतपचकः ॥ १६ ॥ HIPS SCH IETS) Pasrsp- HRS गा त्रिणा Sens x) ड eae "| इत A = TTS ST FAN YSEGAT TW 1७ दावाघाटोऽथ शरङ्ग स्तोवाकश्चातकः AAT: | छकवा कुस्ता घचुडः कुद्टश्चर णायुधः ॥ १७ ॥ ग | 01 + | SHMACASCANA | तिल 39355 | ~ गवाना स TNE ay 10 चटकः कल विङ्ःः स्यात्तस्य lt चटका तयोः | पुमपत्ये चाटकैरः waa चटकैव हि ॥ १८ ॥ सह्यत | 2. त सहा | SSTTAS EMR] गलेमशोस रमर =] CA Hee AaS ४ कवार टुः करेटुः स्यात्‌ ककणककरौ समो । वनप्रियः aaa: कोकिलः पिकं इत्यपि ॥ ve ॥ रहस SA) सगणा गवास | सगणे नुवा] AANA 1 134 श्रमरकोषः | काके तु करटाऽरिष्ट बलिपुष्ट सक्लत्‌प्रजाः। ध्वाङ्कात्मघोष WIS sayy वायसा अपि ॥ Ro | TTBTAR TAS | पिति पवा हित पमं SATS | 100 द्रोण ATH काकोलो दात्यूहः ATTA: | आतायि fal stare धौ कौरशकौ समो ॥ २१॥ SRA TAT] HHH AA Aarerscgysa] Fay 54 ae 4 FS FAR AGCATAR |] 21 RII वकः Ha? पुष्कराह्क्तु ALE: | कोकश्चकश्चक्रवाको रथाङ्गद्वयनामकः ॥ 22 | तिम सरना | Fa ZATATTNA | THCSAA स रस] <तत्र ASTIN | : गलत 5 AE SF 4 |] 22 कादम्बः RACH: स्याद्‌ उत्‌कोश्कुररौो समो | SA खेतगरुतञ्चकराङ्गा मानसौकसः ॥ २३ ॥ इक्िरणप्पत नमा Sy TEAS [ (र मी COSI तरसा] सिवर Wealaya Qasr syst || 28 सिदादिवगः | 188 राजदंसास्तु ते चच्चचरशे्लो हितैः सिताः | मलिनैर्मल्लिकास्यसत wate: सितेतरेः ॥ २४ ॥ दरिषु सार २२ SPAMS 8 UOARA S| Waraea'ac'a'coa | 24 प्ररारिरारिराडश्च वलाका विसकरण्टिका। हंसस्य योषिदरटा सारसस्य तु लक्षणा ॥ २५ ॥ वैर] TARTS SAAS | ~ _ “~+ (~ ~. Wa CEH AON IA A] ASACHAS SSAC I] 95 जतुका जिनषचा स्यात्‌ परोष्णौ तैलपायिका । वव्वेणा मक्षिका नौला सरधा मधुमक्षिका ॥ २६ ॥ य्न कगसतिदिरतसम्‌] पनरे! | >. ~ ह RTS al 2 पतङ्गिका पुत्तिका स्यादं श्तु वनमक्िका | दंशौ तज्नातिरल्पा स्याद्‌ गन्धोलौ वरटा इयोः ॥ २७ ॥ युम व ह HN | रमस्य TANGA FEC Y क| FSSA RASA | STE TAGS | 2 136 अमरकोषः | खङ्गारौ Meat चोरो अलिका च समा Zar: | समौ पतङ्गलभो खद्योतो ज्योतिरिङ्गणः ॥ २८ ॥ <९६ कर | वहति र सहुरे | LIGAEN Yaa | VATA BL ASIA AS | HORA 25 "ति |] 28 ayaa मधुकरो मधुलिण्‌ मधुपाऽलिनः | fata पुष्यलिड wy US अमराऽलयः ॥ Ve ॥ सुरस पगु] सेव रधु ३२२६.। गः पगम ARR TARGA BRE 1 29 मयुरो विणो वहो नौलकण्टो शुजङ्गशुक्‌ | शिखावलः शिखौ Hat मेघनादानुलास्यपि ॥ ३० ॥ STFA ALT ATA S| SET YY SFE SASS | PAPAS FAQ THAIS TT AE TAPES § ] 30 केका वाणौ मयूरस्य समौ चनद्रकमेचको । शिखा चूडा शखण्डस्तु पिच्छवहें नपुंसके ॥ ३१ | सुरस्य त्वम सतर SALA] SAYS ASA ACS | HENTMA AACA ICT |] 31 * For सोमम्‌ 7 सिंहादिवगेः | खगे विहङ्ग विहग विहङ्गम विहायसः | शकुन्ति पक्षि शकुनि waa शकुन fast: ॥ इर ॥ IRA AT AIRS रे] व्यनदन्‌ 5 NATAL | ~ me ^© SAE IRA कस इम ASSET ABN GN AAT ER A FAL I 2 पति ofa पतग पतत्‌पचरथाण्डजाः | नगोको वाजि विकिर वि विष्किर casa: ॥ २३ ॥ STAG S| ARTA ALTHO वेस) ATA ANH Ts] THA ACAT SAYA] 98 नोडोद्ववा गरुत्मन्तः पित्‌सन्तो नभसङ्गमाः । तेषां विशेषा हारोतो az: कारण्डवः सवः ॥ ३४ ॥ 1 FANN TARO RSS | say रतस] 84 तित्तिरिः कुक्कुभो लावो जोवज्जौ वश्चको रकः | कोयष्टिकष्टिट्धिभको वत्तंको वत्तिकादयः ॥ sy ॥ ery) बरवः sass ANP SH CIS | DPAS TASTES |] 35 187 188 अमरकोषः गरुत्‌ पश्षच्छद्‌ाः UF VAIS तनूरुहम्‌ | स्तौ vata: पक्षमूलं चच्चृस्त्रोटिरुमे स्तिथौ ॥ ३६ ॥ STV H SSS | AAAS SYST RSNA | T FAIA AAT SA | NS ACTACANBATA G |] 36 प्रडोनोडडोन संडोनान्येताः खगगतिक्रियाः | tat कोषो दिहौनेऽण्डं कुलायो नौडमस्िथाम्‌ ॥ ₹७ | णि ELS ARR] QOAYA A SRA OPS SAN SRSA ACCA | FARAH AAS!) 37 No @ पोतः पाकोऽभको डिम्भः gees शावकः शिशुः | algal मिथनं aed युग्मन्तु युगलं युगम्‌ ॥ इट ॥ ANS GSTS S| द aFasarscaReyerge | गसन नन AS YA | 88 समूह fare ae सन्दोह विसर AST | स्तोमोघनिकरत्रात वारसङ्घा तसच्चयाः ॥ Be ॥ सिस्य | स्तरे] aaiarerageararse ASF MACS S | NESATASSI : 39 * Hor AqN 2 Y सिंदा द्वग: | 189 समुदायः समुदयः समवायश्चयो गणः | स्तरियान्तु संहतिन्दं निकुरम्ब कदम्बकम्‌ ॥ vo ॥ ANT INAS ATS AA TELAT | ANIME SRS TEA | ASSAYS | गगुडऽमवणतुगौ ठन्दभेदाः समैवंगेः सङडघसार्थो तु जन्तुभिः ४ सजातोयेः कुलं युथं तिरं पुन्नपुंसकम्‌ ॥ ४१ ॥ न 1/1 ^ ~ । दुत्पेरमाक्मवदुरसव्ुर] AFA RAC STAT | ‘ ससत | 41 नाते पश्रनां समजोऽन्येषां समाजोऽथ सधमिणाम्‌ | स्यान्निकायः पुज्जराशौ तूत्‌करः क्रुटमस्ियाम्‌ ॥ ve RAAT SANT AGATA | GLAST NRE समहु ेग्‌ | इर सनपुदन्र | ASAE AGS |] 42 कापोतशेकमायुर तैत्तिरादौनि तद्गणे खहासक्ताः पक्िग्गाग्ककास्ते DIAS ते ॥ ५३॥ इन्व न >द र | Sar SANS APSA EIA | BASIN SOLAS SS | STAC EN SANS I 43 AIDAPOY ITALIA ST BH SRST || मन॒ष्यवगं J > ofe oe मनुष्या मानुषा AW मनुजा मानवा ATT: | स्युः पुमांसः पच्चजनाः पुरुषाः पुरुषा AT: ॥ १। ARS ] ARCA GN IAS | GARGS BA ति | at योषिदबला योषा aa सौमन्तिनौो बधूः | प्रतौपदशिनौ वामा वनिता महिला तथा ॥ २॥ AFAR ASS aT 1 + Rag Radar aaa | ^ ठर द्वाविव] TSS Sa2°53 815195 | 2 विगरेषारू्वङ्गना भौरूः कामिनो वामल्लाचना | प्रमदा भाविनौ कान्ता ललना च नितम्बिनो ॥ ३॥ FATAL AAA AFA] रिस्स सनद स मामत SAS REACTS AS AEG! 455 NATALIA AAL’ I] 9 मनुख्यवगेः | 141 सुन्दरौ TAU रामा कोपना सैव भामिनो, वरारोहा मन्तकाशिन्यत्तमा वरवर्णिनौ ॥ ४ । IATA SSAA SSA! रतम्‌] RANGA ASLO ALANS | SY RLSTAC RAAT | 4 कछताभिषेका महिषौ भोगिन्यो न्या दपस्ियः। val पाणि्खिहौोतो च दितोया auf ॥ ५ ॥ सरक सनरन ALPS AAA AHN G85 | ATIVAN AT HALL ८] पद SSIS 5 भाग्या जायाऽथ पुं भून्नि दाराः स्वान्त कुटुम्बिनो । पुरन्धौ सुचरिचा तु सतौ साध्वौ पतिव्रता ॥ € 1 ATV TES! SETS SSG | 0 ENS IST AA TSA नास] 6 रेतसा पलि काऽष्युदराऽधिविन्नाऽथ स्वयवरा | पतिम्बरा च व््याऽथ Haat कुलपालिका ॥ 9 ॥ PASM EN ISSTTISA SE | RSTRA ASAI RE SY] 7 142 BATH: | कन्या कुमारौ गौरौ तु न्िकाऽनागतात्तेवा | स्यान्मध्यमा दष्टरजा MAU युवतिः समे ॥ ८ ॥ : MAR वमर ब्म] र< बस RATATAT वद्मा] निरु] 8 समाः सुषा जनौ बध्विरण्डो तु सुवासिनौ | SAAT कामुका स्याट्‌ Tat तु कामुकौ ॥ < ॥ NSCNAATACAIAS AS | ASTAATSO RASS | AAA BAN AC ASN SHA | 9 कान्ताधिनोौ तु या याति सङ्केतं साऽभिसारिका। पुंश्चलौ धषिंणौ उन्धक्यसतो कुलटेत्वरो ॥ १० ॥ aiarac Palararge | सतिम स छस्‌ | दतुनवठन नास ISAS SSA | SARS SAAS ANA || 10 स्वेरिणौ पांशुला च स्यादशिश्चौ शिशुना विना | aati निष्यतिसुता विश्वस्ता विधवे समे i ११ ॥ RAVAN ALS S355 | SAAS A TETAS A THAIS ANS | ARIAS सर S815 SE ॥ 11 मनुष्यवगेः | 142 आलिः सखौ वयस्या च पतिवन्नौ सभनत्तका | Zat पलिक्रो प्रान्नो तु WAT प्रान्ना तु Maat ti १२॥ SAAANGSV नक] उगु SARC ASSAM | AAP YAS CHT AS | NAL SACASS ALAC | ANAT L SAA || 12 yet yee भाया RET तन्नातिरङ्गना । श्राभोरो तु महाश्रद्रौ जातिपुंयोगयोः समा ॥ १३ ॥ न AN ARICA AT AACN AMIN SCANS | ०८ रपाक्षण]८ EY मनसास्मि रमसे SA ASC AG | 18 (^ (>> a THM wana स्यात्‌ चिथ शचियाश्यपि | उपाध्यायाण्यपध्यायौ स्यादाचा्याऽपि च खतः ॥ १४ ॥ AIMEE वहे देवक प | apr Raper grarEsrayr Sar] IRF दिह दवत] Sse gQrarl'Sy5 |] 14 आचार्ययाणौ तु Fat areal afsat तथा । उपाध्यायान्य॒पाध्यायौ पोटा स्त्रौपुंसलशण ॥ १५ ॥ सुत मर्श | QANATSTACT HARA al] ARATE AAA AC | APSA A ASAI |] 15 144 अमरकोषः | वौरपल्लौ वौरभाय्यौ वौरमाता च वौरखः | जातापत्धा प्रजाता च प्रसरता च प्रख्रतिका ॥ १६ ॥ उश" र्तक्ष कु प RRS भुन | 1 wat नभ्रिका कोटवौ स्यादौ सच्चारिके समे | ATM AVMSSST था काषायवसनाधवा ॥ १७॥ STARA GANAS aS) वफृसतरगश्ुस्रस। । | = 03.11 17 सेरिन्धौ wae want शिल्यकारिका | असिक्नो स्यादटद्धा या पेष्यान्तःपुरचारिणौ ॥ १८ ॥ धमाथ दे्ुरिमर | ACSC STATA IS तवक तममिन पमिति] Ba HarePgc ss ae || 18 वारस््लौ गणिका वेश्या रूपाजौवाऽथ सा जनैः | ALAA वारमुख्या स्यात्‌ कुटरनौ AAT समे ॥ १९. PH SHACATN SH | HLQSCTACASAN AACS | Faergeraysarg | PHL SA ESV SHAC A AASLA || 19 AAW: | 145 विप्रञ्चिका atafuat टदैवन्नाऽथ रजस्वला | स्त्रौधम्बिण्विरात्रैयौ मलिनो पुष्पवत्यपि ॥ २०॥ THATS Bal SATE OPAC दमया. FAAS RA AVIA 84 | ESSERE TSAATAG TI 20 ऋतुमत्यप्य॒दक्यापि स्याद्रजः पुव्यमात्तवम्‌ । श्रहवालर्दोहदवतौ निष्कला विगतात्तवा ॥ २१ ॥ SNARE GASH] AVATAR NARA | QSINALAT AACS | FASHACATSC SAG A |] 21 आपन्नसत्वा Ale गव्विणयन्तवे्नौ च गर्भिणी | गणिकादेस्तु गाणिक्यं गाभिणयं योवतं गणे ॥ २२ ॥ ACN ATN NAO सम्य] SAAC AAAS | ANN SHANNA ANN SATA | SST AIAR GATT SR] 22 पुनभूदिधिषृरूढा दिस्तस्या दिधिषुः पतिः | स तु दिजोपरेदिधिषुः सैव यस्य कुटुम्बिनौ ॥ २३ ॥ क तवोपमसनुगासक] Farseysrergsie | विगिस तसमव BP | FATE ATTA » 19 146 अमरकोषः | कानौनः कन्यकाजातः सुतो ऽथ सुभगासुतः | सौभागिनेयः स्थात्‌ पार स्वरेणेय्तु परस्याः ॥ २४ ॥ ॥ 01 SPR gy aS OTSA FAQ |] 24 tava: स्यात्‌ पैठषठ खोयश्च पिठषसुः। सुतो माठ्घ्सु्ेवं वैमाचेयो विमालरजः ॥ २५ ॥ EN EAVES AAP ASS | वपुष छशष" | HEATH ESS GAA! AAA ACA AL'S || 25 अथ बान्धकिनेयः MATIASAMN सुतः | NAT कोलटेयो भिक्षकौ तु सतौ यदि ॥ २६ ॥ FINARFAQ TICS | FATYAPASN फस ससत RaRVASTSCS TATA | ससस दिम शस 26 तदा कौलरिनेयोऽस्याः कौोलटेयोऽपि चात्मजः | श्रात्मजस्तनयः Bz सुतः ya: स्ियान्वमौ ॥ २७ ॥ यो a [ग रीरिष ६। देवसन्म दरव्वगा्। ^ | BQHSA SA AA HT AS ENA A A |] 27 मनुव्यवगेः | 147 © # NO $ ॐ ¢ Pr; आहद्‌ heat Vat suet तोकं तयोः समे । | ~ al ~ TT SAA ACMA तातस्तु जनकः पिता ॥ र ॥ JAAS IVI SFA) TRTTS AZT AS | सद शसि ३] WIACHYSA SACS || २४ जनथिचो प्रखर्माता जननो भगिनौ खसा | ननन्दा तु स्वसा TAA Vat सुतात्मजा ॥ २९ ॥ + 3 55 SEP 1. | उगु A शप समफ्रिर सत] SNS TS WAP TART AN | 20 भार्य्या्तु खाठवगेस्य यातरः स्युः परस्परम्‌ | प्रजावतो AIA मातुलानौ तु मातुलौ ॥ ३० ॥ as GLAHCA HASTY | पननम (नीप ८] वरतरम्‌] 30 पतिपत्न्योः प्रषः श्रुः ANTE पिता तयोः पितुमराता fase: स्यान्मातु्खाता तु मातुलः ॥ ३१ । एिवग सक्च] ASA वसपर्व दित | SANTA AA | निशुम्भः * Kor “yh ? 148 अमरकोषः | प्यालाःस्यु्यातरः पत्‌न्याः खामिनो देरेवरो | स्वखौयो भागिनेयः स्याज्नामाता दुद्ितुः पतिः ॥ ३२ ॥' GURLAY ITS | ATA AZ 5१ (> TA ~~ ee) YFINFYCA GV] 5११ ay ly 32 | ede te पितामहः fuafaat aaqfaat प्रपितामहः | मातुर्मातामहायेवं सपिण्डाशतु सनाभयः ॥ ३३ | UNAS NAY दोह] FAA CASA | BNRCANS YA! AGVAALATSCAIN AA | 33 समानोदय MST सगभ्य सहजाः समाः । .. सगो बान्धव ज्ञाति बन्ध ख स्वजनाः समाः ॥ 88 ॥ VGN ASCTACAL ICAL | सपन SAS SAN ASSN | देप Rays Agere ae | 103 | 1 SNS | ॐ ज्नातेयं बन्धुता तेषां कमाद्वावसमूहयोः | धवः प्रियः पतिभत्ता जारस्तृपपतिः समो ॥ ३५॥ aT ADT yTASNS] Reser Reverses) ANF S SLA SAS | SSSTETAARIS 25३१२351 ठ APSR NECA | 35 मनुष्यवगः | Ada जारजः कुण्डो Za AAT गोलकः | ala yas भराठभगिन्यो yracraHt ॥ २६ ॥ Ba qN serge] Teas aya 149 + ¬> 1. मातापितरो पितरौ मातरपितरौ च ay | ATAQU आशु रो Fal पुचश्च दुहिता च ॥ go | व्वा साम INAV TARA SHETTY 37 द्म्यतौ Haat जायापतो भार्य्यापतौ च तो | गभा श्यो जरायुः स्याद्‌ खच्च कललेाऽस्तिथाम्‌ ॥ Be | FAQ ARNIS AR | इरित रगा PAN AANA | SHAH TNA ANS | 38 afaare वैजननो गर्भो मृण इमो समो । तरतौया प्ररुतिः शण्डः wld पण्डो नपुंसकम्‌ ॥ Se | सतित शपरस | वासन्त 2८ तकित] NALA AVALACS I] 39 150 अमरकोषः शिशुत्वं शैशवं बाल्यं तारुण्यं यौवनं समे | स्यात्‌ स्ाविरन्तु इत्वं टद्वसङ्खऽपि वाद्कम्‌ ॥ ४० ॥ ~~ ~~~ 1 S Aq eases MANIA ACA AFT SS | YTS तोम || 40 पलितं जरसा शोक्तं केशदौ विखसा जरा | स्यादुत्तानशया feat स्तनपा च स्तनन्धयौ ॥ ४१ ॥ सवर नप्प] srarSlasraramR ey A] NATAL S RAIA | STS AY वश्वत्‌] 41 बालस्तु स्यान्माणवको वयस्थस्तरूणो युवा । प्रवयाः स्विरो sat जौनो जौर्णो जरन्नपि ॥ ye | रनर मनदमा SANSA वैरम गतिम १०5८... | पनास मति | हसत RESTA AAG || 42 वर्घोयान्‌ दश्मौ ज्यायान्‌ पुव्वजसत्वथियोऽगरजः | जघन्यजे स्युः कनिष्टयवौयोऽवरजाऽनुनाः ॥ ४३ ॥ ` विद्मुरङववोगङस] SP HVNA SAA Sa | 1; | व ASTES' HA | ती मनुख्यवगेः । 1 अमां सो TIGA बलवान्मां सलेाऽ सलः । तुन्दिलस्तुन्दिकस्तुन्दो रहत्‌ कुक्षिः पिचिण्डिलः ॥ ४४ ॥ FAL SAT पनर] अवस ey SSAA WG MATA | AINA SSC PAQIAC | SRA ACRSYSED ठम्‌] 44 अवरौटोऽवनारश्चाऽवमटो नतनासिके | केशवः केशिकः Att वलिनो वलिभः समो ॥ gy । 01) SAS HY SF नउ] WVIAC ARAVAAL A CATANA I] 45 विकलाङ्गश्तु पोगण्डः ख्व FA वामनः, खरणाः स्यात्‌ खरणसो विग्रतु गतनासिकः ॥ vs ॥ पदुम म्‌ SONS AT SAN] सि श्र तसह ९. तर] SAC R GACT | MASP SSN || 4८ खुरणाः स्यात्‌ खुर णसः प्रज्ञः प्रगतजानुकः | | ऊद्नरू्धजानुः स्यात्‌ संज्ञः संहतजानुकः ॥ yo | सषा तारित ज्वा] गि ज्ञदसरञ५८.रपदरना उस] < रविम द] ५५८9 दासे ]] 41 152 | BATH: | स्यारेडे वधिरः कुल गडलः कुकरे कुणिः | परञ्च रल्यतनो ओणः पङ्गो AUS मुण्डिते ॥ ४८ ॥ FVAGSCFA SNC] YRATSC GA AIRS | AST LAAT RIS छम द्र | AErQsracaac | +न द्म] 48 वलिरः केकरे खोड Bahay जराऽवराः | Ae: कालकः पिखुस्तिलकस्तिल कालकः ॥ ve ॥ सेवापरा | पद्य 5द कै sara | १1) SPAR १ AAP RAY SA I] 49 अनामयं स्यादारोग्यं चिकित्‌सा रुकृप्रतिकिया 1 भेषजो पधभेषज्यान्यगदो जायुरित्यपि ॥ yo ॥ AEA SCA TAS | TVS HFI 5२६1 SASHA S PE] 55 क ASSN TO |] 30 wat MST चोपताप रोग व्याधि गदामयाः। पुमान्‌ यशा छयः शेषः प्रतिश्यायतु पौनसः ॥ ५१ ॥ मिति PRA IV TAS | कषमि उदे र८८२६८ | न्नव] विद्म व 1101111 ATVI: | 168 स्तौ aq ad क्षवः पुंसि कास्तु AI पुमान्‌ । WH श्वयथुः शोथः पादस्फोरो विपादिका ॥ ५२ ॥ SVTTTHSAS| TAA TIT | STAIN ATAQA HENNA | गोर ANNESS aay Ip 52 किलासं fay कच्छान्तु पाम पामा faafaar | ATS: खञ्जश्च ASAT विस्फोटः पिरकस्तिषु ॥ ys | FB Ag s4| SNA ATTN BESARTE GSR) Qgargge§ Rersay ayia] 53 ब्रणोऽस्ियामोम्पेमरु क्तौवे नाडोव्रणः पुमान्‌ | कोठो AISA FS fat दुर्नामकाऽशंसौ ॥ ५४ | aya MAG ANT | + Sey | GAAS SE नरि] नह वरनरमैति | ८२. ठपणु२ “Al |] 54 2 > 0 आनादस्तु विबन्धः स्याद्रहणोरुक्‌ प्रवाहिका | प्रच्छदिका वमिश्च स्तौ पुमांसतु वमथुः समाः ॥ ५५ ॥ हु र्मांगस वनन इनमन | AW पिवनप रम STATA ST Y TALE | सवुण मुस 5 20 * 154 BATH: | व्याधिभेदा विद्रधिः wat ज्वरमेहभगन्दराः | AMT AIRS स्यात्‌ पूवे शुकावधे स्तिषु ॥ ५६ ॥ गविद्‌ समसन NG SHAS आ १ BY AAS EAT IAAT Hf 56 रोगहायैगदङ्ारो भिषग्‌ वैद्यो चिकित्सके | ara निरामयः कल्य Gara निगेतो गदात्‌ ॥ ५७॥ Ng THATS | ASSO AAAS ARG] ASAPARNLS MAG | AR NAAR SR AAO If 57 ATA ्रामयावौ विकृतो व्याधितो saz: । आतुरोऽभ्यमितोऽभ्यान्तः समौ पामन कच्छुरौ ॥ ५८ ॥ FV AAV सममातुर पमार | STE SAAC SAS | AVANAP TAR श्वापद] ततस AGNAC I] 58 दद्रणो दद्ररोगौ स्यादर्णरोगयुतोऽशसः । वातकौ वातरोगौ स्यात्‌ सातिसारोऽतिसारकौ ॥ ५९ ॥ मेमन व्ुगुर | शतुः त 5६4] ARTA VTF NSN] ACSA AY SA RETR मस्म] 50 * For हसे 2 मनुखवगेः | 155 स्युः faara qa चिल्ल पिल्लाः fasten चाप्यम । उन्मत्त उन्मादवति श्वेष्मलः AU: At ॥ ६० ॥ मवा SY कवु तेनु IS Sh EV ar AS BAPTA ATSC A AT INT ALMA ALAA TAA || 60 न्युजो YA रजा gaan तुण्डिल तुण्डिभो | किलासौ सिध्मलेाऽन्धोऽदक्‌ ate मूत्त मूच्छितौ ॥ ६१॥ 1 ^ 11/11 AR TACH ARCA | द्वित AP SNASTAA |] 61 शुक्रं तेजोरेतसौ च बौजवौय्येन्दरियाणि च | मायुः पित्तं कफः aa स्तरिथान्तु त्वगस्छग्धरा ॥ ६२ ॥ Ra aT argc’ | ayaa IBA SIC AS QA TYRES ARNIS | TASCA SATS | AT] SSISTEISE'S AATREAS |] 62 पिशितं तरसं मासं पललं करव्यमामिषम्‌ | उत्तप्तं शुष्कमांसं Blea तत्‌ विलिङ्ग कम्‌ ॥ ६३ ॥ BON ACANAL | TREO SAS Py | PRG ARETE ABTAT SS AANA BAIS | 63 156 श्रमरकोषः | रुधिरेऽखूटग्‌ लाहिताऽख ta छतज शोणितम्‌ | वृक्घाऽग्रमांसं हदयं हन्मेदसतु वपा वसा ॥ &४ ॥ ` BRASS BATASS | समनस वणर | AIDACAN TSA WNALNAAS | | SUAS GSAS RAAT I] 64 पश्चादूग्रौवा शिरा मन्या ATS तु धमनिः सिरा। तिलकं aia मल्िष्कं गोदः fag मलाऽस्िथाम्‌ ॥ ey | AVAAT SATS] FFAS AAI | IRF AA | ANA SE SY RASA | 8) SES अन्त्रं पुरोतद्‌ गुल्मस्तु Stet JAI वस्नसा | arg: स्िथां कालखण्ड saat तु समे इमे ॥ Se ॥ ८9 da fun स्यन्दिनौ लाला दूषिका नेचयोमलम्‌ | मच VATA उच्ारावस्करो शमलं शत्‌ ॥ go ॥ >= म~ | ANAT AY NATASHA | 5 < गड ] 23454 BAA BIS 545९. || 67 मनुव्यवगः | | 157 पुरौ षं गृ थवचचस्कमस्तौ विष्ठाविषो स्त्रिये | स्थात्‌ कपरः HUTS sland कुल्यमस्ि च ॥ ६८ ॥ RSC ATA] सिमा SATIRE SCALES I] ०७ स्याच्छरौरास्यि कङ्ालः ष्ष्टास्यु तु कशेरुका | fatisfer करारिः स्रौ पार््राखिनि तु पशुका ॥ ge ॥ 111 ASAT ^ 8 त दिडसदणा x 2] VRASAN SNA SINS || 69 अङ्गं प्रतौकोऽवयवो ऽपघनोऽथ कलेवरम्‌ | गाचं वपुः संहननं शरौर' aay विग्रहः ॥ ७० ॥ €~ € €. | 1) SSN SIN AAT STAIN] दरव पंस SS AST ATAC | 70 कायो Fe: क्लौवपुंसोः स्वियां मृत्तिस्तनुस्तन्‌ः | पादाय प्रपदं पादः पदद्धिशचरणोऽस्ियाम्‌ ॥ ७१ ॥ ङम लत SR BTEC | सम सवेष TTT AMS | गोरिति रमन तवति ATISACH ASAE कित उदव 71 158 VATA: | तद्गन्धौ धृटिके गुरुफौ पुमान्‌ पाष्णिरधस्तयोः । THA प्रता जानृरपव्वा छौवद स्वियाम्‌ ॥ ७२ ॥ SHAT ALAC AT = ex aC 5 CRAG AC | ANAS ASANAAC | SNA GNA AG |] 72 सक्यि क्तौवे पुमानृरुस्तत्‌सन्धिः पुंसि वंक्षणः। गुदन््पानं पायुना वस्तिनौभेरधो दयोः ॥ O8 | FN BAHAR TAR | र्नाम पम तवरयन STH 2] ARNG STASTATSSISATA |] 78 Hat ना ओशिफलकं करिः ओशिः ककुद्मलो | पश्चानितम्बः wal ata तु जघनं पुरः ॥ ७४ ॥ सपरन] akeersc APTS AAA ANNU AEA) 4 | eee NILE D 35|| 74 Hua तु नितम्बस्थौ दथकोने कुकुन्दरे । स्त्रियां feast कटि प्रोधावुपस्थौ वश्यमाणयोः | भगं योनिदंयोः fact Ast मेहनशेफसोौ ॥ ७५ ॥ गानी 5 HSN] ASNANAT MNT AR | = मरगी GASES | Mo YT] A ASFASOIA AINA | PAPAIN SSN AAA] 1175 मनुख्यवगेः | 189 मुष्कोऽण्डकोषो FU: प्रष्ठवंशाधरे चिकम्‌ | पिचिश्डकुक्षौ जठरोदर तुन्दं स्तनो कुचो ॥ ७६€ ॥ smo) 70 चू चुकन्तु कुचाग्र स्यान्न ना ATS भुजान्तरम्‌ | उरो वत्‌सच्च वक्षश्च YU चरमं तनोः ॥ 99 ॥ ATH TATYANA AS | ARAL SS SNS पिमः मातरमेव अरमा | 77 स्कन्धो भुजशिरोऽ'सोऽस्वौ सन्धौ तस्यैव TTA । बाहमूले उभौ कक्षौ TAA तयोरधः ॥ 9c | र्दुरवदुमसने कन्‌] रपवनन al ATS AHN TAS ACE | RAAysrar sigs मगान्‌] 78 मध्यमच्चावलम्रच्च मध्योऽस्त्रौ दो परौ Sai: | BAITS AST दोः स्यात्‌ कफोणिस्तु RT: ॥ ७८ ॥ इसन वद मत | TRYST AAS SHS VAS SAE TIV ATS STE HAG | 79 160 HATH: | तस्योपरि प्रगण्डः स्यात्‌ प्रकोष्ठस्तस्य AAT: | मणिबन्धाद्‌ा कनिष्ठं करस्य करभो बहिः ॥ co ॥ FAILS 1 # 1 TS | पञ्चशाखः wa: पाणि स्तजनौ स्यात्‌ प्रदेशिनौ । ATA: करष्णखाः स्थुः TAPS प्रदे शिनौ ॥ ८१ ॥ By aeyerwsreyg| इषसतरपमु SHS | RN RE fe NAA ATA AAA | BATTAL ARS 55 |] 81 मध्यमानामिका चापि कनिष्ठा चेति ताः कमात्‌ | पुनभेवः कररुहो नखोऽस््रौ नखरोऽस्त्ियाम्‌ ॥ ८२ ॥ AIS SPRAIN AT द | + "0/5 | ye OS aS ee प्रादेश ताल गोकर्णा स्तजन्धादि युते तते । aqe सकनिषटे स्यादितस्ति दा दशाङ्गुलः ॥ ८३ ॥ <समि मतु दव] वहु ANSI SHS ANA | सते परसवे दुर स्तरे NTIS ASS स्यते || 88 मनुव्यवगेः | 161 पाणो चपेट-प्रतल-प्रहस्ता विस्तुताङ्गलौ | al deat संहतलः प्रतले वामदक्िणो ॥ ८४ ॥ HAVEN ATT S A] ATR मनर यि | SPAMS a] PHT ATSC माभस], 4 पाणि निकुलः Wea स्तो युतावच्जलिः पुमान्‌ । प्रकोष्ठ विस्तृतकरो हस्तो FPA तु IFAT ॥ ८५ ॥ ववा पहु 1. | देयश्च वेस | ATLA वनान्य) तद्वस सनापुि I] 85 सरनिः aretha निष्कनिष्ठेन सुष्टिना | व्यामो बाह्वोः सकरयो स्ततयो स्तिग्येगन्तरम्‌ ॥ ८€ ॥ TAF FAT ELITE | रप (नपु परस] 1 | PaRTARS OPAC | aA ऊद्विस्ततदोःपाणिन्टमाने परुषं fay । AW गलोऽथ ग्रोवायां शिरोधिः कन्धरेत्यपि ॥ co | QOS ATT carers | AVAIL AYP ASA SAT AANA AAG TSC STAT AC | LSS SAT SITSTAESS 1] 87 21 169 HATH: | कम्बुग्रोवा चिरेखा सा saz घाटा ककाटिका। | qa वदनं तुण्ड माननं लपनं मुखम्‌ ॥ टट ॥ सदु ATLA TIN] ST STAL SA SA s Sy esr Sq aye केः | तर मनर श्ुिनं | 8 क्तौवे घ्राणं गन्धवहा घोणा नासा च नासिका | ओष्ठाधरौ तु रदनच्छदै दश्नवाससौ ॥ Te ॥ म. RUST ENACT AT NAS ANAS वैन वान | AIS SS et अधः स्या्चिवुकं गण्डो कपोलै तत्परा SA! | रदना दशना दन्ता रदा ATS तु काकुदम्‌ ॥ ९०॥ + 111 FARA SAMA] BSL IS SS 3६ FAGAN HANIA |! 90 रसन्ना रसना जिद्वा प्रान्तावोष्ठस्य WHAT । ललाट मलिक गोधि ey eat yar feat ॥ ९ १॥ रवेर देवव] THAR AA RAV TYTN रा ९57 | सपादन HATTA |] 91 FE © * For 14 2 । मनूय्यव गः | 100 करं Heal सुवो मध्यं तारकाषटणः कनोनिका | ले चनं नयनं नेच मोक्षणं चक्षरक्िणौ ॥ ९२ ॥ 7 नसम मनर| Aapageryyagey रगा करना र रन 3न सवन SLE I ० Steel WA AV रोदनञ्वाखमश्र च | अपाङ्गो नेचयोरन्तो कटाश्ोऽपाङ्गनद शने ॥ es ॥ ABSA AP eG | रन्न] ६8२८-८ | (1 AG | ए नवाङ मेवा२१२.८ | रवेन < FNS तार 98 कशोश्दग्रहेा श्रोचं श्रुतिः wal aM wa: | suas शिरः Me asl ना मस्तकोऽस्ियाम्‌ ॥ <४ ॥ बद रसेसु] THRIVING NFAT AST ASAT TAC | 5८ SCAT | TAS |] 94 चिकुरः FAA बालः कचः केशः शरारुः | ages कैशिकं केश्य मलका शशै कुन्तलाः ॥ ९५ ॥ SAGARA AR सवगो वमकनर SATS AAT AT] तुमि 9 164 परमरकोषः | ते ललाटे ममरकाः काकपक्षः शिखण्डकः | कवरौ केशवे शोऽथ धम्मिल्लः संयताः कचाः ॥ <€ | FRAN AQUI दुर TAS | JAAS नाम्‌ SG 35 | ARSE YA TA STVAS | SSSA SATASAAANSC 96 frat चूडा केशपाशो व्रतिनस्तु जटा सटा । | वेणिः प्रवेणिः शौषण्यशिरस्ये विशदे कचे ॥ ९७ | ANS SAHTASN] तुर SINAC र श्चरञ्स। ~>. Ca, ABMQINANE NCA | ATHY NAHYBNA | 97 ५42 TX पाशः पक्षश्च हस्तश्च कलापाथाः कचात्‌ परे | ॐ zy 9 तनूरुह राम लाम तदृद्धो WA UAE ॥ ec | "गा SAP A TF Rae | गसि वस्र | QT HS TACT YA | रवो श PAT 98 आ कल्पवेभ्रो नेपथ्यं प्रतिकम्पे प्रसाधनम्‌ | ena चिष्ठलङ्त्ताऽलङरि ष्णश्च मण्डितः ॥ €< | सदस-पठेस AGAIN मेध] संमत ORES २उपवरनरमतम3552 | नरद SN ARG ACS AAG 4 |] 99 * Por 4x4 2 + i429 omitted. मन्‌ख्यवगः | 165. प्रताधितोऽलङ्कतश्च भूषितश्च परिष्कृतः | विभ्राड ाजिष्णएराचिष्ण्‌ war तु स्याद्लंक्रिया ॥ १०० ॥ AEN SV ARP कुदार] TWN HS AGES A 90'555 |] तीत V3 VARA 3 || 100 अरलङ्कारसत्वाभरण परिष्कारे विभूषणम्‌ | मण्डनञ्वाथ मुकुटं किरोटं पनपुंसकम्‌ ॥ १०१ ॥ APACSNALAN 5557] दनोद Fata ay at 5 | सयुर | 101 चूडामणिः fA तरला हारमध्यगः | बालपाश्या पारितथ्या पचपाश्या ललारिका ॥ १०२॥ € ^~ 1 पन्‌ | zy x 5 5 नि AA a4 | 102 कणिका तालपचं स्यात्‌ कुण्डलं कणेवे्टनम्‌ | AVR कण्ठभूषा लम्बनं स्याल्ललन्तिका ॥ १०३ | 111 वितनिता AYTAQVSCA A Garay] 108 16 6 अमरकोषः | स्वर्णः प्रालम्विकाथोरःखचिका मैक्तिकैः छता | हारे मुक्तावलो देवच्छन्दोऽसेा शतयष्टिका ॥ १०४ ॥ Sarasa qa] उरगीरदवथ्पनाश्स। १ ^" इ~] SNS a विस्वा 5६ कमत. I] 104 हारमेदा यष्टिमेदा गुच्छगुच्छाङ्गगोस्तनाः | अदहारेा माणवक रुकावल्येकथष्टिका ॥ १०५ ॥ त्ननतनरदिसनति्सा STS SGI A | , NATE AGN SS ITAG | Fagan Bs "ers G SC" | | Sess] TNE I] 105 सेव नक्चमाला स्यात्‌ सप्तविंशतिमोक्किकैः | आवापकः afters: कटको वलयोऽस्िथाम्‌ ॥ १०६ ॥ FH TITS | THY SAGA! SNE SRO OS ays Taya] sa c ॥ | ayy 5 x वत्‌ 5 ] 106 AAT भङ्गदं Ga अङ्गलौ यकमूम्मिका | साक्षराङ्गलिमुद्रा सा कङ्कणं करभूषणम्‌ ॥ १०७ ॥ NARS TH AFAG] मारुतीधिगुनारणुण्‌त॥ 107 Same as ¥44 | मनुव्यवगेः | 167 anal मेखला काञ्चो सप्तको रसना तथा | क्तौवे सारसनचञ्चाथ पुंसकव्यां wea चिषु ॥ ९०८ ॥ HATA वसे र्य] WYATT SSE 1.1) FSV ANT ALTA II 108 UKs तुलाकोरि AAT नुपुरोऽस्तियाम्‌ | eas: पादकटकः किङ्कणो छषद्रधण्टिका ॥ १०९ ॥ |> ११११ ९ दमम | RRersA scr ayyy | WARSI EOI |] 109 त्वकृफलकछमिरामाणि वस््रयोनि en fay | वाल्क RATS फालन्तु कार्पासं वादरञ्च तत्‌ ॥ ११० ॥ AINATAIN ALF उर] ParNaysrerasr ys ASA QUT EN ANAL | तवा ९८८] Ray aay निन्पु रपत] 110 कौषेयं छमिकोपोत्थं राङ्कवं खगरामजम्‌ | अनाहतं निष्प्रवाणि तन्त्रकञ्च नवाम्बरे ॥ १११॥ सरन Sg TASCA | 1, ~ 1 NAAT AAS ATA] SVAN AAA YY 111 168 अमरकोषः | तत्‌ स्यादुद्गमनौयं यज्खातयो वस्तयो र्यगम्‌ । पचो धौतकोषेयं बहुमूल्यं महाधनम्‌ ॥ ११२॥ NT TAA] गरवैग्णुसनिनोसर | TF रसा | ASA रमर दिस. || 112 क्षौमं दूक्रलं स्यात्‌ दे तु निवौतं oad fay । स्तियां Ter वस्त्रस्य दशः स्य॒ AMA दयोः ॥ ११३ ॥ FLAN S AAAS | तवि ATS) SIC AST SIRT ONS | STRAP ACA AS AAAS || 113 Sa मायाम Brie: परिणाहो विशालता | पटच्चर TWA VAT लक्तककपंटो ॥ ११४ ॥ ACEINAA AS] GCS AT ANG ^~ A A r << वासस ASC] B5EPR09 र्ठ 114 वस्त्रमाच्छादनं वास BI वसन AQAA | सुचैलकः TSA स्यादराशिः स्थूलशटकः ॥ ११५ ॥ गौख"<दपाप्पवाश्षम्‌-२३९.६८' Ass HT Aa AE | पास ARCATAC AAS | गसग QOS AQSYA | 115 rer eterna * For \Q7 ? ATV: | निचोलः प्रच्छदपटः समै TARA | अन्तरो योपसंव्यानपरिधानान्यधोऽ' शुके ॥ ११६ ॥ FSNTNS ANA] सुरस SYA | ASIEN AAS | 44९१२९९ न स |] 116 = Fe दा प्रावारेात्तरासङ्गो समो दहतिका तथा | संब्यान Haas चोलः कुपासकोऽस्ियाम्‌ ॥ ero ्रःवोसतिवास मदुरसि] 3557759895 | NTFF SOIT] AACS YY TSN'SS NG | 117 NUT स्यात्‌ प्रावरणे हिमानिलनिवारणे | AGA ATAU स्याचण्डातक AWA ॥ ११८ ॥ 2 दमी TASS | PTAC क्ति ज] aj अ emer 169 1, स्यात्‌ विघ्राप्रपदोनं तत्‌ प्राप्रोत्याप्रपदं हि यत्‌ | अस्त्रो वितान Gas Tare TAA ॥ ११८६ ॥ शिवेति] AAFC TE | ARS वि 5६ || 119 22 170 च्रमर कोषः । प्रतिसोरा यवनिका स्यात्तिरष्करिणौ च at | परिकम्माङ्गसंस्कारः स्यान्माष्टि माजना खजा ॥ १२० | AAS C'S STANTS | NISSAN SAY AIT | TS ANS 55591 190 Wailea ~ उदत्तनोत्सादने दं समे ATA Alaa: | खानं चर्चा तु चािंकयं स्थासकोऽथ प्रबोधनम्‌ ॥ 222 Il = ~ TRS QN ANA ASAT || 121 अनुबोधः पचलेखा पचाङ्गलिरिभे समे । तमालपचतिलकचिचकाणि विशेषकम्‌ ॥ १२२ ॥ LATASICATSES TS] LASERS HSN HIASCA| FATOVAR TEAC] Friars AAS TINA |] 122 a दितौयञ् तुरौयच्च न स्तियामथ कुङ्मम्‌ । का श्मोरजन्माग्रिशिखं वरं वाह्लौकपौतने ॥ १२३ ॥ ABA IAG TAGS | FAN IAAI AS AA TPIT AST ASAC] पतेर सर 19 | क~ ~न --~------------------------------ ------~--------~-----------~--- ---- ~ .-- ----~-~ = —_ # Ray Eq 2 Hawa: | 17 THAR चपिश॒नं धौरलेाहितचन्दनम्‌ | लाक्षा राक्षा जतु AUT यावोऽलक्तो द्रमामयथः॥ १२४॥ SHASTA SETAC AA] समममनय SNA THI AV ESE | AAR GASSER I 104 लवङ्ग देवकुसुमं ओसंज्न मथ जायकम्‌ | कालोयकच्च कालानुसा येच्चाथ समाथेकम्‌ ॥ १२५ | BP Fer Aa गु AIS SS | वसगु पिपणगण नु समप || 12 वंशिकागुरुराजा हला हं कमिजजोङ्गकम्‌ | कालागुव्वेगुरः स्यात्तु मङ्गल्या मल्िगन्थि यत्‌ ॥ १२६ | LATINA HV SAAS | ITS ACH WANGSS | AGN RETA SACS |] 126 ae धूपः सजरसोऽरालसव्वरसावपि । बहरूपोऽप्यथ टकथूपकचिमधूपको ॥ १२७ ॥ >. | SITS पणा्वः | गहनाससन वरदमत | APS ATLA YANN I 127 * HSN ? + According to Tibetan: qe । ` 172 HATH: ।. तुरुष्कः पिण्डकः fast यावनोऽप्यथ पाथसः | श्रौवासो टकधूपोऽपि भ्रौ पिष्टसरलद्रवौ ॥ १२८ | ++ | SaroyTanne | रेन्स । Scar वैण <] + 128 षगनाभि BAS! कस्तृरौ चाथ कोलकम्‌ | कक्कोलकं कोषफल मथ RUT मस्तियाम्‌ ॥ १२९ ॥ देवाह T TR ATSC ak wicul MAT AUP YAS YAR | Sasraygrarags || 129 धनसार श्नन्द्रसंन्नः सिताभो हिमवालुका | TIAA मलयजो भद्रौ अन्दनोऽस्तियाम्‌ ॥ १३० ॥ 97111 सिद Or HN AS | SEVIS SAG AAG A |] 180 DY र| त्ैलपाशिकगो शौषे इरिचन्दनमस्तियाम्‌ | ` तिलपर्णो तु पचाङ्ग रच्जनं रक्तचन्दनम्‌ ॥ १३१ ॥ SMASH SARE वस्म GA SHAH] मर्व पनिना] RSV SHAT HNNAE | 191 मनुव्यवगंः | कचन्दनञ्वाथ जातौ को षजालौ फले समे | क्रा गुरुकस्तु रौ AAT AA ATA: ॥ १३२ ॥ उञ 5८० दरम] ESM SHES Ada 598] aa CAA 178 PANT SSC IAS | गानि वमस दुम ग्‌ 132 गाचानुलेपनौ afar वं रीका स्यादिकलेपनम्‌ | quifa वासयोगाः स्यु वासितं भावितं fay ॥ १३३ ॥ € = = इसमे] सभो वनवास तद] LQEAATNSASISNG || 138 संस्कारा WIAA यैः स्यात्तदधिवासनम्‌ | माल्यं मालाखजौ मृद्धं केशमध्ये तु गभकः ॥ १३४ ॥ LACROSN AN ISAS | डेनिस EC | TATE TH AQIS | HAAG |] 134 प्रमरष्टकं शिखिालम्बि पुरान्यस्तं ललामकम्‌ | प्रालम्ब ्टजुलम्बि स्यात्‌ कण्टा देकश्चन्तु तत्‌ ॥ १३५ ॥ Peyayegcy As age | नपण रतन ASNT Age | ASAYA वेतसे रिण || 135 * According to Tibetan: gq । + For सवर | 174 अमरकोषः | यत्‌ faa fern मुरसि शखास्वापौीडगेखरौ | रचना स्यात्‌ परिस्पन्द BAT परिपशेता ॥ १३६ ॥ ` AIR GAARA ASAATIC AG | 1.17 | किवम ककड | BVT ATT ARATE || 136 उपधान UTS! शय्यायां श्यनौयवत्‌ | शयनं मच्वपय्येङक्गपल्यङ्ाः खटरया समाः ॥ १३७ ॥ STS FASS |] FAUT ARATE IONS अ ^> | Pagar Sagesrs 9 137 गेण्डुकः aca दोपः प्रदौपः पौट मासनम्‌। समुट्गकः AUTH: प्रतिग्राहः पतद्‌ग्रहः ॥ १३८ ॥ SRAANS CIS] => AAC SecA AAT] STAC गदः] Shay yslaMrae a | Taal कङ्तिका fasra: पटवासकः। दपणे मुकुरादओ व्यजनं तालदन्तकम्‌ ॥ १३९ ॥ इति मनुष्यवगेः | AARC AT ACSS | सिसव ARSE AEWA ANAT AS A I 139 RAS S55 || * [ 1 ] | + For ry ? ti a ASAT: | सन्तति गे¶चजननकुलान्यभिजनान्वयो | वंशोऽन्ववायः सन्तानो वशैः स्यु ब्राह्मणादथः ॥ १ ॥ a ay a te ANS "ॐ 3" 1 + >; | 12; | TASHA] SSSA TSCA 1 TARA राजवंश्यो बोज्यस्तु कुलसम्भवः | महा कुलकुलो नाय सभ्यसन्ननसाधवः ॥ २॥ ANAANAES 9A) WAG ANIC स्तनम्‌] RAIN AAT ISL ALIS ATSC | RAAT SCH STAN TAT |] 2 ब्रह्मचारौ Bel वानप्रस्थो भिक्षुखतुष्टये | AAAS दिजात्यग्रजन्मभूरेववाडवाः ॥ ३ ॥ ससन शुर विवार] AAATAAASSS दणि ह| STAG AT तामस HG 5 | मास AN SS ANNA'S || 9 176 अमरकोषः | विप्र ब्राह्मणोऽसौ षट्कम्मां यागादिभियुतः | विदान्‌ विपश्चिदोषन्नः सन्‌ Gat: कोविदो बुधः ॥ ४॥ Scarce Tae SASS ] Sra | रदिदुगपपसमै सुगा | सहस GHANA भुस" | ZAIN BL दवसमासन2स.वे8्‌ | सस णं शुचम्‌ रगा I 4 धोरा मनोषौ जः प्राज्ञः संस्यावान्‌ पण्डितः कविः | धौमान्‌ aft: ant afe लंब्धवर्णो विचक्षणः ॥ ५॥ SEIN BY SBAA SINS ASTAS | SVB AEA SF GN RASS | पमकद वेष] A ASNSPSC SAA ASC ATL SPRCRPAATAR | गुगसन्यर कुमर] $ stem दौ धद श्रो चियच्छान्दसौ समौ । उपाध्यायोऽध्यापकोऽथ स्यान्निषेकादिरंद्गुरः ॥ € ॥ रि तुर्व] ISB हप दुर SH रपम TSW SBA | AIAN NAN SASS ASIA || 6 ABBA AAA ASST त्वध्वरे Aart | यष्टा च यजमानश्च स सोमवति stfaa: oh BAAS HS ATSIT AAAS] TAPES SAN GAIT SS €+ € NSN rans aise S555 | रुसी | 7 Aga: | । 1 इज्या शले यायजूको यज्वा तु विधिनेष्टवान्‌ | स गौष्यतोश्या स्थपतिः सोमपोतौ तु सोमपः ॥ ८ ॥ + 14 (1 11 1 1 सुपु NSS SV F5) 5८ पुस aa] ७ AAA: स येनेष्टो यागः सनव्वैस्वद्क्िशः | अनचान; प्रवचने साङ्गऽधोतौ गुरोस्तु यः॥ ९ ॥ 1.11 नि SHAT | रमाह 3रप्यम्‌ AAPACATAARAS | ॥ लब्धानुज्ञः AASA: सुत्वा त्वभिषवे क्षते | ह्ाचान्तेवासिनो श्य wear प्राथमकल्यिकाः ॥ १० ॥ € तिमिर NENA] vary) सुत मनवस्तु | 352 वार | कदा तरय दथ पुस || 10 रकत्रह्मव्रताचारा मिथः सत्रह्मचारिणः। सतौ्या्ेकगुरव श्ितवानस्नि मभ्रिचित्‌ ॥ ११ ॥ STIS वदनि ESA | SLATER HA SCI | NS पुषतरल् ताडम्‌] NAMA SHA || 11 ee > 23 178 परमरकोषः | पारम्पर्ग्योपदे गे स्यादैतिद्यमितिदाव्ययम्‌ | उपन्ना ज्ञानमाद्यं स्यात्‌ ज्ात्वारम्भ उपक्रमः ॥ १२॥ तोर NALIN SS | == 4515556 | RSA SAAIQAN || 12 यन्नः सवोऽध्वरा यागः सत्ततन्तुमंखः कतुः । पाटो होमश्चातिथौनां सपर्यया qua वलिः ॥ १३ | 1 ग RASTA ससा महुमुनासतव मर रमर 13 wa पञ्च महायन्ना ब्रह्मथन्नादिनामकाः। समज्या परिषहोष्ठौ सभासमितिसंसदः ॥ १४ ॥ रकम तक्म कसति मत SFA GN | SAAR AILAAS AAS | SPT SSIAC ASS |] 14 ~ oy STA RAAT स््रौनपुंसकयोः सदः | प्राग्वंशः प्राग्धविरगेहात्‌ सदस्या विधिदशिनः ॥ १५॥ दु 9८.८९ ९ 1. | RHR ARIAL] QRS AHA | 15 ब्रह्मवगेः | सभासदः सभास्ताराः सभ्याः सामाजिकाश्च a | PAAR यजुःसामगविदः कमात्‌ ॥ १६ | सतत स. || 16 2 SAMA धनैवाय्या त्विजो याजकाश्च ते | वेदिः परिष्कृता भूमिः समे स्थण्डिल चत्वरे ॥ १७ ॥ STS AVANT SASL ASA WEN | €~ र as nO XV (पी a > ^ € Oa RAIN SS SAARI | SRSA TA AAS || 17 SUA युपकटकः कुम्बा सुगना इतिः | यूपाय तम्प निम्मेन्थ्यदारुणि त्वरणिद्ियोः ॥ १८ ॥ उवप YIN तपस्त ° ASTER TAHA AA A | ( ~~? सगव डे कमस! AST ASAST YF WPAB || 18 दक्षिणामि गरदपत्याहवनोयो चयोऽग्रयः | afaaafad चेता प्रणौलः संस्कतोऽनलः ॥ १९ | BNASCANTA) FPA SA | TALIA SFA] TESA YAN |] 19 * F or AN तस्‌ 2 179 180 अमरकोषः | समूह्यः परिचाय्योपचाग्यावध्नौ प्रयोगिणः | यो गाहंपत्यादानौथ दक्षिणाभिः प्रणौयते ॥ २० ॥ AACE] FRING | TEST ENISHI! SICA BN |] 20 तस्मिन्ानाग्योऽथाभ्रायौ खाहा च हतभुकृप्रिया | कृ सामिधेनो धाय्या च या स्यादप्रिसमिन्धने ॥ २१॥ fia IE SGI ESL NES षन RANA ALAS A IAA IY श गायकचौप्रसुखं छन्दो CIITA चरुः पुमान्‌ | आमिष सा तोषणे या शौरे स्याहधियोगतः ॥ २२ ॥ eee ००* ० | 2m धुविचं व्यजनं तदद्रवितं खगचम्मेणा | पृषदाज्यं सदध्याज्ये परमान्नन्तु पायसः ॥ २३ ॥ ७३४ 28s (द, 11 । ese || 23 ABA: । 181 हव्यकव्ये दे वपिच्ये awa पाच खुवादिकम्‌ | भ्रवोप्टज्जह् ना तु खुवो भेदाः सुचः स्त्रियः ॥ २९ ॥ SITS FRSA] सगमत मा सतस = 1 | इवाह्म मार TES RAG || २५ उपातः पशुरसौ योऽभिमन्त्य क्रतौ इतः । परम्पराकं शमनं प्रोक्षणच्च वधाथेकम्‌ ॥ २५ ॥ श HPSH SINGING AFEAQAS INCAS IS | गादिति नसम] ४ वाच्यलिङ्गः प्रमोतोपसम्यन्नप्रोकिता इते ।. सान्नाय्य हविरघ्नौ तु इतं fay वषट्‌कतम्‌ ॥ २६ | REV SIA SIN सवत] उह हवस रसत मर्िरउकषजस नासः | el RANTES YS | माद्र. |] 26 दौश्षान्तोऽवग्टथो यन्न स्तत्‌कम्मां दन्तु यज्ञियम्‌ | चिथ कतुकम्पष्टं पत्तं खातादिकम्मेणि ॥ २७ ॥ 2 ATRIA BRASH षि] Fara AES 9 ¢ AINA] REL SHAAL ANTS ESSA | 27 182 अमरकोषः | gaa विघसो यन्न गेषभोजनशेषयोः। ~ ’ # Q we त्यागो विदापितं दान सुत्‌सज्जनविसच्जने ॥ २८ ॥ REE ROSAS | मतद Sag 75 स्वारा मदिर वसुनि शुम] कपर कगोऽ5नावैनसपन्र | 28 विश्राणनं वितरणं स्पशनं प्रतिपादनम्‌। प्रादेशनं निवेपण मपवच्जन मंहतिः ॥ २९ ॥ ज वेगतषपसमर वणनम्‌] ससद रमु | Agara Nga FATS] | 29 wala तद्‌ हदानं fay erate रेहिकम्‌ । faaeta निवापः स्यात्‌ ATS तत्‌कम्मे शस्तः ॥ ३० ॥ lal di sake त | ses Fasraggassrasy] S421) 30 अन्वादायये' मासिकेऽ शेऽष्टमोऽहः कुतपोऽस्ियाम्‌ | पर्येषणा परोष्िश्चान्वेषणा च गबेषणा ॥ ३१ ॥ रास्ना स्ता] क सनि वकर 7) 5 <~ 5 AAA] ON AVA CAVA AAA <~ Py Sage; FSAI] 31 ब्रह्धयवगं; | 188; सनिरत्वध्येषणा याद्‌जाभिश्स्ति या चनाधेना | षट्‌ तु विष्ठश्य vale पाद्यं पादाय वारिणि | sz | ग्न TAC ASIA | SA TACFAA SOAR SAS NTA] STF VTL ASS AAR प्रकत] GININVAL RN HANA || 32 क्रमादातिथ्यातिथेये अतिथ्यथऽच aryta | स्यादावेशिक आगन्तु रतिथि at गृहागते | 33 ॥ ASEAN SAAT TAY IA TINA AC AS AS AAS | मन्व तरर RANA ACSA | SARA BRS ACSA || 33 £ पूजा नमस्यापचितिः सपय्याचादेणाः समाः । वरिवस्या तु शुश्रूषा परिचय्धाप्युपासनम्‌ ॥ ३४ ॥ व SN AAKE | Aq SR RMgawahenige0 | AINSISY G55 ISSA) ANN SACS 1G ITN | ATMA Vasa चया त्वौयापथे स्थितिः | BUT रूवाचमन मथ मौनमभाषणम्‌ ॥ By | ARTROABAAN AS NANT | SAAT a SF QRS TTA | Ragaracs तेभि दसनत्ि] FasrgQracar gray} 35 184 पमरकोषः | आनुपूत्वों स्वियां वात्‌ परिपाटौ अनुक्रमः | पय्यायश्चातिपातक्तु स्यात्‌ पय्येय उपात्ययः ॥ ३६ | SIRS 25155127] APASTAQTAS EIA | ATRSTARSC AS TTAS I] 36 नियमो व्रत मस््ौ तञ्चोपवासादि पुण्यकम्‌ | उपवस्त न्तपवासो विवेकः प्रथगात्मता ॥ ३७ ॥ SST SIEVE SS AST OAS A AGS | वसु सर Satan aR TAY ASIAN | APTSAZ AAS HSS I 97 स्याट्‌ ब्रह्मवचेसं इत्ताध्ययन्चिरथाश्जलिः | पाठे ब्रह्माञ्जलिः पाटे fanart ब्रह्मचिन्दवः ॥ इट ॥ +> 1 | Sasrgar ge देन] ददरु | वस" GVA GA AA | Myson Says | 38 ध्यानयोगासने ब्रह्यासनं कल्पे विधिक्रमो | मुख्यः स्यात्‌ प्रथमः कल्पोऽनुकल्यस्तु तलोऽधमः ॥ Se ॥ वदि HAA | AANA FATA a सरस्व RPS PRAT] SAHA SH Bay SAV तहे स |] 30 Aga: | 185 संस्कारपुव्वग्रहणं स्याद्‌पाकरणं श्रुतेः । समे तु पादग्रहण मभिवादनमित्युभे ॥ ४० ॥ १५१ हत ARTA] ‰ 5८ SISCAT AGATA रदत] ARS SES EY ISANIA |] 40 fue: परिव्राट्‌ कम्मेन्दौ पाराश्य्येपि मस्करी । quent तापसः पारि काङ्ग वाचंयमो समुनिः ॥ ४१॥ FISSACA TATA! सदस AI GATQTIN SG ANA STATA SYS RAVAAS | ATR GAA YY 41 तपःक्तेशसदो दान्तो विनो ब्रह्मचारिणः | ऋषयः सत्यवचसः सरातकलत्वा सतत्रतौ ॥ Be ॥ AMA’ AVAL SSA NC ASS | So SAIN समसन 18 a ^> ARSE SRSA ३ | RSS RS TSAI QMAT SA |] 42 ये निज्जितेन्द्रिथग्रामा यतिनो यतयश्च ते । थः स्थण्डिले व्रतवश्ण च्छते स्थण्डिल श्णय्यसौ ॥ ४३ | = 110) WBA SATS TS || 48 24. 186 रमर कोषः | स्ाण्डिलाथ विरजस्तमसः & दंयातिगाः। पविचः प्रयतः पूतः पाषण्डाः सब्वेलिद्गिनः ॥ ४४ ॥ रवय वपासतुनिण मस] गम ACS भ्‌] Asan Say व Savas | (0 ] शि पालाशे दण्ड आषा AA राम्भ्तु वेणवः | अस्त्रौ कमण्डलुः कुण्डो व्रतिना मासनं sat ॥ ४५॥ वा 10 ठरददनिदुगसस्म रर । नि a eee SANIT GINSS | ९8१११९० अजिनं aa ata: स्तौ vai fares | स्वाध्यायः Bisa: सुत्याभिषवः सवनच्व सा ॥ ४६ ॥ € GS As NEA ANAT तिग्‌] विग LA NAS | समस थरु] (रमेव केशङ्गस लद ANS RSENS || 46 ` सर्व्वेनसा मपध्वंसि जप्यं चिष्रधमषंणम्‌ | दश्च पौशौमासश्च यागौ पश्छान्तयोः पथक्‌ ॥ BO | STOVES SIN TAT] SPATE AGS | SAME SEAM Fasraga NR मव वड 4 ARIA: | 187 शरौरसाधनापेक्षं नित्यं यत्कम्मे तद्‌ यमः । नियमस्तु स यत्कम्मे नित्यमागन्तुसाधनम्‌ ॥ ४८ ॥ दसन ITE TS | विसार RRs eA ESPEPIE GATS FOUN | SPIN TAN ILT ITA HA I 48 उपवौतं यज्नख्चं Arse दक्षिणे करे | प्राचौनावौत मन्यस्मिन्निवौतं कण्टलम्वितम्‌ ॥ ve | ASSLT HAA] चिनार SWEAT ATS ATS | FP IAFFAITN] FAFSA ARC’ || 49 TA ^ ^~ A ==), 1 अङ्कल्यग्रे NY दैवं खल्पाङ्कल्योम॑ले कायम्‌ | मध्येऽङग्ाङ्गल्योः पेच्यं मूले WTA ब्राह्मम्‌ ॥ ५० ॥ सरना डे AILS | अते द्‌ 5८5६. नार वेर हुत नवी ह] ATS SALAS || 50 RAMA ब्रह्मत्वं ब्रह्यमसायुज्यमित्यपि | देवभ्रूयादिकं तदत्‌ कच्छं सान्तपनादिकम्‌ ॥ ५१ | दरपुर कसा] SCAATWIR'ATT RAT AC | erage ss ays | AVA ANA ATA I] 51 188 | अमरकोषः | सन्यासवत्यनशने पुमान्‌ प्रायोऽथ ATT | | auf: कुहना लेाभान्मिथ्येखापथकल्यना ॥ ye ॥ THN TAH ga] 7] दमु 95 दुह | | = 1101 | हि ~) (न व्रात्यः संस्कारहोनः स्यादसाध्यायो निरारुतिः। wana लिङ्गटत्ति रवकौणौं क्षतव्रतः ॥ ys ॥ HANTS NS A] ९८२5 CATA | 401 0 । TAIN SANA ACA AEN QIN GAN || 5 सुप्ते यस्मिन्नस्तमेति सुप्ते afaaeta च। अंशुमानभिनिम्ुक्ताभ्यदितौ तौ यथाक्रमम्‌ ॥ ५४ ॥ Fa सुपिति | SBT GRATIS GAS | ठ सपदि सेत | GAAS E BSA वनिम्‌] 54 परिवेत्ताऽनु जोऽनूढे ज्येष्ठे दारपरिग्रहात्‌ | परिवित्तिस्तु तज्ज्यायान्‌ विवादोपयमो समो ॥ ५५ ॥ 1111111 111 SPAS SYA दि] कान डन स्स || 55 * र्ब देखन ङ्प ? tyes 2 Aaa: | 189 तथा परिणयोदादहोपयामाः पाणिपौडनम्‌ | व्यवायो ग्राम्यधम्मश्च रतं निधुवनञ्च सः ॥ ५६ ॥ SAR EN IAIN RASS | एप्प gets ARPA SN SINGS AECA || 56 चिवर्गो धम्मैकामार्थे agar: समो कषकः | A ¢ $ सबले स्ते अतुभद्रं जन्याः fart वरस्य ये ॥ ५७॥ इति awa: | SHAAH IAT SNHCG | पदप AT SANNA | WHPAQUVSNIAA | FVII SAA G | ESATA AIST IA, |] 57 arama: । मृद्वभिपिक्तो राजन्यो बाहुजः छषचिथो विराट्‌ | राजनि राट्पाथिवश्ाश्टन्ृपभूपमहौक्ितिः ॥ १ ॥ केः कि he * ale म] ~य. 441 चन्र ररर वनि] APHASIA वौवि सपनम | से पदमा स्पशनसमात NESE | ] राजा तु प्रणताशेषसामन्तः स्यादधौश्वरः | चक्रवत्तो साव्वेभोमो न्टपोऽन्यो मण्डलेश्वरः ॥ २ ॥ gar erareanng Jars | दुमऽसष्ठेन 5२८ कग ARS AGATA IS SAL | ASSET SIAAS GTI |] 2 येनेष्टं राजखयेन मण्डलस्ये शरश्च यः | शासि TAHA UW स सम्राड़थ राजकम्‌ ॥ ३ ॥ FATA HAAG ASV SFI | A AAARR SAC YT ILA ISNA | ATA ARSE a] Hera Sayers qye erga] 8 चचियवगंः | 191 राजन्यकन्च न्टपतिशृचियाणां गणे क्रमात्‌ । मनौ घौसचिवोऽमात्यो ऽन्ये कम्म सचिवा स्ततः ॥ ४ ॥ PAST ANATSSIN AAS | INARA AS HFATSC | MATTE A STH 4 महापाचाः प्रधानानि पुरोधा्तु gated: | द्रष्टरि व्यवहाराणां प्राड्विवाकाक्द शका ॥ ५॥ New रिप RZ aE eee Oy | NN १०११ [^| APA AIR AAA ॥ 5 प्रतिहारे दारपाल-दाःसख-दाःशितद्‌ शेकाः | रक्षिवगं सत्वनौकस्थो ऽथाध्यस्षाधिक्षतो समो ॥ | त NSN AACS SE | NSB ASA | सुसर SINT ISNA] VANATIA ATA RNSCN |] 6 स्थायुकोऽधिकृतो ग्रामे गोपो Way भूरिषु | भोरिकः कनकाध्यक्ो Sara नैष्किकः ॥ ७ ॥ गासन कतुर सतथ] गष वमानस पर| वासि ISCAS BAA] SCOPES ISOS Carag |] 7 192 अमरकोषः | अन्तःपुरे त्वधिकृतः स्याटन्तव्व शिको जनः । सो विदल्लाः कञ्चुकिनः स्थाप्याः सौविदाश्च ते ॥ ८ ॥ FEASTS SLATS] FCF SAAS ति SOFA AY NOT SSH] ANSGAR SSAA] ° पण्डो वषेवरस्तुल्याः सेवका थ्यैनुजौ विनः | विषयानन्तरो राजा शच भ्बिच मतः परम्‌ ॥ € ॥ नयक SHN TANS] वैरस्य नतुपा'त८९६5.२१। NARS GNA SNES) FARA GAGS | 9 उदासीनः परतरः पाण्णिग्रादस्तु TIA | रिपौ वैरिसपतारिदिषद्रेषणद्‌ हृदः ॥ १० ॥ सुर सगवर नामस] SARSACA HTT 7 दिङ्‌ विपश्षाहितामिचदस्य॒शचवशचवः | अभिधातिपरारातिप्रत्यथिपरिपन्धिनः॥ ११॥ तठ AQT दुगास ASV SCANS | FAIRGERNAE- TSS] RASS kaa BRANAC A LAAN |] 11 * SHN 2 afaaaa: | 198 वयस्यः favs: सवया अथ मिच रखा सुहत्‌ | सख्यं साप्तपदौनं स्यादनुरेधो ऽनुवत्तनम्‌ ॥ १२ ॥ वमनु TATA TSS | SASS नुषास्वपरत नसम नाते] EN SATAC RASA] 12 थथाहंवशैः प्रणिधि रपसपे WT: MAT: | चारश्च गदपुरुष AIA: प्रत्ययित fay ॥ १३॥ BA TISEN SYA] उना SS FAR WALA | 3 ama ज्योतिषिको टैवन्नगणकावपि | स्य माह्त्तिकमोहृत्तन्नानिकार्तान्तिका अपि ॥ १४ | sy Gar व्न्णदि क्षप] RN APACS GANAS SAVIO STAC ९1.451. RRA ८ 14 ताज्तिको ज्ञातसिद्वान्तः सचौ गृहपतिः समो | लिपिकार ऽक्षर चनो SAT AIA लेखके ॥ १५ ॥ रनर TTA Garerge | HHAKATHSTISAT ACSA ARSAIRARLA प्रमन्‌] AAAS ET 15 r | * For १०१३ or 44785 १ विष `. छ 20 194 अमरकोषः | लिखिताक्षर संस्थाने लिपि fafa रमे सियो | स्यात्‌ CATS दूतो दृत्यं ARTA ॥ १६ ॥ RAIA माति रपवो IN] OPAL SABA S | छख वक] SFA SSS AIAG || 16 अध्वनोनोऽध्वगोऽध्वन्यः पान्धः पथिक इत्यपि | स्वाम्यमात्यसुहत्‌ कोषराप्रदु गेबलानि च ॥ १७॥ AVAL AMS ETAL दवान 5 AAG ART AC" | रपण ARTS ASST | ESSE एर SE | 17 राज्याङ्गानि प्रकूलयः पौराणं श्रेशयोऽपि च । afar ना विग्रहो यान मासनं SY ATTA: ॥ १८ ॥ PAST ANN ANA A AFA SAN ACAQ AS | RTARTA GNAC'] NAACAQTACAS EAC || 18 षड्गुणाः शक्तय स्तिखः प्रभावोत्साहमन््जाः | छथयस्थानच्च ठडश्च fart नौतिवेदिनाम्‌ ॥ १९ ॥ STA NAGA | नुसवदरममवु्रसनर | RATER NAC SIN ASS AR | BACAR NAR ART SE | ह कन सुमन रमन्‌ || 19 a ee नै Ror UN ae acy 2 क ` - ~ न्नै -------------- OE, ( : afaaam: | 195 स प्रतापः प्रभावश्च यत्तेजः कोषदण्डजम्‌ | भेदो दण्डः साम दानमित्युपायचतुष्टयम्‌ ॥ २० ॥ ससु दरसु हैत स्मरे] उरसि रपर 10) Sy azargasry ङु'ये॥ 20 AeA दमो दण्डः साम Alea मथो समो | भेदोपजापावपधा VATS यत्‌ परौक्षणम्‌ ॥ २१ I हिर क्-259] NUH GASSES ACLS WAS दस समास) | पारि भ्पसश्ु | 21 पच्च चि्षड्क्ौणो यस्तृतोयायगोचरः। विविक्रविजनच्छन्ननिःशला कास्तथा रहः ॥ २२ ॥ PAIVAT AAT AG | SSATP NANG दुम AMARC सतस वेगयत] VERSE इवासन्‌] FGA य रपि TARA | 22 रहश्चोपां शु चालिङ्गः रस्यं aga fay । समो विश्रम्भविश्वासो मेषो संश यथोचितात्‌ ॥ २३॥ SHARAN GRASSES] NECA A ध२२८३स | SAN रभुर दि BA ATAN |] 23 * ९५ + For 59 ? { 5qavaya १ 196 अमरकोषः | अभ्रेषन्धायकल्पासतु SEA समञ्जसम्‌ | युक्तं मौोपयिकं लभ्यं भजमानाभिनौतवत्‌ ॥ ₹४ ॥ ससम पर्दगपन] वद्वनाङ्ग्मभरसवनरवास। RAVES ACHAT AL | तिप cragcarqay ac 1 : न्याय्यच्च fay षट्‌ संप्रधारणा तु समथेनम्‌ । अववादस्तु fats fata: शसनच्च सः ॥ २५॥ ॥ + BATISTA ASSAY SIE I] २३ शशि श्चान्नाच Aart gq मयादा धारण fea: | आगोऽपराधो मन्तुश्च समे तूदानबन्धने ॥ २६ ॥ ` वमस ANNALS AY SN तिस] S81 ETGRA SING SHG SCAN ASH ACASAATAA |} 26 7 दिपाद्यो दिगुणो दण्डो भागधेयः करो afer: | घटरादिदेयं शुल्कोऽस््रो UTA प्ररेशएनम्‌ ॥ २७॥ ` ॥ >^ | भु cies 9 (अ 1 QANTAS AG's |] 27 ` पकी १ त्चियवगेः | \ 197 => उपायन सुपयमाद्य मुपहार स्तथोपदा | ` . योतुकादि तु यदेयं स दायो ETM तत्‌ ॥ रेट | LZ STAG ASA ARS] | ASL ASSIN SEGA SNS | HAN पता ENA || 28 AMA तदात्वं VASAT: काल आयतिः | aigfea फलं सद्य उदकः फल मुत्तरम्‌ ॥ २९ ॥ +, 7 Ay न वपु ay Hag FAVAGLACA WAIN | 29 अहृष्टं वह्ितोयादि दृष्टं स्वपर चक्रजम्‌ | महोभ्ुजा महिभयं स्वपक्षप्रभवं भयम्‌ ॥ ३० ॥ ~ नतु AS AAC SAAN | STRATA AHA AAC NAR GA दद्व] रर दवाव दिरवस EAC |] 30 प्रकिया त्वधिकारः स्थाचामरन्तु प्रकोशेकम्‌ । पासनं यत्तद्वद्रासनं सिंहासनन्तु तत्‌ ॥ ३१ ॥ सपिपपमेनणरदषरत दप्वरन्वनु कु तत! Qe हि ` नपम्‌ मुत] NOAA IGA नुसे AA |] 31 198 ` 9" श्रमरकोषः | देमं at TNS TRY SIT तत्‌ | भद्रकम्भः WUHAN शङ्गारः कनकालुका ॥ ३२ ॥ SASS RANA] STEPS FIC NSS HSS | QUART म्न] SATA नासिर वीम |] 82 निवेशः शिविरं षण्डे सज्ननन्तपर क्षणम्‌ । इसत्यश्वरथपाद्‌ातं AAS स्याच्तुष्टयम्‌ ॥ ३३ ॥ ASTRA ATER AR S| AVS THC HAL ANS | TRS ISS पमस] ABSTAP वतना ङं पवेति॥ 33 दन्तौ दन्तावला went दिर दोऽनेकपो feu: | मतङ्गजो गजो नागः कुञ्जरो वारणः करौ ॥ ३४ ॥ TRFASTLA SCI] धिग्‌ कवन | CET AOAC AGN AIOAS | कसना ननाम NAGA 9५ इभः स्तम्बेरमः पद्मौ TATA यूथपः | मदोत्करो मदकलः कलभः करि शावकः ॥ Sy ॥ क “a (क + क, | शप्तं QANPAC ASA Va | FINS RCIA] TOURS STAC S TATA IELTS ] 3 चचियवगं: | 199 प्रभिन्नो गजितो मत्तः समावृदान्तनिम्पौदौ | हास्तिकं गजता इन्दे करिणौ धेनुका वशा ॥ ३६ | ARAN SSA ARIS AS | OSI वतीति IRA VAN TARA ARN | AOA TAC AACA I] 36 गण्डः कटो मदो दानं वमथुः कर शौकरः | मौ ॐ OLN कुम्भो तु पिण्डो शिरस waa विदुः पुमान्‌ ॥ ३७ | ANTE TPAR AAR स्म] LAA Roa A | 3०२ प TF AIS aN | द्वत. SG II 37 अवग्रहो ललाटं स्यादोषिका afaqeaa | अपाङ्गे शो निर्याणं कणेमूलन्तु चूलिका ॥ sc ॥ SPV HRA पेऽ pane olka aah सेनानी डवै दर6] FASTEN || 58 CO, अधः कुम्भस्य बादहित्यं प्रतिमान मधोऽस्य यत्‌ | आसनं MTSU: स्यात्‌ पद्मकं बिन्द्‌जालकम्‌ ॥ Be | APSA TH 5 | PUTAS AAAS | NTF AVA AAI] दाग हिरि SA 1 39 200 श्रमरकोषः | पक्षभागः पाश्वेभागो SAAT योऽग्रतः । दो पूव्वपश्चाज्जङ्ूगदिदेश्ौ गाचावरे कमात्‌ ॥ ४० ॥ IN PAY RAGS | 598 TASTING 4९ SVECA ONAN AN | तसौ ARGV Aare als 40 NS ` तोकं वेणुक मालानं बन्धस्तम्पेऽथ TET । ` न्दुको निगड़गऽस््ौ स्या दङ्शेऽस्तो शशिः स्त्रियाम्‌ ॥४१॥ TAREE AE GS | Wars ARS ST eI] SIN HIS AST नर गस] TAY AIM alg A OA [AI चूषा कश्या वरचा स्यात्‌ कल्पना सज्जना समे । प्रवेण्यास्तरणं TW: परि स्तामः कुथो दयोः ॥ ४२ i नदना इमास्त वेष्या | SAAT a Sa Sarer alec | पार ANENSAE! RAAT AC'S | WYSC TTBS ASA |] 49 वौतं त्वसारं eer वारौ तु गजबन्धनौ । घोटकेऽपौति तुरगतुरङ्गाश्वतुरङ्गमाः ॥ ४३ ॥ दत्य Fase | AATF SAG सुर नना AAT REISS SCART |] 43 ह. Vol. I, Faso. 1-8, Vol. If, Faso. 1.3 @ /10/ each Rs Nyayabindutika, Faso. 1 @ /10/ each ००७ “Nyaya (टप8प08 0४11 Prakaraua, Vol. IJ, ९१५. L-3 @ /10/ each... Nyayasarah (८ vee ००५ Padumiwati, 1५80. 1 5 @ 2/- क ae es Prakrita-Paingalam, Fasc. 1-7 @ /10/ each ... ५, Prakyta Laksanam, Fasc. 1 @ /1/8 each ve Paracara Smrti, Vol. I, Fasc. 1-8, Vol. If, Fasc. t-6; Vol. (11, Base. 1-6 @ /10/ each oe ae ०७ Paracara, Institutes of (English) @ 1/- each ... vee ies Pariksamukha Sutram ००, च Prabandhacintamani English) Fasc. 1-3 @ 1/4/ each भ Ragarnavam, Fasc. 1-3 ... ह or AR Saddarsana-Samuccaya, Faso. 1-2 @ /10/ each + aes Samaraicca Kaha, Faso. 1-3, @ /10/ ; ध ध Saukhya Sitra Vrtti, Fasc. 1-4 @ /10/ each ... ban ioe Ditto (English) Faso. 1-3 @ 1/- each ५५७ se Six Buddhist Nyaya Tracts ००१ ` ^ Sraddha Kriyé Kaumudi, Fasc. 1-6 @ /10/ each ५११ se Sragdhara Stotra (Sanskrit and Tibetan) ae ing Sacrata Samhita, (Eng.) Fase. 1 @ 1/- each ... aoe Suddhi Kaumndi, Fasc. 1-4 @ /10/ each = Ea व Sundaranandam Kavyam ots ao ee Suryya Siddhanta, Fasc. 1 ase is ५५१ wee Syainika Sastra ae OF *Taittreya Brahmana, Fasc., 11-25 @ /10/ each ष seh *Yaittiriya Sarhhita, Fasc. 27-45 @ /10/ each oo oe *Tandya Brahmana, Faso. 10-19 @ /10/ each ११. a Tantra Vartika (English) Fasc. 1-8 @ /1/4 .. to Tattva Cintamani, Vol. I, Fase. 1-9; Vol. II, Faso. 1-103 Vol. ITI Fasc. 1-2; Vol. IV, Fase. 1; Vol. प्र, Fasc. 1-5; Part IV, Vol. IT Fasc. 1-12 @ /10/ each nas Tattva Cintamani Didhiti Vivriti, Fasc. 1, @ /10/ each Ditto Prakas, Fasc. 1-3, @ /10/ each .. Vattvarthadhigama Sutram, Fasc, 1-3 @ /10/ - ee Tirthacintamoni, Fasc. 1, @ /10/ each Ge eas a Trikanda-Mandanam, Fasc. 1-3 @ /10/ es : Tal’si Satsai, Fasc. 1-5 @ /10/ .. a *Upamita-bhava-prapanca-katha, Fasc. 1-2, 5-13 @ /10/ each 1. Uvasagadasao, (Text and 9911811) Fasc. 1-6 @ es = Vallala Carita, Fasc. 1 @ /10/ : af a oar Varga Kriya Kaumadi, Fasc. 1-6 @ /10/ sie *Vayu Purana, Vol. I, Fasc. 3-6; Vol. II, Fase. 1-7; @ /10/ each ... Vidhana Parijata, Fasc. 1-8; Vol. II, Fasc.1 @/10/ = ,,, Bee Ditto Vol. II, Fasc. 2-4, @ 1/4 o ees Vivadaratnikara, Fasc. 1-7 @ /10/ each Vrhat Svayambhii Purana, Fasc. 1-6 @ /10/ ., ‘ व Yogagastra, Fasc. 1-3 .., vee as < Tibetan Series. Bauddhastotrasangraha, Vol. I ध eee A Lower Ladakhi version of Kesarsaga, Fasc. 1-4, @ 1/+ each ae Nyayabindnu of Dharmakirti, Faso. 1 or ५०५ ००५ Pag-Sam S’hi Tin, Faso. 1-4 @ 1/- each a Rtogs brjod dpag hkhri 8110 (Tib. & Sans. Avadafia Kalpalat&i) Vol. I Fasc. 1-8 Vol. II, Fasc. 1-8 @ 1/- eac Sher-Phyin, Vol. I, 7880. 1-5; Vol. II, Fase. 1-3; Vol. III, Faso. 2-6 @ 1/ each eee e oe ५१७ ace Arabic and Persian Series. Al-Muqaddasi (English) Vol. I, Fasc. 1-4 @ L/ Ain-i-Akbari, Fasc, 1-22 @ 1/8/ each a Ditto (English) Vol. I, Fase. 1-7, Vol. II, Fasc. 1-5, Vol. 117, Fasc. 1.6, Index to Vol. II, @ 2/- each a Akbarnamah, with Tudex, Faso. 1-37 @ 1/8/ each Akbarnamah,English Vol. I, Fasc. 1-8; Vol. II, Fase. 1-7; Vol. III Fasc. 1, @ 1t/4/ each Arabic Bibliography, by Dr. A Sprenger @ /10/ Conquest of Syria, Fasc. 1-9 @ /10/ each Catalogue of Arabic Booka and Manuscripts 1-2 @ 1/- each see e nh € £ > & ©\ @> 4 © ©> ॐ ‰ ऋ ~> =H OO Lf (न्दं ++ &> > 09 ^“ ¢ ॐ —) ॐ Od == 8D pet et et OD et DD CO © CO DD we be CO OD et et 09 i > mt BD ng frei f=) boo peal । ShlhAOOCOPROMOONOCOMeANNOOCE bom 10 10 0 The other Fasciculi of these works are out of stock, and complete copies cannot )6 eupplied ॥ Catalogue of the Persian Books and Manuscripts in the Library of the Asiatic Society of Bengal, Faso. 1-3 @ 1/- each Ra. 3 Dictionary of Arabic Technical Terms, and Appendix Fase, 1-21 @ 1/8/ each ee ००५ 9०१ वक | Fara Nama ... ar 6 a. Farnang-i-Rashidi, Fasc. 1-14 @ 1/8/ each =. 21 Fibrist-i-T'usi, or Tiisy’s list of Shy’ah Books, Fasc. 1 4 @ 1/- each 4 History cf Gnjarat fr "भ Haft 2 8111710, History of the Persian Masnawi, Fasc. 1 @ /}2/each ,,, 0 History of the Caliphs, (English) Fase. 1-6 @ 1/4/ each =. क ` 14810818 1-1-41 81811111, Fasc. 1-3 @ /10/ each te ० ॥ Isibah, with Supplement, 51 Fasc. @ 1/- each Pi we 51 Ma’asir-i-Rahim}i, Part I, Fasc. a 2 Maasir-ul-Umara, Vol. 1, Fasc. 1-9; Vol. I], Fase. 1-9; Vol. HI, 1-10 Index to Vol. J, Fasc. 10-11; Index to Vol. IJ, Fase. 10-12; Index to Vol. III, Fase. 11-12 @ /1/ each an ey ,,, 3D Marhamu ’L-Tlali ’L-Mu’Dila oe a eee Mmitakhabu-t-Tawarikh, Fasc. 1-15 @ 10/ each "श Ditto (English), Vol. I, Fasc. 1-7; Vol. !1, Fasc. 1-5 and 8 Indexes ; Vol. IIT, Fase. 1 @ 1/- each ... ^ ०१० re | 0 Muntakhabu-l-Lubab, Fasc. 1-19 @ /10/ each... ee we II 14 Ditto Part 3, Fasc. 1 a sca 0 Nukhbatu-!-Fikr, Fase. 1 @ /10/ coe 10 Nizami’s Khiraduamah-i-Iskandari, Fase. 1-2 @ /12 each 1 8 Qawaninu ’s-Sayyad of Khuda Yar Khan ‘Abbasi, edited in the origi- 181 Persian with English notes by Lieut.-Col. D. C. Phillott we 8 OU Riyazu-s-Salatin, Fasc. 1-56 @ /10/ each oe ५१७ ०० 3 2 Ditto (English) 88९. 1.5 @ 1/- .., ५" os 0 Tadbkira-i-Khushnavisan von ," 0 Tubaquat-i-Nasiri (English), Fasc. 1-14 @ 1/- each ah we 14 2 Ditto Index ` oe 0 Tankh-i-Firaz Shahi of Ziyau-d-din Barni, Fasc. 1-7 @ /10/ each ... 4 6 Tarikh-i-Piruzshahi, of Shams-i-Siraj Aif, Fasc. 1-6 @ /10/ each क 12 ‘en Ancient Arabic Poems, Fasc. 1-2 @ 1/8/ eac a 0 The Mabani’L Lughat: A Grammar of the Turki Languagein Persian I 8 The Persian and Turki Divans of Bayran Khan, Khan Khanan == L ae Tazuk-i-Jahangiri (Eng.) Fasc. 1 @ 1/- oe ped न 0 Wis 0 Ramin, Fasc. 1-5 @ /10/ each > & 2 Zfarnimah, Vol. 1, Fasc, 1-9, Vol. 11, Fasc. 1-8 @ /10/ each ove OA 10 ASIATIC SOCIETY’S PUBLICATIONS, Asiatic KReswarcurs, Vols. XIX and XX @10/- each ... aaa ॥ 25०0४ छ112 68 of the Asiatic Society from 1870 to 1904 @ /8/ per No. JOURNAL of the Asintic Society for 1870 (8), 1871 (7), 1872 (8), 1873 (8), 1874 (8), 1875 (7), 1876 (7), 1877 (8), 1878 (8), 1879 (7), 1880 (8), 1881 (7), 1882 (6), 1883 (5), 1884 (6), 1885 (6), 1886 (8), 1887 (7), 1888 (7), 1889 (10), 1890 (11), 1891 (7), 1892 (8), 1893 (11), 1894 (8), 1895 (7), 1896 (8), 1897 (8), 1898 (8), 1899 (8), 1900 (7), 1901 (7), 1902 (9), 1908 (8), 1904 (16) @ 1/8 per No. to Members and @ 2/- per No. to Non-Members. N.B.—The figures enclosed in brackets give the number of Nos. in each Volume. 4. Journal and Proceedings, N.S., 1905, to date (Nos. 1-4 of 1905 are out of stock), @ 1-8 per No. to Members and Rs. 2 per No. to Non-Members 5. Memoirs, 1905, to date. Price varies from number to number. Dis- count of 25 / to Members छ्य oo por 6. Centenary Review of the Researches of the Society from 1784-1883 3 0 7. Catalogue of the Library of the Asiatic Society, Bengal, 1910 ... 8 0 8. Moore and Hewitson’s Descriptions of New Indian Lepidoptera, Parts 1- 111, with 8 coloured Plates, 4४0, @ 6/- each |; © 9. Kagmiragabdimpta, Parts I and II @1/8/ ... 3 0 10, Persian Translation of Haji Baba of Ispahan, by Haji Shaikh Ahmad i-Kirmasi, and edited with notes by Major D. C. Phillott. = (क 0 Notive of Sauskrit Manuscripts, Fase. 1-85 @ 1/- each ... ww. 98 0 Nepalese Buddhist Sanskrit Literature, by Dr. R L. Mitra ०, 8 0 N.B.—A]l Cheques, Money Orders, &c , must be made payable to the “ Treasurer, Asiatic Society,” only, 315-11 Books are supplied by V.b.P. Amarasimha Amarakosah PLEASE DO NOT REMOVE CARDS OR SLIPS FROM THIS POCKET UNIVERSITY OF TORONTO LIBRARY