Ou nt 0 | Tn 8 2 il 4O ALISHAAIN BIBLIOTHECA INDICA: | JOLLECTION OF PRIENTAL WORKS PUBLISHED BY THE | । ASIATIC SOCIETY OF BENGA New Series, No. 1333. क अमरकाषः। AMARA [९ ()£ ^ | CAL DICTIONARY OF THE SANSKRI?V LANGUAGE WITH TIBETAN VERSION. । | । F | [SIRWILLAMJONES > | 3 EDITE!) BY MsHopApuyaya SATIS CHANDRA VIDYABHUS | Principal, Sanskrit College. Calcutta, Fasc. II. | a, 1 CALCU 11 | PRINTED AT THE BAPTIST MISSLON Pp ¢ AND PLBLISHED BY THE ASIATIC SOCIETY, 1, PARK STREET, 1912, x a The Society’s Agnts— anp Mr. 0110 TARRASSOWITZ, 8००६8 ८८०६, Leipzig, Germany, Oomplete copies of those works marked with an asterisk * cannot be supplied—sor LIST OF BOOKS FOR SALE | क ai’ THE LIBRARY OF THE F 1151 ATIC POCIETY OF BENGAL, य T No. 1, PARK STREET, CALCUTT AND OBTAINABLE FROM ‘ * Mr. BERNARD QUARITCH, 11, Grafton Street, New Bond Street, sonia W.. कि [ण of the Fuscicult being out of stock BIBLIOTHECA INDICA. Sanskrit Series. Advaitachina Kaustubha, Fasc. t-3 @ /10/ each a Aitaréya Biahmana, Vol. 1, Fasc. 1-5; Vol. 11, Fase. 1 5; IIT, Fasc, 1-5, Vol. 1 ए, Fasc. 1-8 @ /10/ each cr Aitareyalocina : + eee Amarakosht, Fase. 1 =... ais ve #Ano Bhastya, Fasc. 2-5 @ /10/ each sae Anumana {10111 Prasarini, Fasc. I, @ /10/ ... ; Astasihasrika Prajfiaparamita, Fasc. 1-6 @ /10/ each Atmatattveviveka, Fasc. I or व a 7 Acvavaidyrka, Fasc. 1-5 @ /10/ each de "अ. 73 Avadina Kalpalata, (Sans. and Tibetan) Vol. I, Faso. 1-9. IT, Fase. 1-9 @ 1/ each Balam Bhatti, Vol. 1, Fasc. 1-2, Vol. 11, Fasc. 1, @ /10/ each ae Baudhayana Sranta Sitra, Fasc. 1-3; Vol. If, Fasc. 1-4 @ /10/ eae Bhatta Dipika, Vol. I, Fasc. 1-6; Vol. IT, Fasc, 1, @ /10/ each Banddhastotrasangraha Brhaddevata, Fasc. 1-4 @ /10/ each क ८.७ 1१ Brhaddharma Purana, Faso. 1-6 @ /10/ each ser Bodhicaryavatara of Qantideva, Fasc. 1-5 @ /10/ each » Cri Cantinatha Charita, Fasc. 1-3 Py Qatadisani, Fasc. 1-2 @ /10/ each Catalogue of Sanskrit Books and MSS., Fasc. 1-4 @ 2/ each = *Qatapatha Brahmana, Vol. I, Fasc. 1-7; Vol. II, Fasc. 1-5 Vol ou क्क ३० ह IIT, Fasc. 1-7; Vol. ए, Fase. 1-4 @ /10/ each ath Ditto Vol. VI, Fasc. 1-3 @ 1/4/ each ae wal Ditto ~ Vol. VIL, Fasc. 1-5 @ /10/ . 8 Qatasahasrika-prajfiaparamita, Part 1, Fasc. 1-16 @ /10/ each » *Caturvarga Chintamani, Vol. II, Faso. 1-25; Vol. III, Part I, Fase 1-18, Part IT, Fasc. 1-10;-Vol. IV, Faso, 1-6 @ /10/ each 36- Ditto Vol, IV, Fasc. 7.8, @ 1/4/ each Ditto Vol. IV, Fasc. 9-10 @ /10/ =... a 4 Olokavartika, (English), Fasc. 1-7 @ 1/4/ each „नः *Qranta Siitra of (ह णार18 8०१, Vol I, Fasc. 1-7; Vol. Il, Vasc | 4; Vol. III, Fasc. 1-4; Vol. 4, Fasc. 1 @ /10/ earch Ori Bhashyam, Fasc. 1-3 @ /10/ each ०५१ Dana हाद Kaumndi, Fasc. 1-2 @ /10/ each ... 5 Gadadhara Paddhati {इ 21४8३४8, Vol. 1, Fasc. 1-7 @ /10/ each eee Ditto Aoarasara, Vol. II, Fasc. 1-4 ... E Gobhiltya Grhys Siitra, Vol. T, @ /10/ each ... a „९ Ditto Vol. II, Fasc. 1-2 @ 1/4 /each & Ditto (Appendix) Gobhila Parisista ual Ditto Grihya Sangraha ध oa =a Haralata —..., + ae Pr “ees. ans Karmapradiph, Faac. 1 ००९ Kala Viveka, Fasc. 1-7 @ /10/ each Katantra, Fasc, 1-6 @ /12/ each Katha Sarit Sagara, (English) Fasc. 1.14 @ 1/4, each Kurma Purana, Fasc. 1—9 @ /1LO/ each Kiranavali, Fasc. I, @ /10/ a eee Madana Parijita, Fasc 1-11 @ /10/ cach Mahi-bhiasya-pradipodyota, Vol. I, Fasc. 1-9; Vol. If, Faso. 1.12 A Dire ५ ॐ wes ह Vol. ITT, Fase. 1-10 @ /10/ each "श Ditto Vol. IV, Fasc. 1-2 @ 1/4 each ... ००५ ० Manntika Sageraha, Faso. 1-3 @ /10/ each an oe Markandeya Purana, (Kuglish) Faso. 1-9 @ 1 /-~ each a . oe *Mimarhet Dargana, Faso. 10-19 @ /10/each = a a Mugdhahodha Vyakarana, Fasc 1-2 h ००९ : Nirukta, (2nd edition) Vol. I, Fasc. I 4 a ) अमरकोषः | AMARAKOSAH. METRICAL DICTIONARY OF THE SANSKRIT LANGUAGE WITH TIBETAN VERSION. (1 J CH/, = Of 4 “it ^ Yj bff Y/ eS ee MDCCXLVI~-MDCCXCN EDITED BY ipHyaya SATIS CHANDRA VIDYABHUSANA, M.A., PuH.D. wl, San. skrit College, Calcutta ; Joint Philological Secretary, Asiatic Soctety f of Bengal. and Fellow of the Calcutta University. Fasc. II. = < ५ ~ CALCUTTA ; | PRINTED AT THE BAPTIST MISSION PRESS, AND PUBLISHED BY THE ASIATIC SOCIETY, 1, PARK STREET. 1912. व =" न | अमरकोषः | | अमरसिंह विरवितसंस्ताभिधानं भोरभाषानुवादसदितम्‌ ) मरामहोपाध्याय ओ्रौसतौ श्चन्द्र विद्याभ्रषणेन सम्पादितः | दितौयखण्डः | वङ्गन्दे गो यासिया टिकसोखादटिनामघेयसमाजानुमत्या क लिकाता राजधान्यां | व्यापटिष्ठ-मिशन-यन्तृं मुद्रितः | WATER: १८३४ ARR ER | er GO | NATE a SL AARP | SARA ASRS AES / AGS SES AQANT II AH eA Garg द AQT yoryaszg स्वरथ ^ om ASAP ANN GS | 2 > इतर त्तर RA TAM 5 a YY aw Ra Aa RK Ae || च्त्नियवमेः | 201 वाजिबाहानव्वेगन्धव्वेहयसैन्धवसत्तयः | आजानेयाः कुलौनाः स्य॒ व्विनोताः साधुवाहिनः ॥ ४४ ॥ नत] श्मः उ वेसर कवी पिर] कु ASATACISARTAC’ |] 44 वनायुजाः पारशौकाः काम्बोजा ASAT इयाः | ययुर श्वो SANNA TAA जवाधिकः ॥ ४५ ॥ तवि War gsraraarhs | QRS aR Ara cS सस 1 A A AA ` ABS BAG AEA रपर S ANH II 45 TO: ict सितः कर्को रथ्यो AST रथस्य यः बालः किश्ोरो AAT वडवा वाडव TA ॥ ४६ ॥ 1 वैर२३३५१९। Resch gy | बिध्ाश्चौनं यद्श्ेन दिनेनैकेन गम्यते | AUT मध्य मश्वानां देषा हेषा च निस्वनः ॥ vo ॥ € TIN AGN GAAS | BASS SPITS रिप | TIGA ALAA | 47 26 902 अमरकोषः | निगालश्तु WAST इन्दे त्श्चौय माश्ववत्‌ | आस्कन्दितं धौरितकं रेचितं वल्गितं खतम्‌ ॥ ४८ ॥ ASR दनीर्युगास दिर दना Ara AR ASS दनी 2.६२ || 48 गतयोऽमूः पच्च धारा घोणा तु WT मस्वियाम्‌ | कविका तु खलोनोऽस्त्रौ शफं MLA खुरः पुमान्‌ ॥ Be ॥ arial sare मित] इमा गरदि कि सप पयव 7 RAG] FRA] FRATAAC STATA I] as पुच्छोऽस्तरौ लेामलाङ्गले Tas बालधिः । चिषृपारत्तलुटितौ पराइत्ते मुहभुवि ॥ yo | ॥ 11. याने चक्रिणि युद्खाथे शताङ्गः स्यन्दनो रथः । असो पुष्यरथ ARMA न समराय यत्‌ ye वेग पविना | apr sya DENT OTIS | QATAR ARG ATF AS TGCS | ARR SAGA ITA ATA II 51 afaaaa: | 208 HUTA: प्रवहणं CAA समं चयम्‌ | क्तोवेऽनः शकटोऽस््रौ स्याद्गन्त्ौ कम्बलिवा दकम्‌ ॥ ५२ ॥ ङुदरिवैर तस्यव] aWsrAagsCalScsrcrsjysl | aa Greg TRAYS TINA ]] 5 शिविका याप्ययानं स्यादोलापर्धयदिकाः सियाम्‌ | उभो तु देपवेयाघरौ दौपिचम्मौटते रये ॥ ५३॥ = 01 SPV SFA ST SAAC] SAAT IANS EGG I] 53 पाण्डुकम्बलसंवौ तः स्वन्दनः SAAT । रथे HAVA: कम्बलादिभिरादते ॥ ५४ ॥ AV AVRT|S AST SPAAISY EVE | ASFA TANS | ARE SHANA | TAPAS AG I] 54 fay देपादयो रथ्या रथकद्या रथव्रज | धुः wal क्तोवे यानसुखं स्याद्रथाङ्ग मपस्करः ॥ ५५ | गाम VAG वसवस] Rg Ace Says gas | क ARE SARE | AERA YETTA I 50 204: ्रमरकोषः | चक' रथाङ्गं तस्यान्ते नेमिः स्रौ स्यात्‌ प्रधिः पुमान्‌ | , पिण्डिका नाभिरशषाग्रकोलके तु इयोरणिः ॥ ५६ ॥ - समिर ar grag waaay र | VWs SS सुरद सेव ५३] तिरर रहत दिनि २5742 वार्त | BANS WES |] 56 ww - O रथगुप्ति ACM AT FAT युगन्धरः | AGH TAL प्रासङ्गो ना युगाद्थुगः ॥ ५७॥ ARG RTACASTAAN | सुरन वेरा ~> भ. क्‌ | ` सव्वं स्यादाइनं यानं युग्यं पचञ्च धोरणम्‌ । परम्परावाहनं यत्तदेनौतक मस्ियाम्‌ ॥ ५८ ॥ पमस"उर-तत देषा पर | विग ुपिर a9 355 | 1 SMTA Efrat इसत्यारोहा निषादिनः। नियन्ता प्राजिता यन्ता खतः AAT च सारथिः ॥ ye ॥ 1१ 1. न मामा ---- ------~ -------~- -- ----- ~ ----- --- ~ --- शिन -- -- ९ 2 तचियवगेः | 905 सव्येष्दछिणस्थौ च संज्ञा रथकुटुम्बिनः। रथिनः स्यन्दनारादा अश्वारादहास्तु सादिनः॥ go | Yo wa BYR गक्ष नामुतः] वैर मऽ च 2६ धे AREA] ST SHEAR || 60 भटा योधाश्च MIT: सेनारक्षास्तु सैनिकाः | सेनायां समवेता ये Gans सैनिकाश्च ते॥ &१॥ RAISE 5 reS AFAR] FERC SATS कवा" | ICEPARSVASIC'ASN |] 61 बलिनो ये सहस्रेण सादखास्ते सहसिणः। ufc: परिचरः सेनानो व्वाहिनोपतिः ॥ ६२ ॥ गुर लिवरदु- A SOWA | FAECAL SAN | कुरव mores | svsaypstigsc Faz ae] A || co कञ्चुको वारवाणो Sat AA मध्ये AHA: | बध्नन्ति तत्‌ सारसनाधिकाङ्ग चाथ शौषंकम्‌ ॥ ६३ ॥ + GTA ACCMST AES BRR ASIN MA] रेगृसमर्निप तुतत] FI 05 eee * For २25 2 | 206 | RATHI: | शौ षणयज्च शिर स्त्रेऽथ तनुच वम्म दं शनम्‌ | उरग्छद्‌ः कङ्कटको जगरः कवचोऽस्ियाम्‌ ॥ &४ ॥ - FAVA AA त्त] WIS IC RASS AS | TIS AANA |] 64 आमुक्तः प्रतिमुक्तश्च पिनद्वश्चापिनद्खवत्‌ | | सन्नद्वो वम्मितः सज्जो द शिति Tenge: ॥ ey ॥ माकी क गुर | TRANSAT |] 6 विषामुक्तादयो वभ्येग्टतां कावचिकं TT । पदाति-पत्ति-पदग-पादातिक-पदाजयः ॥ € € ॥ aang av Apararsensya | Aras ASAE | ॥ >+ ALANS | SSS TAR ARGS || 66 पटश्च पदिकञश्चाथ पादातं पत्तिसंहतिः। ` शस्त्राजौवे काण्डष्टष्ठायुधौयायुधिकाः समाः ॥ SO | aye aya Cay ST FAAS पर गसन SINR a5" NA ENA NS < < _ ~= “~~~ मन्म कसय ^ नर सकवक] तुग्‌ 5८9 AINA नड 67 = -=~=---------- ekg चचियवगेः | 207 adem: सुप्रयोगविशिखः कछतपुङ्खवत्‌ | अपराइष्रषत्कोऽसो VT य श्ुरतसायकः ॥ &८ ॥ AAP RESTATAIAN BVA 34] सतु तरद गक TOM = पानि सथ OTT 08 ual धनुष्मान्‌ धानुष्को निषद्चस्तौ VAST | स्यात्‌ काण्डवांसतु काण्डीरः शक्तौ कः शक्तिहेतिकः ॥ & < ॥ नध SAAC | GINA AS पारम! IRA AACA AISA AER | ASR SIR RER SE SST SAAE SSN TAI] 69 याष्टौकपारश्चधिक यशटिपर शुहेतिके | नैस्तिंशिकोऽसिहेतिः स्यात्‌ समौ प्रासिककेन्तिक ॥ ७०॥ RIAA LASTS 35 ती ततरि ASS सुस HAL SHAS CASS 5 || 70 SA फलकपाणिः स्यात्‌ पताकी वेजयन्तिकः। HINT सहायश्चानुचरेाऽभिसरः समाः ॥ ७९१ ॥ SEAT FQTAGS | त ACAGS ANS | ESTAR BR पर EN YA | BAAR TAC AGCN ANA |] 71 208 अमरकोषः । पुरागाग्रेसरप्रष्ठाग्रतःसर-पुरःसराः | पुरागमः पुरागामौ मन्दगामौ तु AIT ॥ ७२.॥ | BAAN FAT ACHR AT] "रमम वनरगीरसिसत्‌। ATTN TAT| FLATT |G || 72 जद्धालाऽतिजव स्तुल्यो जङ्घाकरिकजाङ्किकै | तरस्वौ त्वरितो वेगौ प्रजवो जवनो जवः ॥ ७३ ॥ AFSA TALE | ANAS AAC | @>. > ॐ तोप | 73 जय्यो यः शक्यते जेतुं जेयो जेतव्यमाचके | sae जेता यो गच्छत्यलं विदिषतः प्रति ॥ og ॥ ANRC ANSE FE | LAIN SISA | वमि SGT STA Zaza 1] 7५ सोऽभ्यमिग्योऽभ्यमिचौ योऽप्यभ्यमिचोण इत्यपि । ऊज्जंस्वलः स्यादृज्नस्वौ य उर्ज्जोऽतिश्यान्वितः ॥ oy ॥ त्चियवगेः | 209 स्यादुरस्वानुरसिलेा रथिरो रथिको Tat | कामगाम्यनुकामौनो दयत्यन्तोन स्तथा BTA ॥ ७६ ॥ GIA SNA 1/1, | | Arex h Gosh as9 | ARR AHR RC PEN STN AR STAT TATA Aa 76 BU वौरश्च विक्रान्तो जता foray जित्वरः | सांयुगौनो रणे साधुः शस्त्राजोवादय fay ॥ ७७ i SEARS SNES त तिपा] SEP SARC SAAS S | गारुत्मत पिपास] SVAN AS AOA || 77 ध्वजिनो वाहिनौ सेना एतनानौकिनौ चमूः । वरूथिनौ बलं सैन्यं चक्रन्वानौक मस्तियाम्‌ ॥ ७८ ॥ ` HAAS SLA थन] सना नरन SASTACASC A SANG | दरस हमर ATSC BIST SRSA WAG A |] 78 Vee बलविन्यासो मेदा दण्डादथो युधि | प्रत्यासरो ब्यृहपाष्णिः सैन्य प्रतिग्रहः ॥ ७€ | RGSS ANT TAS | FSS 555755] ABA तेह] रत्तो A YAS] SRSA HANG Acasa || 70 27 210 ्रमरकोषः | एकेभेकरथा श्वा पत्तिः पञ्चपदातिका । पच्यङ्गे स्तिगुशैः सर्व्वैः HASTE यथोत्तरम्‌ ॥ ८० 1 += > | SAINSTRC SAREE TLS TNS | PAA ETAT RIS I गवो स्मत || 80 सेनामुखं गुल्मगणो वाहनौ एतना चमूः । अनोकिनौ दशनो किन्यकौदिण्यथ सम्यदि ॥ ८१ ॥ Of BLTHNSATATH | TORUS IGS] HSFATACTY PFISI] NITFIS SATA] KH TH OTS | 81 सम्पत्तिः ओश्च लश्ौश्च विपत्यां विपदापदो | WAY प्रहरणं शस्त्र मस्र मधास्तियौ ॥ ८२ ॥ RASA कव रवनर वेस] वसुर RAGS 9 SIT AEFSATSES| AA SLANS SGA || 8 धनुश्चापो धन्वशरासनकोदण्डकाम्मकम्‌ । दषा सोऽप्यथ कणस्य AAT शरासनम्‌ ॥ ८३॥ सनि AES) TAB AAO 8 चचियवर्मैः | 211 कपिध्वजस्य गाण्डौवगाण्डिवो पुन्नपुंसकौ | कोरि रस्यारनो गोधा तले ज्याघातवारणे ॥ ८४ ॥ स्ुराुेना तर तर | 1. लस्तकस्तु VAR Alea! ज्या शज्जिनौ गुणः | स्यात्‌ प्रत्यालोद़ मालोढ़ मित्यादि स्थानपञ्चकम्‌ ॥ ८५ | APTI FACT | पाकरत INGAAS | PA AASTSIAITACST ORAS IA | पम S512 a 5 स] 85 MU वेध्यं WTS शराभ्यास उपासनम्‌ । एषत्कवाणशविश्खा अजिह्यमगखगाशुगाः ॥ cs ॥ +^ ४.1.113 AME कुत्स त तद्दि (र. > 10. कलम्बमागेशशराः पचो राप इषु दयोः | परछचेडनाक्तु नाराचाः पक्षा वाज स्िपृत्तरे ॥ ८७ ॥ FIN ARF AUT AAAI STAC | MATRA AARC मसा ANAK FA SASS | SAC AAT AAA SN |] 81 CA CA A + ॥ ०44 0 919 HALA: | निरस्तप्रहिते वाणे faora दिग्धलिप्तको | तूणोपासङ्गत्ूणौर निषङ्गा इषुधि दयोः ॥ घट ॥ ` सू पममन्रवुगसनडे] 5६ ||] 88 Lr, qui ast तु निस्विंश्चन्द्रहासासिरिष्टयः। RAIA मणडलाग्रः कर पालः छपा णवत्‌ ॥ Se ॥ Say ayass 55६०१६८ VARA RATS AC मे शना पशः | APART] % त्सरुः खन्ञादिमुष्टौ स्यान्मेखला तन्निबन्धनम्‌ | HAAS फलं WH संग्रादो मुष्टिरस्य यः॥ ९० | से <न तोर २2] सनताप गृ सत द्रमः] FSP ग्‌ ९६३९] 90 FAT सुद्गरधनो स्यादौलौ कर पालिका | भिन्दिपालः खग स्तुल्यो परिघः परिघातनः॥ ee | THARNINST TSS | ALA TSA (> ARATE ARCS A SNS | SSATETAA SOA ELS | 91 चचियवगेः | 218 दयोः कुठारः स्वधितिः परशुश्च परश्धः। meet चासिपुत्लो च छुरिका चासिधेनुका ॥ ९२ ॥ हवती षु-5<१] ANT TIA I 02 वा पुंसि wel शङ्‌ नौ शव्वला तोमराऽस्ियाम्‌ । प्राससतु कुन्तः RUE fears: पाल्यश्चिकोटयः ॥ < ३ ॥ ९२०३१८4 पासे २८८] मर तमत्त] धनुर OMA AC सन्यस AS GASH | SEAR APCS | 98 AC Q सर्व्वाभिसारः सव्वाघः सव्वसन्रहनाथेकः | लाहाभिहाराऽसरष्टतां wat नोराजनाविधिः॥ €४॥ MISTS TZ] WITS ISA AANA GATS ASS | तमिद ANyArACA ANAS |] 94 यत्सेनयाभिगमन atl तदभिषेणनम्‌ | याचा ब्रज्याभिनियांणं cares गमनं गमः ॥ <५॥ AIRGAS ARTA SACS | SNST RAISINS 5६ द्विमात्र QATAR AC TAA | सकरपर 95 * For सद £ 214 अमरकोषः | स्यादासारः प्रसरणं Waa चलिताथ॑कम्‌ | अहितान्‌ प्रत्यभोतस्य रणे यान मतिक्रमः॥ ९& ॥ - वन्वाना धति त्‌] तमि ८ तरार SNARE S HFA || 96 वैतालिका बोधकरा ाक्रिका घाण्टिकाथैकाः | स्थ॒ MIAME मगधा वन्दिनः स्तुतिपाठकाः ॥ € ७ ॥ प7वगर्गी3स | AAS तिडम दनुर सुर श्त CA HVAATARS TTS] TCR दपण तरर 97 संशप्तकास्तु समयात्‌ संग्रामादनिवत्तिनः। रेण दयोः स्वियां धूलिः पांशु at न दयो रजः ॥ ९८॥ RIVAL ARAN AST AAAS A AGATA | EY SAN MSNA SEY] SVSUANF STAAL |] 98 चृणे कषोदः समुत्पि्ञपिच्जलौ शमा कुले । पताका वैजयन्तो स्यात्‌ केतनं ध्वज मस्ियाम्‌ ॥ € € ॥ यमने] FANART AERTS SIRE | AREATENSR'S BARTS SC | SHAR INASA ATSC] ON a fey 5६५५5 255 | | 99 चज्रियवगेः | 215 सा वौराश्सनं agafa यातिभयप्रदा | अहं yar महं ye मित्य हंपूव्विका सियाम्‌ ॥ १००॥ Sal-ala“ahinaalaloi Aas दग्र | SERGE] A575 ARS | 100 Aegean दर्पाद्‌ था स्यात्‌ सम्भावनात्मनि | अहमदमिका तु सा स्यात्‌ परस्परं यो भवत्यह ङ्ारः॥ १०१॥ HSN ASF HN TINA S| SAAN SH SAT | SRENHRASHANA] WGTANFAIIA SG || 101 द्विणन्तरः सहो बल श्रोयाणि साम AH च । Nis: पराक्रमः प्राणो fama स्वति शकिता ॥ १०२ ॥ 110 SACRA | AAV RRA IFAS | IFSC GF ZHAIAA A J] 102 वौरपाणन्तु यत्पानं इत्ते भाविनि वा cat | युद्ध मायोधनं जन्य प्रधनं प्रविदार णम्‌ ॥ १०२ ॥ RAR AAAS] STARA Y TASS | QRAREAS वतर ठत] (सपशार || 108 216 अरमरकोषः। ay area AS समौकं साम्परायिकम्‌ | अस्तियां समरानौकरणः कलदहविग्रदहो ॥ १०४ ॥ 2) 911 1 Se NSAAECAT AZT AON GM] Wars agdareyays |] 104 सम्प्रहाराभिसम्पातकलिसंस्फोटसंयुगाः | अभ्याम्दसमाघातसंग्रामाभ्यागमाहवाः ॥ १०५ | ARATARSTST SASS TAC] नोन्‌ रसिन ST AAT SES STSA RR स्वानास] रवर ARATARSrara yw | | ve | 105 समुदायः fea: संयत्समित्याजिसमिट्युधः। | fae बाहयुद्धेऽथ तुमुलं रणसङ्ले ॥ १०६ ॥ पापपो एप ८ | सम 5 Garey | ABFINTY VAIS वरस] FAG TYAS IN |] 106 wast तु सिंहनादः स्यात्‌ करिणां घटना घटा | कन्दनं योधसंरावो dea करिगजिंतम्‌ ॥ १०७॥ उद्ुवा्षपसिवेदि क | त्रा वदि gaa gracd | ६555 दे र्वु ASS ACA AS || 107 त्चिचख्वगः: i 2 lg विस्फारो धनुषः स्वानः परहाडम्बरौो समो | प्रसभन्तु TAHT इटोऽथ स्खलितं छलम्‌ ॥ १०८ ॥ ANAS NQA S| नवारय ATASCA | apr RATAN SBA| Fasragerse ASE || 105 अजन्यं क्तो वमुत्पात उपसगेः समं चयम्‌ | मृच्छ तु कश्मलं मो दोऽपावमदंसतु पौडनम्‌ ॥ १०८ ॥ VGN IRN 3८] करप ACA SSCA AINA | AGA AC SCAN A | STARA ASS |] 109 पअभ्यवस्कन्दनं त्वभ्यासादनं विजयो Wa: | वैरशद्धिः प्रतोकारो वैरनिर्यातनच्च सा ॥ ११० ॥ सक्सपन१ दसस | AVATARS SSN EIN कमि वि ~ 31111414 110 ्रद्रावोद्‌ावसंद्रावसन्दावा विद्रवो द्रवः। अपकरमोऽपयानच्च रणे भङ्गः पराजयः 1 १११ ॥ तुस्ता ८१] "रतव SAAS WAS a] दतु परि] WAS ASS QT AAAS |] 111 च 218 श्रमरकोषः | पराजितपराभ्रूतो fay नष्टतिरोहितो | प्रमापणं निवदणं निकारणं निशारणम्‌ ॥ ११२ ॥ सवनम पनर Sa RA AA | पेदक्सवम्ुर A SAS | QESATACESVACARCATAC’ || 112 प्रवासनं परासनं fraes निहिसनम्‌ | निर्वासनं संज्नपनं निग्रन्यन मपासनम्‌ ॥ ११३ I SAS SCARS ATSC | AQVACSRASS AIRC | SRT SLA AT AC |] 113 fared fread quad oftasaq | निव्वा पणं विशसनं मारणं प्रतिघातनम्‌ ॥ ११४ ॥ पद्‌८दुगरस रस्म RASS | HY SATRC A ICS स्स | Fare a gs] TS PLFA |] 114 >. > ^>. उदासनप्रमथनक्रथनोज्नासनानि च | आ्आलम्भप्च्जिविशरघातोन्माथवधा अपि॥ ११५॥ WARY Es | कम र्सस्‌ AAS TSS ALAC | BERTH TRIG AOA रदवो STAC |] 115 चचियवगंः | 219 स्यात पञ्चता कालधम्प्री दिष्टान्त प्रलयोऽत्ययः | अन्तो नाशो दयो wey मर णं निधनोऽस््ियाम्‌ ॥ ११६ ॥ ह वसदस TAG AIA | SWABS Qa AIA AT AC | GHAEAMBANHS AAAS] QS त तेद ASA arg A |] 116 परासु-प्रा ्तपनच्चत्व-परेत-परेतसंस्िताः। रटतप्रमोतो चिषेते चिता चित्या चितिः स्ियाम्‌॥ ११७॥ यन्धि रदस्य] RASC AA STN AAA | ARTS AANA ENN | NETH QS 5A] 117 कबन्धाऽस्त्रौ क्ियायुक्त मपमूद्चकलेवरम्‌ । प्ूमणानं स्यात्‌ पित्रवनं कुणपः श्व Alara ॥ ११८ ॥ |. 11/11 सरित नरकेनमेग शोधन | SAR TAAFF | 118 प्र्रहोपग्रहो वन्द्यां कारा स्यादन्धनालये | पुंसि भूम्न्यसवः प्राणाशेवं जौवोऽसुधारणम्‌ ॥ आयु जोवितकाला ना जौवातु जौंवनोषधम्‌ ॥ ११९ ॥ इति afaaaz: | 1 ए १११८३ म | निविशत Far} तेम न CANA AAC | SAPHVASIVSN] HVTASSVAS AA HA|]] 119 | ` कुनसणि कव AAT: | ऊरव्या ऊरुजा Hat वेश्यां भूमिस्पशे fw | आजोवो जोविका वार्ता त्ति व॑त्तनजौवने ॥ ९॥ ERMAN SS | Aa SSIS BVARIINAS | ERasrarqea2Qq | MFASASTASAR | AWG तरस दनक |] 1 + [~ feat कृषिः पाशुपाल्यं वाणिज्यं चेति इत्तयः | सेवा ्टत्ति रन्टत छषि रञ्छ शिलन्त्वृतम्‌ ॥ 2 ॥ ~ AN Ae eo) TAHA PSA AT Hs | SHAS AAAS EAN Qasr EEy AYA HOVAS | HTSSTTAT | SFTAL AA ITS M2 दे याचितायाचितयो यथासङ्खं खताखते । सत्याग्डतं वणिग्‌भावः Bred पय्यंद्ज्चनम्‌ ॥ ३ | aSQeaac agra g] दि द्रव्म्‌ रैरदकथ। उतनः HFSS ASAE i 9 वेश्यवगे; | ? 221 उद्ारोऽथेप्रयोगस्तु Fate दद्धिजोविका | याच्‌जाप्राप्तं याचितकं नियमादापमित्यकम्‌ ॥ ४ ॥ ०1 1 ESSE SSNS TAI 4 a0 (स्‌ उत्तमर्णाधमणा दो प्रयोक्तुग्राहको कमात्‌ | कुसौदिको वापिको खद्याजोवश्च वाङुषिः॥ ५॥ FRSA TARAS] मस्व दुर Asa Sa GAAFATSCATASSC] AAATTSCFATSAS a |] 5 छषेचाजौवः कषेकश्च BAA कछषौ बलः | as stand त्रौ हिश्णल्यद्ववो चितम्‌ ॥ € ॥ लिरववृद्यथसबुन] शु्वात्क्सपरि | विर दरतु-कनित] agaccsreagnss |] 6 यव्यं यवक्यं यष्टिक्यं यवादिभवनं fe यत्‌ | तिल्यवैलो नवन्माषोमाणभङ्गग दिरूपता ॥ ७ ॥ मस्र मसतैर STS] FSSC मातरि | HANSA YFG] STO WAN I 7 22,2 च्रमरकोषः। alata कोद्रवौणादि ेषधान्योद्ववोचितम्‌ | वौ जातं (Hae सौत्यं Ae हल्यवत्‌ ॥ ८ ॥ HPAL TS! THAR) एमन्तस करतां VATA नद ILA र] ASTACRSACARS AIA | 8 चिगुणाकरूतं ठतोयाक्तं fea चिसोत्यमपि तस्मिन्‌ दिगु णात तु सव्वे Jed सम्बाङतमपौह ॥ € ॥ STATS F ATIVAN | इमद्गसुसहनस शप्प्‌ | 35 Bays GAT HNAE | Bergan | Fe द्रोणादृकादिवापादो zifwarefaarea: | खारोवापस्तु खारौक उत्तमशणादय fey ॥ १०॥ FPS TANARIS ] तेण] व्ह [प<.25"सञ्‌ रग] पुट न्ड निक्माक्षपाञ्चम] 10 पुन्नपुंसकयो au: केदारः a मस्य तु । केदारकं स्यात्‌ कैदाय्यं AA कैदारिकं गणे ॥ ११॥ AUTAICACS | समति SAT SS | ATA ASAT G5 | नस तिर रस्ति SATA | 11 ayaa: | 293 लाष्टानि wea: पुंसि कोरिशे लेाष्टुमेदनः। प्राजनं तोदनं तोचं खनिच मवद्‌रणम्‌ ॥ १२॥ ववस्य] PTAC RNAS SVAS 5 वेग रतररनी 354 ॥ 12 दाच्च लविच माञन्धा यों योक्त मथो फलम्‌ | निरोषं करटकं फालः छषिको लाङ्गलं हलम्‌ ॥ १३ | = ease | शण देसि HOST | SASS SAEEATAE I] 19 गोदारणच्च सौरोऽथ शम्या स्त्रो युगकौलकः । ईषा लाङ्गलदण्डः स्थात्‌ सौता लाङ्गलपद्वतिः ॥ १४ ॥ अकण ^. गो <3ग]<द्‌ (ष री 1744] = न नासर GUAT AT | 14 NYS AVIV IGVASS | AR ARNS ACS 3 >| पुंसि मेधिः खले दारु न्यस्तं यत्‌ पशुबन्धने | aTqatte: पाटलः स्यात्‌ सितश्रकयवो समो ॥ ey ॥ कुरव LAAN STAT | IR GS SSI INNS | Bey SVR EA FNAL AGT त || 15 224, अमरकोषः | ate तच हरिते कलाय्तु सतौलकः। हरेणखण्डिको चास्मिन्‌ ATTA कोद्रवः ॥ १६ ॥ सभन कर | PSS PHT 55॥ 16 मङ्गल्यको मखरोऽथ मुद्ष्ठकमपष्ठकौ | वनमुद्ग AU तु दो तन्तुभकदम्बको ॥ १७ ॥ AT ANAEF VES | ऋशभ NQAHYAA | FINI] FTRACAISS AAS SH] |] 17 सिद्वाथन्तवेष धवला गोधूमः सुमनः समौ । स्याद्यावकसु कल्माष णको SCAT ॥ १८ ॥ SST WESTS TST ASCE | STACAR AAS A | स र्तणाभिम्प. GSAT | SPIRES RAGA {| 18 दौ faa तिलपेजश्च तिलपिङ्गश् निष्फले | छवः छधाभिजननो राजिका कष्णिकासुरो ॥ Ve ॥ RATS 5 NS = २ तइ garays | PS ए इव्त केषर] पुरि मेषम्‌] 10 en | वेश्यं; | 225 feat कङ्कप्रिथङ्ग्‌ दे ्रतसौ स्यादुमा AAT | मातुलानो तु भङ्गगयां बौहिभेद्‌ क्वणः पुमान्‌ ॥ २० ॥ € €~ विवे AS SAS] (ु<मप्पनसे] > mm 8 FTA] ATHATSST EAN | 20 oc 1 ^ ~ fare: शस्यश्रकं स्यात्‌ कणिशं waa । धान्यं रोहः स्तम्बकरिः स्तम्बो गुच्छं स्तृणादिनः॥ २१ ॥ | ॥ >^. | हना TLS म 2] PATA SAW AI] 21 नाड नालञ्च काण्डोऽस्य पलालेऽस्तौ स निष्फलः | कडुङ्गरो वषं ala धान्यत्वचि yates ॥ २२॥ SITES IMSS | विकसनं सवाह YF QVA HITS | TAINAN I SATAG || 22 MATA BUA शमौ सिम्बा चिषृत्तरे | BE मावसितं धान्यं पतन्तु Teale ॥ २३ | Se प” a “SNe nn PRMAaesc | FATT TAC ASCNATIC ATIVAN SAN | NIVEA ASS ASO AAL AAC INA |] 23 29 226 अमरकोषः | माषादयः शमौधान्ये श्रकधान्ये यवादयः | प्रलयः कलमाद्या्च षष्टिकाद्याश्च पुंस्यमौ ॥ २४ ॥ NFA AIL IA’ AG PAA ATS ANAT AVAPA LM APE AITATS गड वसनस्य स | 24 ठणधान्यानि नौवाराः स्तौ गवेधु गवेधुका । TMA FIA स्यादुदूखल मुलूखलम्‌ ॥ २५ ॥ ईर १ | मेनाम रेणा इनस रे खनत वेर] TRG] दुर नुमनिमनत९| 25 प्रस्फोटनं श्रं Aw चालनौ तितउः पुमान्‌ । स्यतप्रसेवो काण्डोलपिटो कटकिलिञ्जकौ ॥ २६ | क, = RE OO OR Veal 11 SACS शपि | SHINS विसग मुस || 26 समानौ THAT पाकस्थानमहानसे | NUT MEAT: SIA AAT ॥ २७॥ SEVIS RCSL | बिस्त तमेव तमास 27 -------------~-: ee ee —_o er * FY? . + Faq 2 4 ayaa: | 9११ श्रारालिका आन्धसिकाः खदा ओदनिका गुणाः | आपूपिकः कान्दविको भश्यङ्कार इमे चिषु ॥ ec ॥ नोस तार] ने ष्परनाक । अश्मन्त Fata मधिश्रयणौ चुलि रन्तिका | श्रङ्ारधानिकाङ्गरएकव्यपि इ सन्त्यपि ॥ ee ॥ 44२८ SV INIA | CAVA गानि | WASNT SS AR | सत्वेषु EA |] 29 हसन्यप्यथ न Gl स्यादङ्गारोऽलात AAA । कौवे SATIS TET ना कन्दर्न्वा स्वेदनो स्तिथाम्‌ ॥ ६० | रेवसमरितिमे सगा] NSANYAY TANS | spay पर्दा | टप ५८६] 30 अलिञ्जरः स्यान्मणिकं RATS गलन्तिका | पिठरः स्याल्यखा कुण्डं कलशस्तु fay दयोः ॥ ३१॥ SAAS ALAR ISO | २5६९ | SESE RS) SUTIQNAS THN TE] 31 228 अमरकोषः | घटः कुटनिपा वस्त्रौ शरावे वह्घमानकः। जो पं पिष्टपचनं कसोऽस््रौ पानभाजनम्‌ ॥ ३२ It 1 CPEERS | en मगसर ARS वनः 5 इत्‌] 32 कुतूः AA Seas सेवाल्या कुतुपः पुमान्‌ | AAAI भाण्डं पाचमाे च भाजनम्‌ ॥ ३३ ॥ TET YAN ENA] गु वहतश्च | द्व्विः कम्बिः खजाका च स्यात्तद्‌ दा ुहस्तकः | अस्त्रौ शकं हरितकं शिप्ररस्य तु नाडिका ॥ २४ ॥ ण्‌ ~ += णा] उर. "(मासन रसय सुतठनपदणा। तइनवक TRA TTS AA || 34 ASIA कलम्बश्च वेसवार उपस्करः | तिन्तिडो कञ्च TAI Sala मथ AAA ॥ ३५ ॥ करक | SASSPTHAS | SAP ATANWTAE | EQNS ANAT TAS I] 85 ॐ वब्यवगः | मरौचं कोलकं ATA धम्मेपत्तनम्‌ | MUA जरणोऽजाजौ कणाः HA तु जौ रके ॥ ३६ ॥ सर STATON) गग AHSAN YS | ESES WEE) उयाक्चन् पा S279" I] 26 CA CA CX ^> ^~. ॥ सुषवौ कारवो geat gas कालापकुच्चिका । Veh शृङ्गवेरं स्यादथ च्छवा वितु्रकम्‌ ॥ so ॥ गते <स] TALS NSTN | नवैर सरमे 349 | FAN ISATSTQ LAE I} 87 RGAE च धन्याक मथ शुण्टौ महौषधम्‌ | स्ौनपुंसकयो व्व शं नागरं विश्वभेषजम्‌ ॥ उट | MEN TSN TS] LANTYSS HSS | सरवर SST SSA] AO GNA-THIACS | 38 आरनालक-सौवोर-कुल्माषाभियुतानि च | अवन्तिसोम-धान्याम्न-कुञ्जलानि च काञ्जिके ॥ SE | 1 | पुमा क्ष कीर $-ए्प | S ^ ~*~ = णा 2 -----~- ----~~ + Bergh ए 229 230 अमरकोषः | सहखवेधि जतुकं वाह्धिकं दिङ्गरामटम्‌ | तत्पचौ कारवो प्रथ्वौ वाप्िका कवरौ प्रथः ॥ ४० ॥ BR AAS AS TARAS | A ee 5 TRA) SNA TT PAM] TRAKE A SAS |] 40 fatal काञ्चनो पौता हरिद्रा acafarat. | सामुद्रं यत्त॒ लवण Aalst FATT तत्‌ ॥ 82 I HAS ATASS | SILAS समास SCAT 41 सेन्धवोऽस्त्रौ शौतशिवं माणिमन्धच्च सिन्धुजे | रोमकं वसुकं पाक्यं विडच्च HAA इयं ॥ ४२ ॥ ता मह TAG HTR-GLG| सनम्‌ < ॥ > ¬ HSPSS HATA 0 सोवचलेऽक्षरुचके तिलकं तच मेचके | मलस्यण्ड फाणितं खण्डविकारौ शकरा सिता ॥ ४३॥ 1 NA AAN Cay oT] TRYTSINSCS | AAS SOTR STAI 48 # NMS 2 away: | 231 करिका छौरविकृतिः स्याद्रसाला तु माज्जिता । स्यात्तेमनन्तु निष्ठानं fest वासितावधेः ॥ ४४ ॥ ARN ual ॐ AN a >= | VATA ठ AGN AA | | BRASET AL A] कगसम्सुषत समनं कन] 44 श्रला कतं भरिचं स्याच्छल्यमुस्यन्तु पेठरम्‌ । प्रणोत मुपसम्पन्नं प्रयस्तं स्यात्‌ सुसंस्वतम्‌ ॥ ४५ ॥ PINAL. Gage | रद्रि .q Fe Bsa | TANTS LAAT ATS | ANAS SHASTA AIS EIS HAI] 45 स्यात्‌ पिच्छिलन्तु विजिलं dae शोधितं समे | चिक्रणं मरणं लिग्धं qa भावितवासिते ॥ ४६ ॥ (10111 (1 ATEN SATION SY] AVSLARL ATA |] 46 arom: पौलिरभ्युषो लाजाः पुंभून्नि चाश्षतम्‌ । ण्थुकः स्याचचिपिटको धाना खष्टयवे स्तिथाम्‌ ॥ ४७ ॥ THA TSCAY A TAN] सदस भद TAA दवा ASNT | Se NOAM NAAR SRT AEST A NGS ^ * For 225'4% 2 + पशुस्‌" ५;१ 282 अमरकोषः | पुपोऽपूपः पिष्टकः स्यात्‌ करम्भो दधिसक्तवः । fara स्वो भक्त मन्धोऽन मोदनोऽस््ौ स दोदिविः॥ ४८॥ ESTER TASCNASC | G25 GAYA AG | न रनर एषम्‌ HAAS | मम्‌ प३२.१ GANG || 48 भिस्सटा द्ग्धिका सव्वेरसाग्रे मण्ड मस्तियाम्‌ | मासराचामनि्लावा ATS भक्तसमुद्धवे ॥ ४९ ॥ ALARA TENN] AMAT RTS | AINA SA AATAC | SAV aR AIST IE | 49 @ ~+ < | No `> «ॐ यवागूरुष्णिका श्राणा विलतेपौ तरला च सा । गव्यं fay गवां सव्व गोविड्‌ गोमय मस्िथाम्‌ ॥ ५० ॥ तनुर RRS AT | cial kaalbate ETQA ATA ATTA SE] NST ARTA | TAAL AGS BTSs |] 50 तत्त्‌ शुष्कं ATA दग्धं छौरं पयः समम्‌ | पयस्य माज्यदध्यादि चप्स्यं दधि धनेतरत्‌ ॥ ५१॥ Fey RF WR ATA भ] दमनी द वप्पुरस | (>. तमपपसुतलर्‌सगसा FYSTSAN AAA | 51 # For ye) Fox Rage | वेश्यवगैः | छत asd हविः सपि न॑वनौतं नवोद्खतम्‌ | तत्तु हेयङ्गवौनं यत्‌ च्योगो दो दोद्ववं तम्‌ ॥ YR I GAAS QANIVTENAS] स्रव TACARTSIAAL | ASAE NS] गुर तिम्रि] 52 दण्डाहतं कालग्रेय मरिष्टमपि गोरसः! तक्रं चयदश्चिन्मधितं पादाम्वर्ाम्बुनिज्जलम्‌ ॥ ५३ | ASTER TTI | SHSTYAASA] TTS F SALAS] देनह] 59 मण्डं दधिभवं मस्तु पौयूषो ऽभिनवं पयः | आशनाया बुभुक्षा AT ग्रासस्तु कवलाथंकः ॥ ५४ ॥ विहतिः] वेदसार वसनत RWSSE | TSE सपोतिः eat तुल्यपानं सग्धिः स्त्रौ सहभोजनम्‌ | 288 उदन्या तु पिपासा aa तषा जग्धिस्तु भोजनम्‌ ॥ yy ॥ ^ 01 / SCRA STS | CA (>. व TIE AAS FAA विद्य" ANAT SAAT ASAI 5/55 J] 55 #* पर्‌ द.ढे 2 30 934: RACH: | जेमनं लेप आदारो निघसो are इत्यपि | सौहित्यं तपणं afa: फेला भुक्तसमुज्‌ सितम्‌ ॥ ५६ | दिवव] FANART EASA | ANIA तर दसनत दसत] VOSA AS IATAA |] 56 कामं प्रकामं card निकामेष्टं aafaa | गोपे गोपाल-गोस्ख-गोधुगाभोर-वल्लवाः ॥ ५७ ॥ दिति TATAAS SETAE] तीथ समाससम मत QRS SAT AC TACATC | VAR तमन SINS ॥ 57 गोमदहिष्यादिकं पादबन्धनं दो गवोश्वरे । गोमान्‌ गोमो गोकुलन्तु गोधनं स्याद्नवां व्रजः ॥ ५८ ॥ TAA HAA | ALIA RA ANG STI TRA AT TEI EN ASS HE ANE |] 58 चिष्ाश्तिङ्गवोन न्तद्गावो यचाशिताः पुराः। उक्षा भद्रो वलोवदं Wal इषभो इषः Wye ॥ गवा स्मकयद्रकषक्षम नर] TSA BASSAS ^ ee ९ रेल तुर TAC ANT SS |] 59 # Bor Vang Raq ? = € व श्यवगः | श्रनडवान्‌ सौरभेयो गो रणां संहति रौक्षकम्‌ | गव्या गोचा गवां वत्सधेन्वो रव्वात्सकधेनुके ॥ Po ॥ PSS TET) THTAAST TAT कमस 5226457] ANNA |] 60 SU महान्महोक्षः VATZalaey जरद्गवः | उत्यन्न उक्षा जातोक्षः सद्योजातस्तु तशेकः ॥ ६१ ॥ BrrTaqarsy | SVS a नोर भवा क्क्ष. AT 285 61 WHA वत्सः स्यादम्यवत्सतरो समो । ATR: षण्डता योग्यः षण्डो गोपतिरिटचरः ॥ &२ ॥ गरि नहित्रार नासन रिदा] PASH SACHA SA | सरणम्‌ AEA |] 62 स्कन्धप्रदेश्स्तु वहः साला तु गलकम्बलः | स्यान्रस्तितस्तु AMA: प्रष्टवाद्यगपा शगः ॥ SB ॥ शुर NA FAINT HA | सदत सेना GAA SHAT RMA] HAAS ANA] 9 285 286 अमरकोषः | युगादौनाच्च वेाद़ारो युग्य WAIT शकटा; | खनति तेन तदोढ्ा.स्येदं हालिक सैरिक ॥ &४ ॥ नार GCOS SSS] क वेर र्थि दम. IES ASG | सर SIV MS IVAT 341 AMAR AIS RANA S I] 64 धुव्वेहे yar धौरेय धुरौणाः स धुरन्धरः | उभावेकधुरौशेकधुरा वेकथुरा वहे ॥ ६५ ॥ sarge PABA SSS | गस्नास्नागी RS SAYA | SPHSTASAYAN AAA |] 65 स तु सव्वेधुरौणः स्याद्यो वे सव्वेधुरावहः | AVA सौरभेय Wear माता च wheat ॥ € € ॥ गमवर देगत्मितनर | (णम ART SS Sr | THATS HS A] ४53१८ ARIA] 06 अज्नन्यष्या रोहिशौ स्यादुत्तमा गोपु नैचिकौ | वणादिभेदात्‌ संज्ञाः स्यः शवलौधवलाद्यः ॥ FO | REFER NG AHR] TIARAS 87] Agar sy पि ae | LST STA AANA! |] 67 A ५ Faqs: | facraat farat गौरेकाब्दा त्वेकहायनौ | चतुरब्दा Aquiawa weer बिद्ायणौ ॥ ee ॥ TRAC ORNS | SSAC AISA AI 08 वश्ष बन्ध्या ऽवतोका तु खवद्नभाथ afarait | आक्रान्ता TANITA वेहद्गभेपघातिनौ ॥ seh AQ AS ACTA | एदा Aad | तरतमता | VFTABCSA |] 60 काल्यापसर्य्या प्रजने प्रष्ठौही बालगभिणौ | स्यादचण्डो तु सुकरा बहखतिः परेष्टका ॥ Oo ॥ SAP GT ARN AIL SAA | ab SSR TAINS] WER AVA | Ta AS |] 70 aw fara वष्कयणौ धेनुः स्यान्नवसखतिका | सुव्रता सुखसन्दोद्या पौनेाध्रो पौवरस्तनौ ॥ oz | पु द र | SFAQINA HAT er Ww RANSRFaRSR A] sagragesa aad y| 71 287 938 अमरकोषः | द्रोणक्षौरा द्रोणद्धा धेनुष्या बन्धके स्थिता । समांसमौना सा यैव प्रतिवषं प्रखयते ॥ Or ॥ सिवता सस नसे गेम 354] ATS ESA | TABS ACNS HAI] 72 Bue क्तौवमापौनं समो शिवककौलकौ | नपुंसि दाम सन्दानं पशुरज्जस्तु दामनौ ॥ O8 ॥ WISTS | ARVAA GEAR कुप A AFA TAIRA | SARA eA] at las वेभ्राख-मन्ध-मन्धान-मन्धानो मन्यदण्डके | Hatt दण्डविष्कम्भे मन्धनौ गगेरौ समे ॥ ७8 ॥ YTITYTGEASTS] YTASETT A | NTA TAT SS | ल EN NTAA EN ASCA i 74 VE कमेलक-मय-म ाङ्गगः करभः शिशुः | करभाः स्यः WFAA दारवैः पादबन्धनैः ॥ ७५ | मर्मर तिग्सन्मय। EQ महे ते| Ee ++. वेश्यवगः | 289 अजा AAT स्तुभ-च्छाग-वस्त-च्छगलका अजे | मेद्रोरसोरणोणयु मेष दृष्णय रड़काः ॥ Og | SNe Ne Rag HS SHC PAMAS AGEN GN इगन्तः] REYES APTI] 7४ उष्रारमाज इन्दे स्यादोष्टकोरमरकाजकम्‌ | GRATE बालेया रासभाः WAT खराः ॥ ७७ ॥ अ > 0 १ ०0 ^> 11111, a7 वैदेहकः साथैवाहे नैगमो वाणिजो वणिक्‌ । पण्याजौवो दापणिकः कयविक्रथिकश्च सः ॥ oF ॥ MAINA AT AT TINS S™ | दनद] उ FSS |] 78 विक्रेता स्यादिक्रयिकः क्रायक-क्रयकौो समो । वाणिज्यन्तु वणिज्या स्यान्मूल्यं वस्रोऽप्यवक्रयः ॥ 9<€ | RATA A] कृतणेणमुर्स। SETAE AG) RAS IGAT TINT] 70 * Omit 5" | 240 | अमरकोषः | नौवौ परिपणं मूलधनं लाभोऽधिकं फलम्‌ | परिदानं avant नैमेय निमयावपि ॥ ८० ॥ ++ र (++ | TL AYAAAIN TSF TRA HARUN AT IQNAS | AE TACG AGN AG |] 50 qarqufafuaia: प्रतिदानं तदपणम्‌ | न= 8 क्रये प्रसारितं क्यं कथं कतव्य-माचके ॥ ८९ ॥ AN QA ABAN ATI AG | सरकस्य | SOROS SNA] TPATASAAR SAG |] ग विक्रयं पणितव्यञ्च पण्यं कय्यादयस्तिषु | ala सत्यापनं सत्कारः सत्याकछतिः स्याम्‌ ॥ ८२ ॥ +> 1 ANSI] 11. विपणो fama: agi: स्ये wren fay । fanaa: aac सर्व्वाः संल्येय-संख्ययोः ॥ ८३ ॥ ARCTACS AIAN] ANSARI ISS ANN | SAAN AAS, TS] IRANIAN! |] 83 वेश्यवगैः | 241 संख्यार्थे दिवहत्वे स्त स्तासु चानवतेः fas | Ga शतसहस्रादि कमादशगुणोत्तरम्‌ ॥ ८४ ॥ ON ©. EASING AS] 11 RRS AH AC TOMAS] AP Rarag aways || 8५ यौतवं saa पा्यमिति माना्ैकं चयम्‌ । मानन्तुलाङ्गलिप्रस्थेगन्ञाः VATA ॥ ८५ ॥ ` र्दयदतेतदतठेनम्पमतरर्ख] SHAH SAAN GS | BEAST INARA A] TS BSATA GI] 85 ते षोडशकः कर्षेऽस्त्ौ पलं कषंचतुष्टयम्‌ | सुवोविस्तौ Vasa कुरुविस्तस्तु तत्पले ॥ ce ॥ FIANAT HANNS | समवस AYIA PSG पनरे ANA QEANG कमासिर सवामी] TST SAAS |] 86 तुला स्थां पलशतं भारः स्यादि शति ean | शराचितं दशभाराः स्युः शकटो भार आचितः ॥ ८७ ॥ QOS 55 PRAGA | ARR TERS 5 ॥ 87 a 1 = (~> 249 VATA | कार्षापणः काषिंकः स्यात्‌ काषिके atta au: | अस्ियामादकद्रोणो खारो वादो निकुच्चकः ॥ ए ॥ MS वर्त | acarna Se Sapam ^. | (>~ ~ समदते] WGSITIC HTS IAN 9 कुडवः प्रख्य इत्याद्याः परिमाणाथेकाः TIT | USCA भागः स्यादंशभागो तु वण्टकः ॥ Te ॥ i | ॥1 4/9. | प्य AEA SAAT AT ९ | गर प्र मै पति सपम्‌] SSTSVN AAA || 80 द्रव्यं वित्तं स्वापतेयं रिकृथण्टकूथं धनं वसु | हिरण्यं द्रविणं यु्रमधे-रविभवा अपि॥ co ॥ ENTER IATA] दुर तमनेन रि म्र 1 ^+ स्यात्‌ कोषश्च हिरण्यज्च हेमरूप्ये HaHa | ताभ्यां यदन्यत्तत्‌ कुप्यं रूप्यं तद्वयमाहतम्‌ ॥ € १ ॥ मनर रमन पसि गड्गस 51 ज स कन दु पदि | 1. वेश्यवगेः | 248 गारुत्मतं मरकतमश्यगभ दरिन्मणिः। Mad लाहितकः पद्मरागोऽथ मौक्तिकम्‌ ॥ ee ॥ (र ति GN सथ] SHTAEF IT |] 92 SPAS NTTTA TAS | FR RaRRSRRT AGI) CENTS मुक्ताय faa: पुंसि प्रवालं पुनपुसकम्‌ । ta मणिदयोरश्मजातो मुक्तादिकेऽपि च ॥ € 8 ॥ FANT HANS GNIY | तै <ये RGSF AT सपरा FYNASTASARNAE | 93 aw qaw कनकं हिरण्यं हेमहाटकम्‌ | तपनौयं शतकुम्भं गाङ्गेयं भस्म RATA ॥ <४ ॥ ANAC ACA TAN] RESHUANSOAATANA | ALT TAN दकु ANY HS | SSAA RSNA YA] 94 चामौकरं जातरूपं महार जतकाञ्चने | रकं MUSE जाम्बनदमष्टापदोऽस्ियाम्‌ ॥ ९५ ॥ ya NIN RASTA] सद्गण SSA SINS | = + A AAG S || 95 * For £>" तु 2 244 HATH: | FIST सुवणे' यच्छङ्गगैकनकमित्यद्‌ः | द्‌ वगो" रजतं रूप्यं eat Aafaafy ed ॥ SATA SAS | गणै सेस ६ । SEAT RFSFACACASC मे] तरनगे] 96 ॥ 3 tifa: स्वियामारक्रुटो न स्ियामथ ताखकम्‌ | qe म्लेच्छमुखं द्य्ट-वरिष्ठोदुम्बराणि च ॥ cot रय समरामि बमन 1111 (+ णि ॥ > लो होऽस्त्रौ शस्त्रकं तोषणं पिण्डं कालायसायततौ । अष्मसारोऽथ AIT सिधाणमपि तन्मलले ॥ ee ॥ 6411111 सथेकरयदेवभ। सद्गणम्‌ ® aa स्यात्तेनसं लौहं विकार सत्वयसः FU । क्षारः काचोऽथ चपलो रसः Aa पारदे ॥ ce ॥ AAT SF IAT SYN तगं गस] SINT कु SAVANE वकि, => iS qaqa, | गवलं माहिषं ssaya गिरिजामले। ख्लोतोऽच्ननन्तु सोवोरं कापोताच्ञन-यासुने ॥ १०० ॥ yaya शतरि] इर Ay args | SrA HATTA) AaHA TTF Arg9 I! 100 तुत्धाच्जनं शिखिग्रीवं faqaa मयूरके। करौ दाव्विका RIANA Ge रसाच्जनम्‌ ॥ १०१ ॥ 11111 SRSrargeysry 577 ASS AN SRNR AG | PAR STH AA > 101 रसगभ ताश्यश्ैलं AAA तु गन्धकः। सौगन्धिकश्च चक्षष्याकुलाल्यो तु कुलत्थिका ॥ १०२ ॥ +> 1 सना AINS5 ष्वेव] 102 रौतिपुष्यं पुष्यकेतु पोष्यकं कुसुमच्जनम्‌ । पिच्ञरं पौतकं तालमालच्च हरि तालके ॥ १०३ | SHAH TA STS] TATARTHAAPA ANAL Seraraly FAFA 108 246 रमरकोषः | aaa गिरिजमश्मजच्जे शिलाजतु | वोल गन्धरस प्राण पिण्ड TWA AAT: समाः ॥ १०४ ॥ 037. | दु्ीसवैर्वरहनदि < € € AIR ई =-35.हगउञ५६'] वीर युवी 2.8 || 104 दिण्डौरोऽिकफः फेनः सिन्दूरं नागसम्भवम्‌ | नाग सोसक MAT वधराणि चपु पिच्चटम्‌ ॥ १०५॥ तुर चह्षश्च] अ AA | 1 सि end मनात SANSZA VR | 595 २ |] 105 रङ्गवङ्गप्यथ पिचुस्तलोऽथ कमलोत्तरम्‌ | स्यात्‌ कुसुम्भं वहि शिखि महारजनमित्यपि ॥ १०६ ॥ 1 Sana'a gy | Faarseqpsargely | VHA ASS STA] EMTALA |] 106 मेषकम्बल ऊणायुः WA शश्रलोमनि | मधु ale माक्चिकादि मधुच्छिष्टन्तु सिक्थकम्‌ ॥ १०७ ॥ PARANA GAA | YORCHCA RG NAIA CA ^~. HOSA ACS YSN || 107 ` ॐ, € qaqa: | मनःशिला मनोगृत्ताः मनोह्वा नागजिद्धिका | नैपालो कुनरो गोला यवक्षारो यवाग्रजः ॥ १०८ ॥ < ~ नवर ससद स] सर्द -मदतिमुग्‌ह कीर | AATWINAAASA || 108 [वा ^ RN पाक्याऽथ सजिंकाश्षारः कापोतः FAIA: | सौवचलं स्याद्रचकां ARNT वंशरो चना ॥ १०९ | वथ रेवस। VSG! इ 75८९, ] - ₹ 7-4= उव || 109 श््िजं श्वेतमरिचं मोरटं मूलमेश्षवम्‌ । ग्रन्धिकं पिष्यलोम्‌लं चरिकाश्िर इत्यपि ॥ ११० ॥ HLANSTN TTR | शि्इततुरतर। AHO SATASS| SEMIN GNANCE I] 110 MAA FAR ना VAS रक्तचन्दनम्‌ | fag sow व्योषं चिफला तु फलचिकम्‌ ॥ १११ ॥ इति वेश्यवगेः ॥ गतिर दवुनतदिन्च] A] THOR STATA | STAGE YEA | Qgergayyary erry पा मसग | 247 € Wea: | NS --> नन श्रद्राश्चावर वर्णश्च ठषलाश्च जघन्यजाः | MARTA ARIAT AATATATSA: ॥ १ ॥ RSNA NN OS'S TY ARIS ATN ASS वदनत] SAVANE SSAA MANTA STA SAAS | HFCL STAIRS OPS] 1 श्रुद्राविशोस्तु कर णोऽम्बघो वैश्यादिजन्मनोः | श्रूद्राक्षस्तिययोरुग्रो मागधः शचियाविश्णेः ॥ २ ॥ (1 11 । RAID SCAM ARAN AA | उ्पसरतकोन द्वस ४ मादिष्योऽययाँक्षविययोः छत्तार्य्याश्रद्रयोः सुतः । ब्राह्मण्यां ्षचियात्‌ aa mai वैदेहको विशः ॥ ३ ॥ ar p-FANMBT HAAR | 0 | RATS HAAS AGA | AW ESTAS SA'S |] 3 श द्रवगेः | 249 CAAT मादिष्यात्‌ करण्यां यस्य सम्भवः | स्याच्चाणडालस्तु जनितो ब्राह्मण्यां sata यः ॥ ४ ॥ वैरमारभते] र कमममर य bes MAAN GAS | INST SS ALAA || 4 कारः fret सं हतै स्तेद योः श्रेणिः सजातिभिः | कुलकः स्यात्‌ FAAS मालाकारस्तु मालिकः ॥ ५॥ दरन्यन्णत रवर] ASIAaA sHrarspser Nas | तैसफजस्मन ITA AAS | RAZA RASA दर] SV HATH AT ALA T |] 5 कुम्भकारः कुलालः स्यात्‌ पलगण्डस्तु लेपकः | तन्तुवायः कुविन्दः waaay सोचिकः ॥ € | इनवनात्मनः ह मम्‌] GAIA AAI "करतुना APSA ARGS | AST TAACAN ASA ८ रङ्गाजौवशिचकरः शस््रमार्ज्नोऽसिधावकः । UCHIHA स्याद्योकारो लोहकारकः ॥ ७ ॥ रासद] ASS ARFACSN AAAS | BANARAS SH TANS ARS | दिगस रतरा AISA | 7 * १ is the reading in A.S.B. copy. 32 | 250 RATA: | नाडौन्धमः SURAT कलादो रुक्मकारकः | स्याच्छाङ्किकः काम्बविकः लिक स्ताम्रकृट्रकः॥ ८ ॥ ॥ > | बास ARGC कपास" | सपरत पुप्णुन्‌ | ACSA Scare |] 8 तक्षा तु वद्किरू्वष्टा रथकारश्च काष्ठतट्‌ | ग्रामाधौनो ग्रामतक्षः Rea ऽनधौनकः ॥ € | वे SRG वर त्वेत ARAYA >+ Say GAy ARS | *GaRASCA BN -GSANRA| BATSRSISC 4 Fas GI] 9 att मुण्ड दिवाकौत्ति नापितान्तावसायिनः। निर्णेजकः स्याद्रजकः शौ ण्डिको मण्डहारकः ॥ १० ॥ कगसप्मश्ेनपणमतरसनावस] ममरस SVARCAS STARA) दद मन्दर वम्]] 10 जावालः स्यादजाजौवो देवानौवस्तु देवलः | स्यान्माया शम्बरो मायाकारशतु प्रातिहारिकः ॥ ११ ॥ 0 YAT मपय छै 3९7 ससर पू || 11 * धु" for BX 2 a ~ ~ - -------------~ ` WAM: | शैलालिनस्तु TTA जायाजौवाः AAA: भरता इत्यपि नटाश्चारणस्तु FATATAT: ॥ V2 I १0111 1111 TAS QNISSCS | FASTEST | 12 मार्दङ्गिका मौरजिकाः पाणिवादाल्तु पाणिधाः। amg: स्यव्वेणविका वौणावादास्तु वैशिका ॥ १३ ॥ निउ वनतः TAS | TAC S AOAIAR || 13 Taran: शाकुनिको दौ वागुरिकजालिकै । वैतंसिकः कोरिकश्च मांसिकश्च समं चयम्‌ ॥ १४ | AB THTAL TIGR मैस] SHC THA दलककत वलम] LAY 14 waa ग्डतिमुङ्कम्मेकरो वैतनिकोऽपि a: | वात्तौवदो वैवधिको भारवादक्तु भारिकः ॥ १५॥ भग्र SSA] FAVAS TANG | AR केकर वुन्‌ य| (नदत |] 15 251 252 ्रमरकोषः | विवशः पामरो नौचः UTA परथग्‌जनः | foretell ऽपसदो जाल्मः श्ल्लकश्चेतरश्च सः ॥ १६ ॥ RAIN AS SAPS ANAS | NAVAL STATA | CAT SNSTATN EAS | SVTACTANT AQ ] 16 सत्ये दासेर-दासेय-दास-गोप्यक-चेटकाः । नियोज्य-किङरप्रेष्य-सुजिष्य-परि चार काः ॥ १७॥ वितर नरर द] YSCAPRTETAS OM GANAS रहनाश्च र] तरस्तग पनर्वसु 17 पराचित परिस्कन्द परजात परेधिताः। मन्दस्तुन्दपरि ज आलस्यः शैतकोऽलसो STAT: ॥ १८ ॥ पगम Sar tgs | AAT SV वतरपातिमवोक्सवश्मीरस | पुत्रयो AAA) STASI 18 Za तु चतुर पेशल पटवः खत्थान उष्णश्च | चण्डाल सव मातङ्ग दिवाकौत्ति जनङ्कमाः ॥ १९ ॥ SPVT BRFSS | SNACE IE ET SCA | 9. * For २५९ १ ` + 2 WHat: | निषाद पचावन्तेवासि चाण्डाल FRAT: | भेदाः किरात शवर पुलिन्दा भ्लेच्छनातयः ॥ Ro ॥ ~ RATAQS ASRS] (कदस ATSC STATA | FOGATAO TAHA |] 20 ~ ~ Ly व्याधो खगवधाजोवो शगयुलंब्धकोऽपि सः । कौलेयकः सारमेयः FHT शटगदं एकः ॥ २१ ॥ वैरकि पाक्ष नाक ट्त्व | पिद विन्िुगसय तेर्‌! दिगा SAAS | 21 शुनको भषकः AT स्यादलकंलतु स योगितः। श्चा विश्वकद्र खेगयाकुश्लः सरमा शुनो ॥ २२॥ SAM AREF IAIN GAIA | हर क-वर्ग | VST ST SES AAG I 22 विट्‌ चरः श्रकरो ग्राम्यो THT स्तरुणः पशुः | आच्छोदनं BAIT स्यादाखेटो saat स्याम्‌ ॥ २३ ॥ PTAA ICANT] दवारम MENS AAT SCS | EVR ATS SS A |] 23 $e * For 3% 2 + For #42 | 253 254 अमरकोषः | दश्िणारुलंज्योगादश्िणेम्मा कुरङ्गकः | चैरोकागारिक सेन दस्यु तस्कर मोषकाः ॥ २४ ॥ TAN IN RTT ANY SAY | NF ATR TASTE वनानि तर] ICASSP ARATE! I] 24 प्रतिरोधि परास्कन्दि पाटच्चर Afaaan: | चोरिका स्तन्य Seat च सेयं लोप्॒न्तु तद्धनम्‌ ॥ २५॥ SATA ANE] ARAN AES SATIS AF ENT ASS FING | छ ` ~~) वौतंस स्तूपकरणं बन्धने खगपश्िणाम्‌ । उन्माथः FETA स्यादागुरा गबन्धनौ ॥ २६ ॥ तोर | द TR SANT RAS | दतु सपनद निर LATIN GET ररर 22८ J] 26 शुल्वं वराटकः wat तु रज्जु स्तिषु वटौ गुणः | उदरारनं धटौयन्त्रं सलिलो दा इनं प्रहेः ॥ २७ ॥ FARTS] TAT YS TATE | उपरम | 01 |] श WEA गै 255 पुंसि वेमा वायदण्डः खचाणि नरि तन्तवः | वारिव्यैतिः feat तुल्ये पुस्तं रेष्यादि कम्मणि ॥ र८ | ANS IPSC LARA | parargy ays | QATAR SS सम्‌ | SANGALO STA STU i 28 पाञ्चालिका पुचिका स्यादस्तदन्तादिभिः कता | पिटकःपेटकः पेटा negara विहङ्गिका ॥ २९ | कुवास 25 AGA ATS] SSSTEPSP PRAIA OIST'AI | TARAS ACSA ATSC | 29 भारयष्टिस्तदालम्बि शकं काचोऽथ पादूका। पादृरूपानत्‌ स्तौ सैवानुपदोना पद्‌ायता ॥ ३० ॥ FAN RA वनन वेर त] देसंस्‌ TAN SIN ASA ASAHI | AACN ARC AANA RATA | 30 नद्धौ Agl वरचा स्यादश्वादे स्ताडनो कशा | चाण्डालिका तु कण्डोलवौणा चण्डालवल्लकौ ॥ ३१ | वस नर्ण दि | 0 | SENECA AT |] 31 ^>. >~ ^~. 256 अमरकोषः | नाराचौ स्यादेषणिका शणस्तु निकषः कषः | व्रश्षनः पचपरशु रोषिका तूलिका समे ॥ ३२ ॥ नपर WAST TPA | BAAN | APPS ATS || 32 ~ ~>. तैजसावत्तनौ मूषा भस्त्रा चम्ेप्रसे विका । श्रास्फोटनौ वैधनिका कपाणौ AIT समे ॥ ३३ ॥ AR SFQIN AEN APA |~ वरवर्णिनि न नर] पाक्ष ARS ON'9A | SHAPNEAGTAS |] 33 SALSA SARS SH पाषाणदारणः। HAAG करपच मारा चम्बेप्रमेदिका ॥ २३४ | वीरय मवै ददिसन] (गहर ्दपनव| REY VASA TSA IFAC | WATT ORARV SSE ॥ 34 x ॐ सम्मो wut लोदप्रतिमा शल्यं कम्मे कलादिकम्‌ | प्रतिमानं प्रतिविम्बं प्रतिमा प्रतियातना प्रतिच्छाया ॥ ३५॥ कग क्रम HTT AN TSN | उदस्‌. सनाह्। त गडमसमाड्गसनमपे त्‌ BSNS NAT] ॐ Wa: | 257 nfaafazat पुंसि प्रतिनिधिरूपमोपमानं स्यात्‌ | वाच्यलिङ्गः सम YAU AEA: सह शः VET ॥ ३६ ॥ इसरवास] STROH तवन | । FEV IASI सवकमर म्स] २९२ | 36 साधारणः समानश्च स्युरुत्तरपदे त्वमो | निभ-सङ्घाश-नोकाश-प्रतोकाशेपमादयः ॥ ३७ ॥ रप्वनावे 35९२] वेदना. HAAS sass | AL TASN EAGLES | TATA Ora |] 7 कम्मेण्या तु विधा-खत्या-ग्टतयो HA वेतनम्‌ | भरण्यं भरणं मूल्यं निर्वेशः पण इत्यपि ॥ ec | ANS HVS LFASS | TST SS TTASS | नन | SQ5T RTE I] 38 मुरा हलिप्रिया हाला परिखुदरुणात्मजा | गन्धात्तमा-प्रसननेरा-कादम्बग्येः परिखंता ॥ ३९ ॥ तवत] FAA AINE SAT | = AAS | MYTAWS ACA YA || 39 CA 30 268 RATHI: | मदिरा RUA चाप्यवदंशस्तु भक्षणम्‌ | शुण्डापानं मदस्थान ATA मधुक्रमाः॥४०॥ सस ठतग AVANT] पवतदुष्गस सतस । ERALELAY AGE AA NAS | २३. नोर | 40 मध्वासवो माधवको AY माध्वौकमदयोः। मैरेय मासवः Why MSA जगलः BAT ॥ ४१॥ Ty MOSES SA] NARHA ELA TSA HAW ALA STES | QVSLAANS AS] NSCS] + सन्धानं स्यादभिषवः किण्वं पुंसि तु AAR: । कारात्तरः सुरामण्ड श्रापानं पानगोष्ठिका ॥ ४२॥ ॥ # क्सरन्‌ | कर [ववि श्वत] करर मार्रं 4 VARS पानपा चं सरकोऽप्यनुतषेणम्‌ | ूर्तोऽक्षदेवौ कितवोऽषधूत्तो Para समाः ॥ ४३ ॥ 4131 ~. Za गः । 259 स्य॒ लंग्रकाः प्रतिभुवः सभिका दूतकारकाः। द्यतोऽस्ियामश्वतौ कैतवं पण इत्यपि ॥ ४४ ॥ सितम मेनन | ARTAQ TSS AEG | Le OO GESAAFHTAISAS | TFUSCT EAN || 44 पणोऽकषेषु WESATe SAAT: पाशकाश्च a | परिणाथस्तु शरौणां समन्तान्नयनेऽस्तियै ॥ ४५ ॥ APN AS] ARs ^ 441 RESTART ARSE BTARS | AGAR AL-TOGG || 45 AVIS शरि फलं प्राणिदयूतं AAA: | उक्ता भूरिप्रयो गत्वादेकस्मिन्‌ येऽच योगिकाः ॥ ४६ ॥ RATS AINAC GaN | ATA OHA दर| ASAT AAA AANA SA || 46 ताङ्धमम्यादन्यतो उत्ता a लिङ्गान्तरेऽपि ते ॥ ४७ दधिसकसनानेनभिप्पर AST] SAAT सरस ANATAIR'Y |] 47 इति श्रद्रवगेः | दूत्यमरसिदञ्तो नामलिङ्गानुशासने | श्रम्यादि दितौोयकाण्डः समाप्तः ॥ RASTA YL BAS | विदितमेव CAS yan a CARESS AY BAT YAS TANT AAA HIS GNA ^ प्राशिवगंः | विशेष्यनिघ्रैः as नानार्थे रव्ययैरपि | लिङ्गा दिसंग्रहे व्वर्गाः सामान्ये वगैसंञ्रयाः ॥ १॥ at 3 $ ०) २ “I ae 3 | AVA IZA TT BAN eqaysac gga] FTersrscss Seay ys SEVEN AN SLT ङस] SAH ANAS सस 1 Mara यंदिशेष्यं यादशैः प्रस्तुतं ae: | गुणद्रव्यक्रियाशब्दा स्तथा स्यु स्तस्य भेदकाः ॥ २॥ THOQSAS ASIN | एरवर्उममेमार सरद] FAIS HN | WeSF ESRC TAA AT तेप AAAS TANS] 2 सुतौ पुण्यवान्‌ धन्यो ALG ALTA: | SCAG FEA महोत्साहो महोद्यमः ॥-३ ॥ AINA INAS AN SR ACB | SAAC ANAS | | PSV नर पदग्‌ स्वकर] 2 प्राणिवगेः | 261 gate निपुणाभिज्ञ-विन्न-निष्णात-शिशिताः। वैज्ञानिकः HAGE: छतो कुशल इत्यपि ॥ ४ ॥ BNSF A सवव AVAGS] SABER TINGS ESO R SOAR SAS | रयो र लेस ण] TAG | + पूज्यः प्रतौश्यः सांशयिकः संयापन्नमानसः। दक्िणौयो दक्षिणां as cfaw इत्यपि ॥ ५॥ ` +) FAN दैवपर | RATANSCS ASLAN AS] FASTA AN EAS |] 5 सयु वेदान्य-स्यूललश्य-दानभेण्डा बहुप्रदे । जैवाठकः स्यादायुष्मानन्तर्व्वारिसतु शस््रवित्‌ ॥ € ॥ SAS SCA TI EATAS | SRA SARC न WHROAS ACS SHA] GSR SAC ALS TSA |] 6 परौक्षकः कारणिको वरदत्तु TATA: | हषेमाणो विकुर्व्वाणः प्रमना हष्टमानसः ॥ ७ | सुगमम्‌] स दमन RANT म BR SIA SEY पन दवे] सेढ 7 262 BATH: | दुम्मेना विमना अन्तमेनाः स्यादुत्क THAT: | दक्चिणे सरलादारोौ सुकला दाठभोक्तरि ॥ ८ ॥ WF CFNANCSSTATAT] | A SLTAN ACN SSE | ara RCAC GAGS] STAs SAARI] 6 तत्परे प्रसितासक्ता विष्टार्थोदयुक्तं उत्सुकः | प्रतते प्रथित-स्यात-वित्त-विन्नाल-विश्रुताः ॥ € ॥ FHA RASAN ACEH] AFAR ASFA रब शवर | GN BS HANAN SS] AASB SSTGN SATEEN || 9 गुशैः प्रतौते तु कतलक्षणाहतलक्षणि । इभ्य श्राव्यो धनौ सामो aac: पति THAT ॥ १० ॥ WSFA हे] रन पतेन सतर मनकर्‌ 34 | FABFASA BA WHFFSA] ASSTASIC AAAS ACY] 10 afay नायको नेता प्रभुः परिद्डाऽधिपः। अधिकञ्धिः aay: स्यात्‌ कुटुम्बव्याष्रतस्तु यः ॥ ११॥ (एरका 5 लि र ता स (05, 1 RE क lM “nN QR BAR ARAN aTA HN] SATS GATA ASC || 11 । । प्राणिवगेः | 968 स्यादभ्यागारिक afaanntufe पुमानयम्‌ | वराङ्गरूपोपेतो यः सिंहसंहननो fe a ee BA RASA ANTS | WAST मतान TST | सष्ठ मै FAA || 12 निवाय्थः कायथैकत्ता यः सम्पन्नः सत्वसम्यदा | अवाचि मूकोऽथ मनोजवसः पिद्सन्निभः ॥ १३ ॥ EMSS तयन] IQESVAQNAS SSA | PUSS AINA नीमा रद] 18 सत्‌क्त्यालङ्तां कन्यां यो ददाति स HRs: | लश्सौवान्‌ लश्छणः Blea: ओरौ मान्‌ far वत्सलः ॥ १४॥ ARIAS LF SAV IT FANS मपरेसमातैम परः BS SCI] 14 TATA: कारुणिकः कपालः खरतः समाः । MAASAI: AC WH निरवग्रहः ॥ १५ ॥ AS TAIN ESCESS | Ra RSS TASS AVIA सर करप वदना ATCA | ROAIG MAHAN ASO |} 15 264 अमरकोषः | परतन्त्रः पराधौनः परवान्राधवानपि । अधनो निघ्र आयत्तोऽस्वच्छन्दो द्यकोऽप्यसे ॥ १६ ॥ गान तिकि तदवि ८ | रवसे रगत म ८२.९9 SHI] 16 खलपूः स्यादहकरो दौ घंच शिर कियः। जाल्मो ऽसमौश्यकारो स्यात्‌ कुण्ठो मन्दः कियासु यः॥ १७॥ BATAAN SS | तमनु EAITASYFAC SS] ARAN ESSC SITS SAVANE SAP 1 कम्म क्ष मोऽलङ्कम्मोँ णः क्रियावान्‌ कम्येखद्यतः | स काम्मेः HUM यः कम्मेश्ररस्तु AUST! ॥ १८ | AST ASTANA डर 55 sy ठु5 567६६ MATA AT SIA A'S" | 18 A भरण्यभुक्छम्मेकरः कम्मे कारस्तु तत्‌क्रियः। Bara Arata अ्ामिषाशौ तु शौष्कलः ॥ re ॥ सतीं कत SFIS TANS | BATSON ISAS AN ANASS GANA | MAN SO ASSACS |] 19 $e न ~ —— * For न्न ठ ? प्राणिविगेः | 266 बुभुक्षितः स्यात्‌ afuat fara रश्नायितः | परान्नः परपिण्डादो भक्षको घस्मरो SAT: ॥ २० ॥ PAINASATN 34] SAQaS NGS SA दविस | दकम्‌ 20 आद्यूनः स्यादैादरिके विजिगौषा विवज्निते | उभावात्मम्भरिः कुक्षिम्भरिः स्वोद्रपूरके ॥ २१॥ PAN AN कतनत 9G EN STAG G | BATAAN SS SS ATCA | SATASAMN=A4 |] 9 सर्व्वा्नौनस्तु सव्वान्रभोजौ Dey Sa | लब्धोऽभिलापुक MUP GAT लालुपलालुभो ॥ 22 A MSNA INAS) ARV SHEN, AL STAC | FRFAAVACNH SAAS | ALTARS SAWOWC'AAS || 22 उन्मद्‌ स्तन्मदिष्णः स्यादविनौतः समुद्चतः। मत्ते शोण्डोत्कटक्छौवाः कामुके कमितानुकः ॥ २३ ॥ ५५८९९ | मनभष सलि SANT AA ररव] SANATARY SF IFLA I] 28 34 266 अमरकोषः | कम्रः कामयिताभौकः कमनः कामनोऽभिकः। विधेयो विनयग्राहौ वचनेस्थित आश्रवः ॥ २४ ॥ BAN BS | STAI] 24 | aya: water निष्त-विनोत-प्रशिताः समाः | ve ष्णग्विथातश्च प्रगल्भः प्रतिभान्वितः ॥ २५ ॥ RAR AC ACAI SV SIA | GAA Aa SSa LP RSCA | SAGA YAS 34 4ST रत्‌ |] 25 weve तु शलौनो विलक्षा विश्मयान्विते | ANT HALAS भो रु-भोरुक-भोलुकाः ॥ २६ | दरवद रसद] मरक तेस्‌ AEN 1 AEA रमु AEN 754 रस" || 26 | आशंसुराशंसितरि wears ग्रहौतरि । FST ASA युक्तं पतयालुस्तु पातुकः ॥ Po ॥ दत सेमसपम्‌ ANG | तिमठनसतिनतमस््‌। CESAR CRANES) दरद ररम ण प्राणिविगेः | कः 26१7 AAT शौ लेऽपचपिष्ण Ie रभिवादके | शरार घातको fea: स्याट्‌वदिष्णा्तु asa: ॥ रुष । गा3नात्मतर शु] TNS ACR दु] सिवि्पिनरमर क IF AN || 28 - उत्यतिष्ण स्तृत्पतितालङ्रिष्णस्तु मण्डनः | भूष्ण भविष्ण भविता व्तिंष्ण व्यत्तनः समै ॥ २९ ॥ (ज 1 श्वर परदुः] दिर ARATART ARTS 29 निराकरिष्णुः fay: स्यात्‌ सान्रलिग्धस्तु मेदुरः | ज्ञाता तु विद्रो विन्द्‌ विकासौ तु विकस्वरः ॥ ३० ॥ दनव] स्नापनम्‌ ना नद| वस्त ETSIF STARS | कुमर कौकनर कुफर पाक्‌ |] 30 विष्धत्वरो विरूमरः प्रसारौ च विसारिणि । सदहिष्णः सहनः छन्ता तितिक्षः कछषमिता aati ae | गौर TAN TRS कतर] FAN AAS | AFA] NANT मुस्र] FY VEIN ATA AIG |] 31 * For 28 2 + 5B । 268 परमरकोषः | कोधनोऽमषंणः को पौ चण्ड शत्वत्यन्तको पनः | जागरूको जागरिता धूशितः प्रचलायितः ॥ इर ॥ गुम ATT AIA) BVA SS स्वरव] BAAR TASAT FARIS |] 32 ana ware निद्राल्‌ निद्राणशयितैौ समी । परा ङ्ख पराचौनः स्यादवाडङग्यधोमुखः ॥ ३९ ॥ 1 RITAAT ACS GAARA STERN] ARAN EMAN IGA IAA | ayy SASS RAS | 33 देवानञ्चति दैवद्यंडः विद्य डः विश्वगच्चति | यः सहाञ्चति सध्येड्‌ स स तिय्यङः यस्तिराऽच्चति ॥ ३४ ॥ हव्यस्य] श्किगससनुरणु्न्‌ त्‌ | TST RA SSN IST | 55 करर मेरु ANAT |] 9५ वदो वदावदो वक्ता anita वाकूपतिः समै । वाचोयुक्तिपट्‌ वाग्मो वावदू कश्च वक्तरि ॥ २५ ॥ सुव SEN AA | एकरद वगो व्दगु महर) AR BAAN A SAAS | 85 प्राणिवगेः | MATH वाचाला वाचाटा TETAS | que सुखराबडमुखौ शक्तः+ प्रियं वदे ॥ २६ ॥ ABA ARAN ATASSN SS | SERIO THN SINT PEF SATSA RASC] FASO SAR AN Y'SF AI] 36 ACT: स्यादस्फटवाग्‌ गद्यवादौ तु कददः | समो कुवादकुचरो स्यादसोम्यस्वरोऽस्वरः ॥ BON STATS GTA INA] ALT ACA CT HATS | ARTS NAT A TINY |] 37 रवणः Wat नान्दौवादौ नान्दौकरः समो | TI Tera वक्तु ओतुमशि्ठिते ॥ इट ॥ र| SIV YISIN ASE AGC ASPEN श्रीमत] SVESTETSS STAIN |] 38 तूष्णोँशोलक्तु तूष्णौको नग्नोऽवासा दिगम्बरे | निष्कासितो same: स्याद्‌ पध्वस्तस्तु faa ॥ se ॥ TPT RATA STATES NTA PACHA AINAA | AFFATHCA YO |] 30 * We इति पाठान्तरम्‌ | 269 270 अमरकोषः | आत्तगर्व्वो ऽभिभूतः स्याहापितः साधितः aati ` ` प्रत्यादिष्टो निरस्तः स्यात्‌ प्रत्याख्यातो निराक्षतः ॥ ४०॥ Ray Tac ayel] AAPASSTAC' ९२.९६ | सवाप SRS |] 40 नितः स्यादिप्रतो विप्रलब्धस्तु वञ्चितः | मनोहतः प्रतिहतः प्रतिबज्लो इतश्च सः ॥ ४१ ॥ ०, || अधिक्षिप्तः प्रतिक्ठिप्तो बद्ध कौलितसंयतै | आपन्न आपत्प्राप्तः स्यात्‌ कान्दिशौको भयद्रुतः ॥ ४२ ॥ QSL STRAT AAT 255] 53२ ददत्‌ | त्यत ATS |] 42 ्राक्षारितः सछारितोऽभिशसे सङ्सुको stare | व्यसनार्तनोपरक्तो दौ विदहस्तव्याकुलै समो ॥ ४३ | ARAFAT हण] मिम सेस सररतम नाहेगवीस दिर TSS | APRS AAPOR |] 48 प्राणिवगेः | O71 विक्लवो fage: स्यात्त विवशोऽरिष्टदुष्टधौः। कश्यः HUE सन्नद्धे त्वातताथौ वधोद्यते ॥ ४४ ॥ 1 1 1 BAAN AGNES ALTA SS | कषा "रकस NAT दसम्‌4ु समर | | : 44, देष्ये त्व्िगतो वध्यः Mase इमो समो । विष्य विषेण यो वध्यो qual मुषलेन यः ॥ ४५ ॥ FROST ARIAS] दसनत मर्मादिऽददे नस रस | | SayeN gay aisrasyy 34 | 0.11 STAC || 4 शिश्चिदानः छष्णकम्मो चपलधिकुरः समो । दोषेकडक्‌ पुराभागौ निक्त SH: शठः ॥ ४६ ॥ 149 FARHAN A GSAS APT ST IA || 46 1 (32 कर्णेजपः ख चकः स्यात्‌ पिशुनो eat: खलः | ZUM घातुकः AT: पापो YE ATH ॥ ४७ ॥ दुर्म] YSTASSCAOINTSIRG GS | ङ्स दद्म ISAS TA] STSCSTEPAC THON || 47 rr --- ---------- re * aye ` 212 श्रमरकोषः। अन्ने मूद-यथाजात-मूखं-वेषेय-बालिशाः। कदर्ये छपण-्द्र-किम्यचान-मितम्यचाः ॥ ४८ ॥ AGN RNA TGA | QaRrea RAS aS | ASANN SLA कठ्‌] GTA ARCA NG ASA |] 48 free fart दौनो दरिद्रो दुगेलोऽपि a: । AMAR याचनको मागेणो याचकाथिन ॥ ४९ ॥ करसुपपत्म्णोषतनः। नषनत्मपजुसश। सन मशु विमद] दुत्य्‌ gay रर] 49 अदङ्गारवानहयुः स्यात्‌ शुभंयुः शुभान्वितः | दिव्योपपादुका देवाः STATI जरायुजाः ॥ ५० ॥ RANSTSC HACE | SARAH AAG GRAN SS ATRAGN ALE NAA | VAC LISTEN AN 50 खेदजाः कमिर्दणादयाः परशिसर्पादयोऽण्डजाः ॥ ५१ ॥ SAAT ASNT TIAN | ऽन HASAN EE सरगम] 51 इति प्राशिवगेः | NSN RS || विशेष्य farsa: | उद्धिद स्तरुगुल्मा या उद्धिदुद्धिज्जमुद्धिदम्‌ | सुन्दरं रुचिर चारु सुषमं साधु शोभनम्‌ ॥ १॥ न = 4 वैः 5८ स सवास सनाते शै] NSVARPSSTASS TA ARCA | पिवतृन्देसयश्वगपम] व्दसनरमरपवासवनुर] 1 कान्तं मनोरमं रुच्यं मनोज्ञं मञ्जु मञ्जुलम्‌ | तदसेचनकं ठते Alea यस्य दशनात्‌ ॥ 2 ॥ = 13 1 RA ARATARAT ससरत] 4/595 AEST Y] AIR AIAN SATAN SGN |] 2 अभो टेऽभोष्पितं हदं दयितं वल्लभ प्रियम्‌ | निरष्टप्रतिकृष्टाव्वरेफ याप्यावमाधमाः ॥ ३ ॥ REQ > 1.0 HS AVANT परस REA A त] RAINSAFSFATNAST SS | AIAN NT SF INH मनर || 8 35 274 अमरकोषः | कुपूय-कुत्सितावद्य-खेट-गद्याणकाः समाः | मलोमसन्तु मलिनं कचरं मलदूषितम्‌ ॥ ४ ॥ पततम वर] गसन ARRAS CT ASCA | LSTA TTINNAL HN] 4 पूतं पवितं मेध्यच्च वौध्न्तु विमलात्मकम्‌ | निरिक्तं शोधितं ad निःशोध्य मनवस्करम्‌ ॥ ५॥ गार ग्‌ AAAS AG | ASTRAY HAG] ANS ACNCANASASIESATAL | ARTS मरय 5 असारं HUI श्रन्यन्तु वशिकं तुच्छरिक्तके | कौ वे प्रधानं प्रसुखप्रवे कानुत्तमोत्तमाः ॥ € ॥ ATATAPATAITIO र] अत दवासगुगसत््यमत्| STARS AACA AH] AARC AARAPHCS | 6 मुख-वय्थे-वरे ण्याश्च प्रवरो ऽनवराडंवत्‌ | पराद्याग्रप्राग्रहर-प्रग्याग्याग्रौयमग्रियम्‌ ॥ ७ ॥ BAR SRAAT SCAT SGN] SAT QVIOZ ACTA ASTI सन] Crear Gy TAS I 7 fara fanaa: | 276 श्रेयान्‌ भ्रे्ठः पुष्कलः स्यात्‌ सत्तमश्चातिशेभने । ` सयु सुत्तरपदे व्याधरपुङ्गवषभकुच्जराः ॥ ८ | TFA यमनु मस] दसी Sopsygyses | AN IPAS TARSAL || 8 सिंहशदंलनागाद्याः पुंसि श्रे्ठाथैवाचकाः। अग्राम्य दयहोने दे अप्र धानोपसञ्जने ॥ € ॥ ल~ नुक A (AY <~ 3) | ie BA a NAN aN “| म | aSAA THOTT] ARs de gnzaaygey| 9 विशङ्कट प्रथ खृहदिशल प्रथलं महत्‌ । agra विपुलं पौनपोवनो तु स्थलपौवरे ॥ १० | दवारम] तोढमप्परसन्द्र कतुर | कविवर नृ । ॐ] वास ९८ अुगा द सुभ ८ॐ ] 10 स्ाकाल्पश्चल्लकाः Be Beat दरं कशं ततु | स्वयां माचा चटौ पुंसि लव-ले-कणाणवः ॥ ११ ॥ -- = POAT SN SOIT EE | द TF ECA SOTSS | HN TL ELSA SS Ip 11 276 अमरकोषः | श्नत्यल्येऽल्पिष्ठ मल्पौयः कणौयोऽणौय इत्यपि । ` प्रभूतं प्र चुर प्राज्य मदभ्रं बहुलं बह ॥ १२॥ ATSIC AL TAIT FA | SASFTG NTS] 12 qte: पुरु भूयिष्ठं feat भूयश्च भूरि च । परःशताद्या स्ते येषां परा संख्या शतादिकात्‌ ॥ १३॥ AMARC तत] वर ASTAICAT IO | ANSI वत्त] वन्वगुरसगी STAI | 13 | TUNA तु गणेयं संख्याते गणितमथ समं स्वम्‌ | विश्वमशओेषं छत्‌खं समस्तनिखिलाखिलानि निःओेषम्‌ ॥१४॥ AIT IAG IEA TEND E SSSI ALTERS | PANNE AISTSLAL | AIA ST NAACANTAS | ACA esyaS ANA] 14 समग्रं सकलं पुणे मखण्डं स्यादनूनके। `: qa निरन्तरं सान्द्र पेलवं विरलं तनु ॥ १५ ॥ हासमङ्गागोनार वर्मः] 58 RSAC RESTS | छग य रनु] अरर] 16 fara fanart: | 277 समौपे निकटासन्र-सन्निछृष्ट-सनोौ डवत्‌ | सदेशम्यास-सविध-समय्थाद्‌-सवेशवत्‌ ॥ १६ ॥ PAINFARS ACTA] व्र धमि AG AG | गनत महर] FLT SGA || 16 उपकण्टान्तिकाभ्यणेभ्यग्रा अ्रष्यमितोऽव्ययम्‌ | संसक्ते त्वव्यवहित मपटान्तरसित्यपि ॥ १७॥ AIA ASAE CA CATA SATA Say ACTH NEAR AAS ALAIN AALS | GAT ASRSTETGAARTE I] 17 नेदिष्ठ मन्तिकतमं स्यादूर विप्ररुष्टकम्‌ | दवौयश्च दविष्ठच् सुदूरं दौधमायतम्‌ ॥ १८॥ BANAT SIN ASCNACSC ATS | ARPACAIONANACAR | ADE द्मे 5९ 18 वत्तलं निस्तलं et बन्धुरं Taaraag | SHUI श्रनतोदयोच्छिता WAST वामने ॥ १९ ॥ ANA BRAT SC] AAC ARRAS | च >= Fae QS तनम. ] 19 278 च मरकोष ^ न्यडः-नौच-खव्वं-हस्वाः स्युरवाग्रे ऽवनतानतम्‌ । aire ठजिनं जिह मूम्मिमत्‌ कुञ्चितं नतम्‌ ॥ २० ॥ प ८८०2१] FAFSNVAC ICCA | ES ५; गर त] करसन क्षरदर| 20 ° See KS ey HAY AT sifag कुटिलं aa वेल्लितं वक्रमित्यपि । ऋजावजिद्धप्रगुणो व्यते त्वप्रगुणाकुले ॥ २१ ॥ PATRAS] विशवमनयुगवक्षः। ROAR MACAVEIA | QA ASAIN SAAS I] 9 Waa भवो नित्य-सदातन-सनातनाः । ME स्थिरतरः स्थेयानेकरूपतया तु यः ॥ २१ I TMA ष 552] नित्‌ तरमै SAA रवम मे वर रत पतिम नागस| SINS YTS BTA AIAG 22 कालव्धापौ TAZA? स्थावरो जङ्गमेतरः | चरिष्ण SHAG चसमिङ्गः चराचरम्‌ ॥ VS | NTIS THVT TIVACS TIAA FATASSATAT AMAA |] 25 fara निन्नवगे; | 279 चलनं कम्यनं कम्प्र चलं VTS चलाचलम्‌ | चञ्चलं तरलं चैव पारिञ्जव-परिक्षवे॥ २४ ॥ ALTAR NST eTNST HATS | इिनाङिनतग नसमा किवार | ACA AYA AAT GS AIA |] 24 अतिरिक्तः समधिको ददृसन्धिस्तु संहतः | meade कठिनं करूरं कठोर निषुरं esq ॥ २५ ॥ कुशनमवर ररि] AHRATAC ASTANA | YARNS GAT ES | STARR STAIN NA SES |] 25 még मृत्तिमन्मृतत nes प्रोद्मेधितम्‌ । पुरारे प्रतन-प्रन्-पुरातन-विरन्तनाः ॥ २६ ॥ AR TAS RAG] QRarsae ag AAC | ACSF ANRC AA] दरमपनय] 26 प्रत्यग्रोऽभिनवो नव्यो नवौनो नृतनो नवः | TAA सुकुमारन्तु कोमलं BTA BT ॥ ₹७॥ ANNA AEA SS | प्ममुसनारित बुस ति | सवमा वैर्‌ MAAS | ARAN AGFACAAA 27 280 अमरकोषः | अन्वगन्वक्षमनुगे ऽनुपद्‌ ज्ञोवमव्ययम्‌ | प्रत्यक्षं स्यादन्द्रियक मप्रत्यक्ष मतौन्द्रियम्‌ ॥ र्ट ॥ Ear दिना कै २८25 इव्‌ र हरत मी A352) । समद्र CRS ICH Awa | तिग्‌ तारतर समु | 8 रकतानोऽनन्यटत्ति रेकाप्रेकाधनावपि । AQHA रकाग्योऽप्येकाथनगतोऽपि सः ॥ २९ ॥ गग ञ्नि इछ IST RAC | SATA ASAP aSATACS | Asay FFF ASIANA % पंस्यादिः पृव्व-पलसत्य-प्रथमाद्या श्रथास्ियाम्‌ | न्तो जघन्यं चरममन्त्य-पाश्चात्य-पञ्चिमाः ॥ ३० ॥ SAT TANINSS ASS | तुषु पनिनगाक्सशच] FN AAC TASC | BNSC ENA AC ] TAN ASES TFN |] 30 मोघं निरथेकं WE Whe TVA सुल्वणम्‌ | साधारणन्तु सामान्य मेकाकौ त्वेक THA ॥ २१॥ ARAL TAC कुतस] गासन ASTAINATS BT | गतिम A HANGS] AAAS HS ASIAA |] श faa fara: | 281 भिन्नाथेका अन्यतर रक कत्वोऽन्येतरावपि | Saas ने कभेद्‌ मुण्ड मविलंम्बितम्‌ ॥ ३२। TI ATAR AAR | STARA AA STAT सत SATA मन्वा AT AS STS AEN AON ATSC SAAT ATAC |] 32 अरन्तुदस्तु AAT निरगेलम्‌ । प्रसव्य प्रतिङ्कृलं स्यादपसव्य AVY च ॥ ३२ ॥ भि्गिगमिमि वतर मवग | द्ग BR Sey ्परिक्तंग८$ दम तपम || 88 वामं WOT सव्यं स्यादपसव्यन्तु दधिणम्‌ | सङ्कटं ना तु सम्बाधः कलिलं गहनं समे ॥ ३४ ॥ ANAS Fae | was ANAT BT | AEgac gargs | AAAS ALAR | 84 WRT सङ्कलाकौणे मुण्डितं परिवापितम्‌ | ग्रन्धितं सन्दितं eat विषहतं विस्तृतं ततम्‌ ॥ ३५ | ANA ATARIST ASG | YARRA SOAGA AG | न्स तद्वस SCARS AG | SAAT AN SCAN AG || 35 36 282 BATH: | अन्तगेतं विस्मतं स्यात्‌ प्राप्तप्रणिहिते समे | वेखितपरङ्किताधूत-चलिताकम्यिता धुते ॥ ३६ ॥ ` रह पेदव] BAERS EVES | ST TARRTAaTAAC | मार्दवेन ८०९९२९३ | 36 नुत्त-नुन्नास्त-निरूतावि़-छिपतेरिताः समाः | परिशिप्तन्तु निरतं मूषितं मुषिताथेकम्‌ ॥ ३७ ॥ AXAMTARCACANATAR | ARS ATARI AR a cTAECA KEAN SARC AL द्विपाद] TRAV ENARG AATAIQ'AG |] 37 प्ररङ्प्रस्टते न्यस्तनिर्टष्टे गुणिताहते । निदिग्थोपचिते गृढ्गुप्ते गुण्डितरूपिते ॥ ₹े८ | QAAACATSATAR | भतसर] STTSCASETNA] HASSAN ACAI 98 द्र तावदौणे उद्गूर्णोद्यते काचितशिक्िते । musta दिग्धलिप्ते समुदक्तोडुते समे ॥ ३९ | 0111 तिसन न.त] SG TAR ATA | 0. fare fanaa: | 288 वेष्टितं स्यादलयितं data रुदमादतम्‌ | enyasa निशित-श्णत-शातानि तेजिते ॥ ४० ॥ वदिददधपङवसतपरोस RS | QAP सत्‌ दवाकर GAARA | FSNHSHAT ११४८०११] 40 P (>. स्यादिनाशोन्मुखं पक्वं steele तु लज्जिते | इते तु UME संयोजित उपाहितः ॥ ve i STURGIS ससु] रि SAE RARE | QRATAETT AGNI] प्वत्नगुनतुर STAC 41 प्राप्यं गम्यं समासाद्य स्यन्नं रौणं सृतं सुतम्‌ । ARG: स्यात्‌ सङ्लितो ऽवगौतः स्यातगहंणः ॥ ४२ ॥ . SATAY TATA] ननु तरिवदद नु ९६ वहस हतस्तात] SHES SATAN IAIN] 42 विविधः स्यादह विधो नानारूपः एधग्विधः | अवरोणो धिकूकूतश्चाप्यवध्वल्ता ऽवचुणितः ॥ ४३ ॥ 984 श्रमरकोषः | अनायासकृतं फाण्टं खनितं ध्वनितं समे । बड़ सन्दानितं मूतमुदितं सन्दितं सितम्‌ ॥ ४४ ॥ मातेव कऽसरकैग क्स । ASCH AHTASIASCASIN | BYES SAMSTAG |] 44 निष्यक्ते कथितं पाके शछौराज्यपयसां खतम्‌ | fata सुनिवह्यादौ निर्व्वातसतु गतेऽनिले ॥ ४५ i निर OLAS | सिगार | सर रदसदवप दिम AA] क्रमेन SCA AEA| 45 पदं परिणते गनं ea मदन्तु alae । पुष्टे तु परुषितं सोदे छान्त मुदान्त Axa ॥ ४६ ॥ | SarrRearHygerss | TTS तवडगाश्ुस्| वसनरमेार | gar बस तदव | ANASTA RC NT AGATE || 46 ay दमिते शन्तः शमिते प्रार्थिते ऽदिंतः। ane ज्नपिते छन्नग्छादिते पूजिते shad: ॥ ४७ ॥ तमस्ति पनि ध GARE त सरतत] ATRL ITAA | APSF ETA] ASLETSCS INAS || 41 fave fanaa: | 285 पुशेस्तु पूरिते fare: किशिते ऽवसिते faa: | ष्टसुष्टोषिता दग्धे तष्टत्वष्टौ तनृक्तते ॥ ४८ ॥ गार ARC Searcy | न्स TNT A चपा] QAR AS SATA SATA | AGAIN वतु ELENA |] 48 वेधितच्छिद्रितै विद्धे विन्नवित्तौ विचारिते, निष्प्रभे विगताराके विलौने विद्ुतद्रि ॥ ४ ॥ युग ARSC STAIN | SAIYAN ASS STAINS | सनरन TSTANG SARTCA | PATATSIQTAT SGA I] 49 fag निरेत्तनिष्यन्नौ दारिते भिन्रमेदितै | ऊत Wage चेति aa तन्तुसन्तते ॥ yo ॥ TASS TEATS | ISIS छतत | ASSAF] SAY ASNT AAO |] 50 wmrefea नमस्थितं नमसित मपचायिताितापवितम्‌ | वरिवसिते वरिस्यितमुपासितच्चोपचरितज्च ॥ ५१॥ महि वार रवात्‌] AVFATRACS Raa AN GAA STAIN AA aa || 51 286 अ्रमरकोषः | सन्तापितप्तन्तत्तौ धूपितधूपायितौ च दूनश्च | Be मत्त स्ततः Vea प्रमुदितः Ma ॥ ५२॥ स्पत कतरमागरसययनर] NAN SARITA SASS AFA NAST दमार्‌] दवन गर मफसः्‌ | 52 fad ate लूनं छत्तं दातं दितं चितं इकूणम्‌ | ae ध्वस्तं र्ट स्कन्नं पन्नं चुतं गलितम्‌ ॥ ५३ ॥ ASS TOIT SATS ५/1 (1/1 | AQAA SA AIG | ASST SSPLY SRSLY ASAT RNS SANA LSA |] 58 लब्धं urd विनं भावित मासादितञ्च was | अन्वितं गवेषित मन्विष्टं माभितं खगितम्‌ ॥ ५४॥ | STRSTR ATSC | REAVER STRSTR | कपि EN SAGAS | वदेग वन्द करषध"त || 54 आदरं wis fad तिमितं स्तिमितं aqa ans | aa ata tfaaafad गोपायितच्च गुप्तञ्च ॥ ५५ ॥ HQAPIN AT IAT SAAS | तसु SH HAGA AS | gaara Rs rage asc MV HTA NA | Be fava fanaa: | 987 अवगणित मवमतावन्नाते ऽवमानितव्च परिभूते | त्यक्त eta विधुतं समुज्दितं धूत मुत्सुष्टम्‌ ॥ ५६ | (1119: | तिव SRS C'S WIGAN ISS | ARRAS कुतस" ARIAT THATS ‘SS I] 56 उक्त भाषित मुदितं जल्पित areata afafed लपितम्‌ | बुद्धं बुधितं मनितं विदितं प्रतिपन्न मवसितावगते ॥ yo ॥ स्तत जसता] TASTE RATATIAASA AC | FISTS ACHR SS] रग INARA QAE 52 ऊरोकुत Alaa मङ्गैकूत माश्रुतं प्रतिज्ञातम्‌ | ae संविदितं dad समाहितोपश्रुतोपगतम्‌ ॥ ५८ ॥ पि्ररसन्न ASN SAAN | ANAS SSS GaAs | AS ARV ACANAA ACE | SATOMI AAAN ZINES || 58 देलित-शस्त-पणायित-पनायित-प्रणत-पणित-पनितानि | अपि गौगे-वणिताभिष्टतेडतानि स्तुताथानि ॥ ५९ ॥ AMS 2 SES TEESE CATS SAT HALAS | AIAN IES SII SEY AG 59985 |] 5 288 अमरकोषः | भसित-चव्वित-लिप्त-प्रत्यवसित-गिलित-खादित-प्छातम्‌ | श्भ्यवहतान-जग्ध-ग्रस्त-म्लस्ताशितं भुक्तं ॥ ६० | रसा QBN ESCA TAL ASTRAL TANTRA स] BVA SCE 00 छेपिष्ठ-श्षोदि्ठ-प्रे्-वरि्ठ-स्थविष्ठ-वंदिष्ठाः। शिप्र-श्द्राभौषित-ष्रथु-पोवर-बहुल-प्रकर्षौर्थाः ॥ &१ ॥ वेन्‌ नन्ति GFR] वेप्‌ मना PHS WA र ATA HS Ha | मतद GFT कर ITA || 61 साधिष्ठद्राधिष्ठ-स्फष्ट-गरि ए-हसि्ठ-टन्दिष्ठाः। वादृ-व्यायत-बह-गुरूवामन-छन्दारकातिश्ये ॥ F2 ॥ ध 4 1 yaya ese ears Be धुरि ya Bq Sears gary दैव | तषममदैशुपपमः | SANE SRSTS NIA |] 62 इति विररेष्यनिघ्नवगेः | SAARC TIAASSS AS SAS I] $ ¢€ © संकोणावगः | प्रसतिप्रत्ययाथायेः सङ्धौणे लिङ्गमुन्नयेत्‌ | HUA तत्सातत्ये गम्ये स्युरपरस्पराः ॥ १ ॥ ARV AATATS I SCAGT AANA SIN] ARMIES SAGES | BITRE 55)5 | AAT AIA 215 SHAS LY SNA | 1 साकल्यासङ्गवचने पारायणपरायणे | यच्छा स्वरिता हेतुश्रन्धा त्वास्था विलक्षणम्‌ ॥ २ ॥ Saar sor Aayers | erXeraaysceAarsa 2c | RIES SPAR १३८ | HF SOMANAR NST १२.६५ 2 मयस्तु शमः शन्ति दान्तस्तु दमथो दमः । अवदानं कम्मे रत्तं काम्यद्‌ानं प्रवारणम्‌ ॥ ३ | ति "दरद | उरम्‌ | BAIN AES SAT ANAS न] AVS RFT AT ASAT II 8 37 990 अमरकोषः | वशक्रिया संवदनं मूलकम्मे तु काम्मेणम्‌ । विधूननं विधुवनं तपं प्रौणनावनम्‌ ॥ 8 ॥ २८.२5.5२ नश 9१२ इत वमद न्प ANS | पपवर मेर प ते] तस्यः RASA I] 4 aanifa: स्यात्‌ परिचाणं दस्तवारणमित्यपि । सेवनं सवनं स्यति विदरः स्फुटनं भिदा ॥५॥ सगण YO ATLA Asser ST TILIA | QR TASS TITAS I] 5 ्आकोशनमभोषङ्गः AAS ASAT न AT | aapes मभिव्याति ates भिघ्षाथनादंना ॥ € ॥ अ 11 BRAT SANYO | र्ति दन ARF IN BA AAC | दशत SAN AAS AA AO II 6 Aga SEAT दे आनन्दन सभाजने | च्राप्रच्छन AMAT: Ayes: aa faa ॥ ७ ॥ पाठे थानत सुप | रग्मिय रुर] PASTAS AS] देम मन्ना दात्‌ | च्व SCA EAE | 7 संकोणेवगेः | 291 DS ग्राहो वशः कान्तो TA TTT रणः कणे | व्यधो वेधे पचा पाके हवो हति वरो इतै ॥ ८ ॥ विनदन FACT] ARCA SHAT ASN AG | QR TARA TTA ॐ छु < नाह्मनि SA] दिदुासयरवेनासम रसदन] दितम्‌ कैम ys Sa: लोपे नयो नाये ज्यानि जि ममो भमौ । स्फातिो प्रथा ख्याती whe: vat स्रवः खवे ॥ < ॥ ASTATIVINSC SY] BSH aT AC कोक्ता] वनु ALARA | ATLASSIAN | र्षु A ATL AG | ९3541] 9 एधा AST स्फरणं स्फुरणे प्रमितो प्रमा । Vata: प्रसवे श्च्योते प्राघारः MAM HA ll १०॥ रिथिविकनकष्परदगार्वेधि] QSOS SAH AA | RHASRTSERACEE | CANTRRS SAI |] 10 उत्कर्षो ऽति श्ये सन्धिः ae विषय आश्रये | शिपायां क्षेपणं गौणि गिरौ गुरणमुखमे ॥ ११ ॥ न 101 1 दिवित विदुष] Rack त AAS I 11 ` क, * ff 292 | RATHI: | TAA FAA WA: BAN TAA जयः | निगादो निगदे मादो मद्‌ Taq उद्भरमे ॥ १२॥ ARNT TIS दना नमन्‌] ASS कुभि दरस AAIAVATRES A) MASTS ५ | 12 विमदेनं परि मले ऽभ्युपपत्ति tame: । ¦ face स्तदिरडः स्याद्भियोग सू्वमिग्रहः ॥ १३ ॥ वकम पसु | SIERRAS AC हिस AEG | RAEFFACAANA | SCAT HAAR SICA CIA AES |] 13 मुशिबन्धस्तु संग्राहो डिम्बे satfaaat | बन्धनं प्रसितिश्चारः स्पशः स्पृष्टो पतत्तरि ॥ १४ ॥ पिरवर प्परदवु २३८] SS ETE ETSI | सभतम सुद] apg gee) निकारा विप्रकार : स्यादाकार feas इङ्ितिः। परिणामो विकारे दं समे विकछतिविकये ॥ १५ ॥ call ose (शिति संकंेणेवगेः | 293 अपहार सत्वपचयः समाहारः समुच्चयः | प्रत्याहार उपादानं विहारस्तु परिक्रमः ॥ १६ ॥ र्विः SV SSSA NA | SARACEN GANG) SF ATG SS रर" AST || 16 अभिहारो ऽभिग्रहणं निहारो ऽभ्यवकषेणम्‌ | अनुहारो ऽनुकारः स्यादथेस्यापगमे व्ययः ॥ १७ | 11111 देस सुवो दे NGS] रवसे EFA EL 17 प्रवाहकर्तु प्रहत्तिः स्यात्‌ प्रवहो गमनं बहिः | वियामो विथमो यामो यमः संयामसंयमो ॥ १८ ॥ दह्मा ८१ रतु २२ र्वु नहना पत्‌] सदि TEASE RAN RC] Raa ae ] 18 हिंसाकम्माभिचारः स्याज्नागय्या जागशा दयोः | विघ्नो ऽन्तरायः प्रत्यूहः स्यादुपध्नो ऽन्तिकाश्रये ॥ १६ ॥ बुस त्तिसु] मष सममत SATAN § | ARN ASR SS ATES ASIAN | ततर क्त्य |] 19 ~~~ * For 4 2 2०५ अमरकोषः | निर्वेश उपभोगः स्थात्‌ परिसपः परिकिया | विधुरन्तु प्रविश्वेषो ऽभिप्राय ग्डन्द्‌ आशयः ॥ २० ॥ रस REACH ANS दिस35 सु ते5। BI STAIN YON FAA | FARA SHASS ATCA AT SG 20 संक्षेपणं समसनं wae विराधनम्‌ | परिसय्या परोसारः स्यादास्या त्वासना ferfa: ॥ ₹१॥ SRR ABST RR दश्च] मेसन दमाम्‌ | प्स्व सुर AAAS | AATAETAYAAAA || 21 विस्तारे विग्रहो व्यासः स च शब्दस्य विस्तरः | स्थान्मदनं संवाहनं विनाशः स्याददश्नम्‌ ॥ ₹२॥ HSA TEA AEA | द्प्वन कुप्यते Sera Pa STA] gererse Fae || 22 संस्तवः स्यात्‌ परिचयः प्रसरस्तु विसपंशम्‌ | नौवाकस्तु प्रयामः स्यात्‌ सन्निधिः सन्निकषंणम्‌ ॥ २३ ॥ ANTS ACT YAN] विपद मरित] PN ASTACF ATTEN] FAR SANAATACS |] 23 GRAN: | 295 लवो ऽभिलावो लवने निष्यावः पवने पवः | प्रस्तावः स्यादवसर WAT: दूचवेष्टनम्‌ ॥ २४ | peradaparaqarad | Feradvagsscagazia | BBN AINA HN AGS | VST HAST ES SATATAM || २५ प्रजनः स्यादुपसरः प्रश्रयप्रण्यैा समो | Tints निष्कमोऽस््रौ q संक्रामो दगेसच्चरः ॥ २५॥ ` गस्य G HS ATTA | Fangcggyaay वसम] SSTEVARSATIA'SS |] 25 प्रतयत्रमः प्रयोगाथेः प्रकमः स्यादुपक्रमः | स्यादभ्याद्‌ान Agila ATA AAA स्वरा ॥ २६ | ARTZ TACT HS AR] SSUES A SATAETT aga garerer sg | hb biabn 26 प्रतिबन्धः प्रतिष्टम्भो ऽवनायस्तु निपातनम्‌ | उपलम्भ सू्वनुभवः समालम्भो विलेपनम्‌ ॥ 29 | BREA A SENG देवगु SSA SAAN ARTA | APSARA TSA M27 296 अमरकोषः | विप्रलम्भो विप्रयोगो विलम्भ सूवतिसज्जनम्‌ | fasta प्रविख्याति caer प्रतिजागरः ॥ र्ट ॥ FEN ANAC मि कुत] NAIL मनःसु SAI ROSATO’ AR |] og निपाठनिपटौ पटे तेमस्तेमौ समुन्दने | ्राटौनवाखवै MW मेलके सङ्गसङ्गमौ ॥ २९ ॥ रसि रसवत aag cia | उदसन्दवुतेर CEA | ॥ 0 संवौ शशं विचयनं Alaa म्रगशा BT: | परिरम्भः after: संश्लेष उपगृहनम्‌ ॥ So ॥ (000 1 र दकया तवि द्र | 80 निव्वैगोनन्तु निध्यानं द्‌शनालाकनेक्षणम्‌ । प्रत्याख्यानं निरसनं प्रत्यादेशो निराक्तिः ॥ ३१ ॥ ८२२८] विरतो वङ्गग ARRAS 91 संक्गेएवगैः । squat विशणयश्च पग्थायश्यनाथैकौ । अत्तनच्च NIT च CUA च एणाथैकाः ॥ ३२ ॥ QAPTAT SAV IRAVAIC नाम AIS दप SITS TT AA I 32 ager विपय्यासो व्यत्ययश्च विपययेये | पय्थयोऽतिक्रम स्तस्मिन्नरतिपात उपात्ययः ॥ ३३ | ज्मा दर दिवन्गता] दवोदरस"ता SCAT TAHA AN |] 83 Tam यत्समाहय तच स्यात्‌ प्रतिशणसनम्‌ | स संस्तावः कतुपु या स्तुतिभूमि दिंजन्मनाम्‌ ॥ ३४ ॥ p-pRap tara) देवश्च । HAS त मतद] ALLA AAS ASNT SNST! 84 निधाय तश्यते यच AIT काष्ठं स Feet | MAN स्तम्बघनः स्तम्बो येन निहन्यते ॥ sy ॥ € GOVT -GLL INTC AY GR VF AES YDS | १. 38 297 298 HATHA: | आ विधो विध्यते येन तच विष्ठकृसमे निघः | उत्कारश्च निकारश्च दौ धान्योत्‌क्षेपणाथैको ॥ ३६ | qa ॥ प गन पद्पवार वीस A457] रदनम्‌ समन ASIA A | ७ निगारोद्नारविक्षावेद्भाहास्तु गरणादिषु ॥ ३७ ॥ SINTRA वर्तव ISA eT YATE! || 9 प्रत्यवर तिविरतथ उपराभे वा ferareq निष्धेवः | fagfa fagad निष्ठौवनमित्यभिन्नानि ॥ इट ॥ 0 ] ayerscayy सण eraser | er ATAPI AS ayerass | ARARrerqsrergys5a4 |] 88 जवने जूतिः साति सू्ववसाने स्यादथ ज्वरे Shei: । उदजस्तु पशुपेरण मकरणिरित्यादथः शपे ॥ se ॥ aN AaySA | देरगृसरमस ८२९६९९० AEA दुगास] SAGAN SA A & |] 89 ~~? संक्मेणेवगः | 299 गोचान्तेभ्य स्तस्य खन्द मिन्यौपगवकादिकम्‌ | आपुपिकं शष्कुलिक मेवमाद्य मचेतसाम्‌ ॥ Bo | SLAY NINA) STAPAp Eyer | केसरि Say RS SC | SAGA NNTAL AAAS |] 40 मारवानान्तु AWA सहायार्ना सहायता | इलया हलानां ब्राह्यण्यवाडग्ये तु दिजन्मनाम्‌ ॥ ४१॥ SNCS TSS | BSAA AC SANSA AR] SGI] SATYAM HS |] 41 दे पशुकानां VIA WIA पश्य मनुक्रमात्‌ । खलानां खलिनो खल्याप्यथ मानुष्यकं णाम्‌ ॥ ४२ ॥ 111. | START INAS मनत | SATS SATIS TONS | रग्नि SANS TN | 42 ग्रामता जनता धुम्या पाश्या गल्या थक्‌ VIF | अपि साहख-कारोष-वाम्मैणाथव॑णादिकम्‌ ॥ ४३ ॥ RIES HSN S TE | GAN ASST STAT | FSaargH ARE] गास णम ससय as इति संक शेवगेः | ARNG HHS os ; € गानाप्यकवमः | 21 न नानाथाः केऽपि कान्तादिवगेष्ठवाच कौत्तिताः | भूरिप्रयोगा ये येषु पय्थायेष्रपि तेषु ते॥ १॥ ye ARS TT PRIA LASHES AAS TANS ACA VR ACA A] SBN ICAO AC |] 1 आकारे चिदिवे नाको Ra शुवने जने। पद्ये यशसि च AH शरे खड्गे च शायकः ॥ २ I जणाणतमास्सनाहपवय] Rall समति baled ~ | : ASIST TAM] SHAS G UM 2 seach क्रोष्ुवरुणे vas चिपिटाभका । Aral दशनो द्योत AT पटहमानका ॥ ३ | fom 1 उदरहत्दगव्ुदिमेण। Hsrergayarg gry} +> 1 नानायवगः | उत्सङ्गचिहयोर इः: कलङ्गोऽङ्ापवादयोः | ~ £ क्योरक aay त्को नागवड क्योरकः स्फरिकषय्ययोः a ॥ RETEST AIMS | SARS | PARA TIT] Sse GANA |] 4 मारुते वेधसि an पुंसि कः कं शिरोऽम्बनोः | स्यात्‌ ARIA HSU AT भक्तसिक्थके ॥ ५ | ARSC EAA) इुषयणे शु १८) += उलके करिणः पुच्छमूलापान्ते च पेचकः । कमण्डलौ च करकः सुगते च विनायकः ॥ &€ ॥ QATAR SA वहग ई] FOSSA SA eNeye om | PAANASIM AN) SLAAqsraeya dys wrn |] 6 ५७2 qm किष्क हेसते वितस्तौ च श्रुककौटे च टचिकः। प्रतिकरले प्रतौ क स्तिष्ठेकदे गे च पुंस्ययम्‌ ॥ ७ ॥ ग पप] 2 गुरुक] € * Another reading ; सै = ९८ दवा ६८.५९८. वना | [11191] शङ्खनामा नोरा नमन्‌ ` 801 302 - श्रमरकोषः | स्याद्भूतिकन्त afar कत्तुणे भूस्तृणेऽपि च । ज्यो त्लिकायाञ्च घोषे च कोषातक्यथ कट्‌ फले ॥ ८ ॥ मेगः | saranda ररत नगम गनेन) FIN TCL AAG SIONS ET II 5 सिते च खदिरे सोमवल्कः स्यादथ tases | तिलकल्क च पिण्याको वाह्धिकं रामटेऽपिच॥€॥ तरिवव "रसा FarQaass aa) sma FOTT IE 9 मदेन्द्र-गुग्गुललक व्यालग्राहिषु STAT । रुकूतापशङ्ास्वातङ्कः स्वल्पेऽपि aay ॥ १० ॥ HSA TAY वायुस] गेरि EAGT AGG! SESE TAT AISA M1 1 जैवातृकः WATT खुरे ऽप्यश्चस्य ava | व्याप्रेऽपि quetiat ना यवान्यामपि दौपकः। ॥ ११ ॥ एवन दमम] FHT RATING | SETAC SAIN A] HRTTFAL AT SS 11 * Another reading ; Vaasa मे | † ` यसान्यामपि fae: इति प्राठान्तरस॒ । नानायवगः | 308 TASH: कपिकरोष्श्वानः स्वणेऽपि गैरिकम्‌ । पौडाथेऽपि seta स्यादलौकं त्वप्रियेऽन्टते ॥ १२ ॥ "न 8 वासर वप्या तसम] EVAR AR WC ATS NG | svi Saga OES 12 (~ शौलान्वयावनुके दे शल्क शकलवल्कले | साष्टे शते सुवशेानां VT HT TH ॥ १२ ki ADAGFEN ATA] कसो वननगृवमुगय। ASAIO ड-वतर ५] SASSSS THANE |] 19 दौनारेऽपि च निष्कोऽस््रौ went समलैनसोः | दम्भे ऽप्यथ पिनाको ऽसौ श्रल शङ्रधन्वनोः ॥ १४ ॥ 91.1.31. द aT HG | ग्नि भमन] SAPASIAACAN EI SSI | Rae] ARR SE ASS IG I 14 धेनुका तु करेण्वाच्च मेघजाले च कालिका | कारिकः यातनादच्योः कणिका करभूषणे ॥ १५ ॥ SARA ARTS FTE aR Sy T AT ] STESTTIVTALAINA | पिणत] 15 304 अमरकोषः | करिहस्ताङ्गलो पद्मवौजकोश्यां चिषृत्तरे रन्दारको रूपिमुख्यावेके मुख्यान्यकेवलाः ॥ VE ॥ शर भनिप EP NSA 3३८ यातरि समवि mS तथैष मारपा पादि QHAC AAR I] 16 स्यादाम्भिकः कौक्कुटिको यश्चादूरेरितेक्षणः। लालारिकः प्रभो भालदशौं कााक्षमश्च यः॥ १७॥ ॥ 110 व्यटिगानरदसित्सत। AAAS ASEAN || 17 भूश्रन्नितम्बवलये चक्रेषु कटको ऽस्तियाम्‌ | स्च्यगरे ATT च लामदहषं च कण्टकः ॥ १८ ॥ 1 हि "` ` मयूख स्त्वट्‌करज्वालास्वलिवाणौ श्िलौसुखो | wet निधो ललाटास्थि कम्बो न स्त्रौन्दरियेऽपि खं ॥ १९॥ सनस तगदिवर वति GOTT ACTA | ARRABS AGS ८०] Ag) AFsacAerwce y 14 नानायेवगेः । टणिञ्चाले श्रपि शिखि भैलटक्षौ नगावगौ । आशुगौ वायुविशिखौ शराकंविहगाः खगाः ॥ २० ॥ AV ENAAN ARES AA] AGE Rasa दि कुकु SAAT ART HA |] 20 पतङ्गौ पक्िख््यौ च पुगः ETAT । पशवोऽपि BAT वेगः प्रवाहजवयोरपि ॥ २१ ॥ STATIN] TASER BATES R STH A | SAAT AC TATAN ANAS |] 21 परागः RAN रेणौ खानौयादौ रजस्यपि | गजेऽपि नागमातङ्गावपाङ्ग स्तिलकेऽपि च ॥ २२॥ वरनामेमि्भगा > | Breage Fear we AR AABN TTA] SATAN SQA UTA A I] 22 aa: खभाव-निर्म्मोक्ष्-निश्चयाध्याय-खष्टिषु । योगः सन्नरहनो पाय-ध्यान-सङ्गति-युक्तिषु ॥ २३ ॥ NAACAGARAAANSS | CAPT AA SS मस्य [8 ॥ qe ए सवार्तातिमिवदर रसय | NST कुरत मासस्य || 28 39 805 806 HATH: | - भोगः सुखे ख्यादिश्तावडहेश्च फणकायथोः | चातके हरिशे पुंसि सारङ्गः शवले fay ॥ २४ ॥ TARSAL ASN | SESH Sar ACA SISTA AI RAEN तवृ तु] 5554551] 24 कपो च वगः शापे त्वमिषङ्गः पराभवे । यानाद्यङ्ग युगः पुंसि युग युग्मे छतादिषु ॥ २५॥ ॥ YTV AHA] WwEP-spAS SRA FesRan Rasy sy | वेशी सपसास || 25 aay पशुवाग्बज्दिङ्चषटणिभ्रूजले । लक्ष्या feat पुंसि This चिहशेफयोः ॥ २६ ॥ TAYAINACCT RSS| FERS मेनाम AF SVS SO SINAN! | OTSA ELL A] | AIS BANAL Gz |] 26 AR प्राधान्यसान्वोश वराङ्ग AS TELA । भगं ओ्रौकाममाहाव्यवौग्धेयना ककौर्तिषु ॥ २७ ॥ तुंगमर्दिकवड स] सर्वीऽरमासप म्स र8 मी] इ~~ | ^, a (क) ९०. व|] 27 * For 3 ? नानायवगः | 807. परिघः परिधतेऽस््रे ऽ्योधो इन्देऽम्भसां रये । मूल्ये पूजाविधावर््यो ऽ हो दुःखव्यसनेघधम्‌ ॥ RE | HATA WCS AEN ASG | RSIS SAAS | AFACAST SSS | NTS STAC |] 28 चिधिषटेपि लघुः काचाः शिक्यश्टदवेद्दग्‌रुजः | विपय्थासे विस्तरे च प्रपन्चः पावके शुचिः ॥ २९ ॥ गामदित कर्ये | PS HAART € @ म AROMA FASTA | दरतगाक्तकेडशु द|] 20 मास्वमात्ये चाण्युपधे पुंसि मेध्ये faa fay । अभिषङ्ग Wess गभस्तौ च रुचिः स्रियाम्‌ ॥ ३० ॥ Gea FI वेमन्‌ समि STATS | | ANTINAT ATV] सनन AAS SS |] 80 प्रसन्ने AARC गुच्छः स्ञवकहारयोः। परिधानाच्वले कच्छो जलप्रान्ते चिलिङ्गगकः ॥ ३१ ॥ व ua # For ९६६५५ 2 808 अमरकोषः | केकितार््यावदिभुजो दन्तविप्राण्डजा fest: | अजा विष्णदरच्छागा गो ्टाध्वनिवहा व्रजाः ॥ ३२ ॥ TINATSH IBS| STARA S HOSA | EBTARTHAE YTS] Sey garaBTSC ATE | 28 धम्बेराजो जिनयमो कुञ्जो esta न सियाम्‌ | TAH क्षेचपुर्दा रे बलजा वरूगृद शेना ॥ BB ॥ STHAUHVTYGES | FASC इना PHS] TONES AOAC BS | TATE A IATA SE |] 33 से शां े रणेऽप्याजिः प्रजा स्यात्‌ सन्ततौ जने । अजो शंखशशाङ्ो च स्वके नित्ये निजं fag ॥ ३४ ॥ सम्फममाषपतो NES | दइर SA | WTAE ROR ACES) ASSTATARTFE TIS |] 34 पुंस्यात्मनि vate च wast वाच्यलिङ्गकः | Al स्याचेतना नाम SSATAAATAAT ॥ ३५ | GU TITAC ANTE] PEASE IA SI SEAS GAARA] TRAST SINS | ॐ नानाथेवमेः | दोषन्नो वैद्यविदांसै ज्ञो विद्वान्‌ सोमजोऽपि च ॥* AANA करटो गजगण्डकटौ कटौ ॥ Be ॥ PgR ARAN TAT | TSSHATSC ARTE | 4 श्रपिविषटतु खलतौ दुश्वम्भेणि महेश्वरे । देवशिल्पिन्यपि त्वष्टा दिष्टं दैवेऽपि न दयोः ॥ ३७ ॥ GAAP BRSTETAC | 11 | BNATTS SPS | सदसस तसि | 97 रसे कटः AFH fay मत्सरतौश्णयोः | Te क्षेमाशुभाभावेरिष्टे तु शुभाशुभे ॥ sc | भदक गुणः| कवर $| APATITES] BTA ASSIST] 38 मायानिश्चलयन्त्रेषु केतवान्तराशिषु | अयोघने LIAS BCs कूट मस्तियाम्‌ ॥ ३९ ॥ gavarpaaperamasc ) Pesrerssa sayy eras | ANTRAL SAAC | द्रा ससपिगा र | 39 * Some editions omit this line. + Verse 36 adds: 37882'34 | 809 810 BATH: | aaa चुटिः स्त्रौ स्यात्‌ काक्तेऽलपे संश्येऽपि सा । अत्युत्कषां श्रयः कोग्यो मूले लग्नकचे जटा ॥ ४० ॥ + 119) SER Sar gare | ATH BTA CA] इथ सुर >| 40 afe: फले सण्द्वौ च efe wtasfam दशने | इष्टि ्यागेच्छयोः afe निशिते age fag ॥ ४१ ॥ spare ey seers) समविन 1 MBRATSR ASAIN] कष्टे तु छच्छग हने दक्षामन्दागदेषु च | पट द वाच्यलिङ्गौ च नौलकण्टः शिषेऽपि च ॥ ४२ ॥ ॥ 0 1 वटनसते तिदस] FarME ATE ॥ 42 पुंसि कोठो ऽन्तजटरं कु्लेऽन्तखंहन्तथा | निष्ठा निष्यत्तिनाशन्ताः काष्ठोत्कषे स्थितै दिशि ॥ ४३॥ वरग कनहर AGAR RETA GES AGA TSN AT SVAN ARR | ESSA AS SA 48 नानायवगः | 311 fay ज्येष्ठोऽतिश्सेऽपि कनि्ठोऽतियुवाल्पयोः | दण्डोऽसौ लगुडेऽपि ASST गोेश्षपाकयोः ॥ ४४ ॥ हिताम्‌ SOM] गष 05 र % | ey (२13१44५ 4 सपमांसात्‌ पशुव्याड़ौ गोभरुवाचर््डा इला | छेड़ा वंशशलाकापि नाडो कालेऽपि षटृक्षणे ॥ ४५ ॥ SPARS TAIN] SPACES PP ETA LAAN] FR 55H FST ५4 AUS दण्डवाणाव्वेवगीावसर वारिषु | DIRS मश्वाभरणेऽमतरे मलवणिग्धने ॥ ४६ ॥ ए S| नमर R SARAH'S |] 46 BUNA Als WATS खश्छच्छयोः | WHEN fy हदो व्यृढो विन्यस्तसं हतै ॥ go | aM ,. | 4 819 VACHE | सूणोऽभके स्त्ेणगर्भे वाणो बलिसुते शरे | auf धान्ांओे संघाते प्रमथे गणः ॥ ४८ ॥ TESNACACATIAN SS | TP PST RA TSCA | TP GAT ST AAS | SARTRSERT SS STR | 48 पशो चूतादिषृत्सष्टे wat Ae धनेऽपि च | मव्य द्रव्याभिते सत्वशुक्तसन्धयादिके गुणः ॥ ४९ ॥ ववे मावतु] AVSCHVAICSG | AF SFACA SEN GNSS | केवर SASS ATSC HANS ASAIN AYES |] 49 निव्व्यौपारश्थितै कालवि शेषोत्सवयोः क्षणः | वर्णो दिजादै शुक्ला स्तुत वन्तु वाक्षरे ॥ yo ॥ BRATS SIT] SAAT | AEA GNA SS | STA EONAR ASS २ मनेय || 50 अरुणो भास्करेऽपि स्यादणेभेदेऽपि च विषु | स्थाणुः WAIT द्रोणः काकेऽप्याजञै TI रणः ॥ ५१ ॥ 4 vos ॥ oH "व नाना्थेवगेः | 818 ग्रामणौ नापिते पुंसि श्रेष्ठे ्रामाधिपे fag | ऊर्णो Aaah स्यादावत्तं चान्तरा Wat ॥ ye I 009 11 इर SATAN ANE | HANAHAN TN AGT |] 52 इरिणौ aram हेमप्रतिमा हरिता च या। fag पाण्डो च हरिणः स्थणा स्तम्भेऽपि Aas: ॥ ५३ ॥ SREANATINA | पसरतो मा्‌डपा ASH AINE ANAC | Qe wk Qe ANTS TSA] SVR RST 5 AU स्णहापिपासे दे जुगुसाकरुणे टे | वशिकृपथेऽपि विपणिः सुरा प्रत्यक्‌ च वारुणो ॥ ५५ ॥ व | SRE A RA | is ANAT TAB] SOAS दुनास र| 24 2 219 करेणुरिभ्यां स्तरो नेमे द्रविणन्तु बलं धनम्‌ | शरणं हर्िवाः saw कमलेऽपि च ॥ ५५॥ गर्म] PAPA ARAL कस] 13. * aN 2 40 814 अमरकोषः | विषाभिमरल्लदेषु ate ala खरे fay | प्रमाणं हेतुमयाद्‌ाश्णस्त्ेयत्ताप्रमाह्रषु ॥ ५६ ॥ 0) TRC RISA 2 ^? दुनि तोन 57] NAVANTAG ASN 4२२६] 56 करणं साधकतमं कषेचगाचैन्द्रियेष्ठपि | प्राण्य॒त्पारे संसरण मसम्बाधचम्‌गतै ॥ ५७ ॥ MAPA GT ANAS | विरुर दुवः ससि | RFPS वसत] [QSSAWTASCAS ENS न घण्टापयेऽय Wala ART सुन्नये | अतस्त्रिषु विषाणं स्यात्‌ पशुखङ्गभद्‌ lye ॥ सममपि कनाम ति RAN VAC SAA |] 58 प्रवणं कमनिम्रोव््यां US ना तु Aqua । सङ्ौश निचिताशुद्वावोरिणं श्रन्धमूषरम्‌ ॥ ५९ ॥ . दादिमा | STASCAQ AS SNAG | MESA ANA) TAP LOS HSS |] 59 * ठ्‌ 2 नानायेवगेः | देव्या विवसन्तो सरस्वन्तौ ASAT | ufeareant गरुत्मन्तौ WHAT भासपक्िणा ॥ € ० ॥ a — a cael ep rarsigy A] WANA FAKE AA A | अरन्त] TITRA BT | 50 APIA धूमकेतुजौमूतै Hae । हस्तो तु पाणिनक्षवे मरुव पवनामरौ ॥ ६१ ॥ यन्ता हस्तिपके aa wat धातरि पोष्टरि | araara शशि पोतः परेतः प्राणान्तरे wa ॥ ६२ ॥ WEAR APRA GS | STARA ATS | No} CA apse Serer 25K | रदा ङग ०६२.३६]] 62 ग्रहभेदे ध्वजे केतुः पाथिवे तनये सुतः। स्थपतिः कारुभेदेऽपि मूखहूमिधरे पे ॥ ६३॥ १.0 शन ACPA | नमर रत कोष] 6 815 816 अमरकोषः | मद्ाभिषिक्तो भूपेऽपि ऋतुः स्त्रौकुसुमेऽपि च । विष्णावप्यजिताव्यक्तौ खतक्त्वष्टरि सारथौ ॥ ६४ ॥ ` धक सतरीर तनि रगाक८.] APAVAV ATS A RTARTA STAG || 64 व्यक्तः प्राज्ञेऽपि दष्टान्तावुभे शस्तरनिद्‌शने । AA स्यात्‌ सारथो area क्षचियायाच्च west ॥ sy | a) पत्रवान्‌ | SPS SBS AYA तस | 5 (> एवित | गो शीश AN ARISTA सउ 65 SUA स्यात्‌ प्रकरणे प्रकारे कात्स्न्थेवात्तंयोः। अन्तः समरे ्टत्यस्थाननौदृदिशेषयोः ॥ && ॥ वैन] तोनाकविस्पनुम्म घ्यणहगैमाुनरव] वुरमामसक्ैसमवनि SIA] 66 छतान्तो यमसिडान्तदैवाकुशलकम्मसु | शेष्मादि-रसरक्तादि-महाभ्रतानि axa: ॥ go ॥ TATA MAAS | VSIA STRIATE RT| AMAA SASS | पुस्स ९२.९.३२] 67 नानायवगः | 81१ इन्द्रियाण्यप्मविकूतिः शब्दयोनिश्च धातवः | RATA शुद्ान्तो न्टपस्यासव्वंगो चरे ॥ &८ | FA WTTSIN Tas | रउ IAHA HANGS | SUNG PAN GNA | गरव ARS | स सरगम तीस NAS 8 AMAA: शक्ते aa: काठिन्यकाययोः | विस्तारवश्ल्यो aafa Saat राविवेश्यनोः ॥ ge ॥ 1. ESTAR AR STR) तमिमम्‌ १ छयाचेयोरपचितिः साति दौनावसानयोः | afa: पौडाधनुष्कोचखो जातिः सामान्यजन्मनोः ॥ ७०॥ ae BY HSS ८२६५९. ९ 5 55 A RAAAN SAT | HST EMA AAA | रगे शरनम्‌ 70 प्रचारस्यन्दयोरौति रौतिडिम्बप्रवासयोः। उदयेऽधिगमे प्राति wat सूवभध्रिचये यगे ॥ ७१ ॥ सव्व] रवद STATA (1. 318 प्रमरकोषः | कौणाभेदेऽपि महतो भूति भस्मनि सम्पदि | नदौनगय्या नगानां भोगवत्यथ सङ्गरे ॥ ७२॥ PARAS TAGS | FHSAA G5 A a SLT TAA BSNS | SATA SSG 72 सङ्ग सभायां समितिः छथयवासावपि efa: | रवेर चिच शस्त्रञ्च वहिज्वाला च हेतयः ॥ ७३ ॥ SF SFA S TSCA] गातु SGT | SPARTA SS | FAVA SVAATHAC | URAINT SS 2 || 73 जगतो जगति च्छन्दो विशेषेऽपि छितावपि | पं््तिष्कन्दरोऽपि दशमं स्यात्‌ प्रभावेऽपि चायतिः॥ ७४ ॥ दना नुम] BESTS TIAA री शभरमम हरस | Re scameres 1 74 पत्तिगतै च ae तु पक्तिः पक्षमेदयोः | vafa ्योनिलिङ्गे च केाशिकाद्याश्च aaa: ॥ oy | मर नरठ] STATES] Sr SSMS SST NSIS | IS SIAS IH | 75 € € नानायवगः | सिकताः स्यु areata वेदे safe च श्रुतिः, वनिता जनितात्यधानुरागायाञ्च योपिति ॥ o€ ॥ CoN न [व | ~ 44 १। =) EN AUN तुन] 76 गृत्तिः छितिव्यदासेऽपि via धारणधेग्ययोः | Zeal ARAMA बन्दोभेदे मदत्यपि ॥ oo ॥ ` नुम्‌ 3 न] ~छ बन्‌ AS ARVADA >| #/1 वश्य] VTYSAT TAA AAS 77 वासिता स््रौकरिण्योश्च वात्ता ett जनश्रुतै । वान्त फरगुन्धरोगे च चिघ्र्॒ च ताते ॥ OF ॥ Shah aE TSN | TEAS THA A TBS SRA HE TAG] गम हुम मपु] 7 कलधौतं रोष्यहेम्नो निमित्तं हेतुलश्णोः | अत्याहितं महाभोतिः कम्मे जोवानपेकषि च ॥ ७€ ॥ MASTITIS] FSSA ASAT | BIS SPARTA <] aarisras saree’ | 79 319 820 अमरकोषः | यक्ते श्ादाटते भूतं प्राणयतौते समे fay | श्रतं शास््रावश्तयो TIAA: कतम्‌ ॥ ८० ॥ Rape NNT SNES | NEPAABVARSTSN AST AISA | शकन्न Serer eEF SARC Fear gy RIVA || 80 aa पद्ये चरिते favata ददनिस्तले | AEE जन्ये स्याद्हिते चिषु ॥ ८१॥ AS SAR ASA SATIVA] QRS STFA Baer AUTH 1/1 विस] VAN SASS 81 aa रौष्येऽपि रजतं हारे Tra faa fag । fafeat safessfa रक्त नौल्यादिरागि = ce tt गम AEARC TATA AERA ANAC नगवा Hamer ara ] पाक्त रमक १े। दवीप वैर] ATTA माक्ष || 82 अवदातः सिते ate qe बद्वाज्जनै सितै | युक्तऽति संस्केते मषिश्यभिनौ तोऽथ संस्कतम्‌ ॥ ८३ ॥ STRSTR कर | TRAC PSSA | BATAAN ETA | RASTA ARG AA AN YASS | FAINT AGA | रेबसपि्सशुर तमप] 83 a oe ee ——— i ren A —_ T * Superfluous नानायवग; । afar लछणो पेतेऽप्यनन्तोऽनवधावपि | Gia हृष्टे प्रतौ तोऽभिजातस्तु कुलजे बुधे ॥ ८४ ॥ नदत्सु SARE | BLAS SIA NAT SAA TANS AS ACT TF] NRE F SANSA I 68 विविक्तौ पूतविजनै मूच्छितै agaist । दौ चाम्लपरषो ुक्तौ श्तौ धवलमेचकैा ॥ ८५ ॥ ~ रवे रवार रपेत्‌| BSS 5FANASAC A | शि) 4; 9 ` 1 101 aq साधो विद्यमाने une safes च सन्‌ | पुरस्कतः पुजितेऽरात्यभियुक्तेऽग्रतः छते ॥ ८६ ॥ NFAT HL ATR | सुगोत यन यददन A | 1/3 | सनु वमर. AATEC | सतप ९१ |] 8 निवातावा्रयावातवै शस््ाभेदयच्च AA यत्‌ । AAAS: स्यरुच्छिता उल्थितारू्वमो ॥ ८७ | FUSFACAL ISN] NSA ती 5 ९९९. | दधतस्त] STAYS TAA नस] 87 41 221 322 ` अमरकोषः | ठ्विमत्‌पोद्तो पत्रा आहतौ साद्रि । ` rTP ay ta प्रयोजननिदन्तिवु ॥ < ॥ - ATSRIN SIN GAIA ७2१4५०१5 पप्र उरक] ACSA SSAA] 88 निदानागमयोस्तौधै षिजुष्टजल्ते गुरो | समथस्तिषु wie सम्बन्धार्थे हितेऽपि च ॥ ८९ ॥ दोर गे ३३ उर सुसु ङगसशवदि | सुनहु नस द्द्सिवदतेतवु यपत | दशमौस्थे stars बौधौ पदव्यपि । च्रास्थानोयनयोरास्ा प्रख्यो ऽसौ सानुमानयोः ॥ € ° 542 VAIN GAT AA] ति वधर S TIA NANA TTT AGA | दुहन्ति] तै अभिप्रायवनै छन्दावब्दो जौमृतवत्सरो । । अपवादा तु निन्दाज्ञे दायाद सुतबान्धवै॥९१॥ सास स्वदय TY CAA] पवतम ISA | TTY VARS] ११ बी नानायंवगेः | 328 पादा WIAA खन्द्रारन्यक स्तमोनुदः। fatal जनवादेऽपि शदो जम्बालग्ष्ययोः॥ <२॥ व्दति EN GISTACS] AQS ZAG ANA FIVFG INA] TASTE Z AA | 92 श्रारावे रुदिते चातय्धाकन्दो दारुणे रणे | स्यात्‌ प्र्षादो ऽनुरागेऽपि ae: स्याद्यच्ञनेऽपि च ॥ € ३ | AAR TS AA HIT ENS | RNS SATA नास | 0 01 3 | हुत वर S59 VTS || 93 Ca गोष्ठाध्यक्षेऽपि गोविन्दो हपे.प्यामोदवनद्‌ः। प्राधान्ये राजलिङ्गे च BUTS ककरो ऽस्याम्‌ ॥ € ४ ॥ इरति दद TAS] प्यर्‌ हि + मिवे 1 FIST Basar ys | सविव 94 wai सम्विजन्नानसम्भापाक्रियाकाराजिनामसस्‌ | ध्म TEET ATS सदः aT te) क स~मव] NSIS CST SV IAVAC SNS | BNSF TEP S| BATAGA-TAS I] 95 824 अमरकोषः | पदं व्यवसित-चाण-स्थान-लस्मांभि-वस्तुघु | mae सेविते माने प्रतिष्ठा छत्यमास्यदम्‌ ॥ ed ॥ VS THTATAS | पासन्द RAS AS तरत्स पी 9“ GAS SAYS | -XATAS ETAT |] 96 चिधिष्टमधुरो aig az चातौश्णकोमल । मृढाल्यापटुनिर्भाग्या मन्दाः स्यु दौ तु WITT ॥ ९७॥ गुन] नुन "कर ARTA SA] क्क १८९ सवान्य | नषि य्वुससनवरि] NBME A SAGAS |] 97 प्रत्यग्रा प्रतिभ विदत्‌ सुप्रगल्भेा विश्णरदै | व्यामो वटश्च न्यग्रोधावुत्सेधः काय उन्नतिः ॥ € | PAR SACS STARS | भस सानन TAS | C2 we AFA तुस AY || 98 UUs ATA विवधो वौवधो a Ar परिधि यज्नियतरोः शखायामुपखग्यके ॥ ९€ ॥ नानायेवगेः | 895 बन्धकं व्यसनं चेतः पौड़ाधिष्ठानमाधयः | स्यः समथ॑ननोवाकनियमाश्च समाधयः ॥ १०० ॥ 55954 = AVAL | =^ = >) ~) [| ^१ ~~ 4 | अ | 100 दोषोत्पादेऽनुबन्धः स्यात्‌ प्ररुत्यादिविनश्चरे | मुखानुयायिनि शिनौ प्रछतस्यानुवत्तने ॥ १०१ ॥ रसशेषप वुत्त] रविम भगस सतन ON ~ \— <~ — ea =. ०. Ale TEAAAS AAR] तलवम्‌ ESA A | 101 fay विष्णो चन्द्रमसि परिच्छेदे विलेऽवधिः। विधि विधाने दैवे च प्रणिधिः प्राथेने चरे ॥ १०२॥। SBTARTA SA! प्दसमहिदिसनगाप्मदु | TR ATSCS TAN] THR SACS qugat पण्डितेऽपि स्कन्धः समुदयेऽपि च । देशे नदविशेषेऽन्धो faarat सरिति स्याम्‌ ॥ १०३॥ ` "भै भर STARA | erase FBS NTE AFH YA AAA |] 108 त} 326 अमरकोषः | विधाविधो प्रकारे च ary रम्येऽपि च fay ay जाया सुषा wat च सुधालेपोऽखतं Get ॥ १०४ | AR AS SNA | इ" "तन्‌]र २57 त नक 4 | ६३ S595 AS AVAL AGA TSE | 4३3५५ 55" |] 104 “NS सन्धा प्रतिन्ना मय्थादा ASI सम्प्रत्ययः WET | मधु मचे पुष्यरसे Be चान्धतमस्यपि ॥ १०५॥ NIFSWYASNA] SAS AA AA | AS BRAC HAT SAC NS | हैः AVA AF AIA || 105 श्रतस्तिषु समुन्नद्ध पण्डितंमन्यगव्वितै | ब्रह्मबन्धु रधिक्षेपे निदं शे ऽथावलम्बितः ॥ १०६ ॥ ANAS ALA AGN AS] ARS कुविन | त) SENG GF VAT HE SIGS! || 106 अविद रोऽप्यवष्टव्धः प्रसिद्धा स्यातभूषित्री | waaet चिचभान्‌ भान्‌ रण्मिदिवाकरे ॥ १०७॥ प iain 6 FINES + ऋ 2 ^ | 2440 ow eet ae त cr ttt I NN A र- * 24% 2 नानायेवगेः | 327 भूतात्मानै धःठरेडा मूखनोचै ए्रधग्जनै | aaa शैलपाषाशा पचि शर पक्र ॥ १०८ ॥ ५2411 ~ 41 "1111 ACATACANATA AGT १२५३६] SH PAHAAASAAS TAT | 108 aaa शिखरि fafear afsafetr | प्रतिथनावभे लिष्सोपग्रहावथ सादिन ॥ १०८ ॥ छः ८ € 2 वैः <स] वैणो ङ्ग 0 मस | | 109 al सारथिदयारोदहा वाजिनोऽश्ेषुपरक्िणः | कुलेऽप्यभिजनो जन्मभूम्यामप्यथ हायनाः ॥ ११०॥ प्रस] [तविकु ठ] TRA मरत. TASTETS | HVAC ANE A] रणद्म्त्पवलीद््द|| 110 वषौचि alfetar: स्यु अन्दराग्न्यर्का विरोचनाः। केशेऽपि ठजिनो विश्चकम्मा कंसुर शिल्पिनोः ॥ १११ ॥ सद] FApAHS ss) ABN मम १] BANNAN ALG NAL | हि < क्न NaS |] 111 —— pte a erg ee * Tor 4 2 828 ्रमरकोषः। आत्मा यलो ति ate: स्वभावो ब्रह्मवष्म च । एचधातुकमत्तभवयुकाब्दा घनाघनाः ॥ ११२ ॥ NAHAS परमसन नु वीक रनिल SCE] SAS सुर पमु 112 श्रभिमानोऽथादिदपे ज्ञाने प्रणयहिंसथोः। घनो मेघे मूत्तिंगुणे fag an निरन्तरे ॥ ११३। NTA FAPSANY | SHASTA ALAS SRT ARG | TAT ASOSNG55 | नसम मतव SCS ASG 118 इनः WA TAT राजा BUF छचिये पे | A क ~ वाणिन्या नत्तकौमत्ते खवन्त्या मपि वाहिनो ॥ eee ॥ सिम्‌ 3] रवै LATN NAS | HAURINAAAIC | वहि मुकर महस ag ASSN THA || 114 हादिन्यो वजतडति वन्दायामपि कामिनौ | त्वग्देहयोरपि तनुः ख्नाधोजिदहिकापि च ॥ ११५॥ SLT FTN AINA] WW SANSA BANAL 6 Aa SAA a 5 a BA rt | 115 नानाथवगः | 829 ्रतुविस्तारयोरस््ौ वितानं fay तुच्छके । मन्देऽथ केतनं Hel केतावुपनिमन््रणे ॥ ११६ ॥ वारित मन्ददुगदर। ततमनममुमाुमद्र ANS FANT SINGIN RS | HNNSANGA SAI] 116 वेद MM तपो ब्रह्य Ta विप्रः प्रजापतिः । उत्सादने च हिंसायां चने चापि गन्धनम्‌ ॥ ११७ ॥ AFA SAATA| ससद नरि दना PACHNAS HASAN a |] 117 MaMa प्रतौवापजवनाप्यायनाथैकम्‌ । व्यञ्जनं लाञ्छनं श्मश्रु निष्ठानावयवेष्ठपि ॥ १९१८ ॥ नवक TATA AN A SP NACH SGN SAN ] 118 स्यात्‌ Brats THATS युद्धं पश्वहिपश्िणाम्‌ | स्यादुद्यानं निःसरणे वनभेदे प्रयोजने ॥ ११९ ॥ ॥ क ॐ? करतार SNS TASS ATS! |] 119 42 330 अमरकोषः | gaara feat खानं ateterata देवनम्‌ | उत्थानं trey ava सन्निविष्टोद्मेऽपि च ॥ १२० ॥ RATAN TNT LS | SAARI TS | QIAT HNN 4] SATS QS ANAS} 120 ब्युत्धानं प्रतिरोधे च विराधाचरणेऽपि च । मारणे BAHT गतो द्रश्येऽथै दापने ॥ १२१ ॥ क | विना Sargeras | aban द परषारा | हस्र 2२ || 191 निवत्तंनो पकर णानुत्रज्यासु च साधनम्‌ | निर्यातनं वैर शुद्धो दाने न्यासापशेऽपि च ॥ १२२ ॥ AFSVEN ATS G| FSF FST YASCASA TARAS || 122 gaa विपदि भ्रंशे दोषे कामजकोपजे | पश्साक्िलामनि किञ्जल्के तन््ादयं ओेऽप्यणौयसि ॥ १२३ ॥ TF 2H SNAG 06/15 | ARTE NAIC | 55 5-4F TSCA ॥ 199 नाना्थेवगेः । तिथिभेदे शे ua वत्म नेचच्छदेऽध्वनि । अकायगु द्ये कापौने मैथनं सङ्गतै TAT ॥ १२४ ॥ BST शना ततय | RE SRT ATTA | मेऽप पर्न ति | सुभम्‌ | 124 प्रधानं परमात्मा धौः प्रन्नानं बुद्धिचिहहयोः | Daa पुष्यफलयो निधनं कुलनाशयोः ॥ १२५ ॥ meee 1) SAA HTAIN | F HARASS INA I} 125 कन्दने रादनाद्वनि वप्रे प्रमाणयोः | खद त्विट्‌ प्रभावा धामान्यथ चतुष्यथे ॥ १२६ ॥ MSTASICAB | ASFA ALAS | A विमित ञव] मनि नमवे] 126 afaan च संस्थानं ल्म चिह्वप्रधानयोः। आच्छादने सम्पिधान मपवार णमित्युभे ॥ १२७ ॥ BARR HANNS | SESE 255 ITAA AAI HAS |] 127 ० 881 832 श्रमरकोषः | च्राराधनं साधने स्यादवाप्तौ तोषणेऽपि च । अधिष्ठानं चक्रपुरप्रभावाध्यासनेष्ठपि ॥ शर८ट ॥ INR" one २८९ मुत्‌ ८ 25" RIS AUNI’ AR ६ 0 र ) | + ॥ 4 | € aN ta wasifasesta वने सलिलकानने | तलिनं fare स्ताके वाच्यलिङ्गा स्तथोत्तरे ॥ १२९ ॥ RY AC RAN RL SA AS) गमेन मस्ति | FAATARA ALOE | STEVIA SANSA AGA || 129 समानाः सत्समैक्य स्यः पिशुनौ खलखचको । हौनन्धूना TTS वेगिश्ररौ तरस्विनौ ॥ १३० ॥ VTA FASEAAL AS | ATF FT 4IASS | BACT TAN ARSC RASA |] aa अभिपन्नोऽपराद्खोऽभिग्रस्तव्यापद्नतावपि | कलापो भूषणे वहं TUT सं हतेऽपि च ॥ १३१॥ मदत कऽसनर] शतन म मम SY TANF HCA) A SASARNSCAMTA AC || 191 नानायेवगेः | 333 परिच्छदे परौवापः पय्युत्तौ सलिलस्थितै । गोधुग्गो पतौ गोपौ हर विष्ण ठषाकपौ ॥ १३२ ॥ PATA ACN ISSAC | Is TAC इमास | AR aaAST ATA] SAC HAART AP TTA |] 19 वाष्य FUT कशिपु त्वन्न माच्छादनं दयम्‌ | तल्यं शय्याद्रदारेषु स्तम्बेऽपि विटपो ऽस्तियाम्‌ ॥ ess ॥ मस गठ्‌ गये ^ © FSA AR ICAO Aer SSCS AS 1 198 प्रात्तरूपस्वरूपाभिरूपा बुधमनोज्ञयोः । भेद्यलिङ्गा श्रमो Ha वौणभेद कच्छपो ॥ १३४ ॥ Tap रवश्च | वट्‌ दत ART SC AAS ACS | AS VERN AS SaIareN's SAMOA A RAQCA SSA € HO = भ Gone angs || 184 Tau पुंसि ta: स्यात्‌ कुत्सिते वाच्यलिङ्गकः | अन्तराभवसत्वेऽश्वे गन्धर्व्वा दिव्यगायने ॥ १३५ | ARH ARYANS SAAL | FAC BAAS |] 135 334 अमरकोषः | कम्बु at वलये we दिजिच्धौ areal । पर्व्वोऽन्यलिङ्गः प्रागा ह पुम्बहत्वेऽपि yeasts ॥ १३६ ॥ MAY HAA A CNG | FAN ETC FAG | ATTEN SH | तनः SAT HAASAN |] 136 कुम्भौ wuagia feat तु शिशुवालिक्रौ | स्तम्भो MUASVATAT शम्भू ब्रह्मविला चने ॥ १३७ ॥ MATIN CSSA | PEASE ATM TANIA GFLELAT SOLA TNS |] 137 कुक्िभणाभेका गर्भाः विश्रम्भः प्रणयेऽपि च । स्याद्वा दृन्दुभिः पुंसि स्यादक्षे दुन्दुभिः स्वियाम्‌ ॥ १३८॥ a CarSmaNSr SH SN | WANG SAHA | EFAS ESTA | SOAS T YA | 138 स्यान्महारजने क्वं कुसुम्भं करके पुमान्‌ | afaasta च नामि at सुरभि गेवि च स्वियाम्‌ ॥ १३९ | ०१०१ TS Al ववि व AVANT TATA | STATA || 139 tee TN * For गु ? नानार्थवग; | 385 सभा संसदि सभ्ये च चिष्ध्यक्तेपि वल्लभः | किरणप्र्रहेा tit कपिभेक सवदै ॥ १४० | सका नपरे कस्‌ TT SSST कव्‌ BAR| QVENQATAG-G | Ho yeverascay| a |] 140 इच्छामनोभवे कामै श््योगेा पराक्रम । YT पुणखयमन्धायस्वभावाचारसोमपाः ॥ १४१ । रिद प्यदश्चेसणा त] SPATS सपनिन्दप्पमामेम | SR AIS SAN IGS EAN ] ASAT HSA FAVE |] 141 उपाययपृव्वे आरम्भ उपधा चाण्युपकमः। वणिकपथः पुरवेदो निगमो नागरो वणिक्‌ ॥ १५२ | + + 123 | ay Saray ny RA | SQA RS Rar Sq50 || 142 नैगम दो बले रामो नौलचारुसिते fay | शब्दादिपूर्वो इन्देऽपि ग्रामः क्रान्तो च विक्रमः ॥ १५३॥ < सरसम म] सदसत TAINS NGS | न्न सवास RASTA] कंसदमन OTA 145 336 अमरकोषः | गुल्मा रुकूस्तम्बसे नाच जामिः sage: | शछितिश्छान्त्योः छमा युक्तं wa शक्तं दिते fay ॥ १५४ ॥ वागि ससुत पकस्व] वषम व्म्‌| CA >. लेपा मरि | MATRA AL SS BAIS ] TINY] 144 fay श्यामे हरित्‌कष्णौ श्यामा स्याच्छारिवा fant | ललाम पुच्छपुण्डा खभूषाप्राधान्धकेतुषु ॥ १४५ ॥ YAW TAAL HY A | SARE "तनम मरि] पिन्‌ SEATATAL | ARCATSCS HAST मेवा || 145 खम मध्यात्म AWTS प्रधाने प्रथमस्िषु | वाम वद्गुप्रतौपैौ दावधमै न्यनकंत्सितै ॥ १४६ | AT ष्मा पि दतगुणा ८] र्वबरितध8। | | TINT TAS A | मारस्य नना] 146 जोगोञ्च परिभुक्तच्च यातयाममिदं दयम्‌ | AC तुरक्गगरुडौ ताश्या निलयापचयौ RAT ॥ evo | तं सपाप ५९ ठ प्प QS माष्श्स सर नुदन्‌] ASSO SRITENTINS || 147 हिद, च 7 Coy Fa —— - _ = * रत्र is a plant. fan? नानायवगः | 887 शया Pacis yaa wasted । Usa रसदब्देन्द्रौ स्यादण्ः सखामिवेश्ययोः ॥ १४८ ॥ वरग त करना TLIAYF INH | VAS FAITNISIS | एष दि्सपगा ह नसह || 148 {किं ॥ Aw तिष्यः पुष्ये कलियुगे पथ्यायो saat कमे । प्र्ययोऽधौनशपथन्नानविश्वासहेतुषु ॥ १४९ ॥ न | AAAS AN तप्त SAAD YY 149 रन्ध्रे शब्देऽथानुश्यो दौ घदेषानुतापयोः | AST सूबसाकल्ये गजानां मध्यमे गते ॥ १५० | HIT HAS)! APACS ROE ARC eee NSEC | qaqa Vaasa || 150 6207 समयाः शपथाचारकालसिङ्ान्तसंविदः | व्यसनान्यशुभं देवं विपदित्यनथा waa: ॥ १५१ ॥ FAN FAIASCS | SHASTA SAT रमा | BN YAS SFANAL ]] 151 * For 44 43 838 अमरकोषः | अत्ययो fama सच्छे दोषे दण्डऽप्यथा पदि | युद्वायत्योः सम्परायः पूज्यस्तु खशुरेऽपि च ॥ १५२ ॥ पश्चाद्वश्थायिबलं समवायश्च सन्नचै । संघाते सन्निवेशे च संस्त्यायः प्रणया wat ॥ १५३ ॥ सपेम ुर कमस] BSAA GTA NARA SINAC RET SALA | SPAR SAG |] 153 विखम्भ-याच्‌जा-पेमाणो विरोधेऽपि समुच्छयः | विषयो यस्य यो ज्ञात स्तच शब्दादिकेष्ठपि ॥ १५४ ॥ ASAIO TAS SISA] STATA IE | APPA ATTA] ACSA aver Neyer gsiel || 154 निर्यासेऽपि कषायो seat सभायाञ्च प्रतिश्यः। १. AO v ५ प्रायो भूम्न्यन्तगमने मन्यु देन्ये कतै क्रुधि ॥ १५५ ॥ RRA TAT तण HY | THFAL ALL SING | - 2 "4.5 AKAN ASFA | ANG ANANDA 283 Aaa || et tS ~ ~~ ee * For 34 2 + For इसन 2 नानायेवगेः । | 339 रहस्योपस्यो गं दयं सत्यं शपथतथ्ययोः । TAI प्रभावे च द्रव्यं भव्ये गुणाख्रये । १५६ ॥ TIERS SSA TANTS] सृ प्मादनसनरेमनति | BARRA Saar gh] = वैशोवि्स्पपनामस I] 156 धिष्ण्यं स्थाने Ze Asal भाग्यं कम्मे शुभाशुभम्‌ | कशेरुहेग्नो गाङ्गेयं विशल्या दन्तिकापि च ॥ १५७॥ SPATANAC RESTS | sehoerscs ay iota tallies | १} 157 टषाकपायो AMAT नामशोभयोः | आरम्भो निष्कृतिः शिक्षा पूजनं सम्प्रधारणम्‌ ॥ १५८ ॥ SP MUA SSNPS] WEES मिद सरद OA £ CA SA SRSNSANTAAR | ASS AC RAS SONATAS |] 158 a उपायः कम्पे चेष्टा च चिकित्सा च नव fear: | दाया खग्यप्रिया कान्तिः प्रतिविम्ब मनातपः॥ eye | AIT ASS AA] वणी प्प्‌ | BAS ACRES EAL CA (~ गड़मासय5०्‌ STAY SANA || 159 840 RATA: | RUM UAT हम्यादेः काञ्च्यां मध्येभबन्धने | ma क्रियादेवतयो fey सेये धनादिभिः ॥ edo गर Ray Barer sas | 11 (1 । TTTSST I AT TAGS TA ATA | 160 जन्यं स्याज्जनवादेऽपि जघन्योऽन्त्ये ऽधमेऽपि च । TAMA च वक्तव्यो कल्यो सज्ननिरामये ॥ १६१ ॥ द्वश AAA | ईनम HTS | ना । गतिर वद व्वमृ ics ] 161 आत्मवाननपेतोऽर्थादयथ्यैः YA Beata | रूप्यं प्रशस्तरूपेऽपि वदान्यो वल्गुवागपि ॥ १६२ ॥ | ART BFSR INNA EA | IPRS SAC | SATA मानस | THF पगु सफक त्‌] 162 ~ aw न्याय्येऽपि मध्यं Sag सुन्दरे सोमदैवते | निवहावसरौ वारो संस्तरो प्रस्तराध्वरौ ॥ १६३ ॥ RATASCA NSA | THIS TATE! वषास रे ACTA] sry RF RLS 163 } नानायेवगेः | गुरू गौष्यतिपिचा्ो द्वापरो युगसंश्येा । प्रकारो मेदसादश्यावाकाराविङ्गिताकतौ ॥ ९६१४ ॥ SRA SAAN SAR AAN HAS STRAT ASSS] पपणर मै इसपर 104 > ए ह ~ किशर ्धान्यश्रकेषु मरू धन्वधराधरो | अद्रयो द्रमगेलाकौः AAAS पयोधरौ ॥ १६५ | ॥ (ज | स. ८०.९८९८.३ | BPA ACALS 5a स्‌] गुन्हा] 165 ध्वान्तारिदानवा इचा बलिहस्तांशवः कराः | प्रदरा भङ्गनारोरूग्वाणा Bar कचा अपि ॥ १६६ | घु रवं | 166 अजातमङ्गा गः कालेऽप्यप्मश्च नां च Vaz: | musty राः परिकरः पय्यैङ्धपरिवारयोः ॥ १६७ ॥ SAIS TAA SOS | गि दत.25. पासो ठर" विस सा] दारणा ATAVATCSQAS || 167 eo = 841 34,2 ATH: | मुक्ताशुद्धो च तारः स्याच्छारो वायै सतु fags aise प्रतिन्नाजिसम्बिदापत्सु सङ्गरः ॥ १६८ ॥ सागवनृर AR] AT SOIT SS | FETT ASA TATA | SATEVSYATAATA I] 168 वेदभेदे गुप्तिवादे मन्त्रो मिता रवावपि । मखेषु युपखण्डेऽपि स्वरु गृ दयेऽप्यवस्करः ॥ १६९ ॥ Ray RATATAT ASS, | पाप वु गह प AINA | FF ATAACE | APACS TT LSA | पव ATA |] 169 MSA स्तृययैरवे गजेनद्राणाच्च गजिंते । अभिहारो ऽभियोगे च Ser सनन हनेऽपि च ॥ १७० | WETRERSS | Pare रम प कुस | sre त दम 5 =f +^ 3 | 170 CA AP स्याज्ञङ्गमे परोवारः STATA परिच्छदे | विष्टरो विरपौ दभमुष्टिः पौटाद्य मासनम्‌ ॥ १७१ | वदत मगो प्यम्‌ स] वनोद स्‌ | RpRASLACAL | TP PACSTNA SANS |] 171 नानायेवैः । 848 दारि ere प्रतौहारः प्रतौ हा ्प्यनन्तरे | विपुले नकुले विष्णौ वभ्रुः स्यात्‌ पिङ्गले fag ॥ १७२ ॥ >+ 0/1 रय AABIAETAS | प्व" नाह 172 सारा बले स्थिरांशे च न्याय्ये क्रौवं वरे fay | UST TART पणे Ta दुरादरम्‌ ॥ 298 ॥ दुर वाम SIAC | पोकः ASAIN | कथयम | (णः || 173 महारण्ये दुगेपथे कान्तारः पुन्नपुंसकम्‌ | मत्सगोऽन्यशुभदेषे तदत्‌ कपणयोस्तिषु ॥ १७४ | वसुव AFATS SNA धन्यतम] Ser qargnmys | ALN ~ वातेमु<ग]> | GSO AQAA SANA |] 174 देवाद्ते वरः श्रेष्ठे fag alta मनाकृप्रिये | वं शाङ्करे AUCs AVIS घटे च ना ॥ १७५ ॥ तहास] मङ्गुष EOL STA | . 4] LSYVAGH] सनब्‌-तेरततै SSAA 175 = - - —————s 9 --- कके * Hor Va ? 344 अमरकोषः | ना चमूजधने इस्त प्रतिसराऽस्ियाम्‌ | यमानिलेन्द्रचन्द्रा कंविष्णसिंहाशुवाजिषु ॥ १७६ ॥ SRT ASSACS SATAN | UATE SUAS | ग aS 5 ye BYARATNE ASI] 176 शकाहिकपिभेकेषु हरि at कपिले fag | शकरा HUTA याचा स्याट्‌ यापने AAT ॥ 299 I ॥ ^ Fores gy क ससक SATIN | कीर ASA | NS BY ATAT AA |p 177 इरा भूवाकृमसुराप्ष्‌ स्यात्तन्द्रौ निद्र प्रमोलयोः | धाचौ स्याद्पमातापि कितिरष्यामलक्यपि ॥ १७८ ॥ सरस मग द्‌ BS 3 व्यत || 178 4 Bal व्यङ्ग नटो वेश्या सरघा कण्टकारिका | fag करेऽधमे ऽल्पेऽपि ast माचा परिच्छदे ॥ १७९ ॥ ~" '0° ARYA] HYASS HSS NAS ANN] TOKIO AE स्‌ 5 OT IY SEARS I 179 नानायवगः | अल्पे च परिमाणे सा ATS कार्छःवधारणे | seman fat कलचं श्रोणिभायोः ॥ १८० ॥ सगागमः रव] SHAHN TASS 34 | mars ET Eq (A}I] 180 योग्यभाजनयोः WS पच वाहनपश्योः | निरेशग्रन्ययोः शा स्तं शस्त्र मायुधले हयोः ॥ १८१ | देस चम] त rr AGA TART AA | EATISA IQS TLE] ASH HOSTS! || 181 VATA नच AS पन्नौशरौरयोः। Aas कोडहलयोः पोच गोचन्तु नानि च ॥ १८२॥ as. le anes SAAN ATA SO | TS SON AN AATAT | ey ~ NRG || 162 सच माच्छादने TH सदादाने वनेऽपि च अजिरं विषये कायेऽप्यम्बरं व्योज्ि वाससि ॥ १८३ ॥ ससरि S550 | दाम्‌ सम mamaria | धदवत] पवतर वर AS || 183 44 845 246 अमरकोषः | चक्रं TPIT मोक्ेऽपि क्षौर मसु च । स्वणेऽपि भ्ूरिचन्द्रौ दौ दारमकेऽपि गोपुरम्‌ ॥ १८४ ॥ उण व द्दसमानर नामुष्य] वणारन" PRQacaas | BWSR 355 A981 ८८९ (2 षग पि] Faz sy 164 गुहादम्भौ गह्वरे दे र दोऽन्तिक FIs | पुरोऽधिक सुपय्येयाण्यगारे नगरे पुरम्‌ ॥ १८५ ॥ SRR CAAT र | RATA ETS S दि सवगार बे YR] GATSCAC ENT ACE |] 185 मन्द्रिब्वाय राष्रोऽस्त्रौ विषये स्यादुपद्रवे | दराऽस्तियां भये qe वजोऽस््रौ हौरके GAT ॥ १८४ ॥ BRAT ACTA AOAC | ददत दित्‌ वन्मा || 186 तन्तं प्रधाने सिङ्वान्ते खूचवापे परिच्छे | शौर श्वामरे दण्डष्यो श्रं शयनासने ॥ १८७ ॥ FEISS YONA RE] नसमा qa “FAFEWTNA | RGA कत्‌ |] 187 नानार्थवगः | 84:7 पुष्कर करि हस्ताग्रे वाद्यभाण्डमुखे TA | व्योन्नि खड्गफले पद्मे तो्थी षधि विशेषयोः ॥ १८८ | शि ^ व्रा कव रद AES | 188 STAT मवकाशावधिपरिधानान्तहिमेदतादथ्य । दिट्रात्मौथविनावदहिरवसरमध्येऽन्तरात्मनि च ॥ १८९ ॥ BANAL NAN YAS EAS | AS ATAAS AAC | ALAS EIN SATAN | AQTSTIRSTARAT RSAC || 189 मुस्तेऽपि fast राजकशेरुण्यपि नागरम्‌ | Wat त्वन्धतमसे धातुके मेद्यलिङ्गकम्‌ ॥ १९० ॥ GANT ETE TE शस तगसमेऽि | 100 गेरेाऽरुणे सिते पौते त्रणका ेष्यरुष्करः | जठरः कठिनेऽपि स्यादधस्तादपि चाधरः ॥ १९१ ॥ 981. 1 हसनवीुननः नावा पपे 10 348 अमरकोषः | ्रनाकुलेऽपि SAHA व्ययो व्यासक्त AHS । उपय्यं दौच्यश्रेषठेठष्युत्तरः स्यादनुक्तरः ॥ १९२ ॥ ` QRTAL ISTH NIA] — TAPAS | BRST AAA SATAN | WayA aR" I] 192 oo रुषां विपय्येये WS दूरानात्मोत्तमाः पराः। स्वादुप्रियै तु मधुरौ कुरौ कठिननिदंये ॥ ges ॥ STA AYR SAA) रर दद्व सङगुश्वर। > ~ ~> GTASA TASS] गु दर्‌ | 193 उदारा दाठरमदतो रितर सूवन्यनौचयेाः | मन्दस्वच्छन्दयोः स्वेरः YY सुद ्तशुक्तयाः ॥ १९४ ॥ SAGAS] SPAS AACS SAF ARAR AAT HAA] JRC ATIAA GI] 194 चूडा fate केशश्च संयता मैलय waa: । द्रमप्रभेदमातङ्गकाण्डपुष्याणि पौलवः ॥ १९५ ॥ २१९ ASAT AS SF APACS, | SAPS SAN HAVANA (> तैर स्वरत प्रार 5 Sxarey sey A aN I] 195 नानायेवगेः | 349 छतान्तानेहसोः काल Basha युगे कलिः | स्यात्‌ कुरङ्गेऽपि कमलः प्रावारेऽपि च कम्बलः ॥ ees ॥ BASSAS VST TAA SNAG RTT AS | LAAN SI TAA] वशगा |] 196 कंरेापहारयेोः पुंसि वलिः crags fara | ग्थौल्यसामथ्यैसैन्येषु बलं ना काकसौरिणोः ॥ Veo ॥ Sores sBS a HIS | (+ SINAC अुसपा्मन्‌ SIS SS | ABT RATTRAY RAYS |] 197 वातूलः पुंसि वात्यायामपि वातासह fay । भेदयलिङ्गः शे व्यालः पुंसि शवापदसपंयेः ॥ १९८ ॥ THAT HTS | हुरवीरठितसरगस माहु | ASR ASSN SRI A] हदु परिमा 5 शुनि |] 198 मलेाऽस््ौ पापविट्किद्रान्यस््ौ श्रलं रुगायुधम्‌ । शङ्घावपि इयः कोलः पालिः श्यस्यृङ्धपङ्किघु ॥ १९९ ॥ arora ala Say crac | 25८8 दत्‌ 7 शु पकडमा सर | QVTHS AA | दपि डर दपा 4.58 |] 109 (~ (~ 880 श्रमरकोषः | कला fret कालमेरेऽच्यालो सख्यावलौ अपि | अन्ध्यम्बुविकतै वेला कालमय्यादयेारपि ॥ २०० ॥ गु विहरस्व] प्वविश्ुसमयेरतवोप। (>. > > TSN STATA रवे] FRACS SIC |] 200 TSU छत्तिका गावो बहलेऽच्निः शितै fay । लौला विलासक्रियथे रुपला शकरापि च ॥ २०१ ॥ THATSTATAC | VARA ALATA | AN STACT TA] wPTANAATSSTAC’ |] 201 CAPA < शोणितेऽम्भसि कौलालं aware शिफाभयेः। जालं HAS श्रानायेा गवाक्चक्षारकावपि ॥ २०२ ॥ BTR SAAN] Tasca sass Say Smarery FAA I] 202 Wea स्वभावे सहन्ते शस्ये Squad फलम्‌ | छदि नेचरुजोः ald समूहे पटलं न ना ॥ २०३ ॥ ते व्रवतिगदुनपतिम। aq ara garerare | IRAP AT ACS ACS | VAR STAAL | APSF} || 203 नानायवगः | TACIT तलं स्याच्चामिषे पलम्‌ | ञचव्वानलेऽपि पातालं चेलं वस्त्रेऽधमे fag ॥ २०४ ॥ ARCS TAR] वकवत] NSATHAG A] Sarsjargrscaray sya 204 FRG WH: कौशे wy ना तु तुषानले | faula केवलमिति विलिङ्ग त्वेकछरत्स्रयेाः ॥ २०५ ॥ TAS 5] IRAAEEA ARS 351 RANI GaSe FA २ दुगास मास्य सिमा सरस सय] 205 SO TE GRICE कुशलं fufaa fay | mae मङ्करेऽप्यस्त्रौ Fy Be जडेऽपि च ॥ २०६ ॥ ईस बरस] ASS ARTES तन स्दव्पविश्पय पारुष्य प ear raya TAF ALISA AMAA ATG |] 206 कराले दन्तुरे तुङ्गे चारो Sa च पेशलः | मखंऽभकेऽपि बालः स्याल्लोल अलसतुष्णयेः ॥ २०७ ॥ गा < वतत वत्‌] AESAC APRA I ऋ री ये की सर तेसथतषपसे | TARA र्दद] धद 207 352 श्रमरकोषः | द्वदावै वनारण्यवह्नौ जन्महरौ भवै । मन्त्रौ सहायः सचिवौ पतिश्णखिनरा धवाः ॥ २०८ ॥ A Ta Rameraeeya) सरगुणे द्‌] त्प sys A] ASSP A SAG |] 208 रवयः TANITA ATATSTANATT SAT: | भावः सत्वस्वभावाभिप्रायचेश्टात्मजन्मसु ॥ २०९ ॥ न 1. । प्व टप्‌] SPARS SANS ETRE’ > = (> | सप्पा NAST AC ASST ASN SNA || 209 स्यादुत्ादे फले पुष्ये प्रसवो गभमो चने । अविश्वासेऽपहवेऽपि निकृतावपि निहवः ॥ २१० ॥ STAIN TA SAY SRS | Saraqcaceraayaac: NYT SNAG CALA | SAGARA IEG TA || 210 उत्सकामषयारिच्छा प्रसरे मह उत्सवः ।. अनुभावः प्रभावे स्यात्‌ सताञ्च मतिनिश्चये ॥ २११ ॥ HERAT SAAC AAS TARA | ABLES SAA | SATSANG | SACSTCIA SPST दसन] 211 नानायवगः | 858 स्याज्नन्महेतुः प्रभवः MAA TTI | श्रद्रायां विप्रतनये Wer पारशवः परुमान्‌+ ॥ २१२ ॥ रतै सेननारर] नागरि वासस || 212 धवो भभेदे क्तौवन्तु निशिते शश्वते चिषु । स्वो ज्ञातावात्मनि स्वन्तिष्ठात्मोये स्वोऽस्तियान्धने ॥ २१३॥ इदुः 53२ | & BORN ACASSIN SANA | TH BASEITSRS | सुमना T AACS | स्मर परम्‌|| 213 सलौ करिव स््रबन्धेऽपि नौवौ परिपणेऽपि च | शिवा गेारोपफेरवयोदन्दं कलदयुग्मयेः ॥ २१४ ॥ 1 ACSC SNATAAC TE en <> नवषमे] SPS रवव gnscagy || 214 दरव्यासुव्यवसायेषु AMA तु जन्तुषु | mld नपुंसके षण्ड वाच्यलिङ्गमविकमे ॥ २१५ ॥ <त38१ ६5117 |] 5 करस SHS | AACS | ELIA SANSA STING 25 This line seems to be an interpolation in Sanskrit 45 854 अरमरकोषः। दरौ विग्न वैश्यमनुज्ञा दौ चराभिमरौ as | दौ राशौ GARG दौ वंशौ कुलमस्करौ ॥ २१६ | BAR] गन तव है सगृसमिननार्भ | ABN] SRATSCTH SYS | पस] RG Ae TAT NAN EN | मैस] ATRABNSS AS SG |] 216 TA ^~. रहः प्रकारौ Tata निर्ववेशो खतिभोगयेोः | छतान्ते पुंसि कौनाशः क्षद्रकषकथे स्तिषु ॥ २१७ ॥ RAK ACTIN TAT A] BAAR ARATSS S54 | (~ ^>. * ARS ANI TAT] SSSA ARCS IIA] 217 CO > पदे we निमित्तेपदेशः स्यात्‌ FUT च | द्‌शवस्थानेकविधाप्याश्ण SUT चायता ॥ ॥ Vee ॥ ॥॥1#> ^> IAN ASH SY GAIN A व वासर AIT AS 5 | STRSTR] | 218 वशा wat करिणौ च स्याद्गज्ञाने ज्नातरि fay | स्यात्‌ HAT: साहसिकः कठोरामशटणावपि ॥ २१९ ॥ TARTS S| SAAR TA SA | MATA REAGAN'S | STACT ACA |] 219 नानायेवगैः | प्रका शोऽतिप्रसिङ्धेऽपि शश्णवन्ने च वालिशः | सुरमत्स्यावनिमिषो पुरुषावात्ममानवै ॥ २२० ॥ PTA FATA | ठसक हिवि | TRF TAC RS || 220 काकमसस्यात्‌खगी ध्वाङ्को कक्षौ तु ठृणवौ रुधो | SANG: प्रग्रहे र ष्मो प्रेषः प्रषणमने | २२१ ॥ = 1 धत्व AAT ES | START तरत रद || 21 पक्षः सदायेऽप्युष्णोषः शिरेवेष्ट-किरौरथोः | शकले मूषिके श्रेष्ठे सुकते TI टषः ॥ २२२ I चितम TAT शनन करद दमन्‌] SAAS तमहा ५ AINA SN EAST प. ॥ 222 MASA FA खङ्ग पिधानेऽ्थीषदिव्ययोः | द्यते sa सारिफलकेऽप्याकर्प्योऽथाक्षमिन्द्िये ॥ २२३ | ` >^ S| ARIANA ORNS | छरा 5१: Fara ss |] 228 * For avaq ? 355 356 अमरकोषः | ना UAH कषंचक्रे व्यवहारे कलिद्रुमे । कषर्वात्तां करोषा्निः we: कुल्याभिधायिनौ ॥ २२४ ॥ QAR AIT SS यनवैः] RAGA ACSA Sl TAA SE SES 94 I 224 | पुम्भावे तत्‌ क्रिथायाच्च परुषम्‌ विषमप्वु च | उपद्‌ानेऽप्यासिषं स्याद्पराधेऽपि किल्विषम्‌ ॥ २२५ ॥ AUT ENAATTINE | TERE) कवुग्व BRAGUTST AB" | HASSAN. I] 285 स्यादृष्टौ लाकधात्वंओे वत्सरे वषमस्तरिथाम्‌ | Tat saat प्रज्ञा भिक्षा सेवाथेना wie: ॥ २२६ ॥ SAAR ARSTSS RAST कनि IS | Wags] Sore ANS | दु तस्र 20 (~. त्विट्‌ भोभाऽपि fay परे न्यक्षं कातन्यनिकूष्टयाः। HAART LAKE THT ॥ २२७ ॥ SRRRATSSAT ITI] FSIS TINE इमरान महन ॐ * For Wap 2 नानायवगः | 857 रविश्वेतच्छदौ हंसौ खग्थवहौ विभाव | वत्सौ तणेकवषो दौ सारद्गगश्च दिवौकसः ॥ २२८ ॥ PAR] SRY HTS | कममसु | SS) RE DR OO SS AN SST ATS] ASST RAAT TAN! 228 TTT विषे वौय्ये गुणे रागे द्रवे रसः। स्यतत साऽवतंसे दौ कणेपूरेऽपि eT ॥ २२९ ॥ हिङुमसन सन ध प | 11 |] 229 देवभेरेऽनले* TM वख Ta धने वसु । विष्णो च वेधाः स्रौ त्वाश्णैडहिताशंसाऽहिदंष्रयोः ॥ २३० ॥ हुनर] तनक] SANTA STIS] पमो. भको | समसो मड त्‌ ॥ 230 लालसे प्राथेनैत्सृक्ये हिंसा चादि कम्मे च। प्रसूरश्वापि भद्यावेा Weel Beat FA २३१॥ न्प रशुत] लिश त सवाक्ष AIST | धसमनरतमत] स्रथमासतरस] 201 * Tibetan reads: शरनिले । 858 अमरकोषः) ज्वालाभासो नंपुंस्यऽचि अयोतिभद्योतदष्टिषु । पापापराधयारागः खगबाल्यादिनोव्वेयः ॥ २३२॥ वर्णु] उन्म नित] प्पडसननत्रइ रन ~. STS ATN | IRAQ AS AGS TWN || 282 तेजः पुरौषथोर्वची मदस्तृत्सवतेजसोः | रजो गुणे AGH च राह ध्वान्ते गुणे तमः ॥ २३३ ॥ 1 RET AA SFA FASS] HANSA FAIA |] 289 छन्दः पद्येऽभिलाषे च तपः कछच्छादि कम्मे च । सदहोबलं ASAT नभः खं आवे नभाः ॥ २३४ ॥ LAST AMAT STARA AAS | FETS SANSA AIRY | सनसन्नि नसावा GT FAS] 254 अकः सद्या्रयश्चौकाः पयः NTC TIT च । ओजो Stal बले सोत इन्द्रिये नि्नगारये ॥ २३५ ॥ AMA SASL ANN] वप्त Ears aa सुरस] A 5arqac ease विश || 235 eet * For Faas 2 नानायेवगेः | 859 तेजः प्रभावे Stal च बले श॒क्रऽप्यतस्तिषु | विद्वान्‌ विदं बोभत्सो दिंखोऽप्यतिशये त्वमौ ॥ २३६ ॥ FEN GNAL तमत] इतस्त दनय म] AR इन सरयेत AN || 236 टद्प्रशस्ययेज्यायान्‌ RANA युवाल्पयोः | वरौयांस्तूरुवरथेाः ATMA साधुवाढ़्येाः ॥ २३७ ॥ ग्नि डन | ना anna | र्यत नासम | सरित | 237 (~ ^~ a दलेऽपि ae निब्वैन्धापरागाकौदये ग्रहाः | दाय्यापौडे RATS fare नागदन्तके ॥ २३८ | विनिग मश्च मसं] उस नारि गातम समान | 1. तुलारूचेऽश्वादिरण्मो प्रग्राहः प्रग्रहोऽपि च | पत्नौ परिजनादानमूलशपाः परि ग्रहाः ॥ VBE ॥ JIGS AANA YT] PYFS TINS | SOHAL ASA ATA S | HIRATA TSA |] 239 yy RATHI: | दारेपि हाः ARTA eat वरस्वियाः व्यद्धो उन्देऽप्यहि टेकेऽप्यग्नौन्दका स्त ayaa Raragyeeysy) इसरमीऽरन्स्ड्ता | NASA ISAM | WS a4 AG 2१ HG 5 BO NAT ATARAN |] 240 परिच्छदे न्टपा ऽर्थे परिवर्होऽव्ययाः परे ॥ २४१ ॥ [oa 0 इति नानाथवगः | ‰2गासन््ठ इति] UAT: | ty ole ee आड्गेषदयेऽभिव्याप्तौ सौमा्थे धातुयोगजे | रा UTE: WAT वाक्येऽप्यास्तु स्यात्‌ कोपपौड़योः ॥ १ | मै"वप५र हब Ty न 10 SVS ABA तर" AACS CAAA वा 3/5] पापकुत्‌सेषदथं कु धिडःनिभत्संननिन्दयोः | चान्वाचये समाहारेतरेतरसमु्चये ॥ २ ॥ ial AR EAA SES री ल A ति नक BA] "ANA तन्त छव र्त] ररर FAISAL || 2 खसत्याशौःसेमपुखारे VAT लद्खनेऽप्यति | सित्‌ प्रश्न च वितके चतु स्याद्धदेऽवधारणे॥ ३॥ सश्चैवेस्रििनाक र] सम भसपसयस न्‌ ममार वक्र स दिप्पर एद्‌ | AGAR ACSA TAT | FART IAAAINARAS I] 3 * For 2424) 2 46 362 HATH: | सकृत्‌ सहैकवारे स्यादारादूरसमौपयोः | natal चरमे पश्चादुताप्यथेविकल्यथोः ॥ ४ ॥ सर्गः देवर BAST क) | SAW SATS! SAMA ST ll + पुनः सदाथेयोः Wad ATTA प्रत्यक्षतुल्ययोः। खेदानुकम्पासन्तोषविस्मयामन््णे वत ॥ ५ ॥ a A A NANL TENS ATIAS | FILSNALASA AS | SA HTAF AGA | 5 Sa इपऽनुकम्यायां वाक्यारम्भविषाद्‌योः | प्रति प्रतिनिधौ abareaater प्रयोगतः ॥ € ॥ गन्म SSIS AE | STAR SATET ST ANSI FRE, IV पपर] ससवत्सर || 6 दूति हेतुप्रकर णशप्रकषादिसमात्िषु | प्राचां पुरस्तात्‌ प्रथमे पुराथेऽग्रत इत्यपि ॥ 9 ॥ NF HNSATANHINGS | गासनडेस्त्रस हवस SAS TRF INANE | ETAT ASSIS 7 HABIT! | 368 यावत्तावच्च साकल्येऽवधौ मानेऽवधारणे | मङ्गलानन्तरारम्भप्रञ्र कात्स्नेष्ठथो AW ॥ ८ ॥ द्राति] उर वनसतर SATIN ESS | el ~ é <) वुत्तो रकम | ARSR VANE ह| SSS] 8 zat निरथैकाविध्यो नननेकोभयाथैयोः | नु पृच्छायां विकल्प च पञ्रात्सादशष्ययोंरतु ॥ € ॥ TEARS ITAN) FTES NAT SPATIAL | FAVALST NAA |] 9 प्रञ्नावधारणानुज्नानुनयामन्तणे ननु | गहा-समुच्चय-प्रञ्च-शङ्घा-सम्भावनास्वपि ॥ १० ॥ QS TARA दददस्‌ 1 | NF SSI ददत EF 5 | FASC TVSENARTAC | रुगु पवर्‌ 10 उपमायां विकल्पं वा सामि ae जुगृष्सने । अमा सह समौपे च कं वारिणि च ate च॥ ११॥ PRARATAR TPT NG 5 | समन धमन्त STITT | NASA Y TAY 11 * Vib: 2B | + For Ex 2 364 अमरकोषः | इवेत्थमथेयो रेवं नुनं cesT निश्चये । quay सुखे जोषं किम्युच्छायां जुगुष्छने ॥ १२ ॥ AAACN WAR ATA x 1. a | १०१ न ~न नन] नश ee € >€ SSN 1१ SAR | नाम प्राकाश्य-सम्भाव्य-कोधोपगम-कुत्सने अल म्भूषणपय्धा त्ति शक्तिवारणवाचकम्‌ ॥ १३ ॥ SNA HPALST ARAN YS | द्रम कवग AAT |] 18 ह वितकं परिप्रञ्न समयान्तिकमध्ययोः। पुन रप्रथमे. भेदे नि निंश्चयनिषेधयोः ॥ १४ | HF STEIN ACN AAA] SAAS AaSIS | AHSCT TNGHT] 589 CAT SATSTATETST] ध 14 स्यात्‌ प्रबन्धे चिरातौते निकटागामिके पुरा | RUAN चोररो च विस्तारेऽङ्ैरुतै चयम्‌ ॥ १५ ॥ 1 agra aya SAR] SFPNA ANAT 15 व्ययवगः 365 aa परे च लाके स्व व्वार्तासम्भाव्ययोः किल | निषेधवाक्यालङ्ारजिन्नासानुनये खल्‌ ॥ १६ | मसयम तहनदेनसन] वासन NST ALA eee SNES ANA ASAIN AAG 16 समोपोभयतः शोध्रसाकल्याभिमुखेऽभितः। नामप्रकाशयोः प्राद्‌ मिथोऽन्योऽन्यं रहस्यपि 1 9 | बहिण बिस दः करतत] IRATSYRETTA WS | ARRESTS याम] NY) TEAST SH SIAN | 17 तिरो sagt तियगर्थे हा विषादशगर्तिषु | अह हेत्यहूुते खेदे हि हेताववधारणे ॥ १८ ॥ 1 TALITALNS SAA छप] NANT S Faye sAaraes 18 चिराय चिरराचाय चिरस्या्ा शिरार्थकाः | मुहः पुनःपुनः Wyle AAA समाः ॥ Ve ॥ = 0 gqkewyRe RK qe ANAC EPS AIAAS | WRADSSAC'SRACS | SAAC WON OST ATASCA! || 19 866 HATH: खाग्‌ HAAR ATS AA सपदि द्रुते । वलवत्‌ ey किमुत marta च निभरे ॥ २० ॥ AFTRA FW | SNH ATTA I 20 पृथग्विनान्तरेणत्त हिरुडनाना च asia | यत्तद्यतस्ततो Val वसाकल्ये तु चिच्न ॥ २९१॥ (री — SSS TARR AGA 5 नर १९. कमथम्‌ SA | NF SSAA QIN Ay] RAAT SY AAG SST |] २1 कदाचिन्नातु BSA साकं सचा समं सह । आ्आनुक्रूल्याथेकं प्राध्वं BIR तु SAT मुधा ॥ २२॥ MA, 11 [रि मअ ~n ye == क ARTS ~ "तर 1 आहो उताहो किमुत विकल्पे किं किमूत च । तुदहिचस्महवे पाद्पुरणे पूजने स्वति ॥ २३॥ FAY STAN ST SATTAE | कममर वेशन्त] STR IAA AACS NESTA |! 23 सारि =-= नः KF x’ Q 0) 5 2 or =" 2 † For उड्‌ ९ AYA: | 367 fearmiag दोषा च नक्तञ्च रजनाविति | तिथेगथे साचि तिरोऽप्यथ सम्बोधनाथ॑काः ॥ २४ ॥ ५29 11 1 ay द ig 1. 4 क स्यः प्याट्‌ wer हे हे भोः समया निकता हिरुक्‌ | अतकिते तु सहसा AUT: पुरतोऽग्रतः ॥ २५ ॥ SFC] FSTSMNAAS AA | ge Soperspsay Saray | 1) 1 11. स्वाहा देवदहविर्दौनि श्रौषड्‌ sas वषट्‌ WUT | किंञ्िदोषन्मनागल्यं परेत्यामुच भवान्तरे ॥ २६ ॥ MS NAN VEN SS | 405 5. दर | RA AAS SEQRG | "रवद 5२|| 26 वद्वा यथा तथेवैवं lease हौ च विस्मये | मने तु qual तुष्णौकां सद्यः सपदि तत्क्षणे ॥ २७ ॥ ९९ दद्र | त्रतुनरमफम्पद्‌ | WN त त <~ ~ 2157 > | zt ~, >| छ १९ ॥ | Salata ie 868 अमरकोषः | दिश्या श मुपजो षं चेत्यानन्देऽथान्तरेऽन्तरा | अन्तरेण च मध्ये स्युः प्रसद्य तु 'हदाथेकम्‌ ॥ रट ॥ रतोमः दारि] FASTIN ACR DNANS | FRRRSINA GMA | AVAC HAND AG NGG |] 28 यक्तं दे साम्प्रतं स्थानेऽभौष्णं शश्वद नारते | अभावे नह्यनो नापि मास्म AAA वारणे ॥ Ve ॥ BDAC RAINALS BATS | SAAEWS ACTS | AF ATA तते ८८९ | ATTA SS कवक 29 पश्षान्तरे चेद्यदि च तचे GSAT दयम्‌ | प्राकाश्ये UT राविः स्यादोभेवं परमं मते ॥ ३० ॥ गदेव देतव SNAG AVY RATA | ATMA Sayer | सरवै सग १६६६ | 30 समन्ततसतु परितः aac विष्गित्यपि | अकामानुमतै काम मरयोपगभेऽतु च ॥ ३१॥ सतरनगाप्पःससुषवसरणावा शि दर्सवेनी क| TRANS 8 HAAN: | ननु च स्याट्‌ विरोधोक्तो कचित्‌ कामप्रवेदने | निःषमं दुःषम गद्ये यथास्वन्तु यथायथम्‌ ॥ ३२ ॥ SPR AAGTAR YS] णु वम कग रसाम्‌] रि VR EAGT BS I] 2 खषा मिथ्या च वितथे यथाथेन्तु यथातथम्‌ | स्युरेवन्तु पुनर्ववेवेत्यवधारणवाचकाः ॥ ३३ ॥ 0 111 THANG | 32१८२ a | See >) mama नूनमव श्यं निश्चये दयम्‌ | संवदषेऽवरेत्वर्व्वा गामेवं खयमात्मना ॥ ३४ ॥ SPATARN IA ARNT 5 भरसार रेस मेह] 5 ८6९ ] rara"seq ACSC 555] ]] 34 अल्पे AS मंहत्युचचेः प्रायो भूमद्रुते शनैः । सना नित्ये वहिर्व छ्ये स्मातोते,स्तमदश्ने ॥ sy ॥ ददतु] अतथर ८दमात] BASSAI] AANA ARRAS T | 9 4 ४69. 870 HATH: | अस्ति सत्वे रुषोक्तावृडः ड प्रश्न ऽनुनये त्वयि | हं तकं स्यादुषा रात्ैरवसाने नमो नतौ ॥ ३६ ॥ © € € पसनद दर्दरीति STA) BAY STAG SAG SA] | SST TYP SH] ISHS TISAI 36 पुनरथःङ्गनिन्दायां ce qe प्रशंसने । सायं ara प्रगे प्रातः प्रभाते निकषान्तिके ॥ ३9 ॥ SVIAEAT ABA | अनभ्र १९९१ siEsarPaegarracary] सनभ्निद नरो 9 परुत्यरार्य्येषमोऽबदे पूर्वे पूरव्वतरेयति । TIAA TARA पृब्वात्तरापरात्‌ ॥ इट | ग नातिनननविनर | तिवस FRAGA A] ३ देरिति] 11. तथाधरान्यान्यतरेतरात्‌ TATRA । उभयदुश्चोभयेदयुः परे त्वह्ि परेद्यवि ॥ ३९ ॥ FASTA MATS IA | SAR Garersyery | aN SATANIC IAA] BAGH AAA |] 39 * For ८ "¶ 2 अरव्ययवगेः | 3४ । दयोगतेऽनागते,दह्ि श्वः परश्च स्तत्यरेऽहनि | तदा तदानौं युगपदैकदा HAST सदा ॥ ४० | पितरिति वावत] sagqaraagcsracas | BIT IAT SN SAG] QISTAISTRCT BAST SNAP परैव ५८] 10 wate सम्परतौदानौमधुना साम्पतं तथा । दिग्देश्काले पृव्वदे प्रागुदकृप्रन्यगादयः ॥ ४१ | SSAA BASE | FASS ESATA | SATS IARC S TASS | रवि सवास दव्य | BAF GTA] 41 इत्यव्यय वगैः | सेदि कमु | | लिङ्ादिसंग्रहवगः | —ecleo— सलिङ्गणास्तः सन्ादिरुत्तद्खितसमासङज्ञैः | अनुक्तः संग्रहो लिङ्गः संकौगौवदि होन्रयेत्‌ ॥ १॥ BIVISYV AAT AS 1 ^ अ SAN देमि ण ISN IS | AAO | ASTANA | पश्चसदमास दस नैन दत GAY | 1 लिङ्ग्ेषविधिर्व्यापौ विशेपे्यद्यवाधितः। स्ियामोद्दिरामैकाच्‌ सयोनि प्राणिनाम च ॥ २॥ SA हसा पर BR] TITANS SAAS COAT RCA SST AT ASSO | से पाण्य BSAA NA SIENA |] 2 नामविदयुन्निशणवल्लौ वौणादिग्‌भ्रू नदोहियाम्‌ | ae दिगुरेकाथा न स पाचयुगादिभिः॥ ३॥ SIAC APTAC ASAT A] सिके नर्तना SSO ET Ey STASI AT | GVSIIRATASATAG ASAT] $ दस समासनम्‌ || 8 लिङ्गादि संयदहवगे: | 878 तल्ढन्दे येनिकड्यचा वैरमेथुनकादिवन्‌ | स््नौभावादावनिक्तिन्‌ वुल्‌ णच्‌ USAT ASAT: ॥ ४ ॥ SOS NAT C5 ARN ARR AAMT Say * | (~ Vm Bs PSST TNIV] SAA RRL SIN TAHNE) NOSTRIN || 4 (~. उणादिषुनिरूरौश्च डग्राबडन्तं चर॑ स्थिरम्‌ | तत्‌ कौडायां प्रहरणं Farrer पाल्लवा ण दिक्‌ wy &? Ql NIN ‘a A - >. >| जे WN jj NA] al AA व] | ae oO = क 11111 घजोजः सा क्रियास्याच्चेदाण्डपाता fe फास्गुनो । श्येनम्याता हि खगया तैलम्याता स्वधेति दिक्‌ ॥ € ॥ वरर TASSBISE | SA PAGEN ASS A] ५ स्तौ स्यात्‌ काचिन्मृणाल्यादि विवश्षापचये यदि | MRT ेफालिका टौका धातकौ पञ्जिकाद्कौ ॥ ७ ॥ TAS SCAVSS SNA] त दर ARONA 5] aes 4) AO Pera AC] O OQ A START SHA START VESTS AM 7 =~-~------------ * For १.५६ 2 ee S| 374 RATA: | सिथ्रका सारिका feat प्राचिकोल्का पिपौलिका। तिन्दुकौ कणिका भङ्गिः Gent खचि args ॥ ८ ॥ से <ये. 3522 | RYT YS TAIT AC | मेभ वेर] वित्से दमन पिच्छा वितण्डाकाकिण्यश्चुणिः शनौ zat दरत्‌ । सातिः कन्धा तथा सन्दौ नाभो राजसभापि च॥ € ॥ Age a HAT 8 | Sarg Ra | वैषन्‌मगरमुरवेुषानर] Massie si Guilain 9 भलर Watt पारौ होरा TET च सिप्रला | लाक्षा लिक्षा च गण्डुषा Bal चमसौ मसौ ॥ १० ॥ कमि | ARR TAS SAGA SC senses सुत | ऽ इ वी | TAS ऽते TA |] 10 Yet सभेदानुचराः सपग्थायाः सुरासुराः | स्वगेयागाद्रि मेधाच्धि द्रकालासिशरारयः ॥ ११ ॥ लेसे ह इः | इनता" परस्व RG | SPR वेना कुभजिररुषरे Ray EVRA SCAT ACS | 11 लिङ्घादिसंग्रहइवगेः | 875 ATC छदोदंन्तकण्ठकेशनखस्तनाः | BRIETA: छेडमेद्‌ा राचान्ताः प्रागसंख्यकाः ॥ १२ ॥ ATATATNAGSIOAN | YS NGAT मुनय] HATHA AIA स्व्‌] नुषगोरत। HSPN AIA AC AC ATSIC |] 12 ओवेष्टायाश्च निर्यासा seat अवाधिताः | कशेरु जतुवस्त॒नि हित्वा तुरूविरामकाः ॥ १२ ॥ सवथन सगत] FRAT AGRA STAC SNS | नदस्य || 13 कषणम मरोपान्ता यद्यदन्ता Bat WT | G8 448 F टोपान्ता गोचाख्याश्चरणाद्धयाः।॥ 28 ॥ ददै तर २१९८३ | WIRaIgA 3A मदेर्‌ द 1. 7 erRraga sx acors | ४] घ्‌] AM) ३] NPN] PRAT AaIR 352] दिगा दगागाह १८ | 14 नाश््यकत्तरि भाषे FT TT व्‌ नञ्‌ णघाथचः। ल्युः कत्तरोमनिज्‌भावे को धोः किःप्रादितोऽन्यतः ॥ ११५ ॥ मि< SSAC Sa) Teeargory ST SHAT] WASH NGS | TEMAS AIAA |] 15 876 अमरकोषः | दन्देऽश्चवडवावश्ववड़वा न समाहृते | कान्तः CASITA: पूव्वीऽयः पुव्वेकोऽपि च ॥ १६ | ड <न ती ठत नोर ANT SAS | ॥ 11 ++ NSS SATA US Bae ॥16 वटकश्चानुवाकश्च रल्लकश्च कुटङ्गकः | Get WE: agra विटपदट्र धटाः खटः ॥ १७ ॥ सुर देत] विमना ेर-क२) दुष यद्वस्ते] मापन ALT STSCISABS | 17 कोटरारधट् हटा पिण्डगोण्डपिचिण्डवत्‌ | TS! करण्डोलगुड़ावरण्डश्च किणो GU: ॥ १८ ॥ SCN TAINCFASN STS | Way ्घगक्षप-तैरकठइु SST ASAT TAS |] 18 हति ata हरितो रोमन्योद्ौथबुददाः | का्षमदऽदनिः कुन्दः फेनस्तूपौ सपुपक ॥ १९ ॥ दुक्त च 5 ag | सग ० AMAT SIS <£. | 7) AN तेवर] YTASSSHTCATAS | 19 लिङ्गा दि संग्रहवगेः | 877 आतपः aaa नाभिः कुणपक्षरकेदराः | TELA GAA गोलहिङ्गःलपुद्नलाः ॥ २० ॥ DAR AVANT TAC ASA SCS AY AIST SS GARY HYSTA AS | ठे शुमा यर र RASS |] 20 वेतालमल्लभल्लाश्च पुरोडाशेऽपि पट्टिशः । कुल्माषो रभसश्चेव सकटाहः VARS: ॥ २१ ॥ (1/1 STARA TA TAGS) AEGAN AG HREM TSS AG |] 21 दिदह्ोनेऽन्यज्च खारण्यपशेस्वमरहिमोदकम्‌ | भ्तोष्णमांसरूुधिरमुखासिद्र विणं बलम्‌ ॥ २२ ॥ APBNART TIAA TSPNAS | १] सवरत ACS | PISS ISLS | वद्वनता 2 CARAT AAM हसुखदुःखशुभा शुभम्‌ | जलपुष्याणि लवणं व्यच्जनान्यनुले पनम्‌ ॥ 2s | YISSCATAC ASSN SIN | रेद्नु्गो समिन <| BRON SATSANG SSC ACWIEN STS | 23 48 878 अमरकोषः | कोव्याः शतादिसंख्यान्या वा Wat नियुतच्च तत्‌ | ean मसिसुसन्नन्तं यदनान्तमकत्तरि ॥ २४ ॥ STATA NAA TSN | AGAR LAIN SCN AAC | ॥१1/ | AION SFAC |] 24 | चान्तं सलापधं fre cra प्राक्‌ संस्ययान्ितम्‌ | OTST TATA दिग लश्यानुसारतः ॥ २५॥ HSFA ISNA व] SA AVA ARYA SG] AAS TAS ुरसदेष द] LHBSANAFFFENAILAY] 25 इन्देकत्वाव्ययौभावै पथः संस्याव्ययात्‌ AT | षष्याग्काया बहूना च्ेदिच्छायं संहत सभा ॥ २६ ॥ SNAT AST $] ACSA SS यतित] सरठ। RT SATA SILAS AT | - SANTA CS ASAT I] 96 प्ालाथापि परा राजाऽमनुष्याथादराजकात्‌। दासौसभं saad रक्षःसभमिमा दिशः ॥ २७ | त भन््मतो दवम्‌ | वोप AG VENOM | (~ (~ ^> ॥ 10. Ne ee * For Wa 2 लिङ्गा दिसंग्रहवगंः | उपन्लोपकमान्तश्च तदादित्वप्रकाश्ने | कोपन्नकोपकमादि कन्धोशैनरनामसु ॥ Lez | 1 AGA | -FANSIBN BASS INN BAN GN ACA ATASAIIN | | ASTETaraR FTA! |] 28 ~ ~ FAT भावे न WHR समूहे भावकम्भेणोः। अदन्तप्रत्ययाः परुण्यसुदिनाभ्यां ACT ॥ २९ ॥ SITAR PSCM] SFARTAR AAACN | ० ssc | PATRIA Sa TI SRA | FAIS ANTS TALS ANA TAA || 9 क्रियाव्ययानां भेदकान्येकत्वेऽप्युक्यतोटके | चोचं पिच्छं gee तिरोटं मम्मेयोजनम्‌ ॥ २० ॥ 1 STV ET RIT FAA TGA AACS हिनोत SAPAPSRSTSE SETS |] 9 WHS वाजपेयं WIG HAT कवेः | माणिक्यभाष्यसिन्दूरचौर चो वरपन्जरम्‌ ॥ ३१ ॥ ANTAL 1 बर सुण सष | 1 ANAC 31 a 880 श्रमरकोषः। लाकायतं इरिताल विदलं स्थालंवाह्वम्‌ । पुंनपुंसकयोः ओेषोऽद्वचपिण्याककण्टकाः ॥ ३२ ॥ - abs Bs चमु argc | SRT EN FAINT | FINI BTA] ३५55९२१ क SSAC || 98 मोदक स्तण्डक CH णाटकः कव्वैटाऽबंदः | पातकोद्योगचरकतमालामलका AS: ॥ 3s ॥ BN ATHTSINAQAIASE | ASSASSIN S04 | BITS SANT | 7 मुष्यत मध्‌ ९६|| ॐ कुष्ठं मुण्डं wy बुस्तं afed क्षेमकुंड़मम्‌ | सङ्गमं शतमानाम्ये सम्बलाव्ययताणडवम्‌ ॥ ३४ ॥ BTREN SAT ACAS | तुष से YALA SS SRA SC ATAL AS | कवसनत SESE |] 34 कवियं कन्दकार्पासं पारावार युगन्धरम्‌ | ad प्रग्रौ वपाचौवे यूष जवमसचिक्कसे ॥ BY ॥ Ra Fasracssrsarsc | वदत् दुवि ाम.यै८.३। अण By saererSparac's | ८3९. ८६६ ] ॐ लिङ्गादि सं ग्रहवगेः | 381 asater तादौनां Years वेदिकं भुवम्‌ । तन्नोक्तमि हइ Bashy तचेद्सत्यस्तु Waa ॥ ३६ ॥ दुरन्त AAI ALA SAN | पु सयाक्वरपा SSSA | FAAS TARE STA] FARA BTAAGS || 56 maaan दिचतुःषटूपदोरगाः। जातिभेदाः पुमाख्याश्च wait: सहमल्लकः ॥ ३७ | PAT THAI SHAR | SIG HT SY SAA SANA | AMINSS SSP ISIN | HAV SSA aS ठे] 37 मुनि व्वेरारटकः स्वाति aaa जारलिम्बनुः | मूषा रूपाटौ ककन्धु यष्टिः शटौ कटौ कुरिः ॥ ३८ । शुत पहन सयद] रदगुरतविररव्यशुत| गसः TA TITAS | पिमा रथमप SAC SIAC HATA tI 8 स्त्रौनपुंसकयो भावक्रिययोः ष्यञ्‌ कचिच्च वुञ्‌ । ओचित्य मैवितौ मेचौ मेच्यं वुञ्‌ प्रागुदाहृतः ॥ Be ॥ सरसि नव] उदक वमरितैग 591 देया AL AAA IANA INN | 552 तरय SES |] 39 * For ¥7a% 2 382 अमरकोषः | षश्यन्तप्राकृपदाः सेनाद्ायाशणलासुरानिश्णः | स्यादा सेनं आनिशङ्गोणल मितरे च दिक्‌ ॥ ४० ॥ रगत सकर SEARS रका | न्यक्‌ तोत र35 | सनत HALA NA TIAN) मेव स~ र्नाथ MAA NS BAIN AG स्तव] 40 आवन्न्तोत्तरपदो दिगुापुंसि नस्य लुप्‌ । चिखटरञ्च चिखद्रो च facasa चितश्यपि ॥ ४१ ॥ FNS FERIA YS | SATIS ससग TILA शन्‌ ICY) 41 fag पाची पुटौ वाटौ Wat कुवलदाडिभि | परं लिङ्गं स्वप्रधाने इन्द्रे तत्पुरुषेऽपि तत्‌ ॥ ४२॥ AINA इतत STARA] सुर मुस 26 | गकेव सकरन तमु a SATA: प्रा्लं प्राप्तापन्नपूव्वाः परोपगाः। तदिितार्थो दिगुः संख्यासव्वनामतदन्तकाः ॥ ४३ ॥ सिनष कुष व्ह) FATA APNE | TOSSA ATTA 49 लिङ्घा दि संग्रहवगेः | बहुब्रौहिरदिडः नाम्ना Gaal तदुदाहतिः। गुणद्रव्यक्रियायो गो पाधयः परगामिनः ॥ ४४ ॥ AGA SATAN वग]समविम व्ये ANI | पथस TING | सततय दत्पर || ” € छतः कत्त यसंन्नायां सत्याः Rate कम्पणि | अणाद्यन्ता सेन रक्तायथें नानाथमेदकाः ॥ By ॥ 0१358 रमे] १35 सम्पत्‌ | I PAA AGA SHS | रपर दृनि वृक | SAAN AS TAT TANS | 4: षट्‌ संज्ञकास्िषु समा युष्मद स्मत्तिङ्व्ययम्‌ | परं facie गेषन्तु ज्यं श््टप्रयोगतः ॥ ४६ i 888 स्मेर SHANA IQS | रद्गार मानमि मेस | ANITA SN YSN | SREP SATS AT HAAS | BATA SANS NAS |] 4८ इत्थमरसिंहक्ते नामलिङ्ग नुष्एसने | सामान्यस्तृतौयः काण्डः साङ्ग TI समथितः ॥ ४७ | इति लिङ्गादिसंग्रहवगेः | BMV श्चन दे BSS | ` ऋआ See oom अमरकोषः | A LIS SRSTS 3 STHN P | SAN ` Nat LAL ARR AGAIN २८६ | FAG TAIRA STS A555 | 1 aes ARAL +) MEAT ANAS A) ENS a] 5 ॥ a नहिम स्नव SSAC मस) NR'QEA A TA ETA NST TS | सपण रनु ठन gS |] Amarasimha Amerakosah PLEASE DO NOT REMOVE CARDS OR SLIPS FROM THIS POCKET UNIVERSITY OF TORONTO LIBRARY