HARVARD COLLEGE LIBRARY ` Digitized by Google Digitized by Google Digitized by Google Digitized by Google -2 ८.८.८२, 127 =, १११) is . Ry 5 * ae GSS: १,४४ 4 “io! ne eS Liam प ae ॥ ध aw $ ९८ ॥ १ ^ ० + & (र ह ५ vo ङ्‌ 4 ५९ "नी : (© Si ००१२,६५१, ^ rs id = (व न + का ~ #। 4 म ff च ~: eh 3 4 र, ०५१४१ “^ ++ 11 4 ४ 4 ५, १५ | ६ + ४ ‘\ ‡ क © __— = = rm > ple i , ५ तः =, प e] ’ tr ory Ri "= 1 en `+ । . x < ~ 1 च हु = < # oo Gi ~ § ~ ५ + [1 - . Pe a कन, न 111 Marbard College Library FROM ७०००००० ०००० ७०००००७ ००७००००००००००००००००००००००७०७० ०००० ००००००००००७००५५०००००००००१०००००० BIBLIOTHRCA INDICA; त acy. (ae } N, OF'ORIENTAL WORKS a र { - = == ~ wre ~ ~ [षे Bee PUBLISHED BY THE ASIATIC SOCIETY OF BENGAL. New 8४188, Nos. 722, 760, 794, anv 819. BRIHAD-DEVATA AN INDEX TO THE GODS OF THE RIGVEDA. BY, 0.८.१८ ह € 1, ॥ ^^ क ^ ६4. TO WHICH HAVE BEEN ADDED ARSHANUKRAMANY CHHANDONUKRAMANI AND ANUVAKANUKRAMANF IN THE FORM OF APPENDICES. EDITED BY THE LATE RAJA RAJENDRALALA MITRA, LL.D., C.I.E. . CALCUTTA : PRINTED AT THE BAPTIST MISSION PRESS. 1893. / 0 aie = £95; fly £. .@ > ०. 1.८ .१4८५.८६. भ ‰ ०१८ । Tee aa | Wanrsrea-facfaat | श्राषै-च्छन्दोऽनुवाकानुक्रमणोभिः अनुगता | स्व्गोय-राजराजेन्द्रलालमिब रल. रस. fe. fea. ars. मशोदयेम THAT | कलिकातासियातिकाख्य-समिद्यनुमव्या प्रकाशिता | कलिकाता। वाप्तिख fan यन्ते सुद्धिता | शकाब्दाः १८१४ । Fo wcea | Digitized by Google (inn faints! CLLg JUN 6 1890 Cr RRAR XN : | —— ws वृदषेवता | प्रथमेाऽध्यायः | TENT TAT समानायानुपूरवैश्ः | arenes”) वच्छामि देवतम्‌ ॥ ९ ॥ वेदितव्यं देवतं fe मन्ते मन्ते प्रयब्रतः। ` caret हि मन्त्राणं तदधेमधिगच्छति९)॥ ९ ॥ (afte तदभिप्रायानृषौरं मन्त्रिषु । विश्चापयति विज्ञानं कमाण विविधानि च॥ ₹२॥ म fe कञ्चिद्‌ विन्नाय थाथातश्येन Sana) | लौकिकानां वैदिकानां) कमेणं फलमम्ुते ॥ ४ ॥ प्रथमो भजते त्वासां व्गीऽप्निमिह दैवतम्‌ | दितौयो वायुमिन्रं वा ठतौयः सवमेव च(॥ ५ ॥ श्रथेमिच्छलरषिदेवं यं यमाहायमस्िति | (९) nq इति खर Te ख ° | (2) वेदितच्थं हि तत्‌ सव्यमिति क° We | (३) वदचमविमच्छति इति ख० | (8) तदिन्तानिति ge qe | (४) देवताः इति we घ । (६) लौकानां वेदिकां वा इति we me ° | (0) सग्यमेवतु दति कम qo) 1 R CUA प्राधान्येन asa’) WIAA एव खः॥ ६ ॥ airs नाला रूपें ae ` बान्धवेन ख । खगेयु्धनपुन्नाचेरर्थेराश्नौख्ख कथ्यते ॥ ७ ॥ खत्याभिषौ तु aay द्ेतेऽस्पाह ता इइ । ARAGORN: ख्यः खगं. याभिस्त॒ याच्यते ॥ ८ ॥ rei’) वेद सवऽथमर्धययेष ` मामिति | लोतोत्धर् बरवत सायै मामेव waft ॥ ९ ॥ wifey त्वद्धि षिभिखलदभरिभिः(* | भवल्युभय(“मेवो कमुभंवं Wet: समम्‌ ॥ १ ° # पर्थं देवतानाम afore eA) । तमेवाञजः Yay मन्तं खच्णसंग्पदटा ॥ ११ ॥ ` तमात वेताभाशा= मन्ते मन्ते प्रयोगवित्‌(९) | बंलममिधाना्च(\“ भ्रयन्रोनोपशं्येत्‌ ॥ ९२ ॥ (६) qaq महयति ग ° घ. (a) खलाशरिबसत्‌ arg quart इति क ° ge | (९) शैवंतिं दति we ge | (9) atsuataa af क० | (४) qatgat ब्ुबद्धिवां ऋषिभिम॑न्नदशि भिरिति ee | मन्नेवर्थानुद्भिं भिरिति wo qe | (१) waeewnfata we घर | (e) मन्न्ेऽभिधीयते इति we we Ge | . (<) तस्मात्तु देवतानाघ्ना दति ae, तस्मात्तु देवतां are इतिं we qo; (९) प्रयत्नतः इति we | (१०) बड्धत्वमभिधागच् इति Ho wo | | । he 4 ee प्रथप्नो$श्यावः | | woah तु सुतमित्यनिधोष्े । „¦ ~” दृष्यते शिवता afer” agg इयोः ॥ १ ₹ ॥ देवतावाथे्छन्देन्मा(\षेविश्ं तद्ध कादने(र) । खषिद्धकन्तु arafin arin”) ते पतिः ४:१४ ॥ देवतेक्ञा तु ory देवताचाखद््ते) । यावदये्षमािः wieten वदमि तत्‌॥ ! १ 4 TTR ay”) तच्छन्द्‌ःसक्मुष्छति । विश्रनेतलृ्ठामामिर*) विद्या्चधातषम्‌ $ १ qu Samaria मन्ेषु चिद्रिधानि a : शक्रादय wares aur त्रिपातिकानि a2 © ॥ DNAS sore वे कान्वग्भान्ि IO) ककः, त्रनलेऽम्यरेवतेऽन्यानि(९) ferret veya) ॥ १ ८ ॥ [~~~ a (९) fri तदुदृश्यते चास्मिपरेतस्यामिति कर ae) रकस्येच cafe fafa qe | (२) देवताबीर्थंष्डन्दशतः इति we | eee, 5 (६) वैविध्यशच wera इति we Te we | lice ch MO cal (8) ऋषिष्क्षानि तान्यथ यावन््येकस्येति क° ge | | (५) अदिन्‌ श्ोक्राडखले we ग° Be पकेषु Bat वाति ais ऋषेः um हि तस्य तत्‌ इति mat THA | (६) याः स्यरिति खन गण wo | (9) वेविथ्यमेवं खक्तागामिहेति we me ढ० । ` (८) Pxert येरिति wo Ge We ठ०। ह oe% (€) arf इति qe | क (१६०) निगद्यमेऽच कानिचित्‌ इति ख ग ° एलकान्तस्च | ¢ शषषेवताः areteqrgreweatar तानि नेपातिकानि al “ तस्मादञ्पकारेऽपि.* खक खठाल्मुक्रभागिनौ ॥ १९ ॥ ` देवता तद्चयाखक्म विगेषं(र) प्रतौयते | निने सूकरे वदेदेव देवतामिह शिङ्गतः॥ २०॥ ` तज तज यथावच्च मन्त्रान्‌ कर्मसु“) योजयेत्‌ | देवतायाः परिज्नावान्तद्धि कमं Taw ke श्राद्न्तयोख् सकानां प्रसङ्गपरिकौन्तंनात्‌ । ` श्ताटमिंदं वतास्तास्ता casa we”). मन्तवित्‌ ॥ २२ ॥ तत्‌ VHS: कतिभ्वस्ठ Rear नाम जायते | सलानां(९) वैदिकानां श) यदन्यदिश“). किञ्चन ne vi weg दति tent: पुराणाः कवय ये | : “ मधृकः Steg) sree मन्वते) ॥ २४॥ ` मिवासात्कमेणो खूपाकाङ्गलादाच श्रागिषः | (x) बह्धप्रकाेपि इति Wo Se घर | : (२) afataifa wo, खविशयेव्यमिति ग° so पखकाग्तरच | (a) ferrgm इति we we | (8) wa प्रयोजयेदिति we! (४) देवतानान्ना StAey इति we | देवतानाघ्नामपेच्े ते इति ae qe} (ई) खत्वानाभिवि कर | (©) वा इति क Te | (<) यदान्दिषहेति क° घ० । (€) परादा इति क we | (xo) मधकाश्च तकरेवाखेति क° चर । (XR) मन्यते इति Me Boge wep | | | प्रथमोऽध्याय | ५ यदुच्छयोपवसमा(\''तथामुथायणाष्नपात्‌(९) ॥ २५ ॥ end दति तजाडयांखगाग्यरथौतराः(९ | | आगिषोऽथायवेरूप्या ०) इाचः कर्मण एव च UREN सव्ठितानि भामानि कर्मणाश्चाइ(४) शौ नकः | श्राश्नौरूपद्च वाक्धश्च (९) सवे भवति कमतः ॥ ९७॥ यद्च्छयोपवसना°) थामुव्यायणाच्च() यत्‌ | तथा तदपि कर्मैव aq”) Baa”) ॥ ९८ ॥ प्रजाः कर्म॑समुत्था(५९) fe कर्मतः aerate: | ` कचित्‌ संश्षायते(५९ सच्च निवासाग्ततरजायते(१) ॥२९॥ यादृच्छिकं तु गामासिधौयते(५) लिड कुजचित्‌(\९) | () गच्छदोमवचनादिति क. ऊ. च. | (२) तचा खष्यायबाचेति we घर | (श) cama इति we | (8) wifsatsy च वैरूप्यात्‌ इति कर Ge | wfaitcafyasanteta we se | (५) कम्मैवस्वाह दति we ग० | (६) वाच्यश्च इति we we se | (3) aeweaturanttafa we | (s) बदष्छया निवासा यडा weraaefs we घ० | (2) aga त्वे च इति ग. | (१०) हतवः इति Be No Te परकान्तरश् | (११) प्रनाकम्मसमुल्था इति क we | 7 (१२) कम्भः सश्च जायते इति we, सत्वगा गतिः इति wey (xa) सतो निवसते इति कर घर, कचित्‌ स जायते इति ae | (१४) aw mad ईति घ | (१५) माम नामाधीयते इति we | यादटच्छिकं माम गाम धीयते we we | (९६) यच कुज्रचिदिति we, aftae चिदिति we | , ¢ | डषदेववा ^ ` चेापम्धादेव\ तदिद्‌ भावस्ेवेह कञ्चित्‌ ॥ २ ot नाक्मनाऽस्ति भावो fe नर नामासि“ निरथेकम्‌ | ; नान्य भावान्नामानि तस्माद्यवाण्टि कमेवः ॥ ३९॥ मङ्गखात्‌ कियते wy नामो पवश्रनाच ५ चत्‌ } „ waa हु स्रा grt eercayerfa WO nae अपि क्ुस्ितनामाच् fay जवेत्कथधिरम्‌ | ¦; . इति श्िचन्ते मामानि शतानां वरिरितान्द्रपि^) ne en WAT नानाप्रकाराः EET 8°) eee haifa: | wat चेव fare च ब्राकूप्रभव्रेश were: we sa सुतिः auer निन्दा च awe: afta’? | gent: कत्यमा arama: परेषः मवदहिका()॥ ९ ५॥ गियोगखानुयोगसख क्ञाघा विलपितश्च यत्‌ | (x) Sinan we त्रापम्यादि इति ne qe we | (x) aetufa चर । . (श) at xfa qe | (8) anrare facuafata we | ( ५) यथ नामोप्वचमश्ु इति Re Be Wo | (६) aruret मङ्लानि च इति क° Fo | मङ्कलादिरेति we ge | (ॐ) afafafgqamrarafafa ख. | (<) खपि इति ae | (९) निन्दितान्धपि इति क ° ae! (१०) ये दति me खण पर्तकान्तर्च | (९१) श्रभावारेबतात्मन इति ख ° To अन्धत्यस्तकष्च | (१२) परिवेदना हति कण Go| (१३) क्यगाभ्रासेति ^ । ` (११) wafeger इति ख mel WATT: | 2 श्राचिष्यासाऽचः deren: वविचराश्यानभ्सेव च ॥ २१॥ आहनस्या ` नमस्कारः प्रतिरोध(रस्तयेव च॒ | सदर्पं प्रलापञ्च प्रतिवाष्यद्च भाम यत्‌) ॥ १७॥ परतिषेधोपदेशौ च प्रमादापकवौ च यत्‌^४ | SUNY यः प्रोक्तः. wet भाम९ विश्मथः॥ इ ८॥ श्राक्रोशोऽभिखवसचेवा०ंशेपः शापसषयेव च | उपसगे निपातञ्च भाम शास्थातमित्यपि ॥ १९ ॥ गतं भ्य भविथच qatar ayaa | Taree wen: सववेद खिति fafa’) ॥४ og तेषां निद शंनार्थीया९९) wetodet: पदानि च । PTS चाय कण्पे च निगद्य गोऽ कानिचित्‌(\९)॥ ४ ९॥ (१) अआविख्यासैतिं we | (२) Surat परिज्राखश्यानं इति च. | | , (३) प्रतिराथः इति ae प्रतिषेधः इति खअन्धत्पश्लकस् | (8) तथेव च इति To खअन्धत्य्तकष्च । (४) WE ईति ग ° खन्धत्यरूकर्चं | (१) ta इति ख ग ve Gang | (९) खगो प्रोऽभिद्धवैखेव इति ग° अन्धत्यल्तक्च, याक्रोो ऽभिद्धवसेव इति awe | (<) उपसगा निपाताखेति क° wo, उपसर्गां निपाति we | (€) areata चेति we | ie त aes (९०) खी च इति ग ° Gamer | | (१६) सब्ववेदेषु aay इति we ग ° ख ° खन्धत्यरलकस् ` सम्वैरेभेन्विति farfafafa qe | (१२) वाक्धाथदशगार्थौया इति ० qm) ==, .; :¦ `: ¦ > ` (Ra) विधो wed च देषे च निगद्नते;ज करिचििति क, xe क, ( CURIA ; . Seite ftaty येन zai प्रतोयते । तदाचर विधौ युकं नामेत्थाङ्मनो षिषः ॥ ४२ ॥ wet यच ween aay free: | Ta कवयः प्राङभंदे वचनणिक्गयोः ॥ seh , कियास बोव्वभिषंजितो यः पूर्वापरोश्चत Tea एव । क्रियाभिभिदेन्तिवश्रेम सिद्ध ्रद्यातशष्देन तम्थमाङः ॥ ४४ ॥ क्रियाभिनिदेन्तिवशोपजातः छद कश्ब्दाभिडितो यदा श्वात्‌ | सह्या विभक्वव्ययलिङ्गयुक्रो भावस्तदा व्य मिवोपलच्यः.? ॥ ४५॥ यथा नानाविधैः गन्दैरपश्छलृषयः पुरा | विविधान्यपि वाक्यानि तान्यतुक्रमतः श्ण ॥४६॥ waif: ofa: प्रोक्राऽथा्ौः(५) खर्गादिभिच्लथा | , यानि वाक्धान्यतोऽन्यानि^) तान्यपि श्वृरनेकधा as on 1 7 4 - | ५१ ff | an * १ ‘ । | (x) विभक्छय इति ग ° न्धत्पुरत क्च | | (२) wetenfe भावस्तदा गअव्यमिवापरजच्छः cary सन्द्भैः क ० we , ; . चिङितघएखकयेर्नो पलभ्यन्ते | (श) विविधानौष इति we we चर | (४) खाश्ीरिति ae we qe | (४) यानि इति न्ब त्पशलक्च । . .. प्रथमोऽध्यायः | ~ WAY प्रशंसा भोजस९ चिधक घौभरेः(९ ग) शतिः | . आक्रोशार्थास्ठु gered Carer Sarfati”) ॥४८॥ Seed” निन्दा च rar येभेत्धृगेव तु) याञ्जा^ (यदि क्चित्रेति Gar भौदमिति ate ॥४९॥ राशौ) वात वातु cafe परिंदेवना° | rag प्रतिवाक्यशच ^" श्च्छामि Serer एथक्‌ ॥५ ०॥ arate fear) कत्थना”) स्याग दहं मनुः | दमं गोर, ayfaereat® नियो गः८<) पाद उश्यते ॥५१॥ (१) मनवः इति क qo | (२) waytgtore इति ae we wana मोजस्येति we | (8) सौभरखतिरिति we | (9) मा मामे ाभिमेष्यति इति we, माता मे भिमेति इति Hoge | (४) ऋम्मीयमनतिदाच इति we | | (१) यास्यां दति we, याचा इति ग ०, यचगा इति Bo we | (9) दद्डादिपरिवेदना इति घ, दग्डेतिपरिवेदना इति wo qe | (८) संशयोधः खिदासौदिर्क्थना दति कर qe, कच्छना इति we | (€) यच्चमिवाद्यानियोगः दति we | (१६०) उत्तमे इति क ° घर | (क) ऋ ° १०१६०७९० । (ख) We ८,२१.१६८ | (ग) We sre, २ | (घ) We ६, ९६०, २९; ६८५४७१० । (ख) We Lo, १९६७, द । (च) we ८, RO, Re | (G) We URE, ९ । (ज) We Loved, १। (भ) ऋ ° १, १६९) ३8 । (अ) We ६० १२९०५ । (ट) ऋ. 8; ages (ठ) %e ८ ६, ४। (ङ) Wer, x, VI | $ @ CHUA . Oxy त्रवोलनुचोगः dara VegadtyaeK । प्रतिषेधोपदे ग्नौ?) तु श्रचेर्मत्य.गगचसंस्ठतो ५) ay et आख्यान्तु दये जाये) fre Once ar | श्रवोरामिव at) ere) सुदेव इति qu ayel नमस्कारः) इमः पे, नमस्ते wey विद्यते । खद्ल्ययन्निदः तुख्योऽदं स्यामिति यदु श्यते(<) wy gn weary” afenre प्रलापक्छेतशस्य जुः(*)(१९०) | महागर्न्धाइनस्ा तु प्रतिरोधो अुगित्युत(९९ ॥५५॥ (x) Serra इति mo To qo | (२) autre इति ख ग° Game | (३) प्रतिषेधापदेग्रौ इति घ उ. । ` (9) अक्तेरित्वशषसंशत, दति च ० | (४) खाख्थातमिति एखकागरम्‌ | (६) स्थादिति wo To प्खकान्तर खु | (७) अवीरामातममः चाचा दति we Ho ge | (८) नमस्कारो मत ऋषे इति क ध. दष इति we, RT दति Bo} (€) यां कस्ययन्ति ने स्यः ufcargufay 3 दति we | (६०) a: इति Bo To ख ° पुस्तकषाम्भरद्च | (१६) महानग्न्धाह नस्यास्माब्रतिरागो धुगिल्पि इति we, सगि. ` तपि इति ग, प्गित्यमि इति weave | क = =-= ~ (क) Wet, ३५, ¶ । (ख) Zo =) sea, 8 | (ग) ae १०, 88, ९द। (घ) He १० ९४,९। (द) ured, ४ । (च) wee ee, ८९, ९ । (क) We Re, €8, Rol (न) we ९, RB, RR, URI (ग) ० =१७,१। (WR द,९५,४। परथमोऽष्यावः | १९८ Tae ee” नमष्ट इत्य मिङ्घवः(९)। ` एराङ्लेयुपमेवो((९) ग विजागामि) संज्वरः ॥ ५६ ॥ हेातापशदिति प्रैषः“ को wef तु विश्मयः। जामन्न*पङृवो नेति विततादिः*) प्रवङ्धिका(९ ॥ ५७ ॥ (गम्‌ ब्हत्युरासोदित्येतामाचिश्यासां (९) प्रचश्चते() | afr Oren: सनतु a at” गौतमे५५९)॥ ४८ ॥ बहृषयेवं wat Oey weal द्रष्टु मिहाषजम्‌(\९) । (१) प्रमोदश्वेष इति we (२) WATERWAY ममख cares इति we, नसख इश्व; इति we | (३) इश्राकुत्ेतकपप्रेनो इति wo, इन््राभरे्पमेगो इति कर ve | (9) होताप्छदितिप्रेषा इति we | | (४) भामये इति ao, नामहरु इति ग °, यामनु इति खर | (६) wafegat इति wo गण | (9) नाचिख्यासमिति क ०, माविद्यासामिति ख.,माचिखासमिति ge) (=) प्रचच्छसे दति कण, प्रच्षमे इति we | (€) आविष्रापोः इति we | (१०) axfafa wo | (१९) aata® इति ख० | (१२) ब्रह्ममेव प्रकारमिति we | (१९) इतीटृशमिति we ग ° प्रखकान्तरष्‌ | (क) ऋ० १० १६९, € । (खं) We Ws १६० | (ग) wey, Rt, € । (3) Wo ९, (CB, Re | (ख) WoW, १५४२, 8 | (च) । -¶. Re, VRE, २ । (ह्‌) चट ° ६, ७€, ९०। ay प्रयो गतसेषाग्क्सकाधचेसंभितम्‌(\) ॥ ५८ ॥ एते तु मन्लवाक्यार्था देवतां सूक्रभागिनौम्‌(९) । संश्रयन्ते यथान्यायं स्युतिख्ख बालुमानिकौ.“ ॥ १ ° ॥ भवद्भूतं भवियच्च ङ्गम स्यावरञ्च यत्‌) | meaOgaada प्रभवं nwt विदुः nett कअसतञ्च aga Matfater®) (वप्रजापतिः। ae ace May ata egy शाश्वतम्‌ ॥ १२॥ waa’) दिन, भिधा तमानमेवु लोकेषु (म) तिष्ठति | (९) ऋकदक्वा्ैचंग्रस्लिति दति कण, चेषा यक्मुक्ताथचसंभित- fafa ae | | (२) देवतां खक्कभागिनामिति xe घम, देवता quanta दति खर | (श) ayaa इति we | (8) त्वा आनुमानिक इति खर, तज्राजुमानिकी इति ae | (४) मवद्भतस्य भव्यस्य नङ्कमख्ावरस्य च इति Bo ग ° पस्तकान्तर् | : (¢) wet इति क° ge | | | (9) एषामिति क०। (<) weate वाच्यमिति ग °, वाक्धमिति ख ° पुस्तकान्तरष्‌ | (€) quagy इति ग° vo एस्तकान्तरख | | (१०) wee इति we ग° एस्तकान्तर। (क) Hod, XR, 8 । (ख) चट ० ९; Ud, QI (ग) Wee, १०8१९ | (घ) Wee. UR, Rl (ख) Wer, १६४, 8२ । (च) Me ¢, go, Qi (द) Wet, ९०; 8 | (ग) We t, eRe, २४ | (ग) Wee, ९९९, ९ । (भ) We ९; ५९, ९९६ । 7 प्रथमोऽध्यायः | १ Weary यथायथ, सवान्‌ fara” Gq” chag ug git uagag” लोकेषु wfinai सितं fre । Cerna feet व्य कितं(९) (कनाममि^सिभिः॥९ ४॥ तिष्ठत्येव WO) क्तानां) जठरे जठरे ज्षलन्‌। fret चेनमचेन्ति हेाषायां) amafee: ॥ ९५ ॥ Cee) Caaf es’! gaa) | ayia ® विरस ashe इरचिरच्यते ॥ ६ ६ ॥ दरहाभ्नि्चतस्त षिभिलंके gata डितः(*) | (जातवेदाः तो मध्ये खतो वैश्वागरा दिवि ॥ ६९ ॥ | (x) waaay इति we we | (२) afsafafa ve घ. पएरूकान्तर स | (a) रच इति ख, रष हीति ग ° परूतकान्तर च | (8) पवमानाभिरिति क qe | (y) वनस्पतिरिति ख Te Se GRANTH | (¢) अमुश्जित्रेव एति ग° ८० GERIATE | (9) लित इति क° We Be | (क) We ९, ९, Rl (ख) Wet, ९९१, ८ । (ग) ऋ ८, ८४, ८। (ध) Wet, १६९, el (ठ) Wet, 8८, ९४ | (च) १, €, € | (ट) wee, ६०, Rl (ज) Wed, Cay, Cl (भ) ऋ० ५, ye, y | (ज) He ३, २७, € । (ठ) Wee, १०8४, ९ । (ठ) Woe, ३, ३। (ड) We ८, १०९) ६४ । (ए) ऋ० १, १, २। (ण) We १, go, 8| (त) ऋण ९; qq, I (च) %e १, ७७, a! (द्‌) १ ५४€; € । ts CREAT. rare tfafa era” वायनाऽयं गतः ay) | Maga च यल्लोके) qa, Mri स wa nes Marfa rhea ag wears च। ad Oferta विश्नेयासिख wae” देवताः wee ॥ एतासामेव माहाव्याश्ञामान्यलं विधौयते | तन्तत्खानविभागेन aT aT” ॥ ७ ° ॥ ran faa न)विग्ूतिदहि Yaar यदनेकशः | Merwerany wag) कवयोऽन्योऽन्ययोनिताम्‌(५ we १॥ यथाख्वानंन) प्रदिष्टास्ता °) नामान्यतलेन देवताः | (१) सष सखतः इति क ° Ge । (x) तु qa इति He घ | (a) मध्यतः इति qe | (8) wafe इति wo ae | (y) aa ade दृष्यते इति mo Se पखकाम्तरद् | (६) अन्धोऽन्ययोगितामिति wo | (e) gy इति क०। (क) wet, १९, S1 (ख) We B, २६, ई | (ग) ऋ० १, १४, १०। (च) Wey, se, द। (ख) ० १, २६, ६। (च) we ९, २, wl (ह) Zee, toe, Rl (ज) ऋ० १, ९२ | (ग) We १, €, € | (ख) We ९; ४,६। (ट) We, ARB, QR! (ठ) wer, २९, pe} (ड) MWe, Ui (ए ee, 82,51 (श) Be १, seer (ल) We, २०५५ । (थ) ऋ० १, ७२, Ql (द्‌) we tags, QI (ध) Wey, ५०, ८। (म) We ३, Re, WRI प्रथमोऽध्यायः | १५ Taran” केचिदेवं वदन्ति an yor i (गष्यक्‌ (गपुरस्ताद्ये aw’) शोकादिपतय(ब)(रसखयः । (तेषामात्मैव तत्समे यद्य्क्तिः प्रकीर्यते“) ॥ ७ २ ॥ तेजसे aed”) प्ाङवाहम्ैव तस तत्‌(९ । reg दिव्याश्च Varad एयक्‌ स्ताम्‌ ॥ ७ ४ ॥ बङ्देवतायाः Oat द्दशः gary) याः | प्राधान्यमेव सब्वासु(* पतौनामेव(९ग) ताखपि ॥ ७५ ॥ eS oo ET (९) नेवं केचिद्दन्ति तु दति we ae, तु Karat इति पुखकान्तरं। (x) येन्यक्षा इति we, पररराद्यौरक्ता इति च ° | (a) लोकाधिपतयः इति कण घ | (४) azagin: कौश्ये इति we we | (५) तेजस्ते वायवः इति me we, वायवाः इति ग०। तेजसे वावा इति we, | (q) यस्य यस्‌ इति क* ख० ग» ८० एलकान्तरष्‌ | (9) feag सुतयश्च इति ae ce पुशलकान्तरघ्व, fea ततवश्च इति we | . (ख) प्राधान्धमेषां भूतानां इति we च० | (€) इव इति खर Te Go | (क) ou, २। (ख) We १३१) Vl (ग) We ९, exe, vol (घ) wet, 88,81 (ख) ऋ० १, २९ । (च) We १, १९५) १। (ह) ऋ० २, १५, 9 | (ज) ऋण ९, WAC । (भ) Be €) € ७, १७ । (अ) ऋ“ ९, 8०, ¢ | (ठ) We द, ९४१९ | (ठ) We श, Re, € | aq CURIA ent (नामानि were” देवतायाः ait स्हतौ । सन्पादयनुपेकेत.याङ्ाञ्चिदि सम्पदम्‌ ॥ ७ ६ ॥ शअरग्निभक्नेस्त तान्‌ सर्वाम(गग्राषेव(₹) समापयेत्‌ | यदिन््रभक्रि car” ("सूर्य॑ रूर्यालुगश्च*) यत्‌ ॥ ७७ ॥ निरूणते(९) eda ga Ort च (गया । aq aq प्रधानं ere निपातेन Oa: (गसतुताः ॥७८॥ ` (दू ति(<नयाणामेतेषा(१० Fam: सामासिको विधिः | समासेभेवसुक्रस्तु**) विस्तरेण aaa?) ॥ ७< ॥ (x) afensifa क° wo | (२) संवादो यस््वपेच्छेत दति we | (a) या सव्वामम्नावेव इति क | ' (8) यदिग्रमक्तितस्छेन्रे इति we ue | (५) सौर्ये इति wo एलकान्तरच | (१) निङप्यत इति we | (9) wat दति we | (र) aa am प्रधानोऽसौ न इति we we | (€) इद इति we घर । (xo) खवेधामिति ate | (xx) aarrey तत्सव्बभिति क° ae । (९२) श्नुक्रमादिति ae | (क) ऋ० ५, O¢, 8 | (ख) Wet, ७२, Rl (ग) We ९, VRB, १। (घ) ऋ० १, २,१७ । (ख) ऋ० १०१, ई । (च) ऋ० ६,९२१ १। (द) ऋ० ९, €8, २। (ज) We ९, १२३, 8 । (भ) We १, २८२, BI (ख) We ves, col (ट) Wer, Get (ठ) Wet, xo द। (ङ) ऋ० ९, RR, ९७ | (ए) We 8, Re, ७। | प्रथमोऽष्यायः। १७ अवश्रं षेदित्यो fe ara क्ख विरः 1: ग हि (गनामान्यविन्चाथ sper: शंवधा fe वेदितुम्‌ ४८०॥ waranty च वटेवता च(९) महर्वयः । Tew MTV तासु arg wae ॥८१॥ येखवग्नि “ररि: ()घोमसख Sara: नस्या दृस्तिः । Srextse © fey: Pasay: Oger सा(५तऽय्‌भवो ९८5 धिगौ॥ ८९ ऽरोदसौ “मरतो Var) (ग एथिथापः (प्रजापतिः | (६) arat इति me oo, are: इति ge | (२) देवतावदिति wo ge | (३) FETE प्रशं खखेति क go | (४) येरभिरिति ae | (४) वा इति ख° we एशकान्तर् | (१) पुषोषा गवः इति me घर | (©) देयः इति क ° qo | । ’ = oY ४ क : < ६ (क) He १०१९० | , ख) ° १, ७२, द । (ग) ऋ ६१९०१९४ | (च) ऋ ६, २२० ५। (ख) wee, ६८, ९ | (च) ऋ. ११ ९, २। (क ऋ १,१,२९। [ज) wee, aul (भै) ऋ. १, १८, 9 । (ण) ऋ“ १, ११७, Rl (ट) we १, २९, १७ । (ठ) ऋ. १, १५०, ३.। (ड) ० १, २२, ११ । (ए) we 9, ५७, ८ | (ब) ऋ १, २९, १४। (व) We ६, ९९०१। (च) wow, on, ७। (द्‌) wer, १६९०, ५। (ध) WR, १५, २। (न) We १, RR, RE] (प) ऋ. १, २२,१९६। (फ) %° 8, ys, ₹। + i) RE oe 8 xc कद्देवता Mad च (रमिजावरणौ एथक्‌ शह च TM GT IT eA fay च देवाः (सविता Yast वे रूपटकमत ९ | Wart ™ oq द्विजो Vag OOm ara रयसयुतः(९) Ho ve @gar: एथक्‌ एयक्‌ CS: सेः grata”) Carafe: | gat gat प्रवच्छामि (शतानि नतेषामनुक्रमात्‌॥८५॥ व्यवे apa शिद्गेरप्र्" afer | efrefe:© प्रधाने) नामाङानेख Fae: ५८ १॥ (x) waar: इति घ° । ` (२) aw इति ae | (१) रथसयुगः इति ae | (४) aaqy च दति ae । (४) 4 fa ae | (ई) efratie दति ग° we, whatgichas ¦ सनौचीनः | (2) निरूपयेवमिति घर । [त a ब (क) चट ° ई, ४९, WI (ख) we १, २५) ९ । (ग) We १, ६७९); gi (च) ऋर ६, ८६, १०1 (ड) He ९० २९४८ । (च) ek, RR, २। (क) Wot, २६) = ।. (ज) ऋ ° ९, ६४०२। (म) We a, de, RI (ज) He १; ४९, ७। (ठ) Wer, =€; 9 | (ठ) qo 9, ७, ७ । (ड) B° ९, ६८, 9 । (ए) He ९, ९६५५१ ई । (व). We ६, ४३, द | (त) ऋण ६०२१६ ।. (थ) We Ry RR । (द) We, २.४; २ | । — प्रथभोऽष्यायः। te Reg मन्त्र) वाये छिं्े(रोगरेख ea” । wang?) Mage qT बलेन च ॥ ८७॥ सौ्यस्ठ fay सूरस्य" गुणः wag Ree: । arate” चन्द्रस्य greg” Mastic येः(<) ॥ ८८ ॥ एतासां(५*) देवतामान्तु नामधेयारुक्भैः। (कयस्य way यावन्ति न are Ma ™oqur ॥ ८९ ॥ ged प्रयो गस्लेतेषांर) etree) fag® वन्लेतां । (x) Dre दति ख घ। (९) wah इति चर | (a) afwafafe ae | (9) माममिचेव इति कर घ. | (४) stare इति ae | (¢) च इति we we | (e) मामधेयेखेति we ग° ge | (=) quiry इति क घर । (€) a इति we एकान, अखिकेरिति घ | (१९०) खअन्धासाभिति ge | (१९) म वस्य तः इति Te चर | (९२) व्धोतिष्वु दति we घर | (क) wet, १४७, 8 । (खं) We द, ४, ८। (ग) Wed, Azo । (घ) wot, १९, ९ । (ख) We १५५, द । (च) We १, ६२९,8 | (क) ऋ० १,५, ४ | (ज) ऋण ९, Get (भ) Be 9; QR, ८। (भ) Wet, Ug, | (ट) We XB, tI (ठ) Wek, da, ४। (ड) We ९, ८९५ RI | Re , QUIT लोकेषु मन्तविरदिदरान्‌ प्रथोगेनावसौदति ॥ <° ॥ aed after जयत्य णसा दसौ च तं । OAR (गमौ च Omg: कले सनामानौ weg wera’) ne १॥ यन) दि ते चर) ora) जतियेदधा ऽज“ विद्यते | तेनेमौ तुष्धनामानावुभौ Stat Targa”) ॥ ९ ९ ॥ विङ्जसरयमेतेषा^) (गभ्नाजते व्योजि (मध्यमः | निपातमातेः wean?) तथा" प्रर्ाणि कानिचित्‌ ॥ ९२ ॥ (१) सङ्ृदिति we | (२) सनातनो इति we | | (x) यन्रस्येति we, wie: खन्‌ इति घ. | (8) खयेति qo | (a) समनच्रता इति घर | (१) खजन्तिरयमेकसत्‌ इति ue, विव्य मयमेतेषामिति ख. | (9) कख्यन्ते इति घर, were इति ग° । ` (<) wey इति ae) (क) We १, २०, URI (ख) Hee, २७, RI (ग) He 9; २९, a1 (च) ९, १७६, 8! (ख) We ९; Lou, ९६ । (च) We ६, A, qi (ह) कट० २, ४०; २। (ज) Wet, ६७ ४ । (भ) We १,११.१ =! (ग) Wet, ७8,९। (ट) We eq Ol (ठ) Wed, WR! (w) %€° १०) २०, ३। (ए) ९, १९४, १९ । | ‘ (म ४ oo re) 4 rad ^ * +“ i , प्रथमोऽध्याबः। २६ afar केश्यं लप्निरविशुद्धिखेष(र मध्यमः | असौ a” chat art Arar”) केशिनः) ॥ ८९२ ॥ एतेषां तु एयक्वेन waret केशिमामिडह | संलच्छन्ते प्रक्रियासु रयः केशिन्‌ दत्य चि" ie ४ ॥ न aut” प्रसूतिर्वा fect: खामजब्ध at) | frig शक्यमेतेरिं wed व्याप्तमिदं जगत्‌ ॥ ९५ ॥ Bera fat wfc वैश्वामरः भरितः | अभयो.वार्नातवेदाख तयेव (र जातबेद सि) ॥ < ९ ॥ (x) ऋषिभिः केश्यं दति we, अविभिः Safar se । (२) wia इति ग ° Ge | (a) कुरम्सिभिरिति we | (४) तेन माना इति ae | (४) प्रकिप्तानि ware watfa च दति घर | (ई) नव्वेवैषां इति घर | (9) विभूतिद्यागजन्म वा इति Be Te | (८) F-armz इति we घर | (€) aut इति we घर | | (xo) तु तथेनौ जातवेदसी इति कर Be ग Te । (क) wey, ७६, ८। (ख) Were, vor, Cl (ग) Bek, १९, ८। (च) ऋ० १, ६६४, 8४ । (ठ) ऋ० 9, ५,५। (च) ऋ १) ७७; ५ । (क) चट ० द) ९६) ४२ | BR Ceaat श्षालोक्याश्चैकजातववाद्‌९) व्यातिमच्नान्तु तैजसः(९) | तस्य त्ये? देवलं दृश्यन्ते ते “एक्‌ सताः neon यम्वाग्रेयमिति ब्रूम८% सखक्भाक्‌ तच पाथिः । जातवेदस्यमिन्युक्े GMa मध्यमः Wa” ॥ ९ ८ ॥ वैश्वानरौयमिति तु यज बरूमो°ऽय वा कचित्‌ । qe”) भाक्तच Hat वैश्वानरस्ततौ(\९) wee ॥ सयपरखतावद्नौ तु get’) पार्थिवमध्यमौ | एतेषामेव शोकानां जयाणामध्वरेऽध्वरे ॥ ९१००॥ (करोहाग्मत्यवरोद्ेणए चिकीरषन्ाभ्रिमारतम्‌(९९ । (९) रखकलन्याश्चेति we घ. | (२) व्यापतिमक्चाच्च tore: इति we ue | (8) यस्य यस्ये इति we घम, तस्य aw इ इति ख० Te | (४) च इति we Te | (४) हतिष इवि we । (q) यश्वापनेयभिति ब्रूम दति ग ° यक्वापरेयमिति घर | (७) सहं भया तु इति क घण | (ख) खक्तं मत्तया तु मध्यमः इति we | (€) xem यदुगरुयामो दति we we | (xo) चय्यः gma we | (११) quam Gee Wat वेानरो दिवि इति we घ० | (१२) eit इति Be, दृष्टो इति कर qo | (xx) चिकौ॑ब्रभिमारतमिति ae | (कष) We, wg, २। प्रयमोऽष्थायः। RR we वैश्वागरौयेण सक्तेन परतिपद्यते ee td AS AMT देवतास्छनुशंसति(र) । we! मरत्ैव aaa rt पुनः ॥ ९०९॥ तथेत(*'दुक्तमेतेषां विश्ठतिस्वानसन्भवम्‌। यथा च देवदेवस्य तच AWE इष्यते ॥ १०२॥ यद्र ए्थिवोखानं पाथिवं चाग्निमिश्रितम्‌° | ASAT” कथ्यमानं निबोधत ॥ ९०४ ॥ | जातवेदाः जितो qf Oaht Barre” भितः(ब) | (x) wreafafer Tre | | | (२) मध्यमे श्यानारेवताख्लनुश्ंससि इति wo, देवतास्य शंसति इति we | (द) wrefa we | (8) सोजियाभिमिवि we | (४) यथेतदिति wo ग° च. | (९) तथा इति खर गर go | (9) वाभिमिशितमिति we घ °, वारिविभिश्ितमिति se | ` (८) era ya येति To Yo Go | | (€) aft इति ue (क) We ३) ७७, ५ | (रू) चट० ९, 01 (म) ऋ० १, ५९, CI (च) Woe, Ou, VI Rs CUI camara जितानि" तनूनपात्‌) ॥ १ ०५॥ ॥ मरा शं सः(ष) feraa® मेन(र)मेवाभित(रस्िशः(ब) | agate yg TN fy aaa तु सथिताः ॥ १० ६॥ नक्रोषा० सा च देव्यौ. च होतारा(मीवेतदाश्रथौ°) | देव्य(८सिखः भिता्ैनं व्ष्टार) aera: ॥ १ ° ७ ॥ श्रितो वनस्य तिनं) arena एव च । esd nefaga मण्डुकारेतद्‌ाश्रयाः(९.) ॥ १०८॥ (९) खम्रिरिति ae | (२) रतमेगमिति ग ०, watafafa we | (a) afar इति wo घ” एस्तकरान्तरच् | (9) देवोऽभिभिति we | ` (५) zafafa we | (ई) Zant इति we | (9) खतदाशितौ दति we, wlaret च तदाश्रयौ इति पलकान्तरं | (<) देया इति we | : (€) wafafa खर | (१०) aarsat इति ख° | (क) चट ° १, १५, Oe | (ख) We =, ९५, २। (ग) We १, १८८, २। (घ) Wo ९; (BR, Rl (ख) Wet, €; RI (च) We १, URS, १ | (ह) ऋर १,९.९१ ६ । (ज) ऋ० ६, १९४०, ९ । (भ) ० ९) १३, ७ । (=) We ९०, ga, ९० | (ट) Ze, RR, RI (ठ) ऋ ° १, €०, | (ड) Weg, ५९९. । (ए) Me ९, WE, ८। (क) We ७, ९०९; ७ | TUS TT: | | Re Oqrare Maya, नराश्रंसस्लया ce | Opehreqty mga) WAR भोश्रवो(९) wa™ ॥ १०९॥ en चेतदाभितेषुखच(° भिता we च था | (ग)लृषभौो दरषण“)चे लग) (१०) मेतं पितुरुखुखलम्‌(९५) PH १९०॥ मद्य्ेवेनमापख सर्वादचोषधयसथा(५९) । TITTY TA LAT FH ONE) ग्रद्ध(रुला नः एयिवौ(वःतथा(५)॥१९९॥ (१) sraat इति Bo, aay इति गर | (२) श्वभिति wo, wafafa ae | (१) awa दति ग | (9) wafafe ग ०, wafafa go, पुखकान्तस्ख | ` (५) इश्छन्नी इति gerard | (ई) अभमीषव इति पाठः qayaaat भाति | (©) श्चाश्रयेषुरिति ae | (ख) apart इति we, चाश्ाणनौ इति we | (€) खषमो gaa इति ग ०, दषाडबुचय दति we | (९०) wafafa ग° go पुरकान्तर च, णवमिति घ. (११) इषमेदुष्यणेलमेबेतं पितुमुसूखलमभिति we | (९९) सदेति wo, wal ओषधयश्च हेति To Zo पुशकान्तरष्‌ | (९९) राचिस्याङ्केप्यर्ण्छानी इति wo, रा्यघामाग्यरण्यानी इति गर Bo, शाद ग्ंएरकमाने अरण्यानीति दौघ॑खरान्तपाठौऽलखि | (१४) srar द्यावा एयिष्ययेति ao घ | -_ (क) ऋ ° ९, ८९) 8 । (ख) We €, 9B, a! (ग) We ६, ९०३१८ । (ध) We १, २८ ५ । (ख) weg, ७५५ । (च) We द, OU, eB! (ट) ऋ० ६, ७५, २। (ज) ऋ० ई, Ou, द । (भ) Wey, ६२, 9 | (ज) Woy, ३९, ५। (ट) Wey, €४९८। (ठ) wee, ९८ द । (ड) Wey, ad, ८ (ए) We १०१ eed, २। (ब) 9, QR, १४ (a) ऋ ° ५१ € । (य) We ९, zz, eal ४ Re - CHUA | भजते Va’) HAAGHPVO) इन्दग्डते च TAOS | qaqa” Qa") दविधाने च ये wane ee जेाद्रौ"चोर्जाह्कतौ.ष) Va seg) च विपाट्‌(च) सद ! यौ च देवौ wearer tO तौ चाग्नौ चैतदाश्रयौ<॥११९२॥ शोके 2°) यच्च 2 प्रातः सवम) क्रियते मखे) | वम्तभ)ग्ररदौ' चद tO sagt) Faq) nee vit — (२९) चैवभिति wo, मनेते चेतमिति we we, मजेते चेनमिति Te (२) रवार (ब) इति me Te wo | (a) तु tew इति Ze | (8) wafa क wo | ' (४). जोषा इति we | (१) चोर्गाङतिख्ेनमिति we, रेति we घ | (9) gaan दति we | (=) सनासीरौ इति we | (€) चैवायेतदाअ्यो इति we घ, चाभि चेतदास्येति we | (१६०) लाकेोईयमभिति meme चर go | (१९) च aferaq इति ae च| (क) Ze, ६8० € । (ख) चट ० ९, १९७५ | (ग) ऋ० १, २८, ई । (घ) We ८, Re, 8 । (ख) We ३, ९९, ९. । (च) we ३, ३३, ९ । (ह) Wes, ५७, ५। (ज) Wot, १९, ५ । (भा) ऋ० १, ९, ८। (न) We Xo, Eo, ९ (ट) Wek, OR, RI (ठ) Be १, ८, de (ड) We RR, ९ । (ए) ऋ° ६१ ९४०५२। (क) We ९, ०५, 8 प्रथमोऽश्यायः। Re TAN” Vafirg यच्च साम(रथन्नरम्‌(५८ग) | aan साम च acre @y वसु भिः(च)(र) सह ne can TRU च मर्द्धिखच सोमेन वरुणेन च । प्बेन्येनत्तु भिदेव विष्णाना ere संस्तवः ॥९ ९ ९॥ MAN पूष्णा च(९) सात्राच्यं वरुणेन च । देवता arerea®) इविषा. awe तथा ॥१ ९७॥ देवताम्थैत्वन्लो मन्तः Tea Owls: | असन्ततस्या(८)पि सतो<) इविरेकं(\“ निरूणते ॥११८॥ कमे दृष्टे च\९) यत्‌ कििद्‌(५९) fara’) परिवन्तंते । (१) साध्यं रचन्तरमिति we | 2 ओायश्रवद्षभिरिति खम, arava वद्चभिरिवि te घर Ge | (१) पेशखेति we, एसा चेति so एसतकान्तरख् | (8) पि इति we qo | (४) दविषः इति क ° qe | नि es (६) स्याजयेदिति ae qe | | ष । (9) विदुरिति we | (८) खअसंखकतस्येति कर घर | (€) विवतः इति ae | (१९०) र्षा दरति wo, वमिति ग° | (१९) तुदति कण धम, कम्म टृर्ेष्विति Se पररकान्तर | (१२) यः wfafafa ae च| (१९) विक्षये इति ue, विशये दति se | (क) We Ro, ६९, १६ । (ख) We LR । (ग) We १०११८११ | (घ) ऋ° ९० १,६४.५० । (ख) Wet, ६०५ € । (च) ° १, Vs, I Qc इङद्ेवता । ` इत्युक्तोऽयं गणः wa: एचियन्धाञ्नयो महान्‌ ॥११८॥ seat!) मध्यमस्थानेा गणः सोऽयमतः परः | विमानानि च दिव्यानि गन्धर्म्वाष्परसां(रःतथा wee ot इन्द्राश्रयस्त्‌(९) पन्जन्यो इद्र वायस तिः | वरुणः कख AG देव ब्रह्मणस्य तिक) nee vi wae विश्वकमां च मिः Saat ea: | ताच्छौ वास्तोष्यतिखेव र सा्ेवमच इ(९) wee ei अपानपादधिक्रा.'ख.°) सुपणा(ग)ऽथ पुरूरवा (ब) | ष्छतो)ऽसुनो ति (षव मकञ्च~) तयेन्दुख स्यो दितिः) © wean (x) am: इति कर we | (९) waargce: इति we we, गखच्याद्यरसामिति we wo gE- RATE । । | (३) ware ser इति क° चण । (8) मनुर्वि Bo Ze | (४) fawstrufafifa wo ग | (९) wag दति कण घर । (9) अपात्रपाद्‌धिक्रा चेति we wo Se, सपात्रपादधिक्षाखेति ze | (८) वैनख्धेति ae । (2) n@eearad दिति इति we wo, waza स्रिय दितिरिति Bo एखकानरद् | (क) WR, २४, २ । (ख) We 9, ३८, € । (ग) ऋ ° 024,09 | (घ) Wet, ६९ 9 । (ड) Me ८, ६०५ । (च) we ६०, १२,४। (क) We, ८९, ५। (न) We 9) ६५० ६२। TTA | RE लष्टाक) च सविता चेव at arqu fren | धाता प्रजापतिरेव suataMe’) ये खताः wee gi गव (षञचेवमभ्निखच(९) ater") चेव थाः खताः । विधातेग्डुर हिवुध्न्यः (चसो मोऽदिरथ चरमाः ॥१२९१५॥ विश्वागर'*ख वे(५)देव खगा न) sgt गणः ॥१२ ६॥ मरतोऽङ्किरषयैव पितरञचतभिः सड । TAT Opa arcana ag era) श्या सरखतौ॥९२७॥ aan @ faa पर्या) खस्तिव)रुषाः ae: । (९) are: इति कर qo | (२) वायब्बाडसखेति wo | (३) श्छेगखेवेवमापञखेति खण we | ($) चेवेति we एरूकानर | (४) खत्रा्ां चाभितः इति कष ° धर | (६) रका इति we | (9) वाकसरमा्यश्धेति ड० | (८) wafafa we | (क) ऋ ० १,२२.२ । (ख) Wet, २८ द । (ग) We €, १९; २। (घ) Wet ४८ ९ । (ख) Wet, ia, € । (च) Wee, eed, a! (ट) We १, ६८६५१ । (ज) चट ० 8; BU, २। (भा) Wek, ६२, =I (म) Wo ९, १६४, Bul (ट) Wee, ९२, Bl (ठ) चट १,६०५,९ | (ड) Wt, ५८, ९६ । (ए) Wer, १०९१; 8। (ब) WeR, BR, ८। (त) We ३, ४४; ul (य) We & Se, CI ge CHEAT : परधिव्यतुमतिर्धलः HAMeaMen ava’ at: । MA च रोदसौ.ष) चेव cxrverVaa वे पतिः yet कन्दस्तिष्टप्‌ च पद्ध ख शोकानां weary यः | एतेष्वेवाश्रयो.विद्याव्छवमं(व मध्यमश्च यत्‌ eee चत च Tusa यच्च सामोच्यते* टत्‌, THUG” च यद्गतं AST ABTA WAH ॥१२०॥ दूति segaarat प्रथमोऽध्यायः | (९) strafaen दितिष्ेति क ° qo, सीताला्ता तथेवेति we ग०। (x) चैेगन्रायण्णाः इति Be | (१) खकरैवाश्यः इति क° we, श्माश्रये इति we एरकान्तर। (8) साभ्याश्यते इति Se | (क) We 8, ५७, 9 | (ख) We ९, URS, ७ | (ग) We €,१९२,९ | (a) चट ० ९, १६७,५। (ख) We ६०, RLS, ८ । (च) We १, ed, ५। (क) ऋ ० 9, RR, 9। | ॥ | अथ दितीयेाऽध्यायः। श्राइ wre alate are शराकटायमः(९) | aq’) पञ्चदशो नाका ager”) जिणवञ्च"" यः ॥१॥ घं्छत(<)खेव पूष्णा च विष्णुमा वरुणेन च । सोमवाष्वगनिक्ुतैश ब्रह्मणस्यतिनेव च ॥२॥ हस्य तिना च तथा० ayaa वे ofa | कासुचित्‌.<) केचिदित्धाहर्गिपाताः) स्तुतिषु qa: wen (x) हौ इति we Te ge | (२) माकटायनः इति We go | (१) यस्येति we | (9) aggratfafe axe qo | (४) fara: इति crramrcammat विखडः। (६) wea: इति we we | (9) स हस्तिना चेव इति wo, ङइतस्परतिना चैवेति Te Te | (ख) mat यश्चापि पन्धैता(ष) इति Go To Go पुखकान्तर श्च | (€) कच्ित् इति mo ae | (६०) निपातः ततिषु Ga: इति कर घर । (का) Wet, ८,१०। (ख) Wee, १९३०, ९ | (ग) Hee ४,५५,३। (ध) We ९, Ro, ७ । RR qyeani Fae” खयते(\देवो वरुणेन षरहाः(र(कसषत्‌ । रुटरेण सोमः पूष्णा“ च पुमः पूवा च वायुमा ॥४॥ वातेजैव a”) पन्यो wea वे कचित्‌(९) कचित्‌ | wa Zdy® पादेषु qaqa) wen: ॥४॥ रषदा तु wate sre) च निवंणं | यतेः प्रभुत्वं ate awe) निखिला हतिः wet CRT मध्यमच्वामो गणः TTT YA: | यः aca One: सौ था gerne निबोधत ॥७॥ (९) तु द्रति Go Ge पएरूकान्तर | (x) saa इति To Go THRACE | (द) स्येव आदशर एरतकेष्‌, owt दरति निन्विसगंपाठो THe | (9) पुषा इति ख । (४) चेव इति we we) चेति ग०। (६) अन्यच पे इति ग° Be प्रसक्नान्तर्‌। (0) अधच इति क ue, ऋषवर्षु दति ख०, MUTT इति we | (८) qpaa त्विति we ae, यष्व्वेतेष दति एकान्तर । (€) दसदानमिति क ° घ. | (xe) पए्न्नस्येति we we | (१९) aw यस्त दति कर । 4 (क) Wee, २९, C1 (ख) We = २०, २० | (ग) We ५,५६.३१ | (ध) We ९, RR, १० । (ख) Zee, RO, VR I दितौयोऽध्यायः | RR तस्य सुख्यतमौ देवावभिनौ.शंमाभरितौ । ana fav सुथी(वाः(ग) सूग्यष्येव तु पत्रयः(२)॥८॥ असुतोवांडः(* निवन्तकतो प्रतिलेमास्तराश्रयाः(५) | पएुरोदया(“ामुषषं gat मध्यन्दिने स्थिते en टषाकपायि"? खूय्याखकाल ares) स्हतिब्वधि?) | TET a aT भगः(* पूषा saa ॥१०॥ _ ~ नि नो क जाक (x) त्वश्िगौ इति wo we | (२) wary दं एरकेषु cara इति दौषैखरान्तपाठो वर्तते | (३) way इति wo, aaa: इति ख | (9) agaratfafa se पख्ठकान्तर्ख । अमुतो बागितिपाठः गुडः| (४) ward इति we qo | (६) एरादये इति wo qe । (2) gute तमेवाङरिति क ° घम, दयेस्य सलानेवा्रिति we | (=) तु निचि द्रति कर, निमुचि दति ae | (€) चस्येति Ho घर | (no) ara इति गर | (९९) तसापएखेति we | (१९) cwafafcfs ख । (क) चट ० १०, ८६, URI (ख) We ५, ७६, ५ । (ग) We, od, १ | (घ) ऋ० १६०, १७, २। (ख) चट० ९, AB, Bl (च) We ९०; सद्‌, v1 5 Re CURIA. यमो वैश्वानरो) विष्णुवेरणयेकपादजः(० । प्रथिवी च घमुद्राख देवाः watery Sie ei आदित्याः केिषाध्याख सविता^९) बसुभिमेतुः | zara” faa” च वाजिनो)(२देवपल्यः ne ei swat ata waa’) शोकः साम च५) रेवतं । वैूपद्ेव वर्षाश्च fafactsa wae ne ai यस्ति शख्यः ata gen सप्तद शश्च यः | aay जगतौनाजा(५.) तथाऽतिच्छन्दषञ्च(^"याः(५९ ne gi (x) अथ पादणः दति He We | (९) sufangr: चाध्याख साडखेति कर we । (द) वाणिगौ इति we | (8) हशतौयसवनमिति क घर | (५) eater aan ज्ामसामा चेति we | (१) वरै रूप्यश्धेव भर्षाखेति ख० | (9) शिभिर्खेव यातू इति ° wo | (<) जयस्लियश्ेति Ge | (€) aq etd इति कन्च° | (xo) चेवेति me we | (x) अतिभ्न्दसाखेति ग °, खतिष्छन्दसाख्ेति we Be घ | (१९) यदिति we घर | (क) We १, VE, € । (ख) We ९, Se, १६ । (ग) ऋ ° १, Se, UE | (घ) We १; Bel (ख) Wee, १६, २ । (च) We ws, hel पौरुषश्चाङरल्ेत्सवेमेव a) पौरुषं | एतस्यैव तु विचेया देवाः safer aa: ॥१५॥ चण्रमाद्धेव THY पञ्चमं वत्र“ fag: केचित्तु निवेपत्य^५)खख सौय्यं वेशवार इविः ॥९६॥ aaa हि तत्‌ खकमिव^दृष्ते | खगद्धेचाऽय(*वा पादो Tet वा यदि वा चः yon श्रनेन तु प्रवादेन दृष्टा मूदन्वतास्हतिः | सुख्यैवेश्वानराग्रौमा< मेकाम्यमिड grat ॥१८॥ इरणं तु रसस्यैतत्क्मणाऽसु्(१०रभ्सिभिः | यानौमामि च पश्धम्ति adorei तेजसा५५ ॥१९॥ (र) हेति ख°। (२) सख्तापिकाः इति ° च० | (ह) तये इति we | (४) यश्च संवत्स॒रमिति wo ao, पञ्चसंवत्सरमिति ख | (५) निन्व॑पते चेति mo ao | (९) ग सक्तमिहेति we च | (9) ऋग अंखेति क ° wo, ऋग्वड्र्चाधेति we | (<) प्रयाभेओेति we ao, प्रपदेनेति we | (€) सौ्ैवैशानराम्रीमामिति we we घ° एुस्तकान्तर। (१०) रग्सिभिखास्य कर्म्माऽमु्र चेति ग° ve एस्तकान्तरस्। (xx) येन मातिविजानन्ति खग्ेभूतानि चच्ुषेति ख ग ख° पुस्त कान्तश्च | 7 | ९६ Ewes | विभागमिममेतेषां frsfreraard | wafaaa rey तन्तु९ कमसु योजयेत्‌ WR ०॥ अध्यापयन्धोयानो wa areata | era सालोक्यं सायुव्यमेतेषामधिगच्छति“) ne ९॥ aig यानि aaa” पञ्च मामानि कारवः(*) | षद्धिंशरतिस्तयेन्धस्य प्राहः सूर्यस्य सप्त च ॥२२॥ तेषां एरय द्धिर्ववनमेके कस्ये कों | उच्यमानं यथान्यायं इरणष्वमखिलं मया Ne vii जातौ यदये शतानामग्णौरध्वरे च यत्‌ | मानना सश्नयते arg स्ततोऽभ्रिरितिशंषखूरिभिः ne si द्रविणं) धनं बलं वापि प्रायच्छन्‌ कर्मेण | (१) fasrafafa we qo | (२) atafa we qo | (a) सत्सु इति me we! (8) wa गण्छतोति Bo ग ° Fo GRANT | (५) waa इति क घर | (६) सन्तिष्ठते चापरे दति we घर | (©) इरति we wo) (<) चेव प्रयष्डेदेनेति we qo | (क) We, UX, C1 (ख) We UWURa (ग) We Lester ` दितीयोऽष्यायः। Re तत्कमं TET कस्तु प्राहेनं grated” ye wn श्रयं aa fircet हि तननाक्ञसुः(र(ब) | TAS मध्यमो TH STA” मध्यमान्ततः५) ॥२ ei saat .प्रजामाडनेपार)दिति wre: | ANTYAOVTTATIA तनूतपात्‌ WR ON wma HAA”) यश्ने च्छाद्यते नमिः । BTM तेनेमं gery ATTA ॥९८॥ पुनाति” यदिदं विश्वमेवाभ्निः*९ पाथिवोऽथ qt? | जो न्‌ णन oe eee (१) छत्वेति ° घर | (x) तपसा तनूरिति कन घर | (9) श्छ नेयमिति we | (8) wR aay मध्यमादिति क० घर | (४) अनन्तराभिति go Weary | (९) अमुष्येति we | (9) समासेख्िति wo Te So पुरकान्तर घ | (<) वास्यते इति wo we | (€) qxa xfs He घर | (१०) नानाति इति we । (१९) विश्मेघाभिरिति we | (१२) पार्थिंवेाऽप्यचेति ख०। (क) Wet, ६०, ९ । (ख) Wee, ८८, Bs (ग) x, १८८ (घ) We १, ६२०, ९९६ । (ख) We १,९.४३, ९ । (च) woe, १३, ३। (द) ऋ० १; ९९१ ¶ | ar SUSI | वेखामसरपिंमि(* स्तेन पवमान क इति ga: ॥२८॥ गतानि वेदयव्नातो जातवेदाऽय.ूकच्यते(९ | aaa safest” ax दित्वा(९)जातोऽधिवेन्ति() वा ie of विद्यते सर्वगते aar ona: पुनः पुनः । तेनैष ae’) आतवेदा इति खतः we vi एनाति यदिदं faa द्येषोऽभ्निः७) पाथिवोऽस्‌ सन्‌ | वेखानसाितेस्तस्मात्पवमान इति ar! ween eee ee ee ee (९) वैखानस ऋषिरिति we | (a) पनातौत्धादि पवमान दरति स्ततः KAAS! कर wo एकतकयो- नास्ति | (३) जातेर्॑दाऽच विद्यते इति wo we | (8) यदेष इति mo च° | (५) नातं वेदः इति Ke Bo एसकान्तरख | (६) विन्तमिति खम me Se | (ॐ) ay avifa क ° el (<) सव्व॑मेतर्डौति क घ | (€) जातामिवि we ae | (१०) aeyqutits इति we ग° | (१९) रष Ble Be Te So Tay एस्तकान्तरे च न frat) (क) we ८, १०१; ९९ । (ख) Wet, 90, ५ । (ग) Wek, २,५। (च) कटर १, ९; २। ४ दितीयोऽष्यायः। Re श्रणिष्ठ एष" यत्त॒ yaaa atfe तिहति | तेनेनग्डषयोऽचेमः(९) कर्मणा ara aay ॥ ३ ३॥ जौणोमान्याद्रणोव्येको “मत्तेन तु रसेन यत्‌ । तयेनं वद) श्या सतुति्वाः wre”) ve gi BUA Ome यदिथुदृष्टं ददश्णं(० | चतुभिं्टषिभिस्तेन ez" इत्यमिसंस्ठतः८८ ॥ ३ ५॥ चतु विधानां तानां प्राणो ला व्यवस्थितः | दष्टे चेवा ale Bax इति ख wa: । Ral द्रां, दृणाति“ यत्काले महद्भिः afectsazt | (९) खनिष्टयेवेति क° ae | (2) amar इति क०, यन्तु चोनिति we So, यन्तन्धा इति Te: | (३) wat ति ख ne Be पल्कान्तरच् | (8) चीभिमानाडणेक्षोकानिति क ° go | (५) तु कारवः इति कण Te | (१) रोख्यत्रिति क° चर | (9 विद्युदुष्टिर्द्रुणामिति क° घर | (<) अभिधीयते इति xe go | (€) Te श्लोकः क ° wo पएुन्तङ्योनास्ि । (xo) इरा ददातोति we we | (क) Wey, ७९, ९ । (ख) We १, २, 01 (ग) ऋ० १, ४३, By (घ) ऋ ° ५, SR, BI 8० ` इङ्रेवता | रवेण महता य॒क्रसतनेखषयोऽगरुवम्‌ ॥ २ ७॥ यदिमां प्राजयत्ये८को रसेनाम्बरजेन गां । कालेऽभिरौवग्रर्षा.रतेन पजेन्य क मातुः ॥३ ८॥ TST श्लोकान्‌ जन्यो ere यत्‌ | qa sar जनयिता यद्वाचेयस्ठतो“जगौ (५) ॥ ३ ९॥ टृन्तौ पाति वन्लोकावेष दौ मध्यमेन्तमौ | aerate ta इदस्य तिक) रितौडितः(=) ng on ब्रह्मा वाक्‌ ब्रह्म सत्यच्च ब्रह्म Vaasa । ` पातारं ब्रह्मणस्तेन wheels: gwar जगौ ॥४१॥ SIMS चितिभ्यो विदधद्दृतुव्यविश्रत्‌ चितौ ९) । ज == (कोक (र) ब्राजयतीति ae qo. | (a) aref xfa we ae | (द) धरः इति wo | (9) ओाज्ेयस्त इति we we | (५) रष GW we we एकूकयोनं द ्छते | (९) tweitfa we | (9) Tifa we we | (८) awaen 2 पतिरिति क° घ | (€) खन्तमिति ae | (१०) ब्रह्मवामित्लाि विशत्‌ चितौ इवन्तपाठः We घ एरकयो- नेच्छते । (क) Wen, ५९, ई । (ख) Wet, ६२, Rl (ग) WR, 9€, 8। दितीयो ऽध्यायः | 8९ ददाति यदि aye लतावम्बरजं पुगः । तिनेनमार Vara araga Magan पतिं ॥४२९॥ ममसेमन्तु dpa’ मध्यमं लोकमाभ्रितं। req) सत्येन सये) वे a”) एष gaa ॥४ २॥ Taare: चिक्न(.शितो व्योमृन्येष मायया । ऋतस्य श्लोक) vata grad ततोऽत्रवौत्‌ ॥४४॥ वासुः प्रयच्छल्लोकस्य मध्यमस्य तु पाति यत्‌) । तेन वास्तोष्यतिं are चतुर्मिरिममौवंध्रः ॥४१॥ वाचा वेदा दमधौयन्ते वाचा च्छन्दांसि तज्र इ। - अरयो वाक्‌ सब्वेमेषेदं तेन वाचस्यतिः स्ठतः ॥४ en (x) Taras we we धरक्षयोनं विद्यते | (२) पाक्रादेवेति क° घर | () मगसेममिम दृष्छमिति ae we, area angralate छर; मनसेमन्त्‌ यदृदृश्छमिति re | (8) य aft So पुककाग्तरख्। (४५) ऋषिरिति we घर | (¢) रसं दितौ सवेणत्तौ इति we घ | (9) पातितः इति क ge | (८) वाचा वेदा हधौयन्ते cafe तेन वाचस्पतिः सुत इत्यम Ke घण एल्तकयोनं विद्यते | (क) We 8; १६१ ९८ । (ख) ऋ० द, eR, Ul (ग) Mee, ९०९, eI (घ) We, 8९, 8 । (द) च्ट० १,१९०४। (च) Wes, wy, wv (ह) ऋ° ९ २८, ¢ | eR इङरेवता | म ga®ga® acta एवा तिष्ठति मध्यमः | creme छषिस्तेम प्राहैनं गौतमे fefa™ yen प्रजाभ्यस्छेष यच्छक्र एष sic: शिवः ge: | हिरण्छग्भे) सेनेनन्दविरशतु५' वाचकम्‌ ॥४८॥ दह प्रजाः प्रयच्छेति egret प्रयाति च । विर्विवखतः gu dare qa da™ ॥४९॥ भिजौशत्य जना विश्वे थदिमं(\*) पय्ुपाखते । भिर care aaa विश्वामित्रः(अ) gar खयम्‌ ॥५०॥ मिद्‌ाघमाषातिगमे यदृते नावति fafa” | (१) aa इति wo, म इतः इति go | (२) wa इति wo घ | (a) गोतम दति क° घ | (8) प्रजाभ्यस्वेष यच्छम्भेकमिच्छन्भगसा सखम्‌ इति we Te | (५) wa तिति wo, rey xfs we ख° पुस्तक्षान्तर्। (६) प्रयच्छन्‌ स दति we we, नियच्छद्धिरिति wo qo | (©) a_wiafe ग° ख °, एकान्तरञच | (<) सङ्धुहीताह पानि दति चर | (€) यमः इति We qo | (१०) ast masta विश्वे यदेते दति we च>, यदिमे इति we | (१९) यदि सेनाववीचितभिति we wo, यदतेना च निच्तति इति wo) Se (क) ऋ° १०,८०,१६। (ख) We ४,२,१९। (ग) awe १०,१२१,९। (घ) ek, Hlol (ख) ऋ १, २६, ९ । (च) ऋ०३,५२, ९। दितीवोऽध्यायः। frre जनयन्‌ aa fern Oe तेन. सः(५ ॥५१॥ ` सरांसि एतवमधश्य सन्तिं atte aay | सरख्लन्त मिति प्राह वाचं प्राः STATO ॥६ २॥ mma तेषु यद्ितव्थेद"९ तिष्ठति | तेनेनं वेनषःमारर्षिवेनो(नामेह(*) भार्गवः nye wea मासि माख्छेनमभिमत्यततो al | तेनेमं aM fare मन्युरेव तु तापसः ॥५४॥ यद्‌ मकाल तानामेक) एव मयत्यद्धभ्‌ | तेनासुनोति(रङ्क्ताऽयं Brat BTA ॥५५॥ निराघमासातिगमे जग्म मध्ये भवत्यपां> | मप्तार माह atten frre: Mary ॥४ qi (९) त्विति we we | (९) इतीमन्त॒ बरतो दौध्यनमौवंगरौ इति we घ° । (a) यद्ेगत्येष्विति ग °, यद्वेगलेण्दिति ° परकान्तर्च । (9) च्याहाचन्‌ वेगोऽन्धमेहेति क ° we | (४) afwaafa ख ०, खअभिपरतेति ग ० | (ई) मासि मासीमामभमितष्य तपोऽयनः इति we we | (9) रष इति क ० घ ° | : (८) मध्येऽस्य यत्वपामिति क° घ | (€) त्वपामिति कर we | ४९ (क) We ८, es, २ | | (ख) wet, ९६8, WRI (ग) चट ° ई) gt, २। (घ) ऋ ° €, २१, ५ । (ख) Wet, ८६, ५। (च). We २,२४,१९ | (ह) eho, १२, Bl (ज) ऋ० २) २५, ९४ । (भः) We BE, S| 88 TUUAaT | aq aA TATA RN SAAR । यत्क्रन्दत्य(९) aware दभिक्रेति तदोच्यते) ॥ ५७॥ मासेन सम्भृतं गभ नवमेनाय मासिकम्‌) । खयं कन्दम्‌ दधाल्युबधा waaay: ख गौयते ॥ ५८ ॥ सतौएंऽमरिखे चिपति यदा ae चरत्यसौ{%) | अरिष्टनेमिसाच्छंकर्षिस्ताच्य तेनेन(=सुक्तवाम्‌ ॥ ५९ ॥ wat) व्योखयदयं याति way भा८.दिष्टअन्नपः | पुरूरवस("मारेनं सवाक्येनो सूधवासिनो(९") ॥ १ ० ॥ (र) augtfafa we च | (२) arwefefa क ge | (श) यत्क्रन्दते इति we ध | (a) दधिक्रास्तेन कथयते इति wo T° द° पुतकान्तरष | (४) खष्टमासिकर्मिति क go | (१) तुद्रति क घर | (७) qa fad वष्वसखा वदिपातीष धन्विनीति we ए, ga सिप त्वश्नसखो यदियति प्रन्वतीति we, कोसौ इतति Go Waar: ACY | (<) wafafa we ग° So Wearag | (€) छन्तभादिति ze | (९०) wawaatfertfa me ge: (क) We ९, Se, द्‌ । (ख) We ९; LOR, € । (ग) We ९, QL, 8 1 (ध) We ११, १९, ७ | | दितीयोऽध्यायः। sy यस्तु प्राश्था वयं नेति» चोषेण महता ठतः(९ । चेमं चितिभ्य विद धद यन्तुष्यविश्रत्‌ चितौ. nee i तेन खल्युमिमं सन्तं स्तौति खत्युरिति खयं) । माखा खङ्कुसुको५ नाम यमपुच्ो seam ॥ १ २॥ संवतेयंस्तमः ख्या) दुषसश्च प्रवतेयन्‌ | दिवाकरः प्रसौत्येकः(८) सविता तेन कषणा ॥ १२ ॥ उदितो भासयन्लोका(< निममांसेष खर श्सिभिः(.) । सयं वसिष्ठसतभेम्डषिराह qaqa ॥ ९ ४ ॥ (१) गतीति we qo | (२) wa इति wo, म्तः इति wo, ग्टधमिति we | (१) रतच्छरोकाड गर wo एस्तकयोनास्ि । wafafaat frrny यत्च +व्वविश्च चितौ इति we, खपिवकितौ इति क घर । (8) xdracfafa wo चण | (५) ayaa दति we | (4) भघन्धसः इति ge, nue: इति Te | (9) खं वन्नयंस्तमो aut इति we ue, Tawa तमः सूयादिति ख Te Ge | (<) feat चरन्‌ ream: इति Mo qe | (€) माति aerteatttfa ae घ. | (९०) See र्िभिरिति we se एरूकाम्तरष | (१९) wanafafa ae | (क) ऋ ° ६; 08,8 ४६ UWE | wat fafa पोषयति प्रणदम्‌ रश्िभिसमः(९) | तेनेनमस्तौत्‌ पूषेति भरदाज्ह॒ पञ्चमिः ॥११५॥ जोणि भान्ति रजांस्यस्य यत्पदानि तु ava | तेन मेधातिचिः प्राह fry”) जिविक्रमम्‌ ॥ १ ६॥ wer ered एयग्याति तेभ्यस्तमसेाऽत्थये | काशं किरणैः great केशिनं विदुः ॥ eon सम्भ्त्येके कशस्ेमं(९ यकान्यन्ते WITT! | विश्वेन) विश्वानर०)') स्तेन कर्मणा airy खतः ॥ ६८॥ इषे व HAO ग्ला चन्नाकमधिरोडइति | arate cat तेन विश्वस्मा दिद oat: fafa: कम्पयन्ेति इषा वर्षिष्ठ) एव सः ॥१९॥ (९) उद्यम्‌ भगदिति क ° घण | (२) ततः इति Ge | (a) ave: इति we qo | (8) wafafa ae we qo Ge | (४) etal एथक्‌ तेऽप्री इति we we | (१) मां प्र्मेकेकशस्छेवेति we we | (9) Sarre: (ग्‌) इति क° Ge | (=) शतेष कपिल दति wo ue, दषेककपिल दति we Te | —— (कः) ऋ० ३, ५९११९ । (ख) चट० १११०; ai (ग) Wer, ३, ऽ-€ | (घ) Wet, १०८६१ १६। (ङ) Wer, vedi (च) ०१, ७,८।. (ट) ऋ ° १.० २०, ६९। (ज) We ९०) SG, ९ । (भा) ऋ० ७,१९८,९ | (भ) et, ७; ई । दितीयौऽष्वायः। ge सायाहकासे तानि स्ापयन्नसमेति यत्‌ | ठषाकपि(करितो“ वा स्थादिति wey ea ॥७ ०॥ Fag धन्वेगति^९) हन्रेण प्र्युक्ो वारिषाकपे९ । विष्णाते विंश्रतेवौ स्यादेवेष्टेष्यात्िकम्मेणः | विष्णुनिरुच्यते वातः a सब्बोम्तरञ्च सः५)॥ ७ ९ ॥ ay षद्धिंशतिच्ेव यानि भामानि शप्त च। TTT ATA तान्युकानि ययाक्रमम्‌ ॥ OR ॥ नेपातिकानां नाचरं तु waaay: । सण्यन्नामां wat Ute न विद्यते ॥ oe ॥ पायवो) मध्यमा) दिव्या वागपि जिविघातुया। तस्याः सक्रानि भामानि यथाख्यानं निबोधत ॥ ७ ४ ॥ Baad भजते सक्रमेता" नद्यः सता(‹भुवि | (१) खत! इति एरूकन्तर । (२) घाव्वेतीति ग चिबुधन्ेतौति go | (a) रषाकपे(ङ) दरति we | (8) रश्मिभिः कम्ययत्नेतीत्यादि सन्वं सर्व्वान्तरख स दइयन्तपाठः क घण CRA । | (५) शषा इति we ao, रवा इति ख ग ° | (६) तदेति me च. | (क) He Yo, २७, UCI (ख) We ९, ३८, 9 | (ग) ० उ, Ru, ६। (च) Weg, २५९१ । (ख) We Xo, Sq, २०-९२। ec CUI | यं वै 2a भजनगधापो(९) यदा₹ चौषधयः gar”) ॥ ७१ ॥ Scar च राचौर) च अद्धा चोषाः(५८) सरखतो | एथिवौ चैव नामेषा wate च भजन्ति WO ॥ ७ ६ ॥ aaa Marana”) शत्वाग्रेयेषु* केषुचित्‌ | स्तुता निपात.शमातेण ay TIE दृष्यते ॥ ऽ ७ ॥ wa सत्यदितिगर्वाक्च(2 शवला चेषा सरखतौ | समग्रं भजते सूं चिभिरेव तु नामभिः ॥ ७८॥ एषेव दुगं ग्लै) war) स्यात्‌ Gomer । ee यीं — (१) यदा सैनमिति we we घर, प्च वेनमिति Te | (२) भवग्यापः हति Go | (a) तदेति कण घ | (8) तथेति we we | (५) Bafa क० We we | (द) भूत्वा या भजते त्वुच्ौति we, वामनते Hala घर | (©) ्पप्रारीला च नामेषेति क घर | (ख) भूत्वाप्रेयीभ्िति ae चर | (€) वाक्छमिति we च, मध्यसव्यदितिवंकचेति खर | (१०) mata So एल्तकान्तर च | (१९) wea दुग aerate च्लोकाडं क ° wo एरकयोने विद्यते । (क) ऋ० ९०, १४६; Bl (ख) Wek, WB Ul (ग) ऋ ©, ३२,१४ | (घ) wey, ९, ९। (ख) ऋ० ६०, ९९२१ ५। (च) We, ०९, ८। (क) me 8, ५५, ९। (ज) We, ४९ २। (भ) Ke 9, Cd, I दितौयौऽध्यायः। 8९ तन्नामानि यर मिद्राण्णौ aca McMann” ॥७९॥ भवत्पथ्या.ष)सिनौवाखौ(९)०) राका) चानुमतिः(९४ gy: | गौनुर्दवपन्थोम्धा(*) wear ae रोदसौ । नेपातिकानि warhe® येषां मामामि कानिचित्‌ ॥८०॥ यदा तु वाग्भवत्धेषा) ख्ग्धाऽमुं खोकमाञिता | तदा सकरमुषा)ग) त्वा सर्ग्या) च भजतेऽखिलम्‌ i= ९॥ षाकपाणुचं(भ) ग्ला सर्पणं च ते yay । (१) खङ्कार्घानीयमिति xe wo | सङ्कार्घादीयमितिपाठो frre: | (२) चस्यघ्रा(ठ)सिगीवाशीति we wo, arena farttareifa wo, भवत्या सिनीवानीति ग | (a) राकोषामुमतिरिति ao, राकोषानुभितिरिति ae, राका वानु- भितिरिति एखकान्तसम्‌ | (8) गोरौगौेलुषलगोगन्धा इति we wo, देवपलयोत्रा इति ge पखकाम्तर शं | (४) खि चेति ख ०,खस्तिखेति we wo पुख्तकानरख्‌ | (¶) नेपातिकान्‌ एचग्भाक्नीति क । (9) मनन्येषेति we घ | (<) सक्षमुखेति we ग °, तथा उक्घमुषेति Vo प्रस्तकान्तर द | €) लेव वद्ुमिति we घर, ते छवभिति एरतकान्तरम्‌ | (क) We ९, २, Rl (ख) We ६, ६२६, 9 । (ग) Wey, or, १९ । (च) We इ, us, ५। (ख) We Le, RR, ८ । (च) We १९, ३२, ८ । (द) We lo, ye, ¢ | (भ) %e १, UH, ई | (ग्ड) 8, 88, ९। (भ) We 9, dd, १९ । (ट) We ९० १७) २। (ठ) We 9,८७,४ | 7 ° ~ . ae CUCAAT | faarrare भजते ofee® एथिवौ सतौ ace i gataa®) amaat wey वाचं सरखतौम्‌ | qarat aaeay निपातेनैव केवलाः९ ॥ ८९॥ चोषा गोधा(क) विश्ववारा, पाशोपनिषवन्निषत्‌.* | ब्रह्मजाया) seater” easter” ॥ ८४ ॥ इनद्राणो चेन्रमाता(९ च aca रोमश्ो0व्वे्नो.") | Stora च मद्य थमो) नारौ च wet ॥ ८५॥ MSR: AIT वाक्‌ अद्धा मेधा च TVA | राजौ सूय्यौ(*) च aan ब्रह्मवादिन्य ईरिताः use i (x) चित्त इति we ue, युवश्चति ग ० | (२) एथिवी विवि ae घर | (३) केवशामिति we चर | (8) पालो पनिषच्निषत्‌ इति we we घ° Ge | (४) ह्दोऽनुरोधाव्‌ गाम खगस्लस्येति पाठः समौचोनः। (¢) amatifa we | (e) watts we we, तथेव चेति we | (८) साव्व॑राद्धेति we | ek Sere (क) were, ९०,५ । (ख) we ८६९) € । (ग) Weg, 8, Rl (घ) We ९०१ Loe, R | (छ) wee, ४८, 8। (च) ee, do, ¢ | (क्‌) eX, ४९, २ । (ज) We ९, ६२, Ql (भः) We &, १८९० 1 (म) We ५४२, ९९ । (ट) We ९, १७९, 6 । (ठ) ऋ० १०१ ९०) € । (ङ) ८, ९, sal (ए) We 8, 88, ९ | | दितोयोऽष्याषः। waa: प्रयमश्लाषां(५ aa) gery देवताः | षिमिदे वतामिख ` षमूरे(मध्यमो गणः ॥ ८ ॥ Sart भावटक्ानि जगौ aerate: । enna तु vie थ षिः सेव“ देवता.) ॥ ८८॥ MATAR ays देवतां sepa | तस्मादातकसवेषु wry षिः Ga देवता ॥ ८९ ॥ संवारेव्वाद वाक्यं यः ख तु तसिन्‌ भवेदृषिः | यसतेनोच्येत वाक्धेम देवता तच(< सा भवेत्‌ ॥ ९ ° ॥ | SMAI Wey निपाताः Vere: | MATTIAS च (९ कचि्ौ पम्यकारण्णत्‌ ॥ ९ १ ॥ छेनानां पूरणाथावा(१५ पाटानामपरे कचित्‌ | (१) तासामिति we | (२) वगाः इति we घ | (a) sae इति कर, age इति. we | (४) sufwaa चेति we | ४१, (५) Suet मावडत्तानीत्याटि य ऋषिः सेव देवता carta: we घ Ternary विद्यते | (९) देवता taaq य! इति we घ. | (©) eqrareaard मवे safe He चर | (८) मवष्यृधिरिति He चम. (€) तेभ्विति we we | (१०) meairrerwauferfr ae we | (१६) पुरवायेनिवति we we । ४२ ` इद्रे वता । fanraty cag पूरणटायास्छनथं काः(९ ॥९.२॥ कमौमिदिति(^विच्वेया ये लनेकार्थंकाख तेर) | द्व म्‌ fag ware”) उपमा्था भवगधमौ nee उपमार्थे ware कचिदेव निपात्यते | मिताचरेषु wag प्रतिषेधस्छनेकश्चः८°) ne git can” दति agra निप्रातानां a विद्यते । प्रयोजनवश्रा Qa’) निपात्यन्ते पदे पदे We KN खपसर्गा्ति विज्ञेयाः क्रियायोगेषु"९.) विरतिः । विवेचयन्ि ते वर्था<^रन्नामाख्यातविभक्रिमिः५५९) ne en (x) quart warden: इति we we । (र) चामिमिदतौति we | (३) तन्ये साधकाः सततौ इति we घर । (8) xatafanaerc इति we | इवेनचित्रुचत्वार इति ge | (४) भवन्ति से इति ख° me Ge | (१) उपमां इति Te Ge | (e) quera: इति we He Ge | (=) प्रयन्तु इति ae । (€) वश्राव्‌ प्रकरणस्येते इति ग° Se | aT प्रकरणस्येते इति ae | (xo) क्ियायोगेनेति we ग° खर | (xx) ते त्वमिति we ve । हयानिति we । (xe) विभक्षितः इति ae | विमङ्धिष षति खर we Ge | तीयोऽध्यायः hy Ogg Magen Feaarrera: शाकटायनः । उपसर्गाः करियायोगागछेने तेन जयोऽधिकाः aon ayaa शोक शिङ्गानि पुमाम्‌ खयथ नपुंसकम्‌ | AAW WY प्रकरणं तथा ॥९ ८॥ तेषाम्तु मामभि खवंनामभिः | SANA TEM wT TE: Weel पादद्कष्छगधेयनामान्यन्यानि यानि च | खवँ भामानि डवाङ्रन्ये देवं यथा कथा ॥१० on प्रधानमथेः wegt हि तह्ुण्णयन्त इष्यते | तस्म्ाश्नानान्वयोपायः शब्दागथेवश्ं नयेत्‌ ॥१० Vi अतिरि पदं ered Shi वाक्ये HANA । विप्रृष्टञ्च सन्दध्यादानुपूर्वौ चच Weary ॥१ ० ९॥ fay धातु विभक्रिश्च सन्नयेत्‌ तज तजर च । यद्यव्या च्छान्दसं वाक्यं Ha त्तु लौकिकम्‌ ॥१० an यावतामेव waat fey afer भवेत्‌ | श्रथेद्याप्यभिधेयश्च araferefrare: ॥१ ० ४॥ धादपसर्गावयवगृणशब्दाद्धंधातुजम्‌ | वहेकधातुजं वापि थर्‌ निर्वाच्थलखणम्‌ ॥१०५॥ धातुजं UTA समस्ता्थेजमेव वा | (१९) €¢ SRPMS सद्कस्ेकपयन्ं Bla: Tous faty- तयोः एरतकयोगापलभ्यन्ते | LI we ze ङ° चिङ्ितेषु Tes qrTe | (क) Wer, द; 8! (खे) ऋर १,५५१५। (ग) wet, use| TCE .ङदेवता | areas व्यतिकौ शश्च frate पञ्चधा पदम्‌ ॥१०६॥ दिगरदंन्दोऽययोभावः कमेधारय एव च । पञ्चमस्तु ASAE: षष्टस्तत्पुरुषः Wa: We ol faqurfaae: ara समासेष्वपि तद्धिते | पविभब्येव निग्रूयादष्डार Tey इत्यपि ॥१०८॥ भाग्या रूपवतौ We रूपवद्वाय्य इत्यपि । इन्द्र सोमसेत्येवमिगरासोमौ निद भनम्‌ ॥१ ° ९॥ शब्दरूपं Wag wate: सङृतिगेणः | सर््मेतदनेकाथे द ्रागवगमे AUT: ॥१९०॥ सामान्यवाचिनः शब्दा विशेषे श्थापिताः कचित्‌ । पलायने यथाटन्ति कोतुम्थां दतोग्यते ee ti विशरेषवाचिनस्छन्ये सामान्ये शापिताः कचित्‌ | हिमेनात्निमिति wet हिमशब्टो निदभेमम्‌ ॥११२॥ पदमेकं समादाय feet wat निर क्रवाम्‌ | पुरुषाद) पदं यास्को टचे टे इति त्वचि ee ak अनेकं aaa चान्यदेकमेव निरक्रवान्‌ | EU माष कान्ते मायलदियदेण तु ee sil पदव्यवायेऽपि पदे water निरक्षवान्‌ । गम निधानमित्येते ग जामय) इति तचि ॥११५॥ पदजातिरविन्नाता लः पदार्थैः विनामनि । , (का) We १०) RO, VR । (ख) We LWA! दितीयोऽष्वाषः। खरागवगमो धायि, वनेनेत्युचि दशितः nee ge Te” नराशसंन) eres: प्रयथिवौति च | facgnafa प्रतिखथादासौत्‌ कमो यथा. ५१ १७॥ ade वर्णयोक्लीपो वनां व्यश्चनस्य. च | अचाएौतिकपिनाभाद(वनोयामित्यघास च ॥११८॥ श्रथात्‌ पदं खाभिधेयं पदादाक्धा्थेनिएंयः | UATTAM वाक्धं वणेखद्वगतजं पदम्‌ ne Ve शर्थात्‌ प्रकरणाशिङ्गादौ चित्या कालतः | मन्तेष्वथेविवेकः स्यादितरेखिति च खितिः॥१९०॥ दूति भानान्वयोपार्नरक्रयो यतेत खः | जिन्ासुग्रष्णो रूपमपि दुष्कुत्‌ पर लेत्‌ ARR CI ययेदमग्रे नेवासौदसदष्यय वापि सत्‌ | शक्ते यथेदं स्वँ ARIAS वदनि तु ॥१२२॥ भावप्रधाममाख्यातं षडविक्रारा भवन्ति ते । जकास्ितवं परोणामो इद्धनं विनाग्ननम्‌ ne 8 eh एतेषामेव wary येऽन्ये भावविकारणाः। ते चयावाक्यमथुद्याः सामथ्यामन्तविन्तमेः ॥१२९४॥ देवानाश्च Freeney नमस्कारैस्तथैव च । अथ व्यस्तं खमयं वा TY व्याइतिदेवतम्‌ ॥१२५॥ व्याइतौनां समस्तानां Seay प्रजापतिः । ५.४ (क) wet, १५८ BI (ख) Wey, २, ७। (ग) We kt, Ra, ₹। (घ) ed, ॐ, € | = ud VUE | व्यस्तानामयमभग्रिष्च वायुः BAe देवताः ue z gi वाग्देवत्योऽय वाणेन्द्रो दि वा परमेष्टिनः | ME वैश्वदेवो वा ब्राह्मो Sa: क एव वा) ॥१२७॥ भावप्रधाममास्यातं षरप्रकारा भवन्ति तु । जन्मास्िलवं परोण्णमो दद्धिहानिविनाश्मम्‌ ॥१९८॥ एतेषामेव वर्षणः Beal भावविकारजाः | यथावचनमणुद्ाः सामथ्याकन्त्विन्तमेः ॥१९९॥ Trea शोके जिङ्गानि पुमान्‌ equa नपुंसकम्‌ | गाभद्कमदे गेषु Se प्रकरणं त्तु ॥१२०॥ तेषां त नामभि दणं स्वनामभिः | खुर्वन्ञामानि वै वाड्रन्यदेवत्यया यया ॥१ द १॥ यथेदमद्मं नेवासौदषद्ाष्यथवापि aq | जज्ञे यथेदं Tay भावट्न्तं TIGA ॥९ ₹२॥ वाग्देवत्योऽथ वाणे यदि वा परमेष्ठिनः | रोद्धारो वेश्वदेवो वा ब्राह्मो देवः HUA AT NL VR व्याइतौनां खमस्तानां रैवत तु प्रजापतिः | व्यस्लानामयमभ्रिख्च वायुः THY देवताः wey vi दति ्तौगकाचायंदयतौ ड दरेवतावामुपोहावप्रकर यम्‌ | featat sere: | rt आग्रेयं प्रथमं सुकं मधुच्छन्दस श्रादितः(४ | जेयास्लन्योऽन्यदेवत्धा९) eer: TAT STAT: WY AA वायव्यः प्रयमसख्छेषामेष्ूवायव SAT: । मेचावरूण wef’) Txt यः पञ्चमण्चः५) aye ge ("नान्यः षष्टादिश्चलिङ्गो गायजोऽन्धस्छ aare:(© | बञदेवतमन्यन्त्‌(* वेश्वदेषेवु west ue eon wager araiam™ गोतमेऽथ खजिश्चनिर) । WIT TEINS seat) Splat” ge ९ ८॥ (९) आ्ंकमिति xe ८० । च° एरूकोडतपाटख | (२) सर्वूःज्यदेवल्ा इति ग we | we Te | (द) aaraaatsufar दति we Te ८० । we Ze) (४) ferstat Patan दति ख ° | खअप्येश्ो ऽतो वेश्वदेवक इति ग °ख० | (५) वन्नामा farafrgt वेति we we | we we | (ई) गायजोऽख्यपरस्तुचः एति we च° we | (७) वङदेवतमन्धख्विति we ue | वदे वलमन्धत्विति ae | (<) लुे$थ are इति म० Ge | च ge | (€) Tee? दति ग ० | अवत्सारपरछतेपे इति we | (९०) एजे इति we Te Ge | we ge | (१९) तत्‌ wet इति we | (क) We, ५९, ७ । (ख) Wes, ag, १०। (ग) ऋ० ५, Ba, Xe | (ध) eRe, Lor, ५। (ठ) We ९०६५८ CI 8 ys डदहवता | वसिष्ठे नाभानेदिषेक wa™ मेधातियौ ant | aetata faye च qwaqg eftq® ne ee wre wg” च विश्वामिजे «© afafa” | gaa fararerg”) arg arg afafaene sot asiat afsararg afar प्रदृश्ते | आचार्यौ याखग्राण्डिधौ qed तमाइतुः५) ॥२४९॥ पादं वा यदि addy वा aaa वा | वैश्वदेवं aged यत्किञ्चिदञरेवते९॥१ ४ २॥ षिभिरवताः wat विश्वामिः स्तुतिभिः eq: | संज्ञा तु विश्वमित्यासां शर्वावाप्तौ निपातिता) ne gen (x) काच्छीषवते इति we | कशछ्लौवते दति घ ge | (2) aufity इति ख० न° Ge | Wo ge | () विग्राभिभेऽयेति ge ce | qo ge | (8) विप्रपादाखेति we qo qo | (५) warwafafa we ge | qe ge} (६) बङदेवतमिति we qo | (9) विखभिेषेति we me ख० | qe ge (=) निपातितौ इति ge । घ. ge | (क) ऋ ° ९०,९१,६८। (ख) We ६, २, ८। (ग) We १, RE, १६। (घ) We ६१ WAR! (ख) We ९,१०.८ द । (च) area, Re, १०। (ष्ट) Wet, ८९ | .दिलौषोऽष्यावः | ५९. सारखतः सप्तमस्तु" एताः प्रडगदेवताः(९) | अ विध्यमान ऊने वा प्रवगेष्वत श्रावपेत्‌र eg en arent तु दिविधां yy weet gar”) । मदौव चैव वाम्बेव तयेवसुभयं wa” ne ४५॥ (Oger free सप्त चान्याऽन्यतः पर | षडाद र“ खधामिति माङत्थाऽनन्तरा चः ॥१४ et एका वौसु(*चिदिनरायं(* wet: we गौयते । (९) सारखतसल साम इति me we । घ. go | (२) सारख्वतख sauces प्रडगदेवता इति we | (x) विध्यमान दव्ादिञ्चोकाडं खर ae उर चिङधितपएरतकेष नोध- सभ्यते | (४) ऋषु सवा सा सतेति Ae Go| ge Te | (४) गदोवद्ेवतावच सजाचायेललु प्रौगकः इति we) खन्न TRAE इति we Ge | we Jo | (९) इतः पुव we qe go) ae Se fafea पुककेषु नदौवच्निगमा घटते auat नेखवाच इ । खम्वेकाच Taga चिद सरखतौ| श्यं qafafcad मेने याखनल्त॒ सप्तमम्‌ । पाः सारखतदतां aren Away । प्राधान्धाडविषः पन्‌ वाच wart: त्रवौवत्‌। cafe पते। (e) vary इति we षलादह इति घर | (<) र्काविव्यचिभिश्रोयभिति कर । रक्षाविन्रुचिदिक्रायेति खर | रकापीलुचिदिष्ायेति ae | रकावालुचिदिश्नयेति go | ca ns a पणणं (क) We ३, ४,९६। (ख) ऋ UG ५। ९० yeaa | AS WRT ATTEN श्रध्वेन्यो(१)दिदेवतः ॥१ ४ On मरद्णप्रधामोऽयं Ug”) विचिकिल्छितः। aM Umar” मन्दुगावासवचेषा ॥१ ४८॥ मन्द्‌ इति) mafia”) येषामेष(९ दिदेवतः। एकटैवत्यमाश्राव्यो विज्चेयाध्ययनात्‌ पदं“) ॥ ९ gen रोसन देवपल्नौनामयवै क्रिरे) यथा) | (<मर्द्रणप्रधानेयमाचार्याणणां स्ठतिमंता vey ot मर्द्रणप्रधामलयादिष्ष्ठ विचिकिक्छते(९" । , रथयौऽन्योदिदेवत इति we Se । ze | (२) Wal चेति we me | Bevo | aaxaguat wie चेशः इति we | ` (३) wa इति we | (४) aamadefafa ग० | समागवचसा इति ae | (u) wag इति प्रगृन्तोति क घर Te चर | (६) रषसेवेति we | भेषामेवेति we wo | we Te | (७) विच्चायात्वयनात्यदमिति we । faurmmauatafafa कर we ० । (<) रोदसौ इयादि Glare क° we च ° FafeagTay गोपलभ्यते। (€) wyxafa ve | (१०) fafafaftqa: इति we qe | घ. Se | (क) wet, gO! (ख) Be & gel (ग) Wee, १६०६ । (च) We ९० ६२, ९ । दितौयोऽष्याबः। १९ HURT महेशस्य" cater ene विदुः neue अभ्िमित्यभिरैवत्यं aces दिदेवतः(२) ॥ नि्मथ्याइवनौयाथावभ्निनाभिः५ खमिष्यते oy wen fetta wend त्‌ wee देवताः स्ताः । यन्ते Ufa arg तासां नामानि मे प्रण" wea en प्रथमायां सतख ८९ दितौयायां aera) । मराश्सन) ठतौोयायां चतुर्थां waa विशः wea gi बरं Ra तु पञ्चम्यां दारो देष्यस्ततोऽन्यथा(*) | AMAT सा तु सप्तम्याम्टम्यां तु GA” सह ॥९५५॥ (१९) मशङगयमदेगरस्येति ue) wagaitmafs कर खर we wel (x) समासं wine विदुरिति we wo qe | (३) पादज दिरेवतः इति we we । We Ze | (8) faauryattara afienfafcfa we we | निमगन्यााइव नौया्- ईभिमाभिरिति we | (u) श्रुयते दे वताऽथासां arate wad इ मः इवि we घ च | (९) afaxfefa कण wo qe | (७) अन्येति we, अन्धपा इति we | (=) संसृतौ धति we, स qt इति Bo पएरखकान्तर | (क) We ९९, ४५, २। (ख) Wee, ९९, Rl (ग) We ९, ea, al {ष) wet, १२८९ । (ङ) We ३, ५९२, ९७। (च) Wey, ५,५। १२ डहदेवता | ङेव्याक)विति५ तु होतारो नवम्याब्वि स्ताः | तिखो देयो दशम्यां तु Hae a तु सखतः ॥९५ १॥ एकादश्यां तु awe ofa’) विद्यादनस्पतिम्‌न) | aremat तु स्तता Sat विधात्छाहाङतो." रिह ॥९५ OW खकेऽख्िन्‌ wed arg) देवताः परिकौन्तिताः | ता एव सर्वालनापरौषु दवितौयारथां५५) विकरपयते(८॥१९५८॥ RY: ata हतानि लेकाद ग्र प्रचक्षते) | ere) प्रषसुक्तं वा दभेतानौतराणि त्‌ ॥१५८॥ सौजामणानि तु Fife प्राजापत्थाश्वमेधिकं | (र) देव्याविति wo Se | (२) रूतमिति ge | (३) देवौ विद्यात्छाङाक्तौरितौति we | (8) ara aifefa ae Wo TW | (y) featat त्विति we | (६) विकस्यते इति we Te ae ७) रेषे सद्प्रौसुक्तानि तान्येकादश सन्ति Glawe no Se| ayia KEW सद्ेयेति Ze | (=) aa atta Bo To Fo | (€) सौजामडौतौति we ae we | (क) We १, २७, ९२ । (ख) We ९, ३८ २। (ग) ऋ ° ई) ४८,९७। (ध) We ९, USS, UR | दितोवोऽध्याषः। qe पुरुषश्छ च यकरधे aye तु तच्च WY ॥१६०॥ awa प्रेषक स्यान्न यजुःव्वाद्वियेत a”) । तेषां Reed’) यश्च यथ” Shela जगौ neg cn Surf यदुक्तं च जौष्छेवोभयवन्ति तु । wafer यच्च ane g) यदुच्यते ॥११२॥ भराग्रंसवदजि(ग)स्तु ददृगरेऽथ<) यदोववंश्रः | TTT TAG) Tee) qt ॥१ ६ २॥ feafir® विश्च जगौ वे काश्पोऽसितः(च) | seria’) यास मोक्ता trem देवताः ॥११४। (९) तानि षडिति geo गन Ge | (२) यणुःवादि येषु चेति we we qe | (१) पेषगतं इ्कभिति we | (४) aw तच्चेति ख, यन्तु atta ve एरकान्तर च्च | (a) मेधाविथेरिति खण, मेधातिथाविति we we पुरकान्तरश् | (१) ऋषौ Raat इति Te we एरकान्तरष्‌। (9) वाभ्राश्वे चेति we we एखकान्तरश्च | (<) qtafa wo ग ° So पखकान्तरश्च | (€) दशं चेति we Te Bo एखकान्तर श | (१०) चेति Te we एलकान्तरष | (११) वामदेवेति ग», णामदग्न्धखेति ° एरकारच | (१९२) we इति wo me उण Garey | (क) ऋ, २, १९, ८। (ख) ऋ० १०, ९९, ५। (ग) ऋ° १, १३९९ । (ष) We RU ६५ । (ठ) we र, ४९, € । (च) we १) ४६, re} q8 SWRAAT | सम्पद्यन्ते यथाग्नौकाः(९ wae तां निबोधत । इश्रोकयः खोऽयःरमेवाभिरयं SAO समिध्यते | waar” रूपं श्रातो.) She खमिष्यते) we ६५॥ इति इरेवतायां दितौयोऽधथावः । (१) auf वा! हति ख ° xe wo Garay | (2) सब्बेभिति we ग° Be एकान्तर | (३) why इति म ° Se पुखकान्तरख | (9) श्ातेर्वेतस्छवमिति we ग घर च | (५) Wt इति we ख. पखकान्तरच | (क) we ८) ४६, २। (ख) Wee, ute! (ग) Wey, ea | (a) We 8१४; 8। ( qa ) VY तृतीयेऽध्यायः। तमूनपादयन्वेव ATT सोऽणुच्ये तम्‌ः(५ । aM fafa प्रजामाङरग्तस्य." च सम्भवम्‌ ॥ १ ॥ गरा शंसन्िेके तूर Wafer) | | मराः शंसन्ति सर्व्वऽभिन्नासौना इति वादिनः५ ॥ २॥ ut तटाङ्रभ्निमेवायं(९ गराशंसोऽध्वरे वयम्‌(*) | गरेः wea श्रासौनेराङच खलिजो राः) ॥ २॥ दला लिति ङतं रूपं छयुषिभिगेतिकमेएः(< | (९) यच्छव्सौ तनुमिति खण ग» we एरकान्तर ख | (२) अमु तोऽसयेति wo Te ° एकान्तर ख | | (a) गराग्रंसमिद्ेके त्विति we ग° Ge पएरलङ्गान्तरघ। (४) अभिमाङस्येतरे इति ग° go GURY! (५) वाऽध्वरे इति we ख पएखकान्तर च्‌ | | (¢) रतमेवाङरन्धेऽपभिभिति ae so एकान्तर घ | (ॐ) qafafa Ge we Se THRACE | (<) Saft गरः दति we me wo GRATE | (€) xefeafand रूपमोठेख स्लतिकम्मेयः दति are vo पुरकान्त- TH इड इव दषः, ESE यत्र {नोति ख, सूति- कम्मेणः द च, गतिकम्मेडेति च° । (क) We ९, ९९३, ९ । q8 ` SYRIA | सन्पद्यन्ने sarata() सन्पदं at निबोधत | cme: aoa Vaarfacs SRO समिध्यते | waar” रूपं wrt Sha समिध्यते) ॥ १ ६५॥ इति इदहेवतायां दितौयोऽधायः । (१) यथापि au इति we He Se एुखकान्तरख। (२) aafafa खर ne खण एरलक्षानरश्च | (a) Why इति म Ge एखकान्तरच | (8) श्नातेर्ेतत््वमिति कर मन्ध Te | (५) Wat इति we wo पखकान्तरब | (क) Be ८) 8६, २। (ख) We Orel (ग) We ४, €,५। | (m) Ke ४, ९४; 8 | ( ९५ ) पथ TAA WTA: | तमूनपादयन्वेव माका ast तम्‌ः(१ । an fafa प्रजामाङरणग्डतस्य." च सम्भवम्‌ ॥ १ ॥ मराग्रंसन्तिरेके तूर होदरभिरख्ाङरध्वरे (५) | | मराः शंसन्ति सर्व्वऽभिन्नासौना इति वादिनः ॥ २॥ a तटाङरभ्िमेवायं(९ गराशरंसोऽध्वरे वयम्‌(*) | नरे: wea श्रासौनेराङश्च विजो नराः) ॥ २ ॥ दला लिति हृतं रूपं छृषिभिगंतिकमेणः(« | (x) यच्छ्सौ तजुमिति ख० ग» ॐ» एखकान्तर ख | (२) अमुतीऽस्येति Go ne Se पुरकान्तर्‌ | (a) aerafata त्विति ख° ग° wo पर ज्ान्तरख। (४) अभिमाह्स्येतरे इति me vo पर्कान्तरच्च। (५) वाऽष्वरे इति we ° पुरकान्तरख | | (१) रतमेवाङरन्येऽभिभिति म० so पखकाम्तर घ | (ॐ) ह्ययमिति wo ne So THRACE! (<) Safest ax इति Go me wo TRAATY | (€) इडच्लिषिष्टत रूपमोदेख स्ततिकम्मेणः इति ग° ve एरकान्त- Tq RS TAT दषः, ESE इवच दष्नोखेति खम, सति- कम्मेयः द यच, गतिकम्मंडेति Te । (क) We ९, ९५३, ९। ९९ डचरेवता | इडावां(र)स्तेन चोक्राद्िरिरिणण(*(रगतिकष्मण(९) ॥ ४ ॥ वर्दि(गरेवायमद्चिष्ठ सवं हि परिटंहितम्‌ | aaa यः स्तौ arefaaa परिटृद्यते) ॥ ५ ॥ arc देव्यो थाः प्रोक्ता fedat arg aaa: | smn aan तथाग्मा्यश्चिमेव VO nen अग्रौ भुवं fearera®) स्यन्ते चाग्निना स । प्राधान्यन्तासु Vary: स्ठतिष्वय(°विःवु च ॥ ९ ॥ amar सा.) च ये दोव्यावाग्नेय्धावेव ते wa | (x) xfeafa we, इ डिनिति wo एस्तकाम्तर्‌ | | (२) व्धिंकम्मिदेति ग °, वधिंकम्मणेति ०, बुडकम्मंखेति एसतकान्तर | (९) aaa इति we ° पल्तकान्तर् | (४) परिखंडित इति re wo Go| (४) इार्स्येति Geo ग ° Go पुस्तकान्तरच् | (q) खापायोमग्बवन्तन्त नाभिं arava wa चेति we घ च ० | (७) च्ुवाख्ितत्वात्विति क. चर qe | (=) संसलुयन्तेऽभिनेति we Te Ge | (€) शतिम्येवेति ग° ख° एत्तकान्तर चच । (xe) मक्षोषाऽखौ ति we ग° To एखकानरख | (क) "Ee 9, २,४५। (ख) We ८, ८७, ९। (ग) Weg, ५६, १७। (घ) We XR, ९ । (ख) We ९, २२, ९२1 टतौयोऽध्यायः | qe श्यामाग्मेयो(९ हि area त्येवोषाःक) weg तूर) ॥ ८ ॥ तम see ay मन्ना नक्तौमां हिमविग्डुमिः । श्रपि वा^९ व्यकव ति नन्‌ पुष्यो बे FEO wa < ॥ .. नाचा wa ORs शषा) प्रागुदवाद्रषेः | Car हि ater भवत्यादौ मघे प्रापने तमखतो(९.) ॥१ ott | देग्याविति\ तु होतारावुभौ(९९ पार्थिवमध्यभौ | (९) मायाभरवीति ख °, वावाप्नयौति we, श्याचामेयौति wo एलका- ACY | (२) किला(ख)ऽवमे(ग)ति we go च ० | (a) भि वेति खर | (8) चेरिदमिति wo | | (४) वम उच्छनयुषेति स्लोकः Ko घ च° पुस्तेषु म ट श्छते | (६) उषाः इत्वर उषति पाठः संगतः। (9) वेति ख ० | (८) Be we ° Garay, सा fe वोषेति aaa, नास्ना मवनखघा खवेति qtaretg प्राक्‌, पठितं | (€) दोषेति wo qo चर | (९०) भिग्रोथे सा तमखिनोति wo ग° Go पुरकान्र ख | (१९१) देश्थावितौवि we qe | (९९) Git इति ग° ख TeNTATY | (क) ऋ° ९, ७६५९. । (ख) ऋ० ६ ६२,४। (ग) wok, ५४, ५। (घ) ऋ ० ९, 8६, ९। (ठ) Wer, दे, ७ । (च) Wo vox, € | qs द ददेवता। दिग्यादग्नेश्डु५ ona देव्यौ तेनेह जग्मना९। ११९॥ frag देव्यो याः प्रोक्राख्तिख्वानेबेह सा तु वाक्‌ । जिविधेनाश्यते aver व्योतिःषु fay व्तिनौ ॥१२९॥ अग्निमेवालुगेखा९ तु मध्ये A” erat aq ख्िताधिलोकन्तु*) भारतौ भारतो wet ie et शेषा तु जिविधा.वै वाण्दिवि च व्योज्जि चेद च। व्यस्ता (९ चेव समस्ता च भजतेऽप्नौनिमानपि) we vn set तु यः सोऽयमेव (= पाथिवोऽयिरिति श्रुतिः । पायिवस्याख्य वचेः स्यः wera चान्तेवेषु wl) ॥१५॥ fafaa™ geet वा स्यात्‌ (\दंमन्रुवतौति aT? । (१) wifa wo ग० Se पर कान्तरद्च | (२) कथात इति We wo Ge qe | (a) eanafa wo, अनुसेजेति we घ° wel (8) प्राप्तेति Ge ग° Go पुखज्ञान्तर श्च | (४) ख्ितविलोकक्विति to wo wet (१) व्यापेति we we च० | ` (5) मनबप्रोनिममग्विति कर घर च० | (<) ड खामेवेति we ve एखकान्तर्च, यत्‌ खय प्रोक्त इति म ० | (<€) ख्छ॒तिरिति Ge ग ° ङ ° एरूकान्तरच्च | (१०) काखावौदिति we, कस्याषटगिवि ख° एकान्तर | (xx) पार्थिवो arara च कौत्सा चिव्यत्तवोषु चेति we घर चर | (xe) qfert वा स्यादिति we, व्व्छतेवां स्यादिति ग° Se एसका- MATE | | (१९) waa खव वेति we we, वा इच चेति we एरूकान्तरच्च । ` (क) We Lo, SB, २ | eater see | ९९ कमस लरणां वेत्ति Vy नामेत(रदन्नुते ॥१९॥ यः स्खूतमौजस्त॒ (ररवेखश्रसुपाभितः(५) | सोऽय ^” लष्टारमेवाप्निः (“परं वन्दे च er ॥ ९ ७॥ प्राराद्रद्या च gna: gaa) यदयर्वसे९.) | स पाभवदूषिस्तेन ब्रह्मणा वौ्यवन्तमः(९५॥१८॥ तग्टषि(१९रनिषिषेधेग्रो (मेवं वोचः Omen । ग हि atm मधुन्य्जिन्‌ जोवन्तं Steg ॥ १९ (९) कम्मंखत्तारको वेतौति we wo, Raters वेन्तौति खण एस्तकान्तरख। (२) गाञ्नैतदिति wo | (९) सदखतमे रश्सिरिति ग० So | (8) चश्रमसाश्भिव इति wo चर qe | (५) साऽपौति wo wo we पुखकान्तरष््‌ | (९) afafafa ग० द° पुरतक्षान्तर् | (9) वेदवतं मनुभिति qo, चेह च यन्मध्विति ne, वैद च aff Be, देव च यनग्भधिति Tear | (=) खपोति wo ae wo पुककान्रष्‌ | (€) qarafa go xo we पुककाम्तरब्। | (१०) तदथवंय इति qo ग So धखकाम्तरच्‌ | (११) दौप्तिमन्तरः इति wo ग ० ॐ ° पुसतकान्तश्च | (९२) तं त्ृषिरिति कण me qo) (१९) निषिषिवेन्द दति कर घण qe | (१४) मेद्‌ वाचः इति क° qo च०। (१५) मधौ ब्रह्मन्‌ Rast MATa इति क ° wo qo | (क) Wet, १४, ९० | se TUAAT | aafa afaat देवौ विधिव.ऽकमध्वयाचतां५९) | ख च ताभ्यां ares यदुवाच श्चौपतिः॥२०॥ तमन्रूतान्तु नासत्यावाश्ेन (भिरसाऽभवत्‌ | मध्वा याह्य तवं awry at इनिव्यति५ ie en श्राशचेन (९शिरसा ate Ogagre यद्श्विनौ(") | तदास्ेग्धोऽदरन्छनतं ® न्यधान्तामस्य at fare) ५२२॥ दभौव)स्‌(^९च्धिरखाश्ं रतं वेण afer । पपात सरसो wa पवते शर्यणावति) ne an aaa’) सखसुत्थाय श्तेभ्यो विविधान्‌ वरान्‌ । (१) विविक्ठे इति we we परखकान्तर | (२) याचलिति wo we we चर |. (a) वा्थेनेति we we पुस्तकान्तरख | (9) त्वावामिति कर Ge we qe | | (४) मेखख त्वावधौत्तवः इति we Ho Go एसतकान्तरब्च । (१) wvaafa ve पसतकान्तर | (e) ताभ्यामिति we, aftafa क घर Te | (s) यदश्िगोरिति we We we] (€) aca रस्येति ख ° | 7 (१०) थावगधन्तामस्य यच्छिर इति ao, नवतामस्य यच्छिरः इति we, चान्धनगघन्तामस्य VT So THRACE | (xe) aitaeafa we vo एरतकान्तर च्‌ | (१२) तच्छिरस्विति we wo We Fel `. (क) ऋ ° ९, ८8; ९६ । (ख) We ९, ८९) C8 | शतोयोऽध्यायः | OX mara areal araarg न्यमष्णत(९॥२४॥ त्वष्टा रूपविकन्तां च योऽषौ areata गणे । स्तुतः स च निपातेनर qr न विद्यते ॥२१५॥ (क)वनस्तिं तु यं प्राङरयं सोऽप्निवंनस्पतिः। wad वनानां डि पतिः पाता पाणयतौति ३/९ ॥२६॥ afazauen st वनस्पतिवदौडितः | wee त्यस्य Owe (‹'वदुचस्ध zitrat ॥२७॥ यूपवन्तरुवचैव सतिर्याच (भ प्रसङ्गना | समरेनेव gaa (गएतौये षा तु मण्डले ॥२८॥ wena aan < विदुषां मतयोऽभवन्‌ । (९) प्रादायेवि we qe ० परस्तरकान्तरच | (a) निमणव्नतति wo me दर पएुरक्षाम्तरस | (३) निपाते चैवि we qo qo | - (9) वेति me we qo] (५) मन्देति चेति ग° we पुरूकान्तर स | (१) सक्ते चेति we | (9) arafa xe we पएरखकान्तरखच | (=) aaatifignittia wo a ख °, catat afragtfe एरका न्तर्‌ | (€) क° we qo एकेषु, खाषाछ्नताखसंस्याख्विति पाठोऽस्ति | शखाहाद्लतयोऽनेकाश्ेति Bo ze wo धुरतकान्तर च | (क) Keg, 8०, LO} (ख) We २, १६, ८ (a) ऋ» १९, २९, ५। (घ) ऋ ° १, १८८ १९ । er CHEAT | mead सोऽय(रमेवाग्निभवतौति विनिखयः ॥२९॥ अयं aut च देवानां (रसाङतिस्तामिदैकजा | अयं प्रसूतिभ्धतानां स तेषारमयमव्ययः ne ०॥ तनूनपागद्वितौया तु “नराशंष्वतो चथा | quad “ndtwa जिव्वेवोभयवत्खि (^) ne en मरागंसवतौ वा ar fearae Onerfiat । बलकामोऽथ वा यः eOgtcfireafa वापि यः ॥२२॥ श्रप्रेयमिति\९ यज्व मि(रशरेश्वरेवमिरहोच्यते | (१) त्वमिति me Se CAAT | (२) ea fe wut खाद्ाना्मिति ख० me G+ एसकान्तरच | (३) सर्ववेषामिति ख० ग° Bo एत्तकान्तर च | (9) वेति Bo To Fo पर्तकान्तरच | (५) खमते इति we ae, THAT इति Se पुल्तकान्तरख | (६) उभयवस्यत्विति ग °, उभयवल्सु विति wo, sua चेति Te- RAT | (9) चास्यादिति we go | (<) चेति wo He Go एकान्तर | (€) अन्रकामो वेति ख° Te Se एरतकान्तरच्‌ | (xo) भूतिभिष्छेदधापीति we ग To TRAPATT | (१९) वेति me | (९९) अमेयं amfate we we एरकान्तरख, as सक्तमिति Se । (xa) खक्कमेभिर्यंदिति Be Te Se THRATT | | a ee (क) Wo १, ९८८, २ । (ख) We ९, ९४२; Rl तोयो ऽध्यायः | oR afeufegy गायनं (*वेश्वदेवेषु wed 2 २॥ इकसोममितोग्धं तु (यदा द ्रकमान्तेवम्‌ | afar सहना सप्त प्रत्यृचं खौति देवताः ne ४॥ तचन्तुनेति षदश्वुचु चतष्टधवृतुभिः सह । युनदयो श्छेत्‌नेति वड्तेकत्वल्लकिताः We yl तवो देवताभिखच निपातने gar: | श्रथनतपरेषसक्रे च तथा गाश्षंमदेऽपि चर) te ei मुख्यया विष्मेवास्तौ.रकारतस्त दितौयया । तौवयया तु ब्ष्टारमभिन्तुं परया ततः(५) we on पञ्चम्या तु पुनः शक्रं ष्या देवादृताढधौ | | सप्तम्या ाभिरभिन्तु चतुभिद्रं विणोदसं(*) ॥ २ ८॥ Meme नेयद्द्चन्ताणणं a”) लिङ्गतः | a we fagatsarat® श्नातु्तत्वेन देवतं) een (१) emata पिवैतौममिति wo ge पएस्तकाम्तरख, इममित्च इदमिति ग | (२) सवर्चनेति weg xanfe तचा गात्संमदेऽपि चेचन्तपाठः He घ. च ° fafsageaa म विद्यते | (३) watdfafa क ० घर, खवाचच्निति च ° | (४) चतुर्थ्यां चाभि मेव चेति खर ae | (५) मग्वाणान्त्विति Ho we qo | (९) यासामिति we ve पस्तकान्तर्च। (9) देवताः दति We we च० | (क) Hex, ₹७ 8 | (ख) ह° €, SS, ह । 10 VUCAAT | ,. Waren तु नासत्यौ(क) डादभ्साभ्निमिमं पुनः। VAR एक्‌ WAT GHATS THAT ॥४ of awed fee’) वा aaal® यज Tea: | waa देवतेकेका femrgia® तद्विदुः ॥४ ९॥. वेश्वदेवानि aurfa जिविधानि भवन्ति तु | खयेसंस्तवसंयुकतं feufey ए यकूर्ठतिः*) ng an एयक्ष्ठति तु यत्रोक्तं तदिद्ा(९इडदेवतम्‌ | विश्वशिङ्गग्तु तद्ज faa: सेः eye: ue an विश्वातुरिश्च यदेवान्‌ स्तौति सुव्य॑मनेकधा । ` देवानेवा<भिसंस्तौति तं ww: Galery ॥४४॥ न तु भागोऽश्कादौ(९ भ सूं लोषधेषु atl’) | (१) दरथान्तरः इति wo | (२) बङदेवतद्वग्डे इति to wo चण, बङदेवते इन्दे इति wo | (a) ya: खेरिति we ae qo | (४) देवतेकेकाममक्तिसतौति we Be घ we | (५) van qatfa निविखगोन्तपाठः समौ चीनः | (१) afwarfefa we घ० qe | (७) कम्मेमिः रतः इति क° घ च ० । (=) Rate यजेति we we qo} (€) ZHVAfa we wo च । (९०) भागस्य खक्तादाविति we ग Ge TRANCE, मागो खदा दाविति we | (९९) GRAINS वेति ग ०, GMAT वेति ख ° | (क) ऋ० de, २४, ४। टतोयो$धष्यावः | oy न सावि यामो.कति म स्वायां) करतौ ga” ag ue न Rag प्रपारेषु(? मन्ते्न्येषु केषुचित्‌ | ग च यज्र खलाषेति पटं वा ख्यात्‌ खज "रिति ॥४ en ata’ प्रसङ्गादपि तु बौना परिकौर्नम्‌ | वैश्वदेवं aay wR Irae”) ॥ ४ ९॥ असस्छतं Sega” प्रदिष्टं रैवतं शचित्‌ | मन्तेसद्षयोऽचं fname बुध्येत rea ny cy रादौ तु मधे are च विधाषु च aif | कद्माष्छतुपरिष्टानि प्रदिष्टान्यपि तु afer ween करणे तावत्छाविश्चां निविदि atte ade । Fe (१) मखे इति me ge | (९) warefafa qo qe go | (९) अस्मिनिति क ° qo qo । (8) रोमकायनः इति we we | (४) शत बापीवि go me we | (ई) देवताग्डषयेाऽचन्तः इति we qe qo | (©) wrerfafefa wo me ve पुखकाग्नरच | (=) vag च कलुभिरिति ग° चर, एथककेष च क भिरिति एल्तकान्तर | (€) र्षवदिति we qe qe | न (क) ऋ ० ९, २५, ९। (ख) We ५, ७९, ४। (ग) Wee, RR ७। ७९. देवता । ` यद्धेतुसद्यनड्हो\ बोढा दोगधाश्डरोव ATW off भागेयः स्तौति चाम्यादीग्धिनादौनश्वसब्हतौ (९ | यदेभिरिति वैतञ्धिन्‌ वेश्वदेवेऽप्रिमचेति uy ci तदाङरादावन्ते च प्रायश्रोऽन्यां graf: | maar) प्रसङ्गादा सखौत्यन्यामपि देवताम्‌ ॥५२॥ यस्यां aaa” खा श्रेया सक्रभागिनौ | यान्तु स्तौति प्रसङ्गेन सा faster निपातिनौ ay au चतुद्धां waa चासन्‌ सक्ते a) छक्भागिनौ | यस्मिन्‌ wate राजर्षौ नषौम्‌ वापि स्ववचृषिः ॥५४॥ मेधातिथिरगच्डम्त sweat मनुगेयः(७) | जिश्चा) च सकष mata गोतमो em ॥५१५॥ (x) यडेनुः awnyrerfata ङ ° एकान्तर | (२) चाखसंल्तताविति कण we घर चर | (2) न्धाः स्तवन्रुचः दति we Go पुस्तकान्तरच् | (8) प्रतियोगादिति we wo पुखक्षान्तर् | (५) वदन्ययपादाः इति He घ° we | (६) न तु ्थादन्यते इति He घर qe | (9) वेति we | (<) चेति we ge | (€) मागवेा यमः इति Bo Te Ve पएरखक्षान्तर | a न (क) Fe Le, 8९; RI (ख) we q,&%, ८ 1 (ग) ऋण ४१२९११९ । (घ) ऋ ° ३, ४१, 9 । = ~ ज शः कषण तीयोऽध्यायः | eo WAIT: TERIA: कौवा.कना चिरौवैशरः( | ana aa निर्दिष्टो दुवस्य गममतासुतः(९ iy en fave कश्यप afaraercy area: | वामदेवो मधुच्छन्दाः पाया THAT Fea: Wy on sama afiga: सक्षय) ये । ` तापसोऽभि्छेषिः९) ga gael Ra” एव च ॥५८॥ ` TAMUATZA चत्वारो श्वातरः TA । विष्णुश्च नेजमेषश्च माचा संवनन(°८गख यः ॥५९॥ एते तु सर्प) एवास्य विश्वैः खेः कशंजेगुरेः । समस्तेरय च व्यस्तैः TIT तुष्टवुः ॥९०॥ (१) sargfcfa So पएरकान्तर | (२) aaatgat: इति we qo | (३) चधिरिति खण vo पुरकान्तरष्‌ | (8) पायोदकस्चतेति wo we च० | | (५) देवास weaafa vo एसतकान्तर च्च | (६) यमोऽचिचापरसः इति we ° पुरलकान्तर स्च | (७) स्वग इति we | (<) सर्व्वा इति कण घ We | (€) वेति द° पुश्छकान्तरश्च | DUN kVwe OO (क) WY, १२६१ २। (ख) We ८, १४,२ | (ग) We १०, yoo, १२। (घ) क ९, १०८५ द । (ठ) Wer, wee, €| (च) wee, १९१ ८ । (द) Wee leg, Ci (ज) ० १,५२५। (भ) we १०; ER, १२ | 9 ~ oc TUEAAT | पार्थिवो xfawtar™ fa: पुरस्ता्स्त॒ ati: | तमाहङूरिग्रं area Se तु मलविन्तयोः ne en ad हि xfawtarsfircd दाता awe डि । xfawterfatard द्विणोदा(गस्तदोच्यते ५६२॥ आ्ेयेव्ववद्ष्षेत(र) प्रवादाद्रविष्णोदसः। Ogee wane”) यदे शरावरणं परम्‌ ॥१२॥ (र) xfaatetsfufafa we घ च०। (x) अतिदादृत्वादिति ङ ° पुखकान्तर्ख | (३) ्ा्ेयेष्येव ext इति ग° | (४) we vo fafyagernat:, एकतकान्तरे च र्स्य मवकस्येहेति qtaratar, त्रवियोदाभिरेवायमिति श्लोको न विद्यते ।तच,- जायते च बलेनायमध्येव्यभिभिरध्वरे । इवोंषि अविडां प्रा ेपिषो यज जायते ॥ दातार खलिविजस्तेषां ्रविदादाखतः खयम्‌ | ऋषौ शां एज देषां दृष्यते सहसोप् । ARTE यतो WH Tear xfaarear | रततृसाञन्ञोकदयं दृष्यते । ° fafsaqea xfaatca cee ग्रानियोदस एतिपाठः, एखकान्तरे च Gata खध्येतिति पाठो$सि | (४) मवकस्यादेति go Gerace | 1 (क) Zee, Xu, १० । (ख) ऋट० १; ९५, ७ । हतीयोऽध्यायः। ee aetat तु dart waa ब्रह्मणसखतिः। गः पञ्चभिरादाभि(रःस्िखभिः wereaftt: ॥ १ ४॥ मरागंसोक)ऽनधया wat सोमेच्रौ तु निपातितौ | saat सोम oxy पञ्चम्यां cfwur ae new प्रसङ्गाङूषिणण प्रोक्ताः सम्बन्धाः स्थानलोकयोः। आजापत्यं aie: स्यादिति तस्येह मामन ॥१९॥ कथिते दे च षटचान्यान्येषाघ्चााः४ प्रजापतिः। ` ((श्ष्टानि याजि नामानि तामि aera: परं ॥१७॥ सप्तभिः कञ्च कामख सदसस्पतिरेव ख | caufacatrafraa Og ब्रह्मणस्पतिः ne cn. रतोयान्ते तु खक्ख We) gery यत्‌ । (x) तस्यो्षरे चेति we we qo, (x) अग्न्याभिरिति ge | (९) attfa we gol (8) यानि aay भामानि प्राजापत्वानि af त्विति ख cersracy | (४) कथितानीह wants तेषां त्वाद्य इति go पएसतकान्तरद् | (ई) ष्िि्ानोति ज्ञोकाडं we ग घ च° चिद्धितदुलकरेषु न इश्यते | (®) इडस्यतिरिति we | (=) qa इति ख ae | (९) waafafa we ge Tara | (क) We &, १४२, RI = Se : शद द्वता | चतुभिंरितरेस्तच^\) न खक नाणगच्यते(९।१८॥ सर्वाष्छेव तु सर्वासां देवतानां प्रजापतेः | मामानि aurea सम्यग्{क्रिदि दृच्ववः we ol तद्‌ र्नेतदेवं श्यादष्टानामेव(९) हि wa: तेरेव चास्य ae’) क्रतव walfe च ॥७१॥ मरद्वि्मष्यमस्थानेः पर म्चिस्ठ पार्थिवः | wana amar प्रतत्य.“ मिति समस्ततः ॥७ २॥ मरुतां सारचब्याततु) खुक्रेऽसिन्नािमार्ते | मन्यते माध्यमद्धेव< यास्कोऽग्निं न तु पाथिंवम्‌ noe स्यादयं पार्यिंवस्छेव९ तथा ed fe दृष्यते | (र) wtafafa we we चर | (२) मापि त्वधोऽघरते इति we we चर, गानाप्युचोऽनुते इति ग° । (ह) awufa Bo गण Se | (9) तरेवास्य प्रकल्यन्ते इति Bo Vo एसखरकान्तर च | (४५) अयमिति wo Te qo qo | (६) गवच्चनेहेति vo एरूकान्तर च्‌ | (9) wewfats se | (<) वेति ge | (€) मध्यमं त्वेवमिति we Go पकान्रच | (१९०) पार्थिवेति ve एरकानरच। (क) ऋ ० 9, ६८) ६ | दतोयोऽष्ययः। <= श्रये Sera) चेति वेुतेन aca fe no we श्रय ख्ाद्‌.रभिधानस् देवतायाः एथक्‌ wea”) । wiistte पादस्व area” शेवतम्‌ your थथा निविदि विश्वां waa कर्म कर्म॑शा(९) । दोग षेलुनर्वोढागद्धानाशः सनिर्‌ धिवाः०) wo qu यथा वरकमिन्ोया age: प्राविता भुवत्‌(ब) | DNATA hal) तभ देवताः ॥७७॥ अब्दानां देपदारीनां चिदेवक्ङदेवतम्‌ । wig खस्ठतवत्मदिष्टं देवतं कचित्‌ ॥७८॥ (१) wae तौवये चेतदिति we qo qe} (९) वैदुतेनेखतख्विहेति we ve | (a) wafafefa so Qaaracy | (9) wat खताविति we so एखकानरच । (५) च्चायेतेति we vo ywaracy | (१) ख्यकष्भखेति ve पखकान्तर सु | (9) तथेव चेति ge wo Wo | (८) यथा च wat भिच्ीवाः इति we we qo | (€) खमेरिति wo go पएरका।म्तरच् | (६०) षरोच्छः इति we | | (१९) परोरखच war इति ख ° पखकान्तर द्‌ | (क) Wee, ९९५ ९ । (ख) We Uwe (म) We द, BL, 9 | (घ) ऋ० ९; ad, =) 11 ) | खनयाद्‌भावयव्या्चः HVA प्रत्यपद्यत ॥१४९॥ प्रतिग्ह्म च तुष्टाव प्रातः fat शशंस च ॥ एतदुत्तरखक्ेन श्तमित्थादिगोदितम्‌^) ॥१५ ०॥ (१९) राज्राङकोरसोऽसमौ यादि Grave ऋमेनदपेयन्तपाठः ख, ति- डितप्रसक्े न eva | (२) कन्धा, इति ge | (a) दष्रभारसमणग्विताः इति ge | (8) cuterea दौपिनोऽन्वेरिति ce | (४) धनं कूप्यमिति ge | (4) निष्कं शतमश्रागामिति ge | (७) गवां सङखमिति glare ° चिष्ितपुरूङ्े न वियते | (<) षच्युपाधिकमिति ge | (९) ततः इति Ge | | | (xo) Ge चिडित्स्तके, रतदु लर ङतेगेति श्लोकार्धे, wauzue am शतमिन्यादि चोच्यते इति matsfa, शतमश्व'ष्कतं भि- ष्कानिति श्ञोकार्धात्नाक्‌ पठित | (क) ऋट° १, ९५०८ Xl (ख) We ९, Weg, a € Zweqar | फलप्रद शमं तस्य क्रियते प्रायषख्ि इ | दितौयान्तु पितापश्व्छुग्‌रित्यादिकाग्चम्‌ ॥९५.९॥ ala” स्वमिति भगवानाद ओानकः। एषा तु टेच॑तमसौ सानुशिक्गा कथं भवेत्‌ ॥१५२॥ उच्चे प्रातरि गदे खूनोदनिन इर्षितः। राज्नखाभिषमाशाय सुगुरित्यादिना किल ॥९५२॥ कर्माणि याभिः कथितानि creat दानानि चोच्ावचमध्यमानि। नाराग्रसोगरित्यचस्ताः प्रतौया- दाभिः खतिर्दाशरतयोषु रान्ना) ॥९५४॥ पश्चामन्दान्‌ भावयव्यस्य गोता जायापत्थोरी wet सम्मवादः५) | (x) काच्तौवतमिति पाठः समो चीमः। (२) खअधिगम्य गुरोविद्याभिव्यादि सगुरित्यादिना किलेयन्तपाठः क uc ue fafsaquag म fraud) फलप्रदश्रनं agente aufcarfor fatannstsfe wo ue विङ्धितएस्तकयोनं . दृष्यते । (द) कम्भाखि यावन्ति छतानि राच्ेति se | (४) प्रतीयात्‌ edt get ag वरि्िराच्नामिति se प्रखकान्तर च्‌ | (५) सम्भवादो इचेनेवि we we We ॥ (क) wey, १२५, Ri (ख) Wet, १, 8। (ग) ६० च्५,द। त Vhs | aN ae, € 9 VTS रोमश्रयेकषराश्चो- रेते लौ मन्वते wri ॥१५५॥ CRY जायापत्योखेतिहासं : (र त्यचेऽमिग्न्यते शाकटायनः | mTergat® रोमां माम नाजा ठदस्पतिर्भावयव्याय TH ॥९५ द ॥ इति शहेवतायां कतौयोऽध्यायः ॥ 1 (१) wane अथ ta anemia aut इति we ख पखकाग्तर ख | (२) द्ये इति ae | (श) स तामिति wo Se | (क) We ९, Rd, ७ । td 13 éq (क) "Ze ९) १९२५, २ zweqar | wera तस्य क्रियते sraafey | दितौयान्त पिताप्वव्छुग्‌*रित्यादिकाग्टचम्‌ |. arated” सब्वैमिति भगवानाह शानकः | एषा तु देधतमसौ सानुछिङ्गय कथं भ ! a उच्यचे rahe नोदनेन हषरः राज्नखाभिषमाहाय सुगुरित्यादिना * कमांणि याभिः कथितानि रा -= कः दानानि चोश्वावचमध्यमानि | नाराश्ंसोगरित्युचस्ताः 7 ` ^ दाभिः स्हतिर्दाश्तयोष `: पञ्चामन्दान्‌ भावय | नायापत्योददौ च्छच) (९) काच्तौवतमिति पाठः = (२) खधिगम्य गुरोविद्या we wo चिहितप* aes सखगरिग्धादिना पिः | . दृष्यते । (द) कम्भाखि यावन्ति : (8) प्रतीयात्‌ स्तुती = (४) सम्मवादो eas aqui SATA: | éé€ श्रयाप्रये ्रभिभिन्युष्तरे य- TS aft ma dagepra(”) युवन्त fread” खह स्वुता- विदन्त मेने याख एकं प्रधाम^र) ॥४॥ wary: पवतो विद्धि vat दिवत्ष्छतौ चेग्मा₹*) प्रधानं | श्रालवावंयोरथ पशचेद्रवाय्वो)रेका वायोर्क्तर दिप्रधानं ny, त्र पञ्चवर्ण मि्रदेवा दिवादिश्बः कथिताभ्वः परे दे दे डे पदे aga” रोदसौ च देवाखाधे्चेन विभक्रमन्यत्‌ ॥१॥ (९) खभिमापरेये अत उत्तराय पर्ेश्रायि पतदेन्दशुगेडेति we THIRTY | (२) लिन्बनतु मेन cw ate: प्रधानमिति क» घ० च० | (३) awa: qaafe aw: इति क° घ° qo | (8) wratsfafa कण qo qo | | (५) आत्वागवपचचेश्वाम्नोरिति क ° घ wo, आआत्वावायो खाय पद्श- वाग्वोरिति we | | | (¢) दिभ्य चाद्या! इति go | (8) दे वापरे संस्तताविति ge | (क) We ८, ९६, २७ । (ख) We ८, ७६, 8 । (ग) ऋ० २, ५३, १। अथ WAKA: | aren aret हरिवान्‌ fafa fra सखायं खनयं दिदृचखुः | श्रभ्वाजगामाश् WET: Taran’ विधिनेव(र्राजा ॥ १ ॥ अभ्याजगामाङ्गिरषो च Ay इष्टा“ तयोः खा acat च वन्दे | TE: सखिलादय तासुवाख रोमाणितेषन्तिन सन्ति Ufa सा बाखभावादय at जगाद | eutqa शक्र Waa । at yaeete नृपः प्रइर्षा- दग्वत्रजत्योऽथ पतिं तु साऽत्रवौत्‌^ ॥३॥ (१) वह्छव॑मिति we So पल्तकान्तरघ | (a) wafad तमिति we | (३) wafdatset fafuat चेति go पएर्तकान्तरच | (8) cafe we To परतकान्तर्च | (४) at पुबया सान्यधपः प्रोवाच व्रभजत्धाथ पतिं पतित्रवेति कम We Ge | (क) We १, St, 8 । चतुथौ ऽध्यायः | ée श्रथाप्रेये अ्रभिमिल्युन्तरे य- त्पञ्चेश्ाणि परत) देनदवयगज(\) gan rare” सह qar- विद्रन्त्‌ मेने यास्क एकं प्रधानं(९) ॥ ४॥ ware: पर्व॑तो विद्धि zat दिवत्ष्छतौ येग्मा₹*) प्रधानं | श्रालावयोरथ पशचेश्रवाख्वो"रेका वायोर्न्तरं fara ॥५॥ तत्र पञ्चवर्ण मिन्रदेवा दिवादिभ्बः कथिताभ्वः परे डे दे दे पदे dga” रोदसौ च carga विभक्रमन्यत्‌ nel (९) अभिमपेये अत तराणि पर्चेश्रावि प्रतदेन्दथुगेकेति ख THIRTY | | (र) विन्ड्नतु मेन इइ ater: प्रधानमिति we चर qe | (१) ऋरुरतः पवतडि ae दति me घ qo | (8) wratefafa कर qo we | 7 (४) आअत्वानवपच्चे्वाम्नोरिति we we we, ाल्ावायोखाच Gem. avatfcfa ae | | | (¢) दिभ्य अद्याः इति go | (8) Fame खंस्तताविति ve | (का) ऋ ° ८, ६६, २७ । (ख) We ८, ७१, 81 (ग) ऋ० २, ५३, २ । yee CUVATT | मेषावरणं Beef सक्र ्प््णपोष्णं वैश्वदेवं fetta” | ura”) syed तोयं वेश्वदेवं ex“ eseaty ॥७॥ awry वेशवदेवेषु daa: te देपदास्तेपदाख । . दिप्रधाना aft चेकप्रधाना बज्जप्रधाना afa वेश्वदेवाः(० wen aan मिजावरणौ दितौया विखोऽश्धिन्धां तत BR ततोऽओओः | arent तत शेश्राग्यनन्तरा arewan चोच्मा स्तौति देवाम्‌ nen (१९) चषमेतौड सक्तमिति ख. Te छ ° THAN | (x) इतौयमिति क ° ध च | (श) we ओौघदिति ge | (8) awed fe स्यादिति se | ` (५) wage: इति क ° धर च । (ई) खअधर्वाविवि we we चर | (9) afa at दे-देष्यः इति go पुखकान्तरच | न~~ (क) We ६) १६०) & । (ख) Wet, be, ७। चतुथाऽध्यायः। १०१ पीगृषिवां etfs दथ्यस्मेऽस्धा- मात्मानं वा तेषु शं wre) | तस्मादस्तां विप्रवदजि केचित्‌ watt तस्यां तूर निपातभाजौ ॥१ ०॥ दाबुचथ्यकवहस्यतौ wheat waza: | श्रासोदुचथ्यभार्यां तु ममता नाम भार्गवो ॥१९॥ तां यवोयाम्‌(९ वुदस्पतिर्मेथनायोपचक्रे | TMAH तु गर्भस्तं प्रत्यषेधत (५ ॥ १ ey ददासिम्‌ wear न काय्येः श्ुक्रषङ्करः | तैच्छुक्रप्रतिषेधं तु न ममे ठृरस्यतिः५) ॥१२॥ स व्याजहार तं गभे तमसे दौ्धमख्िति | ख च टौचघेतमा नाम वण्ठवर्विंरुचच्यः ॥१४॥ स जातोऽत्यतप“लोकानेतस्मा(°्‌दन्धतां गतः | (९) वारवाणः alfa शंस जन्मेति we घर ue) रबाधर््याय इत्च सअहमेवाथर्व्वाणः इति we | (२) अचिरेश्नौ वेवेति we we qe | (a) कनोयानिति we we qo | (४) waratwafa me Ho Wo qo | (४) तं खकरप्रतिष्टानं तु ङहस्परतिरमषयदिति go) (€) खभ्यतपदिति wo घर, खभ्यवददिति Te ख. पुलकान्तरश | (७) श्यकस्ञादिति wo we Go | 1 ae (क) ऋ० ८, 94, २९८ | 7 Lox | THEA | ददु्दैवा शता AF ततेाऽनन्धो Tera च) ॥१५॥ स वेदिषद दत्थस्तौ(रखतुभिंजांतषेदसं | समिद्ध श्राप्रियोऽन्येश्रौ afer: पराणि we!” ne en स्तौ तु मिचावरुणौ खकरेमिचमिति fate: | fas मेचौ aca”) माधेनवखच शंसति ॥१९७॥ afefa वाय arafti तथा रूपं हि gaa | afg मेने दितिं वेव ge Fe” च शौनकः et afaca प्रसक्गादया दशेनादानुकोतेयेत्‌(¶) | विष्णो्॑कमिति She वैष्णवानि पराश्तः ween wa: पान्तं चतुर्भिस्तु) इराविष्ण्‌ सह स्तौ t aufe वा वेष्णवानि खविख्छेत्युचि काति nk ok [कु क रिषि (x) तु werent aa म न्धतां गत इति We ध Te | (२) xeratcfa खर | (३) wim geet बहभिः त्वभि तमित्य इति क° घ चर च्ापरि- ata प्राद्धावामेः पराजि चेति ae | (8) भेजीव देव्येतामिति ख | (५) यास्कः कुत्सो वहेति ड ° एरूकाग्नर | (६) ऋषिरमेः प्रखक्कतवाद्टदवा मोनन्धकोत्तयदिति we | (७) wqwaefanfafefs ae, तावां चतदभिकम्मिरिति ° Terarace | (=) तावाभिव्यचोति ग ° we एततकान्तर च | चतुथा ऽध्यायः | १०४ Tey Chinas चिन्नाखत्परिलारिणः(९) | qrat we”) गदौतोये दृष्टिोगमुपादधः(९) ie cn तचैकस्वेतनो ५) नाम शस्तेरेनमपा EAT | भिरखांसावुरयैव खयमेव wena”) ॥२२॥ PATENT तु मदः सर्वाः समुत्विदन्‌(९ | (जनयामास सोत्था्य(न) कचोवत्रसुखागषौम्‌ ॥२२॥ (*) तत्परिचारकाः दति खर ठ. gmat (२) दासा बध्वेति we Yo qo, (a) अवादधरिति we ao qo | (9) Saar: इति me we we | (५) Se ॐ ° पखकयोः, एरकान्रे च,- इत्वा TAA! तु पापेन महता इतम्‌ | आत्ाङ्गान्यगुदचेव Tat STV Eat श्रम्‌ । द्धक ufsazq | (¢) त aa समुदच्िपदिति रख एखकान्तरच्‌ | (9) भनयामास चोत्थायेति श्ञोकार्डात्माक्‌, we ख ० पुखकयोः Te- कान्तरे च,- 'अङुराजग्डहे aa सुशरिजं एल्लकाम्यया | दाच्चा च प्रहितां eal महां मत्वा महातपाः ॥ दत्व धिक पठितम्‌ | (८) सोऽनीणनद्श्रसेकादिति ख» ॐ" एकान्तर | ee a ac ee ee ae (क) We १,।१५८, wl १०8 CWEAA | तुष्टाव चेव सुक्राण्या^मबोधोत्यश्विनाटषिः | प्रति qrarefeet तूर पराभ्वामेतदुन्तरं wR si किमाभवं पर? मानो मेष्यस्याश्वस्छ सखवः | taiOar a दूति wat नौयमानं प्रशंसति ve wn खयुष्यासतखय चेवा बहवः संस्तता चयाः | नियुक्षाख्ानियुक्राख प्रसन्गादतुकोौत्तिताः ॥९९॥ dqaacdwn eae चार gra” | aferniwa gare wast इविषस्तथा५) neon वासोऽधिवाखसोखाज खधितेग)ख प्रकौ सेनं(% । गाजदख्ूणाना(' च” खथितेख warn = ॥२८॥ (१) वेति वद्ताभ्याभिति se पएखखकान्तरख् | (२) ararefaarafa go एस््रकाण्टच्च | (ह) परे दति ण एरकान्तस्च | (9) मविष्थं ary श्ूतवत्‌ इति Ge So पस्तकान्तस्च | (५) चतुय इविषत्तयेति ग °, cate च atom चरूणां ह़ं पिषा- म््नयेति Fo एसतकाम्तरुच | (१) afewag कौर्तितमिति wo ग °, वासाधिवाससेाखाज् BYTES च कौन्तनमिति ge | (७) गाचमूबश्युषाबाख्येति wo ve | (=) xo ue we fufsageras, गाजगजद्ृानाद्धेतिञ्लोकाङे न पटिवम्‌। = ~ (का) We 8, २८७, २। (ख) We, ९६२, 8 । (म) We १, VR, १८ । (घ) We ४, ९२, ऽ । | “~e चतुधाईध्यायः। १०५ भागस्य(र Ah लाच Target: सड aie | am ae वामौयं वेश्वदेवं तदुच्यते ॥२९॥ प्रवादा विविधाख्खच्र देवानां wa ahi | aftr वामः पणितो वायुर्भाता तु मध्यमः ie ot एतष्ष्ट.गखतौयोऽज“ aH वे TTY ताः । परास कथयन्चग्रि यथा वषेति पाति(९). च veep श्रहोराजदिमा“पासानृलंच परिवर्तनं | पञ्चधा जिविधा(<) चेव षोढा द्वाद धैव a) ne ९॥ संवत्सर चक्रवच पराभिः कौत्तयन्नषिः । (९) क्ागस्येति me द (२) इश्राप्व्याख कोत्तेनमिति ख० we | (९) पदस्येति ge) (8) edtate: इति ge | (y) afafcfa we | (ई) वानीति wo go | (©) अहोराज्ान्‌ fartfnfa ge | ,८) wate परिकोन्तनमिति ge | (€) पञ्चधा च चिधेति wo ge | (९०) इादणश्रधापि वेति go | (क) Wee, ९९8, 8 । (ख) Wer, १९6, & | 14 Log ङषरेवता | . ere च पेतुश्च गौरो वाचं सरखतौं ॥ २ ai ध पू्वेयगौ यञ्च) साध्यान्‌ देवगण्णं था | विविधानि च कर्माणि ल्निवायुविवदखताम्‌ ॥२४॥ विश्धतिमपरर्गायोख जगतौ ara arya | रणं रश्विभि्ेव“ faa पुनरेव qnewi कर््ालुकौरतेगश्चा्(९) पजेन्याप्निविवखतां | मातापुजौ तु वाक्प्राणौ माता वागितरः स॒तः we ९॥ सरखन्मिति are?) वाचं प्राहः सरतो | श्ररीरमिद्धियेयुक्ं खेचमित्थमिधौयते neon बेद तत्प्राण waa Woy उच्यते | Fa.) शकर) शब्द ya”) afer वाख एव वा a FI (९) Guuafafe ग °, ai चरानमिति se | (a) पुष्वयुगाना्धेति ख° wo, धम्पुमबेुगौ पञ्चेति ग, (१) गति ख्याख्िति खर ge | (8) वार, इति we, वारामिति ge | (४) विसपंमिति खर | (१) चास्येति Be ° परूकाम्तरच् | (9) प्रायः इति me we We चर | (८) वेच्येतव्राख इति se | (€) मेषे इति ae | (xo) qa इति Ge | (क) We ५, ८०, हे । चतु ध्यायः | ९०७ सोम उचाकभवन्धस्छ पावकाञ्च चयोऽधिपाः । ` MAL तं वेशवदेवमुपरि श्यात्पृथक्‌ |e: ve ci wn मिजमिमौ ata सौरौ wren area । मार्तेश्रस्त॒ संवादः कथेति? परमः aa® ॥४ ott aera Maat युगाः aah सदहाग्धया | एकादभौ प्रथमा च मार्तस्तृच उक्तमः(९ ॥४९॥ दंचस्टेव तु तजोक्तं करुवमितरस्य a) दतिदहासं पुराद्ण्तग्दषिभिः परिकथ्यते) ॥४२॥ TATRA द्विष्ठ चरम्‌ Th शतक्रतुः | ee ge (९) क we ge we Cede, मेघः ue धुम इत्यादि tat चान्या सरखते इत्यनपाठो ग विद्यते, Aq च यच Ba,— खक्ष मस्यक्तवं aia प्रसत | प्रवादबडलतवाच्च ततः सणिलमुच्यते | हति पाठो वन्तते। ' (२) कवेतौति we | (४) ततः इति खर ge | (9) awn: इति ge | (४) तेति we | a, (१) उत्तरः इति ae, मारयसि Suc इति Se पएरकान्तरख | (७) हचस्येव तु तवोक्तमि्ादि ऋषिभिः परिकथ्यते carats क ae घ ae चिड्धितपुरूकेषु ने च्यते | (८) चेति we we | (क) We १, eq, RI वि श eG SUEAAT | TT तुष्टाव तानिद्रस्तनेनद्र(“ब्टषयोऽग्ुवम्‌ ॥४२। Aarne: संवादं तपा Aca: | स तानभिजगामाश्ट frees रविस्तदा ॥ ४ ४॥ मरुूतखाभितुष्टाव खकेसदिति चर Fafa | avfafefa Wax सदखमिति Gara ॥४१५॥ frei agitesx मर्द्यो aafreata'® | विन्नायावेच्य aga ferxt®) नेति aawate ॥४ ६॥ न श्वो arent इसि वेद कल्तद्यदङ्धुतं | कस्यचित्वथ सञ्चारे fanaa विनश्यति iy on fara इृत्यत्रवौदिश्रमगस्यो भ्रातरस्तव | ante: स्मकस्प्यख(\”बधौमां qe) शतक्रतो । ४८॥ (x) ते wafafe wo ग° Ge पुस्तकान्तरघ | (२) तपरसाबोधोति we Go THATATE | (8) तज्विति त्विति we qe qo | (8) afaafa wafafafa ae | (y) ayfafeatts ave त waeafafa we ee पुस्तकान्तर च | (६) दच्छयेति we, cepa इति we पुस्तकान्तरष्च | (७) agrafam: इति we ख पुस्तकान्तरष्। (<) aatsnadifafa ae ङ ° प्खछकाग्तरख | (€) त्वथसश्चारे इति we we एरकान्तरष् | (vo) सम्प्रकरूपखेति we go ॥ (१९१) मा भः हति Be vo पुस्तकान्तरद्च | =है चतुथाईध्यायः। १०९ कि at ब्रातरिति ल्स्यामिश्रो मान्यभुपाणभत्‌ | अगख्छस््रमित्धस्यां wa fre प्रशामयत्‌(२) ॥४९॥ Weer” रत्वा तेभ्य एव च तद्धविः | geet arate were खेदकाम्यया ॥५ ०॥ एवं स्वननं हृता प्रादान्तेभ्यः स तद्भविः+) | सते चकार सोमे WO ताजिद्धः सोमपो यिनः) wy ९॥ तस्नादि्चाज्जिपातेन( Req) मरतस्त॒ ताम्‌) | भरोतात्मा पुनरेव षिस्तास्ष्टाव पुनः wea’) iy ef मरतः प्रेति gana fing षड्भिः ate a: | (९) wWafafa ख० खण पुरतकान्तरष्च | (२) परसादयदिति ख we. पसाधयदिति एकान्तम्‌ (३) ayaafafa क ० गण qo qo | (8) qatar सान्वयचचिन्न इत्यादि स तडविरिन्तपाठः, qo घ qe fufsagedta न दृष्यते | (४) at इति qe | (१) सामेऽथेति wo go पुस्तकान्तरख | (७) निपातेखिति ° पएस्तकान्तरच | (ख) amfafa qe | (€) waa स्तुताः इति ge पुल्तकान्तर्च | (९५०) एक्‌ एथगिति ख ° ° पुलकान्तरख । ` (१९१) प्रतिखक्ताभ्यामिति ख go पुस्तकान्तर श्च | (९२) गायन्‌ weft: शचीपतिरिति wo र ° पुस्तकान्तर्श् | ` (क) We १०, १५, ८। १९० SWUAAT । खत्खाता(९ श्विर्भाया शोपामुद्रां यश्र खिन ॥५ an उपजश्पितुमारेभे र इःसंयोगकाम्यया | seat सा लत्रवौड्ग्भ्यां पूर्वौरिति चिकौर्षिंत ny gn रिरखस्तामथागस्य उन्तराग्यामतोषयत्‌ । fafeer तपसा खव तयोभावं रिरसतोः wy wt San” हतवानस्निन्‌र agree जगौ | mie”) तं ufcaeg गुरू मूयेवजिघ्रतुः ॥५ ९॥ सिनेनमाहतुखोभावनागा safe” पुजक | युवो रजांसौति ततः Be: पञ्चभिरधिमौ ॥५.०॥ we एव तुष्टाव BMA कतरे तुण(९) | दयावाप्रयिव्यौ सक्तेन श्रानो विश्वान्‌ दिवौकषः wy cn frq@ as समिद्धाप्पो श्रग्निमग्ने नयेति च | ङस्यतेरन्वांणं() कंकतोपनिषत्पर(") wwe अपां एनां adie केचिदेतां तिं विदुः | (x) ऋतौ खातामिति me घर च ° | (x) ग त्वेनः इति Be ग ०, नत्वेतदि ° एस्तकाम्तरश्च | (a) अस्मोति we we we | (s) nweifa me द° | (u] चोभौ छगागोऽसौतीति se Te Wo qe | (ई) कतरेति wea त्विति क ae चण, aM कतरेति fe we | (e) afaat यापियोऽम च गयाभ्ये दति we wo एकान्तर द्‌ | (<) परेति Be ॐ पएसतकानरच | | कि ष 2 आ 1 2 ee (क) ° ९, RB, RI (ख) He १, gt, ७ | (ग) Ht, ९०, ९। अतुधाईष्यायः | १९११ ` ददे तदगख्छो a fern विषंकया ॥ १०॥ शरृष्टास्यो विश्वरूपः. छकसयांखोऽ तु ae: | अस्तौ “दुतमदोऽभिं AY जातवेदस माभरियः ॥९ ti amare समिद्धोऽभ्रिरतोऽभनि°) सक्तमिङ्ेवेक) | संयुज्य) तपसात्मानमेखरं विधग्मदधपुः He eh अदृश्यत सुद्कतेम दिवि च ग्योन्नि चेह च। तमिन्रमिति मवा a) देव्यौ भौमपराक्रमौ ng an fry शसुरिखेव(\ सायुधावभिपेततुः | विदिला स तयो्भावन्डषिः.*५ पापचिकौर्वतोः ॥१४॥ यो जात इति Qe कर्ा्ठश्रा्यकौ तंयत्‌ । (१) त्विति wo द° पखकान्रच्च | (२) अटदाख्यो agen: दति we vo पएरकान्तर् | (a) yu: द्रवि ग° (४) witetfa ge परकानरस | (४५) अभित्वमिति गण se | (१) भातवेदस्यमिति we ae | (9) wratsfafafa ao ao चर, अभिरिति ge (<) संयोग्येति wo ve एखकाग्तर ख | (€) at इति we । (१०) चोमादिति we vo पुरतक्षान्तर ष्‌ | (१९) निरिति कर Wo Yo | (क) , ° ९, ६७, ७ । RR क्देवता । उक्तेषु कखन्ेषु भौस्तावाद्ए विते इ(९) ॥६५॥ cantar ताविष्ध्ह न्यवयत्‌ । नित्य तौ aencafa® शक्रोऽभ्यभाषत ॥ ६ qi aad area wa प्रियस्लं ५) gratia मे । वर ग्टहाण मन्तस्वमचयं(*) Vee ते तपः We on nea प्रत्युवाचषिरस्माकं वदतां वर“) । तमृनामस्ह चारिषटिवां क्षास्त॒ इदयङ्गमा ॥६८॥ सुवौराकरयिमग्त(ख वयन्वामिचख vray” ¦ दृणद्र(५९लाश्च विजानोमो वयं जन्मनि(९९) जन्मनि ne ci (१) ककछप्विति क° घ wel (२) भोतौ छषपतुर्लदेति wo Fo TARA | (३) इदमिति we पएरस्तकान्तर्द्ख | (8) मासभिति पाठः aga: | (५) मास खे way पियस्वमिति we wo wo) अच, मसिं खे पण्णे प्रियस्वमिति पाठो fers | (ई) प्रियत्वं चागतोऽसौति ze | (9) awaraafafa कर घर qe | (<) wep इति we qe Fe | (€) वरेति Heo गण० We qo | (१०) am वामहे दति we, इश्रमोमहे इति ख० | (x) इग्द्रमिति Ge | - (९६२) दयननोति we Te qo Ho | (क) We ६, १९, ५। (ख) We १०, ७8, १। चतुर्थोऽध्यायः | ११९ लद्त(५देष मे भावो मापगाख्द्रथौ तरः(९ । fren तदिदं चाषेभिग््श्रेान्वचानधया ॥७ ०॥ am वरमिदं सव्वं तदाकण्छं श्दौपतिः(९ | meee तुराषाट्‌ लां. पाणौ sare द चिणे ॥७१॥ खषिद्यास्य सखितेन पाणिना पाणिमस्पशत्‌ | सहितौ जम्मतुचेवं weet” प्रति ॥०९॥ तचेनमांयत्मौत्या खयमेव पुरन्दरः | aa विधिदृषटेम त्टपिखाभ्यप्ूजयत्‌(९) yeas सखिता grea मुवाच हरिवाहनः | ग्रणन्प्रादयसे धसात्वमस्माम विसम ॥७ ४॥ तख्माद्ग्टस्षमदो नाम शौनहोजो भविष्यसि । ततो SUE: इकरखष्टावेन्ं FROM: ॥७५॥ (१) त्वां तत इति Ho qo qo | (२) माप्रागाब् स्थोतरः दति we एलज्ञान्तसख् | (द) निशक्त तदिदं चा्षंमि्यादि तदाक गर चौपतिरिदयन्तपाठट, we mo घर we fafeagaay, नोपलभ्यते | (8) त्वाभिन्यत्र तमितिपाठः ya) रयाङ्न्विति Bo Te GRATE | (y) म्ेन्द्रमवनमिति we द° पु्तक्षान्तरख्। (६) बाभ्यपुजयदिति we | तम्दधिं चभ्यपृजयदिति Ge ग घर Wo | (9) zafafa एसतकान्तरम्‌ | (=) प्रौगकोऽच इति we | (¢) इन््र्धोद्युधिरिति we प्रकान्तरच | (क) Woe, २५, te | 15 ~ arts ददवव | qu dgawa aw स ब्रह्मणस्पतिम्‌ | टृदस्यतिं तु तुष्टाव दृष्टखिद्गामिरेव WW Weg स तमणमिलुष्टाव९ चतुरिरत(? sat: । गणानां विश्वमित्थस्यां “ सद्ेष्राब्रह्मणएस्यतो ॥७७॥ awafa septa) ब्रह्मणएस्पतिमेव a | तुष्टाव BAA प्रभावस्यान्तरन्सयोः(२) ॥७८॥ मिनावरूणद कां शतुविजात(क्भगागयेम्णाम्‌(र) | श्रादित्यानामिमाः “क्षमि वार्णसुश्यते.\ ॥०९॥ (x) awerfire तुष्टाव दशि fage®?: सेति खम, cafaywa: सहेति ge | (a) भ्यभितुद्धापेति me we To एरखकान्तरच | (९) चलुभिंरिति उत्तरैरिति ग, चलुर्भिरित उत्तरैरिति 2०, चतु- भरेत उत्तरेरिति पर्कान्तरम्‌। (8) खस्या दति vo, विश्वामिचरस्येवि wo | (४) प्रसक्वत्वादिति we wo | (९) ब्रदह्ाबस्पतिमेव वेति se | | (9) इयोरिति ग ° । क्रो काङमेतत्‌ ख ° ve fafgagenatatqenad | (<) वुविजातभगायेमामिति we । ` (€) इमाण्युक्कमिति we | इमाः इत्च इदमिति पाठो fore: | (१०) वडबमिति we | (क) Ze ९, Lar, 9 । TCT SAT: | १६४ (एष्टतत्रता tates परशु चत्‌) 1 प्रहि क्रतूमिति earftrxratet we gait ॥८०॥ खरखति लमित्यसिन्नङधेशं मध्यमा तु ara” | छशस्यतिन्त यो ag”) उन्मा aerate: ace waa वैश्वदेवन्त्‌ खक्नादाबुष्तमख AO । धावाएचिव्योदं arg) atte परे ततः ॥८९॥ दे दे राकाषिनोवाश्योः षडशेश्योच्यालयाम्तया< | Cas मारुतन्तु पर (पमा ते धारावरा इति ॥८२॥ (x) वारयौयो म ॒इ्ाद्या दुःखक्नाद्चप्रयाशिनोः। श्लोकाङधमेतत्‌ we चिषितपएस्तके तप्रतेति स्लोकाव्‌ पुव्वेमधिकं पठितं | (२) परं यत इति खम, परं तत इति Se | (श) माध्यमानुवागिति Ge | (8) ewae श्लृतिया मा इति we, ata a xfs Te | (५) awed afar उ सम्बऋद्मरतां सति, इति ख० | (ई) अस्माक Fata स्यात्‌ उक्तादावस्य we ऋगिति ग०, स्यादस्या we चान्तिमास्य त्विति So पएखकान्तरख | (9) ऋग्ावाषटथिवोदचेति क we we, ाबाटधियोख्वाषटौ वै इति we । वै इत्च वा इति ग° | (८) वाथ Sern इति ग», txt व्व इति Bo पएत्तकान्तर ख | (€) तथाग्धयेति ग °, बषडस॒गवाद्यन्तया सताः इति we घ. च ० | (९०) we ve चिङितषएकयेः एकान्तरे च रौ्रभिवस्मात्‌ पथ, तत्परे दे ऋचौ ger REA WA । तदुत्तरे दे अनुमतेरनुगो fafa वे wa | धातुखखतख्सतवादौ धाता दधाति गो रयिम्‌(क) | दइद्धिक्ष परित | Qe) de स्यात्‌ परमाडतमिति प्रतकान्तरम्‌ | (क) We ९; ९, ह । १६९६ ` इदरेवता | वामदेवे गान्‌ get fara "षिः खयम्‌.) | (रश्रपाश्लपादुपेत्यत्र स्हतः सक्ते aa Fue vi mafia”) सके साविजादाश्रिमम्यरम्‌५) | सोमः परूषादितिशेव stargate स्ठताः ॥८५॥ area) वेश्धवायब्या अन्धास्त प्रजगा(रस्तृचाः(० । त्यक्‌ स्तौति हविर्धाने श्रप्नि्च निपातभाक्‌ ॥८ ९॥ द्यावाए्यिग्यौ wafa इविर्धाने ततः परे । (८ष्ठतिन्तु< पुनरेवेच्छन्निन्द्रो war कपिश्चलः is ob (x) वामवच्त्‌ गान्‌ स्ोखध्वनि निप्रसख्धिरतासतु fi इति we we च ° wat दृदेति Te | (२) ne we fafgagernat: geatat च खपाच्रपादिखस्ात्‌ Ter शृ खतमिति wat रबमस्तोत्रसादयत्रि्यधिकं पठितं | (३) तत इति एकान्तरम्‌ | (४) इत्यातवे इति Ge Ge पएस्तकान्तरख | (४) श्लोकाञमेतत्‌ ग ° चि ङित तके गोपशभ्यते | (ई) वायव्ये इति we | oo | (9) area} Sarat पञ्चा प्रडगाखुचा दति He To घ We (=) vo चिङ्ितपएस्ते एरलज्गान्तरे च स्तृतिमिति gtararq प्राक्‌, वाय्येयो म rae दुखप्नाद्यप्रणाग्िनीति सोकाजेमधिकं दृश्यते | (€) शतन्त्विति ge | (क) We ९०, १९० ९। ae ee चतुर्थोऽध्यायः | ` ११० षेजिगमिषोराशां saree) fare | स तमा्ेए सम्मेच्छ wear पर्िरूपिएम्‌ | पराभ्वामभितुष्टाव ganar कनिक्रदत्‌) posh WITS गायस्तपसाऽभ्यगच्छ(९)- ृद्षितामेकश्रतश्च gare | सख गाधिपुच्रस्त जगाद सूकरं सोमस्य मेत्थाग्रेयं यत्परश्च? ॥८९॥ वेश्वागरोयेति“) समिसमिदा MS ्राप्रेये) उन्तरे aa) aR ararefeent तु fara) वापोऽथ देवाः पितरख fara: ॥९ on MAA TIA स॒तासतु(९- (९) ववासे प्रतौति we Go FRAT | (९) quavwefafa ° gamnrace | (९) नेत्यभ्रये तत्परे चेति |o wo प्तकाग्तरख् | (8) वेश्वान रौयेऽयेति wo vo पुल्तकान्तर श्च | (४) fat देवेति खर we TRAIAN | (६) त्वस्येति we ° पष्तकामरसच | उत्तरेत्यन्रेति ग०। (७) द्यावा एथिव्या उषसो निपाता दति we ग. wo एुलज्ान्तरष्‌ | (८) ्वापोऽच देवा पितरोऽथ मिच इति we To we एरकान्तरश। (€) we we qo चिङ्धितपएस्तकेष स्तृतास् xara तु इति पाठो न श्यते | (क) We ध, २, Rl (ख) We १, १६२८ ३। urs “A TURIAT | वेश्वागरो वर्णो नातवेदाः। wadar यज थचास्युतिर्वा१) नेपात्यांस्तां^)खोपमार्याञ्चर विध्यात्‌ ie ca राजषेयो wena वसिष्ठा भरदाजाः frat गौतमा । विश्ेऽश्विनावङ्किरसोऽज योऽदिति- भाजा; कण्वो“ श्वगवो रोदसौ fm ite a साविषसौम्धाश्िन^“मारतेषु tena रौद्रसौौषसेषु(९ | श्रादावन्ते ERAT Bary”) म arnfer देवताः awe: ve ३॥ Wi: खक्षदशोऽध्याय ae eye छते) | (x) wat aa तचान्यसतिदंति go ve एस्कान्तरघु | (२) निपाताः इति we ग° घर qe | (३) उपमारथाखेति पाठः साधुः | (8) कष्या इति ख ° Ge पुरकान्तर्च | (५) सो याश्चिनेति wo go पुरूकान्तरख | (६) सौम्यौषरेष्विति we ख ° एस्तकान्तरख, ओ्ओषिसेष्विति we | (9) समतास्ताः इति ce प्रककान्तरश्ु । (<) we देवतां quafanfafa एखकान्तरम्‌, gear इति गम, सक्तमागिनाभिति Zo | (ब) & ९, 9 ९। | । | ese woaeisere: | १९९ एते काण्याटचौ eet इश्चनि लेति पश्च a) ye gp शेषा वन्यो धुपेभ्वो(? वेशवदेवौ grew | अस्स गना जिनो Soe) gehen ye ५॥ वश्वदेयभनिशुषसं(९) xara) चेतथा । WR लगन wR परा वैश्वागरखचः He gi भयन्तु ATR ATT शतधार ङरुसवः । भर वो वाजा ag **) लौ ति खलिजः खौ ति(\)मन्धतः९ ७॥ Tera’) (गदति लस्छाय्विष्यागद्नोन्‌ परशंसति , (१) रते कागवााडचौ चोमौ यौप्यौ हान्नन्ति पञ्च चेति we | (२) शेषेभ्यो बडयुपेभ्य इति ae | (१) वैश्वदेवौ ene we, वेशवदेववयगण्मौति एकान्तरम्‌, (9) स्यान्ता wat योक्तेति qe | (४) स्यन्ता, MRT: att रेष्ाममिति ° परकषान्तरख | (ई) खभिमुषसं वैश्वदेवौति क» we ग० Wo च | (9) दधिक्रामितीति ae qo घर qo | (७) अभोगरो aw oma परेति So पुस्तकान्तर ख | (€) प्रयन्माङतः इति we se पुस्तकान्तरख | (९०) ऋतूनितिपाठः समौ चौनः | (XX) सलौ ति ऋतिविणखेवेति we we पुलकागार च | (१९२) एरीवास इति ae | eee (क) ze 2 १९ x, © | (ख) Wwe R, RR, 8 { ६९० eT | Salsa तु होतारल्ते दैव्यासेव aa ag” ॥९ ८॥ जयो विंश तिरेद््राग्नौ इच्छन्तौति WUT: | सके मेति तु न्यञ्च विश्वामित्रं समूदिरे९॥९.९॥ (“पुरोहितः सज्जिन्यायथें सुदासः सोऽहरद्धनम्‌ | विपार॒ढतुद्चोः wad शमिव्येते उवाच इ ॥१ ° ot प्रवादास्तज दृश्यन्ते दिवद्वदेकवत्‌ | अच्छेत्यद्धं चं पच्छो वा नदौव्यप्येकवन्ति ते ॥१०१॥ शाथे दु feaarg विश्वामिचवचःश्रुतेः | warfrafarat मद्य afi awaghast yo २॥ षछ्यष्टश्यो"खतुर्थ्याश्च द शम्याघ्येतरा wa: । सप्तम्याण्टचि weary यौ देवौ. परिकौर्तितौ wee ai निपातिनौ तु तौ at बेन्रापावत्युगुत्तमे^°) | करोति पुचिकां नारौ) यथा दुहितरन्तथा ee si (x) युपा इति we | (२) aa रेति खर Ge | (३) विश्वामिचः समूदिरे इति we गण एतकान्तच्च, स aaafala qe qo च| (8) एसोहित हन्याद स्लो्चयं we च° we fafeageray गो पलभ्यते। (५) ष्यणटम्योरिति पाठः साधुः | (६) यौदक्तै इति ग०। (७) पावै्गैकमेति Go एन्तकान्तरख | (८) नामेति wo Se एकक न्तर श्च | \ चतुर्थोऽध्याय + । + 14 तस्यां शिश्चति रेतो वा( तच्छासदिति कौर्तितम्‌ | रिक्थस्य दु हितर्दानं नेत्युचि प्रतिषिध्यते ae eu Tenaga यवोयांसं भरातरं च्येष्टवद्छुतं | स्‌दासञ्च महायश्चे दकिणा arfrana neo en farsa बलाशच्ेतः0५ सोऽवसोददिचेतनः। तसे ("द्ाद्मोनतु सौरौः वा माला वाचं ससर्पे ॥१ ° ef waa दिहागत्य ददुस्ते) ATTA: | कुशिकानां ततः खषा वागमतिन्तामपादमत्‌ ॥१९०८॥ उपेत्य चास्यां कुशिकान्‌ विश्वामित्रो बुबोध चत्‌ | शना वाच च Were तानृषोग्‌ परत्यपूजयत्‌(\.१॥१ ° € ॥ सषपेरोरिति दाभ्याग्डग्यां वाचं स्तवम्‌ खयम्‌ | , . सिरावित्यमसोऽङ्गान्यनडुद९५य rer et tot (१) रेतो धा इति Go एत्तङान्तर ख | (२) ufadudtfa wo go पुत्तकान्तरच्च। (१) तस्याखाहेति Go Go पुक्तकान्तरच्। (8) शक्तिना गाधिष्धनतरे इति no Wo Wo qe | (५) zeta award: दति wo Ge TRACY | (६) तस्यति क° Ge | (9) तां ददुस्ति खर ठ. एत्तङान्तस्ष्। Wagar खादति इर To Yo qo | (<) उपेति meat कुशिज्ञानितिश्च° ae, ste वाचं कुणिकानिवि se | (€) afagiafa Go Ge एत्तक्षान्तरश्च। (१०) wataafefa So पएष्तङ्गन्तस्श्ु। (१९) इन्धगसाङ्गन्यनडहमिति कण wo | qaayfaay qagy: दति Ge | जननानि प्र 2 द 2 ~न > = ^ a = ^ * = ~= ~ es (क) We 8) १० १० । 10 VRR | TCVEAAT | (रश्रनसोऽङ्गानि चोत्थाय श्रनद्धारौ wzerersit । ततख QITITY गडान्‌ स खयमाप | ॥१९१॥ रथश्च खश्ररोरेण गडान्‌ गच्छन्‌ Wee | पराद्चतसखो याख्वच वसिष्ठदे षिणो विद्‌: ne eee fanfaau याः८र प्रोक्ता afro दति खताः। दिषद्ेषास्त ताः प्रोक्ता विद्याञ्ैवाभिचारिकाः*)॥१५१३॥ वसिष्ठास्ता५न श्रन्ति तदाषाय्येकसग्मतम्‌ | कगेन्तंनाच्छवणादापि मान्‌ दोषः प्रजायते.) ne ९ ४॥ शतधा भिद्यते agt afta श्रुतेन वा। तेषां बालाः प्रमौयन्ते तस्मात्तास्ह न कौन्तंयेत्‌ He १५॥ विश्वांख देवां स्हष्टाव चतुभिरिममित्यृषिः | ` श्रस्तौ दिश्वाव्मना war मन्यमामः परं पदम्‌ Nt te (१) अनस इत्यादिसादधक्नोकषः we we घ० चिङितिएसकेषे नेच्छते | तेषु अस्मिन्‌ खले, तन्वख खां शरीर च we ET परौददे शति uratsfe | (a) afasefau: wat इति we ख Te we | (a) तिति क° खर Te Ho चण०। | (8) विदेषिख्यः wat विद्यादभिचारेषु wet) इति क ग We We | (y) fafa we qearace, ते इति खर | (६) स्षोकारंमेतत्‌ we घ° चिहितएस्तकयोनं टष्यते | (9) विन्‌ देवांखेति vo ए्कन्तरुष । चतुर्थोऽध्यायः । १९९ (\)देवानामख॒रलवं तदेकं मरदितौरयम्‌ | staat मिन wat’) पेनुर्भिन ददे वः ne eon Wayzata विज्ञेया Bh fra पञ्चतु। ` शेग््ाभवसतचस्वचाभेवे qe: स sara) ne esi “get ge froth, उषो वाजेन पञ्चमात्‌ । STATA षड्भिः Bar छण्देवता Fa ne gan रेश्रावरणः प्रथमो वाहेस्पत्यस्ततः 9 | पौष्णसाविचसौम्याञख्च मेचावरण THA ॥१९०॥ तुष्टाव जमदग्निश्च <) तेन देवा टता aut | देवर्षिंपिद्रपूजाथं य अन्ताष्छपचच्छुमः(९) wee ti (१) अरतौ दिश्ात्मना सव्यानित्यादि मडहदितौरयतरि्यन्तपाठः we He ue fafsagerta गो पकभ्यते । (२) ऋतवः इति क We qo | (द) वैश्वदेवीति gtargy we ve fufyaqenatt विद्यते | (8) sua इति Go Se धत्तकान्तरच | (५) eR दये इति tars क° |e we चिङ्ितएतङेष Awe | (६) खौषसादुत्तरस्वन्ये षट्‌ एग्देवतास्तचाः इति we ख० Te We च० | (9) Tue: इति we | TUT! इति Te | (८) warmreg यलचः इति go एलङ्ञ नर्च । (€) भमदभिष्ल aft खर Go पुस्तकान्तसश | (१५०) पपाचान्ादवन्डून इति We Te घर qo | AVS CUCAN 1 ४ we वे Rede अहर णहा मधु । ets प्चदश्रभिरिन््रं षोडशभिः परेः ॥५९९॥ चछषिस्वामिति तुष्टाव नेरेतेम्ह(९) गौतमः | ख भ्रातरमिति arg® तिष्व्वभ्निनिपातभाक्‌ ॥१२९२॥ बर्णेनाभिषंस्तोति as cad निपातितम्‌ i fawinzaa am wa” vafata al nee en wefadrufefa दभ्वा सतीति सोमकनेव a | rea 'चाथरर्थाय(न aqnarafeat gat ॥१२५॥ अश्जसासुजमिष्येऽद८९ ware गभं gat’) mas") । अन्वगा्वदितिः९२ qufasarefantaey ae 8 qt (१) चस्य च श्येगख्पेय aryefefa we ge पल्तकाग्तश्ख। (२) इति fafa mo ge, ufa शेति दण एस्तक्रान्तस्च। (a) त्वाख्विति se | ` (४) afweertat प्राङरिति क ग° घ° च° | (४) जिष्कोक्कदेवतं खुक्तमेते इति we घ | (६) लिङोक्ेदवते यक्ते शके पर्यमिरिद्यमे, इति we | (ॐ) सोमकभूपरतिमिति so एस्तकाम्तर ष | (८) चायुषोऽथायेति Be ve एरूकान्तर | (€) णनिष्यामेति क» खनव, afm ifs गर ` (xo) गभेमेषेति wo To Yo च (१९) त्विति कण Be To चर qe} (१२) अन्वशाददिविरिति vo एखकान्धरश) चतुथे ऽध्यायः | BRU घ atari युद्धाय खषिभेवाजृडाव त(५ । quam aqragag रलात्मनि वलं तया Ny Ron fens em Te विजिग्ये चेनमोगसा १ स तङ्क ca faarat fantusfadafe ॥१९८॥ सयननेवाभितुष्टाव( afta feria गौतमः । किंमाद्‌तासौति चास्यां) मन्यु ae”) पराणदत्‌ ॥१२९॥ TE रूपवौर्य्याणि धे्यकार्य्ाणि arate: | विविधानि च कर्माणि शशरषादितये तथा ॥१२०॥ (९) "स जातमाच युद्धायेतिकण्खन्ग Hoge | (a) योधेयेदिति mo Be घण qo | (९) ciqefa me ग° Wo च । " (8) dag xufafa ग | | (५) ea वेगाभितुद्धावेति we, खयमेवाभितुलाबेति se पररका- ITY | । (६) दन्रखेति ° | | (9) किमादुतारूौदिग्यस्यामिति go एस्तान्तर द | (८) मन्युमधें शति कन me घ चर, HAW इति ख. | (¢) datnenfe चारिथिति कम, धैर्यायद्भयाशि चारिथ्िति ae wo, ताण्डषिरि्ति go | (क) Be x, २९, ८। 7 १४६ ` इदरेवता । अयमित्यथ वे aK” aa gfreaa fe | प्रसुषविभ्यो नवमिच्छंगि ware संस्तवः ॥९२१॥ पराभिस्ेति Tae सोमेनेन्रः yr सह । सोमप्रधाना*मेतान्त्‌ aera aad Bia oe er! feafafefa war टचेनेन्दरेण संस्हतः(^ । उषसं मध्यमां मेने ara शाकटायनः ee ae वामभिल्युक्स्ताञ्चा) भगः पूषेति SAAT | MEUM Mir पषोक्तोऽदन्तकः स इति Ba: ॥१९४॥ अरस्माकमुत्तमं Ga स्तौ तौत्याहाश्रलायनः(९ | (१) अह मित्यात्मसंस्तवः इति खर ख ०, ख मित्यास्वसस्तावः इति we | (२) 2& रुतिविसस्य रौति खर, 22 स्तृतिरिवाख होति ge एरू- BUY | (२) पराभिष्तेव wed atte dem इति we ae, staat च wera: इति ग० | (s) सोमप्रधागभिति we Bo गण घर चण | (४) mitga: द्रति कर Wo Te | (९) Baa ते वच नेन्रखंुतेति we घ° च, इन्रसंरतामिति Ae | (2) मेन ara: इति Go ड ° पुस्तक्षान्तरश | (<) वाममिन्युचि संत्तेति we ख“ एकान्तर | (2) करूणतो यादि स्तौतोयाहान्लायनः EMTS! Ge गण घ च» चिङ्ितपएस्तकेषु न दृश्यते | (क) Wee, ११८, ९९ । (ख) We 8, १२, २९ । WTA Sw | १९० इन्द्रस्य दरयो War श्रग्रेरश्चस्त" Tie ॥१२५॥ qae हरितखेव(९ वायोनिंयुत एव च । रासभा Ufa shape: Ogee Var fara: ny ३६॥ एषतो.ऽश्ास्त मरतां गावोऽस्ष्छप्तथोषसः() | सवितुर्वाजिनः श्यावा विश्वरूपा ead: ॥९ ३ ell wea देवताभिस्त॒(<) qa खन्यश्नो(९*) ऽन्यथा | श्रायुधं वाहनं चापि gait यस्ये sma ॥१२८॥ तमेव तु wa विद्यान्तष्यात्मा बहूधा fe सः | कनोनकाखक्रशेषो war: af’ रिदोच्यते | waaay विन्चैयान्यप्रद्याणि५९) fare ॥९ १ ९॥ दूति ठश्देवतायां चतुथाऽध्यायः | (x) अश्वाख्विति क° Bo च Go चर | (२) प्रोक्ता इति wo ८° परक! न्तरघ्च | (a) रासभा मोदिव्रः दति खन्ड°पुस्तकान्तसच्, रासभो सहितः इति ग०। (8) माजाः इति We घण qo | (४) पष्णल्विति wo ठ ° प्तकान्तरश्च | (६) एषन्यः दति ठ ° पस्लकान्तरष् | (3) तथोषसाभिति wo ख एस्त्ान्तर द | (ख) श्यामा इति we We qe | (€) चेति Go Go एस्तङान्तर्चः। (१०) स्तयन्तेऽप्यतेऽन्यथेति mo घ. च ०, स्तयन्तेऽप्यच्य शोऽन्ययेति To | (१९) धधंसस्ततिरिति ao we we, खक्तयेषोऽध्यधश्स्ततिरिति गर (१२) चत्वारि परमाम्रेयान्याप्रश्टद्याणोति we ख पुस्तक्नान्तर च्च | (क) Het, 9, २। (ख) Be 8, RR, BRI { Ars } .. छथ USAT: | =a ole क~ af verdad चो णि" द्धिक्राणि area: | गद्यावाएटथिवयौ स्तौति दधिक्रावा ga तु ar ae परोेरमुतो वाभ्भिर्मामभिस्त॒ gare: | श्रभिर्वायुख्च gay we: प्रचिषदित्यृचा(र ॥२॥ नियक्रा BATA इस Tanta”) | = वेन्द्रावरूणे ga aa Shorfgarfira:© | श्रयं वायो विरो.) ae (नवायब्याः an कौत्तिताः nen (x) पश्चाभवाणणेति ge | (२) द धिक्रावृरनां eat fe वामिति wo, efumrat सुखेतु येति गर द्‌ धिक्र(णामुतो (ख) fe वामिति Se | (द) इदयुचोति कन गर घ चर | (8) श्रो काडमेतत्‌ He गर we we चिककृतपुत्तकरेषु न विद्यते | (१) दे दनद्रवरणे इन्द्रदिति se | (६) तत! दति ग° Go THAT | (€) श्वाच्छिनानिकः द्रति Wo खर Te wo Ge | (<) विद्धौ at at द्रति Go एुल्तङन्तरच | (3) we 8, RE, २। (ख) ऋ° १, २३, Wal (ग) ao 8; 9७९ |. oi पश्चमोऽध्यायः। | | १९६ गव चेवेश्रवाया रेरा. सिः श्रतेन षट्‌(९) | इद्‌ कचितरेवत्थं ag शम्भो ्मे ge ॥४॥ स्हतिरिग्धाटशस्यत्थोरष्टावेता we: सताः | वाेसत्यनतु तलूकमिद मित्थौवखे परे ! Git धातुः weer स दृद्राजाच्यते) इसे") yy तत्छावि्ौ देतु को ayaa महो द्यावा एचिवौयं तत्पर श्च° | eral fre: Sara Te) वाहाः इनदेवौ aera) ng (१) am: इति we गण Wo qo | (२) waa षदिति ge (१) इदमित्ौ मसे परे दति me go चण ae watfaar द्य दति ग०। (9). स इनद्राजोच्यते इति पुखकान्तरम्‌। (५) स्ततिरिद्राटषस्पखोर्ति ate: ae ae we fafgaquea नेच्छते | (९) वत्घाविभेको वैश्रदेवभिति se | (©) परन्तु यदिति we Te qo qo | (८) Gre owenguiets ww, Safe dere चख्विति ae | (€) छनदेवन्मगु्तरेति ख° ए° एस्तकान्तरख । (क) We ९, १९७१ ५८ । 17 ६० ङदद्ेवता | वायः शनः खयं एवा" STO TATA area वदनि । THETA याक दृषत्‌ मेने gaint तौ मन्यते शाकपूणिः ven STE पच्म्बां त णतौ तौ Sard ष्टौ बय सप्तमौ च । शनं नः फलाः छविं सौति पादः) इनं ata रषिजोवान्‌ aoe? ॥८॥ Wa पादे Wiel ठतोये) चनृषिः हृषिकामो.जगाद | (१) श्वाजेलच त्वेवेति wo ठ ° पुरस्तकान्तरख | (x) ata इति कर ae चर | (१) वायदधग्येमिति we घ we | (8) देतु सौवाये wat सप्तमो चेति we ग° घर च° । (५) पादे इति ge | (q) छषिनोमनुष्यानिति we ae ae | (७) qa पादेऽ WME इति कर ग° घ qe | © खन्यान्‌ लुभिधम्भकामः इति we we चर, खम्यशभिधंनकाम ` इति ग०। | | (क) eo 8, ५०, y | (ख) Ze | 8, Ye, = | (ग) eo 8, ws, = | | WHAT SATE: | १९१ हविं a) atte. al हि an. सजुद्रारिल्यप्मे्यमसख wey आदित्यं वा argein प्रदिष्टं . waa’) arene fe ga) | श्रपां wf वा यदि वा तस्ति गवां afd वा इक(५मेतददम्ति ॥१०॥ Bugs Wa श्रपदत्य(^'तमोऽकयः । ` स्तविंशरतिभिः सक्रवोधौत्यभ्रिमखुवम्‌॥१ १॥ भेटष्णरसरसदशस्च(*) अश्वमेध इति जयः । खयमानाः Thee: शर जिव्यते“ कचित्‌ कचित्‌()१२॥ राक) ख्धयरष्टो राजा चजैेटष्णो रयमाख्ितः | (१) ufaafafa ae qo qo | (२) araafafa we ० पुरतकान्तरख्‌ | (१) षाप्यान्यदङ्कमिति wo ao we, वा qrenamfafa we | (8) ufegfafa wo Go परल्लक्षान्तरख | (u) waa सोयमिति we ग० घर qo | (¢) खर्मानु दिष््ग्येस्यापन्नन्‌ ये इति we go पुरकाम्तर ख | (ॐ) afd इति qo | (८) चेटव्यस्र सदस्युखेति aim: wo ue fufsaganata विद्यते | (€) रच्वाकुरिति क ग° Wo Ye | (क) Zou, २७ १। (ख) We 8, Bs, ९ | १९२ डदरेवता। सद्चयाशाश्वरश्मौ खर ant ara) पुरोहितः ॥१२॥ च ब्राह्मणकुमारण्य रथो गच्छल्डिरोऽचिगत्‌ | एनः सित्यतरौ चैव स Tra” पुरोदितं ॥ १ ४॥ सोऽयवाङ्किरिखाकग्त्ाम्‌”) दृहा wale तं fara” । MUU] राजानमन्यं देश TATA: He इरोऽणाय्रमेनाश्राच(९) तस्छापक्रमणादषेः(°) । शप्तौ प्ासानि इव्यानि न पच्यत) कानिचित्‌ ie ६४ ततः प्रव्यचितो राजा श्रभिगम्ब प्रसाद्य aS" | arate wou आने (९९) पुनरेव पुरोदधे ॥१७॥ ERAT SUT ERTIES । (x) wer cutee we घ° च० | (२) cura इति ख | (श) राजा तमिति Bo Fo THRATY | (9) सोऽथ aratfa सामानोति कर घ ae, सोऽथवां fafeury amifafa ख| (४) दछतमिति go | (९) खस्येति Be Te ख ° एकान्तर | (9) वस्याप्रकरमखाद्षेरिति we me चर we, गुरोरिति wo Geet मारश्च | (<) प्राप्तानि weratfa we we we, प्रा्तानि शक्ानीति खर) wrenta चाण्यानीति ge | (2) प्यन्तेति Wis! UTP | न BTML क° we we, यवनो इति we, म mart चेति To | (१०) afafa we Bo एक्तकाम्तर च | (१९) खानोय wed art xata पाठो मवितुमहसि | प्चमोऽध्यायः। RR अविन्दत पिशाचौ च जायां ae च wat ॥१८॥ fava: खघ तया ae मासं ut कशिपावपि?। तामुपामन्लयाश्चकरे कमेतं त्वमिति ser’) ॥१९॥ ररः) कुमाररूपेण are’ मभ्यभाषत | विच्योतिषेति चोक्ायां awarfivecoqery tie ०॥ Oforrdacent स यत्र चोपविवेश् ary एष एव पराग्छष्टो भाक्षवौ mT ge: ॥२१॥ निदानसंश्चके wat डन्दोगानामिति fa । भवेदेव Wa: Gwerea व्यपेखयधा€) ॥२२॥ भवन्ति aren मन्त्रा. fe विधिशब्देग^\ चोदिताः । (९) तामिति me Se पसरकान्तर च | (२) कपिशावपौति we go we | (द) युवेुचेति se | (8) मर! दति He We qo | (४) qaenfafe we | (९) we go fafsageanat: पुस्तकान्तरे च, पिश्ाचौमदइत्तां स दति श्लोकात्‌ प्राक्‌, सहमानः समायान्त प्रकाशश्च प्रकाश्यत्रिष- धिकं q@tare पठितम्‌ | | (ॐ) mrenfaarga: इति we, arafaarga: इति se | (<) रतचङ्कोकाड.क° ग० we wo चिङ्ित पुरतकेषु ग दृश्यते | (€) faawafa we ve GRATE | (१०) वाक्छान्येषामिति क° To घर we | (९१) विधिवृष्टेनेति we me go चर | as शदेवता | दृश्न्ते ब्राह्मणे मन्धा एकदेगे Aisa: we Vk जामदग्न्यो aura) शौतोया(रय्ेतरेयके | आप्रियः सुसमिद्धाय"? पञ्चमं may al ॥२४॥ एतद्ध म्बेश्वदेवौ वा wT चेष्राम्दुपोमे । रेण crew Walaa ew) saa: ie vi anata तु पादेन संहयदामनेन च) | CGS चेतस्यां Here: Wa: ene ei यत्वा सूर््यति चानोणां wee कश कोल्येते । (\गजेहष्डरयरणठो राजा WHAT GE च यः HR OH wear: प्रतौच्छाः स्यरजिष्येते कचित्‌ कचित्‌ | अनस्लन्तेति BAA we: खयम्‌ ॥२८॥ दानतुष्टः शशं मेतालाअर्घौ निति केचन | (९) गामदब्ार्लयेबाज्यः इति ne ge ae, यथाप्रौय इति ग | (२) सोकोयाः इति go me we पएखरकान्तरष्‌ | (द) arr एठसमिज्ञायेति we we च° च | (8) utafafa we Seo पुखकान्तरश् | (५) श्दम्दगिति ae ग० qe Go, ttzainfa wo | (६) wrewrrearttana इति so पुरतकषान्तर घ | (©) त्वजेति Ho We Wo wo We | (८) उशनेति च पादोऽयं संयदां परख यः दति we, परख यः इत्यन परस्य इति So पखकान्तरख् | 7 (€) पचः इति we qo qo | (९०) Semenaat रानेवादि aereyte: क० ग° ae we fafya- weraa न विद्यते | | पञ्चमोऽध्यायः | १९५ आश्नौरण्येषणाचचेभ्यो afi प्रति च cma ॥२९॥ अयुतश्च गवां Wife शतान्यथ च विंशतिः | सौवर्षेकटं गोभ्वां शथरुणोऽदाश्नपोऽजये ५९ ०॥ wea चोद्वांखसदखधनं बह । Tre: प्रति च तल्सृक् बभाष इति केचन ॥२ १॥ srt ferent दच्यादगरहोशुपतेशेषिः । We: Grate बभु मालतिव्याय णश्च यः ॥ २ २॥ ayagfea सोमे at तं सोऽप्ययाजयत्‌ | ददौ तदौग्रमो राजा खड्खाणि wari च eee तद्ये चलारि चत्वारि महावौरश्च काञ्चनम्‌ | ्रवर्शेषु महावौराः सोवर्खाखष्य चाभवम्‌ ue ४॥ प्रतिग्णह्म ऋषिगेच्छन्‌ मध्यमेनाभ्निना पथि । ष्ट TRU Wee भद्रं Urey तत्‌ ॥३५॥ कोजुवान्‌ वैश्वदेवानि एकादश्र(र gare | areata दग्र परेति इलाभोत्युचि तु aa) ne ee दितौययागधया ga: सविता ओौनकोऽतरवौत्‌")। उपेति ARTIS यो मास्यृगृन्तरा ॥२०॥ (१) arafearart इति पाठः aya: | (९) कोगुवांख वैश्वदेवान्धेकादग्रेति क | (a) त्विति se एखकान्तरच् | | (9) प्रतीटामोलृचि तु संशुतेति we, इलाभि न ऋचा सतेति we Fe पखकान्तर द | (४) स्लोकामेतत्‌ we Te घ° च चिङिति्तकेषु ग wae | ११९ डचरेवता। AVE तु रौद्रौ eq” परसष्टुतिरिति वचि, waufa: शाकपूणिः पञजेन्याद्मौ तु गालवः ॥२८॥ TS पूषणं मेने सुतमिगम्त॒ शौनकः | वेश्वामरं भागुरिख मारत्थौषसमाशिं(९) ॥१०॥ वायव्याध्वयैवः सौमौ दशेष परा तु या(९। afi wi पराश्चन्ति") अश्विनौ सौत्युगच्छ च ॥४०॥ ifs at yaw a चेत्धङवःभ्निरि होष्यते | masa fama च स्ठता एति दिवौकषः ॥४१॥ श्रावाचं मध्यमां स्तौति ततोऽन्या तु दस्यति | (शब्याया शमिति चादित्यं प्र वो वायुरि शोच्यते ॥४२॥ तं प्र्रयेकति सौमौ वा Sapet वा प्रलापतेः | परोच्छश्वरदेवं तदाह कौपौतकिः खथम्‌ ॥४२॥ " तेषु दतोयमित्युक्ं देवान्‌ ङव ° xz परम्‌ । (x) त्विति we ग° ge we | (२) arfaatfa wo Te घण qo | (९) टथेयिश्रयगेसावितौति go परकान्तरख । (8) af wtfwanfcaragte: we ग घर qo fafsageda ,. भ पठितः। (५) परावन्तोवि एरकषान्तसम्‌ | | (१) व्यया समिति चादित्धमित्बादि देवान्‌ wa हदं परमिब्बन्तपाठः we ग° घ च ° चिङ्ितपुखकेषु नेच्छते | (क) We ९, € ९, ९ । (ख) Bet, ६७, | AYA Swe: | १३० देवामां पन्नौरिति तु (“देवपन्थो Fe gar: ॥ ४ ve अयं चतुखांमिति चेष्वाय्‌ fafa: सुतौ aresa fr वायुम्‌ । रथं शुचा Vien खयतेऽज यस्याः Wat मरतो aaa) ॥४ ५॥ श्रारद्रा ख इति wet egret seat गणः | मरताग्तु गणस्येते Teer इति wT: ॥४ १॥ श्रसाव्निरिमौ" चोभौ लप्नौ(पाचिवमध्यमो.% | थदुकमे दचेऽदचं LAW saat शुचे ॥४०॥ मध्यमा वाक्‌ flag: स्वाः पुमान्‌ Sy मध्यमः | TUG we मरतो गुणभेदात्‌ एथक्‌ TAR” ॥४८॥ (१) चेति wo se एस्तकान्तर | : (२) we we wo चिड्ितुखकेषु, अयं चतुर्खामितोति gta, अयं चतुर्खामिति च इश्रवायुचिभिः सुतौ । वायुददिंतौययान्येका रथागन्विति तु दसौ ॥ इति पाठो वत्तते | (x) गयस्येतन्नामेति we ग we qe | (9) सुताः इति Wo Ne qo qo | (४) अयमिति go qernrace | (द) चोभावमौ इति vo एलकान्तरख | (9) पाथिवमध्यगाविति we | | (©) we ग चर wo चिहधित एकेषु, यदुभे eee दयादिसाञं- Wiens ay मशद्धिरि यस्यां way ay संखुताविति gare’ qua | | (का) च > ७, Re, 8 । (ख) ऋ ° १, ६८८) ८ | 38 ARs CYCATT | राजर्षिंरभवहाभ्धौ रचवौतिकरिति ya । ख यच्छमाणो राजर्धिरभिगम्य प्रसाद्य च ॥४९॥ आत्मानं Te ey ख्यापयन्‌ प्राश्चलिः खितः । श्रटृणोतर्षिंमाजेयमा विष्यायाचेनागखम्‌७) ॥४ ° ॥ स सपुजोऽभ्यगच्छन्तं राजानं यन्नसिद्धये | AAT RATA FA: खर्वचेनानसः ॥५९॥ ाङ्गोपाङ्गान्‌ waders यः frarenfeat शुदा । अनाना: TTR गला नपमयाजयत्‌(९) | ag च विततेऽपण्यद्राजपु्लौ यश स्जिनोम्‌ ॥५९॥ qn मे राजपुचौ श्यादिति तस्य मनोऽभवत्‌ । श्यावाश्वस्य च तस्यां वे सक्रमासोन्दा मनः(५ ॥५ ai qa मया राजन्निति याच्यश्च सोऽत्रवौत्‌ | श्चावाश्चाय सुतां feagufeal at नृपोऽनवोत्‌ wy vt किंते waray कन्यां wrarara ददामिदि। sfaget geet दि जामाता लावयोरिति ॥५१५॥ राजानमत्रवौत्‌ खापि मृपरषिकलणा हम्‌ । (९) श्रतिरिति So पएस्तकान्तर स्च | (२) कार्य॑वन्तमिति ° एस्तकान्तर चं | । (१) इ्यावाशरच्ा चि एक्लस्येति सार्डेकक्चोकः wo घण qo fafsavat- केषु नोपलभ्यते | (8) एतच्छराकादं क° ue च ° fufsageray न दृष्यते | (क) Wey, Ct, XE । (ख) Wey, ९8; O1 (ग) Wea, tual पञ्चमो ऽध्यायः. १९९. नानृषिनौ दि जामाता नेष wary डि दृष्टवान्‌ Ay gl षये gaat कन्या Set वा waa | | wit मन्दु शं बेदपितर मन्यते aa won प्रत्याचष्टे a) तं राजा सद Vay AAA | safer a) जामाता कञ्चिद्धवितुमरंति ॥५८॥ प्रत्याख्यात wag न्ते यज्ञे न्यवर्तत । ` ware तु कन्यायां मनो मैव wed”) wwe ततः gat निवर््याष्ट तावेतावमिजग्मतुः(९) | THAR) तरन्त Tete Cry पार्थिवम्‌(९॥९०॥ ` ATTRA) तु राजानौ वे TSA । ताभ्वाग्तौ चक्रतुः पूजाग्षिभ्यां TAC खयम्‌ ॥९ ९॥ (१) श्यावाश्व सतां दित्सुरित्यादिसाडक्नोकवयं we गण घ चर- चिङितषठस्तकेषु नेच्छते | (२) पाबो चस्वयेति wo खर पुरतकाम्तरच्च | (द) नेवेति ae | (8) ग स निवन्तते इति wo ख परकान्तरश्च | (५) ततश्लौ त्विति we me go qe | | (६) ततः wat निवर्तेत उमावेवाभिभम्मतुरिति wo ख ° परत जम्तरष। (9) श्रसोयसौति go परतकाग्तसख | (<) एखमोौएभिति ze | (९) ` रतच्छरोकाञः we qo घण qo चिड़्ितपुरलकेष न पठितं | (१९०) तर्श्तएरमौएाविति.ख° पएलकान्तरख | | (xt) ददश्िनाविति कर qe qe | (१२) तु पतिरिति क go qe | ए (क) ऋ° ५, ११, C1 (ख) We ९, १०५, २९ । (ग) We ©, ७१, ९७\ vee WUCAAT | विपुलं afeerg दशयामास a) गपः | तरण्तासुमतेनेव (९ प्रादादडविधं वस ng Ri अजाविकं arse श्यावाश्वाय शशौयसौ(र) | afi) याञ्यार्चिंतौ गल्या पितापुक्तौ स्लमाश्नमम्‌ ॥१२॥ श्भ्यवादयताम्चि*) महर्षिं दौप्ततेजसम्‌ | श्यावाश्वस्य मनस्यासौ ऋन्लस्यादभ्रेनाद इम्‌ ॥१ ४॥ न लमधवानिमां कन्यां इन्त सब्बोङ्गप्रोभनाम्‌ | way Hae श्यां HARI महान्‌ मम ॥६५॥ cae चिन्तयतः प्रादुरासौ अरद्रणः(९ । ददं संस्थितान्‌ ag तुष्रूपाक्महात्मनः(“ ॥ १ ei समानवयसयेव) मरतो ATTY: | तास्तुखवरयसो दषा देवान्‌ पुरुषविद्यहान्‌ ॥ ९ O11 wrara विस्ितोऽष्च्छत्केव्वेति< मरूतस्तदा | (x) वे इति wo we | (२) तरन्तानुमता Tafa He ग° घ Te | (९) wetaatfa Se प्खकान्तस्च | (9) at त्विति पाठः ayer | (४) खभ्यवादयतावन्तमिति So THRACE | (१) afi areafeat गत्वेलादि पादुरासौग्मददवः cerns: wo me घर qo चिङितपुरलकेवु नेच्छते | (2) तुल्य रूपागिवात्मगः हति te We ग ° wo We | (=) चैवमिति ८० एललतकान्तर | (2) के सखेति पाठः समौ चौनः | Beatie we, कोेतौति ve | पञ्चमोऽध्यायः | १४१ arg मरतो देवामृषिस्तानन्वनुष्यत(" ॥१८॥ य दैः awa दत्यृग्भिः wef”) gare तांस्तथा | अतिक्रमं हितन्दषिर्मने विपुखमात्मनः ॥१९॥ यन्न(र देव तुष्टाव aq”) वेव्वेति ४ प्ष्टवान्‌ | wat: खत्यानया पोता गच्छनः एन्निमातरः* Wo ° ॥ अवमुच्य Braet खक तख तदा ददुः । मर्तु तु प्रयातेषु rare ayaa) ॥5९॥ रथवते दुं दितरमगच्छनमगसा तदा । स सद्य षिरात्मानं विवक्रथवोतये) we xn एतं मे स्तोममिव्यग्भ्वा.€ sta) राजौ न्ययोजयत्‌ । रथवोतिं are’) सम्मेच्यार्वेए qa Hoek (९) खद्रखनु गबुष्यतेति wo ग° घ. qe | (२) बद्धेति we qo qo qo | (१) ain xfs we Wo qo | (9) यांखेति me गण घर qo | (५) केष्टेतीति कर, केष्टेतोति ve | (१) अमुच्यत खकणठेभ्यः इति ख ०, खासमु्ते quae: इति ve | (©) ayaa इति qo vo पुर्तक्ान्तस्ख | (<) प्रवद्यबथयवौतये इति wo गण wo qo | (¢) इत्धाभ्यामिति we To चण qe | {१९०) zai इति wo TRaTATY | (१९१) cwatfaauserdifafe wo wo | (क) ऋ० ६, RR, १९०: १४ SWRA | रम्ये दिमवतः एष्ट एषशेतोति emai च्छपेर्नियोगमान्नाय Zar राश्चा प्रोदितः | आदाय कन्यां तां दाभ्यं उपेयायाष्वनानसम्‌ ॥७४॥ पादौ तस्योपसङ्ग fea प्रः रताश्चलिः। रथवौतिरं ena इति नाम शशंस च woul मया सङ्गति मिच्छन्तं at प्रत्याचक्सि यत्पुरा । तत्‌ खमख AAG मा च मे भगवन्‌ Far: ॥७ ९॥ wa: पुः स्तयग्षिः(“ पितासि भगवननषेः | इन्त प्रतिग्हाणेमां खषामित्येवमन्रवोत्‌५ ॥९७॥ पाययाष्येमधुपरवैख पूजयिलाय a0 नृपः | WHAT दत्वा अतुजन्ने ग्रहान्‌ प्रति ॥७८॥ mara acre Weary पाथिवम्‌। weft: खनदिति wart जगामर्पिरपि wa) ॥७९॥ (१) faraft ख° ख° पएरतकान्तर श्च | (र) सयोगमिति ख० vo पएरकान्तरख | (द) war इति we ए पुर्तकान्तर च | (8) चर्िंर्ति we ° एखकान्तरष | (४) खुषान्तेऽस्लिति चात्रवोदिति we ° पएस्तकान्तर्च | (६) चाचचगामा खयमिति क ° we qe | (2) welwatfafa ङ ° प्रच्कान्तरष् | (८) एशमीएसिति veo परखकाम्तर स्‌ | (€) wafafa we qo चर qo | पञ्चमोऽध्यायः | १४ aay मेनावर्णान्येकादश्पराणि तु | | werferta® गभारयां wegatreata:” ॥८०॥ सप्तशशत्योऽपराधे a® विफले दार संगरे | cafe: entOouady भारतेनेति वे श्रुतिः uc ce aatseaOsarra तु टषद्राष्यां स orfia: | wpa aw विनिक्षिप स्कन्नं cat न्यधारयत्‌(८।८९॥ सोऽभविमाविति qua aerate: शभस्यतो । तौ तं तस्मात्‌ समुद्धत्य चक्रतुः खफलं पुमः ॥८२॥ waa way aa’ ee maz । थथा वात इति 8a afarfaat चौ (५९) yc gy (१) षलाश्िनागौति we To wo च| | (२) गमां पश्चचापनिगतृस्तुतिरिति we | स्तृतिरित्व तुवौति we घण, तुषीति qo | (द) an रत्वापराधान्‌ वै दति क घर च, सप्षवोऽपराधाम्‌ वै इति we | । (8) ततः इति vo प्तकाम्सर घ, BA कृत्वेति ग ० | (४) गः श्रुतमिति Go पएस्तकान्तर च | (ई) aaza इति we To Wo qo | (ॐ) ऋषौनिति So पुरतकान्तरख् | (<) ऋवीसेना इति घ qe | (€) रचो रात्रौ न्धाधावयदिति क wo qe | (९०) चिचन्तसयेव गर्मारथसतपतः इति ve एकान्तर च | (१९) चेयादश्िभ्याभितरौ दयुचाविति Wo य° TRARY | १०४ खडरेवता। सश्लवतामपि गर्भाणां ge तद मुमन्लणम्‌ | Was तु तत्तस्यास्लथारूपं fe gad ॥८५४॥ जरायगेभगरम्दाग्यामेतद्रुपं डि PAA” । ay उषे? सावि य॒श्चतेच्छावद्‌ः.र gq: we qi पजेन्यो afata afer”) एथिवौ मध्यमा a ara (© | wet नो देवसवितरियं दुःखभ्ननाभिनो.) ॥८ ७# वारुणन्तु TARTS TAURI AT । विष्णु ag Oucaifa मारतं सक्रमुत्तरम्‌^९” ॥८८॥ एतया मरदाख्यातं Tax प्रतिपून्बैकम्‌(५९) | (१) waarafa गर्माखामित्धादिसार्डेकन्चोकः we 7 ° च° च° fafga- THAT नापश्यत | | (x) महौ वसेतौति we घर qo | (द) wifes agave वै इति we we we we | (४) पष्णन्यरत्‌ बजिल्थेतीति vo एरकान्तर ख | (५) न्विति are | (१) qafa vo एखकान्तर च | (9) रतच्छरोाडे we we we च ° चिडितपएककिषु म Tw" | (<) swefrara उत्तममिति कर, इन्रामोन्राप्मु्यते इति खण, frmiarsraqea इति ° एकान्तर च | (€) fag चिहृमिति ve एकान्तर | (१०) wuafafa we | (११) Tavgtata we ग० we च चिङ़ितएकेषु नो पलभ्दते | पद्चमोऽष्ययः। १४५. ओखक्रमागौर्वादस्छ(र सखोपुाणां पराणि तु(र।८९॥ mer ewe”) afer” निपातभाक्‌ । प्रजावान्‌ जौोवपुश्लो(९ वा गकि स्तौ ne ५॥ भानारूपाः पयख्िन्यः(°) deantfa संस्तुताः) | श्रश्ौवदिषु arg कर्मसंस्वास्तु Baar: pe निपातभाग्‌ fayaren) arate मन्लवित्‌ | area) wate? बखवन्सरः ॥९.९॥ (९) wrsftafat स्यादिति we, arittatarafe vo YerTace| (२) sfigerat पराजि we इति wo we qo, ae इतिमे, ओौः qarat dire we दति ८" QerantaTyY | | (३) तस्यादेति Me We Wo | | (9) ज्ुरपनिर्नादः दति wo घर चम, Bre पतेगौरे दति wo, खलद्यापनि्नादे इति ८° TRAIT | (४) श्लत्रेति we Ge | | | ({) प्रनावण्नौवधलः दति we we Te Wo च>, प्रजावान्‌ Tage इति Ge | | ई (9) यथाज्िन्दः इति खर ग | (ख) संसतताविति Fo | (€) कन्भसंस्या तु देवतेति ae | (१०) लिद्धवाक्षेति we ae | (१९) मग्बप्रयो गमन्लाखा्मितिं Te | (१२) प्रयोगे इति ae | 19 mils | डररेवता | विधेखयोः परोखा) arava: श्युरभिधा यकाः(९) । तस्मात्तेन विष्षवादो aerat तदगतानि तु ॥< ae गृणाभिधायकानि स्यः खविज्ञानपदानि तु । मन्तेषु गण्तेषु प्रधानेषु च कम्य Ne ४॥ प्रधानगुणब्धताः स्टुदेवता इति गम्यते । जि्सावत्घरिकं खज प्रजाकामः प्रजापतिः ॥<५॥ arecafen: arafauda: सहेति च। तच वाग्दीखणीयायामाजगापाशरौरि णे ne ge तां Fel युगपत्तज्र कस्याय TET च । गरक चस्कन्द तद्राग्धामग्मौ प्रातं“? aera ॥९ <॥ wats AH अङ्गारेभ्योऽङ्गिरा ८५ पिः । प्रजापतिष्ठतौ दृषा दृष्टा वागभ्यभाषत Ne TH | श्रभ्वाग्डषिसततोयोऽपि भवेदेव मे सुतः | प्रजापतिस्तयेत्युक्षः प्रत्यभाषत भारतोम्‌ ॥< <॥ च्छपिरजिस्ततो जन्ते दुर््यानखसमदयुतिः | ogra विजते तख पुल्लो sweater: nee ot (x) प्ररौच्छः इति we । (२) अमिधानका, इति ख °, खभिधानिकाः दति ग° | (8) ्ररौरिखोति ge पाठः। (9) प्राष्मिति we, ureter we | | (४) aqrearfger इति we, खङ्रेव्वङ्किया इति ग | एवि a i ee le eee eran RE SS की (क) Wey, १९) ६। पञ्चमांऽष्यावः। Use खृरस्पतेभेरदाजो विदधौ ति(४ ध उच्यते(९) । मर्तासो TIA” ख एवाङ्धिरसो नपात्‌) nes १ wwe तु aed") age वष्ठसुष्यते | त्वं हप्र इति तज्रादावाप्नेयानि चयोदश्र ue en amis Wife मूङ्धानमररविश्वामरख्य तु | warafarfaga® frat (Oa: परम्‌ ॥१०३॥ ग्रे से ufearet इौ देवौ a) निपातिक्ती | प्रोतये qa) स्येते Aqsa तु AO aye ve खग्‌दितोया wermaxata’” गवां सुतिः | श्राखस्ताएास* इत्यस्यां वाथरिच्रख dart’) ॥ ९ ० ५॥ इषः प्राधान्यतो वाज gat वायुनिपातभाक्‌ | (१) विद्योतति go | | (२) प्रभावान्‌ wtaget वा इत्यादि विदधौति य उच्यते caret, mo go qo चिङितप्ुखकेष नापद्यव। (१) भुवन्धखति we ge qe, गरोयस्येति ख० ग | (8) ससस्य वस्येतदिति क ° we We च०। (५) रकाभििशदेवाचेति ख, रखकात्रचिंभ्रदेवाथति ce | रकानर्वि्र fafafa भवितुमद्ति | (ई) पिवनश्येन्रायोति पाठः yx: | (9) देवौ यातिति we ग घर qe | (८) wa इति कण qo qo | (€) wa इति ge | (१०) चेतोति we | (६५९) emery ow स्तृताविति उ ° एस्तकान्तरञ्च | (क) We १, eR, ९ । (ख) We €, Ro, ३ । ९४८ ` Cytaat | श्रयं देवं सौ ््मेश्रमेके wwe”) ॥९ ° ९॥ wee चरितस्य awa?) wa gfe | पितर स्तौति gg ब्रचष्यान्ते पदे Be”) veo ०॥ खाद्‌ गष्डिला्मित्येताः प्रश्रः ste एव वा | दनः प्रधागतो वात्न तः सोमो निपातभाङ्‌ ॥१०८॥ दश््षठश्रगिपातोऽयं यने Tata । अगव्यूति eth रेवान्‌ पादो भिमथो्रः ॥१०९॥ शति कतोयोऽख्तौत्‌(° fer मेबोलमं पदम्‌ | च्छविस्त॒ तौ तयेत्युक्का पाथं) पुलमभाषत ४११ ०॥ अधोधो गरच्णां geet’) मपाविति । पितरं ख maT युद्धो पकर्ं लयोः ॥११९॥ TSA) सेन एवक्रोनाग्वमन््यत्‌ | वा (QQ) Em प्राधान्यतो वाचेति Gta we ग घ च° चिङ्ितपएसतबेषु न इष्यते | | । (२) अधीतिरिति विसगेयुक्तपाढः TE | (श) य ्आागयदिति त्वस्य entgiife खबुतुतिरिति क गर we च०। (9) GRU पदे खकमिति we wo एकान्तर | (५) इति तु सौम्यः wed उत्तरः इति we xe ae | (६) इन्द्रः प्रधानता araante wai Haas इव्न्तपाठः Fe Te wo wo चिद्धित एस्तकेषु न विद्ते । qua इति Te पाठः | () इतौयस्लिति क° ख ० THAT | (=) विन्रमिति पाठः साधुः| (€) कुद Tale ख ° पएस्तङान्तर ख | (xo) नोमूतौयेनेति we ao च °, नोमूतस्येवेति we | एवाक्रमो शिश a a a a! semaine ca ऋषि a ae) (क) चट ० ९, ०४, BRI (ख) We ९, Re, द | (ग) Ho ¶, 98, २९१९ । (घ) Wed, 9७, २० । (ऊ) HOUR ०। पश्चमोऽध्याबः। १९४९ प्रथमा MS दक्ख योद्धारं लौति steer ॥११९॥ धतुः स्तौति fetta तु उतोया श्याभिमग्निणौः? | खौति चारौ चतुर्थो Pry hE णौति पञ्चमो ॥९१३॥ aga) सारथि ष्या रफायोऽदंन ससुताः | शरास सप्तमो शौति श्रायधागारमष्टमो ott ee नवमौ रथगोपांस्त॒ swat रणरेवताः | इवुमेकादशौ* etfs दादौ कवचसुतिः ne ९५४ जयोदगौो कशां सौति warned दहुर्दश्नौ | प्रथमे caer पादे दिग्धः इवुः ga nee ९॥ अयोमुखो fate तु श्रद्धंऽखं( area परम्‌ | ety तवस्य Gwe धरुसु क इवः स्ठतः ॥१९०॥ waza तु युद्धादैः('८कवकष्य च बन्धर्म(\९) | (१) धनुषश्चेति क ° qo च ० | (२) ब्धानिमन्लियौति ae qo qo | (२) सौगात चतुचौ चेति Heo we go qe | (४) ख्थेनेति we wo qe | (u) इषुधिेकादश्रोति we wo qe, इषे कादग्नौति ae | (4) दिग्भ्यः इति गर (9) ewe इति we Ge | (<) aaufafa ge | (€) परे इति we (१०) बोड्येति कर गण we qe | | (१९) यडदेश्छेति we qo च ०, योडधादेटिति go | (१२) बध्यतः ईक ग घण qo | (क) ऋ ९, Sa, ४ | tue खहरेवता | ofacetamt Hear युयुल्छोदं यगुष्तमा(५ we ९ ८॥ श्राशासते चोत्तमे पादे Ufa cra श्राभिषः। सूक्ेनानेन तु स्ठुला खद्घगमाङ्गान्युषिस्तथोः ie ecu aa) प्रष्ापयामास पुनर्वारज्चिषखाम्‌ ५ प्रति । UAT VTA Ua: साहाग्यकाङ्ष्या We Rol भरद्वाजोऽभितुष्टाव प्रोतस्तेन पुरन्दरः | अभ्यावरन्तिनमाषा् शब्युपौयानदौतटे ॥९२१॥ सहितञ्चायमानेन*) जघानेतान्‌ wetter: । एवं(९ arcfirar® शिवा तावभ्यावरिषाश्चेयौ*) ॥१९२॥ भरदाजाय ATA ददतुविंविधं वसु । भरद्वाज wig दृष्टा विद्रेण वे पथि ॥१९२॥ at a) प्रस्तोकज) इत्याभिदांनं ven’) शशंसतुः | (x) सुतिरत्तमेति mo ग° घ Te | (२) ऋषिरिति Se | (३) तयोर्ति we धर qo | (8) वारिगिखाजिति we | (५) aqua चतदमिरित्यादि satay शची पतिरिन्तपाठः we ne wo wo चिङ्किवपुन्तकेषु न वृते | (६) at त्विति कर ग घण qe | (9) वारिशिखामिति ae | (<) ततोऽभ्यावर्तीति ae we घ. चर | (€) watfafa wo Ho घर Go | (१०) ae इति We गण We ae | (क) Wo द, RO, ८ । (ख) We द, 89, २५ । (म) Re ई, ४०) RI पञ्चमो ऽध्यायः | १५९ ` (पप्रषङ्गादिह^९) याः gm देवताः परिकीर्तिताः ॥१९४॥ ता एव खूक्रभाजस्व॒ मेने रायोतरोसतः(२ | प्रालापत्यो मरौचिदहिं मारौचः कण्यपोऽभवत्‌* ue २५॥ तस्य देवयोऽभवश्चाया दाश्ायण्छस्छयोद श्र | श्रदितिरदिंतिर्दतुः काला दनायुः सिंहिका gh ie eqn क्रोधावश्रा वरिष्ठा च सुरभिर्विनता तया | agaata दुहिदः aaa ददौ wa) ne Ron arg देवासुराञचेव गन्धर्वोरगराशसाः। वयांसि च पिश्ाचाख्च अञ्निरेऽन्याख जातयः ॥१९८॥ तत्रैका लदिति्देवौ दाद ्राजनयत्‌(८) सताम्‌ । भगखेवाग्यैमां रख frst वर्ण एव च ॥१२९॥ (१) wo ख ° fafmagernat: एस्तज्गाम्तरे च, प्रसङ्ादिह याः am इति MASA प्राक्‌,- ऋषथिरप्यमितुषटाव दान तच्रचतस्यतु। WARM दर्यां खपे दत्तं सङ्खो तंयन्‌ खयम्‌ । इत्यधिकं पठितम्‌ | | (x) wag fatfa Mo ग घन चर | (३) राथोतरस्तुताविति we we चर | (४) सुनिरिति wo me we qe | (५) stat aft we ८० qe | (q) विगाविति we | | (9) afefafcenfenaagte: कर ग० we च. चिड्ितपएुरकेष्‌ म विद्यते) (<) इन्दशो{जनमयदिति we we We qo | (क) We २, ९२, 8 | १४५ ङरदवता | धाता चेवं विधाता च विवसखांख aerefa: | तष्टा पूषा तचैव्रो इाद श्रो विष्णुरुच्यते\) ne द °॥ इमं aw asg” मिज वरुण ३८९ | तयोरादित्थयोः सजे दृाप्परसभुषेशोम्‌ ॥ ९ sch रेतखस्कन्द ga a) न्यपत "दासतोतरे | Aha त॒ yaaa वौययवन्तौ तपस्िमौ ॥११२॥ अगस्य वथिष्ट्च तजषो संभवतः | बहधा पतिति WR BAAS जले स्यसे ॥९१३॥ we वसिषटद्छ मुनिः सम्भूत खषिसत्तमः | ga are: eat गले मरो EGA ney go उदियाय antsre: शम्या(कमाजो महायशराः(०) | भानेन सम्मितो यस्मात्‌ aang इहोच्यते ॥१२५॥ यदा कुम्भादृषिर्जातः कुम्भेनापि fe मोयते | (१) मगखेवाग्ेमां रखेादिसाडंद्लोकः we घ च चिडितएत्तकेषु ATTA | | (२) mura इति Go | (e) fare seme चेति क ° we ग° ao, सहेति Te ae | (४) aay इति ग° So पुस्तकान्तरख | (४) quafafa खण Go पुसतकान्तस्च | (६) बङ्धा पतिते wa caifearenma: we Te we चण fufea- एस्तकेष्‌ न पठितः | | (9) महातपाः इति Ge Go THRU | (<) कुम्भे मावोहेति क° Be च ° | (क) We १, Sa, ४। पश्ममोऽध्यायः | RAB ea दत्यभिधानन्त्‌ परिमाणस्य awa) ॥१ २ ६॥- .. TAY ग्णद्ममाण्णस वसिष्ठः. पुष्करे fia: | waa’) पुष्करं तज विश्वेदेवा अधारयम्‌॥ १ 2 OF उत्थाय सजिलान्तस्मादय तेपे महन्तपः.1. TAS गुणतो HY वसतेः Serna pe ees अदृ ग्ड षिभिर्ह श) सोऽपश्यन्तपसा. पुरा | सोमभागानयो५ तदधे. मोवाच WHAT WR ॥ १ १.९५ षयो वाः wafaia ब्राह्मणन्तद्धि yea । वसिष्ठञ्च वखिष्टाख्च(°) ` बराह्मण क ततोऽभवन्‌ ॥ १ ४-०॥ - स्वक. VHT दौकणोयासतोऽभवम्‌(=) + तस्मादद्यापि वाचिष्ठाः सदस्यास्ि् कर्मणि, nese (x), werd: इति we चर qe} (२) watt कर Te Wo qo |. (१) wean इति पाठः साधुः| ओ्यकम्मखेति Fo पस्तकाग्तर्ख। (9) चेश्रमिति e+ genre | (५) atamatea: इति ge ge पुसक्रान्तरख। (६). रतच्छरोकादं we ae घ च. चिङि वदरतकेषु ग दृष्यते (७) afesre वसि्खेति पाठः age । afesre afacrate क we, वसिद्ाख वस्िषाखेति ग we | (=) सम्बेमन्भष्ठ ate दकियोयतमाखचेति we चर च० (€) येऽद्यापौति awe ग० घर qe | (९०) afer सदस्याः स्युस्तु कदिचिदिति we ae we qe) 20 Cus शचदेवता | ota”) दकिणाभिस्ताम्‌ भाक्षवेयो yf feet” | afag Swracfe: सूकैः षोडशभिः परेः ॥९४२॥ तुष्टाव चाग्निकमित्यधिमोप्स्तच षस भः | aa sa wear” दितौयं प्राग्नये) wey ue sen वेश्वामलेयाख्येतानि) वे VOarfe wre: | zu पञ्च च सुक्रानि निपातो मरतां सतिः ॥१४४॥ नकिः yzra™ caret दानं Gare तु । वसिष्ठेन चतुग S गप्ु(रिति at Prey ॥१ ४५१ संवादः gman वाचिन्यं त्तु.) प्रयते | वसिष्टागख्ययोरंन्न Rea तनयः सड ॥१४ ६॥ eau चेव संवादो महिमा जन्म ae च। (x) पृणयेदिति we Go एस्तकान्तरख | (२) स्ततिरिति कर we we | (१) sara माक्लवौ श्रुतिरिति we ge | (8) aarrclafaaafefa क घ च | (४) चतुभिख्लिति we me घर चर | (¢) संवादमेगश्रदकङ्घमिति ठ ° Terrace, संवादे GRA इति we | (9) वाशि वस्विति कर T° Wo Te | (क) ऋ० ७, ९१९१ । (ख) ऋ० ॐ, ८५९ । (ग) Be Mayet (च) ऋ० 9, द, Ul (ठ) ऋ ७, ee, ९। (श्व) Wee, १८९ । (w) चट० ©, Be, १० | (ग) We 9, xs, २९। | पञ्चमे ऽध्ायः। १४४ पराणि मरकति चव्वारि वैश्वदेवानि afa तु ॥९४७॥ Stare (महिं तज art sheqea” एव च । अहिरान्ति मेधाम्‌ ख एति वा ay मध्यमरः ॥१४२८॥ waste: ख बुष्न्यो वुत्रेति सोऽन्तरिदेऽभिजायते^९) | उदुस्ध(र)सवितुः खक?) wet (षःवाजिनदेवताः८*) ay sau हषो ५ऽद्ध वस्य पादोऽच प्रथमायाङ्डचि qa: | पादेव ठतौयोऽब प्रथमायाग्चि gn ॥ १५ ०॥ यथाद्धचौ भगसुयशसतया गूनं भगो(ग)ऽपि च । ख fe रत्नानि खविता सुवातौति भगः स ar nee (x) तचेति we vo पर्तकान्तर | | (२) अदिरादन्ती्ादि साऽन्तरि्तेभिनायते carga: we गन we wo चिडितपएकक्ेवु ग विद्यते | (३) दके xfa we ue | (8) afareaa इति Ge ख० प्रखकषान्तरश्च | (४) ge इति qe | ee | (१) quisaw मागोऽज् मगसुय इति श्रुतिरिति ख ve एक कान्तरश्च | श्चतिरि च्च श्रुतः इति ग ० | (9) पच्चम्यामदहिदेवतः इति wo Ho We qe | (<) ष ज्लोक्षः क० Te we च» चिङ्ितपुरकेषु नापव्यत । . (क) We 9, Rx, Li (ख) We 9, १४, tq! (ग) Re 9, Re, १९७ । (च) wee, ३९, rel (दख) wee, ३८ १. । (च) Bee, RS, ७। (ह) ऋ 9, ES, ¢ | (ज) कन ©) Bt, 4 | १५ब्‌ डदटेवता। शेश्धदेवामि पश्चोष्वैपञर्यो भगदेवताः(९)। परातजित.कसुषभाऽन्या द्रष्टं ख खौत्याभि(ररेव वा॥ EWR एके तु प्रात रि त्यस्यां wraa® प्रच्चते। aera ते तु खषयः कोन्लेय न्ति“) प्रसङ्गतः ॥१५ eM सक्षु") देवता मान्क मान्यास्तज Bata च | सालोक्यात्‌.*साहच्यथाद्धा संसतवादथ वा पुमः ॥१५४॥ गणस्थानाद्ङ्धितो वा ATS देवताः। ` दाधिक्रमय सावि रौद्रमित्धगुपू््वंशः ॥१९५५॥ afumt™ प्रथमायान्नू) देवताः परिकौन्ितः । ता ज्ञेया आप) श्रां स्यादाभेवः TARTS: ॥१ ५६॥ ewan वेश्रदेवौ वा श्रा्भवौ वा निगग्मते<) | (९) wets: पश्चा मगदैवतः इति क |We ग घर qe | (२) xe सौना्नौरिति we घर चर, दृटयाजाप्रौरिति ve Ter कान्तर्च | (९) mafcaat भागीमेवेति we ° एरूकान्तरष््‌ | (४) चान्ते तु By तु यत्वोत्तयन्तौति ve पएरतकानतर द | (५) सल्ेऽस्िनिति we ग० we पुसतकागर ख | (१) maT अन्धास्त मवन्तोति ख Te Vo TRACY | (७) कालादेति Ge Go एरकान्तर्च | (र<) प्रथमायाख्िति कर wo घर Te | (€) सैग्देवौ तु समु्रष्येरेचपां सतिरिति क° घर qe | (क) चट० @» Bt, २। (ख) We ७, ४९, Ul (ग) Ke ७, 88, ९ । (च) ऋ ° ©, Be, १ | | पश्मेा$ध्यायः। १४५७ वेश्वदेवे तथा wa” श्राभैवं wea डि तत्‌ | द श्मेऽज्गि समस्तश्च समुद्रग्थेष्ठाकश्रपां स्तुतिः(९) ॥१५७॥ दति इददेवतायां पञ्चमोऽध्यायः | (२) शाश इति we | (९) वेशदेवे तथा wer इलादि रतिरिखन्तपाठः कण ue चर fafa एकेषु म विद्यते। (का) We ©, ४७, १ | [ ws ]. अथ षष्ठोऽध्यायः | eee श्र मा.कमिति तु anal प्रत्युचं देवताः War: | fawraxurafuy देवा नद्यस्तथेव a nen ठचावादित्यदेवत्यौ रोदस्योः Af sae । वास्लोष्यव्यञख्चतख्श्च९) प्रखापिन्य "चः war: weit av) खल्वारि खक्रानि मारतानि क (मिति । तेषां तु पितरं देवं अम्बकः") स्तौत्यगुस्तमा ॥२॥ स्तौ तु भिजावरुणौ aaa fafa सप्तभिः | afait तु स्तौ ५ देवावष्टभिः प्रति a fafa ॥४॥ ace” इति fra SM दतौव्यद्धंप्चमाः | सौय्यै' are MOfcfa तु Tat चचुदवता ॥५॥ (१) र्तच्छरो द्धे we we we we विद्ितपुस्तकेषु न पठितम्‌ | (२) fafa we T° Wo Ge | (३) wat प्रखापनौ स्मता इति Ho ग घर HT | (8) ततः इति Wo Go TARA | (y) प्रिरिति wo me घर qe | (q) awa awafifa ख° Se पस्तकान्तस्च | (क) ऋ० ॐ, ५०,९ | (ख) We ७, 4%, ९१ । (ग) Re 9 ved, ९। (घ) Wee, ५९, १२। (ख) चट० 9, ६०९ । (च) ऋ० ७, १५, RI (ष) चट ० 9; ई ०) ६ | (भ) He OR, १ । (भ) Bee, ६२; 0 (भ) ©, ईद; १९६ । बष्टोऽध्यायः। ९५९. श्रादिल्यानां तदोक we दे wet श्नौनकोऽ्रवौत्‌ | न्याः सव्व we: सौर्य्य थदद्याद्याः(गप्रकौत्तिताः ॥६॥ TH चेतार(ग) caren सजे मिजो मितः सखतः | wat वरणस्यापि मिभरस्येता भव WAT: Wel यदद्य we” इत्याद्या दथादिद्या Ge: War: | सविता a Ofefafast वरूणएयाय्य॑मा भगः ॥८॥ gat उद्‌ त्य दिव्येतास्तिखः सौ रतः पराः | आ शौस्तवचचचरिव्येतामाचा््यैः शौनकोऽ्रौत्‌(९ en Sarge safe: खकान्येभ्यः पराणि तु । चत्ारोश्रावाङुणानि५) इश्रावरुणयोः स्तिः uy ot ag च्योति रिति afeagt मध्यमः ga । aque werart वसिष्ठः ax श्राचरत्‌ ॥११९॥ ` प्रविवेशाथ तं तच्च श्वा मदलनभ्यवन्तत(° | (१) इव्याद्येरिति पाठः swat: | | | (२) वेति खर खर । (६) आदित्यानां तदो खयेधादयखतवारः कोकाः we मन घनच चिङ्ितएश्तकेषु नेच्यन्ते | (9) दृष््रावरशेतीति we गण Wo Te | (५) रतच््रोकाडक° we wo fufsagnay नापश्यत | (द) चो्यमिति ge | (9) च्वभ्यघावतेति are ग ° wo च ° | (क) ऋ ° 9, ६११९ । (ख) We Odd, 8 | (ग) We 9, go, ५। (घ) we 9, दद, 8 । (छ) ट ° ॐ, ६६, १8 । (च) Be 9, ६६, १६ | (छ) We ॐ, ७५५१ । (ल) We 9, Og, ९। १९० क्रेता | क्रन्दन्तं सारभेयं ख धावन्तं RETA ॥१२॥ aga fa च fafa: साग्वयिला व्यसुष्वपत्‌(५ । घ a’) प्रख्लापयामास जनमन्यश्च वारणम्‌ ॥१२॥ AAG वरणो राला खान्‌ पाशान्‌ wey” । ख ag.” पितर सक षतुभिंरित sue ॥ १ ४॥ श्रभितुष्टाव WO fa भुमोषैनन्ततः पिता | धरुवासु Of चोक्का्यां पाश्ना अरस्माद्ममो चिरे“) ॥ १९ ५॥ पराणि She quer वायव्यानि प्रवोरयाध)। अष तास्ते गऋवाथब्याः चो.) arg दिवत्‌स्ततिः ॥९ gn परवौरयोक्का area: प्रा at’) गौत्येतरेयके । (x) कन्दन्तमित्यादि साग्वधिव्वा ्थस॒व्वपदित्यन्तपाठः कर गर we च fafsaguata न विद्यते | (x) wafafa Ge So पएखकान्तर्च | (2) @ urs wana इति we He Ho mo] (8) बुडेति we घर च । (५) डः स areal पाः war सत्वेति कृष्यते दरति ख ve qe STACY | (q) मुसुचिरे इति पाठः we | (9) चेति we Se प्रखकान्तरद | (=) सतताविति we ग० घ qe) (€) याष्विति ख. Vo पएस्तकान्तरच् | (ve) प्राखिति we | (क) चऋ° ©» ५५,९। (ख) 9, ८द६। (ग) We 9, ८८, OF (घ) We, ९०, ९। षष्टोऽध्यायः | १९१ पदस्य त्ययं हला वायोः प्राधान्यमुच्यते He on ते सत्येन ट चो यावनरद्त् चः पुनः । ,. sweat” ata) चगेद्थोरेता गव खताः(९ wy ८॥ Derg safe fra प्रेति) सारखते परे । gras षर खास afer ayaa: ॥१८॥ राजा वर्षसहस्ताणि दौि्यज्ाषः पुरा | सचारेकरथेनेमां ब्रुवम्‌ सर्वाः समुद्रगाः ॥२ ०॥ यच्छे वहत भागान्‌ मे went वाप्यनेकश्रः(९) | MGS गृपं गश्ाख्पवोर्याः कथं वयं ae १॥ वदेम भोगान्‌ सरवेस्ते Ty वाषंसहखिके(*) | (१) प्रवोरयेाह्ना area cents इयोरेता गव इता दइवन्तपाठः He ग ° we we fafsageag मालोक्धते | (९) देचा सरखान्‌ स इतोति ve एरकाग्तरख । Fa इतन दे इति खर | (९) चतखहभिरस्ति we we qo चतिषशभिरिति ae | (8) वषंसखायेति ख° we ख ° पुरकान्तर ख | (५) भोगान्‌ मे दति पाठो युक्तः उत्तरच aurea | soe मां सर्व्वमिति क० we we, ayy भागान्‌ मे इति गम वदत माः सर्व्वाः इति ge | (६) वाय adam इति we we me घर qe | (9) qaauea इति we Be | | (का) We €, € १, Rl (ख) We ऽ, €, २। (ग) We 9, ९३, LI (च) we ॐ, €४, ९। (ठ) Be ७, € ६, 8 । 21 VER TCYEAAT | uceaay ware सा at) -वच्छति नाष ॥२२॥ तथेत्युक्ता जगामाश्र sant’) ख सरखखतोम्‌ | खा तेनं प्रतिजग्राह दुदुहे च पयो wa ॥९२॥ एतदत्यहुतं कम्मे Waa भुपं प्रति | वारुणिः कौन्तेयामास प्रथमस्य दितौ यया ॥९४॥ द वारस्पत्ये रने a") वैष्णवे qO परे ततः | snare fra स्यः( gata fre उन्तरे ॥२५॥ are प्रथमा AW Ae तोयया । यन्ने ्रायेन््रमेवास्तौदन्था लिग्द्राटहस्पतो ^) ie ६॥ दरतौया नवमो चेव स्तौ तौन्द्रात्रद्मएस्पतो | (९) ते दधति we ve एस्तकान्तरख् | (२) शगामाय पावनोमिति Bo go परष्लकान्तरच। . (द) ufasraty सा aa प्रयः afta दुद्धयतौति we We wo qe | (४) वारबः इति ख० । (४) रेने at fea we दति He we we, यशे वादंस्पमेन्न- fafa we | (६) चेति we ve एतकान्तरख | | ` 9) wet दितीयोमेन्रेति we च ° च । ` (<) anita प्रथमा तच्ेत्यादि खन्या विरा डदश्यतो cea: meme ye we चिह्धितपएस्तकेषु गो पलभ्यते | तेषु अस्मिन्‌ wa, ७ प्रथमा am दितौयाय्या डष्स्पतिं । इति श्लोका वर्तते | (८) सरेश्रात्रद्यगस्पतौ इति we Be दएस्तकान्तरघ््‌ | (क) चट ०.9, Lor, ९ । । घष्टोऽध्यायः। १८९ संव्षरकन्त माष्ड्कमेद्रासोमे UC त्‌. WR Ol afadat wath) guatacftg) रते पुजश्ते He: सौदासेदुःखितसदा(९॥२.८॥ ये पाकशंस(ण्टक्‌ सौम्या gat. तत SATE एकाद वेश्वदेवौ सोम्यणस्याः. परो Te Ren यदि वारगाग्रेयो Txt at मेति तु ware | याव प्रयाजिगातो()ति वितिष्टध्वं(*).तु मार्तो ne ot mama waa रेन्रासोमोल्यगु्तमा । च्डपिस्ताशिषमाश्रास्ते मानो ` रच्च) इति लि") ne en feaaa एथिव्याख्च तथा wera: । उलक यातु) जद्धेताल्लानाषकूपाजिश्राचराम्‌ © esi (१) मण्डका इश््रासोममिति go Go पुस्तज्ान्तर ख | (२) creatufafa wo qe Go: qe | | (a) रत च्ोकाडं wo ue च ° fafeageay नेच्छते | (8) atenfafa ख | (५) gw इति xe | (q) यो मेतोग्रः सतोऽङयेति se एकान्तरं | : ` `" (®) Ga इति कर चर चर oe 3 ५ (=) यात्िति me we Te qo we, याज्विति एखकान्तरम्‌ | (€) रष atm we च° go चिङ्कितएरकेष नेच्छते | (क) We ७, ६०३१ ९। (ख) Wee, ६०8१ € | (ग) wee, १,०९१ ९.४ | (घ) ऋ ० ७) Ros, Xd | (ठ) ऋ ० ७; १०४; १.७ | (व) ऋ ° ७, १०९१ RS! (क्‌) We ७, १,०११९ | (न) We ७) Los, २६ । (भ) We ७, १०९; RR | १६8 इडरेवता। पद्चदग्यान्तु सकद्यायाषटग्वा ^ चेव वादकः | दुःख्रोकपरौतात्मा waa faeries ne et इते guna तसन्‌.) afest दुःखितस्तदा | रचोगरतेग शापान्तु सदासेनेति नः Aa ae oo कण्छसैव प्रगायद्च घोरपुश्लौ VIA: | गुरा तावतुश्चातावुषतु; STRAT वने ॥२५॥ वतोष्ड waters कण्ठपल्धाः facial” । कछला WALA कणस्लोरत्सङ्गावन्वमुष्यत” ॥₹ ge WHATS तं कणठः HE: WATT ET | बोधयामास waa feuwfea तेजसा 12 ol विदित्वा we तं भावं प्रगायः प्राश्जलिः fea: । ares च faea च वरथामाख तावुभौ We ei ख TO वाच कख्लो वा वंश्रमेेडभिः पितुः | दद ानयेखच afer: खवषिमंष्ठलमष्टमम्‌ ॥ द ८॥ (१) quatfafa eo He We qo | (x) qm इति ख° ° TeaTATyY | (३) 2 शुतिरिति we we च° ae | (s) भिरःअमादिति we we we | शिरुखपदिति we म° | (५) उतपङ्गनावुष्यवेति we we च ° । कण्छसरूद्गेग सडुध्यतेति ख° Ho एरूकानतरख। (€) चोरः इति कर खर we चर | षष्टो ऽध्यायः | | १६५ माचिदे(कराणि शलारि wre शूर *मित्यृचि। तष्टावाङ्किरसौ भारौ aaa’) शश्तौ.ग) पतिम्‌ oy og fet स्तं पुमांबन्तमासङ्गः स्ठतवागृषिः(२ | ee) दानं GNM afar: परिकौन्तितम्‌ ॥४१॥ भिचगत्यग्ग्यां तु anae विभिन्दो: परिकौर्नितम्‌ । ` पाकख्वाबस्ठ^ भोजस्त चतुभिंयमिति(व) सतम्‌ ॥४२॥ ` पौष्णौ प्रेति" प्रगायौ a0 मन्यते शाकटायनः । . शेग्मेवाय पूर्वन्तु गालवः पौष्णभु त्तरम्‌(° is ee टेष््राण्णमिदह सक्रानासुष्मस्योन्तमे ze | दानं UE: BE Bt cra) इति स्ठतं us en दूरा“ दित्धाश्चिने Ge सप्तजिंशन्तामेभ) यया । (१) बसम्ताविति wo | वसताविति we | (२) wuafifa we | (१) मासं तं हृतवाग्धनिरिति go एरतकाग्तरच्‌ | (४) तस्येति we Se एरकामर ख | (५) चेति ख ० se | (९) तिति खर द° पखकान्तरण्ु। (9) suafafe we | (क) Wes, ९, 01 (Be) we =x, ३४ | (ग) We Me ₹8। (घ) ऋ० ८, १, Rol (ख) Wes, २, ७६ । (च) चट० ८, ३, २९। (क) Me ८ 8, ६५ । (ज) Wes, ore (क) Beye (ज्‌) We ८, ५, 2७ | द १ । WHEAT | तजाद्धची(९) Ta खानः WMA: सतः ॥ ४ Vil मानितो कग्ररैवत्यमभिं वैशवागरं aaa । मन्यते शाकपूणिख्ध भाम्याशच“खेव मुद्गलः ॥४ ९॥ ae तु श्त.मित्यस्मिन्‌ दानं तेरिग्दिरं तम्‌ | परन्तु मारुतं fa” ्रान'षस्लोष्ठा*श्विनाजि a ॥४ on aad य TRO षेगराण्यत्तमस्य तु | उपोत्तमायामद्धेबं देवो areata” qr ॥४८॥ इद""मादित्यदेवत्यं तिश्मिख्वदितिः) स्तता | went चतुथो सक्तम्यो रुतेरत्याश्चिन्युगष्टमो °) ॥४९॥ स्ताः शमिति पच्छोस्या~म्िसूर्थ्या free: । (९) इत्यचः इति we ख ° पएस्तकान्तर ख | (२) gu इति me घ we चण । ( श) महनिग्रं प्र्वत्धामभ्विश्वामरः सतः इति Me We We Go| (8) भाग्येश! इति Ge | (५) अतः इति Ge ° पुस्तकान्तरष्च | (१) तथेति क ° we Gerace | | | (७) षया wat सपतम्योतेवाच्िन्यृगरमोति कर घ०्च० । ` (रू) पच्छष्लिति we we घर च० | (क) ऋ० ८ ६, ९ | (ख) ऋ ० <, q, 8¢ | (ग) %e ७८, ७, १ | (ष) ऋ° ८,८,९१। (ख) Wes, = Agi (च) wesw, 81 (इ) WS ९२४१ । (भ) Wes, ce, १४ । भति) we ८, १८, ९ | (भ) ऋ० ८, ६८ ई । (ट) ऋ० = १८, ८| (ठ) ऋ. ८, १८, € | षदे ऽध्यायः | १९६७ वदणशाय्थेममिज्राणणं write fafa aft) we ot ्रप्रेये स्हतो राणर्धेखषदस्योरदाकदिति। पञ्चाशतं बधूनाश्च गवां ferry सतोः ly en अरश्रोष्राणमुरभ्राणणं वाधांसि विविधानि ख। राभि टषभं शावं तासामगेसर पतिम्‌९ ॥५२॥ छवा दारानृषिर्गच्छजिन््रायेतच्छंस ₹ | वयं) सक्तेन शक्र परोतस्तेन श्सोपतिः nye wa at टणोष्वेति प्रस्म्डषिरत्रवोत्‌ | काकश्च कन्याः पञ्चाश्युगपद्रमये Wit ॥५४॥ कामतो aware थौवनं« चारयां रतिं । शङ्ख निधि पद्मनिधि ag vera” ॥५५॥ meray विश्वकर््मासौ सौवणोंस्लतरसादतः | करोतु पुष्यवारौख् एथक्रासां सुरद्रुमे: ॥५६॥ मा त्‌ सपन्नौ Welat सव्वमख्िति चात्रवौत्‌८ | (९) वडाग्यममिकासत प्रगायेयमिति we ge | (२) स्तता! इति wo ख ° GRATUITY, तदेति Te | (९) Ga शरः प्रतौति we | (४) युगपदिति ° | कः (५) काकुत॒स्ये्ादिसाडन्लोकः एलकान्तरे ग दूष्यते | (q) पञ्ाग्रतं बधुनाश्ेयादि सव्यमस्लिति चात्रवोदिवन्तपाठः क° ग घ wo चिड्धितएसतकेषु नश्यते | (क) We ८, ९९; ad! (ख) We =) २१, १। १९८ ङ्ददेववा। आगन्त(क) मारुतं सूक्त वय मित्येष्रमुश्लरम्‌(९) nen काष्ठस्य सौ भरे(रखेव यजतो axa सदह । gras यवान्‌ चुदवींषि विविधानि च ॥५८॥ आआरवुश्च(“) सोऽभितुष्टाव दधिष सरख्तों | दन्दो Farad ख दागश्रक्ति प्रकाश्यम्‌ We आरखुराजोऽभिमानाच्च प्रदषितमनाः wa") | ख सुतो. देववञ्चि्व) षये तु गवां Tat ne on श्रयतानां awe वे निजया इ argyle: | afegtara”) wera भाहमहम्यषेः स्ठतिम्‌ ॥६ ९॥ तिर्यग्योनौ समुत्पन्ना) Zant’) शोतुमरसि । (x) वयमेश्रमतः परमिति ख° Fo THANE | (२) सोभरेरिति कर ग० घ We | (a) वष्जैरिति we we we | (8) area इति ख० vo TRAMATY | (५) इनद्ोवेलनयर्था स इति स्लोकः we ग we we चिडितएल्लङेषु नाशोक्धते | (ई) we इति Do No Fo TRACY | (9) यद्दौ aque हेति we एस्तकान्तरच | (८) प्रोवाचेति go | (€) समुद्धृत इति Se Go एल्लकान्तर च | (९०) देवं गः इति me | a achat eg , (क) ऋ० ८, २०,९। (ख) We ८,२९,४ । (ग) We =, VW, Ll (घ) We ८» RL, USI ; MST HATA! |. १९१९ तमन्या पुगञ्ास्तौ दोत्थंक) सक्तेन चाश्विनौ (१) | ९१२॥ eM Agra सखायसेग्रमुर म्‌(९) | यथा वरः Gea Monneitwrge: ug an set तु सहिता एता देवता बिभिदुर्बलम्‌ | उषास Vaya: खौ ठरस्पतिः ve vs अङ्गिराः सरमा चेव ता वा'षमिन्यु्तरख्य तु । आदौ मे्ावरुष्छस्त) गव दादश BATT: ॥ q १॥ वैश्वदेव्यो वरूराजा यथादाङ़षये वसु , wat वेत्येतय्ां तु ania” ॥ ई ९॥ ` alia”) तु चे तस्िश(*सुखष्छायने । श्र्विनौ ददतुः Hat afew खसामनि(९)८३) ges (१) खुत्वा fas aah परैख्िभिरिति क ° च qe | | (२) उत्तममिति we शतशछोकाडे we घर चर चिदधितपुरकेष न पठितम्‌ । तेषु अस्मिम्‌ wa, अन्िनावभिमिश्रश्च wagers देववाः। रस्ोकाडे वत्ते | (१) fastaaa दति go go | (४) रतश्छरोकाडं we weve fafsagedy arya | (५) कौत्तनमिति so gernancy | (q) रुतच्छरोकाडं कर Te we चर धिङ्धितएुकतकेषु न विते | (क) He ८, २२, १ । (ख) Wes, २९, ९। (म) We ८, ag, RT| (च) We =) २५, ९ । (ख) ८, २४, २२। (चव) We ८,२५, ax | 22 ( १७० MWEWAT || sified तु युवोकयुच्छ*) वायग्था उन्तरास् चाः | थं aquaqaa लेभे ga faa: ॥९८॥ धश्वदेवामि पञैतान्यभ्निङकये(ग जगाद a: । wma” इति लस्मिंलिङ्गतो. दिप्रदा दग्र ig cn ra देवता शासु ANA सखः एयक TIL खलता Bee: खेः सेवता यत्र यज तु ect wR कर्मस्ठतिर्नाम वेश्वदेवन्तदेव a) । तासाग्रभुरिति वाद्या Seats लगुत्तरा te Ui aret SRW रौद्रौ च पौष्णो वेष्णव्यगाश्धिनो 4 aaa मेजावरश्यग्दग्रमो मिचसंस्तवा Wo Ve यजमानप्रसक्ताच्च यजिरेवाच सखस्तता । थो यजाति(क)दुचे wat यजतां पतिरोखितः १९ २१ तस्व ya” Fe यज्वा चतद्धव्वपि afer 3 (2) Patarta seh नगादाभिरिति खयमिति we ae ae | (2) Sar aga: इति we We Go परतकामर च | (8) grat गवभिरिति He च ae | | (9) एथक्‌ aniqaaal तदिद ऋदेवतमिति ख° uo एखकान्भर द | (क) ऋ० =, शद्‌, ९। (ख) We ८, शद, 2० । (ग) We ८, Re, gl (च) Wes २९१९ । (ख) eV ९९० ९. । (च) We sR, श। . (कध) चट ८, RAG ST ऽध्यायः । ६७१ यज्वनोरेव zee: चञ्च या aati: ॥०७॥ `. ` MTOM” पौष्णौ परे मिषाय्यमाः यथाव). | Tey grey श्रादित्या श्रभ्चि(मग्रये(९ we en worry प्रहतानौ(षति Treerfe aren: । अथक इत्यत्र कन्या तं स्तो शिङ्गेनेश्रमन्रवौत्‌. reo ६4 ख feat कामयामास दानवो पाकशासनः । च्येष्ठां खार पुंस? तस्येव बधकाम्बया(९ poor श्रग्निनेजत्याभ्रिनं Gee TR परे ततः । रेष््राम्धात्‌ परमाग्रेयमेनरान्धादास्णे) परे ॥७८॥ SHC वरणे लन्ध आरा वा मित्थाश्िनस्तचः । सके इमे) समाय्य ताग्यामेष्रे ततः. परे(९) ॥०८॥ (१) या यजाति इचचै शक्र इ्यादिसाङश्लोकदयं we ग ° घ ° च” चित Tas मापक्यत | | (२) प्युसस्येति we wo qe, Saale wo परकान्तरष्च। (९) यवकाम्बयेति we me we पुशक्षान्तरश्च | ` (8) Sani परमामेयमेश्रापरः aaa: इति we घ च» | वाश्डे ERS वादशमिति qo | (४) RY games af we go qe, ४ (६) ताभ्य ARs चोत्तरे इति कन ग चरक . . (क) ऋ» saul (ख) we 5, ९१६० । (म) wes, RL, ९१ । (घ) We 5) Be, ९९ । (ख) We ८, AX, १8 । (च) चट ५ RR, ६ । (षट) चट ० ८ Re, १९ । (ज) We, १५५९. । (भ) We 8२, 8 | (अ) We ८, eR, १। : LOR ङङरैवता | वायाख्याय(.यत्‌(९प्रादात्कानौनस्तु एथुश्रवाः | तदन vga दानमासक इत्येवमादिभिः ॥८०॥ ara प्रगाथो वायब्धः सूक्ष्योपोन्तमा च aT | मिगायमाणौ मर्तः सुनोयोधग)दुचे स्तुताः ॥८१॥ दिकलारिश्काप्रौत^५) स्लिशोकाय पुरन्दरः | गिरिं faery वखेण गा ददावसुरेहेताः WT a wafefa tarenafirg खयमन्रवोत्‌५) | wm नवम्या लदितिमेरो.गव्यादित्यदेवते(९ uc att wren: पद्चोषसेऽपि श्यः ated STA ei खतम्‌ । wrest तु“ qari खषौणां तिग्मतेजसाम्‌ ॥८ ४॥ (१) बश्ापाख्यायेति we | (र) anrara वपदिति ce | (९) आदिनेति we go पुरकान्तरच | (8) प्रातः इति se एखकान्तर्‌ | (x) भिभाव्यमायौ मतः दादि ऋषिर खयमत्रवोदिबन्तपाठटः wo we ye ao चिङ्कितएखकेब्‌ नेच्छते | (¢) चापोति we wo qe | (®) पराजि चादाविति we so प्रखकान्तरच | ` (क) Bes, og, २९ । (ख) Be s, ४, ४ | (ग) Bes, 9६, 8.।. (घ) MoS, 84,89) (ठ) Wes, ४०, ९। (च) चट G,' 8S, ९ | बदोऽध्यायः। १७ Sarafa® तु ष्वः प्रगाथो वज्जदेवतः | WITT fy: aera) जगौ (२ ॥८१॥ मस्कणद्च wy’) प्रादाच्दस किश्चम | तद्र रोग)दिति दकताभ्यामखिशलन्विह sega) ux gh tarp fers षडप्रेयात्‌ पराणि a | निपातमाष"९ देवानां दाता म दति भागुरिः ॥८७॥ चे erent”) मन्यते Sead | श्रादित्यदेवतं सक्तं aria Mare परन्तु चत्‌ ॥८८॥ ` धोवराः सदसा मौनाम्‌ get शारखते जले । (९) शगथ पदमिति ° धरतकान्तरद््‌ | | (९) Ravgtarg we we च चर चिञितएकोयु न दृते । तेष अस्मिन्‌ शले, अन्वेपिरिति त्वस्यातोऽभ्मि, द्यं खव तु । इति ज्लोकाद्धमल्ि | (९) तिति ae | (9) परिकीक्तितनिति ख. ८ एखकान्रच | (५) ज्चोकाखंमेतव्‌ wo ॐ ° चिङ्ितिएस्कयोनं विद्यते | (ई) निपातागाहेति we, निपातेनेहेति we एरकामार् | (©) ऋचमिति me) (९) areitsisd चं चेगमिति se | ` (क) ऋ० =, 8९, ९ । (ख) ऋ० ८, ug, wT | (ग) ऋ° ८, yu, १। (घ) ऋण ८ ayy kl (ठ) wes ६५, १० | (च) ae, ६७, १ | १७४ SUEAAT | जाखं wfay तान्‌ बद्धोद किपन्‌ षशिलात्‌ अणम्‌ Ween शरौरपातमौतास्ते तुष्बुखादितेः सुतान्‌ मुखुचस्तां स्ततस्ते च प्रसन्नास्तान्‌ समूदिरे the ot धौवराः eA मा वो त्छगे' प्रा्यथेति a | उतेति माता Saat ठचेनामिष्टुतादितिः ve ei माढलाद्गभसम्बन्धात्‌(९ खयेतेषां(९ स्तौ weit । Rarer त्वा TA चौफएि qaqa षद्‌ ne vi आर्शाश्चमे चयोर पञश्चदानस्ततिः परा | aT fexe चाप्र विश्वेषां चेव संस्तवः ne at दशस्य प्रथमोऽदधेषेः रेषा वरुणएदेवताः(५) | aaa वा सूक्ते उत्तरे विषां स्त॒तिः॥९ ४॥ पयःपश्चोषधौनाश्च(^) तथा ed fe gaat | (९) Wace ewer मौनानित्ादि argatawye we ग qo qe चिड्ितपएरतकेष ापद्यव | (2) माढलवादति सम्बन्धादिति we we, मादत्वादभिसम्बन्धादिति ग मादत्वादिति सम्बन्धादिति ge | (श) सुवन्येनामिति wo se पुखकान्तरख | (४) Rut दशणदेवतः इति we Teo we | (५) amgucfafa wo mo घण WW | (¢) वेति we Ge | | (क) ऋ० ८, ०, ९०। (ख) we ८, ८, ६ । (ग) ० 5, C=, ९४ | (छ) We ८, ९९, १९ । (ठ) Wes, ox, ९ | षष्टोऽध्यायः | १७१५ उक)दित्याश्रिनमाप्रेये परे am faut fam@ ne wn amare fafa erat स्तौग्थात्मानग्डषिः खयम्‌ | आत्मानमात्मना BAT स्तौति दानं BU: ॥९ ६॥ श्रात्मादामामिषम्नन्धात्‌ TET ETAT TL! । पर्ष्णौ परया x) निभिः afc Paty neon सोम्यस्य लय free पराशेद्धाणि arts तु | TNO तेषां प्रथमे९ वैश्वदेव्यगवोषधत्‌*) ॥९ ८॥ Jar fafa देवानाम्परष्ठ्ण्माग्रेयसुत्तरम्‌५) | चोप्याश्विनानि सक्रानि श्रा Aare © qe ॥९९॥ अपालाऽजिसुता लासौत्कन्या लम्दोषिै पुरा। तामिग््खकमे ge विजने face ॥१००॥ (१९) Siena सतुल्वेत्यादि परष्ीश्च महानदोमिव्यन्तपाठः we He ue we चिड्ितएसतकेषु न पठितः | (२) परया पडष्यो मिश़्मिति we To घर qo | (3) प्रथममिति go पएस्तकान्तरश्च | (8) qitary ततः परमिति we qe qo | (४) ara इति रेश्राखि तमितौति चेति we we we qo | (१) दृति wo wo qe} (क) We = ७३१९ । (ख) We ८, ७8, ९ | (ग) Ke =, ७8; tei (च) We Og, Ql (ख) Wes, ७€,९। (च) Bes, So,t 1 (क) Wes, ८०) gol (ज) we ८) cB, a} (भः) We = 58,01 (ज) Wes Atl (ट) Bes, ss, 81 १७६ SURI | तपसा बुबुधे सा तु सव्वेमिन्धचिकौषिंतम्‌ । STFA समादाय श्रपामर्थे जगास a’) wae vii दृष्टा षोममपादाख्ये तुष्टावचा aa aq a - कन्या वा(करिति चेत्यामेषोऽथैः कथितः स्तुतः(९) wee et सा सुषाव मुखात्‌ शोमं सवेदश्चाजुहाव तंर | अषौ य एवौ.गत्यमया पपाविष्स्ह ayer”) ॥९० et शपू सैव सक्च भचयिला तु तद्त्‌) । wafargera सा सेनं जगादेनं wey a neo gn सुलोमामनवद्ाक्तो कुर मां we Geet | तस्यास्तद्वचनं aT परौ तस्तेन TT) ॥९ ° ५॥ रथचरण तामिश्रः शकटस्य युगस्य च । (१) wo me we wo चिडितएल्तकेष्‌ उदकुम्भं समादायेति Bats, पुपाव सखेति qtaraterca पठितम्‌ | (२) दृष्टासोममपादास्ये इन्वादि रषोऽथेः कथितः ea: दबन्तपाठः me me घर we विह्ितप्ठल्तके गोपशभ्यते | (९) प्पाविग््रस्त॒ तम्मुखादिति we we घर qe | (४) Capers We ग° we wo fafyagMay ग विद्यते | (u) शतक्रतुरिति wo ve एकान्तर | (ई) असौ ब्रूते इचेन सेति we एकतकन्तर | (७) TAB कर Ho ae wo चिङ्ितपुसतङ्गेषु नेच्छते | (क) We ८, ९१, ९ । (ख) We =, ex, RI षरोऽध्यायः। “Ago प्रचिष्य frend चिः gaa सा तु matory” nee att तस्यां लखि श्यपेतायां पृष्वेश्यां went sraq । ` उत्तरा AHIR शकलासस्वगृत्तमा ॥१ ° ७॥ cfaerefaa® सुकं लारतूर्यास्कमाटरौ (५) । aa शौनकः सुक्र TAMAR ततः परे) ॥१०८॥ SHAT Trial WAT TUTTI | कान्दोगिके दतौये acrid शस्यते यतः(९) ॥ १० ९॥ मारतं Tt: पर era AO aha) पराणि षट्‌ | am दितौय एतेषामितिशासं weet ne 9 ott (९) ततः सा -सुत्वचामवदिति ge पएखज्गाम्तर् | (२) TENA WA: पूर्व्वा सा शल्यकः दति क ग qo च ° | (3) दद्मिति ae Te Go qe | (2) याखमागुरिरिति ae ग° घ qo याख्छगालवाविति Se Gent: ACE | (४) प्रोनङष्वेन्रं याकमिन्त्तरे च ये इति we 1 (६) उत्तमा चाभवोत्यादिक्लोकः we गण घर चर चिङ्ितिएखक्गेष MTT | । (©) दयातेश्राणीवि Heo we चर qe | (<) रत च्राक्षां Ne ग ० -घ° wo चिङ्धितपएरकेष नेच्छते | (क) We ८, ९११९ । (ख) Be =, ९२, १। (x) = <) EB, ti (च) wes, ९५, ९१। ९७८ ङृहरेवता। श्रपक्रम्य तर) देवेभ्यः सोमो इचभयादिंतः। नदौ मंष्टमतौनाखौ मध्यतिषठत्‌ Fea’) प्रति nee ci तं ररस्यतिनेकेम श्रभ्यपा(रदूजदा खद । योद्यमामः सुखं द“ मैरद्धि विं विधायेः nee ke दृष्ठा तानायतः सोमः खबलेन safe: | मन्वानो टचमायान्त“ जिघां सुमरिखेनया ॥११ evi व्यवस्थितं धनुश्मम्तं तमुवाच ठस्पतिः | मस्त्पतिरयं सोम ute Zara) पुगर्विंभो ne १ ४॥ wea देवगुरोर्वाक्यमनथं ठबरङ्या(*) । सोऽ्रवोलेति तं शक्र ओजसेव <) बलादणौ ne eu (x) अपचक्रामेति wo Go एरूक्षाम्तरख | (२) अश्ुमतौ नामा qafrsaqetafa we we qo qo, खभ्यति- sq कुरूनिति wo ङ* (द) खभ्ययादिति पाठः ary) इईचाग्वयादिति ° एसकान्तर | (8) योच्यमाणख संषेरिति we घ Te | (४) दृष्ट्रा तामायवांल्छोमं arta व्यवसितम्‌ । मन्वानं एुक्मायान्त- मिति wo we Ge | | (९) wamnfacd सोममेहोति we ग० घर qo] . (9) देवेति पाठः समोचीगः। (८) श्लोका्मेवत्‌ क° ग° घ we चिद्धितपएसतरकेषु न विद्यते | (€) खगं cafe क घ° च ° | षष्टोऽध्यायः | Led दयाय देवानायन्तं(९ तं पपुरविंधिवल्युराः | जहुः पौला च दैत्यानां समरे(९) नवतोनैव ॥११ ९॥ ` तदेतदप्यवद्रस९(र सचे सम्य निगद्यते । ` wee देवतां तस्य waxtare शौनकः 1.2 On रेग्रावारखयत्य उक्ता ब्राह्मणे ants” | weary तं (‹नेमोऽय(रमिति भार्गवः ॥११८॥ TERT इ चेनाय(मदं Wa च Aras | स हि स्वन्नेव एको नेन्दा श्रस्तौति चात्रवौत्‌ ॥११९॥ तदाकष्छंद्र WTP तुष्टाव sae” | (१) qrarafa ae ग qo qo | (२) दतरा इति Mo Wo Gel (३) तदेतदपि यतस्िभ्िति ae ग° qo | (9) देवता wat इति we Te ख ° पुसतज्ञान्तरख्ु | (४) श्षोकाडंमेतत्‌ we ग we च ° चिङ्धितपुलकेषु न दृश्यते | (१) अद्‌ यन्तमिति ae घ. चम,रेद्रमपश्यम्‌ तमिति ख ° पुसतकषान्तर श | (७) wm इति पाठः साधः | (८) स डि स्तवप्रेव णक दत्यारि want qe दश्ंयति्न्तपाठः we me we ae चिकित एस्तक्तेष न पठितः (क) we <, Ed, रद। (ख) We ८, goo, ९ । (ग) ' wee, १००) 8 | | १८१ SUVAAT | - cafes इष्टा^ सुप्रीतो विशरत्तात (गदति Fa ॥१५२०॥ विविधानि च कर्णि दानमेन्द्रञ्च शंखति । ममोजवा(स्तु सौ परौ(९) aq” aaa: ॥१२१९॥ वाचं सर््यैगतां BO स्तौति यद्वा गिति इषे । Nears” greet सख्यं लिषा ॥१९९॥ तं arma इन्तुमिश््रो विष्णुमभ्येत्य सोऽ्वौत्‌ | at इनिय्ये तिष्ठस fanaa”) ममान्तिके ee al gare तु+ वस्य श्यौदं दातु. ममान्तरम्‌ । तयेति विष्णुस्ते थौयास्य विवरन्ददौ ne Ra तदेतदखिलं ste विष्णविति wa gta” । (x) तं दृङ्ृषिखेति we we पस्तङान्तरस्च । ` (२) सौवर्खोति we se | | (३) अभिदत्येमानिति we Go पएस्तकान्तरच | (9) ex हनावविक्रम्य तिखाद्येति we ° पुस्तकान्तरच। (५) उद्यतच्ेवेति We च० च० । (१) दणत्विति क ° we च । Di | (9) सव्वेम्टपिणोक्ठं eats meme wom] (क) We Shoe, gi (ख) MPS, Ree, SI (ग) ० = १०० €. । . (घ) WES Kory ARI (ख) चट १००१० | (च) we ८» ६०० VI = षष्टोऽध्यायः yer मेचावरष्छः GATT ATTA FAS: ew प्रति fra वा पाटाखाय्येम्णो(९) वर्ण्य च । नयगद्तुथेः स्वेषामादित्यानामिति Be nee ei परा त्वादि्यशैवत्या(९) sra™ इत्याभ्चिनो ge: । वायये चोत्तरे सौर्यं श्रौषसौ लुगियं =) ger ne gon पावमानौ प्रजा हेति मातेकल्युग्भयान्तु गौः खता । ` aad BUM परेऽभ्निस्व॒चि सखतः ॥१२९८॥ wee: सद र्द्रेख MA are ™ fa मध्यमः। प्रजा ₹रेनात्यपि age प्रयमेऽभरिरिोच्यते ॥१९९॥ , -. पादे aaa श्रादित्य Bla मध्यमः VA: | (१) farena पादश्च Quem: इति Te We Te चर | (२) ऋच शादित्यदेवत्धा इति So पएरसकान्तरष | (2) qT दति qe | (8) सौं सौ षस्या प्रमां वा चन््रख्येयोरिति' we wo पशकान्तर च्‌ | सोषस्या cay उषसेति गर ` | (क) We =, १०९१ ९ । (ख) We =, १२०१, ४ । (ग) wee yor, 8। (घ) ऋऽ =) RoR, SI (ठ) We = Loy, रदा (च) we =; Ret, vel” (कै) . we = Loy, १५ .। (ज) we ८,१०२; Li. (भ) We ८. LOR, USI (ण) We Sy Rox, ६९४ | | | | (र) शरश ङडदवता | TWA ब्राह्मणेऽयेवं व्याख्यातं डेतरेयके५ nee ०॥ पावमानः सहतः सोमो मवमे fay awa | पवमानवदापयस्ह( समिद्ध (रदति sega: qe ct wy aeRO fa चारु तिष्धव्वभ्निनिंपातभाक्‌ । श्विता न) दति लसिंस्ल॒ षे gear”) स at eR शरग्रव्यौ इ चाव यत्त (कादृयुत्तरे ततः | sare fat साविच्रौ श्रभ्निसाविश्यु“गुत्तरा ॥१३२॥ gary at) वैश्वदेवौ श्राप्रयो लगुपप्रियम्‌(*) । दडुत्तरा य") इत्य" खाध्यायाध्यदरखस्तवः ॥९ २ vi (१) प्रजा हेपि nse द्यादिसारज॑श्नोकः क we we चर त्विद्धित- wean न विद्यते | | (२) मवमे मखतेऽषिंभिरिति क° घर qe, मणत्धिंभिरिति Te | (a) पवमानवदाप्रौयः इति we | (2) पृषेति we ख° पखकान्तरष | (४) aiwarafadtfa we | (१) सप्नोत्तराः इति ख° ve THATATY | (9) sat च य cane we | (क) ऋ० ९) a, Xl (ख) Weed, ६९, १९ । (ग) We €,¢9,R| (च) ऋ ° €, ६७, २६ । (ख) We é, ¶७, २५ । (ख) Be €, €9, २७। (ह) ऋ ° €; Ko, २९ | (ण) We €; CS, RI षष्टो ऽध्यायः। Qe an frat waMcfy cater घश्मेषंस्तवः(४ | quagraaar®) पविच्णमिति stert nee sag भवेत्पाद्‌ By” इति wa: ।. निपातेस्तु fafa: पादेस्लयो देवा श्शोदिताः२।१९१॥ ब्रह्मा देवानां तिश्ोक्रास्तिमिस्वतेहंवेष्छंचे.४) । = खय्येवचात्मवच्वायं* ख्यते सोम) raha ug 2 on श्रनाट्ष्चां तु व्तेन्धां पप्र्छषो seelate: । काले दुगे मरत्यसिन्‌ कम्मण केम जोग्यय॥९दय॥ wae शाकिनौ गावः छषिरष्यद्नं वन“ | समुद्रः प्बेतो राजा एवं Haas वयम्‌ We ect श्रय gay”) ग्रशसास्य षिराङ्गिरषः fig ` (९) रतच्छरोकाङधं ° fafsaged म पठितम्‌ । ` (२) खग्येवर्वात्मवर्चापौति we we qe | द) रष स्लोकः क Te we ae चिडहितपुसकेषु नेष्यते | (8) इवाचरति we ग घर qo | (४) खय्यवर्चात्मवर्चापौति wo we qo | (६) wa वेति ae Te घ Ge | | | (७) र्स्य मन्दमन्दनमिति wel Ze @le Re Wo चर Bo चिड्कित एकेषु aay | (८) स्तुवम्नेवेति wo ग° To च० | (क) ऋट० €, ७६, ९। (ख) we €; ७९, el (ग) Woe, ८9, Rl (घ) We €) १०७, ७ | & ४ १८९ इषदेवता | नानानोयेम, दकेन दषो णामेव सन्निधौ ॥१४०॥ तानिष्रः प्रात्रवौत्‌ सव्वौ(रोस्तपध्व BATA: | मातप्ततपसः श्क्यमिद"९ wer व्यपोहतु ॥१४१॥ श्रय ते वै तपस्तेपुः सर्व्वं खगे जिगोषवः | ततस्ते तपसोयेण AAA SASHA ॥१९४२॥ अनख्यरधोयानः प्रररषुस्तपसानितः। SM पूर्व्यापरान्‌ व्यम्‌ पुनात्यात्मानेमेव च ॥९४२॥ पापं ger करो त्किधि नो वाग्देहभोजमेः(४) | पूतः स तस्मात्‌ waa खाध्यायफलममरुते ॥१९४४॥ पावमान्यः पर ब्रह्म शक्र ष्योतिः सनातने८(२) | गायत्योऽन्तेऽज Sarat प्राणानायम्य waa: ne sai पावमानं freq देवान्‌ wraay Baas | (९) इवेति we we पुस्तकान्तर च | (२) त्वाह सन्धांस्विति ae गण घर चर | (६) न छतत्तपसा waa विनेति क ° ग घ. च०। (8) यथेति wo उ ° एक्रकान्तरच् | (x) मनोवाग्देहदो waftf we चर चण, मनोवाग्देहतो णमे- र्तिग०। (९) षिसाणोक्छमाश्नयादिति we we एस्तकान्तरच | (9) षयो तिसनातनमिति क we qo | (८) एष ate we we एश्लकयोनं विद्यते | (क) wo €, १६९२, १ | wet sua | १८१ पिवृखष्ोपवतेत.° चोर सर्पिमेधूदकम्‌ ॥१४९॥ एतत्‌ सक्र wi सौम्यं मण्डलं सचतुदं शम्‌, पावमान्‌(मिति श्यातमतुवाकास्ठ सप्त 3/९ yg on सक्ताग्रेयामि दूक्षानि qquia इति faa: aA लाद्स्त जिभिराः सकसुन्तरम्‌ ॥१९४८॥ wera’) Tera MTT TS) fa") यः परः | तेने्रमभितुष्टाव asm इति नः९ युतिः ॥९४९॥ अभवत्स fe देवानां पुरोधाः प्रियकाम्यया) | असुराण्णं as: पुच्रस्िशिरा विश्वरूपग्शत्‌ ॥१५ ०॥ mate प्रित“ न्िन्रो ठेषेषु बुुधेऽसरेः | (१) उपतिष्टेतेति ख ° wera | (२) वीगमाचरमिति we | (द) रुष श्लोकः we ग» घ Ue चिङ्धितपुरकेषु न द्यते | (8) वस्येति ze | (५) दचस्यास्येतौति ge | (६) म श्रुतिरिति कण घ चर शतमिति ge, पुरलकान्तरख | रव aia: ख ° चिङितपएरतके म पठितः| (5) ख देति go ge | (८) चयक्षाम्ययेति go ve पुरतकान्तर ष | (€) तं चणन्‌ प्रहितः इति कर घण qe | मिति इति Te | eee a We 1°, ८, १, 1 (ख) Were, ८, ७ | १८६ SRA | aioe sae area”) शिरांसि चोष्यचिच्छिदत्‌(* ॥१५१॥ qe TATA सुखं Tos ATE । gafae, सुरापानमन्रादं fafate ary ॥९५२॥ तं armaaagrat®) ब्रह्महासि श्रतक्रतो । अपन्न इतवान्‌ यस्माद्‌) विश्वरूपं TTS Ue RI तमग्यविश्चत्‌ ara शषि0राप इति ` खयम्‌ | सिन्धरौपोपदत्यये तस्याज्ञोलस पाप्मनः ॥९५४॥ नेयनाचभभोन्तों परत्याचष्ट यमो यमः | ओचित्‌ werd) सवाद. farang MAMA HL WN an@ga इविर्धाने at Maa संस्ठते । gtfeata fara waa मध्यमो यमः(९.)॥ १९५ ९॥ (x) सोऽस्य see तस्या इति क° घर च° | (a) तान्धास शिरसि नोच्थाच्छिदिदिति ग °। शसं खेवा च्छिदत्‌ प्रः इति खण THRACE | (x) तित्तिरः इति Be Fo एत्तकान्तरच् | (४) तौत्रेति we घ° च° । (५) यच्लमिति we ue च० । (६) gtatcte Heme qo Fo | (७) तदोविदिवौति क we We च०। (<) संवादे इति ae च ° च | (€) युणल्धेतेनेति Ho Wo चर चर | (९०) द्ेतस्लिम्‌ qa द्य॒मक्तवः इति Mo We Go | (क) We to, €, ९ । (ख) We te, ९,०१ ९, | (ग) चट ° १०१११, VI (a) We Le, Lae । (ङ) We Le, RB, hI WET SAT | १८७ अथर्ग्वाणोऽय गवः पितरोऽङ्गिरस्ख इ । ` weal देवगणाख् TAG TMT: Wt WOH पिढमिखाङ्गिरोभिख् सस्तो gaat चमः | wag awn: पादे fara पिता fe सः॥१५८॥ मंख्कायपरेतसंयुक्रेः पिद्रभिः यते aA: | मेहि THO freq Faris उदाइताः ॥१५९॥ faaet fe पति रवो aaa ष GTA”) | afaxaMae श्वाना पर पिच्चमुटौरितम्‌^ ॥९१ ot परेव तु शक्रम mM कश्यं शंसति८*) | पिददेवाख्राणण च Wray: ५१ ९९॥ इव्यकन्यवहौ चोभौ ae राशिना ae | तज मेम(कमिति वेतत्‌कब्यवाहनसंष्ठतिः(९)॥११२॥ (९) quatatsa भगवः इचादिसाङ्धद्लोकजयं we wo घण चर fafsagede ating | (श) उदौर्वामिति we Te qo चर | (3) wutafa ae | (४) ख्तच्छरोकाओ we ve fafgagernatt पठितम्‌ | (५) Sweet च नामयः इति Bo Se पखकान्तस्च | (६) ery कच्यवाइगमेवचेति Bo ड ° प्र्लकान्तरख् | (क) We yo, ९९; ६ । (ख) Were ep, 9 । (ग) We १०, Xs, do | (च) ऋ ° ९०.१६१ ९ । । क्क CUCAN | इतराणि तु aaa” oftatergra चर) | श्रभवस्मिुनं लष्टुः खरश्यूख्िशिराः Tw 4 ९ २॥ ख वै खर्प प्रायच्छत्‌ खयमेव विवदते | ततः रण्वया.) oma carat विवखतः | तौ चाणुभौ धमावेव च्याथांस्ताभ्यान्तु वे यमः ॥१ ९ ४४ दति टृदेवता्यां षष्टोऽध्यायः ne (x) रैवद्येति we, देथस्येति ve | (x) त्विति we ख° एखकान्तरद् | (१) azutt चेति He ae ae | (9) qcuart aft Geo To FARIA | अथ सत्तमेाऽध्यायः। "9000 खा भुः परोकन्तु सरणः ait स्यम्‌ । fatwa मिथुनं(र तस्यामश्वा भलवापचक्रमे(९) ॥ १॥ अविन्नानादिवख्ांस्त तसखामजनमयक्मलुम्‌ | राजर्धिरभवत्‌ सोऽपि(* विवसख्ागिव तेजसा ॥२॥ ख विश्वाय लपक्रान्तां सरण्यूमश्वरूपिफौम्‌ | त्वादौ प्रति जगामा वाजो शलाश्वलद्धएः(९) ey aug”) fara विदित्वा दयरूपिएम्‌(९) | (९) दृष्टेति ae we qo | (२) मेथुगमिति पाठः साधुः| (१) wat भूत्वोपचक्रमे इति कण we चर | (४) राजर्भिंरासौव्‌ स मगुरिति we we एखकान्तर | (a) विच्वाप्येति ae | (¢) area: इति we Wo qe, Gea दति ze | (9) तमिति ख० go Ternary | (=) faqrafa we ve प्रखकान्तरष् | (€) इरि रूमिगमिति एसकाम्तरम्‌। १९० Cweaat | मेथनायोपचक्राम(\ ताश्च तजार्रोह सः ॥४॥ ततस्तयोख्ठ वेगेन we तदपतहुवि | Sofa) सा लघ्वा तच्छुक्रं गभेकाम्यया ॥५॥ आघ्रातमाबाच्छुक्ान्तु कुमारौ संब्डवतुः | नासत्धयेव cay यौ सुतावश्िना विति? wen दतिहाखमिमं ore: सरण्पूदेवते इषे“ | faery weg ae ft सह मन्यते ॥७॥ पूषेति पादौ पौष्णौ दरौ लाग्ेथाबुन्तरौ तु यौ । स्यानततौयोऽपि वा पौष्णस्तिखचान्याः wre या ॥८॥ अपां सठतिख्छुगजेका) ढषात्छारखतात्परा | खतः Whe: सोमस TY इत्यु्तरे चे ॥८॥ शरब्देवताश्नौ वादो वा पयखल्यु षरा तु at (x) भिथ॒नायापचक्रामेति ख ख” THRACE | (२) उपजिघ्रतीति me we चर | (१) यौतुतौ वानिगावितौति we घ चर | (8) ऋचाविति wo uo च ० त्वृचे इति ख. प्रखकाग्तरच | (५) इावाप्नग्याविति oe पुर्तकान्तरख् | (द) पौश्यस्तस्यापरस्तच इति Be So एखकान्तर स | (9) aut स्तुति स्ततिख्येकेति we, qui सततिस्तव्वेकेति we Tq ATATY | | (<) qscqutttate: इति So ख °, प्लकान्तरख् | (क) We Re, LO, ६। (ख) We de, ६७, RI (ग) HP ९०) १७१६ । (घ) We Ye, RS, १४ | | | सप्तमोऽध्यायः | ER THs: स्ठतिख्टव्योकरन्ते fara wife ॥९ et स्तशिष्टे्य stare ca श्योग्‌जोवनं पुनः । इमं aha” arma ta: परिधिकश्मणि९ ॥९९॥ यथा धाश्युत्तरा लाटी ततो थान्या KO fafa” | स््लोणामाभिषमा्ास्ते तथेवाश्नगकर्मणि(५ ae ep sele मारौत्यमगया खत(षपन्नौ तु cet | भ्राता कनौयाभ Here निगदात्‌( प्रतिषेधति ne en gare we होता देवरो न भवेदि । प्रेताजुगमन न खादिति ब्राह्मएशरासनात्‌ ॥९४॥ वर्थानामितरेषाश्च सखोधश्जीऽयं wae are) | शरान्वयं धरुरादाने RAs धनु.कजेपेत्‌(=) ॥९५॥ (१) fafa ge | (र) रब Ute क० ग° च° च° Fafeageay ग दृष्यते । (द) यथधाशरात्तरङ्ाद्ो सते यान्धा इमात्वितौति we ge एलका- ATE | | (8) तथा परिधिकभ्भगीति ae गण qo qo | (a) गतं पन्रानुसोहतौति पाठः ary | ग्टतमन्वादसौषशतोति wo घण qo | (q) निगतेति क° qo qo, निगत्वेति qo | (©) बुग्यदितव्‌ कम्मं शोतेति सर्डेकन्नीकः क» ae ge we चिङित- एस्तकेष॒ MTA | (८) शाग्यथं च पद्यस्या, धनुरिः॒त्तरागडचभिति me ग» Te च० । (क) Fo ६०५१८ २ |. (ख) We Re, RS, RI (ग) we ९०, १८, 8। (ष) ऋ० १०, १०५ WI (ङ) We ६० ६५, ७ । (च) ऋ० do, gc, «| (क) We ६०१ ९८ € । ९९९ श्दरेवता | CAT AT: TST AUT चान्धकं णि । तस्माददेन्तुचस्या(९य्ध देवतां खल्धुरेव(९ तु ॥९ ९॥ मन्तेव॒ इनिरकेषु देवतां कष्येतो वदेत्‌ | मन्तः aaa प्रजापतिरसम्भवे(५) ॥ ९ ७॥ पराखतखो ares उप्र्पेक)ति पाथिवो । तासां प्रयोगः Rae श्रध्थिसञ्च यकम्मणि ॥१८॥ waar Maarerfa श्रपत्येतराणि a) । aug पितरो cafcerarea® swear fire: ॥९९॥ श्रहःखागामिषु च मां xan सखमजोवयम्‌(५.) | निवन्तैष्व) मिदं aa’) गवां केचिदपां विदुः ne on mee: प्रयमायास्त९९) श्रप्रोसोमोय उत्तरः । ` (x) रखते प्रयज्यन्ते श्सश्रानेव्वन्तकम्मप्विति क° Te To च ° | (२) इचस्यति Ho We qo Go | (३) म्दन्यमेवेति पाठः समोचौन (8) ददं जगाविति कण घ चर | (५) प्रतौचौनन्टचं त्वेवामपज्येत्तसास्र तत्‌ इति Ge ख ° एखकन्तर्‌। (१) auferfa wo ° एरकाम्तरद् | (ॐ) दध्यरभ्या्रास्ते इति He Fo चर | (ख) दद्यरभ्याशास्ते समाशिषः इति we | (€) प्रयतः इति we | (xe) Tatas Ke Te we qo चिङ्धितएलतकेषु गोपशभ्यते | (१९) इतोद्न्त्विति Be Wo Wo To | (१२) चेति we Go धखकान्तरख | (क) We १०; ९८) ६० । (ख) We ६०३ १८,१९.४ ॥ (ग) We १०६९३१६ | सप्तमोऽध्यायः | VER Vx षो दितीयायासुभौ देवौ निपातितौ ue ve CATACH WN मानसं GMAT । Wearfe कुरे त्यज श्रापरेथाभ्यां पराणि तु ne es ese ea ta’ उत्तमे ga | भद्र") सौम्यं प्रहिषपौष्धं जौ एोन्राणि पराण्तः ॥२ ३॥ Aare मन्तः सन्‌“ खानि कर्णि शंखति । थथा चरति तेषु यथा वर्षति पाति च ॥२४॥ सके तदिन्नष्टामि्डं गि(९सक्रमगड(*रिति(° | Safar मरुतः सौति पत्णन्यं ete Orn ॥९५॥ sfaftrxg सोमञ्च पोवामं ae aefa | पूवाद ऽपर“ ean: Whe वायना खड ॥२१॥ (१) उच्यते इति कन गण Wo चर | (२) उचोऽस्याख्वाश्िन इति se | (a) रेश्रावामिति कण ग० धर qo | (8) सहति कण घ qe | (a) वातोति wo wo पुरतकाग्तर | (९) तदस्मित्रश त्वम्भिरिति we म° we qe | (0) wraferatfa we च °, प्रभूत्वितौति wo | (<) परमं स्लोति शौति वच्चमिति mo we qe | (€) पु्वीऽडीत्तरः इति we ग° we ae | (क) We ye, RR, Vl (ख). We १०, २७, | (ग) We १०, २५,९१। (च) We Xe, २६, ९ । (छ) Wee, २9, 9 । (च) ऋ ० १०, २७, १५। (क) We १०, २७) ९७ | 25 ६९४ डददेवता। विक्रोश्रमासक) cafe स्थेम ति | एतौ AMG a द्यते स्ठतिखेवेख्धवञ्जयोः(\ 1k on aq za” धतु देवानामिति तु जयः । Maratea: पजेन्यानिखभास्कराः Ve se a quifret चोभौ waa च पदे“ सड । घा ते वातु. षःरित्यस्यामिष््रो वा GA एव वा ॥९९॥ विश्वो Qa dare शेः शक्रस्य चेव डि । युगा एव ठु WHS Wart एव तु Ae ॥१०॥ खषेग्रस्यागतान्‌ देवान्‌ दृषा शक्रमनागतम्‌ | AH WITT प्राह श्रो मागतो AA NR LO यदागच्छेद्भशयेत्‌ स=) धानाः सोमं पिषेदपि । इति त्या वचः FAT तत्‌चणारैत्यवञ्जषटक्‌ RVI तिष्ठन्‌ वे्ायुन्तरस्यासुैराड खरोरवत्‌^' | (x) wafefa we ग° घर Te! (२) Zar sat त्वेताविति स्तूयेते वश्सुत्तरेति कण Zo Yo | (१) रेख्रौति we ue ae, रेन्रोमिति Te | (8) पदे dqad इति Bo Be पलकान्तरच् | (४) qafeafa we Te To Go | (९) संबादमिति we Ge (9) यम्माः शक्रस्य fata वपक्रस्येतरा ऋचः दति ख° ° एरकान्तर | (<) खयेन्रस्यागतान्‌ देवानिचादिसाजक्ञोकदयं Ke ग ° we च चिि- लपुसतकेष ग दश्यते | (क) ऋ ° ९०,२७११८। (ख) We १०१२७५२० | (ग) We ९०१२७१२९ | (ष) ऋ ° ६०,२७,२२ । (ख) We १०,२७,२१ । (च) We ६०१२०, ९९ | (ष्ट) We १०) ९८; hI (भ) exe, RS, RI सप्तमोऽध्यायः। १९५ दतोयया चतुर्यां च प्रदेवजेकूत्यपां af: ve en अपां aor fea arerfa aera: स्तुतः | प्रति aMeazan®) we Raga ne ४॥ वेश्वदेवौ waar खं AMO gO परः ॥ कुर्‌ श्रवण रमनं न्ति) परे इ श्रासदस्यवम्‌ we wi an मिन्ातिधौ cfs तं गपातण्डषिः परेः | छपमश्रवसं Ga” ahh ख व्यश्रोकयत्‌ ue ei प्रावेपा इति qa ancegfaOeea | sat’ ery arent स्तौति मवम्याद्या a) सप्तमो ne on (\) stastarat ताविति ख ग° ८० परकान्तरख् | (2) मामाभिरिति क we च | | (a) विति कर गण घर Ye | (8) suafafa Geo ge परतकान्तर ख | (५) तस्याश्लेश्ः इति क° we च०। (१) ge इति ग | (ॐ) अन्तः इति Go wo THCY । (<) पराः षडिति we घर ql (€) amet we we qe | (९०) aafa wo ze | (९१) अथेति we ख° एखकान्तरच । (क) ऋ० ९०१६०१९ । (ख) Me ९०, १००४ | (ग) We Ro, ९०,९११। (च) Were, ३९, ९। (ख) We १० Re । (च) We Lo, RR, २। (ह) ऋण ९०; BR, 9 | (ज) We do, RR, | (गह) We Vo, १७, ९। १९९ . Cuts | satan aff स्तौति कितवश्चारुश्रासति 1 अर्ां(रय्त्‌ गरेवाज्िन्दन्ति we वेशवदेवते(९) oe cy साविनरमेके मन्यन्ते महः aa स्तवं परम्‌ । श्राचार्य्याः शौनको arent गाणवसोत्तमाग्दचम्‌(*) ween wa” सौय्यमैन्मसििन्‌(व) सौर्यं ae तु याः gar! । fafa: gard वेश्वदेवो(%)ऽब तु Fa ng ow आ्आश्िनाभि तु यण स्बनोणि tara ag प्र च । रेश्राणामुन्तमा ag स्ठतोऽदधेशं (<) ewofe™ ng en परे दिवः पर्य्या) गेये प्रथमस्यो्तमा तु at) | (९) र्तश्छरोकाद्धे we ve चिडितएल्तकयोनं विद्यते | (२) क्ता, इति ख | (३) Sucaafafa पाठः ary: | | (8) णब स्लोकः we ग ° ge च ° चिशञितपरकेषु न पठितः। (४) aegt तु aera: इति we Go एरकान्तरष्‌ | (९) निपातिन इवि we Se | (ॐ) Grant tater दति क° ग ° घ qe | (=) gu दति we | (€) यार Gee लिति क° ग° we चर, या, स्यसतोऽ्ं इति ve | (vo) swam त्विति wo ve पुस्तकान्तरष् | a (क) We १०५ QA, ९ । (ख) We १०, १९, १२ (ग) ऋ० १,०,१०,१ | (ख) We Xe, RS ९६, । (ख) We Ro, Re, ९. । (च) Wo Ro, ४२, ९। (क) We Re, BR, ६९ । १०४९ UL Ro, ४8, १६। (ज) We ge, ४५,९१॥।. सप्तमोऽध्यायः | tee ावाषटथिव्यौ विश्वे च cer gee seer: ॥४२॥ meaty काकौवतौ घोषा पापरोगेए दुर्भगा | उवास षष्टिवर्षाणि पितुरेव गे qu igen save महतो चिन्ता न gat न पतिर्मम । लरां प्राप्ता मुधा तस्मात्‌ HIE Wert ॥४ ४॥ यथेतौ मामकस्तात श्राराध्यावाप यौवनम्‌ । श्रायुरारोग्यमेश्व्थं at विषम्‌(९॥४१५॥ Sway सौभाग्यमद aa सुता यदि | ममापि wer: प्रादुः स्लोयेते मयाश्विनौ .॥ ४ qi चिन्तयग्तोति auf Whe घोषा ze ar | Wat तावश्विनौ देवौ eit तस्या भगान्तरम्‌ ॥४०॥ ` प्रविश्छ विजरारोगां सुभगा्चक्रतुख तौ । wat ददतुस्तसये grey सुतं सुभिम्‌(९ ॥४८॥ ददतुखौ Brahat यज्ञासत्येति५) कौ रिते । काश्ौवत्ये च घोषायै तथा ददतुरोजसा४) ॥४९॥ [षष (x) awet इति we To Ge | (२) सब्बंभूतङ्ते धिवमिति vo) (a) मगोरिति go | (8) येमासन्धेतौति we | | व, (a) न वसं माक्ुणोगयेति we ve एलकान्तरख। अासौत्‌ काकौ. वतो weal सत WNT कण Te च च चिङ्कितएठरकेष न ata | res SWEAT | WAIT Aer नाम Aaa: | सेष्छतौग्रसमं TH तेपेऽय सुमदन्तपः ॥४ ०॥ सा प्रजापतितः ara) लेभेऽच विविधान्‌ वरान्‌. | vere: खयं?) जज्ञे जिघां सुदेत्यदानवाम्‌ ॥५९॥ wnat") iad: arg समरे समसस्जत | sara तेषां मवतोनंव सप्त च सक्तधा५५।५२॥ fare खबाङवीर्येण शेमरोष्यायसोः° पुरोः | इला सर्व्वान्‌ यथास्थानं एथिव्यादिष्ववखिताम्‌." ॥५ at राच्यं प्राप ख दैत्येषु खेन Tale zac: देवान्‌ बाधितुमारेभे मोडितोऽखरमायया WY 8 बध्यमानास्त॒ तेनापि श्रसुरेणामितौजसा । उपाधावस्ृषिगरेष्ठं तप्मबोधाय SATS) ॥५ ५॥ (१) काममिति we We qe | (२) qawuur इति we We wo qe | (१) सतः इति Be ८° TRATATT | (#) रक्खेति Ho Wo we | (५) awarfafa we So पुस्तकान्तरच्च | (4) नित्वेवि we Be एरकान्तर ष्‌ | (ॐ) हेमवत्यावसौरिति we we qe | (<) खतच्छरोकाडे क° घ we fafyrreay न पटितम्‌। , &) wear प्राप स टेषेभ्वि्यादिद्चोकदयं Ke No चण qo चिडधिव- एककेष नाप्त । SHAT SAT: | | vee एचिग्यां aretaty पौशोमांयेव धन्विनः | तख व्यच्छादयामासए प्र्ञादतमयागपि९ ay an षिस्ठ॒ सक्तगुमांम तस्ासोत्छुभ्रियः सखा | स चेनमभितुष्टाव जग्टभोकति करे समश्‌ ॥५७॥ ततः @) बुद्धा चात्मानं सपतगस्हतिदर्वितः । श्रात्माममेव तुष्टाव श्र भुवमिति निभिः ॥५८॥ कोतेयन्‌ खानि कर्माणि यानि खम तवान्‌ पुरा । यथाकरोत्‌ स वेदेदं वयंसं सोमपति(९) नृपम्‌ ॥५९॥ वशिष्टश्रापादभवद्िदे हो." नृपतिः पुरा । areas ख we सारखतादिभिः ween - eat शक्रिमन्ताञ्च WTA CHAT) । (र) य्युच्छादयन्‌ सर्वामिति ख° go एस्तकान्तरद्च | (२) दिकीति we गण qo qo | (द) fafa we we एकान्तर | (8) चाहमिति we So एखक्षान्तरघ | (५) चेति wo ग० qo qo | (¢) we सोमपतिरिति we we we, सौमपतिमिति wo | (७) वेदेदं इति me | (<) चेति mo Te चर qo | (€) watefe एस्तकान्तरम्‌ | (९०) रतच्छोकाडं क° ग° घ qo Fafergmate नेष्छते। (क) eo १०, ४७) ९। (ख) Be ९०१ ४८, ९१ । ‘Ree CUCAAT | faqetag” Vqai wy भुवनेषु चं ॥६९॥ प्रवो मदक) दति aera” वाप॑यन्‌ खयम्‌(९ | वश्वानर weadt यविषटऽप्रौ ज पावके ॥९२॥ वषट्ूरेण ठकणेषु wat अ) सखः स्तुतौ ५) । अपयक्राम देवेभ्यः सौलोकोऽभ्रि “रिति aie: we Re ख प्राविश्रदपक्रम्य wait वनस्पतोन्‌ । ` ततोऽखराः प्रादु राखनषटेऽप्रौ इव्यवाइने ॥६४॥ तेऽभ्रिमेवान्वैखन्त देवा Waray चुधि | तन्तु दूरा्मसैव वङणखचान्वपष्यताम्‌ ॥ ६५॥ खभावेमं समादाय देवानेवाभिजग्मतुः | द्धा दे वास््ेनमूषुरप्र शव्यानि नो वड ॥९ ९५ qt ग्टहाण any चिच्भानो भजख ©) | megarare तानभ्निर्विश्े देवा यदात्य माम्‌) ॥ १ ol तत्करि्ये जुषतान्तु हौ च पञ्च जना मम । (x) a welteafa He Te घ चर | (२) erat: इति क ग° we च | (३) वौग्यमच्षयमिति ae | (9) त्विति द° एखकान्तस्च | (५) sraattt ay सत्तापिति we ग, सहसन्तते एति ख“ | (९) अभिचक्नाम सौधिको मयादभ्मिरिति कर we घ च* । (9) चेति we we च | (र) वैच्छानराय दातुं मेति Te घर चर, जिने mer यधाक्रमादिति we | (€) होचमिति we Te Se पुस्तकान्तर खु | (क) we Xe, ५०; ९ | सप्तमोऽध्यायः। Roy mage: satay gat weatgy यः ॥६ sh. उन्तरो दचिणखाग्रिरेते पञ्च अनाः. खताः | मनुयाः पितरो रेवा गन्धश्वीरगराच्चसाः ॥१९॥ यासकौपमन्यवा(वेतानारतुः पञ्च वे जनान्‌ । निषादपञ्चमान्‌ वर्णान्‌ मन्यते शाकटायनः ॥७ ०॥ wiam® यजमानम शाकपरूरिस् मन्यते | “श्रायुरस्ह च मे te दवौषि विविधानि च wou अरिष्टिः पूव्येजानाश्च भाद्णामध्वरेऽध्वरे५ | प्रयाजा("खानुयाजाश्च एतं सोमे पयः(९) gaz: ॥७२॥ (१) शालामुख्थः इति ग ° | (2) यास्को पमन्यवाविति क घर qo | (a) ऋत्विजेति ख ° (8) ख ० चिङितपुस्तके खायर्सत च मे दौधेमिति श्लोकार्दाल्राक्‌, होताध्वग्थुचख SHA ब्राह्म तान्‌ वदाति arz | VT ओतं मनो वाक्‌ च प्रायचे्ा्वादिनः। गन्धर्वाप्सरसो देवा मनुष्याः पितरखधा | सर्पाख Maas श्रयन्ते होतरयके ॥ ये चान्ये एथिवीलाता देवाखान्येऽथ यश्षियो । इत्यधिकं पठितम्‌ | (५) म्रादखामेवमध्वरे इति we | | (९) चयः इति खर qe | (क) Be Xe, ५९, <| | 26 RoR ङद्रेवत। | -. मरेवल्यानि(\ aq यन्नो मदेवतोऽस्त च । तवान्ने यन्न Mxaaq wate” fase खः“ ॥९ २॥ qa”) चओणि सदखाणि नव चोणि (गगतानि च। जिंशरच्ेव तु देवानां ealta® वराम्‌ ददुः wes ततोऽभनिः gaat: मोतो विशरैदवैः Ted: | विधुयाङ्गानि aay चक्रे हौचभमतद्धितः ॥७५॥ arate afea: प्रोतो दिव्यात्मा Weare: | aerfe देवदार्ग्बासोग्मेदोमां सश्च WAT: ॥७ ९॥ सुगन्धि तेभनं ra) शक्र रजतकाश्चने | रोमाणि arm arg कुशाः gat नखानि च ool शन्ति जेवखास्तेव wet सिकतककंराः(१) । bee a ea atc ee (९) मे देवन्यानौति we, मदैेवग्ान्विति ग०, मदेवत्ानोति Ke घ° च ०। (२) wu इति Te | (a) प्र्यार्धीति we | (s) रतश्छरोकाडं we we ae वचिङितप॒स्तकेषु न विद्यते | (५) यस्येति mo Te We Be Ge | (ई) सन्वौखेतानिति we | (©) etafafa we | (८) खचिति we ue we, सुगन्धं वननत्‌ प्राएरिति we | (€) atutfafa ae we qe | (९०) श्रिकतश्रकंराः इति we, सिकतशाकंशाः इति me | (क) We ६०, १९१ € । (ख) We १०) ४२; ६ । सप्तमोऽध्यायः ROR seating 'विविधं धातवो गेरिकादयः ॥७८॥ एवमभिख देषाख कमह क)दिति निभिः | समूदिरे परे agree aR a तां सुते ॥ ७९॥ विधुन्दद्राणगमित्यस्यां qabexaat wat । प्राणवचात्मवच्चापि स्तुतिरण्यच gaa” ॥८०॥ इदं OF वैश्वदेवे च दितौयेऽग्थैमणो हचः(९) । maa दितौयागनेग्यनया तत्छोमदेवता(९ ॥८१॥ “जोवाटन्तिः wat at यदि वा मनसः स्तवः | राजासमातिरेच्छाको(^रथप्रोष्ः(°) पुरोहितान्‌ ॥८९॥ (९) रुष स्लोकः me we ge we चिहितपुसतङ्गेष ग पठितः। (२) गिर्सिां स्ततिरिति खम च! दरति Te | (९) प्रथमा Maret खालिवव्यामपरन्तु यदिति कष घ qo | (४) we fafsagea जौवारत्तिरिति श्लोकात्‌ प्राक्‌- अपि स्तौति पिद्नेत दाविल्यच षड़नत्तरम्‌ । खक्तमाख्थानसयुक्तं THR मे षट | सम्माहाप्रडसं्षस्य शषुणं wares तु | इति सर्दैकक्ञोकोऽधिकां पठितः | (४) खवन्धोरिति पाठः साधुः परत्र तचादेमात्‌। (९) रेच्वाकुरिति He घ° qo | (9) custer इति we, रथप्रोद्धानिति we | (क) We ६०, ५११९ । (ख) we १०; ५९, ९ । (ग) we १०, ay, a | (घ) १० ५९; ९। Reg TUEAAT | व्युदस्य बनधुमतौम्‌ देपादा ये जिमष्डले | हौ किराताङ्कलौ(९ नाम ततो मायाविनौ fast sen श्रसमातिः पुरोऽधन्त वरिष्ठौ तौ fe मन्यते । at कपोतौ दिन . अल्ला . गला गौ पायनान्‌(^)मि ॥८४॥ मायाबलाश्च योगाच्च सुबन्धुमभिपेततुः | ख दुःखादभिघाताच्च मुमोह च पपात च ॥८५॥ तौ ततोऽष्यासमासुच्य(र₹ राजानमभिजग्मतु; | ततः सबन्धौ पतिते गतासौ भ्रातरस्वयः ॥ ८ ६॥ जेपुः aad सव्वं मेति गौपायना wet मन(ष्खावर्तयन्तोऽस्य(*) सक्तं a fafa Avaq: ॥८७॥ जेपुख awn यं ATO परन्ततः। Marga’ निकतेरपनोदनः ॥८८॥ eS Aaj... (x) किरातौ कुली दति we 1 कलो इति He ध Ge We | (२) गोपायनानिति घर | (a) arqaifa we च्यालोच्येति Te Ge | (8) गोपायनाः इति we Te | (५) चावन्तनं तस्येति we | (६) तचेति ख° ग° । (क) ऋ० Re, ५७, ९ । (ख) We १० ५०, RI (ग) We ६०५०९ | (च) we ९० ५९१९. | सप्तमो ऽध्यायः Rog चयः पादा at faM fa a सौम्या Awa ous: | eq सौम्या Fam रेषा wea aia: परा ॥८९॥ FM त्वातुमतं Wea याखसु HIT | wat सोमख पूषा च खं पथ्या alway ख ne ०॥ सुबन्धोरेव weed gaa” इति तु खता | ae: शमिति रोदसौरोश्रोऽङेशेः स(*मिन्धृचि॥९ ९॥ रपसो aN वे ATTY रोदसौ । रप (काद्त्यभिधागन्तु गदितं wormage: ॥९ २॥ aarti चतद्भिस्ततं शष्वाङ्ुमस्तुवन्‌ | इग्द्रशतेगत्यृचा चाद्य श्ठलाग्रंखिषुरागिषः८") ween way माता च तेषां तुष्टाव तं नपम्‌ । Wa: ष राजा सत्रौडस्तख्ौ गौ पायनानमि ॥९ ve (x) निक्छेतीति we ne | (२) wutfa qe | (द) संस्ततः इति we | (9) रतच्छरोकाड we चिडित एक्क नेच्छते | (क) चट ० ९०) ve, 8 | (ख) We १२०५९, al (ग) We reo, ye, 91 (च) ऋ० १५०१ ue, ८। (ख) ऋ० ९०) ug, tot (च) were, we, ९६० | (क) We ee, go, ९ । (ज) we १२०) Ce gt (भा) We Ye, ६० ¢ | Reg SWEAT | सूक्ेमाय waafi देपदेन यथाचिषु(» | शरग्निरित्यत्रवौदेता(शनयमन्तः Were) |< ५॥ grave देष्डाको^)मया गुप्तो हितार्थिना | सुबन्धवे प्रदायाङ्धम्‌ (‹जोवेद्युक्ता च पावकः ॥९ ६॥ सुतो गौपायनेः Mat जगाम जिदिवं प्रति। श्रयं मातेकति इष्टा) सबन्धोरसुमाङयन्‌ ॥ ९ Ol श्रटोरमभिनिरिश्य सुबन्धो; पतितं भुवि। BRUT जगञ्यास् चेतसो धारणाय ते ॥< sh जमभासुश्चाय(क,मित्थस्यां एयक्पाणिभिरस्पु्न्‌ | घडिदग) वरश्वदेवानि दितौयेऽङ्गिरसां sia wean जगा ककं च सस्श्च 2 CRU सडह AAT! (x) दक्तेगेषां qafafa we We We we | (२) Rag यत्तदचिष्विति we घ° च० । (a) देवानिति we | (४) पररा व्यस्ररिति me ग० घन Be च°। (५) स॒बन्धोरस्य चे च्ाकोर्ति we we ge we | (६) असुमिति we ग०। (9) ररेषेणेति we | (८) ऋषिरिति कण Wo qe | (€) agqrefa ae ae qe | (क) ऋ० Xe, ge, 9] (ख) Were, ६०,९१२। (ग) Be’, ६९, XI - 4 सप्तमोऽध्यायः Roe स्तौति nya freer: eae मगोः सतिः ॥९ ° ok तस्येव चायुषोऽरथाय रेवान्‌ स्लौत्यभ्वयादुषिः | जामा Satyqa®) द च्येगत्यदितेः aft: ॥१०१॥ पथ्याखस्ति खसि Mufgafaat मरुतां gfe: मास्तोगचमन्वाहेन्युक्रमाष्वय्धबेषु हि ॥१० २॥ या गौरिति तचेवाय्यां wad मध्यमानुवाक्‌। मित्राय Sareea) भुच्युमंहस(च) safe ae o ai स्तोत्यापि च मतुं खस्ति ga” वाचश्च मध्यमां । श्रथेमां* दे बादेस्पत्ये भद्रा (गश्रप्नेयमाजियः(५) 19 ° ४॥ यञ्ज्यो तिरब्डतं ब्रह्म यद्योगात्मुपा्रुते | तज्‌श्ानमभितुष्टाव BATT दस्य तिः ॥१ ० ५॥ जोवनाथं प्रयोगस्तु मन्त्राणं प्रतिषिध्यते | | बेदतत््राथे विन्नानं sraera हि दृष्यते wee et (९) मदहिमूषोति we | (२) स्तौति प्रमुनमित्धाद्याः इत्यादि स॒ज्युम॑हख wifes: कण ae च ° चिह्ितपु्तकेषु न ट श्यते | | (दे) ge दरति awe । | (8) अथाम्ेयमयाश्चयः इति कण wo चम खदा खाेयमापियाः इति we | (क) ऋ° ९०, ९२, ८। (ख) We १०, €aXe । (ग) We १० ६४, ५ । | (घ) ऋ ° Xo, ६६, १५ । (द) we de, ६५, ६ । (च) We १९०,१५, ve! (ष) चट ० १० ६७, १ 1 (ज) Be re, qe, ९ । २०८ ¦ SweqaT | ` arerat: afefearsca वाज्विदुरषां स्तवः। यथामभिनिन्यते afar सुतऽन्याभिरनधेवित्‌ ॥१ ° ७॥ ये रेनामन्वविन्दन्त facia खषितां शचोम्‌(९) | तथा च हयभजद्यन्ने तदजोक्र? ठतोयया neo Si प्रशस्यते द ग््यां(* ठु विद्वानुत्तमया sar) | aa मरतिंजामाइ विनियोगश्च waaay ॥९ ० ९॥ परे तु waa Var श्रष्टौक चेवादितेः८९ gar: erat वरुणो fara: भ्रंशः सूव्यीऽय्येमा भगः Ne oll शेन्धेऽजनिष्ठाः(०) सक्ते दे प्रखि(त्यच परन्त यत्‌ । ` तच प्राच्यः watery सवनधो दिख याः net tn ताः अक्त स्तकेवर्गेः शंस्दयन्ते प्रधानतः(९) | (x) तथाहि निन्दते इति we | (a) faxtafdaar सतौमिति we, विदांसपिगतां सतीमिति ae | (द) उक्तः इति we घर Te | (४) दश्रम्येति ae | (४) eafa ख ° ae) (ई) चास्य क्राद्धौ चादितये इति क ae च । (9) जनिद्ाः इति He घण Yo | (<) efqaratfa we, दचियाश्चयाः इति we | (€) दश्कैर््वमि संस्तूयन्ते दिमक्तयः इति ग° | (क) Wo Xo, OR, ८ । (ख) We १०; Oy, ९ I सप्रमोऽध्यायः। Roe ग्रावणामा वो मारते दे maga इति WA ॥१९२॥ aca fats wat य car वश्व भयणे | मान्यवे यस्त इत्येते पर्‌ TY मम ब्रते ॥१५१३॥ तदाशौर्वादबङखं सौति विश्वाम्‌ दिवौकसः | परा) कदा सख श्राप" य(णदुटित्यष्टकं परम्‌ ॥ ९१ ४॥ मेचावरुष्ुक्तचा सि शतुर्थराणुपोलमा | साविनौ चेव gat च सेव wat fare: ॥११५॥ स्ता sara fy उषा इति च योच्यते.) | उवा Wa’ जिधात्मानं विभनव्य प्रैति“ गोपतिम्‌ ॥१९१॥ उषा पुरोदये ला सख्यां मध्यन्दिने सिते । ला इषाकपायौ च दिनान्तव्वसुकौर्तिनो^) neon (x) aaa इति Mo Ne Wo We | (९) च पुषा इवितयोश्यते इति ख° | (द) एषेति wo ग° Wo we | (#) Gate we | (४) उषाः दति we qo qo | (९) श्षाकपायौति दिमान्तेग्वेब awaits we | (क) We १०, ७६, RI (ख) We ९०, ७०, RI (ग) ऋ० Re, 94, १ | (घ) We vo, ८१, 0 । (द) We Xe, SR, eX | (च) चट ° Lo, Sy,RE | (ष्ट) We Lo, Sy, ९.४ । (ज) We Lo, KSa, २९.। (ग) ऋ ०६०, Sg, VAI 27 Ree डङ्दवता । ` सत्यसयततेखोमानां खौ व्याच sya | पराभिसिभिस्ुग्मि^सच्यते सोम ओषधः(९॥११८॥ विख्यष्टसुष्तरा Brera TATA | gata wasn रेभोरत्य्टामिदच्यते ॥११८॥ aMzafant gaantta सूये“ watacreata | waent वैश्वदेवौ सू्ख्याचद्रमसो परा ॥१२०॥ परस्याः प्रथमौ पादौ atalt चामसौ परौ । aiden ge लसिश्नश्विनौ मन्यते wat ote ci स््याचनरमसौ तौ fe प्राणापानौ च तौ eat । अहोरा) च तावेव स्यातां aaa रोदसौ ॥१२९॥ शशरुवाते fe तौ छोकाख्ज्योतिषा च रसेन च । एथक्‌ TEM चरत्‌ दचणेनोत्षरेण च ॥१५२२॥ (र) त्वेति we | (२) श्ौबधिरिति Te | (९) द्युच इति we | (8) दखैमिति पाठः ate | (a) अहोराजाविति खर | (ई) at चरतः इति प्राठः aya: | चेरतुरिति qe | (क) ऋण ९०; MA, द। (ख) We Lo, Sy, १४ | SHAT SMa | Ret ` (७षकिंशुकमितिं wet qatarcheat ofa ` स्तौति विश्वावसुचेव Fe” warignt ace sy we इत्यमया यौ तौर स्लौतौड देग्यतो | aU परपद्मानान्तु पराभिः पञ्चमि्धूम्‌ ॥१९५॥ वासस TITY वरदानं प्रथते । ततस्िभिविंरागस्य aya) दति area: nee ai तथुक्रया तया wit निद्धिते wets च । गु त्तरा एरतोयस्य विभवे सति वाससः ॥१९७॥ अन्यत्र मेथुमाद्धनतुैरणं प्रतिषिध्यते | (९) wo चि कितषएच्तके चकिडकमिति श्लोकात्‌ प्राक्‌, खय्येः खरति भूतेषु छवौरः पतितानि वा । GRIMY aaa स वदत्‌ १ चार अवति वाचा य शावनिदशधतुमुच्यते। वमेष समेवानि निम्भिते$च weet: ॥ cafanqtatsfe | (र) दयुचे दति Te | (१) am इति ख* | _ (8) anata वाससः xa ऋगुत्तरा हतीयस्येलन्तपाठः कर ग» we we चिङितपुरूकेष्‌ न विद्यते | (क) %e १०) ८४, २० | (ख) Be Ge, ८४, RR (ग) wwe ९० Sy, Ro | RR CUI | ये) यच्छनाथिनों ata हवेमा परिपन्विनः aye sl wea ufafa are यादृग्बाधूयमरेति । arma’) चैव विविधं ज्नातिभ्यद्चारुशासनम्‌(९।१२९॥ ब्धा wl भावट्न्ि“ख परया लन कथ्यते | पराभिराश्गेखाश्रासे WIR ताभ्यः SVT च । WE Bell मन्ता वेवाहिका Wa fare Fora | आर्नतिव्या यजमानाखच यथारूपं विगरेषतः ॥१२१॥ रुचं प्रतिकौत्यन्ते देवताखेह arg at") । (x) ge इति ग ° | (२) शास्तीति awe me च चर | (a) शानिभिखानुवासममिति se | (8) wrafanfufifa we ae qe | (५) we चिद्धिवपशलके, पराभिराशीराश्या्ते दादि देवताखेह avg याः इव्यन्तपाठो न विद्यते | तज स्मिन्‌ wa, ग्रभृणामि(ग)तरिवायो इस्तएन्द धनमाशिषः | QUT UTAH: संयो गार्यास्तथाशिषः ॥ पराभिराणिषः प्रासे एयक ताषां सड कचित्‌ | अघोरे (घ)ति 28 तस्याः स(ख)मिरहेति इयोदयोः ॥ व्याना प्रजापतेः परेमानश्च(च) यथारूपं विश्रेषतः | nad ated देवता तेषु भावडत्ततः ॥ दति पाठो बर्तते | (क) We Re, HURL | (ख) We ९०१८५१९५ । (ग) We १०१ ८४१९६ | (च) ऋ ° ९०) ८५१४ | (ख) अट ° १००८५१९६ | (च) We Xe, ८४, 89! SHAT STE | शश ` वदेतां देवतां arg गराश्सौवंदेत aT Vea SAS: THT चेता Was प्रचचते | GAT सह Bahay पाददेवाज शच्छते ॥९२२। वि fe™ वार्षाकपं सक्रमसौ a’) कपिलो एषा । इद्रः प्रजापतिञचेव विश्वस्मादि ख THT ॥१२४॥ रचोहण गदि चाप्य. Hey सौत्यप्तोन्‌ परं इविः(ब)। दमश्च मध्यमश्चेव Wet वेश्वानरश्च यः He Bui TE”) TEAM EG”) श्रन्धया BETS ठु । यथेममभजम्‌ साध्या") यन्ना dass उच्यते ne eel चरापाग्तमन्य रित्यस्य) ठतः ater qed | (१) वदेतामिति खर गर | (२) हौति we | (a) वाभेयमिति we ue qe | (8) तयेन्रात्पौरबं afar we | (५) साप्येति wo | (q) साच इति we | | (e) xaatfafa we | a (<) अजति ge qe | (क) We xe, Sd, U1 (ख) We ९०, Sd, wl (ग) ऋ० ९०) ८७, १ | (घ) We ९०, ८८, U1 (ख) We १०) Se, ९० । (च) ऋ० १२० ee, ९। (ट) ऋ ० Re, ८६, ५ | ९९8 CUA | साखोषधात्घाशचर्व्थादा We सोम एव AT ॥१२७॥ निपातभाजं घोमश्च wat रयौतरोऽनवौत्‌ | Rar wa frag” स्हतोऽभिररूणेन' a: ॥९२८॥ area वो.) धश्वदेवे प्रेत) इृत्युस्रन्तु यत्‌ । तजाग्बैदस्तु रावाणं मू्तिंमन्तमिवांति uy ecu पुरूरवसि राजर्षावप्यराद्ड््वेशो पुरा । न्यवसत्‌ संविदद्धुला तिन्‌ WHET च ॥९४ °॥ तथा AS च CATA VATA पाकशासनः | चैतामदश्चातुरागमिगश्रव्वा पि) TS त्‌ु ॥९४१॥ ख॒ तयोख्ु वियोगारथ" पाशव्यं वञ्जमन्रवोत्‌ | गरीतिम्मिन्ध्यनयो(.)वच्ञ मम चेदिच्छसि प्रियम्‌ ॥१४२॥ तयेत्युक्का तयोः fa वश्चो भिदति^ मायया । ततस्तया विरौनस्ड चचारोकऋमन्षवन्पः ॥१४२॥ (९) Bae हि निपातोऽचेति we Te घ Te | (श) वणेन सः दति Ge | (श) संवादमिति we we Wel (8) arquraifermratatir क we घ° Te । (५) विमागाचेमिति कर प° we | (१) प्रौविम्मिद तयोरिति ae | (9) भिनन्तौति ay | कक्ष" गिकं (क) ze Re, €२, ९. । (ख) We १.०) ९, ९। सप्तमोऽध्यायः | २९१५ चरन्‌ सरसि सोऽपष्यदभिरूपामिवोव्व॑मिम्‌ । सखोभिरभिरूपाभिः पञ्चमिः पाश्वैतो ठताम्‌(५।॥१४४॥ तामाइ FACE नेति सा लब्रवौमूपम्‌ । TSUKI प्रत्या दुःखात्छा HATTA Wt ४५॥ WITTY SATE खगं प्रा्यसि at पुमः | seta परति चाख्यान(ऽभितरेतरयोरिदम्‌ ॥१४१॥ खंवादं मन्यते aren इतिहासन्त शौगकः | wa™ दूति परमेशं प्रतेया (ग)श्रोषपौ खवः ॥९ gon श्रार्हिषेणस्ठ देवापिः aaa waa: | aT) gay लेतौ राजपुक्लौ waza: ॥९४२८॥ च्येष्ठस्तयोख्ठ देवापिः antaga wea: । लग्दोषो राजपुक्नतस्त^ ष्टिषेणसुतो(९)ऽभवत्‌ ne sen (९) sat waefa: खतः इति we | (९) आख्यातसिति ae qe Ge qo | (द) कनौययांखेव शन्तजुरिति we | (8) भारताविति we me qe qo | (४) waretfaat राणः दति ae qe qe | (९) aifsdaaa: इति ae | —— ee, (क) We ९०) ९५०९। (ख) We ६०९९, ९ 1 (ग) ae ve, ९9, ९। | । Red THAT | crea च्छन्दथामासुः(९) प्रलाः खगै गते गुरौ । ` स AUT ध्याला प्रजास्ताः परत्यभाषत FAW oll इति wegaarat सप्तमोऽध्यायः | (x) इन्दयेयच्तर्‌ रान्वमिति कर घन चर | ( are ) अधाषटमेाऽध्यायः। न BED क ग राव्यमहमर्हामि गपतिवीऽद्छ were: | तथे्युक्राग्यषिश्ंस्ताः प्रजा राज्याय WHIT ॥१॥ ततोऽभिषिक्ते कौरव्ये वनन्देवापिराविशत्‌ | म ववर्षाथ पजैन्यस्तसिवाद्े श्रतं षमा: ॥२॥ ततोऽभ्वगच्छदेवापि प्रनाभिः TE शन्तुः | प्रखादयामाख चेमं तस्मिन्‌ धममव्यतिक्रमे ॥२॥ भिशिख(\ Qa creda) प्रजाभिः सहितस्तदा | तसुवाचाय देवापिः प्रजं sre feefeaa® ॥४॥ म राव्यमहमर्हामि व्ग्दोषोपहतेखियः। याजयिखामि ते राजन्‌ टष्टिकामेच्यया खयम्‌ ॥५॥ ततस्तम्‌ GUTH आविश्य wer: | स चास्य wh कर्माणि" वार्षिकाणि यथाविधि neg (१) सिषेशेति प्राठः समीचौगः। (a) राज्ये त्विति पाठः साधौयाम्‌ | चेव राव्यस्चेति ae we qe | (द) wag प्रान्नलिः far इति क ° च we, oA प्रान्नलिख्ित- fafa ue, waa प्राञ्मलिख्ितभिति gernt azz | (8) चक्षार सोऽस्य wats we | 28 RLS CHCA | स्यते प्रती (गत्युग्पिरौने a स्पतिम्‌ । दितौययास्य Gre बोधिते जातवेदसा ॥७॥ ara ते द्ुमति(९ वाचं दधामि खडि देवताः. । दूति" atom ददौ Mat are देवौ) तया च घः WTI चग्मिखतद्भिर्दैवान्‌ जगौ catia त्‌ । शरद्निश्च सुक्रणेषेण ROAR सुक्रमुत्तरम्‌ ॥९॥ इनद्रदृ द्े(ग)ति विशवेषामु("दित्यृविक्ष्ठतिः परम्‌ । श्रक्रिप्रकाश्ने तेषां विभियोगोऽच tera ue ot AMA rere!) मन्यते शाकटायमः । (र) प्रतौग्येतदौने चेवेति क० घ ae | (९) अस्येति feafafcfa we | (द) दितौययास्य खङ्कस्येव्यादि दधामि स्तुहि देवताः द्रन्तपादः we xe wo qe चिितपस्तकेषु aaa | (8) ततः इति कण we चर qo | (५) araaatfafa te To घर Wel (4) ग्रक्िप्रकाश्चने नेषाभिति कर we ग° घर Te | (0) इतिहासं प्रेति qufafa wo, सेतिहासं प्रेति खक्षमिति पस्तका, तरम्‌ | (क) We १०) €=, १। (ख) ऋ ९०, ee, Ql (ग) ऋण ९०, १००१ १. । (घ) We ६०, Coe, Ul (द) We ९०; १०२, ९ । च्ंरुमोऽध्वारयः | Rte reais wa Oar वा Satay शौगकंः ॥११॥.. : ्राजावनेन(९) भार्याञ्च? इन्द्रायोमौ त्‌ yret ` raga”) युक्ता रेष ga रये ॥१२॥ युध्यन्‌ सख्ये भयं प्रर श्रो") प्रतिरथं जगौ(९) | TROT Sa TT Farry खता ॥१ MI चतुय are rare” प्रसहामिति(°) । हचे च मरतः HOR शर्मेति परंमन्तु येत्‌ ॥ १ ४॥ तचामिर्करसूक्रादादगेका BAAN | चमेपरा“खतश्षस्ह सवितारमभो)तिं at ue ५॥ GIT TTY: gated ay । (१) wafaft we, घशमिति wo qe | | (९) आआनावने fafa ख °, खानोवगन्तविति genic | (र) andre इति खे गाति एकान्तरम्‌ | (8) aaafafa क. खर घर | (४) war इति पाठः aya: (q) caters क> ग° घं° Ho चिङितएरतकेषु नेच्छते | (९) रतङ्कोकाडं we we घ wo धिङ्कितं एर्व मो पलभ्चते | (<) दचस्तिंति खर दयु त्विति ite | (९) धम्मपशा इति wo we | fi < (क) WW ६०५ RORY 1 (ख) Te Lo REAR (ग) We ६०,६०३, ५। (ष) We Rey LR URL (ठ) We ९०५९०६७ RRe CWeAat | apraxaa कति weatsary परेण तु ॥१६॥ athe: कदा वसोः am दुर्मिो नाम नामतः। सुमिच इति नामा) गुणाधेमितरं पदम्‌ ॥१०॥ गर्ताशरस्त॒ प्रजाकामः कर्माणि BATH पुरा । न डि लेमे प्रलाः काञित्काश्षपो सुनिखन्तमः॥१९८॥ उवाच भार्या भरतांश सुतानिच्छासि यावतः | तावतो जनयिष्यामि देवता wer Fee menage खर्म्ाणि इन्दानि स्तिकाम्बया | तान्यवेच्छाय mee! नासत्यो सक्रभागिनौ ॥२०॥ तदेतदन्ततो भावादाश्िनं सकमुच्यते। न्‌ ्ाखिन्देवतालिद्ं प्रायेणाच डि दृष्यते ॥२९॥ gar तु परेणा खयमाविर("ग्दिति। ्रात्मागमेव तुष्टाव प्राजापल्याय) faa ean aaa स्त॒तानेके दङिणानां वदन्ति at दादलादखिण्ानाञ्च भोजाखतद्मिः स्ताः We Va (र) अदकः परमेखेति we घर qo | (2) afawes गाम स्यादिति कर Yo चर | (६) wen हति we | (8) wufa we | कक्कर SS — (कः) चड० १०, २०8, ९ । (ख) We १०१९०४१ & । (ग) ऋ ०९०,६००,९ I (घ) Wo Le, १९०७) & | GTA HUTA: | २९९. WaT: Wet भाम रषापारगिवासिनः(९ | गास्तेऽपजह AUT wee) प्रयतः ॥२४॥ इस्यतिस्तयापण्यहृेश्राय wie च । मादिणोक्षष्र दूतौगतु^ सरमां पाकश्रासनः eve कि(^*मिल्यचायुजाभिशां wre: पणयोऽसराः | तः कासि काणि किं वा काय्येमिशशि ते ne gi अ्रयाज्रवौत्तां सरमा zaret विचराम्यदम्‌ | युभरान्‌ rarer” रशो गाश्चैव एच्छति ne ey विदिलेग्रख्य दूतौन्तामसराः पापचेतसः | उचुमां सरमे गास्लमिशास्माकं खसा भव ne cy खकस्य weer eel) युग्मामिस्ेव सर्वः | सात्रवोन्नाद(गमिच्छामि ae वा धनानि वा ॥ ९९॥ fata तु पयस्तासां गवां aren मिगृय | श्रखराश्तां Ta तदाजहूः THAT: Ee ok (१) faamrefrarfaa: इति qe | os (२) fraweifr te qo qe | (श) दृ्ेऽथेति we qe | (8) विधुय a: सर्ग्या इति ae qe qe | (५) खक्कस्यान्तपर्च्येति wo घ° qo | (६) पिवामीति wo ge qo | न (क) ऋ“ ९० ६०८ ६। (ख) ऋ९ १०, १०८, १०। RRQ: Sweaar | घा खभावाचच eatery पौला तत्‌ पय श्रीसुरम्‌ | वर(९ संवननं द्यं बशपुष्टिकरं ततः ॥२१९॥ ¶रतयोजनविस्तारामतरन्तां Cat qa: | eat: षारेऽपरे तेषां पुरमासोख दुष्णंयम्‌ we ei waxy सरमां कच्िद्धा दृष्टवत्यसि | सा नेति भ्रव्यवाचेन्रं भभावादासरस्य Fe ne en तां जघान तदा कद्ध SRT पयस्ततः। अगाम सा भयोदिग्ना पुनरेव . पणणौम्‌ प्रति ॥२४॥ पयस्तस्य पद्धत्या रथेन ₹हरिवाइनः। गत्वा जघाभ च पणोन्‌ गां ताः पुमरादरत्‌ ॥२५॥ aac” Satay जामदन्धस्तवाप्रिवः(*) | yd ! # . [ररि (x) चेति we चर च ॥ (२) पयः दति ग*। ` (a) त्विति we To qo qe | (४) wo चिङितघुस्तके Taare न विद्यते | तज अस्मिन्‌ a, ते च तं dated स्थात्‌ ग्रह्मच्षाया BeAr | यामदभिंसमिडान्यो पियखक्तामवः परः | mT यगपत्‌ सव्वं TEATS भिंभिः परेः । ` ईति पाठो वक्षे । _ (क) ऋ० Re, Yok, ६। Barwa | श्ण धुगपदे ama a) Fear खग्रयसयः ॥२९॥ ` ` दरं मरति जगुः खकः पणौम्‌ प्रतिजिगौषिएम्‌(९) । वैश्वदेवं परं am SHO तु Gary ॥ २ on देवा मिदं च मन्यते च्छन्दास्यर्थि? च मध्यमम्‌ । आग्नेयं चिर.) दत्येतक्नगादर्रिरपस्ततः we cn faa स्तौति Aart रचोप्राग्रेयमुन्तरम्‌५) | दति वे made aMarer: षष्ठयां निपातिताः(५॥२९॥ प्रजापत्यमयाग्नेयं वेन्यमित्यनुपूर्ब॑श। | वर्णेग््राग्रिसोमामा५ मिमं a® इति संस्तुतिः) ॥४०॥ -चतखस्वज BHATT जगौ । qa: सोमस्त षष्ट्या च wary परे स्विमिः ॥ ४ ९॥ (र) त्रत तन्त्विंत कण घण qe | (२) प्रतिमगौभिणः इति खर | (३) इन्दा स्यभिमिति we | (९) श्चास्ेयम्तु ut ततः इति we Te we | (५) ware aqa: इति we (¢) सेमाभिवरुयानाज्विति we we as | () wera: इति खर Te | | , (<) नवम्यासिति we, जवनम्येति गश। ` - ` : ` ५.१; (क) ऋ io, ९१९, ९ । (ख) Wee, ११५१९ | (ग) we १०; ११६०६ । (घ) We xe, १६७,९। (ठ) ऋ० ९०) Wve, hI (च) Fo Xo, १२०, Rd @) We १० VSB, gd | RRB SUEAIT | वाद्षछख्ितरास्तिख(९ इन्द(कमेवोष्नमं wa | अर्क) वाकसूक्रमव्यैम णो fave वरुणस्य च ॥४२॥ म्‌ तंग) राश्चाः परं aM वैश्वदेवं aa यत्‌ | wae Beat सं लाौवांदः Wy तत्‌. is el arewafen atsce: शत्या नाग्रनमात्ममः(* । इिरश्स्युतिरापुष्यं ara ey Ora far: ॥ ४ ४॥ acta भावकं तद्यो यज्ञ) इति चोरम्‌“) | अनमज लाश्धिन्यौ went पञ्चमो ररते new मेजावरुणम्योजानं(न) प्रथमायाग्टचि gar । anid सौख मिअ आशिना Brat ततः as ९॥ [य (x) eats ग ° | (२) waar जगाविति awe | (श) यदिति we | (8) watfafa we | (y) नतिं wen देवतमुच्यते इति we 1 (६) मेति यदिति कन्ध ql (2) उन्तरन्तद् चैव तदिति कर घर Fe | (=) च येति खर | (€) शताः एति we ग° | (qe) पूषेति we | (१९) wufaat Brut ततः इति we Te घ च, Gute त्विति wel (क) ze yo, RRs, € । (ख) ऋ १०१ १२५९. । (ग) ere, ९९९, ९ । (घ) We Re, १२८, १ । (ठ) We १० १२६० ९. । (च) We Ro, ९९०, ९ । (ट) We ९०, UAL Ul (न) We ६०, १९२, ९ । अङ्मेाऽध्यायः | ९२५ Hay वेश्वदेदधृक्‌ त नकिर्देवा Fafa” | यस्मिन्‌ च्च ("दति afar gent wat यमः iy on waft Oat: aga देवाः Saggy यत्‌ । देवानामज् वाद्या स्यादायग्यस्तृच SAT ॥४८॥ चायन्तां (अवेश्वदेग्युक्‌ तु गेषस्लष्देवतः परः(९) | सादे त(रेद्िश्वमैषव्यं रपसो वा fear”) yen मिर्जा परं सक्तं aa ar eT | eA लिन्‌ साविचः प्रथमर्चः ॥५०॥ WaT Ba: wry qwrt ze | Tat वेष(रःनिपातेन श्रय वा al उच्यते ॥५९॥ खकेऽस्िम्‌ देवतास्तिख एता एव प्रकौ्तिताः | saa लग्र) तवे qe TRO aT”) ॥५ ९॥ (९) Sarat तच्च देवानां वाते देवस्तचः परः इति |e | (२) सतः we | (द) स्यादेतदिति me | (8) रपसश्चापनोदगमिति we | (४) utrafafa we | (६) Bafa we | (9) aw स्लोकः wo ग wo wo चिङितएरूकेषु a विद्यते | (क) Fe ६.०, ९९९६, ९, । (ख) We १०,१९९,७ | (ग) ऋ ° १०,१२५,१ | (ध) We ६०, ६९९ । (ख) We Le, AVON । (च) we १,०९२.७५ | (क) ऋ ° Le, URS, ९. । (ज) We Yo, १,३९.६ | (भ) ० १०,१४०,९। (ज) We Le, १.९९, १ । । ५11 Zweaar | waa वेश्वदेवश्च अय(कमित्यज त Fer) श्ाङ्गाखचलार षयो श्रप्निमाश्॑म्‌ wey एथक्‌ Wy २॥ srfut त्यञ्चि(*दिव्येतदयगमेश्रं ततः परम्‌ | cat earn fa खक्रमिश्राणौ यतयं जगौ ॥५४॥ तदोपनमिषदं शुक्रं भावटन्तं प्रथते | (\% अर ष्थानौ.गव्यरण्धान्याः Baer तदुन्तरे ॥५५॥ afas सविता wa: ससिद्धखित्‌ समिध्यसे) | mad aga™ arg Aurea: परम्‌ ॥५ ६॥ श्राग्रेयमासुरित्यस्माच्छास) Sr ततः परे | सोम waa” इत्येतद्चावदन्तं प्रचते.र) yon (x) qa इति गण (२) we fafsaget अरण्यानौति ज्लीकात्‌ प्राक्‌, डत्तरानपर्ा wary स्तौति ap मश्षधिम्‌ । पतिसंवमनीं त्वं पान्माः सप- नापनेादिकाम्‌ | xafan पठितम्‌ | (९) वदण्ति fafa we | [क EE a गि कय (क) We Lo, ६४२ ९। (ख) We Ke, SRL । (ग) We १०६७४१६ । (ष) We Ko, ६४५०६. । (ङ) We ye, Qed ९ । (च) We ६०६४९३६ | (2). Eo ६०, ६५०१ ९ । (न) ऋ ° ६०१५११६ । (ग) ऋ ° १०,६५२६॥ (भ) ऋ ° ६०१ UB, १ । अङमोऽष्यायः। RRO जनके वेश्वदेवन्तु मन्यते शाकटायनः | waster देवतासिख एता एव athe ny en थदरायौ(त्यलक्छोष्रं तज et” इति ge भाघान्याद्ा भिपातादया wad ब्रह्मणस्पतिः ॥५९८॥ इकेव a fearet विश्वेदेवाः परौ" त्युचि । mad चाग्नि(?(मित्थेतदेश्वदेवमिमा नु कम्‌(ष) ng ok दनः प्राधान्यतस्वज्(९) विग्ेदवेः सह aa: | ्रादित्येख महद्भिश्च तथारूपं fe gaa ne १॥ ख्या a® दूति ata यल््ेतदु दसा.) विति । पौलोमौ खाम्‌ rote सपन्नौनां मशंसति ig vi रग“ तौत्र्य gerfa™ Yay यच्छमाशनम्‌ | THAR सूक्तं प्राजापत्यं तदुच्यते ॥ ६ २॥ Ra मन्यते यास्क एके लिङ्गोक्रदेवतम्‌ | (x) शोका वेखदेवनिबि्यादि wat ख प्रकोत्तिता डचन्तपाठः we ae qe we fafsaqerag नेच्छते | | (2) त्वमिभिति we | (द) प्रधामतेा वाचेति Ge | (9) इश्डरमिति we | (क) We Le, LUV, ९. । (ख) We Leta । (ग) We ve, cays | (घ) We ९०, १५५, ५ । (ठ) We १,०,९५६,९ | (च) We १०,२५७.९ | (ट) We १, Las, ९ । (ज) We १०,१५९) ९ । (भ) We १९०१६०१ | (भ) Me Re, Ug’, ९ | २२८ इहदेवता। गर्भसंस्तवसंयुक्षं (९ यतेत्‌ ब्रह्मणेति Fg Bl खवतामपि WU दृष्टन्तदनुमन्ल्णम्‌ | वैन्यन्तु Arana”) द चौग्या"र यच्छनाग्रनम्‌ ॥६५॥ SAAT fa निपातौग्द्रोऽभ्रिरेव FI च्रासोद्षि.र्दौधतपाः८५ कपोतो माम ae: ne ६॥ चक्र“कपोतस्त्दाष्या मधिधाने पदङिल | a त(९)मात्मरितेवक्यैः कपोतं स्ठतवानषिः८° ig on देवा efa तु aR प्रायचिन्नाथेमुच्यते | ani a awa येनेदमिति मानसम्‌ ॥६८॥ TAMA TTA गायिमभागेवौ | वरुणो विधातानुमतिर्धाता सोमो इदस्तिः ge षडेता देवतास दतोयायाग्टचि Gar: । वातेति परेष्णस्तौद निलं पितरं खकम्‌ weet (९) श्त्तोघ्रामेयमिद्यक्तमिति we ग ° | (a) खअपश्यदित्यें पश्यदि यावः । भावनं परखेवमिति we | (2) आाश्विषः इति खण । (8) दौप्रतपराः इति कण घर च | (५) अकरोदिति wo घर च. | (९) शतमिति खम, सुतमिति we | (७) कपोता नेकछतस्तदेति Te Te we च ० । [क er ee (का) We १०; WR Ul (ख) We Co, VIR,z | (ग) We ९.०१९.६७१९. | (घ) ऋ० ९०, १९५, ९ । (ठ) ट ° Loge, १ | (च) चट ° १,०३९६.६७,१ | (ह) Be १०; १६८ ९ । च्यङ्मोऽध्यायः। २९९ मयो wha य्ृक्कमपश्छच्छवर(९ षिः । मानादूपाः पयख्िन्यो गावस्तज तु संस्तुताः ॥७१॥ fare सौय्यन्वग्य(ग)मेन्रग्वाया हो aaa: स्ठतिः। st ला.राक्ञेऽभिषिक्राय(र)द सूक्त चामुमन्ध्रणे ॥७२॥ अव (चादृतयुन्तरं ग्रावृणं द दभ्रं सतिमाम्बदिः९ | लतः परमाग्नेयं aga waa” ॥७ २॥ चषिजंगौ ways cay ff यत्परम्‌ | | AMARA मन्यन्ते मायाभेदं तथापरे ॥७४॥ मायाभेदे दितौयायां वाक्‌ ware शौनकः | देवौ विभ्रमति ममसापा वाचा विदितां सतौ) ॥७५॥ aaa fa तु atau” सक्तं खस्ययनं विदुः | उनादेन वैशवदेवन्तु nag fa च यत्परम्‌ ॥७६॥ (र) शभरः इति कण we qo | (२) अभिविक्तस्येति we | (द) आओन्बुद्‌; इति we | (9) यतत इति ae qo qo | (५) मायाभदे featarnfaarf पा वाचा विदितां eater? meme घ qo falsageay न दश्यते | (क) ऋ ° १०, १९८, XI (ख) We १०१९७०११, | (ग) We Re, LOL, | (घ) ऋ ° ९०) ROR, ए. । (ख) We ९,०१९.७६, ९ । (च) We १०,६७५१९। (क) We Lo, LO, १, । (ज) We १०१६७७१. | (भ) We Re, १७८१ | (ज) We ९० ९७९५ ९ । (ट) । ऋट० ९० USA, VI २६० देवता । ` MARTA TAIT GIA: | रथन्तरं TUT BMT BlwayI यथा दत्‌ Wool यया च wat wa: सवितुखोपलच्छते(४ । स्यति )रिति afay aa: aE रस्यति: won आशिषो यजमानस्य केचिदेतां aft fag: 1 प्राजापत्यस्य यत्‌ BRA ला.गप्रजावतः ॥७९॥ nerd देवता स्तौ ति लिङ्गेरेवाच Saar | शआ्आगिषः पुजकामस्य प्रथमा fe वदत्यथ ॥८०॥ fatter पुचरकामायासृतौयात्मस्तव(“)स्लपेः | यदिष्णु(रिति खकम्तु वैश्वदेवं प्रचचते ॥८१॥ तस्मिन्‌ सख्लदारगर्भायेग्षिराश्रास्त श्रा शिषः । (x) वादश्चेवाच दृश्यते इति we घ च | (२) cwafafcfa तवस्मित्नित्यादि केचिदेतां सतति विदुरिचन्तपाठः we fafsagea भ॒ विद्यते। as अस्मिन्‌ wa, खक्ते- sfeq देवताल्तिख रखता र्व ॒प्रकोत्तिताः इति श्लोका aaa | (६) शवाथकचिताः इति खर, रष Ale Ho qo च ° fafgaqa- केषु नोपलभ्यते | (४) ्ात्मस्तव मिति ग०। (क) चट ° Ro, ASR, ९। (ख) We Lo, RSV, Ut (ग) चट ०१०,१९८४, ९ । VTA ऽध्यायः | RRL weg”) नेजमेषं Fe) matey ताव(रदुश्यते ॥८९॥ arfes cafe ther afeearat खतिं fag: | खय्येवरुणएमिच्राएमादिव्येखितरेषु aM wen एत( एव wat वाता gat: aera atserer | meee सकरमेतद्धि पावनं चेव विश्रुतम्‌ ॥८४॥ पातमपि खस्ययने ष्टं तदनुमम््णम्‌(*) | छशोऽस्तौ त्पितर वातमाग्नेयं maa” परम्‌ ॥८५॥ fawe जातवेदख्यं HOF दाश्तयोषु< तु । यत्कििदेव at ga जातवेद खसुच्यते ॥ ८ ६॥ आयक्गौ.वरिति यक्तं era Vere जगौ । (x) परे त्विति we | (a) नेलमेषेतौति |e ze | (a) at afe ae qe qo | (8) wifzaifiqaty विति wo घ च ० | (४) रतच्छरोकाडं we ge च» चिङितएरूङ्ेष नेच्छते | (q) रक दति we Yo qo | (e) matfafa we | (<) Taras we we wo च° चिङधितपुतङ्ेष भ fra? | (€) दासतयोष्िति we | (१६०) warafa we qo | (९१) aucrelf we qo go | (क) We १०, १८४, ९ । (ख) We ९० १८७,१ । (ग) ऋ ° १०,१८८,१। (घ) ऋ° १९०; USE, VI RRR CWRAAT | तस्मात्‌ सा tam तच द्येमेके weet ॥८७॥ मुद्रलः शाकपूणिख श्राचाय्येख Tatar: | जिख्यानाधिष्टितां वाचं मन्यन्ते प्रत्यृचं स्हताम्‌ ॥८८॥ भावट््तपर(९) am ददर्णायाचमषणः | पर न विद्यते तस्माच्छाभ्ये वा पावनाय वा॥८९॥ यथाश्वमेधः क्रतुराद्‌ सव्वेरिग्रप्णादनः“) | तथाचमषंणं ब्रह्म सव्वैरिप्रप्रणादन#) ye of तदादिः तु aaa: GT श्ञामसंस्तवः | wad यत्तु ate तत्छपन्ननिवदंएम्‌(°) ne ci संसमित्‌ प्राध्वराणश्चे्याप्रेये एव ते wat | (x) तस्य स्यारेबतेति We We घ ° qe} (२) graven शाकटायनः इति we ग° | (६) मावडत्तम्टतमिति क ° घ च | (8) सव्येरौप्रप्रणोशमः इति we | (४) यथाखमेधः क्रतुराट्‌ इदि सव्व॑रिप्रपणोदनमित्न्तपाठः कर ae wo चिङ्ितदस्तकेषु नाप्त | (¢) त्दादोनौति Wo घर Wo | (2) ATT यत्तत्सपलनौ गिवष्णमिति qe qe चर | (८) उमे तथाभिदेवते इति क° घ° च° | (=) ऋ १०, १९१९, १। VCASH | २९३ उशना वरणएखेग्र्ाभनिश्च सविता War: ne ९॥ संश्चानं प्रथमस्या(\न्त॒ eater Pat") । entrar चोन्तमे च दे श्रागरिषोऽभिवदन्ति ताः? pe १॥ दग्र: पूषा सपन्नप्ने दितोयस्यग्डषि स्ठतौ | देवानामितराः प्रोक्ता श्रागोग्वादपराख्च याः५॥९ ४॥ ^ महानस्य चो ware Baya यो वदेत्‌ । सदखयुगपय्यन्तं सोऽहं ब्रह्म ख TTA ne yy (पुरौषपदमासान्तु प्रथमं eras: | ee (१) nwatafafa पाठः wx | ®) sum वश्य्ेश्वद्र्ादि दितौयस्यामथाश्विमाविनन्तपाठः ge घ we fafsaguae न दश्यते | (द) स त्वागौन्वाद उच्यते इति me qe qe | (9) रष स्लोकः क ° घ° च ° चिडह्धितएस्तकेषु नेच्छते | (५) we fafsaqag महानान्ना इति qa, संसंसंक्षागमिलयेते Raat विदुरिति tara gua | (६) साध्यतीति पाठः साघु सेरा ATS: खराध्यते afa He To च ०, सा AG खरः wre इति we | (७) त्वभिदेवत{मिति we | (=) we चिङिवषएकतके एरौषपदमासान्विति स्ञोकात्‌ प्राक्‌ ,-- ` चिचाधन्भयानिकाः खक्तानाहइ- wile घते Gat यः खक्तमावा। Terra किलल देवतायाः BMA: सन्वैदा wise | 30 २६8 TWRAAT | Maas वैष्णव्यं पौष्णं देवन्तु TEA) ॥९. ६॥ aq: प्रयाजातयाजाः प्रेषा ये a’) ₹हरवोषि च । धरैवतं इविष्ठु स्यातैषास्तदेवतास्तु(₹) ते ॥< ७॥ निविदां निगदानाच्च @: सखेलिङ्गेख देवताः५) | मिगरेम^“ निगद्यन्ते arg aera Ge: We ८॥ aaa तु गायच्य उष्णिहः(९ सवितुः रुताः | अनुष्टभस्त सोमस्य बृदत्यस्त॒ इरसपतेः lee रशा ऋचो महानान्नौस्तु विद्या aut fy es ब्राद्यश्क्छशष्दः। ग इष्यते खक्तश्ब्दो म fay यथा चैषेषवादादक्षाभिधानगम्‌ | wena इति तान्‌ प्रतीया- ware कुन्धाः पदशो rua | यथेतसो देवि frorfe संकला WUT तत्सव्येभेकं SA ॥ द्यधिकपाठोऽख्ति | (x) विग्रं लवा Farge wheres मनः परमिति we | (२) wafa We Fo Wo | (2) चेति we । (8) fagtmzaet इति me घर ae | (४५) farefafa ख | (६) उष्विकः इति we, sfrefa ae | STAT HTT | शष पद्ू्यस्तिष्टभथेव विदयादेग््यख सम्ब | विश्वेषां Sq देवानां जगत्यो arg काखन ॥१० ot fanaa firwe खराजो वरुणस्य च । विषये यस्य वा erat ख्यातां वा वायुदेवते ॥ १०११ इगद्रस्यातिष्टतिः प्रोक्ता arate wfc: war: | यास्तिच्छन्दसः काञित्ताः प्रजापतिरेवताः(९॥९०९॥ farce वायव्या ae: wey ये मिताः | पौरुषा दिपदाः wat ब्राहय एकपदाः खताः(२॥१०२॥ समस्ता च wet वायव्यानि यजूषि च | सौर्य्याणि चेव खामानि watfa ब्राह्मण्णनि च |९०४॥ वैश्वदेवो went feet ये यजामहे | रूपं TAS ATTY खाहाकारोऽभ्निदेवतः ॥ १ ०५॥ देवानाश्च faqurg नमस्कारः खपैव५) च। कष्टो मूद्धनि विन्नेयस्ताजब्यः प्रथमः GT ॥१ ° ६॥ दितौयय्ड भुवो मेष्ये acta: कणेसंितः | चतुय नासिकाये स्यादौरसो मद्र उच्यते Ny ° ७॥ (x) रतच्छरोकाञ' क ° we ao चिङितएलक्तेषु न पठितम्‌ | (२) पतश्छरोकाड' we चिड्धित एस्तके न दृश्यते | (a) fener पौरषं छन्दो ATE तवेकपदा स्ताः इति we ॥ (9) तथेवेति we | Rad ) Cweaat | मन्रकषेणसंयक्षमतिस्ार प्रशंसति | वदन्ति देवताः we मनु्याख्ितरेस्तिभिः(२॥९ ० ८॥ fama awa:® सर्व्वे गन्धर्वाष्परसः खरम्‌ । . ` श्रष्डनाः पर्चिणः सर्पा्चतुथेमुपभुश्च ते“) neo ci मन्द्राः पिशाचा catfa ्रसुराख्ोपभुश्जते५) | अतिख्ार९स्त॒ शेषस्य जङ्गमस्थावरस्य च ॥११०॥ वेश्वदेवखरः क्रुष्टो नित्यं यो aly तिष्टति) | ताशब्यः प्रथमः erat खर श्रादित्यदेवतः ne ecu खरो दितौयः साध्यानां भुवोदेंगञ्रितञ्च a: । ्राश्विनस्त्‌(\“ द तौयोऽच खरः कणेसमाश्चितः ॥११२॥ चतुथस (९९) वायव्यो नासिक्यः खर उच्यते | (९) तुतं विदुरिति we | | (२) wat Aga प्रथमं खरमिति we | (९) पशवः इति we ग° | (8) तूपञ््यते इति we we wo, चतु्खोपसन्नते इति we | (४) रखतचङकोकाडं we we च ° धिङितस्तकेषु नेापकभ्यते | (९) अतिखाययः इति we we qo, अतिसार इति ख | (2) we धिडितपएसतके, वदन्ति देवताः क्रटमिव्यादि निदं यो aft तिरूतौयन्तं, दितौयन्त भ्नवोमेध्ये दति श्लोकात्‌ प्राक्‌ पठितं | (ख) Serr wa त्विति we qo qo | (€) देशं aarfera: डति we Teo | (१०) च्यामेयस्लिति we घ qo | (९१) त्वेष इति क° घ० qe | GSAT NAA | RRS पञश्चमस्ह खरः प्रोक्रञचाचुषः सय्येदेवतः(५ ॥९१२॥ यस्तु waar: we.) स सौम्यो मग्ध उच्यते | विकर्षण तु axe युक्रोऽतिखाय्य उच्यते nee gn स मेचावरुणएो श्रेयो मन्द्रस्थानसमाहितः(५ ॥ सामखराणणं सप्नानामेते देवा दडहोदिताः५॥११५॥ चयाणमितरेषां तु लोकाधिपतयस्रयः | वाग्देवत्योऽथ MHA प्रस्तावख्ेव सामसु ॥११९६॥ उद्गौयापद्रववेम््ौ स्यातां वा वायुदेवते | ate: श्याप्मतिहारोऽज निधनं वैश्वदेवतम्‌ ut eon हिद्धारप्रणवाभ्वान्तु पुरस्तादेव AAT | दूति व्यस्तसमस्तानां मन्त्ाणमिर देवतम्‌ | देवताविदवेचेत प्रयोगे सब्वकग्मेणाम्‌ Wy SH सप्तषेयो वसवश्चापि देवा qua गवः aaa | (x) caugrata we we ve चिङ्धित पुस्तकेषु aaa | (२) He xfa we घर we | | (२) क्षयेनेव ate we ue च °) विकणेन तु AMAT ख, । (8) मन्द्रष्ागसमाहदितः इति क घण चर मद्द्यानसमानि ष- डिति we | (y) इति खराणां सप्नानासुक्ताः aay देवता! दति He घण qe | (९) श्यं प्ोऽगयेमा इति He we चर | | RARE CUTAAT | पथ्याखस्तो रोदसो चोकमन्ते SKIPS AUTOM ॥९१८॥ अरसुनोतिरिला वा पौः विधातानुमतिदेया | अङ्गिरोभिः सहेता स्यरक्रमन््ाख्च देवताः ॥१९९०॥ वैश्वानरो fe सुप विवख्ान्‌ प्रजापतिगौः सुधन्वा नगोघः(₹। श्रां नपादर्येमा वातज॒ति- frmafaga रथस्पतिख ne ec भवः qs: पव्वैताग्राख्च ५) पलौ- eat भगो देवपन्नौ दिश । ्रादिव्या «xt: पितरोऽय साध्या निपातिमो वैश्वदेबेषु स्वं ॥१९९॥ अनुक्रान्ता देवताः WHAT इहविर्भाजसोमययथा निपातिः। Mad श्यादुभययान्यथा वा न प्रत्यचमनुषेरस्ति मन्तः WY RV (x) स्यादिति we qe | (x) at: सुधन्वा गोभ्यः इति wo we we, भ गद्यः इति Te | (a) autfa wo Te | (8) at araafa we wo qo | (y) was इति ae | ङ्म ऽध्यायः | योगेन दाच्छेण दमेन Tae बाङ्ुत्येन तपसा नियोगेः(५ । sore) श्त्स्रश्नो रेवता याश qt wat वेद्‌ स वेद्‌ देवाम्‌। ama यो वेद्‌ ख वेद a सामानियो वेद्‌ स वेद्‌ aM Ne Bn रसौ मे पुज्रकामाया श्रब्दादद्धं च तभ त्छतम्‌ | श्राशिषो योगमेतं हि वाद्मौ ata मन्यते ॥१२१५॥ एकारमलुकम्यायं नानि समरति माठरः | आरख्यातन्तकरणं(^ बाष्कुला at व्ययो रुत ॥१९२६॥ मन्त्राणां देवताविद्यः प्रयुङ्के ae कंचित्‌ । जुषन्ते देवतास्तस्य) दविर्वा.<)देवताविदः ॥१९७॥ अ्रविन्ञानप्रदिष्ट"^“ fe इविर्माश्रम्ति देवताः | RRC (१) अभियेीरिति Be | (२) Suara इति ख० ग०। (a) देवतस्येति we धर Yo | (8) स aren यदिति wo go च. | (a) डो गौदंन्विति we | (६) arena aancafafr we | (9) खस्येति me | (८) ख्चिव्वेति ge | (€) मेति wo Te qo qo | (९०) afamtrufestafa ao qo qo | Ree TWEAAT | तस्माक्मनषि GHA देवता Hwargfa: uz vs araraaa” योऽधोते मन्रदेवतविच्छचिः । स सत्रसदिव Can सचसद्धिरपोष्यते२) ie ecu नियमोऽयं जपे शोमे खषिच्छन्दोऽय दैवतम्‌ | MAY चेत्‌ प्रय॒श्नानस्तत्फलाञ्चाज aa ॥९ २ ०॥ छषिच्छन्दोदेवतादिश्नानं यन्नादिषु श्रुतम्‌ | तदाभि्य प्राणदुष्टि्विदिताजेति गम्यताम्‌ ॥१३१॥ अविदिला खषिष्छन्दोदेवतं योगमेव च | थोऽध्यापयेश्नपेद्धापि पापौयान्‌ नायते तु सः॥१९२॥ maga: खण्वषय्कन्दो भिदं वताः पुरा | शअरभ्यधावन्निति च्छन्दा मध्ये लाड्मदर्षयः 12 2 Bil षिन्तु प्रथमं ब्रूयाच्छन्दस्त तदन्तरम्‌ | देवतामय weet कश्मेखेवमिति श्रुतिः ne een ary वा श्रनाप्रख(" विविश्यात्मानमात्मनि । . ईकमाणो wit सयिधग्डचो देवतवित्यठेत्‌ ॥९.१५॥ ख ब्रह्माग्टतमत्यन्तं योनिं सदसतो वम्‌ | weary च विश्वेशं विश्रति व्योतिरुत्तमम्‌ ॥१२ el दूति शओौनकाचाचश्चतायां ठदेवतायामष्टमोऽध्यायः ॥ SAAT ठषदेवता ॥ (१) उतेति we We qe | (२) असचसदपौति we | (३) अपीष्यते इति ae go च | (४) त्मानं वाप्यगधारमिति खर, त्मानं साप्यनाधारमिति ग | ( २७९ ) ओः ATTRAC | प्रथमं मण्डलम्‌ | 2 च्म्येदमध्िलं ये fe द्रष्टारो सुनिपुङ्गवाः। तदनुक्रमण्णयादहं नमामि परमेश्वरीम्‌ ॥१॥ श्रत्राभ्निमोल wate प्रथमं मण्डलं प्रति । watery fader षयः सुखसिद्धये ॥२॥ तेषां पूर्वा मधुच्छन्दा मेधातिचिरनन्तरः | श्टनःओेपखतोयोऽयं दरप्स THT wen AY पञ्चमः षष्ठः AAS: सव्य GAT: | नोधाः पराशरखान्यो गोतमः Be SAT ॥४॥ कश्छपसवथ HANA परच्छेपसद्‌ तरः | SAAT STS: षोडगेते शत्चिमः ve aut शतानि इदूष्टलादेत एव शतिनः | जेतादौनान्तु तन्नासि तस्मान्नैते गरतर्चिनः ॥ 4 ॥ (क) warat ब्रद्ुतवादिति पाठो भवितुम्ति । 81 २४२ व्पार्बानुक्रमयणो | तजर लादित श्रारण्य gaat दशकं प्रति। Rarer” मधुच्छन्दा खषिरित्यवगम्यताम्‌ ॥७॥ cx विश्वा(९९)०) दति we जेता तस्य सुतो afar: | अनं दूत(१र)सुपक्रम्य दक्रदाद शक भ्रति ॥८॥ काष्छो aurfafuata सुनिरिव्यवगम्यताम्‌ | कंस्य Fas ५)सुपक्रम्य सूक्तानां सप्तक प्रति wei श्राजौगन्तिः was छषिरिव्यवगम्यताम्‌ | श्रयन्तु देवराताख्यो वेश्वामिचख Blea: ॥९ ° ॥ लमद्म(९९) इत्युपकम्य दकानां पञ्चकं प्रति । इिरश्धस्दपनामायन्डषिरङ्गिरसः सतः ne evil प्र at यह्क(९९)मुपक्रम्य खकानामष्टकं प्रति | चोरश्च qa: कण्वोऽयब्डषिरिद्यवगम्यताम्‌ He Rll (मश्रभित्यं aaa faatcanrat सप्तक प्रति । सव्यो fe नामाङ्किरस खछषिरिव्यवगम्यताम्‌ We ail न्‌ चित्छहोजा(५८) cafe सक्तानां सप्तक प्रति | गोतमस्च सुतो ater खषिरित्यव गम्यताम्‌ ॥१ ४॥ (क) विग्धामिच दति घर | (ख) (१९) चिेनानेन GREE परिश्ेया । रवं पर जापि | Hee तु HAA रषावगम्यताम्‌ | (ग) व्यपे विवखदि(४9)त्ादि खक्कानां सप्तकं पति | कगवस्य एषः प्रष्कगव चटधिरि त्वगम्यताम्‌ ॥ इयेवं द्लोकोऽसाव्‌ पुषे भवितुम्ेति | सम्बोरुकरमखादौ तथेवोपजम्भाव्‌ | प्रथमं म्लम्‌ | ८४ पश्चा न ताथु(९ \)मित्यादिद्धकानां नवकं प्रति । श्रावः पराशरो माम चषिरित्यवगम्धताम्‌ ne Wi उपप्रयम्त(०५) xarfegmiat faufa प्रति । राह्ृगणणो गोतमो.ऽयब्डषिरित्यवगम्बताम्‌ ॥९ ९॥ दमं सोम(« “)सुपकम्य सूक्तानां पञ्चकं प्रति । get fe मामाङ्गिरष खषिरित्थवगम्यताम्‌ ॥ १ on लातवेदस(८९८) इत्यस्मिन्‌ ache: कश्छपो भुमिः | ख यो ठषे(\००)ति सक्त षयो वार्षागिराः ॥१८॥ SAT प्रथमस्तेषां भयमानसुराधसौ | सददेवोऽम्बरोषञ्च तेऽज सके प्रकौर्िताः ween चन्द्रमा(९०४) tir ane जित ब्राघ्योाऽथवा खषिः । AAA FURY सक्रव्वेकाद शख ॥९०॥ waa Shara Shiga: स एव च । भावयव्यद्ध राजायद्षिरा गधिते(१९९,९)त्यृचः We il तद्धार्थ्या रोमशा मामोपोत्तमस्या उपोन्तमे । श्रं होतार(\९०)मित्या दि ख्क्व्येव जयोदश्र ne en देवोदासिः परच्छेपो राजेवायग्डषिस्ततः | बेदिषदे(\४ णप्रश्वतोनां खक्तानां पश्चविंश्तेः ue an दौषैतमा नामौ चथ्य षिरित्यवगम्यताम्‌ | कया शभेतिखंवाद waretat हि तज तु ue en (क) गौतम इति ae | REE (क) चचार्षानुक्रमयौ | कया शएभे(\९४)त्युपक्रम्य यजामासा्डवां पुनः | war erar graf LIKWLUC LIC ॥२५॥ SG मरतस्तज द्रतोयाद्ययुजाग्टचाम्‌ | gwar aisrag खषिरित्यवगम्यताम्‌ ne ६॥ अगस एव तकवा(\९९)दि मिबावरूण्योः.* सुतः । ` धद्धिशतेख दक्रानाग्ड षिरित्यवगम्यताम्‌ ॥२७॥ TRIM: संवादो न Taree afr aaa ` भ्रथमायासतौयाया चोरिर पिः खयम्‌ ॥२८॥ उभौ वाय qaqa दइयोरन्यतरोऽथवा | ू्वम(\०९)रिति च GWE संवादस्य हशास्लयः ues लोपामुद्रा हषे पूर्व्वं Wren मध्यमे ह चे । श्रन्तेवासौ RWC Dwell हषे मुनिः ॥१२०॥ दति प्रथमं मण्डलम्‌ | रकादशा इति He | (ख) तन्वादिमिचावरुशयारिति ae चर | ( २९५ ) अथ दितीयं मण्डलम्‌ | ~ क ~ मध्यमेषवृषयो श्रेया मण्डलेव्वय मध्यमाः | तज त्वमद्म(९) इत्याटिदितोयं मण्डलं प्रति nen ` चषिग्टैत्छमटो ara fata: स च wire: | जरसः WAC Wes alsa: ॥२॥ ` तस्मादाङ्गिरसः FEY पञ्चाल गताङ्गतः। वे ae) इति दक्रानां तजापि ख चतुष्टये ven सोमाङतिभांगेवोऽयन्डषिरित्यवगम्यताम्‌ | दमा गिर(९०) उपक्रम्य सक्तानां जितयं प्रति ॥४।॥ षिः qa गात्मदः खयं wea वा NWA दति दितोयं मण्डलम्‌ | ( 8९ ) अथ Tala मण्डलम्‌ | =-¢g-o- घोमस्य मे(र)त्यपक्रम्य wits मण्डलं प्रति | विश्वामिनर इति Ha ख ख गायिसुतःक) खतः ॥९॥ चषभो डे प्र a(t) ae विश्वामिचसतो जगौ । विपाजसे(*५)ति सके दे कात्थोत्यीख खषिने गौ nen समिष्यमानो(९०) & सूक Wafers: कतो जगौ । अत्रिं होतार(१९)मारभ्ब गाथौ नाम ख कौभिकः॥२॥ सुक्तान्यपण्डचत्वारि सक्ते नि्मेयिते परे । देव्नवोदेववाताटृषौौ एतौ fe भारतौ ॥४॥ कुशिकः शाषदि(र९व्यस्िज्िषौरथतो gf | अथवा मण्डखद्रष्टा विश्वामिभो यथा अतिः.) wwe प्र पर्म्ताना(१९)मित्यसिन्‌ विपादित्येवमादिभिः । नदोभिः ay संवादो विश्वामिभस्योन्तितौषाः nee seal दशमो षष्ठौ Tal च Atay: | fast या vague विश्वामिचवर्वासि ताः ॥७॥ शरस प्रयन्पो(१९,९.)त्येत्यां घोर श्राङ्गिरषो मुभिः | (क क गाणे (क) गाथोद्धतः इति क | (ख) afafata ae | (aq,to) त्वङ्ेनानेन GRR KART च अवगन्तया । रवं षर- चापि) तोयं मद्धलम्‌ | २8७ निदं ेच्छस्यमानेऽपि शरूयते) खा म wet ॥८॥ अभि तष्टेव(९८) खक्ख वेश्वामिजः प्रजापतिः । arent वा ख उभौ वा तौ विश्वामिचोऽथवा श्रुतेः॥९॥ दमं म(५५) उपक्रम्य सक्तानां जितयं प्रति । श्रयमेव खषिविदयादुक्रगोचः प्रजापतिः | भागेषो जमद्श्निवां मण्डलान्य ठचेऽयषिः uy on दूति zatd मण्डलम्‌ | (श) शस्यमानेति भूयते इति ° | ( asc ) अथ चतुर्थं मण्डलम्‌ | at wa खद (र)मित्यादि चतुथे मण्डलं प्रति | गौतमो वामदेवोक)ऽय्डषिरित्यवगम्यताम्‌ ॥ १॥ श्रयं Wary संवाद WHS: GAT तु | श्रयं Was) दति Bet च्छच इन्द्रः खयं भुमिः ॥२॥ वामदेवस्त॒ पञ्चानामद्धर्थानां ततः परम्‌ | म हि ग्वस्या(१८,४)दिसक्तामामद्ध्ानां तथादितिः॥३॥ ममच्चन aarti ward एव तु । वामदेव wfafaercwrad विग्रेषतः. en चसदस्यः Tage षिः सक्ते मम दिता(५९) । क उ अव(*,(५९)दिति वस्य तया तस्योन्तरस्य च | Weal”) सौ होचौ ताटषौ सद ॥१॥ दूति चतुथं मण्डलम्‌ | (क) गोतमो वामदेवोऽयेति se! (ख) मोच्चमूलर सम्पादित चग्वेदे क ऊ अवदिति पाराऽच्ि | (ग) एरमौएोऽजमौएखेति न° | ( eee ) अथ Uae मण्डलम्‌ । ` अवोध्य्चिरुपक्रम्य पञ्चमं मण्डलं प्रति | पुत्रादयः षह भौ मोऽचियुंभिरित्यवगम्यताम्‌ ॥ १ ॥ शच त्वनुक्रगोजा ये श्चेयाख्छजिसुता इति | mapa वस्िचयृषौ बुधगविषिरौ ॥ ९॥ कुमार (९)मिति चेतस्मिन्‌ कुमारो वा श्रोऽथवा । amt जार) इति a उभौ वाज ससुखितौ ॥ ₹२॥ कमेत(९,९)मिति चेतस्यां तथा विज्य तिषे(९,९्यृचि । au एव खषिरविंाश्न विकख्पसमुश्चयौ ॥ ४ ॥ aan) इति GRY चतुष्केषु TTA | सखायः सं व(°) दत्यसिज्िषूष्योन्तरोऽपि च ॥ ५ ॥ लामप्र(<) इति afar गयस्तस्योक्रोऽपि ख | जनस्य गोपाः (५९) THT चतुष्केष सुतम्भरः ॥ ९ ॥ प्र वेधस(९५) इति लस्िन्‌ धरणोऽङ्गिरसः सुतः । wera) tf तस्मिन्‌ पुरु स्तस्योन्तरोऽपि च ॥ ७ ॥ प्रातर्नि(\ख्रिति तस्मिन्धुक्षवाहा feat fa: | MIT (LAAT (९०)च BHAA ya: ॥ = ॥ Cn a a (क) लान इति सर्वानुक्रमण्छां कृश्यते | (ख) qafefa सर्वायुक्रमण्यागुपलभ्यते | 32 aye qrafamaay | afanta मुनिः पूर्वे प्रयस्म्तसद्‌ तरे | मतुष्वत्ये(९९)ति qwe ससो नाम मुनिः खतः ॥ ९ ॥ भ्र विश्वसाम(९र)न्नित्यस्य विश्वसामेत्य॒षिः खतः | mr सद्न्त(९र) मित्यस्य धुखोऽयं विश्चचषेणिः ne on गने त्(९४) दकमेकर्वा देपदा विद्यते क्रमात्‌ | विप्रबन्धुः श्ुतबन्धुः सुबन्धुबेनधुरित्यमौ ie cl गौपायना ea Har wat नौपायनाक दूति । च्छपिर च्छा उ(२५) (° दृत्यसमिनुत्तरे च age: ॥ ९ ९॥ अरनखन्ते(९०)ति ara जिदष्णपुरुकुन्छजौ | TRUITT दावश्वमेधच भारतः ॥\३॥ अनाना ति्ष्णामेषां `पूर्व्वासामितरौ सद । अथवा भौमं एवाजिस्लुषिरत्र म शस्यते) ne ४॥ दानक्गियायमेकस्य दादरनदादढता aa | समिद्धो श्रनि (\८)रिव्यस्मिन्‌ विश्ववाराजिगोत्रजा ॥१५॥ quae awe गौरिवौतिः स wins: | me वौरः क(२०) Tare बभुनांम खषिः Wa ॥९ ९॥ इन्द्रो रथाय(९९)खक्रेऽसिश्मवस्य(*मांम सरुटतः | (क) लौपायना इति सर्वानुक्रमणौ | (ख) मौच्मूणरसम्परादित ऋग्वेदे, अण्ड व इति पाठोऽल्लि | (ग) wera इति Go च° | (च) दानक्रियेयमेकस्य दाढृतादाटरता यत इति प्राठः सम्भनितुमति। (ख) नावस्युरिति सर्वायुन्रमये | पञ्चमं मण्डलम्‌ | २५९. अद्‌ र्(६९)मित्यस्य गातूर्नाम aft: सतः ॥१ On प्राजापत्यः संवरणः GR महि महे (र्द)जगौ | ्रथुवसुकराङ्गिरषो यस्ते साधिष्ट(२९) Kay uy sh wT oa स क्रानां सप्तकं प्रति । afata सयं भौम खषिरित्यवगम्यताम्‌ ॥१९॥ तं merase) fa सक्रेऽसिल्लवत्सारो हि arvana: | wag द्‌ शभिः साकण्षिरित्यवगम्यताम्‌(*) ॥९ ० ॥ सदटाएणो gant” awa: सुतम्भरः | श्रुतविन्त्येनामा स॒ एवावदौ मनसः ॥२९॥ चजसप्रौ इमे चान्ये दृष्टशिक्रा fe ama | विदा दिव(*५) xf afargfite सदाषएः ne ee wat न विद्धा(*९)नित्यस्मिन्‌ प्रतिचच wate: खतः । प्रयुश्जतौ(*०)ति स्रेऽस्िन्नषिः प्रतिरथः खतः ॥२२॥ ag प्रियाय(*८)खक्ेऽसिन्‌ देवं व(४९) इति What । fe: क्रमेण fase: प्रतिभासुः sf ॥ a) विश्वो 2qa(u-) Gwe TATA सुतस्य(५९) च । उभयोरमयोरेष खस्याचेय इति सतः ॥२५॥ (क) प्रभूवसुष्रिति सर्वानुक्रमणौ। (ख) रुष श्लोकः, न° चिङित एके, सम्भाुनेलयुषक्रम्येति gary प्राक्‌ पठितः (ग) यशतः इति पाठः aya: | सदाएटणो यजताविति च. (च) प्रतिप्रम इति सरवाजुक्रमयो | श्र च्यार्घानुकममो | प्र श्वावाश्च(५२) उपक्रम्य CHARA: परम्‌ | ware मरतां स्तोता भुनिरिव्यवगम्यताम्‌ ॥२९॥ aaa त (९९)मित्यस्छ gms” श्ुतविन्भुनिः | तच गोपा(९९)वित्यस्िन्‌ वरणं व (९५) दतो ह TRON अच्चनाना चछषिर्विद्याद्यिकेते(९४)ति ewan: | रातरव्योऽय यनतो बशित्थेति(९०) च खक्षयोः WR i उडचक्रिर्गाङटक्रः पौरदेव इयोदेयोः | प्रतिप्रियतमं(०५) खक्रमवस्युदृष्टवास्मुनिः We cn ufata मुनिर्भौमि आभाव्यभ्नि(*९)रिति दयोः, अश्विनावेद(०८) क्र सप्तवभिस्लृुषिः खतः We ol सत्यश्रवा 'छषिर्नाम मे नो श्रद्य(०९) कयोः | युश्चते मन(८९) Tae श्यावाश्वः mete पिः ॥२१९॥ अचिरच्छा वदे(*९)(गत्यादिवतुःखक्ष्वषिः खयम्‌ | मण्डलानधय्य BHI प्र व(=९) TAMAR ॥२ २॥ दति पञ्चमं मण्डलम्‌ | (क) चेति च ०। (ख) मोचमूलरसम्पादित ऋग्वेदे सरवानुक्रमण्याख्च अच्छ वदेति पागे वन्ते | | ( २५३ ) अथ षष्ठं मण्डलम्‌ | तवं दग्र दृत्युपक्रम्य षष्ठाख्यं मण्डलं प्रति | TRU भरद्वाज शषिरित्यवगम्यताम्‌ ॥ १ ॥ TAY भरदाजादच्यन्ते येऽपवादतः। तेषामलुक्गोचास्त॒ विश्चेयास्तत्घुता इति ॥ eo दमम्‌ षुव (५५) इत्यस्य खक्स्याङ्गिरषः सुतः । वौतव्यो विकल्पेन मुभिरित्यवगम्यताम्‌ ॥ ३ ॥ MATH YATRA (ee) fy Bets: सूक्योक्छषिः | TAB य श्रोजिष्ठः(९९) wey Aes) चेति सूकयोः॥ ४॥ HAR) VATA दास(१९)स्त्‌ सूक्रयोरनयोर्गरः | wfear रयि व(*५)स्लादिस्क्रानां fared प्रति ॥५॥ यन्ना यज्नोय(*र)द्क्ते च शंयुः gut ead: | खादुष्किलाय(*०)मित्यस्य गं नाम खषिः खतः nen सतुषे जन(*९)मुपक्रम्य Vaasa मुभिः। जिश्वा ये सुरोजाद्याः पौ नाशते इरस्पतेः ॥ € ॥ जोमूत(० ५) दके Way भारद्वाज षिः खतः । उक्रापवाद्विषयादितरजाज मण्डले | खयमेव भरद्वाज एवं स्वे गम्यताम्‌ ॥ ८॥ दूति षष्ठं मण्डलम्‌ | ( २५४ ) अथ सप्तमं मण्डलम्‌ | अरत्निं नर इति ल्वेतल्घन्नमं मण्डलं प्रति | षिवसिष्टो विज्ञेयो मिजावरुणयोः ga: ॥ ९ ॥ दद्र क्रतुं न (२९,९९) Taras मो षु (eae । afaequ: ufwat वसिष्ठो वा खयं मुनिः neu त्यश्च (९९) इति खक्रस्य मवानामादितस्लुचां | वसिष्ठ एव पञ्चानां विद्युतो ज्यो ति(२२,९.)रिव्यृचाम्‌॥ २ ॥ वसिष्ठपुच्चा wat वा छुषिरित्यवगम्यताम्‌ | तिखो वाच(\०९) इति लख्िन्‌ पत्नंन्धाये(\०९)ति चोत्तरे, अश्नु: कुमारो वा वखिष्ठो वा खयं सुनिः॥ ४ $ दति aa मण्डलम्‌ | ( ९५५ ) अथाष्टमं मण्डलम्‌ | मा चिदन्यदिति(\)ब्ेतदष्टमं awe प्रति | प्रगाथाद्यवयो Har: yy वच्छामि ताजिह ॥ ९ # अनुक्रगोजा CST मण्डले aeya सुमिः | सतु are इति जेयः प्राञ्य्यात्ांमदादृषेः ॥ २॥ मण्डलाद्हुशस्याय प्रगायो act मुभिः। स डि घोरस्य कण्ठस्य शाता सन्‌ पुच्तताक्गतः ॥ २॥ मेधातिचिः weary मेध्यातिथिना खड | यच्चिद्धि ले(र.रुत्युचामासान्डषिरासन्नविंशरतेः ॥ ४ ॥ स्तुदि स्तङो(\,२.)त्याद्ानाग्ट्ां चतद्णण्डविः | प्रथोग(कपुच् श्राषक्गसस्य पनौ तु श्तौ ॥५॥ WTS स्यूर(९,९४)मित्यस्ाः सा च लङ्किरसः सृता | मेधातिथिप्रियमेधाट्षौ सक ददं वसो(९) ॥ १॥ श्रङ्गिरसः परियमेधस्तच मेधातियिमुंभिः । शिष्ठा वि भिन्दो"*)(२,४९) इत्यस्य हचस्याग्धस्य केवलम्‌॥७॥ पिवा सुतश्य(२)ग) que मेधातियिश्ेषिः खतः | यदिष्र प्रागपाक्‌(५) सूकरे देवातिथिसुँनिः सतः ॥ ८ ॥ (क) waa इति सर्वानुक्रमणे | (ख) मोर्मूलरसम्पादित ऋग्वेदे शिक्त वि भिन्दो इति पाठो ऽचस्ि। (ग) मोह्मूलरसम्पादित ऋग्वेदे सर्वानुक्रमण्याघ्च पिव तस्येति पाठो Tua | Rud च्याषोानुक्रमणौ | दूरादि हेव(५) खक्ख खषिन्रष्यातिधिखतः.* | महानिन्द्रो य(र)दृत्यस्मिन्‌ वत्सो नाम wie: खतः ॥ < ॥ प्र यदच्िष्टुभ(०) खक yaa पिः खतः | आनो विश्वाभि(*)रित्यस्िन्‌ सष्वषो नाम सखतः ॥१०॥ aT errata (ea खिश्ड गरक afa: Wa: | (Lo) इत्यस्य GWA प्रगायो नाम FATA: ॥११॥ त्वमग्ने ATTY Ba ag एव मुनिः खतः | च्छति इृण्(\२) दक्षस्य Wat नाम सखतः ॥९२॥ CR BAG) GMA नारदो मुनिरेव सः । यदिग््राह(\४)मिति लस्धिंस्तमू(\५)मिल्युष्तरोऽपि च ue an गोपूक्षो wre घ षो एतौ काण्वायनौ | प्र खखाज(\९)मिति Aha सखक्षानोरिम्निटिजेगौ ue ve तं गृद्धये(\८)ति चलारि षिः क्तानि सोभरिः । ईलिष्व BRDU TEVA परम्‌ ॥९ ५॥ च्छषिर्विश्वमना नाम स aay इतिः उतः | एषां चतुय खक त यश्चो वाङ्गिरसो gia: ue gn श्रप्रिरुकूये(२०) उपक्रम्य पश्चदधक्ेष्वतः परम्‌ | मरुवैवस््तो नाम "खपिरिव्यवगम्यताम्‌ | एषां तु मध्यमे सक्तं ATS वाय AVE lle O11 मेधातियि्ठ प्रहता मि(९९) दक मेध्या तिथिसतज Tae VAT | (क) खत इति न° | अष्टमं ABA | २५७ मोपातियिः aware यादि(२५) ad awry वसुरो विष 1% ci awaaastycat war सतोऽभ्निमेन्डरेणए(१२४) ततोऽविते(१९)ति 1 चतु GRA उत्तरेषु श्यावाश्चनामा मुनिरविगोचः ne ct अरप्निमस्तो पि(२८)दक्ेषु माभाकोऽय चतुैषिः । एषां चतु सके वा तस WM द्रचेऽथवा ne of श्राचेयस्वद्वंनाना वा मुनिरिव्यवगम्यताम्‌ | दमे विप्रस्य(४२) ans fry समिधाग्रि(**) मितौ च॥२९॥ विरूपोऽक्गिरसः यु स्िशोकस्तत उत्तरे | सके लावत(*९) दत्यसिल्रशपुच wean ॥२२॥ महि वो महतां (५०) a दयाध्यस्तित खषिः खतः। erate प्रगायाख्य ate wa:™ ne en (क) Ga: पर, रकादश Geis मेात्तमूलर सम्यादितक्टग्वेदे समुप- लभ्यन्ते | तानि तु waar न व्याख्यातानि । खचापिचतेांब ऋषपिमिरूपणमस्ति | किन्त सव्वानुकमण्यां aq an were दश्यते | यथा, खभि use) दण प्रखखः** ** | WARM (ye) ufsq: | यथया मगो (ue) अद्रिः य्या मगो (५२) Gra | उपम त्वा५ द)्टौ मेष्यः | Tat (us) मातरि खा * + | भूरीत्‌ (५५) पच्च छश; ****। प्रति a (५१) एषघ्रः****। यव देवा (ys) wast मेध्यः * * * * | इमानि वां (ve) सप्त gam * ** * | इति। वेदाथंदीपिकायां खलु म तावान्‌ सन्दभा Bra | नगन्रायक्नतानु- क्रमणिकाविवस्येतु सक्तानामेषाम्टषिमिरूपणमुपलभ्यते | 33 AV ार्वागुक्रमयौ। aq श्रायाटि(९) GWA तथा तख्योन्तरख्य च। wi: प्रगाययपुक्नोऽयम्डषिरित्यवगम्यताम्‌ ॥२४॥ प्रगाथ एव प्रो Wace) BG Tse । तरोमि(९९)रितिषक्रसख्य प्रगायतमयः किः ॥२५॥ an लिह त्थान्‌न्वि(९०)ति संमदो वा Heat सुनिस्तत्धदलारिणो वा । जालेन नद्धा बहवो fe मद्या मान्योऽय मेनावद्णिः खयं वा ॥२६॥ आ at रथ(९र्)मिति लस्य प्र प्र वस्िष्टुभस्य(९९)) च । श्राङ्गिरसः प्रियमेध खषिरिव्यवगम्यताम्‌ wk on थो राजे(*°)ति च क्स्य त्वं न(०९) THATS घ । आराङ्रिरषः पुर्दन्मा सुनिरच ATA ॥२८॥ तच लन्यतरोऽयं वा खुटौतिपुरुमोख्योः | इविष्कुणष्य(०९)मित्यस्न्‌ प्रागाथो welt Ufa: WR ) we जमद्भिष्गोः सुतः ॥५२९॥ wag जामदम्यो बा भुनिरित्यवगम्यताम्‌ | परे शलारि wait Fea षयो विदुः ॥५९॥ अष्टादंद्रो सुनिस्तज सूक्रस्यास्य मनो षिणः(५९१) | भभःप्रभेदनः(* GR परे विद्र FAC ayia ny gt TATA OAR तमस्ये(\९२)ति ATT | (क) पथय cas अघ्रा इति श्वमुक्रमणिकाविवरणे पव्यते। (ख) ममःप्रवेदन इति खनुक्रमखिकाविवस्णम्‌ | (ग) शर प्रमेदगः इति ae qe | WMA ABA | ROR aa) f ae afi चमा वा तच तापसः॥४१५॥ fra cient: (१९५) सूक्स्य arfewa orga: | पिबा सोम(\१९)मिति त्सम्‌ स्थौरो वाभ्रियुतो afm: uy ९॥ शरभरियुपोऽथवा खरो सुनिरि्यवगम्यताम्‌ | मवा उ देवाः(१९९) सकरस्य भिचुर क्रिरषः सुतः ॥५ on अमहौयुसतः सक्स्याप्रे इसो(\९्)त्युरुचयः । इति वा(\९९) इति quae afafixgat शवः nyc अथः सुतः सूक तदिदाञ(\९०) Tefea: | हिरष्छगभेः सं(\९१) aR” प्रजापतिषुतो मुनिः ॥४९॥ वसुं Arve वासिष्ठो नाला चिज्रमहा षिः | शय ANDY GHA वेनो भाम wit: सतः ॥१०॥ दमं ares) इति सक्रेऽमिल्िष्धः खयग्टषिः खतः | अदेवाद व(*९५,९) इत्यादि तिश्णामभिरच que re अहं इदरेमि(*९५)रित्यसिन्नाम्भृणो माम वापिः । न तमंहो न(\९९) REPS सुकते कुखाखलवरिषः०) ug ९॥ श्रहोमुग्वामदेग्यो षा षिरित्यवगम्यताम्‌ | राजौ व्यस्य(\९०)दिति लस्िन्‌ सौभरः Brent सुनिः॥९ vi (क) age इति wo we me | | (ख) ओलोत्रिरिति घम, गे खोष्विगिति न | (ग) कद्वदं इति ० । बुसमलवद्दिष इति सर्मयागुक्रमदो, खनु- wafamifartayg | (घ) कृसिः इति we | 35 ae आर्षामुक्रमणे | भरदाजसुता राजरिरथवा गम्यताग्डषिः। ममाद्म(\२८) दति सुक्रस्य विदव्योऽङ्गिरसः स॒तः ve vi :. नास(\९९)्ृक्ते grata. परमेष्ठौ प्रजापतिः । यो यश्चः(\९२.) GR” ays प्राजापत्य wile: Wane wi काचौवतः BRAT BHT ATA ert) TAT | जानं(\९९) GW नार्मंधः Wa Wie: खतः ne an at व्वस्मा(\९९) इति BA Tar: पेजवनो सुनिः। RATE मान्धाता GHAR य(\९५)दिल्युषिः ng on दृषोत्तमामयाध्यद्भं(\२५,०) गोधा नारौ ददशं इ। यसिन्‌(\२५) am कमा राऽय्टेषियां मायनः खयम्‌ ॥९ ८॥ मुनयो वातरशना THA: सक्त केथिन्‌ः(\२९)। शूतिख वातजूतिख्च विप्रजुतिरेषाणएकः lg <॥ करिक्रतैतशौ च दाटय्यग्टङ्गखच सप्तमः | उत(९९०) सक्तं aaa” एकचां एव ते विदुः oon, ` तव WAR) इति Gwe wreath सुतः । विश्वावसुः Gite) GR सु निगन्धवं एव खः Hee mg तवे(\४.)ति सूकरस्य मुनिर भिस्त पावकः | ma श्रच्छे(*४९)ति सुक्रस्य मुनिरभिस्ठ तापसः ॥७२॥ श्रयं(*५२) GR EAT: शाङ्ग जरिता द्रौण SAT: | सारिष्टक्रः स्तम्बमिचरस्त एते परिणो विदुः re an (क) यो awa दति wo we se | (ख) भर इाजादयः सप्त Re TSATSAMMAE | दशमं मण्डलम्‌ | ROE oN त्थं चि(१४९क्तस्य साद्योऽनिरय(१४५मिलयु्तरस्य तु। ` area: सुपणा वा भुभिर्यामायनोऽयवा ॥७४॥ स Heart श्रेय दृन्राणौमां खनाम्य्‌(\४५)पिः | Renal देवमुनिररण्धानो(*५९)त्यृषिः स्तः ॥७५॥ सुवेदा नाम शेरौषिःक) अन्ते(\५०) aR मुनिः सूतः । सुबव्वाणास(९४८)स्त॒ BR वेन्यो नाम एयमुं निः vo ६॥ सविता(१५९) सूकरस्य wea” इहेरण्यस्ढरप एव खः | सटलोको नाम वासिष्ठः बमिदशि(*५ )दि हेत्यषिः ॥७७॥ agua लस्य श्रद्धा कामायनो gf ` भरद्वाजसुतः शासः शास Taare: खतः rosy TRG मातरो यास्ता षयो देवजामयः | ईैङ्खन्यन्तो(\५१)रिति वस्य सोमो(\५४) वैवखतौ यमौ ॥७९॥ ्ररायि(\५५) सूक्रेऽयम्टषिर्भार दाजः शिरिम्बिटिः(ग) | afi हिन्वन्तु nue) am केतुर्निखतो मुनिः ison द्मा Arve) भुवन WA: साधनो भौवनोऽयवा । खयौ न(\५८) एति awe सौयैखचुस्लुषिः रुतः ॥८१॥ ` उद सो(१५९) त्वस्य पौलोमौ wet माम मुनिः खतः । ` षिस्तो वस्य(१९०) awe वेश्वामिचस्त wu: ॥८२॥ प्राजापत्यस्त PHA YANTRA: | (क) रतूषिरिति wo च न०। अनुक्रमणिकाविवरयच्च। (ख) चाचन्त इति we we न° | (ग) fafcfas इति सर्व्वागुक्रमयो | शद्‌ ार्बानुक्रमयो | रचोायग्डवित्राद्यो ब्रहमशागनि(१९२)रमुग्यतु॥८२॥ अ्ौग्वा(९९२)मिति gre काश्यपो fazer gf: | प्रचेतास्तु जगौ GMAT ay TAT ॥८ ४॥ देवाः कपोतः(\९५) GWT कपोतो भेचछंलस्लृषिः । en मे(१९९)ति gre वेराज खषभो मुनिः wean sect वा स खषभस्यभ्येद(\९०)मिति wat | विश्वामिभजमदप्रौ खषिगांयिनभागैवौ ॥८ qn वाताचनो मुनिः सुकं वातस्ते(\९ग८)त्यमिखो जगौ । मयोभः(१९९८) wat: सक्तं का्चौवत West ॥८०॥ विभराद्‌(\०.)द्षमिदं सौरी avat विभ्राड षि्ेगौ | दटतो.क भावः सुक लग्धमिरटतो(९०९) जगौ ॥८८॥ चो ष्णुत्तराणि दक्षानि विदुर ङ्गिरसस्लयः । श्रायाद्ा(९०२)त्वा(\०२)भि(\०*)संवन्त प्रुवोऽभौवन्त Keay ॥८९॥ प्र वो यावाण(\०५) इत्यिनूष्य्ावावु rey: । प्र सूमव(\०९) दति लख खुलना माभेवो git: ॥९ od प्राजापत्यः पतङ्गोऽयं पतङ्ग(५००) कमु कवान्‌ | अरिष्टनेमिस्ताच्छीऽयं जगौ am त्यमू्‌म्ि(र०्ति ne ch छल्तिष्ठते(९०८)ति Saat सक्रमेतत्तयो विदुः | शिबिरौगौोनरः पूर्वः काशिराजः प्रतदंनः Ne ९॥ सौडिद श्वो वसुमना इत्येत षयः क्रमात्‌ । (क) Kea इत्च प्रथमायासतस्धिन्‌। दश्रम ABA | २७७ प्र ससादिष(\८०) इत्यसिजिग्र पुत्र after: ne २॥ प्रयो नाम स वाचिष्ठ भारदालय सप्रथः। चमः सौर्यस एकाः प्रथः(*८९) सूकर दमे विदुः ne ४४ मारेरत्यशपुरमूधां शनिः खे हरय तिः०)(९०९) । प्राजापत्यस्च BATTAL Ee) प्रजावतः ॥९ ५॥ विष्णु्यौनि(\८५)मिति त््जिंस्लष्टा वा गभशन्मुनिः । प्ाजापत्थोऽचवा विष्णुेजमेषस्तदु रे te ९॥ षिः सत्यष्टतिर्नाम मदि(९८५) के स arate: | वात श्रा वात्‌(\८९) खक्ख (AEH) FLA) तच्च च He OF ame: Ray तावेतावभ्रिुच्नाषौ wes | आयक्गौ(\८९)रिति ara ata gi: wa ॥५८॥ मधुच्छन्दःसुतः खक छत(*८.)मित्यघमषेणः । संसं(\९१) BR Sant षिरङ्रिरसः सुतः cei (क) मोच्चमू अर सम्प्रा दितक्टग्वेदे प्र cafes इति पाठो दिद्यते। (ख) खड स्तादिति wo qo He | (ग) खार्बामुक्रमय्यां, बात खा वातु, प्र नुगमिति खक्कदयस्य वहसः wang दमो दाङ्षी mae प्रदणिंतौ । प्राभये (१०८०) इति द्यस्य चटषिनं प्रदिवः | सर्व्वामुकमण्यामभुक्रमखिकाविवरये च, वात qt वातु इति ame वातायन उख ऋविरमिदहितः। wind xf ame wat वत्स ऋषिः, प्र नूगमिति सक्तस्य wee wa safatafee | (ध) aafa we । Red qiatymaat | गोधा घोषा विश्ववारा पालोपनिषन्निषत्‌ | ब्रह्मजाया जद्लर्नामा श्रगख्यस्य खसादितिः eo ot CHG चेद्रमाता च घरमा रोमशो्वेभो। लोपामुद्रा च नद्यख यमो नारौ च श्श्वतो॥१०१॥ MAW सा्परान्नो वाक्‌ श्रद्धा मेधा च cfs | राजौ सूर्यां च साविनो ब्रह्मवादिन्य ईरिताः स गौतमो) वामदेवो याः खिलास्ता wet जगौ ॥९० २॥ QATAR: सकलाः सुदृष्टा येनार्षानुक्रमणे प्रदिष्टा | नमोऽस्त तेभ्यो सुनिपुक्गबेभ्यो ` भवन्तु ते चापि मयि wae: We © Qu इति दशमं मण्डलम्‌ ॥ दूति शनौनकाचायेतार्वानुक्रमणौ समाप्ता ॥ (क) स गोतम दति जर | अथ छन्दोऽनुकृमणो | प्रथमं मण्डलम्‌ | waza सूक्रखानाग्टचामपि | यानि इन्दांसि विद्यन्ते तानि aera waa we गायत मव सूक्तानि मधुच्छन्दस श्रादितः | aged परे Ha दग्रमैकादग्रे उभे pen मेधातिचेच्ठ GAY गायन्रेषत्तरे लिति । एुरउग्णिक › परानुष्टुप्‌ ०५ तिल्ाग्याग wee: ven waive enti marae aa at frat sara weeny तया ew ॥४॥ उत्तमाय) च aque stem चोत्तमखख ar) वष्न्तु TR ays पञ्चमे wae: ॥५॥ waar fafa Maar पाद्‌ निचन्मता । e व विं (९) सव्बामुक्रमण्टामनुक्रमणिकाविवरये च ae wa विशसष््य- काया ऋचभ्डन्दः प्रतिष्धेदयुक्तम्‌ | . (क) Ge RR, We १९ । (ख) Fe ९९, we Ro} (ग) खु RR, ORG RR RVI (घ) BW २९, We ९, २। (ठ) we २४, Wo द 9) <=) € Ro, VW, १२ WR, १२४, १५ । (च) Deo Re, We URI (क) ख द werd (ज) |W REL (भ) |e २८, ER, RR ९; ¥, C1 (ज) Te Roe, wo १९। । Re इन्दो {नुक्रमणो | हिरष्णस््रपसूकषानि चेष्टभान्यय तच तु Eh प्रथमश्च चतुश्च जागते प्रथमे तयोः । seat wy wea) वचिष्टभखरमे पुनः WON amet च नवमौ'ग) चापि चिष्टुभावेव गम्यताम्‌ | San तु जगत्याद्या(ब) नवमौ) जगतो नित्‌ ॥८॥ aaa md” सूक्तं aque” qq” च यत्‌ । प्रस्कण्वस्य च तान्येभणव प्रगाथा बाता हसाः ॥९॥ प्रसण्ठस्य दितोयन)च्च weOgragd उभ | MATA) कण्ठस्यानुषटबुत्तमा' ॥१ of सर्वा गायश्य एवान्याः कण्ठप्रस्कण्ठयोष्छेचः | सव्यस्य wa सूक्षानिढ) जागतान्येव तच तु ॥९९॥ प्रथमस्य SATS ह चोऽगध(रसवेष्टभः खतः । त्वमा विचान)खमं et तुभ्येदेते.र सः zea ॥१ ९॥ a ga सिष्टभखेता आजे. "त्या खड । (क) Fe ३९, ९४ । (ख) द° Ws We ८, ६९ ६८ । (ग) Te Rs, ऋ० €, १२ । (ध) Tow, Weil (ठ) सन ९४; wee! (च) खण eel (ह) Ze ६६ । (ज) Ge sol (भ) GT se, 89, ४८। (भ) ae sul (ट) eset (ठ) Tove, Were, १९१, ९२, URI (द) Ge on, ऋ० € । (ए) TW ५९) ४२, ५९, We, ५४, ५९, ५०। (क) Gout, We १.8; १४ ; छ.“ ५९, ९०) १९. | (a) Fo as, medi (a) Gus, wes! (द्‌) Gove, Weel (घ) ZF ५९, ऋ० १९। (म) Ge WR, We ९९ (प) To ४२, We ९५ प्रथमं Awaz | REL भोधसः प्रथमाः TE जगत्यस्तिष्टुभः पराः) ॥१ en सवां उपोत्तमाःग) स्ना जागतं सूक्रमुत्तमम्‌(ब) | श्रस्यापि wwe ser जिष्टुभेवेति नु fac ॥\४॥ wave ददिपदा sree fae: पराः.) | गौतमस्य तु GRY डे at सप्तमाष्टमौ(ग) ue un नवमं च जगत्यन्त ara ae जागतम्‌ | mae दितौय)ञ्च art wea Pears ॥१ ¶॥ . amare चतुय" Fea जेष्टभौ ष्णिद्ौ | षष्ट्या ढसौ Hat शिष्टा way: पराः.) ९ of एकाद स WU पूर्वावानुष्टुभौ wet | | ater पराः aT aera Sea Ret: ॥ १ ८॥ विनश्चेयस्ततो arta: mareanat™ ge । दादश.) जागतं am चिष्टुबग्धा च weal” ॥१९॥ (क) Tous, Wet, २, द, ४,५। (ख) Gus, Weg, ७, ८, ९। (ग) Fe we, do, 4९, ६२, ९९ । (घ) Beet (ङ) Te de, चट० ९५ । (च) GT du, dd, दञ, द८, dé, Oo] (षट) Ze or, ©R, OR | (ज) Fe ८०) ८१,। (भ) Te ८२, We C1 (ज) ख. ) जिष्ष्दश्रमच्छो.°)'तमस्य() च । ख्नमख्यादितस्िष्टुगेकष्या."मुष्टुभसचः.) ॥ द on गायचौ(व) च wage wear TEA | ZA दौघेतमसः Waa” लागते तयोः ॥१९८॥ we द श्रमो.) freer eed परम्‌( ¬ | षश्च जागतं रक्तं रतुथ पश्चमं( च यत्‌ Ned (क) Te wer, Weg | (ख) Te wR, Weal (ग) ख र्द, Weg, O91 (घ) FT Ug, LS, LS, २९, २३, Ra, २५। (उ) Ge १२७, ऋ० दव । (च) Te ९९७ छ) Be ९२, Wes, el (ज) Go wed, WEY] (भ) Te १२९) We १६। (ज) खन Uke, mie gi (ट) ख ९९५, Bee, ८। (ठ) Be ९३० We rel (ड) Ge १६९, Be ऽ । (ए) Te wee, We १९। (य) Ge cag, mo ul (त) Ge ९दद, ऋ० २, २, ४। (य) दण cag, च०५। (द) ० ९६९, Wel (घ) GT Lee, Beal (न) Te roe, १४९ । (प) Ge ese, चट०९० | (फ) Te ९७२ (ब्‌) Fe vee, ९88) Leu प्रथम मणलम्‌ | २९८५. वैराजं द श्रम॑(कतस्मात्परे श्रौ ष्णिद(गजागते'ग) | जागतानि तु खक्रानि षोड्ग्प्र्डतोनि wa” ॥४०॥ श्रतुषटुबन्तादन्यानि वद्‌ स्दरेतिनेष्भात्‌^* | जयो विशस्य सूकरस्य सदह ष्या तोयया.) ॥ ४ en श्रस्य Tata सूकरस्य जगत्यः षडिमा wa | पञ्चपादं साक जानां) यद्वायचे अयं सन) च ॥४२॥ ar गौरौच तस्यानुष्ुबुपोत्तमा) | भस्तारपदङ्भिस्ठ विराङ्दाचत्वारिश्ग(गख् या ig et श्रतोऽन्यच्ेष्ठभं सव्ये शिष्टमजावगम्यताम्‌ | wy दिचिष्टुबन्तानि प्रथमे देख wate” च ॥४४॥ जिष्टुबन्तानि चैतानि लागतेषु प्रतव्यसौम्‌(ब) | तं एच्छत(र किमु ओष्ट इति चोष्यवगम्यताम्‌ ॥ ४ an WEG च BAT गायने सक्रमष्टमम्‌न) | दितौयं जागतं सक्तं इष ge ATA ॥४ ९॥ अष्टा शं aque दे एते जागते तयोः | (क) Be १४६ । (ख) Be wes (ग) Ge १५९ । (घ) we १५५, ९५६, WS Cue, १६०, १६९ । (ठ) AW १५८ । (च) TW १९२ mR ६। (चट) GT (da, We १९२९ (न) खर rds, We Cul (भा) To ९६९, We २९ । (भ) Ao ९६९, We RE! (ट) Fo १६8) भटण द्द्‌। (ठ) ९५६8) We ev! (ठ) Ze ९९९, Wo uel (G) सूर १९६९) We 8२। (ख) Fo ise, ऋण ९२७ ९६। Dever, We CR, URI (त) To (ee, We ug! (य) FT lex, ० ९। (द) १४५, Worl (च) Te ude, Berl (ग) Texert (प) Ge ९६६, We १४, wal (प) स० १९८२ । (ब) |Z veel Rcd हन्दोऽनुक्रमयो | आधादुङूतथ wey” चतुचांश्चोक्तमं ee) ॥४ on वष्ट मेकाद श्र. ETA Gi श्रामृष्टभे परे | signa” fear तु इतो तयोः ॥४८॥ Wate ca हतो सन्धोयोवोति गम्यताम्‌ | were तु दकस्य दितोया(गाद्यग्विराद्‌ खता ॥४९॥ दाद ग्स्योत्तमा“चिष्टप्‌ शिष्टाः सवां अनुष्भः | एका पञ्चदशे सके Taal” इतो निष्टत्‌ wy ०॥ यो विं श्र)न्त॒ गायत्रं तस्याष्णिक्‌ प्रथमा तु खक्‌ । अनुष्टुबृगभरूपो ष्णिगयवेषार)वगम्यताम्‌ ॥५९॥ द्रतौया पञ्चमो wat anal ar wae: । ATER WEN!) गायनं GAGA ॥५२॥ fasta sua ga द श्रमोप्रशतिदष्वः(च) | श्राुष्टभं महापाङ्को महा च दतो परा.२। अवशिष्टानि qantas भ)3ष्टभान्यवगम्यताम्‌ ॥१५२॥ इति प्रथमं मण्डशम्‌ | (क) Go १८२, We ६, र | (ख) Ze १६८) eS, € Xo | (ग) Be १७० । (च) youl (ठ) GF १७०, Wen; Te rou, mod | (च) GT Loe, चट ० १,।९७५ ९ । (छ) खर २०५. ऋ० १। (भ) ख ° re, We Vl (ग) १७६. We C1 (ज) Be Vee, We ५। (ट) Ze १८७ । (ठ) T we, Wee (ह) Te woo, ऋ० २। (ए) G se, ऋ० ३, ५, ६, 9 । (क) T १८९, ऋ ० १९। (त) ख.० १८८। (य) To १५९९) We Lo, WU, ARV (द्‌) Te Lex, जट ° १६ । (च) Se ६६, ¶०, Ce, OU, OR, OR, 98, O9, ७८) SK, ` Bo, SY, SR, SB, SU, SG, SE, € ० | ( २८७ ) अथ fara मण्डलम्‌ | gm ग्ट्मदस्याथ प्रथमेक) जागते उभे | साध्वपासो(कति ver Fae Wea षति ॥१॥ चेष्टभानुष्ुमे ae चतुथे TEA” च यत्‌ । गायज("माष्टमाक्छवै तजेकानुष्बुन्तमा ७) ॥९॥ ae warht™ afgmgeay दे waitemz | चौणिण) erage wnf™ चाष्टमात्‌ ॥१॥ सवाष्छेतामि क्तानि Seah जयोदश् । SHASTA ATTY TA जगतोग्डचम्‌ ॥४॥ विश्व सत्यमिति Frequent अतो)ति च । अतोऽन्यष्ागतं ge प्रागाते पितरिव्यतः nan (क) wet, at (ख) Ge र, ऋ. द्‌, | (ग) सूर 9, ५। (च) खर द्‌, ८ । (ख) wesw gs (च) Fe ad, २७, as, २९ । (षट) Te ye, ९५। (ज) TW १८१९१२० । (ग़) TZ €९०) १९१९२ । (ग) ख० eR, we Rl (ट) Be २8; We ९९ (ठ) GZ शदे, ऋ०९२५। (ड) Te ae i acc इन्दो samara | meq fz ange दा विंश्गमतिग्राक्षरम | अश्टिपश्चपद्‌वन्येग wate: षोडुशाच्चरः ॥१॥ सिनोवालि) args” ataght ae: | जेष्टभस्य तु tee wei wea च यत्‌ non जागतानि दितौोयद्च(न) fattared उन्तमम्‌(२)(९) । गायने भवं तश्च सारखन्या*वतुष्ुभौ ॥८॥ दमा Bf दृतौ चोद्धता साति्करौ । wee दिजिष्टुममं) Gi सप्तद शनत यत्‌ ॥९॥ waited चतुख्िश्रमेकजिंशं च षोडशम्‌ । एकविंशं जयो विंशं चतुर्विंश सप्त ane ct एतानि चष्टुबन्तानि गम्यतां जागतेव्वपि ॥९म ०॥ इति दितोयं मण्डलम्‌ | (९) पश्चमाश्नर उन्तमे(द) इति पाठः सम्भवितुमश्रति। (क) ख° २२० ऋ०१। (ख) Ge Val (ग) Te Re, we 8। (च) He RR, Be Ri (ठ) Te aR, Weds (च) | ae, wee] (क) य° द२, ऋ०८। (ज) ०२९, adi (a) सू २८४, ९७ । (भ) TR, as! (ट) खण Rei (ठ) |G ar} (ड) Ge ४९, चट ° rd, १७ । (7) Ge st, ऋ० ९८। (द) Te oe, MORI (त) Tie, We =e} (च) TW va, We va; | RS, HW WU; De RU, We ७; Te Xd, MWe €; To Rt, we ५; Geo RR, We LE; TW २४ We UE (द) Te २५४, ai | BIBLIOTHECA INDICA: COLLECTION OF ORIENTAL WORKS PUBLISHED BY THE ASIATIC SOCIETY OF BENGAL. New Series, Nos. 722, 760, 794, anp 819. VRIHAD-DEVATA EDITED BY THE LATE RAJA RAJENDRALALA MITRA FASCICULUS IV. CALCUTTA: PRINTED AT THE BAPTIST MISSION PRESS. 1892. अथ तृतैयं मण्डलम्‌ | ` दितोयकञ्च aaa विश्वामिचस्य जागते । waa” वातं am चिष्टबस्येन्तमा(')मिदत्‌ ॥१॥ fae दे च area” बारेतादुन्तराणि तु । षोडशे षडुचे सके) प्रगाथा IAT हचाः ॥२॥ तुभ्ये स्तोकाग)टतवन्तः*) area water” | ये ठक्णणखः पुरोग्याबः) oyu @ are: nen जिष्टुगेव fargo तुभ्य atial गज या । सतोरटरत्थौ तचः दे श्रोजिष्ठन्तेर दश किपः) ॥४॥ श्रतोऽन्यच्चष्ुभं warfare” इत्यतः | श्रनुष्टुभादि गायच(र) वेराजं चोत्तरे) ततः ॥५॥ sae” जागतं तस्य निष्टभस्तिख ora” | गाये SAL GA तयोः TS SAT et (क). खर (ख) Ges (ग) Gel (घ) Ge, र €। (ख) ख० १० । (च) Go xr, १२ । (क) Be rg (भ) Te Rr, we 21 (भ) Jo Rt, we et (स) Bezel (ठट) Ws, Ke} (ठ) Ge ८९, ० 8। (ङ) TS, We Ol. (ए) Terr, wes (ण) Ge २९) Wout (त) BW रद्‌, We Rl (य) द०रद। (द्‌) ख २४ । (ध) उर eal (न) ठर रद्‌ । (प) TW २९, Be 9, =€। (फ) Fo Xe, २८। 37 Ree छन्दो ऽगुक्रमणी | ` उष्णिचिष्टलगत्येष९ दरतोयाप्र्तिढषदः(* । | श्रसतौद(गन्तेठभं. तस्य जगत्धौ रे उपोन्तमे(ग) you एकाद भौव) च षष्टो च तावन्धोऽन्या श्रनुष्टभः | प्रथमा च. चतुय च दश्मौ दादश चया॥८॥ एता WEEN: स्वां alata चोत्तमा | श्रतोऽन्यननष्टभं सवे यदिदं मतिगरित्यतः ren श्रतु्रभाग न्तु दत्य गायनं GM Masa | | गायत्राणि तु वे Wha) Tulse “eq बाते ॥१०॥ दडु(गन्तराणि सूकान बेष्टान्यत्तरस्य ठ्‌ । जगत्यः प्रथमा स्ििख(स्तिस्लो गायच्च saan” ae १॥ Taga” तस्य waar जगतो निष्टत्‌ | पञ्चमो.) चोत्तमेन) च दे चि्टुभख्ेषटुमे we ne en aman तु sme गायचौ च wate” | (क) Go VS, We २, ४,५ । (ख) Te RE | (ग) Tore, Wens, १५। (घ) Geo २९.) भट०९९ । (ङ) Be Re, We द| (च) T Re, He ९, 8B, te, LR | (क) Ge शश, चट te! (ज) Ze ३९ । (भ) ° RO, We १९। (भ) Te RO! (ट) Te Be, Bt, ४२। (ठ) |e aR | (ड) Ge 98, ४५। (ए) Te vd, ४७, ec, se, ५०१५९ | (य) |e ४९, ऋ ०६, २,९। (त) Te ५९, We ९० UV, UR (य), Te ५२। (द) He ५२, ऋण द| (ध) Te ५९, We ai (न) Te ug we ७, ८। (प) Be wR! (प) Te wk, We red (ब) द. ५३, We wal ५ rn eee णि व 1 (&) veer पाठो मवितुमदति SANG मखम्‌ | २९१९ अनुषटुभस्ठ वि च दाविंभौ wan” च ar yan श्रष्टाद ग्नौ. द्यस्य जगत्येव तु षोडुग्नौ.ग) | इमं मह उपक्रम्य बेष्टभान्युन्तराणि षट्‌) ॥ १९ ४। तेषां षष्ठे चतखस्तु AF गायच्च oHAT । STATA” सक्ते सप्तं दे उपोन्तमे | Taga” तस्य freafera™ श्रादितः ug we दति दतौयं मण्डलम्‌ । (क) खण UR, We ६९२, Re, २२। (ख) ख० ५९, We vei (ग) ख० ५३, We Xd) (घ) Te vs, ५५, vd, ५७, us, ५४९ । (ठ) Ge ५९) HG St (च) Ge ६०। (षो qui (ज). ख dai (ग) एण de, ऋ १, २, BI | Tree); अथ चतुथे" मण्डलम्‌ | प्रथमा”) बेषुभेग्वटिरवामदेवस्छ षट्पदा | fatter तिजगत्यस्य ढतोया स्यां निचुद्धूति; uaa सप्तमस्य तू ewe प्रथमा) जगतो निचत्‌ | अनुष्टुभः पराः पश्च प्राक्‌) ससस्य यदि(ष)त्यतः ॥९॥ गायत्रे द ग्रमे GM भुरिजः Wea | उश्णिहो वा विराजस्ताः.ग) पञ्चम्या“सामनुष्टपा nen थ द्मे च महापूर्वा पदपद्धिनिंगद्यते | = श्द्रिहीतेम)ति गायं नवमं चाष्टमं) च यत्‌ ॥४। अयं चक्र.गमध ओतं) श्क्रर््यावस्य ते उभे । areata तु वे जौणिढ) न किरिष्रेति तज तु ॥५॥ वामं वामनते क KAMAE eae: | चतुर्थस्यातुवाकस्य जागतं Ga ॥ ६॥ (क) Geri, Mex! (ख) दर, ऋ०२। (ग) Gt, we ai (घ) Geo, wets (ङ) Go, Wek, २, ०५. ९। (च) He ७, me €| (क) Ge, Bet, % Rl (न) Tore Be B, द, ७, SI (भ) aye, woul (ज) ख०९५। ()asel (ठ) ख ९७,.ऋ० १४। (6) To Re, We ५ । (ए) २. २०; ९२, २२८। (a) Ge.Re, We २८४ | (त) Te RV, We Rel (य) Te ९० ऋ*५। (द) ae ey} ae . ^ . : चतुथं" मखशम्‌। ९६३ Mae EN RATATAT RA चोभयोः ।. wear) स्टचमुद्धूत्य श्रष्टमश्चापि जागतम्‌ yon शरतुषटुएप्तमस्याग्या") चतस्तोऽन्या ay पञ्चमे । पञ्चमखानुवाकसख्य मध्ये masa) ॥८॥ दितौयश्च(* तोयश्च न सकते ्ानुष्टभे उभे । गायच सतप्तम(ग) om जागते नवमाष्टमे() pen मवमस्य तु ये ते fatter ay विना | | Trea AAT erate) पञ्चमस्य तु ॥१०॥. एकादशस्य गायनसतचोऽभयो (गद्‌ मस्य च | । aren तु दितौया च एतया stn च ar wage Frere: पुरखणिक्‌ च पञ्चमो? ॥११॥ ` इति चतुथ मण्डलम्‌ । ` eee क) द° RG, ० < ; Te ९५, we ७ । (ख) Fe ४० ऋ० ९। (ग) ख" RE, ऋ“ ¶। (घ) स ९७, wey, ६,७,८। . (ड) a ४९ 821 (च) छ ७७ । (क) esl (ज) Be ५९२। . (भ) Bus wel (भ) Be ५७ We gi (ट) Te us, कण ee | (3) Hew, ऋ० ९० । (ड) Tow, wes, €, १०} Teo uy, we ४, ९, ७ | (ए) He ws, we RR, <। (य) Fe ४०) We yt [ २९४ | अथ UWA मण्डलम्‌ | -~---ॐ->€ tio आनुष्भानां खक्रानां पद्किरन्या^निमण्डले | उरोष्ट दद्र ग)कूष्टो ष)ऽच्छ'र)बलित्या दे()यदद्य.) च ॥१॥ विदा्श्राविकितानेति gaara तु । श्रकीणां Tea” am गायनं पाद्कुमु त्तर) ॥२॥ आनु्ुभं era जागतं सकमष्टमे९) | मवमं TAO Yat BR श्रात्ुभे तयोः ॥९॥ wae पञ्चमो (पद्ध तुथो (" चरमस्य च । wise सवंमाप्रवेधस(क)र्त्यतः ॥४॥ छड््योपोत्तमे GH arse इत्युभे | mache चतुविंश raf च शागतं ॥५॥ wet पराफि aaa” Harare: | चतु्ऽन्या(गविरा्कुपा श्र्े(गगायश्यौ लिड ॥६॥ (ष) दुर 9, Ud, YO, WS, Re, २९; २९, RR, RI (ख) खु» ३८। (ग) Tel (घ) छख. ७४ । (ङ) Pray (च) He ९०, ८७ । (इ) Geogr (न) द° onl (भ) we edi (भ) ख*५। (adi (ठ) ख| (ari (ढ) & €; ve | (ग) ख €, ऋ ul (त) Tore, च. 8। (य) se val (द) ख" १९, ९९ । (ध) Weel (न) FW tg, १७, १८, २९, २८०, २१, २२, RAI (प) Tees, ऋ०५। (फ) ख० १९, We, RI. Se a पञ्चम Away | २९४ VIIA) च ड गायनं तत TAT” । TSM gM परे पूर्वापरौ wet wer BIST च गायच्चौ "र उत्तरस्योत्तरस्तचः | चिष्टुमेकान)जगत्येका^जिषटुबेका ^) दितः ८॥ चेष्टभान्येव(र gets wma जागतं(ग) | एतत्तु Peay aa रश्रानुष्टुभं परं ॥९॥ स श्रागमके्टुभे FO दे) एवानुष्टभे उरोः | स श्रागमदिति ae द्रतौयाण्) जगतो सता ॥१०॥ ` उत्तराणि त खूक्रानि(र चलारि Sear: | तेषामेका तिजगतौ दितौयस्यास्ति षोलश्नोष) ne ei प्रथमस्य aye प्रथमान) fers उश्णिः | श्रमि न ce fafeg ae ater” ne en एता एतेषु waa यं AO QAM aTT । | (क) Gere! (ख) Gra (ग) TeX (घ) |W Re, ०१, २, RI (य) Te २७ We 8५, ६्‌। (च) Te २८ We 8। (चट) छर २८, ऋ० ५, ६। (ज) Tors, Wert (भ) Te २८, च २। (ज) FT २८, Be Ri (ट) To २९) Bo, Rt, RR, BRI (3) qo 2७ । (ड) Ge २९, ऋ €। (ए) ख. २५। (य) we ६९, ROI (त) TR, ९९ । (च) Te RG, WRI (द) | ee, 9२, ४२, BRI (ध) ख" ४९, We td | (4) ख ९०, ० ९, २, ९।. (प) Ge ar, We tel (फ) | or, Were! (व) Te ९२, we ९६। (भ) ख." BR We ९५। (म) Te 9०, ऋ* € । (ब) Tee, ee गी | | | ध Red चन्दोऽगुक्रमणो | ATA VAT व्यत्यसात्पन्तराणि षट्‌ ॥१६॥ ` awe दिचिष्टुब("म्तं am तं WAIST: | Freee ™ एतौ यस्वाप्प्न साकं दितौयया*) ne ४। विश्च) mated खलं Ha: TeeGate” | आधा)खतस्लो गायत्थः उन्तरस्योष्णिहख gz ॥१५॥ frog जगत्यो वा fraM arn र श्रुष्टभौ | उडत्य षोख्ों पद्ध षष्टोगमानुषटुभं पर ie gi को Ign way चाष्टमो दादश च a | तौया(ग'लुष्टुबेवास्य fata इतोनिष्टत्‌ ue on पञ्चमोपश्चदग्याटी(प्रगायौ काकुभौ gat । ककुभः प्रथमा यास्य दशम्येकादश्रौ.वः चया॥१८॥ जिष्टाः खतोडरव्योऽन्या.रुश्तूरथ्याः(५) पुरउष्णिहः | चतु्थेस्यातुवाकस्य जागते दे sat” ॥१९॥ उपागा.) प्रथमे frequen gat ae: | (क) Ge 88, 8९६, ४८ । (ख) FT ४५, 89, se (ग) | 89. चट० २९, cul (च) द° eg, Wel (ठ) ° ४९, we २। (च) ० ५०। (क) Tu, ous (ज) Tur, We 2,8, ३, ४। (भा) ख० ५९) ऋट० ५, €, 9 ८ ९,९०। (ज) Gor, कटर Qt, १२१ WRI (ट) Tew, ० ६४, ww (ठ) To ५२, We Fre | (ड) Ze wk, We ८, ९२ । (ए) ०५६, Wee! (क) Te ५६, ऋ०२। (व) we US, We ४, ध, Vu, १६९ | (थ) सू० ५३, we १, १०१ ९९ I (द) द ०५९, Wo ७, €, ९१,१४ । (ध) सू० ५९, we ol (न) Boys, ४५ । (प) Zeus, we ९8। (फ) सण wy, we vel पञ्चमं ABA | RES ora” वाहनं we wet बारेतौ वृषौ ng en Ratamafa: gd: aehafaMenc: | उत्तराणि तु चत्ारि mana ata षट्‌ ne va fafasan® तत्राद्यं fara aqua | age”) मध्यमयोसतजरापि जिषटवुत्तमा ae en. खक te fa गायत्रमनुष्टपतस्य पञ्चमो | एका सतोषटरत्यस्य नवमौ Ie परम्‌.) 112 ak चतस्य, जागत सुक्र चला य्या(गगुषटुभान्यय । TIA) TAO च दे गायने) चेक(य)मौ ष्णिहम्‌ neve आनुष्ुमे(रुच a) च Set Se” ततः | एक(मानुषटुभं तस्य aera ere उष्णिहः ne un afta fata Faeqer लच प्रतीयताम्‌ । सपोत्तराणि खक्तानि पादकः) चेष्ठभ.ग)जागते(य)॥ २ ६॥ (क) ० ५९। (ख) Teas, we २,६। (ग) Te we ४९१ ६, St (घ) BG ५७, ५०, ५६, ६० । (ठ) Tous, we a,c] (च) Gedo, Be ७ ८। (छ) ख" ५९, wes) (ज) ख. grt (भा) खर qt, Weal (ज) द° qt, wees (ट) |e eas (ठ) ख° ६९। (ड) we 8, du, दद, ६० (ए) Ge ¶१८। (या) Be ९ । (त) Toe, ext (च) Geers (द) |e se, ७8 । (ध) He oul (न) Ge oq, 99 । (प) द» OK] (फ) | es, Ht, २, R21 (व) A अर, wWe si (भ) Te oe | (म) Ze ८० । (य) Ge ८१। a 38 Rec दन्दो ऽगुक्षम मौ | गायं Yes (अच इं मध्ये erage” तयोः | लागतोऽच्छावदेत्यसिन्िटखा.)निति TTS: WR ON तक्वितुरैणो म*) ee Marge । eam gre विरारपूवां aan ॥२८॥ शिष्टा woe: सवां श्रतिजागतस्ु्तमम्‌न) । इति vga मण्डलम्‌ | (क) ge Qi (ख) द° ८९, ८५ (ग) wT sei (घ) ZT SR चट ० २, ९, ९ । (दख) TR, Well (च) Fe ४ @ ॐ £ ¢> @> #» ¢ @ © @ ॐ ¢ ॐ ¢ @ @> as न पर dammnee re BIBLIOTHEGA: INDICA | A [oLLECTION OF PRIENTAL Works PUBLISHED BY THE 4914110 SOCIETY OF BENGAL. New Series, No. 760. nr re a -- -----~ er ~ TeEedeil | BRIHADDEVATA : AN INDEX TO THE GODS OF THE RIG VEDA, ` षि SAUNAKA ACHARYA. EDITED BY RAJENDRALALA MITRA, C. I. E., LL. D. FASCICULUS JI. CALCUTTA : PRINTED AT THE BAPTIST MISSION PRESS, AND PUBLISHED BY THE ASIATIL BUCIETY, 67, PARK STREET, [ 1890. णी" ee ee LIST OF BOOKS FOR SALE AT THE LIBRARY OF THE [॥ AAsIaTic SOCIETY OF PENGAL, No. 57, PARK STREET, CALCUTTA, APD ONRTATNARLE FROK THE SOCIETY’S LONDON AGENTS, MESSRS. TRUBNER & CO. 64 anp 59, Lupeatr Hitt, Lonnor, E. C. BIBLIOTHECA INDICA Sanskrit Series o~ Advaita Brahma Siddhi, Fasc. I—1V @ /6/ cach va Rg. Agni Purana, (Sans.) 1५५८. II—XITV @ /6/ euch os oe Anu Bhasbyam, Fasc. I .. st Aitareya Aranyaka of the Rig Veda, (Bans.) Fasc. I—V @ /6/ 6861 =, Aphorisms of Sandilya, (English) Fasc. I 93 Aphorisms of the Vedanta, (88६8. ) 72980. VII—XITI @ /6/ coach rr Ashtaséhasrik4 Prajndpframita, Fasc. I—VI @ /6/ each .. छ Afvavaidyaka, Fasc. I—V @ /6/ each 4 ९११६118 Kalpalataé by Kshomendra (Sans. & Tibetan) Vol, I Fasc. 1—2 @ 1/ ee ee ee Bhamatf, (Sans.) Fasc. I—VIII @ /6/ each = ,* os es Brahma Satra, (English) Fasc. I... ee ee | oe Brihaddovats, (Sans.) Mase. T—1T @ /G/ onch =, ४ ee Byihnddharma Puréuam, Faso. I—I1 € /6/ ouch न Byihat Aranyaka Upanishad, (8818. ) Fasc. VI, VIT & 1X @/6/each ., Ditto (English) Fasc. II—HI @ /6/ each dig ८ 110९४ 89०01४6, (8018. ) Fasc. II—III, V—VII @ /6/ each.. ‘i Chaitanya-Chandrodaya N&taka, (Sans.) Fasc. II—III @ /6/ each > Chaturvarga Chintamani, (Sans.) Vols. I, Fasc. 1—11; II, 1—26; ITI Part I Fasc. 1—18, Part II, Fasc. 1—5 @ /6/ each ०७ a Chhandogya Upanishad, (Inglish) Fasc. 11... ee ee Dafarupa, Fasc. II and III @ /6/ ee ०७ as Gobhiliya Grihya Sitra, (Sans.) Fasc. I—XITI @ /6/ each .. ४ Hindu Astronomy, (English) Fasc. [- 111 @ /6) each a6 ५ Kala Madhava, (Sans.) Fasc. I—IV @ /6/ oe ० ध K&tantra, (Sans) 7880. - शा @ /1४/ 6न्लौ = ०, ee Ss Katha Sarit Sagara, (English) Fasc. I—X1IV @ /12/ each .. ४ Kanushitak{ Brahman Upanishads, Fasc. II ee oe वि Kirma Puréna, (8६18. ) Fasc. I—IX @ /6/ each Se Ge Lalita-Vistara (Sans.) Fasc. II—VI.@/6/_—.. oo - Lalita-Vistara, (English) Fasc. I—ITI @ /12/ coach 9 इ Madonna 16111६६0, (318. ) Fasc. 1-- ४1] @ /6/ cach क क Manutiké Sangraha, (8018. ) I‘asc. I—I1I @ /6/ each os a Markandeya Purana, (Sans.) Fuso, IV—VII @ /6/cach = ,* a Markandeya Purdna (Eng.) Fasc, I—II @ 12/ each नि i 81176986 Dargana, (Sans.) Fasc. LI—XIX @ /6/ each oe ६ Nérada Pancharétra, (8878. ) Fasc. IV (4 fg Nérada Smriti, ( Sans ) Fasc I—ITI @ /6/ oe ee ee Nayavartikam, (Sans.) Fasc. I ("वां Nirukta, (Sans.) Vol. 1, Fasc. ए-- ए ; Vol. II, Fasc. I—VI!; Vol. ITE, Fasc. I—VI; Vol. 1V, Fasc. I—VII @ /6/ eack. Fusc Nitiséra, or The Elementsof Polity, By Kamandaki, (Sans.) Faso, II—V @ /6/ each oe ee ee ee ee ee Nyayabindutika (Sans.) 6 इ ६ Nydya Dargana, (8878. ) Fasc. ITI Nyfya K 1s2ménjali Prakaranom (Sans.) Vol. I, Fasc. 1—5 @ /6, each Parigishta Parvan (Sans.) Fasc. 1—1V @ /6/ each és ge (Continued on third page of Cover, ~m~—OOe © Cr € @ ^= ee NH &ॐ ^= WOOO ॐ += ^ pO 03 & = Ome ~ > @ 689 = NNOMO & = (क्व bo >> to = wm P OOo @ ॐ ॐ 58 90 [न (ee — (कवं #>» ANDAs @ @ॐ ५९ bt क © > @ © © BIBLIOTHEGA INDICA ; | A ~ PUBLISHED BY THE गि 11 OF PRIENTAL Works 4314116 SOCIETY OF BENGAL. New Strins, No. 794. res ॐ: + जो ¶ a ny i Se चः [ ‘ 4 3 नि, (4 > = (> 2 ४) TSS iy ५ ~ ¢ ~ ९; [~ vd २ x || - {९ १ | +,” , । hb 1 , #। , . ‘ ५1 क णण णभ, 1 यअ इददेवता | BRIIADDEVATA : AN INDEX TO (गाए GODS OF THE RIG VEDA, BY SAUNAKA ACHARYA. RDITED BY RAJENDRALALA MITRA, 6. I. EB, LL 1). FASCICULUS III. ~~ ~~~ ee . CALCUTTA : PRINTED AT THE BAPTLST MISSION PRESS, AND PUBLISHED BY THE ABIATIC SOCIETY, 57 PARK STREET, 1891. LIST OF BOOKS FOR SALE 4T THE LIBRARY OF THE ASIATIC POCIETY OF BENGAL, No. 67, PARK STREET, CALOUTTA. AND OBTAINABLE FROM THE SOOIETY’S LONDON AGENTS, MESSRS. TRUBNER & CO, &7 awp 59, Lupeatrr Hitt, Lonnpor, E. C. BIBLIOTHEOA INDICA. Sanskrit, Series. Advaita Brahma Siddhi, Fase. I—1V @ /6/ each Agni Puréna, (81008. ) Fase. II—XIV @ /6/ each Aitareva Ayanyaka of the Rig Veda, (Sans.) Fasc. I—V @ /fi/ ero Pm ७ > क 8 ` ee त Ks Aniruddha’s Commentary (English) Fasco.I .. oe as Anu Bhdshyam, Fase.I .. oo , oe oe Auirnddha’s व (English) 7986. =°, ०१ en Aphoriema of Sandilya. (English) Fasc. I 1 . + Avhorisma of the Vedanta, (Sans.) Fuse. VIT—XITT @ /6/ ench ae Ashtaséhasrika Prajndpdramita, Fasc, I—VI @ /6/ each .. क fee Agvavaidyaka, Fasc. I—V @ /6/ each = ९७ ९० 2 © ॐ @ ^~ ^ ~ Avadéna Kalpalat&é by NKshemendra (Sans, & Tibotan) Vol. I 117. 1-3 @ 1/ Vol. II, Faso.1 .. ०७ ee oe Bhamati, (Sans.) Fasc. I—VIIT @ /6| each si. ०, as Brahma Sitra. (English) Fasc. I... : oe ४ Brihaddevaté, (8६08. ) Fasc. I—II @ /6/ each .. ६ ss Brihaddharma Purénam, Fasc. I—I1 @ /6/ each Brihat Aranyaka Upanishad, (Sans.) Fasc, V1, VII & IX @ /6/ each Ditto (English) Fasc. II—IT!I @ /6/ each हु Brihat Sau hita, (Sans.) Fasc. II—III, V—VII @ /6/ each.. Chaitunya-Chandrodaya Nataka, (Sans.) Fasc. LI—III @ /6/ each aa Chaturvarga Chintamani, (Sans.) Vols. I, Fase. 1—11; II, 1—26; II. Part I Fasc. 1—18, Part II, Fasc. 1—7 @ /6/ each ०५ ह Chhandogya Upanishad, (Mnglish) Fasc. II... 4 93 Dagarupa, Fasc. Il and ITI @ /6/ re ee Gobhiliya Gyihya Satra, (Sans.) Fasc. I—XIT @ /6/each ., च Hindu Astronomy, (English) Fasc. II—III @ /6 each = ०, ss ` Kéla Médhava, (Sans.) Fasc. I—IV @ /6/ १ a2 Katantra, (Sans‘) Fasc. I—VI @/1z/ each. 3 sf Katha Sarit Sagara, (Iinglish) Fasc. I—X1LV @ /12/ each ,, 9 Kaushitakf Brahman Upanishads, Faso. IT (4 we ४ Karma Purdon, (9108. ) Mase. 1-- 12 @ /6/ each {4 Lalitn-Vistara (Sans.) Fasc. I—VI. @ /6/ ws - bs, Lalita-Vistara, (English) Fasc. I—III @ /12/ each a ay Madana Périjata, (Sans.) Fasc. I—VIII @ /6/ each हद se Manutiké Sangraha, (Sans.) Fasc. I—III @ /6/ each ve शः Markandeya Purana, (8818. ) Fasc. ए -- $11 @ /6/ ५867 == ,, ध Markandeya Purdga (Eng.) Fasc I—II @ /12/ each oe ०७ Mimansa Daréana, (Sans.) Fasc. II—XIX @ /6/ each ig ४ Narada 80805, (8118. ) 0५8९८. 1V oe oe ae Narada Smriti, (Sans.) Fasc. I—III @ /6/ ०५ ee he Nayavértikam, (Sans.) Fasc. I Nirukta, (Suns., Vol. I, Fasc. 4—6; Vol. IT. Fasc. 1—7; Vol. 1, Fasc 6; Vol. 1V, Faso. 1—7 @ /6/ enck. Fasc Nitisdra, or ‘'he Elementsof Polity, By Kamandaki, (Sans.) Faso. [I—YV @ /6/ each ® ee 1 ee ee Nydyabindutika (Sans.) Nydya K isiminjali Prakaranam (Sans.) Vol. I, Faso. 1—6 Vol. II Fasc. 1—2 @ /6/ each .. ह Parifisbta Parvan (Sans.) Fasc. I—1V © /6/ each an (Continued on third page of Cover.) © ® ~~ ०» ॐ ~ © WO बर s | amd © ^ ~~ @> = ^= ^= Owes @ @ ®> ^~ © #> © @ ०९ ट p= © @ = 13 नं Ch = @> ॐ @ ॐ © = vo ~ °< @ 2 ॐ and coer > ec Pingala Chhandah Sitra, (Sana.) ८१8८ TL-—IIT @ /6/ each Rs Prithiraj Raaan, (Sans.) Part I. Fasc. 1, Part Il, Fasc. [—V @ /6/ each Ditto (Mnglish) Part IT Faso, [ ०* ०१ ve Prfkrita Lakshnanam, (Sans.) Fnac. I Parasarn Smriti (Sans.) Vol. I, Fasc. 1—8, Vol. If, Faso. 1—4, Vol. ITT Fnac. [—2 (@ /9 onch = ,, ee ee ae ee Tarasnra, Institutes of (inglish) .. oe Srantn Stitra of Avastamhna, (Sans.) Fasc. [—XIT 2 /8/ each ०९ Ditto Asvalayana, (Sans.) Fasc. [—XI @ /6/ each न Ditto Latyayana (Sans.) Fasc. I—IX @ /6/ enoh Ditto Sénkhfyana (Sans.) Vol. I, Fasc. 1—7, Vol. If, Faso —2, @ /6/ each Sama Veda Sawhité, (Sans.) Vols I. Faso. 65—10; IT, 1—6; UIT, 1-7; IV. 1—6; #, 1—8. @ /6/ onch Fase वि १ oe Samkhyn Sutrn Vritti (Sana.) Faro. I—LV @ /0/ onoh ००. ०७ Sahitva Darpana, (English) Fasc. [- ४ @ /6/ each a Sankhya Aphorisms of Kapila, (English) Fasc. [and [[ @ /6/ each .,, Sarva Dargana Sangraha, (Sans.) Fase [1 one ०१ Sankara Vijaya. (Sans.) Fasc. II and III @ /6/ each se ag Sankhya Pravachana Bhashya. Fasc. III (English preface only) 5.5 341 Bhéshyam, (Sans,) Faso. I—II .. ०» ` oo Snsruta Samhité. (FEng.) Fase. Cand IT @ /12/ each ०७ ०५ Taittiriya (पष्‌) का (Sans.) Fase. [ --[ 2 /6/ onch ष i Ditto Brahmana ( 38.) Fase. T—X XIV @ /0/ enoh ,, 7 Ditto Samhita, (Sans.) Fasc. IX—XXXV @ /6/ench ०, ~ Ditto Pratigsikhya, (Sans.) Fasc. [—IIl @ /6/ onch =. Ditto and Aitareya Upanishads, (Sans.) Fase. II and [LL @ /#@/ each Tandyaé Brahmana, (Sana.) Fase. 1—XIX @ /6/ each . F Tattva Chintamani. Vol. I, Fasc. 1—9; Vol. If, 1—7 (Sans.) @ /6/ each Tnal’si Sat’sai, (Sans.) Faso. I—IIT on oe Uttara Naishadha, (Sans.) Fasc. 11, V—XIL @ /6/ench .. ye Uvasngadnn&o, (Sans.) Faso. I—VI @/12/ = , ० ०५ Varaha निदा, (Sans,) Fasc. I—XIIL @ /6/ कषत ais इ Vayu Purina, (Sans.) Vol. [, Mase. [—-VI; Vol. OF, nse. -ा, (क /6“ ench Fase ०० oe is Vishnu Smriti. (Sans.) Fase. [—ITl @ /6/ oach + i. Vividaratnaknra, (Sans.) Fasc. I—VIL @ /6/ ench “i क Vrihunnaradiya Purana, (8ans.) Fasc. I—6 @ /6/ : Yoga Sutra of Pataiijali, (Sans. & Enylish) Fasc. [—V @ /L4/ wach : 2 Tihetan Series Shor-Phyin Vol. I, Fase. 1—5 Vol. II, Faso. I—2 @ 1/ oach 2d Pag-Sam thi 8’if, Faso. I—II @ 1/ each Rtogs brjod dpag bsam hkhri 8115 (Tibetan & Sans.), Vol. I, Faso. 1—3 @ 1/ Vol II, Fasc. l ee ee ee a Arabie and Persian Series *Alungirnimah. with Index, (Text) Fase - स @ /6/ each Kin-i-Akbari, (‘'ext) Fasc. [—XXII 2 1/ each - Ditte (English) Vol. [ Fasc. 1—7 Vol. II Faso. L—2 aa Akbarndmah., with Index. (‘Toxt) Fasc. I—XXXVII 1/ each Arnabio Bibliography by Dr. A. Sprenger me Badshahnamah with Index, (Text) Fasc. [—XIX @ /6/ ench Qautaloenoe of Porsian books and MSS. in tho library of A. 3. B, Ena, [ Victionary of Arabio ‘Lochnical ‘forms, and Appondix, Kasco [--XXL @ 1/ ench ०५ se Farnang-i-Rashidi (णप), Faso. L-—XLV @ 1/ each! Fihrist-i-'Tasi, or, Tusy’s list of Shy’ah Books, (‘Toxt) Fasc. [—-LV @ 12/each . ६ Pa Patih-al-Shara Wagidt. (‘Toxt) Fasc. I~IX @ /6/ each .. वि Ditto KsAdi, (Text) Fasc. [—IV @ /6/ each vs ‘a Haft Asman. History of the Persian Mansawi (‘Text) Fasc. [ 5 History of the 09110108, (Enzlish) Fasc. [—VI 2 /12/ each ध Iqbainamah-i-Juhangiri, (6६) Fasc. [-1[[ @ /6/ exch - [anbah. with Supplomont, (‘loxt) 61 Kase. @ /12/ onoh =, Mauasir-ul-Umeca, Vol. I, Maso. L—9, Vol. If, L—9 Vol. (U1, L—7 (@ [6] each द a Mnghasi of Wagidi. (Text) Fasc. I--V @ /6/ each च a Muutakhab-ul-Tawérikh, (Loxt) Fasc. I—XV (@ /6" ouch (Turn over.) | -_ PP अ 69 ^+ ATOM @ ॐ ~~ ^= > @ @ ॐ ॐ = <== © @ BPehorm ^= OND ॐ» 22 ¢ > a ® भ्व ॐ ॐ ^= @@ Hand © € ॐ > ९७ 23 = = ॐ ८2 58 [ जी md ४ ० ‡ॐ > ६७ AN Dw @ ® 2 ॐ > ~ pms eaPDanwwes ome tad । ॐ की ~> Ww कष 1 oc om @ ६8 2 ॐ ९७ oe N. 8. All Cheques Money Orders &c, must be made payable to the 7 ४०५०, Muntakhab-ul-Tawdrikh (Mnglish) Vol. 11, Fasc. I—V @ /12/ ouch Ro. Sluntukbab-ul-Luboeb, (‘Vext) Mase. 1-- XIX @ ,6/ each ., we Mu’dgir-i-’Alumgiai (Next), Masc. I—VI @ /6/ each ४ ‘a Nokhbat-ul-Pikr, (ext) Fase. 1 .. ‘a 2 ० Nigami’» Khiradnamah-i-[skandari, (Text) Fasc. I and Il @ /12/ each.. Riyazu-s-Salatin, (Toxt) Faso. I—1V @ /6/ cach ४ by Bnytty’s dtqén,on the Lxegetic Sciences of tho Koran, with Supplement, 11.6६) Fasc. T11—1V, VII—X @ 1/ each ae (0 ‘Yalbaqat-i-Nagirf, (१५८४४) 1५६८. 1-- ४ @ /6/ each es Ditto (Knglish) 1१५८. [ -- X1V @ /12/ each Varikh-i-Buihaqi, (म) Mase, 1-—1X @ /6/ oavh ee = Taérikh-i-lirozshéhi, of Shams-i-Sirfj Atif. (Text) Fasc. I—V @ /6/ each Wis o Ramin, (116४) Fasc. I—V @ /6/each ae ४ Zafarndmah, Vol. 1, Fase. I—IX, Vol. 11. Fasc. I~VIII @ /6/ each.. Tizak-i-Jahdéngiri (English) Fasc. I ६ 4814110 SOCIETY'S PUBLICATIONS Astarioc Resevanciuxs, Vols. VII. 1X to XI; Vols. XIII and XVII, and Vols. XIX and XX @ /10/ ench ., Rs. Ditto Index to Vola. I—X VIII धि Ag Puvcespinas of the Asiatic Society from 1866 to 1869 (incl.) @ /4/ per No. ; and from 1870 to date @ /8/ per No. १०४४५६५7, of the Asiatic Society for 1843 (12), 1844 (12), 1846 (12), 1846 (6), 1847 (12), 1848 (12). 1860 (7), 1851 (7), 1867 (6). 1868 (6), 1861 (4), 1864 (5), 1865 (8), 1866 (7), 1867 (6), 1868 (6), 1869 (8), 1870 (8), 1871 (7), 1872 (8), 1873 (8), 1874 (8), 1875 (7), 1876 (7), 1877 (8), 1878 (8), 1879 (7). 1880 (8), 1881 (7), 1882 (6), 1888 (6), 1884 (6), 1886 (6) 1886 (8), 1887 (7). @ 1/8 per No. to Sub. ucribors and (@ 2/ per No. te Nun-Subscribors, 1 1 7 1 96 ee 10 Tavikh-i-Pirds Shahi of Zina-al-din Barni (1०२६) Fase. I—V1 @ /6/ oh 2 3 1 1 6 0 ~ 4४. the figures enciosed iu brackets give the number of Nos. 914 each Volume. Centenary Review of the lescarches of the Society from 1784—1888 .. General Cunningham's Archmological Survey Report for 1863-64 (iextra No., J. A.S. B, 1864) .. ta is a 6 Theobald’s Catalogue of Reptiles in the Museum of the Asiatic Society (1४0 No., J. A 8. B., 1868) . a ms iy Catalogue of Mammals and Birds of Burmah, by E. Blyth (Extra No,, J. A. 3. B., 1875) ९ त 7 Sketch of the Turki Lunguage as spoken in Eastern Turkostan, Part IT. Vocabulary, by R. B. Shaw (Extra No., J. A. 8. B., 1878) - Introduction to the Maithili Lunguage of North Bihar, by च. A. Grierson, > Tart 11, Chrestomathy and Vocabulary (xtra No., J. 4.8. B., 1882).. Anis-ul-Musharrahin .. ate Catalogue of 1039) Vertebrata : ध Catalogue of the Library of the Asiatic Society, Bengal ८ ae Examination and Analysis of the Muckonzie Manuscripts by the Rov, W ‘Taylor .. ०५ sa sad se Han Koong "186, or the Sorrows of Hun, by J. Francis Davis Igtilahat-ug-Siitiyah, edited by Dr. A. Spronger, 8vo. त Indyah, a Commentary on the Hidayah, Vols. LL und LV, @ 1 ९१/ each Jawami-ul-’ilm ir-riyagi, 168 pages with 17 plates, 4to. Part I Khizanut-ul.’ilm ei ३4 Muhabhdrata, Vols. I{I and र, @ 20/each =, ae a Moore and Hewitson’s [Descriptions of New Indian Lepidoptera, Parte [—111, with 8 coloured Plates, 4to. @ 6/ each Purana Sangraha, | (Markandeya Purana}, Sanskrit a : P Sharays-ool-Islam we se a i ति Vibotan [लमा by Osoma do Kérés ie 9 Ditto Grammar + ss Pe es os Vuttoduya, edited by Lt.-Col. G. E. fryer i ee Notices of Sanskrit Manuscripts, Fase. I -XXIV @ 1/ each Nepalese Buddhist Sanskrit Literature, by Dr. R. L. Mitra . ee Asiatic Soviety ”’ only. € eo ww © ee @ कष क~ = © £ ek == & € क te कट, = ®= द |+ 24 Oa ॐ 5 &- ६२ @ © Qo Oo ca [॥ oa a ॥ ee eee ee || a =H = rp I BIBLIOTHEGA INUIGA ; A COLLECTION OF QURIENTAL Works PURKLISHED BY THK ASIATIC SOCIETY OF BENGAL. New Senins, No. 819. we me 7 ee ee ee 9 17 ee eo eee च cee oe — ee eee {4 * = | 1 A Bld ६. c=] (1 . ।| 4 4 br -- ; i | is (1 {1५ १:31 ॥ SRA is De | ¬ क => - ~ —* ^~ a 4m dade इददटेवता | BRIILAD-DEVATA : AN INDEX TO THE GODS OF THE RiG VEDA, BY SAUNAKA ACHARYA. KDITED BY THE LATE RAJA RAJENDRALALA MITRA, C. I. 2. LL. D. FASCICULUS IV. "मि षी oe - Oe ee त eee I I eee CALCUTTA : PRINTED AT THK BAUTIST MISSION PRESS, AND PUBLISRED BY THE ASIATIV SUCIETY, 67 PARK STHERT. 1892. , LIST OF BOOKS FOR SALE AT THE LIBRARY OF THE fsiatic POCIETY OF PENGAL, No. 57, PARK STREET, CALCUTTA AND OBTAINABLE FROM THE SOCIETY’S LONDON AGENTS, MESSRS. KEGAN PAUL, TRENCH, TRUBNER & CO., LD. PaTERNOSTER House, Cuarina Cross Roap, Lonpon, W. C. NIN FNRI NT NII SLO Complete copies of those works marked ९०४८9 an asterisk = sannot be supplied—some of the Fascicult being out of stock. BIBLIOTHECA INDIOA. ` Sanskrit Series. Advaita Brahma Siddhi, (Text) Fasc. I-IV @ /6/ench = ,,, Is. *Ayni Purana, (Text) Fusc. [I—XIV @ /6/ each Aitareya Aranyaka of the Rig Veda, (Text) Fasc. I—V @ /6/ each Anu Bhdshyam (Text) Fasc. I—II ... aes Aphorisms of 3६41139, (English) Fasc. I * Aphorisms of the Vedanta, (Text) Fasc. VII—XIII @ bf each Ashtaséhasrikaé Prajyapdramité, (Text) Fasc. I—VI @ /6/ each ocd Agvavaidyaka, (Text) Fasc. I—V @ /6/ each... Avadina Kualpalata, (Suns. and Tibotan) Vol. I, Fasc. I-TII; Vol. 11. Fase ॥ @ 1 eos ; sii (०) (Text) Fasc. II—VIII @ /6/ cach... ste sic Brahma Satra, (Mnglish) Fase. I... 9 । Brihaddovata (T'ext) fuse. [- 111 @ /6/ each... Brihaddharma Puréna, Text) Fasc. I and II @ /6/ each... *Brihat Aranyaka Upnanishad, (Text) Fasc. VI, VII & IX @ /6/ each श Ditto (English) Fasc. LII—III @ /6/ each - *Brihat Sawhita, (Text. Fasc. LI—III, V—VII @ /6/ cach *Chaitanya-Chandrodaya Nataka, (Text) Fasc. II—III @ /6/ cach = Chaturvarga Chintamani (Text) Vols. I, Fasc. 1—11; 11, 1—26; ITI Part I, Fasc. 1—18. Part II, Fase. 1—9 @ /6/ each *Chhandogya Upanishad, (English) Fase. I *Dusurupa, (Toxt) Kase. 11 and 111 @ /6/ Gopatha Brahmana, (Text) asc. [-- 11 #Windu Astronomy, (Kuglish) Fase. 1I—T @ /6/ ouch Kala Maédhaba, (Text) Fasc. 1—-1V @ /6/ cach ... Kitantra, (Text) Fasc. 1---VI @ /12/ each 0 Katha Sarit Sagara, (English) Fasc. I—XIV @ /12/ each ... *Kaushitaki. Brahman Upanishads, (Text Fase. IT ; Karma Purana, (Text) Fase. ]—1X @ /6/ cach vn पि *Lalita-Vistara, (Text) Fasc. III—VI @ /6/ each is see Ditto (English) Fase. [-- 111 @ /12/ cach as : Madana Parijdta, “loxt) Fase. 1—1LX @ /6/ each 9 Manutiké Sangraha, (1५२४) Mase. 1--111 @ /6/ each *Markandoya Purana, (Text) Fasc. LYV—VI1 @ /6/ each Markandeya Purana, (English) Fasc. I—II @ /12/ each *}{imimad Dargana, (Text) Fasc. II—X1IX @ /6/ each ह श *Naérada Pancharftra, (Text) Fasc. 1V ; ais oc Narada Smriti, (Text) Fasc. I—I1II @ /6/ an 0 on Nyayavartika, (Text) Fasc. I *Nirukta, (Text) Vol. I, Fase. 4—6; Vol. II, Fase. 1—6; Vol. III Fasc. 1—6; Vol. 1V, Fasc. 1—8 @ /6/ each ... *Nitiséra, or The Elements of Polity, By Kémandaki, (Sans.) Fasc. II—V ॐ @ /6/ each ass ; Nyayabindutika, (Text) ... Nyayo Kusumanjali Prakarana (Text) Vol. I, Fasc. 1—6; Vol. II, Fasc 1—2 @ /6/ each ५ urisishta Paryan, (Text) Fasc. I—1V @ /6/ each ~ Ce (Continued on third page of Corer.) mo 89 © © = = = om crm & "~ SCN me 3 08 Crm OOK = — este = b= CO 2 = i pe This book is a preservation photocopy. It was produced on Hammermill Laser Print natural white, a 60 # book weight acid-free archival paper which meets the requirements of ANSI/NISO Z39.48-1992 (permanence of paper) Preservation photocopying and binding by Acme Bookbinding Charlestown, Massachusetts a 1996 Digitized by Google Digitized by Google Digitized by Google Digitized by Google mn ।,