Bodleian Libraries UNIVERSITY OF OXFORD This book is part of the collection held by the Bodleian Libraries and scanned by Google, Inc. for the Google Books Library Project. For more information see: http://www. bodleian.ox.ac.uk/dbooks ठठठं This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial- ShareAlike 2.0 UK: England & Wales (CC BY-NC-SA 2.0) licence. bd 2)... Hed: Cand | Indian Austitute, Oxford. अथ ओ कवि चंद atk छत gaia वैदहान रसै लिष्यते | ॥ १॥ आदि Tet ॥ १॥ प्रथम साटकङंद॥ आदि प्रनम्य नम्य TRS वानीय वंदे पयं ॥ fae धारन धारयं वसुमती Wala चरनाश्रयं ॥ तमगुन तिष्ठति इस दुष्ट+द्‌ इनं सुरनाथ सिदिश्रयं॥ थिर चर जंगम जीव चंदनमयं WIG वरदामयं॥१॥ वथुञखा छद्‌ ॥ प्रथम सुमंगल मूल Baga ॥ स्मृतिसत्य जल सिंचिय इ ॥ सुतरु WH धर wa उभ्यो ॥ चिषट साष रभ्मिय Paget ॥ बरन पत्त मुष पत्त! सुभ्यो ॥ * This reading is from A. + 2. in both पत । B म्‌ खादि पव्वै। कुमुमरग WITE* सुफल ॥ उकति AeA अमीर ॥ रस द्रसन पारस रमिय॥ अस असन कवि ATW kt कवित्न ॥ प्रथम किय मगल प्रमान tt निगम संपूजयः वेद्‌ धुर $ faqa साष बिह चक्त॥ बरन लगे सुपत्त्र tt त्वचा NA Vacs tt सन्त wea चाव दिसि ॥ कमं सुफल उदयत ॥ Baa सुत मध्य वसि ॥ Se a वाय नुप नीति भति खाद Baa जोवन करिब ॥ कलि जाय न लग्गे कलंक इहि ॥ सति मति आअढति धरिय॥३॥ * दे. {परस 4. ई संपजय 8. wife 7a | g कवित्त ॥ qufa भूमि faa क्यार ॥ वेद सिंचिय जलं पुरन I बोय सुबय लय मध्य॥ ग्यान BAC AIA I चिगुन are संग्रहिय॥ नाम ae पत्त ta fata a सुक्रम सुसन Geary सुगति wat द्रव संगति। दूज सुमन डसिय) बुध पक्त रस ॥ az fama गुन पस्तरिय i तरु इक साष चय लाक ate अजय faa गुन विस्तरिय॥ ४। AT भुजंग प्रयातं | प्रथम भुजंगी TIT TSF | faa नाम रकं अनेकं He ॥ दूती wave देवतं जोवतेसं ॥ far विश्च TST बली मंच सेसं ॥ चवं वेद वंभं इरी कित्ति भाषी॥ जिनै म्म साभम्म संसार साषी॥ ठृती भारती व्यास भारथ ATT ॥ जिनै उतपारथ सारथ सध्या I चवं सुषदेवं परौोषत पायं ॥ * भसिय A and B. † सुमन A and B. B2 | चादि पव्व। fat wear अव Fade रायं ॥ ACSA पंचम्म Bt ea AIT tt नेलेराय ag fet we हारं ॥ as कालिदास सुभाषा सुबड़ं ॥ जिनै वाग वानी सुवानी सुबह ॥ कियो कालिका सुष्य वासं Tae ॥ faa सेत seat तिभाजन प्रबंध ॥ सतं ङंडमालो उलाली afar ॥ fart बुडधितारंग गंगासरित्तं ॥ जयदेव BS कवी कल्बिरायं ॥ fat केवल fart गाविंद गायं ॥ गुरं सम्ब Heal UE चंद्‌ कन्नो | faa दरसियदेविसा sia wat 1 कवो fafa ata उकती सुदिष्यो ॥ तिन at उचिष्टो कवि चंद्‌ भ्यो ॥५। दादा ॥ उचिष्ट We छंद इ बयन ॥ सुनत सु जंपिय नारि ॥ तन पविच पावन कविय ॥ उकति अनूट उधारि ॥६॥ कवित्त ॥ He कति सम Ra ॥ तंत पावन बड कवि ॥ wife wa | ध तंत मंत उच्चार ॥ देवि द्रसिय मद्धि दव्विय॥ तंत बीर उग्र॑त ॥ रंग राजन सुषद्‌डय॥ बाल केल प्रत्यंग ॥ सुरनि sate कविताडेय ॥ अवलंब उकति उच्चार करि॥ जिदितमेदहिकेा विद ce ॥ समब्रह्मरूप या AAT कड्‌ ॥ mi उचिष्ट कविय न कदे ॥ ७॥ कवित्त ॥ चंद वाक्यं ॥ सम बनिता aca] ॥ Ge जंपिय कोमल कल ॥ सबद्‌ ब्रह्म इइ सत्ति ॥ अपर पावन कदि अमल ॥ fafea सबद नहि रूप। रेष आकार बन नहि ॥ अकल अगाध अपार ॥ पार पावन चयपुर ate i तिहि सबद्‌ ब्रह्म रचना करो A गुरु प्रसाद्‌ सरसे प्रसन्न ॥ जद्यपि सु उकति gat जगति ॥ ता कमल बद्नि कवित इसन ॥ ८ ॥ ष्‌ wife war | कवित्त ॥ चंद्‌ स्त्री वाक्यं ॥ तुम बानो वर वंद्‌॥ नाग देखंत विमल मति॥ az भंग गुन रहित॥ कंठकैमार काव्य ङ्त ॥ बृधितरग सम गंग ॥ उकति उच्चार अमीय कल ॥ सुनर सुनत विदसंत॥ मंत जनु वस्य करन बल ॥ अवतार भूप प्रिथिराज प्‌ ॥ राज सुष तिन समलदहहि | बोराधिबीर सामतं सब ॥ तिन सु गर्ह अच्छी कहि ॥ € ॥ कवित्त ॥ चद्‌ वाक्यं ॥ गजगवनो प्रति चंद्‌॥ ae कमल उच्ारिय॥ मनदहरनी TAA ॥ सुरन सागर रस धारिय॥ वंक नयन TANTS ॥ प्रानबल्लभ सुषद्‌ाईय ॥ गरू अगुन निगुन ग्रहनि॥ गवरि पूजा फल पाड्य ॥ भर आदि sia कविता जितै ॥ तिन अनंत गति मति कडिय ॥ अनेकं ग्रंथ तिन बरन बत॥ यै उचिष्ट मति में लदिय ॥ १०॥ Sz Vsti Ii प्रनम्य प्रथम मम आदि 24 | ॐकार सबद जिन करि अदेव ॥ ate Wed | निरकार मध्य साकार कीन॥ मनसा विललास सह फल फलीन ॥ चयगुमह तेज चयपुर निवास ॥ सुर सुरग भूमि AT नागभास॥ फनि ब्रह्मरूप ब्रह्मांड चारि ॥ कथि चतुर वेद्‌ प्रमु तत्तसार॥ बरना Bile करता AV ॥ गुन रहित गुननि ae रूप रेष ॥ fate रचे सुरग श्रू सत्त पाताल I जम ब्रह्य इद्र रिषि शाकप्राल॥ पवनडइ HE अग्गि जल धर ART ॥ सरिता समुह fafa गिर निवास ॥ अस्ि लष्ष च्यारि रचि जोव sta ॥ बरनंततेन Vt Get अंत ॥ अडार बन्न वेली सु कोन ॥ नाना प्रकार सब गुन अधोन॥ करि सके न ATs Bat fe wT धरि कुमः सीस दुष सहे चंग ॥ fea मान देव रवि रजनि AIT I __ उग्गे द्र वने प्रमु हकम)जार॥ * nat उचारि A. † Sm ‡ +~ aife wad | ससि सदा राति अग्या अधोन॥ उग्गे ARTA हाय कलाहीन ॥ द्विगपाल दावि te सबर+ भूमि i aaa न केर TS चांपि चुमि॥ परिमान पवन करे गवन गाह ॥ घटि बढी न अंग मंडे उक्ाइ ॥ इद्र सुरग मेध अग्या BAA ti ATT F ATT Tel TATA | धर रहि अचल हाय Ay प्रताप॥ इलि चलि न निमष सक्त संताप ॥ VFA UVC Vat AAA | तट समुद सत्त नहि षोज तास ॥ परिमान अप्य लंघे न कड ॥ करे सेड क्रम UY CRA जाद ॥ अग्यानमेरि के an ताहि ॥ qa न भविस्य at ana हि ॥ वरनयेो वेद्‌ ब्रह्मा अदेह ॥ जल लह UT Tal देह दे ॥ पुनि AS व्यास दस अट पुरान | अवतार रचित नाना विधान ॥ * ve † sf fe ह दि पव्वं | ह वरनधै विमल मति 2a देव ॥ सब रहे साधि न इलद्धौ मेव ॥ फुनि बालमोक रामावतार ॥ शत केाटि ग्रंथ कथि तत्त सार ॥ विध्वंसि सीयक जेव दाद्‌ ॥ TIAA रौद कपि द्यित are ti पुनि पच काव्य कवितान कौन ॥ अग्यान नरन उर दीप STAs I कित्तीकं बात मा मति प्रकास॥ करि सकें मव्वे* ता हाड हास ॥ ११॥ दूदा ॥ सुनत काव्य कवि चंद Sty चित श्रानन्दी नारि॥ तुम बानी बानी प्रसन्न ॥ इसन waa निवारि ॥१२॥ कवित्त ॥ कदे कंति afada ॥ तंत रसना रससागर I तुम गुन अवन सुहतं ॥ जानि चमकंत कलाकर | तुम देवी बर दानि॥ दान दीजै afe कन्बिय॥ अष्टादसह पुरान ॥ नाम परिमानह सन्बिय।॥ * aq A (i. ©. सब्वै), but the reading in the text wa (i. ९. गव्य boasting, pride) suits better. c १० व्यादि Wea | तुम कथत कथन Brae ate ॥ अगा पलु भव सुधर ॥ Bata तिमर az य सुनत॥ अध्वकं मल हिय set ॥ १३॥ az पड्री। बह्मन्यदेव सम वासुदेव I अष्टादस पुरान तिन AS सभेव ॥ तिन कां नाम परिमान बन्नि॥ जिन सुनत qs भव हा तन्नि | ब्रह्मह पुरान दस सहस जुट ॥ fate पढत सुनत तन तष्य दुहि ॥ पचास पंच इव्नार + गन्ति ॥ पद्मह पुरान तिन कल्यो तन्नि ॥ तेवीस सदस & च्यारि जानि॥ विष्णु पुरान विष्णु समानि ॥ Sata सदस कडि शिव पुरान ॥ तिहि पठत सुनत सम अमिय ora | अटार सहस भागवत भेव | करि पार परिष्यत सुक्रदेव ॥ # ye wife पव्व | नारद्‌ पुरान ALS पाव ATA I avi मुक्ति माद्‌ आनंद्‌ ATG I मारकंड नाम ALA SANT ॥ परान पविच.सा दुष जार A पंद्रह ENT संध्या AIT ॥ अग्नि पुरान पडिपापदूर॥ wae हजार & पांच पडि 1 भवषित qua at पाप जड़ि॥ ब्रह्यवेत्रत ससं अटार ॥ केवल गिनान कथि भक्ति सार॥ रद्रह हजार लिंगह पुरान ॥ AAT अथे आगम FWA Il चैवीस सहस बाराइ भक्ति ॥ पारष पुरान तिन अमित सक्ति ॥ हजार इक्यासी Ale विवेकं ॥ स्कन्द पुरान भव भक्तिं TH TANT सदस वामन सु AT ॥ परान सुनत सुधि खग्ग पद्‌ ॥ AAT हजार FCA पुरान ॥ भाषा विनेाद प्राक्रम गुरान ॥. 02 १९ १ सादि प्व्वं | विद्या इजार मित aE देव ॥ विधि संष vet सेव भेव ॥ गुनडस सहस TUS" पुरान ॥ ओतान वक्त भक्ति Tia t ब्रह्मांड पुरान बारह सह॑स ॥ करि व्यास भक्ति प्रमु कंस नंस॥ पंद्रह हजार अरु च्यारि area सम ब्रह्म व्यास कडि VT भाष॥१४। दूदा ॥ wet कित्ति wears की ॥ जुग्गनि जुग्गनि वास ॥ अप्य मन्ति ava सबल | मति करो कवि हास ॥ OY I गादा ॥ पय WH Waar ॥ रकन्नो कनय राय भायंसी ॥ कर कसी गुज्नरीय॥ रन्बरियं नेव जीवंति ॥ १६ ॥ सत्त षनै Blas | महिलानं मह सद नुपरयथा ॥ चादि wad | सनफल WHAT पयसा | पन्बरियं नैव चालंति ॥ १७॥ रब्बरियं रस मंदं । a ysifa साध अमियेन॥ उकति जुकतिय Te ॥ नथि aa कवि कल्यिय तेन ॥ पते वसंत मासे ॥ केकिलं कार अंब बन HTS I बर aq रवि रष्व ॥ कपातयं नैव कलयंति ॥ १८॥ सहसं किरन सुभा | उगि आदित्य गमय अंधार॥ अष्यं उमान सारा ti भाडलयं नैव Teas ॥ १९ ॥ कज्जल महि कस्तूरी ॥ रानो Wea नयन Wat ॥ at मसि घसि कुंभारी॥ fa नयने नैव sisifa i २० ॥ देस सीस असमानं # ॥ सुर सुरोस fea तिष्ठ नित्यानं ॥ * ८. AR ४ खादि Wa | Gia गलतौ पूजारा ॥ गड्वा नैव ढालंति ॥ २१ दुहा | Hel लगि लघुता वरनवें ॥ कंविन eta कवि चंद्‌ ॥ उन कहि तेजा उन्बरी ॥ से बकं करि छद्‌ ॥ ₹२॥ सरस काव्य CIA Tai i षल जन सुनि न इसंत ॥ ae सिंधुर देषि aay सखान सुभाव Baa 2s 1 ता पनि सुजन निमित्त qa | ` रचियै तन मन फूल ॥ जका भय जीय जानिके ॥ ait sft THA ॥ २४॥ साटक॥ सुक्ताद्ार विद्ार सार सुबधा अबुधा बुधा गापिनी॥ सेतं चीर सरीर नीर गडरा गोरी गिराजागिनी॥ बोना पानि सुवानो जानि द्धि are सारसा चासिनी॥ लवो जा चिहरार भार जघना विधना घना नासिनी॥ ॥ २५॥ च्यादि aq | १५ चं जा AS गध राग रचयं अलिभूरि आच्छादिता॥ गुंजा इार ANT गुन जा Ht पया भासिता ॥ अग्रे जा afa कुंडलं करि करः स्तु दौर उदारयं॥ सेयं पातु TAT सेस सफलं एथिराज काव्य छते ॥२६॥ छंद विराज ॥ रतं TA भारी ॥ करुना विचारो ॥ feat सात नप्प ॥ विया da लष्ष' ॥ भिले wa Sey रमै काम सीहं॥ इकं रिष्य अधी ॥ दिये कामचधै॥ fase रिषि भारी॥ दिध काम डासे। wa पुच तव्बं ॥ भजा भार aay सिरा माल with गनेसं विचारी ॥ fas asa ईसं ॥ wat रस बीसं॥ TINT Tet ॥ विये पुरुष भिल्ली ॥ डके St नहं ॥ इन्ध पुच ae fast मात भारी।॥ सरायं विचारो ॥ करो जाकु THN यी Te सीसं। at कचन अगौ ॥ gfe नाम लगौ ॥ AMAT रूपं ॥ गनेसं सभूपं ॥ इका दत Satu facia aay सुभे दंत रेसे॥ aie प्रसं ॥ + ९६ च्ादि wed | Sern मने ममि धारी॥ बराहं उपारी ॥ इसी नड तेजं ॥ कला साम केजं॥ नमा देव कदं ॥ प्रजा ईस ae) भषे wa परेतं ॥ तिजारौनहेतं॥ za दीह UH lo दुतो VS Aa भगतं सुचक्री ॥ feat लद्धी aati इवं चाष अथं ॥ कर नाक ae सुभक्ती समती ॥ जलं मादि पती ॥ धरं आक सीसं॥ चिजाक ईस ईसं। चयं वेद्‌ wat पियं चंद्‌ भक्घी॥ २७॥ नमसकार संकर कियैा।॥ awa बुधि कवि de सती WaT लंपट नवौ ॥ अवुधि मच fag Fz NEN Ser साधन माग संजाग TH मंडन ATA AG ॥ नमे उमा उर आभरन I जय बंधन जट जुट ॥ RE ॥ * ag 8. चादि पव्वे। ९.७ az विराज i जटा जुट FE लिलाटंत ey विराजंत ae ayant as शिरा ares गिरिजा अनंद्‌ं॥ fat fafa ae TA वीर मदं ॥ करी चर्म॑ सदं ॥ कर काल we Ve गंग ॥ wet afin ee y vet जानि जद ॥ नये जाग WS घटा जानि भं | जरे काम तदं ॥ हरं चाहि वदं ॥ रतै मेह कद ॥ at gfe दहं ४॥ नटे मेष रदं ॥ नमे ईस LSI ३०। Seth करिये भक्ति कवि Ye ez । इरि जंपिय इह भाई ॥ ईस UAT जु Te नरक WAT जाड ॥ ३१॥ शोक ॥ परात्परतरं याति। नारायणपरायणं ॥ न ते तच गमिष्यंति । जे दुषंति Aaa ॥ ३२॥ साटक॥ गंगाया अगुलत्त वसनमसनं Tat उमा Vt वरं ॥ संषं भूत कपालमाल असितं वेजंति माला इर | * सद्‌ B, D bo चादि qo | चम मध्य विभूति afaaga विभ्भूति मायाकमं ॥ पापं विद्ठरति afa saa वियं बीयं वरदेवयं ween गाहा॥ | दरहा ॥ कवित्त ॥ AAT महाव Heat ॥ नव नव fart संग्रहं गयं ॥ सागर सरिस तरगेा।॥ बादथ्ययं उक्तियं चलयं ॥ ३४ ॥ काव्य समुद्र कवि चंद कत ॥ सुगति समप्पन ग्यांन ॥ राजनोति बेदिथ सुफल ॥ पार उतारन यांन ॥ ३५ ॥ ae udy कवित्त जति ॥ साटकं गाइ TEA I लद गुर मडित षंडिय हि ॥ पिंगल अमर भरण्य ॥ SE ॥ अति dat न उधार ॥ सलिल जिम पिष्ि सिवारद॥ वरन वरन साभ॑त॥ हार चतुरंग विसालद ॥ विमल अमल वानी विसाल॥ वयन वानी वर AAA उक्तिन बयन faare मेद्‌ Alaa मननेन ॥ छादि पव्व) १९ युत अयुत जुक्ति विचचार विधि॥ बयन AT FIN न RE घरि afg मति are ues ॥ तै चंद दास feat न वद ॥ ३७॥ श्लोक ॥ उक्तिधम्मे विसालस्य ॥ राजनीति नवं रसं ॥ षटभाषा पुरानं च ॥ कुरानं कथितं मया ॥ ३८ ॥ कंवित्त ॥ चरन नीम Bhar Ata पार we गुरु विधि मडिय॥ सुर विकास जारो सुर सुष्य॥ उक्ति ta गौषनि afea i जगति are विस्तरिय॥ fafeaa घाट qafea 1 महि मंडन मेधान ti याहि Hea जस सदिय॥ घन तकं san वितकं जति ॥ चिचरग करि अनुसरिय ॥ विश्वकमं† कवि faaza ॥ रसियं सरस उच्चरिय॥ sé ॥ * समृष्यं ए. ..† विञ्चकमे कमे. 8. D 2 Re atte gad | atte ॥ तकं वितकं उतकं सुजतिय ॥ राज सभा सुभ भासन afag | कवि आदर साद्र बुध TST तै परि करि गुन रास निबादा॥ ४० ॥ धम्य अधमेन बुद्धि विचारौ ॥ नयन नारिनिय नेह निहार ॥ कैक कलाकल केलि प्रकासै ॥ AT अरथ करौ गुन TNT भाक ॥४१॥ पारासर जे पत्त विहासह ॥ सतवंती AA गुर भास tt Wey अटार सवा WHT लष्यै ॥ तै भारय गुर तत्त विसष्ये ॥ ४२॥ कवित्त ॥ रास बर बुद्धि fate ॥ सुद्धि सा aq प्रमानिय ॥ राज नीति पायै ॥ ग्यान पाईयै सुजानिय | उक्ति जुगति ase ॥ aca धरि बहि va मानिय। * नारथ. A. दूदा ॥ गादा I सादि पव्वे | या समान गुन AT देव नर नाग बषानिय॥ भविद्धत भूत aae गुनित ॥ गुन चिकाल सरसईय ॥ जा Usa तत्त TWAT AAT ॥ कुमति मति नदि द्रसडंय।॥ ४३॥ कुमति मति दसन तिहि ॥ विधि विनान अव्नान॥ तिहि रासा जु पविच गुन ॥ सरस Fa रसान ॥ ४४॥ सत सहस नष सिष सरस ॥ सकल आदि सुनि fear i चट बढ मत AIT पटौ ॥ मेदि दूसन न वसिष्प ॥ By १॥ अरथं ढकि न सहसा ॥ उधार नवश्थि रकलया ॥ मद्यं A Waa चतुर Gl हारयं जमं ॥ ४५।२॥ र RQ wife waa | कवित्त ॥ दानव कुल छचीय ॥ नाम दढा रष्यस ar तिहि सु जेत प्रथिराज॥ सुर aaa अस्ति भर॥ जिहि जाति कवि चंद्‌॥ रूप संजागी भागी भम ॥ इक दीह wet ॥ za ae समाय aa जथ कश्य तथ Vz निर्मये ॥ जाग राज नाल हिय* ॥ बज गवाह अरिदलमलन॥ तासु fart चंद afeay 7 ॥ ४६॥ STS प्रथम राज चहवान पिश्य बर्‌ ॥ राजधान रजे जंगल धर ॥ मुषसुभटरखर Aaa ST I fafe dal सुरतान प्रान UT gol ata ve faa सेवह पर ॥ ae सुदत्त सामत खर बर ॥ ` aut किति प्रसार सार सदह ॥ sat बरनि भति fafa ae ॥ ४८॥ छद्‌ दनुफाल ॥ इति नृफालय इं द I कल बरनि बरनि सु कट्‌ ॥ * जाग भाग राजन लद्दिय. 3. wife Wed | नहि नाल पिंगल SIT I EA Fal दुजनिय भार ॥ संसार बंधन दाय ॥ इक vant विद्य समाय ॥ AA Sz AAC रक ॥ नदि पिंग fare मेक I किंडि काल aca g faq i लहि नागरूप सु Aq I इरि eat बाहन आड्‌ ॥ तिंहि avait पिंगल चायि॥ देविद्य रूप सु अद्ध ॥ सो गै इल करि सङ ॥ सा तच्छ बोर VATA I जुग जुगिनि fret ध्यान ॥ इक हता सिंगिय रीष्ष ॥ तप कर बाल विसिष् | न्प गये बर TNT ॥ दिषि su स्रतकं वेट ॥ वाराह रूप प्रमान ॥ लग्यो सु ब्रह्म धियान। RR RB wife wea | दह वार FHI राज॥ qa दिय न उत्तर काज॥ लपि चित्त चिच ama ॥ या भये रिषि अवधूत ॥ भयै ताम तामस राज॥ लिये गान मंच विराज ॥ कम्मान AT नक AY नृपराज TH गल SY ॥ फिरि गये ग्रह प्रमान ॥ अधासु बालक UTA ht fafa walt नैन भरीव ॥ तम ताम रूप ata | पे जुन्र बालक af ॥ गलि गभ कों न वितुलि ॥ तिहि तजिय तातहइ मान ti धरि ara sit निधान॥ करि कराध ञअंषि सु cH इवि जानि लग्गिय ल्त ॥ fate जियत gay अप्य ॥ का तात लभूभय ST | अदि Wa | Ry रिस करों जाब प्रमान ॥ जरे तीन लाक अमान | रिस तेज कपत बाल ॥ दिष्योसुतात विसाल॥ वह लग्ग ब्रह्य धियान ॥ भयै कारि तामस ताम ii अति ल्ल fefer रिषि are ॥ दिष्योसु तात BATE ॥ ४९॥ कवित्त ॥ जारि इश्य थुति मंच । fat परदद्धि afin va | रुधिर नयन ATH ॥ कंठ लग्यो सु afH wa i qa दार विभार॥ गाजि आदय सुत मग्ग ॥ भर भर भर उच्चार । रास दावानल AA ॥ fate इत्या am AT तात गर ii गनिव सत्त दिन में प्रमित्त ॥ * जाजि। र्‌ आदि wed | Al al अप्य AH सुत्रत ॥ कैकाया Baa सुगति ॥ ५०॥ साटक॥ धन्धाधन्ध सुबाल तापन तनं बाल बलं free ॥ ara ga कि सास दास विविधं बानीय गद्गद AT ॥ va भूप विसाल भूमि भरनं YA NTT राजनं ॥ तं asia विचार व्याघ्र विधन नैवापि संनापयं ॥ ५१ ॥ दत्वा आराप्यमिदं रुतं गुरुवर AGT राजानयं ॥ सत्यं सत्त दिनानि पानिपवरं नैवं चलंते पय ॥ त्वं आप चयलाक जालति बरं Wa वर पुचयं ॥ रकं दीह Ya प्रापति पदं चेलाकयं चासयं ॥५२॥ Ser सब रिषिमैमे ga बय दिष्य परसान।॥ मानहू ददो वर VE Ii बठढति कला वर भान ॥ ५३॥ कवित्त ॥ पुच ate रिषिराज ॥ जाड ST थान सुपत्ता ॥ पंथ FRE ATT ॥ गादा ॥ चादि प्यं । रिषि श्रापान facet ॥ अति सुदीन सिर ata उंच नहि भाल उचादय॥ fate दिष्ट राजन चरित्त॥ मंगन प आईय॥ WAT WH जेगिद्र वर ॥ धातु न बधे TST पर ॥ fafe काज रिषि sat acts i उर धर AST लग डर ॥ ५४॥ जा जप्यो रिष पुतं ॥ प्रलयं हाड सत्तियं कालं ॥ जं UTA ST UA I QT AMR राजनं बलयं ॥ ५५ ॥ HS ASH Ii ZU कंडि UAH प्रजंकपला# ॥ मुहमुदिर भान HATS कला ॥ न्टप दीन इलया बहुचित्त faci सुहल्या जनु Bias पीप पतं ॥ ४ 2 * दूला 4, व्यादि qd | पतनं गुर जानि चरन्न लग्यो ॥ बहरी रिषि राज प्रान दग्धे ॥५६॥ गादा ॥ दूदा ॥ कवित्त ॥ मने रिषि थ्य प्रान ॥ aaa जीवनं गुरयं ॥ जा फल WT TTI ता कालं fra At वरयं ॥५७॥ aa चिंतय रिषि राज गुर ॥ yfaa अन रिषराज॥ क्यों उधार हाड आष AT ॥ कदा छपा करि आज ॥ ५८॥ मद्‌ भंडो इक पुरष ॥ निसा भद व अधरत्ती ॥ वरगना अंगने ॥ Ser अहि परत धरती | सुरापान आमिष्ष ॥ गया ATE तवि बुद्धय ॥ * . तारी. 23. -† This line is omitted in T. | ii Wo अदि ua | AAV गुरु मंच दे BAUS t मरां मरां ae afeat afea भगताय अंगयं नें ॥ भदे तु चक्रम AT I ai निय wa AT देहं es ॥ Fer | बाबी फिर sire वली ॥ अंग vt ही TAN ata सबद्‌ qe fant ॥ धीर धीर कै राम।॥€५॥ तब धरि मधि कढ्यैौ सु रिषि दिषिप्रबल्ल तप पार ॥ बालमीक रिषिसा war I सुनि fate qua बिचार ues कवित्त ॥ सुनि सु बचन गिरि qua i aa विधि राम ars cfs मध्य ya गिरि* acu सेई Veal बाच सहि । _* भिगिरि 8. evidently a 11181816. wife पव्वे | डे सु पंग बिन axe रमि Wat न UTE FT Ut जाय परं faa man करों GT AST YT ॥. पित बाच सन्या Baa | वाच सुरि de अवं बहि ॥ साद बाच तातं wa कञ्ज रिषि कद्‌ स चक्कहि मुष मदि ॥ cot HE VET ॥ अर्बुदा सचल AeA नाम ॥ क्रत काम UAE UIT | ATA Wt धर नंद नंद्‌ नंदन DANA tt उद्धार सार ले जाह AA tt SA सु गाय बनभ व्याघ्र काध॥ BT सु राज राजन समाध tt कुरु लाय करिय करुना! सु धेन ॥ दंडाय राज राजन वलेन ॥ तन धरिग RA AMT सरीर ॥ feat न सिंघ तां निमष तीर ॥ * बिन. 2. 1† gear 3. H 2 ve x wife ya | सुप्रसन्न गाय waa aq fcfa fart 3 अंग द्रष्पक विसिष॥ यन थान दिषि अदा राज। रिष ae St TE चलन साज ॥ ९८ ॥ कवित्त ॥ तब तवि wae नाग। fas गिरि नंद fea fea | Vi weft लै my 1 fase at नाम! ara fea i तब नंदी Vaan डप हिता नाम तिर्य हित ॥ सु रषि कज्न सुद्ध रहि॥ ` सुरनि उड़ रहि वाच पित॥ अप्प सु बत HIS उरग ॥ सुरनि सीस नषे सुमन ti धय परसि मात पित बंध aa | TH सु हेम MAT गमन ॥€€ ॥ ¦ + इष्यक 3. + The last half of this line and the whole of the three following lines are omitted from B, apparently by an error of the copyist. ऋोदि wa | aa निय अवृद्‌ ATT ॥ कंध उदर्य नंदि नग» | मग्ग अग्गा गिरिराज ॥ रिषि संचये सथ्य arm ॥ साध सिध सुर सुरद | सुमन नंषे Var सड | रिषि अगो गिरि पद्‌ ॥ छाय संपत तथ षड ॥ प्रावेस किय गारत्त गिरि॥ जय जय बचन सरीर SF Il भे मंगन सुतन सब्बे सुगिरि ॥ Vaal नाक सु नाग FH NW १००॥ दूदा ॥ VIA नाक सु नाग YH ।॥ दिव अस्तुति परमान | पुहप ete दश्यां करिय ॥ जय जय TAIT ATTN १०१॥ गात सकल गिरिजातकै॥ सब FSAI सम नाग ॥ ` # नन्द्गि, T.° ` wR ५४8 aife पव्वे | उबरी नास सैल तहां tt साह wel बिन लाग ॥ १०२॥ नास सु CACTI FAT ॥ उर अति चिंता aT I अति srqt वाचिष्ट रिषि॥ ईस आराधन लग।॥१०३॥ साटक॥ ईसंजागिरिजाननेवगरयं उद्लंगमातंगिनी ॥ चर्मजावद्‌जामवंतजलज ^ वृदं तयं GSTS ॥ रष्यंजारतिकरनकामतिमलंद लयंति तोयंपुरं ॥ बिपुरारिंतनतुंगतारनगुरं जे जै et Tas ॥१०४॥ छंद भुजंगो ॥ नमे आदि नाथं Say समाथ। नदी मात तातं नका मंगिः वातं॥ जटा जूटयं सेषरं WATS | उर हार Vella WATS ॥ अनोलं असनं उपंबीत राजं ॥ कलंकालक्रटं करं खलसाजं ॥ वर अंग Bry विभूत Bre * दः 8.“ + ममी. अदि 7a | ya कारि उग्रं सिकाल अनेापं। करि wa कधं हरी पारिधानं॥ SANTA वासं कैलास धानं ॥ उमा अंग वामं सुकामं पुरष्ष * ॥ सिरं गंगा नैनं! चयं पंच AT ॥ नमः संभवायं सरव्वाय पायं ॥ नमे WAG वरदाय सायं ॥ पद पत र नित TAM ITT HIST महादेव भीमं भवार ॥ AGHA ईसं नर चवंकार | नमे WH VU Ma र अकार I कुमारे गु नमेे नल Me ॥ नमे व्याधर्वाधर द्विद्ध जीवे॥ नमे लाहिते नील सिष्य'ड र्तं ॥ नमे qfaa चक्षुषे दिव्य रतं ॥ qe; खवदेवं स्तुतेवं ॥ नमे faa जारिल्लर देव देवं॥ नमे तप्पमानाय ATA जार ॥ ५५ * कु ^ ४०2. t3¥B. ‡क्ष्रो. § TB. | षृ. ud खादि wed | नमे ब्रह्मचारी AIAG कार ॥ fad चातमे चातगे अगे चार ॥ नमे विश्वमा वित्तर विश्वरार ॥ नमसते नमसते नमे सीततार॥ नमे सर्ववक्कायने GATT ॥ नमे ब्रह्मवक्ताय भूतं पितार॥ नमे वाचपे विश्वपे aaa | नमे सीस साहस्र Wala रसं | सहस भुजा नैन सहस तेसं ॥ नमे पाद्‌ साख आसंष कर्ने ॥ नमे वहि हिरन्य हीरन्य वनने ॥ नमे भक्ति आकंपनं संभ देवं ॥ fat fife दाता मनं वच्च सेवं ॥ प्रसन्नो Wal ईस तन्वे न कन्बे ॥ तनं ताप विनास र चित तन्वे ॥ १०५ ॥ चैापाई ॥ सुनि सुनि वचन मेद मन ईसं ॥ आयषरौ TaN Tare सीसं॥ बरवर बानि नानि ATE ॥ जपंहि ईस आस जिहि sme ॥ १०६॥ wife yea | rk) ANTE मुनि सज्जन गुन गुन बर ॥ wet ई किति जिति जिहि धुर धुरे ॥ ता कीतो Aare सें लीजे॥ ब्रह्मासन आसन डालिज्ने ॥ देषि सरूप ta मन Safe ॥ जे जे जोड west वानो षदि ॥ गोरक UT तेज तन उदित ॥ रिषि रामंचित्त तैव मन सुदित ॥१०७॥ सुदित मन उदित तन भारो इरि वैकुंठ La मनचारो। sag गिरि धरि ध्यान सु ईसं ॥ करे काल तिहि कालं जगोसं ॥ १०८ ॥ BSH li aaa चिजटेवसीस चितयं Feu Teas ॥ चेदेवं चिदिसा fay चिगुनयं चिसंध ese ॥ चरमं चयलछिकाल चितयंग्राम चयं चवयं ॥ गंगाच चिपुरारि भासित तनं सायं नमः संभवे॥१०९॥ - ~~ #* धंर ^. + डां. B. ys छादि war; दूषा । saat प्रमथाधिपति ॥ बर बर Fat बानी ॥ रिषि aie उतकंठ मन ॥ साड सम्यो sift ॥ ११०॥ फिरि रिषिजंष्यो संमुमेों। जौ तुदा AH भास ॥ भग्ग THAT अचल करि ॥ एनि सज्जो सिर षास ॥ १११॥ ar arg गिरि राज गुर ॥ मेर सम लसै लास ॥ चिपथ ताप afa 24 ST li वसि afaatt कैलास ॥ ११२॥ कवित्त ॥, aq gq ta मन सुदित॥ पानि dat गिर गोारव॥ रष्व अचल कडि अचल | भयै अचलेस नाम aq | सुथिर wat नग नंदि i ay fat ae | सच्यो। चादि wat | उमय श्राय तिहि ara सगन प्रमथाधिप tsar ॥ गिरि नंद नाम VASE सुतन ॥ अवेद नाग सुभि नम ॥ fafe नाम fafay भय तिथ इर । पारस अगप्यन AY तन ॥ ११३॥ चल नाम कडि अचल ।॥ अचल विद्या अभ्यासिय॥ sag गिरि धिर धयो ॥ बीयै बानारस बासिय॥ उदित नाम इक ATT I afa लभ्ये तिजगत गुर ॥ Zea नाम इक दौड ॥ करे उपवास ATT AT | वानार भति बारानसीय ॥ आव्‌ अवद उद्गरीय ॥ जट विकट जाल विभूभूति रग॥ aca सुति fea दिग फिरिय।॥ ११४॥ ae uate ॥ अग awa दिषि afse रिष्ष॥ 12 € arfe wa | मन मुदित wat सम ae सिषा इर वासदेव सव गुन Bala | वरन रिि चित चितःथान॥ आभासि सिष्य गोतम तथ्य ॥ STATA वास अनि रिष्प सश्थ ॥ आभासि रिष्व अनेक ताम ॥ wate बालि प्रथु प्रियकः ara देवल असित Wat FT ॥ तमि स्प्य.माली विभूवः॥ मह महन सनक जनेय पैल ॥ दालभ्य AH सुमंत Vell दीपाय किलर थूलं सिराय॥ Aafca जग्य वक्री सु ताड ॥ जैमनीय भ्रुव वैसंपयाब ॥ इन लाम असुहाच जान ॥ Hey अरति केसिक दामः। उष्णीष) चिवन पनादवाम ॥ धट जात, सुबलः मेाजयनेय, Il बल वाकं परासर वाय वेय॥ सचि वाक. जात HA कनमाख॥- wife पव्वं | ६१ सनि वाक fears सुचिपाल i fafa वांनस पपत पारिजात ॥ अगस्ति मारकडे सुभाति | पावि पानि सवन्य रभ्य ॥ किरनाधकेत wy मेष सभ्य ॥ HATA भालकी ATT ATW गालं afe रिय ब्रह्म BAT | aifea बंध ATS सनक्क ॥ सानंद सनातनः TA FH ॥ सांडिल करक BAITS TT | AAT अश्व इय BT AT ॥ वेनी जय घनः घना सकेत ॥ वहे कलापः वक्रोव सेत ॥ अष्टा वक्रं उद्ाल केय ॥ चव नह कपिल मातंग जेय ॥ माधव्व गरग अनेक रिष्य ॥ अर सु अन्य तां समह सिष्षः॥ अइवान मच बलः तथ्य ATs I Wa Sac MT | तथ्य ॥ alaxz गंग सरसति Bz द्र wife wad | अनुसरिय बड़ सबसीयताय ॥ ऊषधी aa मनि aa धात ॥ बर SH लता फल FEU पात ॥ जाजन्य जजन अधिनय ध्यायः ॥ लगे सु करन रुचि रिष आ्आय>+॥ अहवान बान उचान जाप॥ लगेसुकरन रुचि इष्ट ताप। जप हाम मंच धारनाध्यान॥ आरम्भ रिष्ष लग्गे सुग्यान॥ अराधि सकति अभासि aa aaa कोन गिर उच धाम॥ आद्र सरिष संवास कोन॥ आश्रमम Wey awa काज Fax ॥ ATA जाप SATA VTA I अआराध उच आयास Ara प्रोनतदेवसु वास आय॥ सब लिले छद्‌ ददार काय॥ विसेष मंच जंच गुरेन ॥ बधेजु मंच कर By 2a * © garg in the first line and चाप in the second. ef< wed | afc भसम देव देवल Bee I विस्माह अग्रत पावे सु पीव॥ अति wa कम्म इष्ये Bas | आर मु निसाचर लन मद्‌ ॥ arta fos मंगिय करूर ॥ तिन समत afa षड नग नूर ॥ faa अचित पंच आभासि देह ॥ रस दुग्ध सही द्धा BAe | के ud वायके ध्यान दैव ॥ जल दूध ART AAT सकेव ॥ ११५ ॥ TST ॥ कंदं फलानि फलय ॥ aed मुनिय कालबेकालं ॥ र्कापि धार धरयं॥ are सवं निधानं ॥ ११६॥ संताषं विनान wai ॥ कल पंतं राजनं TT ॥ जा Tals VE ॥ त सुखं इय मूल काम लया ॥ ११७॥ ९६8 wife we दहा ll जंचवेत दानव TAT अरु THA धुखकेत ॥ अप्प सथ्य लोने सकल ॥ आर FEE देत ॥ ११८॥ afar ॥ आन्त करि रिष्ष जग्य ॥ मंच कारन Gay जप ॥ US इश्थ बर YS ॥ अष्ट UTA VS वपु ॥ SVT तीन अरु AST Il मडि चवक्रून समासम॥ au संमति सम किय ॥ फनति वच्य देव कम्म ।॥ अगि नेव थान अगि नेव धर ॥ बाड कुंड दध्यिन दिसा॥ aca निवत्त धज मंडिके ॥ TARA लगे किसा ॥ ११९ ॥ पंच yar जग्यैापवीत॥ पंच ual अधिकारिय॥ ~ rr “ कम क ्््------- ----------- - -------- [न ््----- --------- - आदि Waa! दवा मुनि दूज राज । वेस्य axe चितकारिय॥ चर विडाल पशु az ॥ कम्म चंडाल GS करि ॥ इद प्रमान ca विधि सुक्रम्म॥ जंग मंडे सुमंडि इरि ॥ दानव सुदुष्टं TE TRA ॥ दुष्ट मूच वरिषा कर ॥ वसु मंस रुधिर ag सुजल ॥ कमं विप्र समुह STN १२० ॥ Vat चै fan गीत Wat मंच जप॥ ता Het घन विधन ॥ कारं BCE असुर FT कवक भूमि इलव ॥ कवक पवत SATA ॥ sfa afe कब कर ॥ कवक TH बु्लावे ॥ ` भादिनो रूप WISH करे | aaa सिंघ नदह कर ॥ K ६५ ९६ अदि पव्वं। तुष्णोक TS गावे केवकं | वे Esai तालह धरं ॥ १२९१॥ दृहा ॥ दिष्षिदिष्िमंडीसुरिध॥ जग्गिनि Brae जाप॥ ताहि विरागन मन मुदित॥ GA सकल संताप ॥ १२२॥ छंद प्री ॥ रज इष्टि उपल faa नंषि थान॥ चासना बीर पह लगिन यान ॥ रिष गये सब वाचिष्ठ पास॥ राष्यसन HET मंदो fara | रिष राज दुष्ट बध चित sa दंयो जजन TS मंच भाय | १२३॥ कवित्त ॥ aa सु रिष वाचिष्ट॥ कुंड रोचन रचिता महिं ॥ धरिया ध्यान जजि Sta ॥ मध्यबदी सरसा महि॥ तब प्रगट्यै प्रतिहार ॥ अदि wa | १७ राज तिन ait afta i Ufa WTA चालुक्घ ॥ ब्रह्य तिन चाल सुसारिय। पांवार प्रगट बीर AT I क्यौ feo पंमार धनु ॥ चय पुरुष Fe कीनै अतुल ॥ नद रष्पस FSA तनु ॥ १२४॥ छंद मलया ॥ कारनं जग्य बंभाननि मानयं ॥ thay कुंड खंड fat थानयं ॥ आसनं दिव्य देवान आहवानयं ॥ आसुरं कौन उचिष्ट ऊथानयं ॥ १२५ ॥ दूदा ॥ जब बाचिष्टह जग्य कजि ॥ सजि कुंडह सुभ थान ॥ तब आसुर अन TAS | किय uae उतान ॥ १२६ ॥ कवित्त ॥ तब fafaa बाचिष्ट ॥ VE आसुर अविचारिय ॥ K 2 qs अदि aa | जग्य fae उचिष्ट ॥ करं कातर कत SIFTS | सुरन अंस संग्रहे ॥ इवे न EVE आवह I से उपाव संचियै ॥ जा याहि संवर असुर सदह ।॥ निम्म्यो सु खर संयाम भर॥ अरि अलंघ षंडं सु षल ॥ aa धरहि जग्य कारन सकल ॥ विमल fae Sa waa ॥ १२७॥ aca i saz घाट रिषि ईषि निसाचरं।॥ परसि च्यार धरि ध्यान ग्यान ae ti चितिय ब्रह्मकरम fate कामद ॥ भये रूप रिषि ब्रह्म सु तामह ॥ १२८॥ कवित ॥ अनलकुड किय अनल ॥ सजि उपगार सार सुर ॥ कमलासन अआआसनह ॥ मंडि जग्यापवीत जुरि ॥ wife wa | ge चतुरानन स्तुति ae ॥ मंच Tart सार किय ॥ सु करि कमंडल वारि ॥ जुजित areata थान दिय॥ जाजनि पानि अव seta जजि ॥ भजि सु दुष्ट आदवान करि । उपञ्यौ अनल AAA तब ॥ चव सु वाह असि are धरि ॥ १२९॥ दूदा ॥ सुज प्रचंड चव च्यार सुख ॥ रत Aa तन तुंग॥ अनल FS उपञ्यो अनल ॥ चाहवान चतुरग॥ १३०॥ दद वाधा॥ SUA अनल अनुपम रूप ॥ नहि आरति अवर न रूप ॥ ब्रन अभूत सु उनत fare ॥ वंदन भर कि बद्धम नुपिष्टं॥ स्याम राम कपाल विसालं॥ उनित कंध इतिय Fare ॥ wife aa | लाल माल ATA उर ATA प्रयु प्राकु्ट दिद कर STH नयन प्रथुल मुकुटी सुकरूरं | मुष आकूति वालदर नूर I RAF Wa उर चान ATA Ce Bata भयानक दोसं ॥ तान पुरि सर ब्विसुकासं॥ धरिय पान सरि बीर बिरासं॥ षेटकं षग Bat VT safe बान दिष्यो रिष are i चाहि आड रिषि आद्र समंगे ॥ MIEAIA Ale सद सुरगे | समरी सकति रिष्षि गिरवासी॥ दीय सहाय HS कजि तासो ॥ आई सकति सिंघ आरे ॥ द्वादस भुजा सु AAT सेदो ।॥ षेटक षग बरदह पासं ॥ घंटा बान करती सिर आसं॥ QUT सकति श्रल ATU ॥ देषे रूप करम करम AS I चादि पव्वं | ७१ आसा afc ae रिषि राजं । चाहवान मंडौ क्रत ATT ॥ चाली सकति सहाद AAG ॥ चसे खर सवे कसि बल्लं ॥ सब आर चडि THA ठान्‌॥ aga Te सवै असमानं ॥ बाहे वधि सकतो ST धड़ Mare पड़े धर भारं ॥ सद्धं धुमकेत सकतिय | जंचकेत चहवान सुहतिय ॥ अधसु TAA दानव GS I गर रसातल AT अद्ध ॥ देवो आड AAAE पास I जंपो तथ्य प्रसन्नी तास I MAIL कहे AT ATA | yor Ga पौच परिनामं ॥ कुल गा मुद थप्पे नाम ॥ sat fcfe अचल्लहइ ताम । vat सिर जैकर Wears ॥ aug वंस अंस जस मान | SR छादि wea | जीति say देवो चहवान ॥ दिय बर दान WS असमान ॥ गड असमान कयि सद Are tt UY RIT SF HAT ATT I Ve करि SE चहवा नं ॥ अनल ae उपज्जि परिमानं ॥ STH WAS प्रकारं ॥ Bar सुष Vat अधिकारं | वेदं स्याम अथवेन रूपं ॥ रिगु जिज्ुवेद्‌ देव गुननूपं॥ चित चमकार fax दिसि लग्गिय ॥ पद्य ताहि ब्रह मंड सु जग्गिय | बानी धुनि मुनि इहरषिव सीसं ॥ बर बचिष्ट तहां दई असीसं ॥ ate वंस हाद कुंडल धारी॥ जनु कि अकं राका विस्तारौ | थुति करि सेव देव तिहि aa i जे जै au जिते weare | पर हरि बोर बोर नरकेकं ॥ तिहि चालुक्य भये TAR ॥ छादि waa | पररि बर पावार तिवार॥ कराध रूप जाजुल्य निधार ॥ जाजुलति पारहारन दिष्य ॥ fafa करि विप्र चैरि तदहं रष्यो ॥ तिन कारन वाचिष्ट रषीसं॥ अ्बद्‌ नाम faftae जंगीसं ॥ ता उपर FTAA ATT 2 सराप वाचिष्ट पठार I अववे दानव TE Y STG Al रष्य चव कुली सु राषे। वंस छत्तोस गति जे भारी। चयार कुली कुल तिन अधिकारौ॥ सब सुजात जातो मग दिष्षिय॥ र ब्रह्मा अविसेष fafafora ॥ ese a कवित्त ॥ रवि ससि sea 4a ॥ AFA परमार सद्‌ाबर॥ ` चाहवान VATA Il BH सीलार आभीयर॥ दयम्‌ तुमकवान ॥ L | ©8 ष्यादि Wea | qea गादिल गादिल पृत ॥ चापात्कट परिहार ॥ TWA TST रास FA I देवरा टांक सैधव BAT पतिक प्रतिहार दधिषर ॥ AC WG AS UA हल ॥ ‡ हरि तट ATH ATT AZ | १३२॥ Set धान्यपालकनि कुंभ AT It राजपाल कविनीस ॥ ५ ATTACH आदि रे॥ वरने वंस छत्तीस ॥ १३३ ॥ कवित्त i पठन मंच fra Ta tt च्यार fast उष्यार॥ कुचिल दीन परिहार ॥ परि WE सत भार I चतुर बीर चाहूवांन।॥ BT मुषा VANS अष्ट अष्ट aire 1 wife wea | देव Tle सुसाह॥ पमार वाइ धन धन ATS ॥ कदय रिष पंमार धन॥ SYR WE VIR दज | afaa gaa मडि ततन ॥ १३४ ॥ अनल RE AAT I उपज Sreia अनिल थल ॥ सुकर ate करि वार ॥ धनुष ATE बांन बल I तिन रष्षि.सपरिबार ॥ धार Ba धरनि निषद्य ॥ ` षल जुषित संसु ॥ तिन सिर waa afga ॥ बंभान जग्य निरबिघन किय॥ पुदप इष्टि सुर सीस रजि॥ TH सु धरनि षग भुञ्जबर ॥ रिष्ट निवारिय इष्ट भजि ॥ १३५ ॥ दूदा ॥ faa Tar atat gy Te fate q aa प्रथिराज॥ ब्र. ~ SE आदि प्के । सा सिरषत पर वादनह॥ किय राकै जुविराज ॥ १३६ ॥ छंद पदर hi ब्रह्मान जग्य उत्यन्न मूर ॥ चहवांन अनल अरिमलन AT ॥ VAN अंग प्रचंड ATs ॥ पहमोस इह अरिगिलन राह॥ प्रतिपाल धरनी Sat | धम्म ॥ ्रुतमान कोन उतंग कम्म | रते सुजाग भव AT UTA पुर अमर नाग नर fafa जास ॥ Me अन BT सामंतदेव। अरि मंत an मत्ता जुरेव ॥ महदेव सु अन ASA तास tt सु प्रसन्न ईस Aaa जास । वर अजय्‌ सिध fare सु राम ।॥ नर बोर सिध संग्राम ताम॥ Ga बिद्‌ खर उद्‌रदार ॥ Waa ओय संका बिडार्‌ ॥ च्यादि 7a | qa बैर सिंध वैरी fads ॥ श्रव बीर सिंध अरि बोर Se अरिमत सकल कलि कलन चूर ॥ मानिक राव WEA AT I TAA FAA AT सहस मथ्य॥ मह सिध सिंघ dare पथ्य ॥ सुञ्चद्रगुपत समचंद्ररूप॥ प्रताप सिंघ आरेन दूप॥ सुत मेह सिंघ वर माइ रूप I भूत भयंकर TA Ta BW I सुत सेन Us ae सेनवंत ॥ संप्रति राइ सुभ ततमन॥ QA ATTA सम नाग राज ॥ अस्थूल AZ MAT राज ॥ गिर लाह धीर सुत Wa सार॥ मुञ्च बोर सिंघ संका विडार ॥ aa विबुध सिंध समजेाग छर ॥ जस चंद्र राय वर अजस FT ॥ सुत faa राज जस faa चिंत॥ रर राद नर बुधिमंत॥ $9 cc aife qe | बालन राय वलि अंग ates ॥ मुञ्च प्रथम राद पहमी प्रहास ॥ तिन अनुज अंग राजन अनेय ॥ कलि अलप आड fat Ss ॥ धर्माधि राज रति Sat Arr | षट uz fafa wae a ATT II जग्ग TA UT बीसल ACS महपाप रत FATA BT I क्रत अक्रित काम fae a ata ॥ जिन असुर धार षनि द्रव्य लीन ॥ संसार थागि aia द्रव्य काज॥ उपजा मति अनमेर राज ॥ कड सुमाल गज कयै रक | लीयो न किनह फिरि सहर नेक | कामंध अंध THAT न काल॥ wa अहक जारि गिरि इक्र माल I चस्या न राजनीतह प्रमान ॥ नोत बंधिन्टपयथांन ata i THA न धम्म VST प्रमान ॥ सुकजा fara करि अगम ATA च्यादि wed | es अवलाह are छंडिय सुकिति ॥ सुका wa आभ्रंम जिति॥ STAT अतिथ Se न AT ॥ ay सुह किति TAT ATE ॥ चासि बरस बर राज कोन I पायै न प्च फल सुष्यदीन ॥ बल अवल चित चित्यो सु काल | पाया न सुक्रत कटु करन साल ॥ गति अंत सुमति सा हाद बीर॥ पावे | iA AAT AUT ॥ द्रवि mat सुमन बीसल afte | waar बोर fafa बीष्य कंद्‌ ॥ धन मदन सदन भरि खव्ब जंम॥ तिहि परत ड़ रत्या Asa I कत्था कदम उर असुर रज्जि॥ धर SSI नाम द्‌ानव उपज्नि॥ जगि जाग नयर जुगनीय थांनह Yat स आय उगगति विदान ॥ रथ च्यार चक्र उतंग बाद ॥ असि असिय ea मुष अग्ग दाह ॥ wife पव्वं। संभरिय धरा धरनीय Iz qa नरनि रे जाह जाइ ॥ सिर केपि tg धुनि दसन afer उभरे षग जनु इद्र गज्नि॥ प्राहार पाय धुरनि धुज्नि॥ पुर नयर तद्र उर Ufa afar कंपो सु भूमि नव ce aif i ASA नाव ज्यों वाय पान ॥ लग्ग न पलक zea चदि ॥ SH उकार द्रगपाल गदि ॥ दिष्य सरूप दानव उतंग ॥ वैराट रूप इरि धया अंग ॥ पंषोरु ब्राग नर सपं arts | आघात सह aaa सु गाजि॥ चित fea चित जुग्गिनी प्रधान॥ पुज्जै सु आनि उग्गति fret i SEATA रूप दानव प्रमान | भज्यो सु पुच आबु सथान ॥ १३७॥ Set I सा दानव अजमेर वन॥ आदि wet | teas दिन धन FA Il खन्य दिसान न जीविक ॥ थिर थावर द्रिग मंत ॥ Bsc ॥ aire ॥ संभरि सार नरिद्‌ह संभरि॥ पंथ प्रजा VAT रन HAT Il रम्य ACA करी सु धरनिय॥ रहे AS AS अफाट करनिय॥ १३९ ॥ Ser ॥ मोरां चलि रनथंभ गिरि A सारंग Tal राह I प्रजा पुलंदौ महिम धरि I TA अनल गारादइ ॥ १४० ॥ अनल aH धरि गौरि fag | गय रनथंभ fears i रा जद व रावत पति। मातुल पष चाहवान ॥ १४१ ॥ छंद भुजंगो ॥ : धर नौर TAA BAR राजं | वसे देवगामं Tat AA SH ॥ M =z wife wa | नवं an नित्तं नवं इत सिष्पै ॥ नरं तारतारं नवं va fare ॥ चरं संभरी ara Gan मित्त ॥ धरं ध्यान दिष्ठे अजमेर चित्तं ॥ कला अब सिषिं महामल्न वीर॥ fat मग Sod ue मंच AT दिनं ate अन्बीड rez पिल्ले ॥ aa नेह निद्रा at fad fas i करं पादकं विद्ध ATH ATT ॥ भरभे अभेन ATS सब्ब Tey ॥ बधे काम कामं अली हान weg | सुभे राजसं तामसं सत्तं eT ॥ रमै जम सेना ग्रहे जम भारी | साई संभरि बात दिष्षे करारी ॥ कंडे काल कालं अकालं fasy ॥